Haan Ye Mohabbat Hai – 36 ( Love Story )
Haan Ye Mohabbat Hai – 36
सोमित जीजू भी अक्षत के साथ हवालात में चले आये। सोमित जीजू को वहा देखकर अक्षत मुस्कुरा उठा क्योकि अक्षत जानता था इस जिंदगी में उसका साथ कोई दे ना दे सोमित जीजू उसका साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। अक्षत ने अपने हाथ बांधे और सलाखों से अपनी पीठ लगाते हुए कहा,”क्या आपको भी यही लगता है मैंने मीरा के पापा की जान लेने की कोशिश की है ?”
“अगर मुझे ऐसा लगता तो क्या मैं तेरे साथ यहाँ होता ?”,सोमित जीजू ने थोडा सा गुस्से में कहा
“सॉरी,,,,,,,,लेकिन मैं वहा सिर्फ उन्हें बचाने गया था और मीरा ने मुझे ही गलत,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते अक्षत रुक गया और उसकी आँखों के सामने एक बार फिर मीरा का उसे थप्पड़ मारना याद आ गया।
अक्षत को खामोश देखकर सोमित जीजू ने कहा,”अरे मीरा को तो आदत हो चुकी है तुझे गलत समझने की,,,,,,,,,ये जो सबकुछ हो रहा है क्या उसे दिखाई नहीं देता ? मीरा अगर घर से नहीं जाती तो आज तुम दोनों को ये दिन नहीं देखना पड़ता। हालात इतने बदत्तर हो चुके है कि अगर कोई तुम दोनों को कुछ समझाना भी चाहे तो नहीं समझा पायेगा क्योकि तुम दोनों समझना चाहते ही नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,तुम दोनों भूल चुके हो कि तुम दोनों एक दूसरे के साथ रहकर दुनिया से लड़ सकते हो लेकिन नहीं , तुम दोनों तो एक दूसरे से लड़ रहे हो,,,,,,,,,
मैं नहीं समझ पा रहा आखिर ये सब क्यों ? जो हो चुका उसे बदला नहीं जा सकता आशु ,, अमायरा हम सबको छोड़कर जा चुकी है वो वापस नहीं आ सकती,,,,,,,,,,,पर जो बाकि है उसे बचाया जा सकता है आखिर तुम दोनों इस बात को क्यों नहीं समझ रहे ?”
सोमित जीजू कहते हुए एकदम से तकलीफ से भर गए। अक्षत ने एक नजर सोमित जीजू की तरफ देखा और कहा,”नफरत करता हूँ मैं मीरा से और इस नफरत को कोई कम नहीं कर सकता।”
सोमित जीजू ने सूना तो बदहवास से अक्षत को देखने लगे और कहा,”ये तू कह रहा है आशु ? तू जिसने मीरा को पाने के लिये क्या कुछ नहीं किया ,, जिसने उसके लिए सब छोड़ दिया , हर हद पार कर दी , पूरी दुनिया से लड़ गया वो अक्षत व्यास आज ये कह रहा है कि वो मीरा से नफरत करता है। आखिर क्यों ? झगडे किस के बीच नहीं होते ? गलतफहमियां किसके बीच नहीं होती है आशु तो क्या इसका मतलब ये है कि अपनी मोहब्बत को ही भुला दो,,,,,,,,,,,,आखिर
ऐसा क्या किया है मीरा ने जो तेरी मोहब्बत नफ़रत में बदल गयी,,,,,,,,,,,,,,जवाब दे मुझे आखिर क्यों ?”
“क्योकि उसे लगता है अमायरा की मौत का जिम्मेदार मैं हूँ,,,,,,,,,,,,!”,अक्षत ने एकदम से चिल्लाकर कहा , एक पल के लिये सोमित जीजू भी सहम गए।
अब तक अक्षत जिस गुस्से और तकलीफ को दबा रहा था वो एकदम से बाहर निकल आया और अक्षत कहने लगा,”उसे लगता है मेरी वजह से अमायरा अब इस दुनिया में नहीं है , क्या मैंने उसे बचाने की कोशिश नहीं की थी ? क्या मैंने अमायरा के लिये मैंने छवि के केस को नहीं हारा था ? क्या मैंने मीरा को घर से जाने के लिये रोकने की कोशिश नहीं की ? अमायरा के जाने के बाद से आज तक क्या एक रात भी चैन से सोया हूँ मैं ?
मैं आज भी अमायरा के कातिल को ढूंढने के लिये यहाँ से वहा भटक रहा हूँ। वो इस बात को मन में बैठा चुकी है कि मैं अमायरा को बचा नहीं सका , उस से किया वादा निभा नहीं सका,,,,,,,,,,,,,,,,,,तो मैं कैसे करता ? कैसे पूरा करता मैं उस से किया वादा ? मैं जब तक अमायरा तक पहुंचा वो इस दुनिया से जा चुकी थी ,, वो जा चुकी थी अगर मेरे हाथ में होता तो मैं अपनी जान देकर उसकी जान बचाता ,,, क्या नहीं करता मैं ऐसा ? मीरा इस बात को समझना ही नहीं चाहती है कि जो कुछ भी हुआ वो हमारी किस्मत थी मेरी गलती नहीं,,,,,,,,
जिंदगी के जिन नाजुक पलों में मुझे उसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी उन पलों में वो मुझे अकेला छोड़कर चली गयी , उसने मुझे तलाक के कागज तक भेज दिए ,, अरे इतना आसान है क्या किसी से रिश्ता तोड़ देना ? मेरी बात सुने बिना ही उसने मुझे छोड़ने का फैसला तक कर लिया वो इतना पत्थर दिल कैसे हो सकती है ? उसने जो किया वो सब माफ़ है लेकिन उसने ये कैसे सोच लिया मैं,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसके पापा की जान लूंगा , मैं ऐसा कभी सोच भी नहीं सकता लेकिन मीरा ने ये मान लिया और आज उसकी वजह से मैं जेल की इन सलाखों के पीछे हूँ।
क्या अब भी आप कहेंगे मीरा ने जो किया वो सही किया ? क्या अब भी आपके पास मीरा से नफरत ना करने की वजह है ? अरे उसने एक बार मेरी बात तक नहीं सुनी , मुझे अपनी सफाई में कुछ कहने का मौका तक दिया ,, सबके सामने उसने मुझे थप्पड़ मारा , एक नहीं दो बार लेकिन उसके मारे गए थप्पड़ का दर्द यहाँ नहीं हुआ , यहां हुआ,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अक्षत ने अपनी ऊँगली अपने सीने पर रख दी।
उसका चेहरा लाल हो चुका था और आँखों से आँसू बहने को बेताब थे लेकिन अक्षत ने उन्हें अपनी आँखों में रोक लिया।
अक्षत की बात सुनकर सोमित जीजू कुछ बोल ही नहीं पाए
सच तो कह रहा था अक्षत अमायरा के जाने का दुःख क्या सिर्फ मीरा को था ? अक्षत भी उसका पिता था और मीरा से ज्यादा अमायरा अक्षत के करीब थी लेकिन फिर भी मीरा अब तक उसके जाने की वजह अक्षत को मानती थी। मीरा ने अक्षत का साथ तब छोड़ा जब वो अपनी जिंदगी के सबसे नाजुक दौर से गुजर रहा था। सच क्या था ये अक्षत भी नहीं जानता था उसका और मीरा का रिश्ता सिर्फ गलतफहमियों का शिकार था और ये रिश्ता इतना बिगड़ चुका था कि अक्षत और मीरा के मन में एक दूसरे को लेकर बहुत ज्यादा मनमुटाव हो चला था।
अक्षत गुस्से वाला है और इस बात का फायदा उठाया उसके ही अपनों ने , अक्षत को मीरा के खिलाफ खड़ा कर दिया और आज हालात ये थे कि अक्षत की मोहब्बत कब नफरत में बदलने लगी वह खुद नहीं समझ पाया ना खुद को रोक पाया।
गुस्से में आकर अक्षत ने सोमित जीजू के सामने वो सब कह दिया जो अब तक उसने अपने मन में दबा रखा था। सोमित जीजू बस खामोशी से उसे देखते रहे। अक्षत ने महसूस किया उसकी आँखों में आँसू भर आये है ,
उन आँसुओ को सोमित जीजू ना देख ले सोचकर वह पलट गया और अपनी आँखे पोंछते हुए उदासीभरे स्वर में कहा,”मैं थक गया हूँ जीजू , ये सब सम्हालते सम्हालते , खुद को मीरा के सामने सही साबित करते थक गया हूँ। अगर मेरी किस्मत में ये लिखा है तो फिर यही सही,,,,,,,,,,,,,,,,अब तक मैंने मीरा से बेइंतहा मोहब्बत की है लेकिन अब , अब सिर्फ नफरत होगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,सिर्फ नफ़रत”
“आशु,,,,!!”,सोमित जीजू ने जैसे ही कहना चाहा अक्षत ने उनकी बात बीच में काटकर कहा,”नहीं जीजू मैंने बहुत कोशिश की हम कभी अलग ना हो , हमेशा चाहा कि मैं और मीरा हमेशा साथ रहे लेकिन ऐसा नहीं हुआ जानते है क्यों ? क्योकि सिर्फ मैंने कोशिश की,,,,,,,,,,,,,और इस कोशिश ने मुझे सिर्फ दर्द और आँसू दिए मीरा का साथ नहीं,,,,,,,,,,,,,,और अब से अक्षत व्यास को न मीरा की मोहब्बत चाहिए ना ही उसका साथ,,,,,,,,,,,,!!”
अक्षत की बाते सुनकर सोमित जीजू का दिल बैठने लगा उन्होंने कुछ नहीं कहा इस वक्त मीरा के बारे में बात करके वे अक्षत की नफ़रत मीरा के लिये और बढ़ाना नहीं चाहते थे।
उन्होंने अक्षत के पास आकर बस ख़ामोशी से गले लगा लिया और उसकी पीठ सहलाते हुए कहा,”कोई विश्वास करे या ना करे पर मैं जानता हूँ , तू गलत नहीं है और तुझे खुद को सही साबित करने की कोई जरूरत नहीं,,,,,,,,,,,,,बस खुद को तकलीफ मत दे यार मैं तुझे ऐसे हाल में नहीं देख सकता , नहीं देख सकता”
कहते कहते सोमित जीजू की आवाज भारी हो जाती है क्योकि उनका दर्द भी अब आँसू बनकर आँखों के जरिये बाहर आने लगा था।
सोमित जीजू की बात सुनकर अक्षत उनसे दूर हटा और कहा,”अगर आप चाहते है कि आज के बाद मैं खुद को तकलीफ न दू तो आज के बाद मीरा का नाम मेरे सामने मत लीजियेगा,,,,,,,,,,,!!”
“आशु ये तू,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू ने तड़पकर कहा
“आपको मेरी कसम,,,,,,,,,,!!”,अक्षत ने कहा और ये कहते हुए अक्षत की बांयी आँख से निकलकर आँसू की बूंद गाल पर लुढ़क आयी। सोमित जीजू बस नम आँखों से अक्षत को देखने लगे। सोमित जीजू ने महसूस किया कि मीरा की नाराजगी ने अक्षत को कितनी ठेस पहुंचाई है। इसके बाद उन्होंने अक्षत से कुछ नहीं कहा और वहा से दूसरी तरफ चले गए।
डॉक्टर ने मीरा को चेक किया तो पाया बहुत ज्यादा तनाव लेने की वजह से उसका BP गिर गया था जिसकी वजह से मीरा बेहोश हो गयी। डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगाया और नर्स ने मीरा को ड्रिप लगा दिया। मीरा बेहोश थी उसे होश नहीं आया था। बिस्तर के पास पड़ी कुर्सी पर सौंदर्या मीरा का हाथ थामे बैठी थी। मीरा की जिंदगी अचानक से बदल चुकी थी। अमायरा की मौत ने जहा उसे जिंदगीभर का दर्द दिया वही अक्षत की नफरत ने उसकी बची खुची हंसी भी छीन ली और अब अमर जी के एक्सीडेंट ने तो जैसे मीरा को तोड़कर रख दिया।
जिंदगी के इन नाजुक पलों में मीरा के साथ कोई नहीं था या यू समझ लो सौंदर्या ने किसी को उसके पास आने नहीं दिया। मीरा के अपने ही थे जिन्होंने उसकी जिंदगी में ये तूफान ला रखा था जिसने मीरा की हंसती खेलती जिंदगी को तबाह कर दिया था और मीरा को अब भी लगता था ये सब उसकी किस्मत थी,,,,,,,,,,,,,,,,मीरा की सबसे बड़ी गलती थी अक्षत और उसके घर को छोड़कर आना,,,,,अक्षत के साथ वह जिंदगी में आने वाले हर तूफ़ान से लड़ सकती थी लेकिन अक्षत के बिना मीरा अकेली पड़ चुकी थी और जब उसने अपने लिये अक्षत की नफरत देखी तो वह और टूट गयी।
अक्षत का परिवार इस मुश्किल घडी में कम से कम अक्षत के साथ था लेकिन मीरा जिन्हे अपना मानती थी वही लोग उसकी जिंदगी को धीरे धीरे दीमक की तरह खोखला कर रहे थे और मीरा ये समझ नहीं पा रही थी। मीरा सौंदर्या के हाथो की कटपुतली बन चुकी थी और अब उसकी जिंदगी में सब वैसा ही हो रहा था जैसा सौंदर्या चाहती थीं।
मीरा को सोया देखकर सौंदर्या ने धीरे से उसका हाथ छोड़ा और कमरे से बाहर चली आयी। मीरा को इस हाल में देखकर सौंदर्या थोड़ा परेशान हो गयी क्योकि मीरा को कुछ हो ये सौंदर्या भी नहीं चाहती थी। उसका सर दर्द करने लगा तो वह वहा से केंटीन की तरफ चली आयी। उसने अपने लिये एक कॉफी आर्डर की और बैठकर मीरा के बारे में सोचने लगी। अमर जी की मौत से ज्यादा जरुरी सौंदर्या के लिये मीरा की जिंदगी थी और इस बात को सौंदर्या अच्छे से समझती थी।
घर के दरवाजे पर बैठी छवि किसी सोच में डूबी थी कि माधवी वहा आयी और कहा,”छवि ! क्या बात है बेटा , तुम यहाँ क्यों बैठी हो ?”
“कुछ नहीं माँ बस मन थोड़ा परेशान है,,,,,,,,,!”,छवि ने उदासी भरे स्वर में कहा
माधवी छवि के बगल में आ बैठी और कहा,”अपने केस को लेकर परेशान हो ?”
छवि माधवी की तरफ पलटी और कहा,”माँ ! अक्षत सर ने मेरा केस अपने दुश्मन वकील को क्यों दिया ? लायसेंस मिलने के बाद वो खुद भी इस केस को लड़ सकते थे फिर उन्होंने ऐसा क्यों किया मैं बस यही सोच रही हूँ ?”
“छवि ! इस वक्त अक्षत के हालात ठीक नहीं है , कही तुम्हारा केस वो फिर से ना हार जाये सोचकर ही उसने तुम्हारा केस दूसरे वकील को दिया होगा तुम इस बारे में ज्यादा मत सोचो मुझे उस पर भरोसा है वो तुम्हारे साथ कुछ गलत नहीं करेगा।”,माधवी ने छवि को दिलासा देते हुए कहा।
“लेकिन दुश्मन वकील ही क्यों माँ ?”,छवि ने कहा
“ये तो मैं भी नहीं समझ पा रही हूँ छवि कि अक्षत ने ऐसा क्यों किया ?”,माधवी ने कहा
अगले ही पल छवि को उबकाई आयी और वह उठकर सामने लॉन की तरफ भागी और उलटी करने लगी। माधवी अंदर से पानी लेकर आयी और छवि को सम्हाला। माधवी की पड़ोसन ने देखा तो ऊँची आवाज में कहा,”लगता है छवि जल्दी ही कोई ख़ुशख़बरी देने वाली है।”
ये सुनकर छवि की आँखों में आँसू भर आये। माधवी ने जलती आँखों से पड़ोसन को देखा तो वह मुंह बनाकर वहा से चली गयी।
सौंदर्या केंटीन में बैठकर कॉफी पी रही थी और मीरा कमरे में अकेली थी।
उसके हाथ में ड्रिप लगी थी और वह गहरी नींद में सोई थी। लिफ्ट खुली और उसमे से काले रंग का लंबा कोट पहने एक आदमी बाहर आया। आदमी ने कोट का केप पहना हुआ था और वह लगभग सर झुकाकर चल रहा था जिस से उसका चेहरा देखना मुश्किल था। आदमी उस कमरे के सामने आया जिस में मीरा थी। आदमी ने कमरे का दरवाजा खोला और अंदर आया। मीरा बिस्तर पर सोई थी उसे होश नहीं था। आदमी उसके बगल में आकर खड़ा हो गया। उसने अपने सर से कोट की केप हटाई और एकटक मीरा को देखने लगा।
आदमी थोड़ा सा झुका और मीरा की गर्दन के पास अपनी नाक लेजाकर उसे सूंघते हुए कहा,”आह्ह्ह्हह्ह आज भी तुम्हारे जिस्म की महक मुझे तुम्हारा दीवाना बनाने के लिये काफी है।”
आदमी वहा पड़ी कुर्सी पर बैठ गया और मीरा के हाथ को अपने सख्त हाथो में लेकर कहने लगा,”चंद दिनों में क्या हालत हो गयी है तुम्हारी मीरा सिंह राजपूत , पर ये तो होना ही था अक्षत व्यास से मोहब्बत करने की सजा आखिर तुम्हे मिलनी ही थी लेकिन सब्र रखो इतनी सजा काफी नहीं है।
इस दर्द की अब आदत डाल लो मीरा क्योकि अभी तो ये बस शुरुआत है,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारा और तुम्हारे उस अक्षत व्यास का वो हाल करूंगा कि तुम दोनों को मोहब्बत के नाम से भी नफरत हो जाएगी,,,,,,,,,अक्षत व्यास को सलाखों के पीछे पहुंचाकर तुमने तो मेरा काम और आसान कर दिया मीरा , अब तुम्हारे और मेरे बीच कोई नहीं आएगा,,,,,कोई भी नहीं”
कहते हुए आदमी उठा और मीरा के करीब आकर अपने होंठो से मीरा के माथे को चुम लिया। आदमी मीरा से दूर हटा और तेजी से वहा से निकल गया लेकिन जाते वक्त उसकी जेब से निकलकर उसका पेन वही गिर गया और आदमी को इसका ध्यान नहीं रहा।
Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36
Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36 Haan Ye Mohabbat Hai – 36
Continue With Part Haan Ye Mohabbat Hai – 37
Read Previous Part – Haan Ye Mohabbat Hai – 35 ( Love Story )
Follow Me On facebook
संजना किरोड़ीवाल
कहानी और भी ज्यादा इंट्रस्टिंग होने वाली है…काफी टि्वस्ट भी आ गए हैं… संजना जी बहुत बढ़िया तरीके से आप कहानी को आगे बढ़ा रही हैं आप… लेकिन ये समझ नहीं आ रहा है कि ये शख्स कौन है जो मीरा और अक्षत को बर्बाद करना चाहता है… सौंदर्य बुआ कम थी, जो ये अंजान शख्स भी मीरा-अक्षत को एक-दूसरे से अलग करने की कोशिश कर रहा है…ना सोमित जीजू दिमाग लगा रहे हैं और पता नहीं ये वरूण कहां है