Haan Ye Mohabbat Hai – 70
Haan Ye Mohabbat Hai – 70
केस की सुनवाई के बाद सभी एक एक करके वहा से चले गए। सूर्या अपनी कुर्सी से उठा और उठकर छवि के सामने चला आया। छवि अपनी माँ और मामा के साथ खड़ी उनके ही आने का इंतजार कर रही थी शायद। जैसे ही सूर्या उनके सामने आया छवि ने कहा,”थैंक्यू सर !”
“ये थैंक यू किसलिए ?”,सूर्या ने हैरानी से पूछा
“आप चाहते तो आज इस केस को यही खत्म करके हमेशा हमेशा के लिये बंद कर सकते थे लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। आपका ये अहसान मैं जिंदगीभर नहीं भूलूंगी सर”,छवि ने अपने हाथ जोड़ते हुए कहा
सूर्या कुछ देर खामोश रहा और कहा,”मैंने जो किया उसे अहसान का नाम मत दो , मेरे घर में भी एक बेटी है अगर तुम्हारी जगह वो होती तो क्या मैं उसके लिए नहीं लड़ता ? छवि मैं पूरी कोशिश करुंगा असली गुनहगार को सबके सामने लाने की बस तुम हिम्मत मत हारना”
सूर्या की बात सुनकर छवि की आँखों में आँसू भर आये उसने हामी में गर्दन हिला दी। सूर्या वहा से चला गया और छवि भी अपने घरवालो के साथ कोर्ट रूम से बाहर निकल गयी।
सिंघानिया जी विक्की के साथ चोपड़ा जी के केबिन में थे। विक्की अदालत में बेकसूर साबित हो चुका था सिंघानिया जी को इस बात की ख़ुशी थी लेकिन चोपड़ा जी अदालत के फैसले से नाराज थे। विक्की के बचाव में इस केस को लड़ते लड़ते चोपड़ा जी की कमर टूट चुकी थी और जज साहब ने आखिर में चोपड़ा जी को ही सूर्या मित्तल के साथ मिलाकर छवि के पक्ष में लड़ने का फैसला सूना दिया।
“जज साहब को हो क्या गया है ? वो ऐसा अजीबो गरीब फैसला कैसे कर सकते है ? जिसके खिलाफ मैं केस लड़ रहा था अब उसी के साथ मिलकर मुझे छवि के रेपिस्ट को ढूंढना है,,,,,,,,,,,,,व्हाट रब्बिश ,, विक्की को जेल से निकालते निकालते मेरी जान हलक में अटक गयी और अब उस छवि के लिये मैं,,,,,,,,,,,नहीं ये पॉसिबल नहीं है , ये बिल्कुल पॉसिबल नहीं है।”,चोपड़ा जी ने गुस्से से भुनभुनाते हुए कहा
“चोपड़ा , चोपड़ा रिलेक्स ,, रेपिस्ट को ढूंढना तुम्हारा काम नहीं है तुम्हे बस उस वकील के साथ रहना है।
तुम इतना परेशान क्यों हो रहे हो ?”,सोफे पर बैठे सिंघानिया जी ने बेपरवाही से कहा
“डेड ! मैं घर जा रहा हूँ”,विक्की ने कहा
“हम्म्म ठीक है , ड्राइवर से कह दो वो तुम्हे घर छोड़कर वापस यहाँ आ जायेगा”,सिंघानिया जी ने कहा
“नो इट्स ओके डेड ! मैं चला जाऊंगा,,,,,,,!!”,कहकर विक्की वहा से जाने लगा तो सिंघानिया जी ने कहा,”विक्की ! तुम पर लगा इल्जाम आज हट गया क्या तुम इसके लिये खुश नहीं हो ?”
विक्की पलटा और कहा,”मुझे ख़ुशी तब होती जब छवि को इंसाफ मिलता”
“छवि छवि छवि आखिर ऐसा कौनसा भूत सवार हो गया है तुम्हारे सर पर उस लड़की का ?”,सिंघानिया जी ने गुस्से से उठते हुए कहा
विक्की ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से सिंघानिया जी को देखने लगा तो सिंघानिया जी उसके पास आये और उसकी आँखों में देखते हुए कहने लगे,”मत भूलो विक्की उसी छवि की वजह से ये सब हो रहा है। तुम जेल चले गए , तुम पर रेप का इल्जाम लगा , पुरे शहर में मेरी बदनामी हुयी ,
मेरा बिजनेस ठप हो गया और मैं रोड पर आते आते बचा हूँ सिर्फ उस लड़की की वजह से और तुम्हे उस लड़की से हमदर्दी हो रही हैं। कान खोलकर सुन लो विक्की मुझे आज भी उस लड़की से सिर्फ नफरत है।”
सिंघानिया जी को गुस्से में देखकर विक्की ने कहा,”लेकिन मैं पूरी कोशिश करूंगा छवि को इंसाफ मिल जाये”
“चोपड़ा ये लड़का पागल हो गया है , समझाओ इसे”,सिंघानिया जी ने चिढ़ते हुए कहा और चोपड़ा जी तरफ आये। विक्की ने कुछ नहीं कहा और वहा से चला गया।
“शांत हो जाईये सिंघानिया जी विक्की अब इस केस से बाहर है।”,चोपड़ा जी ने कहा
“वो सब ठीक है चोपड़ा लेकिन तुम इतना परेशान क्यों हो ?”,सिंघानिया जी ने कहा
चोपड़ा जी सिंघानिया जी की तरफ पलटे और कहा,”आपको क्या लगता है मामला यही खत्म हो गया , नहीं सिंघानिया जी ,,, विक्की भले ही इस केस से बाहर निकल गया है लेकिन अब इसमें हम सब फंसने वाले है।”
“मैं कुछ समझ नहीं चोपड़ा,,,,!!”,सिंघानिया जी ने असमझ की स्तिथि में कहा
चोपड़ा जी ने टेबल पर रखा पानी का गिलास उठाया और एक साँस में पूरा पी गया। चोपड़ा जी ने सिंघानिया जी को देखा और कहने लगे,”आपको याद होगा 6 महीने पहले अक्षत व्यास को इस केस से हटाने के लिये आपने एक अनजान आदमी के साथ एक डील की थी। वो आदमी अनजान नहीं था उसे आपकी रग रग के बारे में खबर थी इसलिए तो उसने आपसे डील की। जिस दिन केस की आखरी सुनवाई थी उसी दिन अक्षत व्यास की बेटी किडनेप हो गयी और ये उसी आदमी ने किया जिस से अक्षत व्यास जान बूझकर ये केस हार जाये।
अक्षत व्यास केस हार गया लेकिन साथ ही उसने अपनी बेटी को भी खो दिया। अब इस केस को जीतने के लिये सूर्या किसी भी हद तक जाएगा और अगर गलती से भी ये बात सामने आ गयी इन सब में हमारा हाथ है तो कानून हमे भले छोड़ भी दे लेकिन वो अक्षत व्यास वो हम में से किसी को ज़िंदा नहीं छोड़ेगा।”
चोपड़ा जी की बात सुनकर सिंघानिया जी सकते में आ गए और कहा,”तो अब क्या होगा चोपड़ा ? ये केस तो सुलझने के बजाय और उलझता जा रहा है। उस आदमी ने बहुत ही शातिर तरीके से हम सबको फंसाया है।”
“हाँ सिंघानिया जी ! सबसे पहले हमे उस आदमी का पता लगाना होगा , एक बार वो मिल जाये उसके बाद इस गुत्थी को सुलझाया जा सकता है वरना इस बार हम नहीं बचेंगे”,चोपड़ा जी ने कहा
“लेकिन मैं उस आदमी के बारे में कुछ नहीं जानता,,,,,,,!!”,सिंघानिया जी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“सिंघानिया जी आपको याद होगा विक्की को बचाने के बदले उसने आपसे नेशनल कॉलेज के पीछे खाली पड़े खंडर वाली जगह मांगी थी। आपके पास उसके पेपर्स होंगे ना उसमे उसका नाम पता मिल जाएगा।”,चोपड़ा जी ने कहा
“हाँ मैंने अपने मैनेजर से कहा था उसके पास उसकी डिटेल्स होगी मैं आज ही उस से ये सब मंगवाता हूँ।”,सिंघानिया जी ने कहा
चोपड़ा जी को उम्मीद की एक किरण नजर आयी उन्होंने हामी में सर हिला दिया और सोफे पर बैठकर अपना सर पीछे झुका लिया। सिंघानिया जी ने अपनी घडी में वक्त देखा और वहा से निकल गए।
चोपड़ा जी के कारण चित्रा काफी गुस्से में थी। आज वह अक्षत से पूछकर रहेगी कि आखिर उसने ये केस लड़ने से मना क्यों किया ? चित्रा दनदनाते हुए अक्षत के केबिन में आयी। चित्रा की किस्मत अच्छी थी कि अक्षत उसे अपने केबिन में ही मिल गया। चित्रा अंदर आयी और गुस्से से कहा,”आप खुद को समझते क्या है ?”
अक्षत उस वक्त कानून की कोई किताब पढ़ रहा था। चित्रा को वहा देखकर उसने किताब बंद कर साइड में रखी और कहा,” क्या मैंने कुछ गलत किया ?”
“हाँ गलत किया है आपने , क्या आप जानते है आपने छवि का केस लड़ने से मना करके कितनी बड़ी गलती की है ? उस से भी बड़ी गलती आपने की सूर्या मित्तल को ये केस सौंपकर ,, आप कभी हियरिंग में आकर नहीं देखते सब कितना गलत हो रहा है छवि के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,आज कोर्ट ने विक्की सिंघानिया और रॉबिन को क्लीन चिट दे दी और छवि वो एक बार फिर कानून से इंसाफ की भीख मांगते रह गयी उस पर वो चोपड़ा जी , जानते है उन्होंने आपके बारे में क्या कहा ?”,चित्रा ने गुस्से से कहा
“लोग मेरे बारे में क्या कहते है ये जानने में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है।”,अक्षत ने बिना किसी भाव के चित्रा को देखते हुए कहा
“आपको कोई फर्क नहीं पड़ता क्योकि आपके सीने में दिल नहीं पत्थर है , लेकिन मुझे फर्क पड़ता है। मैं नहीं देख सकती जिस केस के लिये आपने दिन रात मेहनत की , जिसके केस के लिए आपने अपना सब कुछ खो दिया आज उस केस को जीतने का क्रेडिट वो सूर्या सर ले जाए। ये जो कुछ हो रहा है वो सब सही नहीं हो रहा है सर,,,,,,,,,,,,,,आज हियरिंग में अगर आप होते तो आप देखते किस तरह झूठ जीत रहा था और सच सर झुकाये खड़ा था।
छवि का रेप करने के बाद भी विक्की सिंघानिया को कानून ने क्लीन चिट दे दी क्या ये छवि के साथ गलत नहीं हुआ ?”,चित्रा ने कहा , गुस्से और तनाव से उसका चेहरा लाल हो चुका था अक्षत ने देखा तो वह उठा और चित्रा के सामने चला आया। उसने टेबल पर रखा पानी का गिलास उठाया और चित्रा की तरफ बढ़ा दिया।
चित्रा ने देखा उसकी कही बातों का अक्षत पर कोई असर नहीं हुआ है तो उसकी आँखों में नमी तैरने लगी। उसने पानी का गिलास लिया और पीकर वापस टेबल पर रख दिया।
अक्षत ने अपने हाथ बांधे और ख़ामोशी से एकटक चित्रा को देखने लगा। अक्षत का यू देखना चित्रा की धड़कने बढ़ा गया। कुछ देर बाद अक्षत ने कहा,”मेरे अलावा इस कोर्ट में 265 लोग है जो कानून के लिये काम करते है। इतने लोगो में सिर्फ तुम्हे फर्क पड़ रहा है कि मैंने ये केस नहीं लड़ा , लोग मेरे बारे में बाते कर रहे है। क्या मैं जान सकता हूँ क्यों ?”
चित्रा ने सुना तो अक्षत की आँखों में देखने लगी और फिर हिम्मत करके कहा,”क्योकि मैं आपसे प्यार करने लगी हूँ सर”
चित्रा की बात सुनकर भी अक्षत खामोश खड़ा था और अक्षत की ख़ामोशी से चित्रा दिल अंदर ही अंदर छलनी हुआ जा रहा था। वह जानना चाहती थी आखिर अक्षत के दिल में उसके लिये क्या है ? चित्रा अक्षत की तरफ देखते रही तो अक्षत ने कहा,”ये जानते हुए भी कि मैं शादीशुदा हूँ और एक बच्ची का बाप भी हूँ।”
“लेकिन आप अब उनके साथ नहीं रहते है,,,,,,,,,,,,,!!”,चित्रा ने कहा
“मैं अपनी पर्सनल लाइफ हर किसी के साथ शेयर नहीं करता चित्रा,,,,,,,,,,,,,,,तुम मेरे लिये सिर्फ मेरी इंटर्न हो इस से ज्यादा कुछ नहीं,,,,,,,,,,,मुझसे प्यार करने का हक़ सबको है लेकिन मेरा प्यार सिर्फ एक इंसान तक सिमित है मैं उसे नहीं बाँट सकता। बेहतर होगा ये सब भूलकर अपनी लाइफ में आगे बढ़ो,,,,,,,,,,,,,!!”,कहकर अक्षत जैसे ही जाने लगा चित्रा ने गुस्से और दुखभरे स्वर में कहा,”अगर मीरा के लिये आपका प्यार इतना ही सच्चा था तो वो आपको छोड़कर क्यों चली गयी ?”
चित्रा की ये बात अक्षत के सीने में किसी फ़ांस की तरह जा चुभी लेकिन अक्षत ने खुद को सम्हाल लिया। वह चित्रा की तरफ पलटा और कहा,”तुम सिर्फ अपना वक्त बर्बाद कर रही हो , तुम यहाँ से जा सकती हो।”
“क्या सच में आपका दिल इतना पत्थर है सर ? क्या ये कभी नहीं पिघलेगा ? क्या कमी है मुझमे ? क्या नहीं है मेरे पास ? आप किसी की मोहब्बत को ऐसे ठोकर कैसे मार सकते हो ?”,चित्रा ने तड़पकर कहा और यहाँ अक्षत का गुस्सा एकदम से बाहर आया उसने गुस्से से थोड़ी तेज आवाज में कहा,”क्योकि इस मोहब्बत ने आज तक सिवाय दर्द के मुझे कुछ नहीं दिया है।
इसी मोहब्बत की वजह से मैंने अपना सब खो दिया , जब मुझे इस मोहब्बत की जरूरत थी , किसी के साथ की जरूरत थी तब सबने मुझे छोड़ दिया तो आज मैं इस मोहब्बत को ठोकर क्यों ना मारू ? मैंने सिर्फ एक लड़की से मोहब्बत की है और मरते दम तक उसी से मोहब्बत करता रहूंगा फिर चाहे उसने मुझे कितने भी जख्म दिए हो। ये हुस्न और चेहरे की बनावटी चमक से किसी राह चलते आशिक़ का दिल बहल सकता है अक्षत व्यास का नहीं,,,,,,,,,,चली जाओ यहा से , इस से पहले कि मैं तुम्हारा ये सारा गुरुर तोड़कर रख दू प्लीज जाओ यहाँ से,,,,!!”
अक्षत की बातें सुनकर चित्रा का दिल तो टूटा ही साथ ही उसका गुस्सा देखकर चित्रा सहम गयी। आँखों में भरे आँसू आँखों में ही ठहर गए। अक्षत को गुस्से में देखकर चित्रा जैसे ही जाने लगी अक्षत ने नम्र होकर कहा,”चित्रा ! अपनी मोहब्बत उस इंसान पर खर्च करना जो इसके लायक हो मुझ जैसे इंसान पर नहीं,,,,,,!!”
चित्रा ने कुछ नहीं कहा बस रोते हुए वहा से चली गयी
बाथरूम में आकर चित्रा रो पड़ी। अक्षत ने जिस तरह से उसकी मोहब्बत को इंकार किया चित्रा इसे स्वीकार ही नहीं कर पायी। उसे अक्षत पर गुस्सा नहीं आ रहा था बल्कि वह दुःख से भर गयी। चित्रा अक्षत से , उसकी पर्सनालिटी से , उसकी बातों से मोहब्बत करने लगी थी और यही वजह थी कि वह अक्षत को अपने मन से निकाल नहीं पा रही थी। अक्षत की कही बात चित्रा के कानों में गूंजने लगी और उसे महसूस हुआ कि अक्षत ने जो कहा वो सच था ,, अक्षत जब दर्द में था तब हर बार चित्रा ने अक्षत से बस छवि के केस को लेकर सवाल ही किया था।
सही मायनों में किसी ने अक्षत को समझने की कोशिश ही नहीं उसके हिस्से में बस आये सवाल।
मुँह धोकर चित्रा एक झूठी मुस्कराहट के साथ बाहर आयी। कोरीडोर में चलते हुए सामने से आते माथुर साहब मिल गए। चित्र को रुकना पड़ा। चित्रा की आँखे देखकर माथुर साहब समझ गए कि चित्रा ठीक नहीं है उन्होंने कहा,”अक्षत से मिलकर आ रही हो ?”
चित्रा ने सुना तो खामोशी से माथुर साहब को देखने लगी लेकिन कहा कुछ नहीं। माथुर साहब ने चित्रा के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”कब तक अक्षत के लिये खुद का दिल दुखाओगी चित्रा ? भूल जाओ उसे।”
“भूलना होता तो कब का भूल जाती सर”,चित्रा ने माथुर साहब की आँखो में देखते हुए कहा और वहा से चली गयी
Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70 Haan Ye Mohabbat Hai – 70
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संजना किरोड़ीवाल
Chopra ki puri baat sunkar Singhaniya ji bi sadme me agaye i hope voh uss aadmi tak paunch paye…Chavi kush hai Surya ab bi uska case ladne ko taiyar hai jankar…Akshat ki batao me sachaai hai usne sahi kaha jab usse saath ki jaroorat thi tab sab usse sawal karne lage aur usne Chitra se yeah bi keh diya ki voh Sirf Meera se pyaar karta hai aur karta rahega lagta nahi hai ki Chitra ko Akshat ki baat samajh ayi hai aur voh uski baat mankar age badegi…interesting part Maam♥♥♥♥♥
Very very👍👍👍😣😣😣😣😣😣
Very nice part
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