Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

हाँ ये मोहब्बत है – 4

Haan Ye Mohabbat Hai – 4

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

मीरा के कमरे की खिड़की पर खड़ी सौंदर्या बाहर देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी तभी कुछ आहट हुयी और सौंदर्या ने जल्दी से खिड़की पर पर्दा गिरा दिया और पलट गयी। उसने देखा वो मीरा थी जो बिस्तर से उठकर उनकी तरफ आने की कोशिश कर रही थी। सौंदया लपककर मीरा के पास आयी और कहा,”अरे मीरा आराम से , तुम से उठने को किसने कहा ? तुम्हे अभी आराम की सख्त जरूरत है।”

“हमे पानी चाहिए था,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने कहा 

“हाँ तो मुझसे कहो ना बेटा मैं देती हूँ,,,,,,,!”,कहते हुए सौंदर्या ने जग से गिलास में पानी डाला और लेकर मीरा के पास चली आयी। सौंदर्या मीरा के बगल में आ बैठी और उसे अपने हाथ से पानी पिलाने लगी। मीरा ने दो घूँट पानी पीया तब जाकर उसके गले को आराम मिला। 

“पापा घर आ गए क्या भुआ जी ?”,मीरा ने उदास मन से पूछा 

“नहीं मीरा भाईसाहब का फोन आया था उन्होंने बताया कि वो अपने काम में फंसे हुए है उन्हें आने में थोड़ा वक्त लग जाएगा।”,सौंदर्या ने कहा 

“हमे अक्षत जी से मिलना है भुआ जी , हमने उन्हें फोन भी किया लेकिन उनका फोन बंद आ रहा है। हमे ना बहुत घबराहट हो रही है कुछ अच्छा नहीं लग रहा,,,,,,,,,,,,,,हम बस एक बार उनसे मिलना चाहते है। हम से बहुत बड़ी भूल हुई हमे उन्हें अकेले छोड़कर यहाँ नहीं आना चाहिए था,,,,,,,,,,पता नहीं वो किस हाल में होंगे।”,कहकर मीरा रोने लगी 

सौंदर्या धीरे धीरे उसकी पीठ सहलाने लगी और कहा,”यहाँ आकर तुमने कुछ गलत नहीं किया मीरा ये घर भी तुम्हारा अपना है। उस शाम जिस लहजे में उसने तुमसे बात की थी मुझे नहीं लगता वो अब तुम्हारी कोई भी बात सुनेगा,,,,,,,,,,,,,,अगर उसे तुम्हारी परवाह होती तो क्या वो तुम्हारे लिए यहाँ नहीं आता ? उसने तुमसे दूर जाने का मन बना लिया है मीरा,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”

“ये सब झूठ है ! महादेव के लिए ऐसा मत कहिये अक्षत जी ऐसा नहीं कर सकते , कभी नहीं कर सकते”,कहते हुए मीरा ने अपने दोनों कानो को अपनी हथेलियों से ढक लिया।  

“मैं जानती हूँ मीरा तुम्हारे लिए मेरी बातो पर विश्वास करना मुश्किल होगा लेकिन यही सच है बेटा , अक्षत तुम से तलाक चाहता है पर तुम घबराओ नहीं हम सब है ना तुम्हारे साथ,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी ये भुआ हमेशा तुम्हारे साथ है।”,सौंदर्या ने अपनी बातो से मीरा के लिए परवाह जताते हुए कहा
मीरा ने सूना तो उसने भीगी आँखों से सौंदर्या भुआ को देखा और उनके हाथो को थामकर रोते हुए कहा,”आप हमारे साथ है न भुआजी ?”


“हाँ मीरा ! मैं तुम्हारे साथ हूँ अगर मैं तुम्हारा साथ नहीं दूंगी तो कौन देगा बेटा ?”,सौंदर्या ने कहा
“तो , तो क्या आप हमारे लिए अक्षत जी को यहाँ लेकर आएँगी ? प्लीज भुआजी हमे एक बार उनसे मिलना हमे जानना है कि वो ये सब क्यों कर रहे है ? कुछ तो हुआ है उनके साथ वरना वो ऐसा सोच भी नहीं सकते , शायद शायद उन्हें कोई ग़लतफ़हमी हो गयी है।”,मीरा ने दर्दभरे स्वर में कहा
मीरा की बात सुनकर सौंदर्या सोच में पड़ गयी उसके दिमाग में क्या चल रहा था ये तो सिर्फ सौंदर्या ही जानती थी।

सौंदर्या को खामोश देखकर मीरा ने कहा,”भुआ जी ! भुआ जी बताईये ना , आप जाएँगी ना अक्षत जी से मिलने , आप उन्हें मनाकर लाएंगी ना भुआजी ?”
“हाँ मीरा मैं वादा करती हूँ , मैं अक्षत से मिलने जाउंगी,,,,,,,,,,,,,,अब खुश !”,सौंदर्या ने मीरा के गाल को छूकर प्यार से कहा
“थैंक्यू भुआजी ! थैंक्यू सो मच ,, आप बहुत अच्छी है , आप बिल्कुल हमारी माँ जैसी है,,,,,,,,!!”,मीरा ने सौंदर्या की गोद में सर रखते हुए कहा।


ख़ुशी और पीड़ा के आँसू उसकी आँखों में झिलमिलाने लगे और सौंदर्या वही बैठकर उसका सर सहलाते हुए मन ही मन खुद से कहने लगी,”मैं उस अक्षत से मिलने जरूर जाउंगी मीरा , उस से मिलूंगी नहीं तो ये रिश्ता खत्म कैसे होगा ?”
मीरा सौंदर्या के मंसूबो से अनजान उस पर आँख बंद करके भरोसा किये हुयी थी , अपनी जिंदगी में आने वाले इस नए तूफान से वह बिल्कुल अनजान थी। 

सोमित जीजू सड़क से उठे और अपने कपडे झाड़कर कुछ देर वही खड़े मीरा के कमरे की खिड़की को देखते रहे लेकिन वह बंद खिड़की दोबारा नहीं खुली। हताश होकर सोमित जीजू वापस घर जाने के लिए मुड़ गए। सड़क पर पैदल चलते हुए उनके जहन में बस अक्षत और मीरा का ख्याल चल रहा था। सोमित जीजू के लिए यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि आखिर अक्षत और मीरा एक दूसरे से अलग होने के बारे में कैसे सोच सकते है ?

जहा उन्हें अक्षत अजीज था वही मीरा से भी उन्हें बहुत लगाव था। सोमित जीजू का चेहरा उदासी से घिरा हुआ था और बार बार उन्हें बस अक्षत का रोता हुआ चेहरा याद आ रहा था।
देर रात जीजू घर पहुंचे। नीता डायनिंग के पास खड़ी प्लेट में खाना लगा रही थी उसने सोमित जीजू को अंदर आते देखा तो कहा,”जीजू आईये , खाना खा लीजिये। आप शायद बाहर गए थे इसलिए बाकी सबने खा लिया , मैं आपके लिए खाना लगा देती हूँ।”


“मुझे भूख नहीं है नीता।”,सोमित जीजू ने बुझे स्वर में कहा और अपने कमरे की तरफ चले गए
“जीजू , जीजू थोड़ा सा तो,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नीता आगे कहती इस से पहले ही सोमित जीजू वहा से चले गए। सोमित जीजू को परेशान देखकर नीता भी सोच में पड़ गयी। उसे खोया हुआ देखकर अर्जुन ने कहा,”क्या हुआ नीता ? तुम यहाँ ऐसे क्यों खड़ी हो ?”
“ओह्ह्ह अर्जुन तुम हो ! तुम कब आये ?”,नीता ने जैसे नींद से जागते हुए कहा


“मैं रघु को कुछ काम बताकर आया था तुम बताओ तुम्हे क्या हुआ है ?”,अर्जुन ने पूछा
“मुझे नहीं सोमित जीजू को , सोमित जीजू अभी अभी बाहर से आये है और काफी परेशान दिखाई दे रहे थे। अर्जुन तुम जीजू से बात करो ना ,, उन्होंने खाने से भी मना कर दिया।”,नीता ने उदास होकर कहा
“मैं जानता हूँ जीजू क्यों परेशान है ? इस घर में जीजू सबसे ज्यादा अक्षत के करीब है , आज उसे ऐसे हाल में देखकर जीजू भी टूट गए है।

जीजू ने उसे हमेशा अपना बेटा माना है नीता इसलिए आज तकलीफ भी जीजू को ही ज्यादा हो रही है।”,अर्जुन ने कहा
“इस घर की खुशियों को नजर लग गयी है अर्जुन , भगवान किसी दुश्मन के साथ भी ऐसा ना करे जो आशु और मीरा के साथ हुआ,,,,,,,,,,,,बस सब ठीक हो जाये अर्जुन,,,,,,,,,,,,,,,मैं इस घर के लोगो को ऐसे दर्द में नहीं देख सकती।”,नीता ने आँखे नम करते हुए कहा।


अर्जुन ने नीता के चेहरे को अपने हाथो में थामा और उसके आँसू पोछकर कहा,”सब ठीक हो जाएगा नीता , देखना इस घर की खुशिया वापस लौट आएगी और ये हम सब मिलकर करेंगे।”
“हम्म्म्म !”,नीता ने हामी भर दी और फिर टेबल पर रखी खाने की प्लेट को लेकर जैसे ही जाने लगी अर्जुन ने कहा,”ये खाना ?”
“देवर जी ने सुबह से कुछ नहीं खाया है , उनके लिए लेकर जा रही हूँ।”,नीता ने कहा


“नीता तुम जानती हो ना इस वक्त अक्षत गुस्से में है और वो ये खाना नहीं खायेगा,,,,,,,,,,,तुम्हे,,,,,,,,!!”,कहते कहते अर्जुन रुक गया
“यही ना कि अगर मैं खाना लेकर गयी तो वो गुस्सा होंगे , हो सकता है मुझ पर चिल्ला भी दे तो क्या हुआ अर्जुन ? इस वक्त उन्हें हम सबकी जरूरत है वो खुद को भले ही कितना भी स्ट्रांग दिखाए लेकिन ऐसे हालातों में हमे उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। मैं उन्हें खाना खिलाकर आती हूँ।”,नीता ने कहा और वहा से आगे बढ़ गयी।
“नीतू,,,,,,,,!”,अर्जुन ने कहा


“हाँ !”,नीता ने पलटकर अर्जुन से कहा
“थैंक्यू ! इस घर को अपना समझने के लिए,,,,,,,,,,,,,,आज तुम सच में मेरी नजरो में बहुत ऊपर उठ गयी हो।”,अर्जुन ने कहा तो नीता हल्का सा मुस्कुराई और सीढ़ियों की तरफ बढ़ गयी। अर्जुन भी डायनिंग से हटकर राधा का हाल चाल पूछने उनके कमरे की ओर चला गया।

नीता अक्षत के लिए खाना लेकर ऊपर आयी। कमरे का दरवाजा आधा खुला था। नीता ने दरवाजा खोला लेकिन अक्षत के कमरे का नजारा देखकर हैरान रह गयी। पूरा कमरा अस्त व्यस्त पड़ा था। कपड़ो से लेकर कमरे का सामान तक यहाँ वहा बिखरा पड़ा था। दीवारों पर लगी तस्वीरे टूटे शीशे के साथ नीचे फर्श पर बिखरी थी। कमरे में रोशनी के नाम पर बाहर से स्ट्रीट लाइट से आती पिली रौशनी थी जिसमे नीता ये सब देख पा रही थी और सबसे आखिर में उसकी नजर पड़ी बिस्तर से पीठ लगाकर जमीन पर बैठे अक्षत पर।

अक्षत जमीन पर बैठा था उसके बाल बिखरे थे , आँखों में आँसू थे , चेहरे पर गुस्सा और दर्द दोनों साथ साथ दिखाई दे रहे थे। अचानक से नीता की नजर जमीन पर गिरती बूंदो पर पड़ी उसे समझने में थोड़ा वक्त लगा पर वो खून की बुँदे थी जो अक्षत के हाथ से रिसकर नीचे जमीन पर गिर रही थी। ये देखकर नीता घबरा गयी और जैसे ही कमरे में जाने लगी अक्षत ने बिना नीता की तरफ देखे कहा,”कोई अंदर नहीं आयेगा !”
“देवर जी लेकिन आपके हाथ से खून बह रहा है , मुझे देखने तो,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नीता ने कहा


“मैंने कहा ना कोई अंदर नहीं आएगा,,,,,,,,!!”,इस बार अक्षत ने गुस्से से नीता की तरफ देखकर कहा।
अक्षत के गुस्से से भला कौन अनजान था लेकिन एक बारगी नीता भी सहम गयी। उसके कदम वही रुक गए वह अंदर नहीं जाए पायी। अक्षत कुछ पल के लिए नीता को देखता रहा और फिर उसे अहसास हुआ कि उसे नीता पर ऐसे चिल्लाना नहीं चाहिए था उसने अपना सर झुकाया और धीमे स्वर में कहा,”प्लीज आप यहाँ से जाईये।”
“मैं आपके लिए खाना लेकर आयी हूँ , थोड़ा सा खा लीजिये,,,,,,,,,,,,,आपने सुबह से कुछ खाया नहीं है।”,नीता ने भी धीमे स्वर में कहा


“मुझे भूख नहीं है भाभी आप ये खाना ले जाईये,,,,,,,!”,अक्षत ने कहा
“देवर जी अपने लिए ना सही हम सब के लिए थोड़ा सा खा लीजिये,,,,,,,,,,,,,!”,नीता ने खाने की प्लेट दरवाजे के पास पड़ी टेबल पर रखते हुए कहा।
अक्षत ने कुछ नहीं कहा वह बस ख़ामोशी से सामने दिवार को देखते रहा। नीता कुछ देर वहा रुकी और फिर वहा से चली गयी।

सोमित जीजू अपने कमरे में आये उन्हें ऐसे हाल में देखकर तनु उनके पास आयी और कहा,”सोमित ! ये क्या हुआ ? तुम्हारे कपडे गंदे कैसे हो गए ? और ये , ये चोट कैसे लगी तुम्हे ?”
“यहाँ घर में थोड़ा अजीब लग रहा था इसलिए बाहर टहलने निकल गया। आते वक्त रास्ते में पैर फिसलकर गिरने से कपडे कीचड़ में हो गए और ये जरा सी खरोच भी लग गयी।”,सोमित जीजू सफ़ेद झूठ बोल गए
“भगवान का शुक्र है ज्यादा कुछ नहीं हुआ , तुम्हे अकेले ऐसे बाहर नहीं जाना चाहिए था।”,तनु ने चिंता जताते हुए कहा


“मैं जरा कपडे बदल लेता हूँ।”,सोमित जीजू ने तनु से नजरे चुराते हुए कहा और बाथरूम की तरफ चले गए
“हाँ मैं कपडे निकालकर रखती हू तुम नहा लो।”,तनु में कहा और सोमित के लिए सिंपल कुरता पजामा निकालकर बिस्तर पर रख दिया और खुद कमरे से बाहर निकल गयी।
सब सो चुके थे या यु कहा जाये सब एक दूसरे के कमरों में थे। अर्जुन राधा और विजय जी के पास था , दादू-दादी अपने कमरे में थे , नीता बच्चो के कमरे में थी और उन्हें बहला कर सुला रही थी कि सब ठीक है , अक्षत अपने कमरे में था और तनु किचन में थी।

तनु ने सोमित जीजू के लिए चाय बनायीं और कप में छानकर अपने कमरे में चली आयी। सोमित जीजू नहाकर आ चुके थे। तनु ने चाय का कप सोमित की तरफ बढ़ा दिया और कहा,”ये लीजिये !”
“तुम्हे कैसे पता कि मुझे चाय चाहिए , मैंने तो तुमसे कहा भी नहीं था।”,सोमित ने हैरानी से कहा  
“तुम्हारा चेहरा देखकर ही समझ आ गया था कि कोई बात तो है जो तुम्हे परेशान कर रही है। सोमित क्या तुम मुझे नहीं बताओगे क्या हुआ ?”,तनु ने कहा तो सोमित बिस्तर पर आ बैठा और तनु से भी बगल में बैठने का इशारा किया।


तनु सोमित के बगल में आ बैठी। सोमित ने चाय का एक घूंठ भरा और कहने लगा,”समझ नहीं आ रहा तनु कि ये सब क्या हो रहा है ? इस घर में सब कितना सही था , सब एक दूसरे के साथ कितने खुश थे और फिर एकदम से इस घर पर जैसे दुखो का पहाड़ सा टूट पड़ा। अमायरा के चले जाने का दुःख हम सबको है लेकिन आशु वो तो आज भी खुद को उस हादसे से बाहर नहीं निकाल पाया है। हम सबने मीरा के आँसू देखे उसका दर्द देखा , उसका दर्द ज्यादा था शायद इसलिए कि वो एक माँ है पर क्या किसी ने आशु का दुःख देखा ?

वो भी तो अमायरा का पिता था। उसने भी वही खोया जो मीरा ने खोया या शायद उस से भी ज्यादा,,,,,,,,,,,,,,मीरा ने तो सिर्फ अपनी बेटी खोयी पर आशु , उसने अपनी बेटी , अपना सम्मान , अपना सपना और अपनी मीरा सबको एक झटके में खो दिया,,,,,,,,,,,,,क्या मीरा को वो सब दिखाई नहीं देता ? मैं जानता हूँ मीरा और आशु दोनों ही गलत नहीं है बस उनका वक्त और हालात गलत है और इन्ही हालातों का फायदा कुछ लोग उठाएंगे जो उन्हें दूर करना चाहते है।

मैं तब से आशु को जानता हूँ जब वो छोटा था , मैंने उसे तुम्हारा भाई कम और अपना बेटा ज्यादा माना,,,,,,,,,,,,,,,आज जब वो दर्द में है तो मुझे तकलीफ नहीं होगी क्या तनु ? अमायरा को वो खो चुका है और अब अगर मीरा भी उसकी जिंदगी से चली जाएगी तो वो हमेशा के लिए टूट जायेगा  
“ऐसा कुछ नहीं होगा सोमित,,,,,,,,,,,,,,,,मीरा और अक्षत एक दूसरे से बहुत प्यार करते है वो दोनों एक दूसरे से कभी दूर नहीं होंगे। ईश्वर बस उनकी परीक्षा ले रहा है और देखना वो दोनों इसमें जरूर सफल होंगे।

अभी हालात सही नहीं है और सिर्फ हालत देखकर कोई फैसला करना कहा सही है ,, तुम भी तो मानते हो ना उनका प्यार पवित्र है और वो दोनों सिर्फ एक दूसरे के लिए बने है फिर वो अलग कैसे हो सकते है ? आशु हमेशा से गुस्से वाला है उसे गुस्सा जल्दी आता है और लोगो ने बस उसकी इसी कमजोरी का फायदा उठाकर उसके और मीरा के बीच में दरार पैदा कर दी है लेकिन भरोसा रखो ये सब दरारे उनके प्रेम और भरोसे के साथ भर जाएगी। सब एकदम से पहले जैसा नहीं होगा लेकिन धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा।”,तनु ने सोमित को समझाते हुए कहा


“हम्म्म्म मैं समझ रहा हूँ तनु लेकिन अगर ये जल्दी ठीक नहीं हुआ तो सब बर्बाद भी हो जायेगा,,,,,,,,,,,,,,!”,सोमित ने एक गहरी साँस लेकर हताशा भरे स्वर में कहा और ये कहते हुए उन्हें एकदम से मीरा के कमरे की खिड़की पर खड़ी सौंदर्या भुआ का ख्याल आ गया और वे गहरी सोच में डूब गए
“सोमित क्या सोचने लगे तुम ?”,तनु की आवाज से सोमित की तंद्रा टूटी और उन्होंने कहा,”अह्ह्ह्ह नहीं कुछ नहीं।”


“सोमित,,,,,,,,,,,,,परेशान मत हो सब ठीक हो जाएगा।”,तनु ने सोमित के हाथ को थामकर कहा।
सोमित जीजू ने कुछ नहीं कहा बस ख़ामोशी से अपनी चाय पीने लगे। उन्होंने तनु को सौंदर्या भुआ के बारे में अभी कुछ बताना सही नहीं समझा वे नहीं चाहते थे परेशानिया अब और बढे,,,,,,,,,,,,,,,,,!!

Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4

Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4Haan Ye Mohabbat Hai – 4

Continue With हाँ ये मोहब्बत है – 5

Read Previous Part हाँ ये मोहब्बत है – 3

Follow Me On facebook

संजना किरोड़ीवाल 

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

2 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!