हाँ ये मोहब्बत है – 20
Haan Ye Mohabbat Hai – 20
घर की छत पर खड़ा अक्षत मीरा को याद करके अपने आँसू बहा रहा था। अक्षत खुद को सबसे इतना दूर कर चुका था कि अब वह किसी के साथ अपना दर्द भी नहीं बाँट सकता था। मीरा का उसकी जिंदगी में होना उसके सब दुखो का हल था लेकिन अब उसकी मीरा ही उसके पास नहीं थी। उसकी आँखों से आँसू बहते रहे और सीने में एक चुभन का अहसास होता रहा। तड़पकर उसने अपनी आँखे मूँद ली। उसे चारो तरफ बस अन्धेरा ही नजर आ रहा था।
“साले साहब,,,,,,,,,!!”,सोमित जीजू की आवाज अक्षत के कानो में पड़ी
अक्षत ने अपनी आँखे खोली तो देखा सामने सोमित जीजू खड़े है। उन्हें देखकर अक्षत जल्दी से पलट गया और अपने आँसू पोछते हुए कहा,”आप , आप यहाँ क्या कर रहे है ?”
“नीचे घर में दम घुट रहा था इसलिए खुली हवा में ऊपर चला आया ,, तुम्हे ऐतराज ना हो तो कुछ देर यहाँ रुक जाऊ ?”,सोमित जीजू ने दिवार के सहारे खड़े होकर जेब से सिगरेट निकालते हुए कहा
“मुझे क्या ऐतराज हो सकता है , ये घर आपका भी है।”,अक्षत ने पलटकर सोमित जीजू से थोड़ी दूर बनाकर उनके बगल में खड़े होकर कहा
सोमित जीजू ने हाथ में पकड़ी सिगरेट अपने होंठो के बीच रखी और जलाकर एक कश भरते हुए कहा,”तुम से कुछ पुछ सकता हूँ ?”
सोमित जीजू की बात सुनकर अक्षत ने उनकी तरफ देखा तो उन्होंने कहा,”चिंता मत करो मीरा से जुडी कोई बात नहीं करूंगा मैं , मुझे बस कुछ और जानना है।”
“हम्म्म पूछिए।”,अक्षत ने कहा
“तुम ठीक हो ?”,सोमित जीजू ने अक्षत की ओर देखकर पूछा
सोमित जीजू का सवाल सुनकर ना जाने क्यों अक्षत की आँखे एक बार फिर नम हो गयी शब्द उसके गले में अटक गए वह चाहकर भी कुछ बोल नहीं पाया। उसकी आँखों में नमी देखकर सोमित जीजू ने उंगलियों में पकड़ी सिगरेट अक्षत की ओर बढ़ा दी। अक्षत ने सिगरेट ली और काँपते हाथ से अपने होंठो के बीच रख ली। वह रोना चाहता था
, फुट फुट कर रोना चाहता था लेकिन सोमित जीजू के सामने कमजोर पड़ना नहीं चाहता था इसलिए उसने अपने आंसुओ को आँखों में ही रोक लिया और एक दो कश के बाद सिगरेट सोमित जीजू की तरफ बढ़ा दी।
सोमित जीजू ने सिगरेट ली और उसके कश लगाते हुए कहा,”इस वक्त तुम्हे यहाँ नहीं होना चाहिए , मैं ये नहीं कहूंगा तुम गलत हो पर अपनी जिद की वजह से
इस घर में रहने वाले सब लोगो को तकलीफ पहुंचा रहे हो।
मीरा को लेकर तुमने इतना बड़ा फैसला क्यों लिया मैं तुमसे ये तो नहीं पूछूंगा लेकिन उम्र और अनुभव में तुम से बड़ा होने के नाते इतना जरुर कहूंगा ‘सब खत्म हो उस से पहले अपने कदम रोक लो आशु , जिंदगी हर इंसान को दोबारा मौका नहीं देती है’
सोमित जीजू की बात अक्षत को बुरी लगी या फिर कोई और वजह थी कि अक्षत उनकी बात का जवाब दिए बिना ही वहा से जाने लगा तो सोमित जीजू ने उसे गुस्सा दिलाने के लिए कहा,”जिसके लिये तुम इतनी रात में आँसू बहा रहे हो वो मीरा अपने घर में चैन से सो रही होगी।”
सोमित जीजू ने ऐसा जानबूझकर कहा ताकि गुस्से में आकर ही सही अक्षत अपने मन की भड़ास निकाल दे। चलते चलते अक्षत रुका और बिना पलटे कहा,”वो भी जाग रही है,,,,,,,,,,,!!”
सोमित जीजू ने सूना वे आगे कुछ कहते इस से पहले ही अक्षत तेज कदमो से वहा से चला गया लेकिन जाते जाते सोमित जीजू के होंठो पर प्यारी सी मुस्कान दे गया।
सोमित जीजू ने सर उठाकर आसमान की तरफ देखा और हाथ जोड़कर कहा,”अब आप ही इन दोनों की जिंदगी में सही वक्त लाएंगे महादेव , आपने इन्हे मिलाया अब आप ही इनकी उजड़ती दुनिया को बचना महादेव,,,,,,,,,!!”
“सोमित ! तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,तनु ने सोमित को छत पर देखा तो उसके पास आते हुए पूछा
“तनु , तुम कब आयी ? बच्चे सो गए क्या ?”,सोमित ने पूछा
“उन्हें सुलाकर , उन्ही के कमरे से आ रही हूँ। चीकू तो अभी बच्चा है उसे तो झूठ बोलकर हम बहला भी सकते है लेकिन काव्या अब बड़ी हो गयी है , वो सब समझती है। पता है सोमित आज उसने मुझसे क्या कहा ?”,तनु ने सोमित के बगल में खड़े होकर उदासी भरे स्वर में कहा
“क्या कहा उसने ?”,सोमित ने पूछा
“उसने कहा वो बड़े होकर कभी शादी नहीं करेगी , वो कभी नहीं चाहेगी शादी के बाद कोई उसे भी मीरा के जैसे घर से निकाल दे।”,कहते हुए तनु की आँखों में आंसू भर आये।
सोमित ने देखा तो तनु के कंधो पर अपना हाथ रख उसे साइड से गले लगाते हुए कहा,”इन सब बातो का बच्चो के दिमाग पर कितना बुरा असर पड़ता है। चिंता मत करो तनु सब ठीक हो जाएगा और काव्या से कल मैं बात करूंगा,,,,,,,,,,,,,,,मीरा इस घर में वापस आएगी , जरूर वापस आएगी।”
तनु ने गालो पर आये अपने आँसू पोछे और कहा,”रात बहुत हो गयी है चलिए नीचे चलते है।”
तनु की बात सुनकर सोमित उसके साथ नीचे चला आया
अपने कमरे की खिड़की के पास कड़ी मीरा नम आँखों से बाहर खाली पड़ी सड़क को एकटक देखे जा रही थी। आज अक्षत ने उसके साथ जो बर्ताव किया वह बार बार किसी फिल्म की तरह उसकी आँखों के सामने चल रहा था। इतना सब होने के बाद भी मीरा के दिल में अक्षत के लिये कोई नफरत या गुस्से के भाव नहीं थे वह बस अक्षत के बारे में सोच रही थी। वह समझ नहीं पा रही थी आखिर अक्षत को कैसे बताये कि उसके बिना मीरा की जिंदगी में कोई ख़ुशी कोई उत्साह नहीं है।
आँखों में ठहरे आँसू गालों पर लुढ़क आये और उसने अपनी आँखे मूंद ली।
हॉस्पिटल से मीरा दोपहर में ही वापस आ गयी थी और तब से उसने ना कुछ खाया ना ही पीया वह बस बेसुध सी बिस्तर पर पड़ी रही और जब मन बैचैन होने लगा तो उठकर खिड़की के पास चली आयी लेकिन यहाँ भी उसे चैन नहीं था। अक्षत के साथ बिताया एक एक पल उसकी आँखों के सामने आ रहा था जिन्हे मीरा चाहकर भी नजरअंदाज नहीं कर पा रही थी।
वह अक्षत से मिलना चाहती थी , उस से बात करना चाहती थी लेकिन अक्षत अब उसकी कोई बात सुनना तक नहीं चाहता था। अक्षत के गुस्से से मीरा वाकिफ थी इसलिए उसने ख़ामोशी से अक्षत के हर फैसले को मान लिया और उस घर से चली आयी लेकिन ना वह अक्षत को भूल सकती थी ना ही इस रिश्ते को,,,,,,,,,,,,,,,,मीरा को अपनी गलतियों पर पछतावा होने लगा जब अक्षत को उसकी जरूरत थी तब वह अक्षत के साथ नहीं थी , उसे समझने के बजाय मीरा ने उस से दूर जाना बेहतर समझा और अमर जी के साथ उनके घर चली आयी।
मीरा को अब वो सब गलतिया समझ आ रही थी जो उसने अनजाने में की थी,,,,,,,,,,,,,,,,,,उसने अपनी आँखे खोली और काँपते होंठो से कहने लगी,”आपने हमारे साथ सही किया अक्षत जी , जिंदगी के जिस दौर में आपको हमारी सबसे ज्यादा जरूरत थी उस पल हमने आपको अकेला छोड़ दिया। हम इतने स्वार्थी और खुदगर्ज हो गए कि हमे सिर्फ अपना दुःख और आँसू दिखे आपका दुःख नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,हम देख ही नहीं पाए अक्षत जी कि हमने जो खोया वो आपने भी खोया था ,
जो दर्द हमने झेला वो आपने भी झेला था , जो आँसू हमने बहाये वो आँसू आपने भी बहाये थे फिर हम क्यों नहीं समझ पाए ? हम आपका दर्द क्यों नहीं समझ पाए ? आपने हमारे साथ बिल्कुल सही किया आखिर हमारी गलतियों की कुछ तो सजा जरुरी थी। आपने हमे खुद से दूर किया , उस घर से दूर किया पर कभी अपने दिल से दूर मत कीजियेगा अक्षत जी ये हम नहीं सह पाएंगे,,,,,,,,,,,,,,,हम आपको देखे बिना जी सकते है लेकिन आपको दर्द में देखकर नहीं।
सालों पहले जैसे हमने इंतजार किया वही इंतजार हम एक बार फिर करेंगे,,,,,,,,,,,,हम इंतजार करेंगे आपके लौट आने ना ,, और हमे पूरा यकीन है आप जरूर आएंगे क्योकि जितनी मोहब्बत हमे आपसे है उतनी ही मोहब्बत आपको भी है। हमे हमारी मोहब्बत से दूर मत कीजिये अक्षत जी , ये मोहब्बत आपके बिना अधूरी है , हम आपके बिना अधूरे है।”
“मीरा चलो खाना खा लो , दोपहर से तुमने कुछ भी खाया नहीं है।”,सौंदर्या भुआ ने खाने की थाली लेकर अंदर आते हुए कहा
मीरा ने जल्दी से अपने आँसू पोछे और सौंदर्या की तरफ आते हुए कहा,”ये खाना वापस ले जाईये भुआ जी , हमे भूख नहीं है।”
“पागल मत बनो मीरा ! हालत देखो अपनी कितनी कमजोर हो गयी हो ,, खाना नहीं खाओगी तो दवा कैसे लोगी,,,,,,,,,,,,चलो बैठो और खाना खाओ।”,सौंदर्या ने थाली टेबल पर रखते हुए कहा
मीरा ने मना किया लेकिन सौंदर्या के बार बार कहने पर मीरा आकर खाना खाने के लिये बैठ गयी और कहा,”भुआ जी , पापा कब तक आ जायेंगे ?”
मीरा के मुंह से पापा का नाम सुनकर सौंदर्या के चेहरे के भाव बदल गए उसने अपने मन के भावो को छुपाते हुए कहा,”अच्छा भाईसाहब ! लो उनसे तो मेरी आज सुबह ही बात हुई थी कह रहे थे कि एक बड़ा प्रोजेक्ट है उसी के काम में उलझे है जैसे ही पूरा हो जाएगा घर आएंगे।
उन्होंने तो ये भी कहा कि अब कुछ दिन उन से सम्पर्क करना भी मुश्किल हो जाएगा लेकिन वो जल्दी ही आएंगे”
“अच्छा ! आपने उन्हें हमारी तबियत के बारे में तो नहीं बताया ना ? खामखा वो परेशान हो जायेंगे।”,मीरा ने कहा
“नहीं नहीं मीरा उन्हें बताकर परेशान क्यों करना ? यहाँ मैं हूँ न तुम्हारा ख्याल रखने के लिये,,,,,,,,,,और फिर भाईसाहब ने भी तो तुम्हारी पूरी जिम्मेदारी मुझ पर डाल दी है।”,सौंदर्या ने एक निवाला तोड़कर मीरा को खिलाते हुए कहा
सौंदर्या की बात सुनकर मीरा को ज़रा तसल्ली हुई कि कोई तो है इस घर में उसका ख्याल रखने वाला। वह चुपचाप खाना खाने लगी।
मीरा को खाना खाते देखकर सौंदर्या ने कहा,”अच्छा मीरा तुम हॉस्पिटल कैसे पहुंची ? क्या हुआ था तुम्हे ?”
सौंदर्या की बात सुनकर मीरा खाते खाते रुक गयी और सौंदर्या की तरफ देखकर मन ही मन खुद से कहने लगी,”अगर हमने भुआ जी को बताया कि हम निधि के साथ अक्षत जी के घर गए थे तो उन्हें बिल्कुल अच्छा नहीं लगेगा।”
” क्या हुआ मीरा ? कहा खो गयी ? मैंने तुमसे कुछ पूछा बेटा , क्या हुआ था तुम्हे ?”,मीरा को खामोश देखकर सौंदर्या ने पूछा
“वो हम बस ऐसे ही बाहर टहलने निकले थे तो रास्ते में चक्कर आ गया , उसके बाद आँख खुली तो हम हॉस्पिटल में थे।”,मीरा सफ़ेद झूठ बोल गयी सौंदर्या को बताकर वह उन्हें परेशान करना नहीं चाहती थी।
“ओह्ह्ह ! हॉस्पिटल से जब फोन आया तो मैं तो घबरा ही गयी थी ,, भगवान् का शुक्र है तुम अब ठीक हो लेकिन आज के बाद अकेले बाहर मत जाना अभी तुम पूरी तरह से ठीक नहीं हुई हो।”,सौंदर्या ने कहा
“अकेले नहीं भुआजी हम निधि,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते मीरा एकदम से रुक गयी
“निधि ? गार्ड ने बताया आज सुबह तुम से मिलने कोई लड़की यहाँ आयी थी तो क्या लड़की निधि थी ?”,सौंदर्या ने पूछा
“अगर मैंने इन्हे सच बताया तो कही ये अक्षत जी के घर जाकर उन्हें कुछ गलत ना बोल दे , और अगर इन्होने पापा को ये सब बताया तो वे भी अक्षत जी को गलत समझ लेंगे,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने मन ही मन कहा
“मीरा , मीरा,,,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा
“हाँ , हाँ जी , जी भुआजी,,,,,,,,!!”,मीरा की तंद्रा टूटी
“ये बाते करते करते तुम कहा खो जाती हो ? मुझे लगता है अभी तुम्हे आराम की बहुत जरूरत है। तुम खाना खाकर आराम करो”,सौंदर्या ने उठते हुए कहा
“भुआजी,,,,,,!!”,मीरा ने भी उनके साथ ही उठते हुए कहा
“हाँ मीरा , कुछ कहना है ?”,सौंदर्या मीरा के भावो से समझ गयी
“आप अक्षत जी के घर गयी थी ना तब क्या बात हुई थी ?”,मीरा ने जिज्ञासा भरे स्वर में पूछा
सौंदर्या मीरा के पास आयी और उसके चेहरे को अपने हाथो में थामकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”मीरा बेहतर होगा तुम उस इंसान को भूल जाओ , अक्षत इस रिश्ते को हमेशा हमेशा के लिये ख़त्म करना चाहता है। वो तुम्हे तलाक देना चाहता है मेरी बच्ची,,,,,,,,,,,,,,अक्षत को अब मीरा की जरूरत नहीं है ना ही उस से मोहब्बत है इस सच्चाई को तुम जितनी जल्दी स्वीकार कर लो अच्छा है मीरा,,,,,,,,,!!”
सौंदर्या की बातें सुनकर मीरा का दिल टूट गया वह स्तब्ध रह गयी। उसने अपने दोनों हाथो से सौंदर्या के हाथो को धीरे से नीचे किया और तकलीफ भरे स्वर में कहा,”हम ये सब नहीं मानते भुआजी , वो इतनी आसानी से हम से रिश्ता नहीं तोड़ सकते,,,,,,,,,,,,,उन्हें हमारी जरूरत हो ना हो मगर हमे उनकी जरूरत है। इस जन्म तो क्या अगले 7 जन्म तक मीरा सिंह राजपूत सिर्फ अक्षत व्यास की रहेगी भुआजी,,,,,,,,,,कोई भी हमे उनसे दूर नहीं कर सकता है , ये हक़ किसी को नहीं है खुद उन्हें भी नहीं,,,,,,!!”
सौंदर्या ने देखा उनका खेला दाव उलटा पड़ रहा है तो उन्होंने बातो में परवाह जताते हुए कहा,”लेकिन वो ये फैसला कर चुका है मीरा”
मीरा ने सूना तो गुस्से से अपना हाथ टेबल पर रखे फ्लावर पॉट पर मारा जिस से पॉट नीचे आ गिरा और उसके टुकड़े टुकड़े हो , मीरा के हाथ में भी चोट आयी और उसने आँखों में आँसू भरकर गुस्से से कहा,”हम नहीं मानते उनके किसी भी फैसले को,,,,,,,,,,,,,,,!!”
पॉट का नुकीला हिस्सा मीरा के हाथ में लग गया जिस से उसके हाथ से खून बहने लगा। उसके हाथ से खून रिसते देखकर सौंदर्या ने घबराये हुए स्वर में कहा,”मीरा,,,,,,,,,,,,!!”
“हमारे पास मत आईये , हमे आपकी हमदर्दी की जरूरत नहीं है भुआजी,,,,,,,,,,,हमे उस किसी भी इंसान की जरूरत नहीं है जो हमे अक्षत जी से दूर करने की बात करता है। हम उनके थे , उनके है और उन्हें रहेंगे,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मीरा घुटनो के बल फर्श पर गिर पड़ी और रोने लगी
सौंदर्या अक्षत को लेकर मीरा के मन में जो जहर घोलना चाहती थी वो तो नहीं घोल पायी लेकिन वह मीरा की नजर में बुरी बनना भी नहीं चाहती थी इसलिए उसने अपनी आँखों को नम किया और मीरा के पास आकर उसे सम्हालते हुए कहा,”ये तुम क्या कह रही हो मीरा ? मैं ऐसा करुँगी ? मैं तुम्हे और दामाद जी को अलग करने की बात करुँगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं ? जिसने तुम दोनों के प्यार को अपनाया और हमेशा साथ दिया ,, वो सौंदर्या तुम्हे अक्षत से अलग कैसे कर सकती है ? मैं ऐसा कभी सोच भी नहीं सकती मीरा,,,,,,,,,,,,,,,,सोच भी नहीं सकती।”
सौंदर्या की बात सुनकर मीरा को महसूस हुआ कि अनजाने में शायद उसने गलत बोल दिया वह सौंदर्या के सीने से आ लगी और रोते हुए कहा,”हम उनके बिना नहीं जी सकते भुआजी , नहीं जी सकते,,,,,,,,,,,,,हम मर जायेंगे , हम मर जायेंगे भुआजी”
सौंदर्या मीरा का सर सहलाने लगी और मन ही मन खुद से कहा,”तुम्हे क्या लगता है मीरा मैं तुम्हे इतनी आसानी से मरने दूंगी ? अरे ! तुम तो सोने का अंडा देने वाली वो मुर्गी हो जिसे मैं हमेशा अपने पिंजरे में रखूंगी,,,,,,,,,,,,!!”
मीरा नहीं जानती थी जिस औरत के सीने से लगी वह अपने आँसू बहा रही है वही उसके इन आँसुओ का कारण थी।
Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20
Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20Haan Ye Mohabbat Hai – 20
Continue With Part Haan Ye Mohabbat Hai – 21
Read Previous Part Here हाँ ये मोहब्बत है – 19
Follow Me On facebook
संजना किरोड़ीवाल
Don’t mind.. but can’t wait.. pls write new episode too fast..