Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

हाँ ये मोहब्बत है – 12

Haan Ye Mohabbat Hai – 12

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

अमर सिंह के केबिन में बैठे विवान सिंह और सौंदर्या को कम्पनी का मैनेजर हैरानी से देख रहा था। सौंदर्या ने एक नजर मैनेजर को देखा और कहा,”खड़े खड़े देख क्या रहे हो , भाईसाहब ने जो कहा सूना नहीं ?”
“मैंने सब सूना मैडम लेकिन ये मुमकिन नहीं है जब तक अमर सर इन शेयर्स पर साईंन ना कर दे इन्हे बेचना तो दूर कम्पनी से ट्रांसफर भी नहीं किया जा सकता।”,मैनेजर ने अपने हाथ बांधे हुए कहा


विवान सिंह ने सूना तो घूरकर सौंदर्या को देखा , एकदम से सौंदर्य खड़ी हुई और गुस्से से लेकिन दबी आवाज में कहा,”ये क्या बकवास कर रहे हो तुम ? कल शाम ही तुमने कहा सब पेपर्स तैयार है और अब तुम कह रहे हो ये मुमकिन नहीं है। बताओ कितना पैसा और चाहिए तुम्हे मैं अभी तुम्हारे मुंह पर मारती हूँ।”
“सौंन्दर्या ! शांत हो जाओ , मैनेजर क्या मैं जान सकता हूँ ये सब क्या है ? भाईसाहब ने साफ कहा है अगर वो शहर में मौजूद नहीं है तो उनकी गैरमौजूदगी में उनका परिवार इस कम्पनी के हित में फैसले ले सकता है।

ले सकता है या नहीं ?”,विवान सिंह ने सौंदर्या को शांत रहने को कहा और मैनेजर से सवाल किया।
“बिल्कुल ले सकते है सर लेकिन सिर्फ उनके परिवार के लोग,,,,,,,,,,,,,!”,इस बार मैनेजर ने विवान सिंह की आँखों में देखते हुए कहा
“क्या मतलब है तुम्हारा ? क्या हम भाईसाहब के परिवार से नहीं है ?”,सौंदर्या ने आग बबूला होते हुए कहा
विवान सिंह को भी मैनेजर की बात अजीब लगी इसलिए उसने कहा,”तुम कहना क्या चाहते हो ?”


“सर , इस कम्पनी में अमर सर के बाद कम्पनी के फैसले उनके परिवार के लोग ले सकते है जिनका नाम उन्होंने अपने पेपर्स में लिखा है।”,मैनेजर ने हल्की सी मुस्कराहट के साथ कहा
“कौन लोग ?’,पूछते हुए विवान सिंह के चेहरे पर कठोरता के भाव तैरने लगे
मैनेजर ने अपनी फाइल खोली और एक पेपर निकालकर विवान सिंह के सामने रखते हुए कहा,”वे लोग है “मिस्टर अक्षत व्यास और उनकी पत्नी मीरा अक्षत व्यास” अमर सर ने सिर्फ ये दो नाम अपने परिवार के रूप में लिखे है

अगर इन दोनों में से कोई भी आकर कम्पनी के लिये फैसला लेता है तो ख़ुशी ख़ुशी मंजूर है सर लेकिन जब तक अमर सर वापस नहीं आ जाते मैं ये शेयर के पेपर्स आप लोगो को नहीं दे सकता।”
मैनेजर की बात सुनकर सौंदर्या के पैरो के नीचे से जैसे जमीन निकल गयी। जो ख्वाबो का महल उसने बनाया था वो उसकी आँखों के सामने एकदम से ढह गया
मैनेजर की बात सुनकर सौंदर्या बौखला गयी और एकदम से कहा,”भाईसाहब अब कभी यहाँ नहीं आएंगे”


“सौंदर्या,,,,,,,,,,,,,,!!”,विवान सिंह ने सौंदर्या को देखकर धीमे स्वर में कहा तो सौंदर्या को अहसास हुआ वह कहा बैठी है। उसने एकदम से बात बदलते हुए कहा,”अहह मेरा मतलब भाईसाहब अभी शहर से बाहर है वो यहाँ नहीं आ पाएंगे , हमे इस कम्पनी की चिंता है बस इस लिये हम लोग यहाँ आये है। क्यों भाईसाहब ?”
“मेडम ! आपको इस कम्पनी के लिये बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं। अमर सर ने इस कम्पनी में इतना बेहतरीन स्टाफ रखा है कि उनकी गैरमौजूदगी में भी इस कम्पनी को महीनो तक कोई नुकसान नहीं होगा।”,मैनेजर ने सौंदर्या के जले पर नमक छिड़कते हुए कहा


सौंदर्या अंदर ही अंदर गुस्से से भरे जा रही थी इसलिए उठते हुए कहा,”मुझे यहाँ थोड़ी घुटन हो रही है , भाईसाहब मैं बाहर गाड़ी में आपका इंतजार करुँगी।”
सौंदर्या वहा से चली गयी लेकिन विवान सिंह किसी सोच में डूबा था। मैनेजर ने विवान सिंह को देखा और फिर टेबल पर रखी सभी फाइल्स और पेपर्स समेटने लगा। मैनेजर जैसे ही जाने लगा विवान सिंह ने खोये हुए स्वर में कहा,”भाईसाहब ने अपने परिवार में सिर्फ मीरा और अक्षत को ही क्यों रखा ?”


मैनेजर मुस्कुराया और कहा,”सर अगर आप उनका परिवार होते तो यहाँ आकर कभी कम्पनी बेचने की बात नहीं करते।”
चंद शब्दों में मैनेजर विवान सिंह को उसकी असली औकात दिखाकर चला गया और विवान सिंह थके कदमो से केबिन से बाहर निकल गये।

मीरा के घर लौटने के बाद से ही अमर प्रताप सिंह इस शहर से बाहर थे। कोई नहीं जानता था वे कहा गए है ? ना मीरा की उनसे कभी बात हो पायी ना ही कम्पनी में किसी को उनके बारे में पता था। पहले भी कई बार ऐसा हुआ कि अमर सिंह बिना बताये हफ्तों हफ्तों शहर से बाहर चले जाया करते थे इसलिए उनके मैनेजर को कोई खास फर्क नहीं पड़ा।

सौंदर्या ने जैसा सोचा था वैसा कुछ नहीं हुआ उलटा वह और परेशान हो गयी। लॉबी में खड़ी गाड़ी के इर्द गिर्द चक्कर लगाते हुए सौंदर्या के चेहरे से परेशानी साफ़ झलक रही थीं। विवान सिंह सौंदर्या के पास आया और उसकी बाँह पकड़कर अपने सामने करते हुए कहा,”सौंदर्या ! क्या तुम पागल हो गयी हो ? तुम्हे क्या जरूरत थी उस मैनेजर के सामने भाईसाहब का जिक्र करने की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम जानती हो ना हम बड़ी मुसीबत में फंस सकते है।”
“माफ़ करना भाईसाहब ! उस मैनेजर ने क्या कहा ? उसे और पैसे देकर मना लेते है,,,,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा


“सौंदर्या वो मैनेजर भाईसाहब का वफादार है वो उनके खिलाफ कभी नहीं जाएगा और फिर भाईसाहब ने भी तो कितना बड़ा खेल खेला है हम सब के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,वो सिर्फ अक्षत मीरा को अपना परिवार मानते है हमे नहीं।”,विवान सिंह ने गुस्से से लेकिन दबे स्वर में कहा
“ये सब उसी अक्षत का किया धरा है , ना जाने क्या जादू किया है उसने मीरा और भाईसाहब पर कि दोनों उसकी माला जपते रहते है। मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा क्या किया जाये ?”,सौंदर्या ने अपना सर पकड़ते हुए कहा


“फ़िलहाल तुम्हे कुछ नहीं करना है सौंदर्या , मीरा का ख्याल रखो और इतना ख्याल रखो कि वो भूलकर भी व्यास फॅमिली में वापस ना जाये। एक बार अक्षत मीरा अलग हो जाये उसके बाद ये कम्पनी भी हमारी और भाईसाहब की सब दौलत भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,विवान सिंह ने कुछ सोचते हुए कहा
“मैं कुछ समझी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने असमझ की स्तिथि में कहा
“वक्त आने पर समझ जाओगी तब तक मैंने जो कहा है उस पर ध्यान दो , आओ बैठो,,,,,,,,,,!!”,विवान सिंह ने गाड़ी का दरवाजा खोलकर अंदर बैठते हुए कहा और सौंदर्या को साथ लेकर वहा से निकल गया

सुबह सुबह निधि हनी को साथ लेकर घर से निकल गयी। निधि कहा जा रही है हनी को कुछ पता नहीं था लेकिन वह निधि से इतना प्यार करता है कि उसके कहने भर से उसके साथ चला आया। गाड़ी चलाते हुए हनी ने एक दो बार निधि की तरफ देखा परेशानी निधि के चेहरे से साफ झलक रही थी। हनी उस से पूछकर उसे और परेशान करना नहीं चाहता था इसलिए चुपचाप गाडी चलाता रहा। कुछ देर बाद गाड़ी अमर सिंह के घर के सामने आकर रुकी तो हनी खुद को रोक नहीं पाया और निधि से पूछा,”निधि ये तो मीरा के पापा का घर है , हम लोग यहाँ क्यों आये है ?”


“मीरा से मिलने”,निधि ने अपनी ख़ामोशी तोड़ते हुए कहा
“बट आई थिंक मीरा तो तुम्हारे घर होगी ना तो फिर हमे तुम्हारे घर जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,!!”,हनी ने कहा
“नहीं हनी मीरा यहाँ है , अर्जुन भैया ने हम से झूठ कहा ,, मीरा पिछले कई दिनों से अपने पापा के घर है। मेंरा उस से मिलना बहुत जरुरी है हनी ,, मीरा किसी की बात नहीं सुन रही शायद वो मेरी बात सुने,,,,,,,,!!”,निधि ने उदास होकर कहा


“अगर ऐसा है तो मैं भी साथ चलता हूँ , मैं रिश्ते और उम्र में उनसे छोटा हूँ पर मुझे भरोसा है वो मेरी बात सुनेगी,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,हनी ने निधि के हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा
“नहीं हनी तुम यही रुको मैं मीरा से मिलकर आती हूँ , भाभी से पहले वो मेरी दोस्त है हो सकता है दोस्त समझकर ही वो मुझे सब बता दे। मैं मीरा से मिलकर आती हूँ।”,कहकर निधि गाड़ी से उतरी और अमर सिंह के घर की तरफ बढ़ गयी।

निधि की किस्मत अच्छी थी कि इस वक्त गार्ड दरवाजे पर नहीं था निधि अंदर चली आयी। जैसे ही निधि घर की तरफ जाने लगी वहा खड़े गार्ड ने उसे रोक लिया और कहा,”ए कौन हो तुम और अंदर कहा जा रही हो ?”
“नमस्ते ! मेरा नाम निधि है मैं मीरा से मिलने आयीं हूँ , मुझे अंदर जाने दीजिये या आप मीरा को यहाँ बुला दीजिये वो मुझे देखते ही जान जाएगी।”,निधि ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
“देखो किसी भी बाहर वाले का मीरा मेडम से मिलना मना है। तुम अंदर नहीं जा सकती”,गार्ड ने निधि को रोकते हुए कहा


“क्यों नहीं जा सकती ? मीरा मेरी भाभी है और वो मेरी दोस्त भी है ,, मैं उस से क्यों नहीं मिल सकती ?”,निधि ने गुस्से और हैरानी भरे स्वर में कहा
“क्योकि ये बड़े साहब का आर्डर है , मीरा मेडम को किसी से मिलने ना दिया जाये।”,गार्ड ने कहा
निधि ने सूना तो उसे कुछ गड़बड़ लगी लेकिन वह गार्ड की बात कहा सुनने वाली थी उसने गार्ड को साइड किया और अंदर जाने लगी लेकिन गार्ड ने उसे रोक दिया और दोनों में बहस होने लगीं। बाहर शोर सुनकर वरुण अपने कमरे की खिड़की पर आया और अंगड़ाई लेते हुए नीचे देखा।

एक लड़की गार्ड से बहस कर रही थी देखकर वरुण नीचे चला आया और गार्ड से कहा,”क्या बात है सुबह सुबह इतना शोर क्यों मचा रहे हो ?”
“ये लड़की अंदर,,,,,,,,,,,,,,!!”,गार्ड ने इतना ही कहा कि निधि ने गार्ड को साइड कर वरुण के सामने आकर कहा,”माफ़ करना मैं आपको नहीं जानती लेकिन प्लीज मुझे अंदर जाने दीजिये , मैं मीरा की दोस्त हूँ और उसकी ननद भी,,,,,,,,,,,,,मेरा मीरा से मिलना बहुत जरुरी हैं उसके और अक्षत भैया के लिये मुझे उस से मिलना ही होगा,,,,,,,,,,,,,प्लीज आप इस बात को समझिये , इनसे कहिये न मुझे अंदर जाने दे , प्लीज,,,,,,,,,,,,,,,,!!”


कहते हुए निधि ने अपने हाथ जोड़ दिए। वरुण ने सूना तो उसे अहसास हुआ कि उसकी बहन की जिंदगी में कुछ ठीक नहीं चल रहा है इसलिए उसने निधि से कहा,”स्योर तुम उस से मिल सकती हो , दी अंदर है अपने कमरे में”
“थैंक्यू सो मच,,,,,!!”,कहते हुए निधि वहा से अंदर चली गयी


निधि को अंदर जाते देख गार्ड ने परेशानी भरे स्वर में कहा,”वरुण बाबा ये आपने क्या किया ? मेमसाहब को पता चला तो मेरी नौकरी ,, उनका आदेश था कि मीरा मेडम को किसी से मिलने ना दिया जाये ,, अगर उन्होंने इस लड़की को यहा देख लिया तो,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“रिलेक्स , सौंदर्या भुआ से मैं बात कर लूंगा ,, तुम जाकर अपना काम करो।”,वरुण ने कहा और गार्ड को वहा से भेजकर खुद अंदर चला आया।

सौंदर्या और विवान सिंह को गए अभी कुछ ही वक्त हुआ था लौटने में समय लगेगा सोचकर वरुण अपने कमरे में चला आया। अपने कमरे में आकर वरुण बिस्तर पर आकर लेट गया लेकिन नींद ने उसकी आँखों को फिर नहीं छुआ। वरुण उठकर बैठ गया और खुद से ही कहने लगा,”आखिर ये सब चल क्या रहा है  ?
मीरा दी जीजू का घर छोड़कर यहाँ है वो भी ऐसी कैद में कि किसी को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा। उनका बाहर जाना मना है , किसी से बात करना तक मना है और बड़े पापा भी घर में नहीं है।

क्या उन्हें दी की ज़रा भी परवाह नहीं है ? और सबसे अजीब सौंदर्या भुआ वो एकदम से इतनी केयरिंग और अच्छी कैसे हो गयी ? कुछ तो चल रहा है सौंदर्या भुआ के दिमाग में जिसका मुझे पता लगाना होगा,,,,,,,,,,,,,,!!”

कहते हुए वरुण उठा और कमरे से बाहर निकल गया। वरुण की वजह से निधि घर के अंदर आयी और सीधा मीरा के कमरे की तरफ बढ़ गयी। निधि ने दरवाजा खटखटाया और कहा,”मीरा , मीरा दरवाजा खोलो , मीरा मैं हूँ निधि ,, मीरा एटलीस्ट मुझसे तो मिलो मीरा ,, मैं यहाँ तुम्हारी दोस्त बनकर आयी हूँ मीरा दरवाजा खोलो।”
मीरा अपने कमरे में सो रही थी जैसे ही दरवाजे और निधि की आवाज उसके कानों में पड़ी उसका दिल जोरो से धड़कने लगा।

मीरा जल्दी से उठी और दरवाजे की तरफ आयी। उसने दरवाजा खोला सामने निधि खड़ी थी। निधि को देखते ही मीरा की आँखों में आँसू भर आये और तकलीफ से चेहरा लाल हो गया।
“मीरा,,,,,,,,,,,,,,!!”,निधि ने धीरे से कहा
मीरा खुद को नहीं रोक पायी और आगे बढ़कर निधि को कसकर गले लगा लिया। व्यास फॅमिली से कोई उस से मिलने आया है देखकर ही मीरा भावुक हो गयी निधि को गले लगाए मीरा सिसकने लगी। निधि ने देखा तो अपने हाथ से मीरा की पीठ थपथपाने लगी। अपनी इकलौती दोस्त को इस हाल में देखकर निधि का भी मन भारी हो गया।


मीरा निधि से दूर हटी वह कुछ कहती इस से पहले निधि ने कहा,”चलो मीरा !”
“कहा ?”,मीरा ने कहा
निधि ने मीरा की आँखों में देखा और कहा,”तुम्हारे अपने घर मीरा”

मीरा ने कुछ नहीं कहा वह बस खामोश खड़ी निधि को देखते रही और निधि मीरा के जवाब के इंतजार में थीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!

Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12

Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12 Haan Ye Mohabbat Hai – 12

Continue With Part Haan Ye Mohabbat Hai – 13

Read Previous Part Here हाँ ये मोहब्बत है – 11

Follow Me On facebook youtube

संजना किरोड़ीवाल

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!