Haan Ye Mohabbat Hai – 69
Haan Ye Mohabbat Hai – 69
छवि दीक्षित केस अब एक नया मोड़ ले चुका था। शुरुआत से जिस विक्की सिंघानिया को गुनहगार समझते आ रहे थे दरअसल उस विक्की ने छवि का रेप किया ही नहीं था। छवि दीक्षित केस एक बार फिर उलझ कर रह गया। कुमार ने जब सुना की विक्की बेकसूर है तो वह उठा और कोर्ट रूम से बाहर चला गया जज साहब ने विक्की की रिपोर्ट देखी और अपनी फाइल में कुछ लिखने लगे।
चोपड़ा जी ने जज साहब की तरफ देखा और कहा,”माय लार्ड इस रिपोर्ट में किसी तरह का फेर बदल हुआ है या ये रिपोर्ट सही है या नहीं इसके लिये मैं इंस्पेक्टर कदम्ब को कटघरे में बुलाना चाहूंगा ?”
“इजाजत है।”,जज साहब ने कहा
कटघरे से निकल कर विक्की सिंघानिया जी के बगल में आकर बैठ गया। इंस्पेक्टर कदम्ब वही मौजूद थे चोपड़ा जी के कहने पर वे कटघरे में चले आये। उन्होंने अपनी टोपी उतारी और जज साहब को नमस्ते किया।
चोपड़ा जी इंस्पेक्टर कदम्ब की तरफ आये और कहा,”इंस्पेक्टर कदम्ब ! विक्की सिंघानिया के DNA के समय क्या आप उनके साथ थे ?”
“जी हाँ ! इनका टेस्ट मेरी कड़ी निगरानी में हुआ है।”इंस्पेक्टर कदम्ब ने कहा
“विक्की की तरफ से या डॉक्टर की तरफ से इस रिपोर्ट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी करने के चांस थे ?”,चोपड़ा जी ने फिर सवाल किया
“नहीं ऐसा मुमकिन ही नहीं है क्योकि ये सब कड़ी निगरानी में हुआ है।”,इंस्पेक्टर कदम्ब ने कहा
“थैंक्यू इंस्पेक्टर , आप जा सकते है।”,चोपड़ा जी ने कहा और जज साहब की तरफ पलटकर आगे कहा,”माय लार्ड जैसा कि इंस्पेक्टर कदम्ब ने अदालत में बताया कि ये सब टेस्ट उनकी कड़ी निगरानी में हुए है और आपके सामने पड़ी विक्की सिंघानिया की ये रिपोर्ट भी सच है जिस से ये साबित होता है कि विक्की सिंघानिया इनोसेंट है लेकिन अपने साथी वकील की तसल्ली के लिये मैं सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर को भी यहाँ बुलाना चाहूंगा जिन्होंने ये टेस्ट किया है।”
“इजाजत है”,जज साहब ने कहा
सूर्या मित्तल खामोश था क्योकि विक्की की रिपोर्ट ने केस की दिशा ही बदल दी। वे अपनी कुर्सी पर बैठे ख़ामोशी से सब देख और सुन रहे थे तभी उनके असिस्टेंट ने छवि मित्तल केस की एक फाइल लाकर उनके सामने रखी और वहा से चला गया। सूर्या इतना परेशान और उलझन में था कि उसने उस फाइल को खोलकर भी नहीं देखा। उसका पूरा ध्यान चोपड़ा जी पर था।
चोपड़ा जी ने सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर को कटघरे में बुलाया। उन्होंने भी वही बात कही जो इंस्पेक्टर कदम्ब ने कही जिस से ये साबित हो चुका था कि विक्की सिंघानिया बेकसूर है।
सारी बातें सुनने के बाद जज साहब ने कहा,”दोनों तरफ की दलीले सुनने के बाद इस अदालत में ये साबित हो चुका है कि छवि दीक्षित रेप केस में रॉबिन और विक्की दोनों ही बेकसूर है लिहाजा ये अदालत विक्की सिंघानिया पर लगे सभी इल्जामों को ख़ारिज करती है।”
जज साहब की बात सुनकर सिंघानिया जी और चोपड़ा जी की जान में जान आयी। विक्की ने सुना तो आँखों में आयी नमी को छुपाते हुए उसने अपनी गर्दन झुका ली।
“कोई भी फैसला सुनाने से पहले ये अदालत छवि दीक्षित को एक मौका देती है जिस से वो अपनी सफाई में कुछ कह सके”,जज ने आगे कहा
सूर्या ने सूना तो उन्होंने छवि से आगे आने को कहा। कमल जी और माधवी जी ने भी छवि को जाने को कहा। छवि ने अपने आँसू पोछे और उठकर कटघरे में चली आयी। छवि कटघरे में खड़ी थी लेकिन सूर्या और चोपड़ा जी दोनों ही उस से किसी तरह का सवाल करने नहीं आये।
जज साहब ने छवि को बोलने का मौका दिया था इसलिए दोनों ही बीच में नहीं आना चाहते थे। कोर्ट ने विक्की को बेकसूर मान लिया है ये सुनकर चित्रा वहा से चली गयी उसके हिसाब से छवि के साथ एक बार फिर अन्याय हुआ था। सचिन चित्रा के पीछे पीछे चला गया।
कटघरे में खड़ी छवि ख़ामोशी से जमीन को देखे जा रही थी। जज साहब ने जब छवि को खामोश देखा तो कहा,”मिस छवि ! आप बेखौफ होकर अपनी बात में रख सकती है। कानून को आपसे पूरी हमदर्दी है।”
जज साहब के मुंह से हमदर्दी शब्द सुनकर छवि मुस्कुराई और उनकी तरफ देखकर कहा,”कानून की इस हमदर्दी का मैं क्या करुँगी जज साहब ? मेरी नजर में जो लोग गुनहगार थे उन्हें तो कानून ने क्लीन चिट दे दिया लेकिन आपके कानून की तरफ से मुझे तो इंसाफ मिला ही नहीं , मुझे तो आपके कानून से सिर्फ हमदर्दी मिली।
अब तक मुझे भी लगता था कि मेरी हालत का जिम्मेदार वहा बैठा वो शख्स है लेकिन आज आपके कानून ने उसे भी बेगुनाह साबित कर दिया लेकिन मेरा क्या जज साहब , मेरा क्या ? 6 महीने पहले भी इस अदालत से मुझे इंसाफ नहीं मिला था और आज भी इंसाफ कहा मिला है , मिली है तो सिर्फ हमदर्दी,,,,,,,,,,,,,,क्या कानून की ये हमदर्दी मेरी आत्मा पर लगे उन जख्मो को भर देगी ? क्या कानून की ये हमदर्दी मेरे पेट में पल रहे इस बच्चे को पिता का नाम दे पायेगी ?
क्या कानून की हमदर्दी मुझे मेरी इज्जत , मेरा विश्वास लौटा पायेगी ? पिछले 6 महीने से मैं बस इस आस में जी रही हूँ कि मुझे इंसाफ मिलेगा लेकिन आखिर में मिली सिर्फ हमदर्दी,,,,,,,,,,,,,,,,,एक औरत कानून से इस से ज्यादा की उम्मीद भी भला क्या कर सकती है ?”
छवि की बात सुनकर अदालत में मरघट सी शांति फ़ैल गयी। ना जज साहब ने कुछ कहा ना दोनों वकीलों ने,,,,,,,,,,,, विक्की अब भी सर झुकाये बैठा था उस में इतनी हिम्मत नहीं थी कि इस वक्त वह छवि के चेहरे पर दर्द देख पाए। छवि की आँखों में आँसू भर आये लेकिन उसने उन आंसुओ को आँखों से बाहर आने नहीं दिया और आगे कहने लगी,”एक लड़की जब बचपन का आंगन पार कर जवानी की दहलीज पर कदम रखती है तो उस पर कई पाबंदिया लगा दी जाती है लेकिन मेरी माँ ने मेरे साथ ऐसा कभी नहीं किया
उन्होंने मुझे बेटी नहीं बल्कि अपना बेटा मानकर पाला पोसा,,,,,,,,,,,माँ ने मुझे कभी राजकुमारी की कहानी नहीं सुनाई बल्कि हमेशा समाज की मजबूत और बहादुर औरतो से जुड़े किस्से सुनाये और वक्त के साथ वही गुण मुझमे भरते चले गए। गलत ना सहने और गलत का विरोध करने का नतीजा ये है कि आज मैं अदालत के इस कटघरे में खड़ी कानून से बार बार इंसाफ की भीख मांग रही हूँ।”
“अदालत तुम्हारे साथ इंसाफ करेगी छवि”,छवि की दलील से भावुक होकर जज साहब ने कहा
जज साहब की बात सुनकर छवि का दर्द गुस्से में बदल गया और वह थोड़ा कठोर होकर कहने लगी,”क्या इंसाफ करेगा आपका कानून मेरे साथ ? मेरे साथ हुए अन्याय को आपका कानून जानता है उसके बाद भी आपके कानून ने क्या किया ? एक लड़की जब बड़ी होती है तो वो एक सपना देखती है कि वो भी एक दिन दुल्हन बनेगी , उसके हाथो में भी मेहँदी लगेगी , उसके घर में भी शहनईया बजेगी उसके सपनो का राजकुमार उसके घर की दहलीज पर आएगा और उसे ब्याहकर ले जाएगा लेकिन यहाँ तो ऐसा नहीं हुआ जज साहब ,, मेरे हाथो में मेहंदी नहीं लगी , ना मेरे घर में शहनईया बजी , ना कोई राजकुमार मुझे ब्याहने आया।
एक दरिंदा आया , मुझे नोचा और बिना शादी के मैं माँ बन गयी,,,,,,,,,,मेरी कोख में पल रही इस नन्ही सी जान को तो ये भी नहीं पता कि इसका पिता कौन है ? जैसे आपके कानून को नहीं पता कि मेरे साथ ज्यादती करने वाला वह दरिंदा कौन है ? क्या सच में कानून इतना कमजोर और बेबस है कि असली गुनहगार को नहीं पहचान पा रहा।
मेरा रेप हुआ है , उस दर्द को मैंने झेला है , समाज और लोगो के ताने मैंने सहे है , अपने जिस्म से ज्यादा अपनी आत्मा पर जख्म खाये है इसलिए मैं कानून से इंसाफ मांगूगी ,, आप ही बताईये जज साहब ये सब होने के बाद कौन अपनाएगा मुझे ? कौन लड़का होगा जो समाज के सामने मुझसे शादी करेगा , मुझे अपनी पत्नी का दर्जा देगा ? मेरी जिंदगी तो बर्बाद हो गयी ना जज साहब , इसके बाद मैं क्या करुँगी ? क्या मैं जिंदगीभर नहीं जान पाऊँगी मेरे साथ जो हुआ वो किसने किया ?
क्या वो गुनह्गार समाज और लोगो के बीच खुलेआम ऐसे ही घूमता रहेगा ? क्या मेरे घर कभी शहनाई नहीं बजेगी जज साहब ? क्या मैं कभी किसी की पत्नी नहीं बनूँगी,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए छवि रो पड़ी और रोते रोते कटघरे में ही घुटनो के बल आ बैठी। छवि के साथ जो हुआ वो काफी तकलीफ देह था। जज साहब के साथ साथ वहा मौजूद हर किसी की आँखों में नमी थी। छवि का दर्द इस वक्त हर कोई महसूस कर पा रहा था। विक्की ने सुना तो उसके मन में एक टीस उठी उसने सर उठाकर छवि को देखा।
उसका दिल किया बिना किसी की परवाह किये अभी उठकर छवि के पास जाये और उसे अपने सीने से लगा ले लेकिन विक्की ऐसा नहीं कर पाया। उसके पैर जड़ हो चुके थे वह वहा से हिल भी नहीं पाया।
सुर्या छवि के पास आया और उसे वहा से उठाकर वापस अपनी जगह जाने का इशारा किया। छवि माधवी के पास चली आयी और उनके सीने से लगकर रोने लगी। छवि का बयान सुनने के बाद जज साहब अपनी फाइल में कुछ लिखने लगे। चोपड़ा जी अपनी जीत पर बहुत खुश थे वही सूर्या का चेहरा उतरा हुआ था। अचानक उसकी नजर सामने पड़ी फाइल पर गयी सूर्या ने फाइल को खोला उसमे फिर एक चिट रखी थी। सूर्या ने उसे पढ़ा उम्मीद की एक किरण उसके चेहरे पर नजर आयी और आँखे चमक उठी।
जज साहब ने जैसे ही फैसला सुनाना चाहा सूर्या ने उठते हुए कहा,”माय लार्ड ! अदालत अपना फैसला सुनाये इस से पहले मैं कुछ कहना चाहता हूँ।”
“इजाजत है।”,जज साहब ने कहा
“थैंक्यू माय लार्ड”,कहकर सूर्या आगे चला आया। बहुत मेहनत के बाद ये केस चोपड़ा जी के हक़ में आया था
लेकिन सूर्या ने फिर टांग अड़ा दी ये देखकर उन्होंने सिंघानिया जी से कहा,”ये सूर्या , हर बार लास्ट मोमेंट पर ऐसा कुछ करता है कि केस फिर अटक जाता है लेकिन आप चिंता मत कीजिये विक्की पर लगे सभी इल्जाम ख़ारिज हो चुके है अब ये सूर्या और कानून इसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।”
“थैंक्यू चोपड़ा”,सिंघानिया जी ने चोपड़ा जी के कंधे को हल्का सा दबाकर कहा
“मिस्टर सूर्या आप अदालत से क्या कहना चाहते है ?”,जज साहब ने कहा तो चोपड़ा जी की तंद्रा टूटी और वे सामने देखने लगे।
सूर्या ने पलटकर छवि को देखा और कहने लगा,”माय लार्ड ! विक्की सिंघानिया और रॉबिन बेकसूर है और मैं खुश हूँ कि किसी बेगुनाह को सजा होने से बच गयी लेकिन इन सब में छवि का क्या कसूर है ? उसे तो वास्तव में इस अदालत से इंसाफ नहीं मिला। मैं जानता हूँ ये मेरे लिये बहुत मुश्किल होने वाला है लेकिन छवि के लिए मैं एक बार कोशिश करना चाहता हूँ माय लार्ड। अदालत कोई फैसला सुनाये उस से पहले मैं चाहूंगा ये अदालत मुझे छवि के असली गुनहगार को सामने लाने के लिये कुछ वक्त की मोहलत दे।
मैं पूरी कोशिश करूंगा कि गुनहगार को कानून के सामने ला सकू और इसके लिये मुझे चोपड़ा जी के साथ की जरूरत पड़ेगी माय लार्ड,,,,,,,,,!!”
सूर्या ने जैसे ही कहा जज साहब हैरानी से सूर्या को देखने लगे खुद चोपड़ा साहब हैरान थे।
“आपको चोपड़ा जी का साथ क्यों चाहिए ?”,जज साहब ने पूछा
सूर्या हल्का सा मुस्कुराया और कहा,”माय लार्ड जब विक्की सिंघानिया को बचाने के लिये चोपड़ा साहब इतना गहराई से छानबीन कर सकते है तो छवि दीक्षित के रेपिस्ट को ढूंढने में मेरी मदद तो कर ही सकते है।
वैसे भी इनके क्लाइंट को तो क्लीनक चिट मिल चुका है और कोर्ट की अगली सुनवाई तक ये फ्री भी है तो क्यों न मेरे साथ मिलकर इस केस को सुलझाने में मेरी और कानून की मदद करे।”
कहते हुए सूर्या ने चोपड़ा जी की तरफ देखा और धीरे से अपनी बाँयी आँख दबा दी। चोपड़ा जी बेचारे कुछ नहीं बोल पाए क्योकि अगर वो मना करते है तो वो कानून की नजर में गलत , और हाँ करते है तो अपने ही विरोधी वकील की जीत के भागीदार,,,,,,,,,,,,,,,चोपड़ा जी बुरे फंस चुके थे।
जज साहब को भी सूर्या की बात ठीक लगी साथ ही छवि की बातो ने भी उन पर गहरा प्रभाव छोड़ा था उन्होंने छवि दीक्षित केस के फैसले को पेंडिंग में रखते हुए कहा,”सारे सबूतों और बयानों को मध्यनजर रखते हुए ये अदालत विक्की सिंघानिया और रॉबिन पर लगे सभी इल्जाम ख़ारिज करती है। छवि दीक्षित के साथ जो हुआ बुरा हुआ ,
कानून छवि दीक्षित के साथ है और असली गुनहगार के सामने ना आने तक इस केस के फैसले को पेंडिंग रखती है साथ ही ये अदालत मिस्टर सूर्या मित्तल को 3 दिन की मोहलत देती है ताकि वे असली गुनहगार का पता लगाकर उसे अदालत में पेश कर सके और इसके लिए मिस्टर चोपड़ा और इंस्पेक्टर कदम्ब को मिस्टर सूर्या की पूरी पूरी मदद करने का आदेश देती है। द कोर्ट इज इंडजर्न्ड”
कहकर जज साहब ने सुनवाई खत्म की और वहा से उठकर चले गए। विक्की बचाने के बाद भी चोपड़ा जी का मुँह उतर गया। वे बिना किसी से बात किये वहा से चले गए। सिंघानिया जी खुश थे कि विक्की बच गया और उनका वफादार नौकर रॉबिन भी लेकिन सिंघानिया जी ने जैसे ही रॉबिन से बात करने की कोशिश की रॉबिन वहा से चला गया।
इन सब से अलग सूर्या अपनी कुर्सी पर आ बैठा और आंखे बंद कर कुछ देर के लिये अपना सर पीछे झुका लिया। सूर्या ने हारते हारते इस केस में फिर से जान डाल दी। ये सूर्या का कोई प्लान था या फिर फाइल में रखे उस कागज का कमाल ये तो बस वही जानता था।
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संजना किरोड़ीवाल
Vicky aur Robin ko court ne behkasoor sabit kar diya aur saath hi Chavi ko insaf dilane ke liye asli guneghar ko pakadne ka adesh diya…Chavi ki batae sunkar har koi bahuk hogaya…Surya ke file me jo chit thi usme aisa kya likha ta ki usne court se kuch waqt manga Chavi asli guneghar ko pakadne ke liye saath hi Chopra ji ka saath bi…Kumar apni dost bekasoor jankar chala kyu gaya..i hope Chavi ko insaf mil sake…interesting part Maam♥♥♥♥♥
Chavi ki baato ne sach m rula diya…yeh sirf ek story hai…lakin jinke sath yeh hota hai…to unn par kya beetti hogi…yeh aaj Chavi ki baato k jariye samaj m aaya… Kanoon janta sb hai, lakin sbooto k abhav m aaropi choot jate hai…aur pidita dukhi hokar apni jaan de deti hai…khar Vicky to riha ho gya aur Robin bhi…lakin kumar kab pakda jayega aur kaise
🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺
Very nice part