Haan Ye Mohabbat Hai – 72
Haan Ye Mohabbat Hai – 72
चाइल्ड होम में खड़ी मीरा अक्षत के बारे में सोच रही थी तभी उसके कानों में एक जानी पहचानी आवाज पड़ी और मीरा ने पलटकर देखा। मीरा का दिल धड़क उठा अक्षत उसके बिल्कुल सामने खड़ा था। मीरा कुछ बोल ही नहीं पायी ना अक्षत आगे कुछ बोल पाया वह एकटक मीरा को देखता रहा। हलके आसमानी रंग की सिंपल साड़ी में मीरा बहुत प्यारी लग रही थी। उसके बाल अब भी उतने ही लम्बे थे और उन्हें गूंथकर मीरा ने चोटी बनाकर रखी थी जिनसे छंटकर बालो की दो बड़ी लटे मीरा के गालों पर झूल रही थी।
आँखों में हल्की रंगत और गाल हल्के गुलाबी , होंठो पर हलके रंग की लिपस्टिक थी और मांग में अक्षत के नाम का सिंदूर था। गले में मंगलसूत्र जो शादी के वक्त अक्षत ने मीरा को पहनाया था। अक्षत ख़ामोशी से मीरा को देखता रहा , अक्षत का यू देखना मीरा को आज भी बचें कर देता था। मीरा अक्षत के पास आयी वह कुछ कहती इस से पहले ही सावित्री दौड़कर अक्षत की तरफ आयी और अक्षत के पैर से लिपटते हुए कहा,”राजकुमार , तुम कहा चले गए थे ,, पता है मैंने तुम्हे कितना याद किया,,,,,,,,तुम अब मुझसे मिलने क्यों नहीं आते ?”
एक छोटी बच्ची का अपने लिये प्यार देखकर अक्षत मुस्कुरा दिया। उसे सावित्री में एकदम से अपनी अमायरा याद आ गयी उसने सावित्री को अपनी गोद में उठाया और कहा,”मैं कोई राजकुमार नहीं हूँ , तुम से ये किसने कहा ?”
“ये हमारी राजकुमारी है”,सावित्री ने मीरा की तरफ इशारा करके कहा तो अक्षत मीरा की तरफ देखने लगा
“इसलिए तुम राजकुमार हुए ना , और तुम कितने सुन्दर भी हो,,,,,,,,,,,,बिल्कुल राजकुमार जैसे,,,,,,,,!!”,सावित्री ने प्यार से अक्षत के गाल को सहलाते हुए कहा
अक्षत ने सुना तो हंसा और उसके गाल को अपने होंठो से छूकर कहा,”तुम भी बहुत सुन्दर हो , बिल्कुल राजकुमारी जैसी”
मीरा ने देखा ये कहते हुए अक्षत की नजरे उस पर ही थी। अक्षत ने सावित्री को गोद से नीचे उतारा तो मीरा ने कहा,”सावित्री ! जाओ आप अंदर जाकर खेलो।”
सावित्री वहा से चली गयी। उसके जाने के बाद अक्षत ने अपनी जेब से एक लिफाफा निकाला और मीरा की तरफ बढ़ाकर कहा,”ये एक नोटिस है जो कुछ महीने पहले मेरे क्लाइंट ने भेजा था लेकिन बार बार इसे रिजेक्ट कर दिया गया , इसलिए मैं खुद ये देने यहाँ आया हूँ। यहाँ के स्टाफ मेंबर के खिलाफ कंप्लेंट है और उसी के सिलसिले में ये नोटिस बना है। अगले हफ्ते उन्हें कोर्ट आना होगा।”
“क्या हम जान सकते है ये किस के खिलाफ है ?’,मीरा ने लिफाफा लेकर कहा
“अखिलेश यादव”,अक्षत ने बिना किसी भाव के कहा
मीरा हैरानी से अक्षत को देखने लगी तो अक्षत ने आगे कहा,”तुम्हे शायद अंदाजा ना हो लेकिन तुम्हारी पीठ पीछे इस चाइल्ड होम में बहुत कुछ हो रहा है। पुलिस यहाँ आकर तमाशा ना करे इसलिए मैं खुद ये बताने आया हूँ कि अखिलेश से कहो कोर्ट आकर जवाब दे वरना कुछ दिनों में ये चाइल्ड होम सीज हो जाएगा और तुम एक बड़ी मुसीबत में फंस सकती हो।”
“हम इन सब के बारे में कुछ नहीं जानते थे , हम आज ही अखिलेश जी से बात करते है,,,,,,,!!”,मीरा ने कहा
अक्षत जाने के लिये मुड़ा तो मीरा ने कहा,”अक्षत जी !”
मीरा के मुंह से अक्षत जी सुनकर अक्षत का दिल धड़क उठा वह कुछ पल मीरा की तरफ पीठ किये खड़ा रहा और फिर मीरा की तरफ पलटा।
“थैंक्यू”,मीरा ने अक्षत की आँखों में देखते हुए कहा अक्षत फिर खामोश हो गया और मन ही मन कहने लगा,”थैंक्यू किसलिए मीरा ? जब तक मैं जिन्दा हूँ तुम पर और तुम्हारे अस्तित्व पर कभी कोई आंच नहीं आने दूंगा। मैं तुमसे दूर हूँ तुम्हारे सामने सख्त बन सकता हूँ लेकिन तुम पर कभी कोई मुसीबत आने नहीं दे सकता,,,,,,,,,,!!”
वही अक्षत को देखते हुए मीरा मन ही मन खुद से कह रही थी,” कैसे ? आखिर कैसे कर लेते है आप ये सब ? हम जानते है आप हम से नफरत नहीं करते , कभी कर भी नहीं सकते,,,,,,,,,,,करते तो शायद यहाँ तक नहीं आते। हमने आपको इतना दर्द दिया उसके बाद भी आपको आज भी हमारी परवाह है ये हमारे लिये आपका प्यार ही तो है अक्षत जी,,,,,,,,,,हम जानते है आप हमे कभी माफ़ नहीं करेंगे लेकिन हम इंतजार करेंगे उस दिन का जब सब भूलकर आप हमे फिर से अपना लेंगे”
मीरा और अक्षत एक दूसरे को देखे जा रहे थे। वही दूर खड़े अखिलेश की नजर जब मीरा और अक्षत पर पड़ी और उसने दोनों को साथ खड़े देखा तो उसका खून जल गया। वह गुस्से से उन दोनों की तरफ आया उसने मीरा के हाथ में लिफाफा देखा तो कहा,”मीरा मैडम ! आप यहाँ क्या कर रही है ?”
अखिलेश की आवाज से मीरा की तंद्रा टूटी उसने अखिलेश की तरफ लिफाफा बढ़ाते हुए कहा,”आपके लिये ये नोटिस आया है , क्या चाइल्ड होम में कुछ ऐसा हो रहा है जिसकी जानकारी हमे नहीं है ?”
“ये आपसे किसने कहा ? इन्होने , जरूर इन्होने ही आपको भड़काया होगा मेरे लिये,,,,,,,,,,,आप मेरे साथ चलिए मैं आपको समझाता हूँ”,अखिलेश ने कहा
अक्षत ने अखिलेश की तरफ थोड़ा गुस्से से देखा तो अखिलेश ने कहा,”ऐसे क्या देख रहे हो ? तुम्हारे कोर्ट के इन नोटिसों से डरता नहीं हूँ मैं,,,,,,,,,,!!”
मीरा ने सुना तो हैरानी से कहा,”अखिलेश जी ये कैसे बात कर रहे है आप इनसे ?”
“सॉरी मैडम लेकिन इस आदमी के लिये मेरे दिल में कोई हमदर्दी नहीं है जिसने आपको तकलीफ दी , आपकी आँखों में आँसू दिए। ये सिर्फ एक कठोर और घमंडी इंसान है जिसे सिर्फ अपनी ख़ुशी से मतलब है,,,,,,,,,,यहाँ खड़े होकर आप सिर्फ अपना वक्त बर्बाद कर रही है , आप , आप चलिए यहाँ से,,,!!”,कहते हुए अखिलेश ने मीरा का हाथ पकड़ा और उसे ले जाने लगा
अक्षत ने जब अखिलेश को मीरा का हाथ पकड़ते देखा तो गुस्से से उसने अपने दाँत भींच लिए और मुट्ठी कसते हुए कहा,”हाथ छोडो”
“क्या ?”,अखिलेश ने कहा
“मैंने कहा मीरा का हाथ छोडो”,अक्षत ने अपने गुस्से को काबू में रखने की नाकाम कोशिश करते हुए कहा।
“लिस्टन मिस्टर अक्षत व्यास मुझे आर्डर देने वाले तुम कोई नहीं होते समझे , और मीरा मैडम से अब तुम्हारा कोई रिश्ता नहीं है।”,अखिलेश ने गुस्से से अक्षत को ऊँगली दिखाकर कहा
अक्षत ने सुना तो उसका दिल किया अभी इसी वक्त अखिलेश को ज़िंदा जमीन में गाड़ दे लेकिन वह रुक गया क्योकि मीरा खामोश थी।
अखिलेश के ये सब कहने के दौरान मीरा ने अखिलेश से एक शब्द नहीं कहा अक्षत को ये बात चुभ गयी।
मीरा अखिलेश के इस बर्ताव पर हैरान थी उसने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा,”अखिलेश जी अपनी हद में रहिये , हमारी निजी जिंदगी के बारे में बोलने का हक़ आपको किसने दिया ? माफ़ी मांगिये इनसे,,,,,,,!!”
“लेकिन मैडम,,,,,,,,,!!”,अखिलेश ने हैरानी से कहा
“हमने कहा माफ़ी मांगिये इन से,,,,,,,,,,अखिलेश जी माफ़ी मांगिये”,मीरा ने इस बार थोड़ा कठोरता से कहा
अखिलेश ने सामने खड़े अक्षत को देखा और चिढ़ते हुए कहा,”आई ऍम सॉरी”
अक्षत ने कुछ नहीं कहा एक नजर मीरा को देखा और वहा से जाने के लिये मुड़ गया। अखिलेश मीरा की तरफ पलटा और कहा,”ये आपने सही नहीं किया मैडम , आप बार बार इस इंसान को अपना दिल दुखाने का मौका क्यों देती है ?”
मीरा अखिलेश की बात का जवाब देती इस से पहले अक्षत पलटकर वापस अखिलेश के सामने चला आया। अक्षत को अपने सामने देखकर अखिलेश ने कहा,”अब क्या है ?”
अक्षत ने मीरा को एक नजर देखा और खींचकर एक थप्पड़ अखिलेश के गाल पर जड़ दिया। अखिलेश का पूरा संतुलन ही हिल गया वह बौखलाया हुआ सा अक्षत को देखने लगा। अक्षत ने उसकी आँखो में देखकर गुस्से से कहा,”she is still my wife आइंदा से मेरे सामने इसका हाथ नहीं पकड़ना”
अक्षत की एक नजर से ही अखिलेश घबरा गया इसके बाद उसने एक शब्द तक नहीं कहा और अपना हाथ गाल से लगा लिया। अक्षत गुस्से में वहा से निकल गया। उसके सामने कोई उसकी मीरा को छुए ये उसे कहा बर्दास्त था। चाइल्ड होम से बाहर आकर अक्षत गाड़ी में बैठा और वहा से निकल गया।
“मैडम , देखा ना आपने उन्होंने क्या किया मेरे साथ,,,,,,,,,!!”,अक्षत के जाने के बाद अखिलेश ने मीरा से कहा
अखिलेश के बर्ताव से मीरा खुद उस से नाराज थी इसलिए बिना कुछ कहे वहा से चली गयी। अखिलेश ने गुस्से से जाती हुई मीरा को देखा और कहा,”ओह्ह्ह तो तुम्हे भी उस अक्षत की परवाह हो रही है , एक बार तुम से मेरी शादी हो जाये मीरा उसके बाद आज का बदला तो मैं तुम से जरूर लूंगा,,,,,,,,,,,,याद रखना तुम”
एकदम से अखिलेश की आँखों में मीरा के लिये गुस्से और जलन के भाव दिखाई देने लगे।
सौंदर्या ऑफिस के सेलेब्रेशन की तैयारियों में लगी थी। उन्होंने प्रत्याशा और जिज्ञाषा दोनों के लिये डिजाइनर से महंगे ड्रेस मंगवाए , बिल उन्होंने मीरा के खाते में डलवा दिया साथ ही अपने लिये भी भारी साड़ी मंगवा ली। उसने राजकमल जी से कपडे लेने को कहा तो उन्होंने कठोरता से कहा,”मुझे इन कपड़ो की जरुरत नहीं है सौंदर्या मैं अपनी मेहनत से कमाकर खरीदे गए कपड़ो में खुश हूँ।”
“हुंह ! मेहनत से कमाए गए 700 रूपये की शर्ट और 1000 रूपये की ये पेंट पहनकर आप कल की पार्टी में आएंगे तो क्या इज्जत रह जाएगी मेरी,,,,,,,,!”,सौंदर्या ने राज कमल जी को आँखे दिखाते हुए कहा
“तुम जो ये सब खरीद रही हो वो भी मीरा बिटिया का है , तुम्हे ये सब खरीदने से पहले उस से एक बार पूछ लेना चाहिए था।”,राजकमल जी ने कहा
“हाँ मम्मा ! पापा ठीक कह रहे है ,, और वैसे भी हम लोग अपने कपडे लेकर आये है फिर आप ये फालतू खर्चे क्यों कर रही है ?”,प्रत्याशा ने कहा
“बड़ी आयी पापा की तरफदारी करने , मैं जैसा कहु वैसा करो उठाओ ये ड्रेस और लेकर अपने कमरे में जाओ। मीरा से इस बारे में क्या पूछना आखिर जो उसका है उस पर हमारा भी कुछ बनता है , वैसे भी बहुत जल्द ये सब मेरा होने वाला है।”,सौंदर्या ने प्रत्याशा को घूरते हुए कहा
“दी पैसे किसी के भी हो हमे तो डिजाइनर कपडे पहनने से मतलब है,,,,,,,,,,,,क्यों मम्मा ?”,जिज्ञाषा ने कहा जो कि बिल्कुल सौंदर्या जैसी थी
“देट्स माय गर्ल , सीखो कुछ जिज्ञाषा से,,,,,,,,,,,,दुसरो के बारे में सोचोगे तो हमेशा पीछे रह जाओगे।”,सौंदर्या ने प्रत्याशा और राजकमल जी को ताना मारते हुए कहा
“अपनी बेटी को भी तुमने अपने जैसा बना लिया है। आओ प्रत्याशा चलते है,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए राजकमल जी अपनी बेटी को साथ लेकर वहा से चले गए और सौंदर्या ने मुंह बना लिया।
जिज्ञाषा को इन सब से कोई मतलब नहीं था उसने अपना ड्रेस उठाया और वहा से चली गयी।
सौंदर्या ने घडी में वक्त देखा मीरा अभी तक नहीं आयी थी। उन्होंने मीरा का नंबर डायल किया और उठकर बालकनी की तरफ चली आयी। सामने से आती मीरा दिखी तो सौंदर्या ने फोन काट दिया और मीरा की तरफ बढ़ गयी।
चित्रा अक्षत की बातो से बहुत हर्ट थी इसलिए कोर्ट खत्म होने के बाद शाम में घर ना जाकर झील किनारे चली आयी। चित्रा झील के पास बने पुल पर आकर खड़ी हो गयी और नीचे शांत बहते पानी को देखने लगी। शाम का वक्त था और ठंडी हवाएं चल रही थी। मौसम हल्की ठण्ड का था लेकिन चित्रा को इसकी परवाह नहीं थी। अक्षत के बारे में सोचते हुए उसकी आँखों में आँसू भर आये। अक्षत को लेकर चित्रा की भावनाये सच्ची थी लेकिन अक्षत उन्हें नहीं समझ रहा था और समझता भी क्यों ?
वह एक शादीशुदा मर्द था और अपनी पत्नी से प्यार करता था लेकिन चित्रा को इन सब कोई परवाह नहीं थी। वह अक्षत को चाहने लगी थी और उसने अक्षत के सामने कई बार अपनी भावनाये भी जाहिर की लेकिन अक्षत ने हमेशा उसे ठुकरा दिया।
चित्रा ने कभी सोचा नहीं था उसे इस कदर किसी से मोहब्बत हो जाएगी। अक्षत के साथ बिताया एक एक पल उसकी आँखों के सामने घूमने लगा। चित्रा की आँखों से आँसू बहने लगे। उसने देखा सूरज ढलने लगा है इसलिए उसने अपने आँसू पोछे और जैसे ही जाने के लिये मुड़ी तेज हवा के कारण उसका दुपट्टा उड़ गया और कुछ ही दूर ब्रिज पर सामने खड़े आदमी पर जा गिरा। चित्रा उसका चेहरा नहीं देख पायी क्योकि दुपट्टा उसके मुंह पर था।
चित्रा उस शख्स के सामने आकर खड़ी हो गयी। उसने हाथ बढ़ाकर दुपट्टे को उसके चेहरे से जैसे ही हटाया अपने सामने खड़े उस शख्स का चेहरा देखकर हैरान रह गयी और उसका दिल धड़क उठा।
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संजना किरोड़ीवाल
Kiske chahere par Chitra ka duptta aaya hoga aur wo kon hoga…i think Sachin…quki Sachin bhi Chitra se pyar krta hai, lakin wo yeh bhi janta hai ki Chitra Akshat ko pyar krti hai…khar koi nhi… jaldi hee Chitra ko ehsas hoga Sachin k pyar ka…lakin aaj mazaa aa gaya…kya thappad mara Akshat ne Akhilesh ko …sala harami …ab Meera ko dekhna hoga ki usne kya gadbad ki hai…jaldi hee iss Akhilesh ka nbr aayega aur fir bua ji ka
Lagta hai Chitra ke samne kada Shakh Akshat hai…Meera ko accha laga ki Akshat ko aaj bi uski parvah hai aur Akshat Meera se dur ho per usper koi anch nahi ane de sakta….Akhilesh ke saath sahi kiya Akshat aur Meera ne bi sahi bartav kiya usse per Akhilesh apni aur Merea ki shaadi ki sochkar usse baad me iska badla lega sochne laga…Akhilesh ko Savitri ko dekh kar Amaira ki yaad agayi…interesting part Maam♥♥♥♥♥♥
👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻
Akshata meera ki mulkat bahut pyari thi…
kya hota agar meera or Akshata ek sath Akhilesh chata marte hai ek sath hahahha kyoki dono hi gussa se the usse…
How dare you Akhilesh meera or Akshata k biche me bol rahe hoooo.
Tum kuch ni kar paoge bas pitte rahoge Akshata se or abhi ek bar meera se hi hahahha….
Sab ek hi jhhel ke pass kyo jate hai.. or Chitra k dupata Akshata k chahre par gira gaya koi ni… Abhi or kuch suna kar chala jayeg Akshata ..
Very nice part
Very very good👍👍👍👍