Sanjana Kirodiwal

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बेनाम सा एक रिश्ता

Benam Sa Ak Rishta

Benam Sa Ak Rishta

Benam Sa Ak Rishta by Sanjana Kirodiwal

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Benam Sa Ak Rishta

ये कहानी दो लोगो की जो एक बार अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहते है , जिन्हे अपनी आजादी से बहुत प्यार है लेकिन फिर भी दोनों बंदिशों में कैद है एक था मैं पंजाब से जिसका नाम है राजवीर , पंजाबी फॅमिली का लड़का जिसे घूमने फिरने का बहुत शौक है जो की साल के 6 महीने घर से बाहर ही रहता है ,,

अपनी जिंदगी अपने तरीके से जीना चाहता था लेकिन बंदिशों में कैद हथा .. दूसरी है राजस्थान की माही , जिसे लिखने का बहुत शौक है अपनी सोच और अपने ख्वाबो को वो अक्सर डायरी के पन्नो पर सजाया करती थी ,, उसे भी एक बार जिंदगी अपने हिसाब से जीनी थी

पर माही तो मुझसे से भी ज्यादा कैद थी .. लड़की जो थी पर जिंदगी एक मौका सबको देती है

अपने लिखने के शौक की वजह से माही हमेशा फेसबुक पर एक्टिव रहती , कई लोग उसे फॉलो भी करते थे लेकिन वो ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी उसका मानना था हर रिश्ता स्वार्थ का दूसरा रूप है .. पर उसके कुछ अच्छे दोस्त भी थे जो की राजस्थान से बाहर के थे ,,

माही को ज्यादा घूमने फिरने की इजाजत नहीं थी , इसलिए अपना सारा वक्त वो लिखने में गुजार देती थी … मुझसे मुलाकात भी उसकी फेसबुक पर हुयी , मैं काफी दिनों से फेसबुक पर फॉलो कर रहा था

माही ने एक दो बार मुझसे बात की और फिर धीरे धीरे दोनों में बाते होने लगी

दोनों की पसंद नापसंद काफी मिलती जुलती थी ,, बातो बातो मे एक दिन माही ने बताया की उसे

मरने से पहले एक बार गोवा देखना है ,

मैंने उसे गोवा घुमाने को कहा तो माही ने बताया की किस कदर उसे इतनी आजादी नहीं है की वो अकेले कही जा सके

एक छोटे शहर से थी जहा लड़कियों का बाहर अकेले घूमना सही नहीं माना जाता ,, पर माही को जाना था बस उसे सही वक्त का इन्तजार था , और वो वक्त जल्दी आ भी गया माही की दोस्त काव्या की शादी तय हो गयी उसने काव्या को 10 दिन पहले आने को कहा माही अपनी माँ के पास गयी और जाकर उनके घुटनो के पास बैठ गयी , इस से पहले उसने शायद ऐसा कुछ नहीं किया था माँ को बड़ा अजीब लगा

उन्होंने माही के सर पर हाथ फिराते हुए कहा – क्या हुआ तुझे , कोई परेशानी है

माही ने धीरे से कहा – मम्मी , मैंने आज तक आपके किसी भी फैसले के लिए इंकार नहीं किया हमेशा आपकी बात मानी है , कानपुर में मेरी दोस्त काव्या की शादी है प्लीज़ मुझे उसकी शादी में जाने दीजिये , वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त है वहा मेरे और भी दोस्त है उनके साथ कुछ दिन वक्त बिताने दीजिये प्लीज़ माँ ,, बस एक बार मुझे ये जिंदगी अपने हिसाब से जीने दीजिये प्लीज़ माँ , उसके बाद में कभी आपसे कुछ नहीं मांगूगी ..

बोलते बोलते ना जाने क्यों उसकी आँखे भर आयी

माँ ने कुछ नहीं कहा , माही समझ चुकी थी उठकर अपने कमरे में चली गयी आंसू उसकी आँखों से बरबस ही बहते जा रहे थे किस को दोष दे वो अपनों को , या इस समाज को जिसने ये धारणा बना रखी है की लड़किया कही नहीं जा सकती .. क्या उन्हें हक़ नहीं है खुश रहने का अपने सपनो को पूरा करने का ,, पर माही जानती थी उसके सवालों के जवाब किसी के पास नहीं है ,, कमरे की दिवार पर बने पिंजरे में कैद उस पक्षी को देखती रही , वो भी तो ऐसे ही कैद थी ..

शाम को माँ उसके कमरे में आयी तो उन्होंने माही को एक बैग देते हुए कहा – इसमें शादी में पहनने के लिए तुम्हारी पसंद की साड़ी है , और हां जल्दी आ जाना

माही ने कुछ नहीं कहा बस माँ को गले लगा लिया ..

जानती हु मैंने हमेशा तुम्हारे साथ सख्ती की है , तुम्हे बांध के रखा कभी समाज के नाम पर कभी मज़बूरी के नाम पर , मैं कभी तुमसे तुम्हारी आजादी नहीं छीनना चाहती थी बेटा पर अकेली माँ हु ना बहुत कुछ देखकर चलना पड़ता है ,,,

माँ ने उसके सर पर हाथ फिराते हुए कहा ..

माही खुश थी

कब जाना है – माँ ने पास रखी कुर्सी पर बैठते हुए कहा

कल शाम को निकलना है – माही ने कहा और दिवार पर बने उस पिंजरे का खुला दरवाजा बनाने लगी और उसके आगे एक आजाद पक्षी

ये क्या बनाया है – माँ ने पूछा

आज आपने भी मुझे आजाद कर दिया माँ , भरोसा रखिये मैं जल्दी लौट आउंगी ..

माही ने काव्या को फोन किया और उसे आने के बारे में बताया , अपने बाकि दोस्तों को भी फोन कर दिया ..

माही के दोस्त रवि , काव्या , मेघना ने गोवा जाने का प्लान बनाया चुकी शादी 6 दिन बाद थी इसलिए सब एक बार साथ

वक्त बिताना चाहते थे प्लान एकदम रेडी था सबको गोवा एयरपोर्ट पर मिलना था माही ने जब मुझे बताया तो मैंने भी सबको ज्वाइन करने का पूछा पहले तो माही ने कुछ नहीं कहा लेकिन बाद में आने को बोल दिया ..

मैंने गोवा बहुत बार देखा था लेकिन माही से मिलने के लिए एक बार फिर आना चाहता था अगले दिन माही पूरी तैयारी के साथ घर से निकल गयी ,, गोवा एयरपोर्ट पर पहुंचकर उसने काव्या को फोन किया

– हेलो , कहा हो तुम लोग ?

– सॉरी यार हम लोग तुझे बताना भूल गए थे , पापा ने मुझे अनंत (होने वाला पति) के साथ वैष्णो देवी दर्शन करने भी दिया है और रवि और मेघना भी मेरे साथ है ,

– तुम लोग पागल हो क्या मुझे यहां अकेले क्यों बुलाया ? – माही की हालत रोने जैसी हो गयी

– सॉरी यार , तू सिर्फ आज आज वहा कही होटल में एडजस्ट कर ले , हम लोग सीधा वही पहुँच जायेंगे प्लीज़ प्लीज़ आने के बाद चाहे जितनी गालिया दे देना

– पर मैं अकेली , कुछ जानती भी नहीं यहां //

– अरे !! वो तुमने बताया था ना , वो तुम्हारा दोस्त राजवीर वो भी तो आने वाला था वहा , तू उसे बोल वो तेरे लिए अच्छी जगह का इंतजाम कर देगा .. – काव्या ने कहा

माही चुपचाप सुनती रही फिर काव्या ने कहा – अच्छा मैं तुम्हे बाद में फ़ोन करती हु अभी फोन बंद होने वाला है अपन ध्यान रखना – कहकर काव्या ने फोन काट दिया

माही पास रखी बेंच पर बैठ गयी और सोचने लगी – क्या करू ? वापस घर गयी तो दोबारा ये मौका नहीं मिलेगा , कानपूर भी नहीं जा सकती वहा तो किसी को जानती भी नहीं ,, राजवीर के साथ भी नहीं जा सकती ऐसे कैसे किसी लड़के पर भरोसा कर सकती हु .. अकेली भी तो हु .. ये काव्या भी ना हमेशा लास्ट वक्त पर मुझे फसा देती है ….

वो परेशान सी काफी देर वही बैठी रही

मैं बाहर खड़ा सबका इंतजार कर रहा था जब काफी वक्त हो गया तो मैंने उसे मेसेज किया

Ihii कहा हो सब लोग मैं एक घंटे से एयरपोर्ट के बाहर सबका वेट कर रहा हु

. माही उठकर एयरपोर्ट के बाहर आ गयी

मैं उसके सामने ही खड़ा था , मैंने हाथ हिलाया तो वो मुझे पहचान गयी उसने काले रंग का पंजाबी सूट पहन रखा था साथ में लाल रंग का दुपट्टा , कानो में झुमके , वो एकदम इंडियन लड़की लग रही थी वो धीरे धीरे चलके मेरी तरफ आ रही थी

मैंने सोचा गोवा में वो वेस्टन कपड़ो में आएगी पर वो मेरी सोच से बिलकुल अलग सीधी साधी लड़की थी ,, खैर मेरा नजरिया गलत नहीं था ,,वो मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी और हिचकिचाते हुए कहा – आप राजवीर ?

हाँ – मैंने मुस्कुराते हुए अपना हाथ आगे बढ़ा दिया

वो थोड़ी परेशान लग रही थी मेरे पूछने पर उसने मुझे सब बात बता दी ..

अगर तुम मुझ पर भरोसा कर सको तो , जहा मैं रुकने वाला हु वहा मेरे साथ चल सकती हो ,, तब तक तुम्हारे सब दोस्त भी आ जायेंगे – मैंने उसकी परेशानी समझते हुए कहा

उसने कोई जवाब नहीं दिया तो मैंने फिर कहा – अगर वापस जाना है तो मैं तुम्हारी वापसी की टिकट करवा देता हु

नहीं नहीं उसकी कोई जरूरत नहीं है , आप मुझे होटल तक छोड़ दीजिये – उसने कहा

मैंने टैक्सी रुकवायी और उसका सामान रख उसके साथ होटल आ गया .. उसे बैठने को कहकर मैं रिसेप्शन पर गया और दो अलग अलग रूम बुक करवाए ताकि उसे उनकंफर्टबले फील न हो , चाबी लेकर उसके रूम में पहुंचे उसका और मेरा रूम पास पास ही था ,,

तुम फ़्रेश हो जाओ तब तक मैं आता हु – कहकर मैं अपने रूम में आ गया , मैंने दो कप चाय ऑडर की और नहाने चला गया नहाने के बाद सफर की सारी थकान दूर हो चुकी थी और चाय भी आ चुकी थी मैं चाय लेकर माही के कमरे में गया वो खिड़की के पास खड़ी बाहर देख रही थी

मैंने चाय टेबल पर रखते हुए कहा – माही , चाय

वो सामने आकर बैठ गयी मैंने उसे चाय का कप देते कहा – तुम्हारी परेशानी कम हुयी

हां , मैं ठीक हु , वो थोड़ा डर गयी थी – उसने चाय पिते हुए कहा

वो इतने इत्मीनान से चाय पी रही थी की मैं उसे देखे बिना नहीं रह सका , चाय पीकर उसने कप रखते हुए कहा

– मैंने काव्या को फोन किया था वो लोग कल शाम तक यहाँ आएंगे तब तक मैं क्या करुँगी

मेरे साथ चलो समंदर देखने अभी मैं वही जा रहा हु , और वैसे भी जब तक वो लोग नहीं आते तब तक तुम घूम लो जब वो आये तो फिर से घुम लेना – मैंने चाय ख़त्म करते हुए कहा

ठीक है मैं तुम्हे थोड़ी देर बाद निचे मिलती हु – कहकर वो बैग से सामान निकालने लगी तभी तक डायरी निचे गिरी मैंने उसे उठाकर देखा उसपे लिखा था “मेरी आखरी मोहब्बत”

मैंने उसे डायरी देते हुए कहा – ये क्या है

ओह्ह !! ये मेरा पहला नावेल है , मैं इसे पब्लिश करने की सोच रही हु – उसने मुस्कुराते हुए कहा

क्या मैं इसे पढ़ सकता हु – मैंने कहा

हां , पर पब्लिश होने के बाद ,, शादी से फ्री हों के बाद मुझे इस पर थोड़ा काम और करना है उसके बाद इस पब्लिश करुँगी लेकिन प्रॉमिस करती हु पहली बुक तुम्हे ही भेजूंगी – कहकर उसने वो डायरी वापस अपने बैग में रख दी

ठीक है मैं इंतजार करूँगा , निचे मिलते है – कहकर मैं कमरे से बाहर निकल गया

मैं निचे उसका इन्तजार कर रहा था मौसम अच्छा था शायद बारिश भी हो सकती थी , कुछ ही देर में वो निचे आ गयी और हम दोनों गोवा के समंदर किनारे पहुंच गए , वहा बहुत से लोग थे सब अपने आप में मस्त ,,

माही के साथ होने से मुझे सिर्फ एक ही समस्या आयी वो ये की मैं वहा ड्रिंक नहीं कर सकता था क्युकी उसे पसंद नहीं थी खैर मैंने दोनों के लिए जूस आर्डर किया और किनारे पर बैठ गए

माही आती जाती लहरों को देख रही थी , शाम का समय था इस समय समंदर और भी खूबसूरत लगता है ,, और अगर बारिश का मोसम हो तो फिर क्या कहने , घंटो वही बैठे रहे लेकिन दोनों में कोई बात नहीं हुयी तो मैंने ही शुरुआत करते हुए कहा

– कैसा लगा गोवा ?

– बहुत खूबसूरत , इस से भी खूबसूरत ये समंदर …

– सो तुम्हारी एक विश तो पूरी हो गयी यहाँ आने की

– हां , उसके लिए तुम्हे भी थैंक्यू …

– योर वेलकम ,,

– तुम्हारी क्या विश है ? उसने अचानक से पूछ लिया

मैंने कुछ देर चुप रहने के बाद कहा – मुझे युरोप जाना है

– इतनी दूर .. आई विश की तुम्हारी विश भी जल्दी पूरी हो जाये

अँधेरा होने लगा था पर लोग कहते है गोआ में कभी रात नहीं होती , यहाँ रात रात भर पार्टी , म्यूजिक , ड्रिंक्स , खाना-पीना सारी रात यु ही चलता था ,,पर माही को ज्यादा शोरगुल पसंद नहीं था उसे शांत जगह ज्यादा पसंद आती थी मुझे भूख लगने लगी थी सुबह से कुछ खाया भी नहीं था ,, घडी में टाइम देखा तो 11 बज रहे थे मैंने माही से चलने को कहा तो उसने कहा पैदल चलते है खाना बाहर ही कही खा लेंगे

दोनों समंदर से दूर सड़क किनारे आ गए और चलने लगे , माही ने बताया ये उसकी दूसरी विश थी रास्ते भर वो मुझे अपने बचपन से लेकर बड़े होंने तक के किस्से सुनाती जा रही थी जितना अच्छा वो लिखती थी उतना अच्छा बोलती भी थी मैं बस उसकी बाते सुनता जा रहा था ,, जितनी परेशान वो सुबह थी अब बिलकुल नहीं लग रही थी , हमने खाना खाया कुछ देर वही बैठे रहे और फिर वापस होटल की तरफ निकल गए ,, रात काफी हो चुकी थी ठण्ड भी कुछ कुछ बढ़ रही थी ,,

एक अच्छे लड़के की तरह मैंने अपना जैकेट उसकी तरफ बढ़ाया तो उसने जो कहा मुझे हंसी आ गयी

उसने कहा – माना की मर्द को दर्द नहीं होता पर ठण्ड लगती है

ये जाकिर खान की एक विडिओ का डायलॉग था और मैं उनका बहुत बड़ा फैन था , खैर मैंने जैकेट वापस पहनने में ही अपनी भलाई समझी , उसने अपना स्कार्फ़ अपने चारो और लपेट लिया ,, होटल पहुंचकर वो अपने कमरे में चली गयी थकान की वजह से मुझे भी बहुत नींद आ रही थी मैं बिस्तर पर गिरते ही सो गया ..

सुबह देर तक सोता रहा , उठा तो सुबह के 9 बज रहे थे , मैं उठकर खिड़की की तरफ मुँह करके खड़ा बाहर देख रहा था आज भी मौसम अच्छा था , मेरी किस्मत अच्छी थी पहली बार यहा का मौसम बदला हुआ था

माही चाय के दो कप लिए मेरे कमरे में आयी मुझे देखते ही अचानक सॉरी सॉरी सॉरी बोलते हुए पलट गयी

उसकी गलती नहीं थी दरअसल में सिर्फ लोवर पहने खड़ा था उसके ऊपर एकदम खाली मैंने जल्दी से अपना टीशर्ट पहना

और माही से सॉरी बोला

चाय पीकर वो अपने कमरे में चली गयी , मुझे शर्म आ रही थी उसके सामने जाने में … नहाकर तैयार होकर मैं उसके कमरे के सामने खड़ा था , वो बाहर नहीं आयी तो मैं अंदर चला गया वो परेशान सी रूम में इधर उधर घूम रही थी पूछने पर बताया

काव्या आज शाम को नहीं आ रही उन लोगो ने प्लान कैंसिल कर दिया और कहा है की वो कल शाम यहाँ आकर रात को ही वापस मुझे साथ लेकर कानपुर जा रहे है , – उसने परेशान होते हुए कहा

हां तो इसमें परेशानी की क्या बात है – मैंने बैठते हुए पूछा

अगर घरवालों को पट चला माँ कानपुर के बजाय गोआ में हु वो भी एक लड़के के साथ तो पता नहीं मेरे साथ क्या होगा – उसने खिडकी के बाहर देखते हुए कहा

तुम मुझपे भरोसा कर सकती हो , मैं तुम्हारे सम्मान पर कोई आंच नही आने दूंगा – मैंने उसे समझाया क्युकी उसका अकेले कानपुर जाना भी इस वक्त ठीक नहीं था मैंने उसे एक दिन और रुकने को कहा .. उसने कुछ नहीं कहा उसका मूड बदलने के लिए मैं ने उसे बाहर चलने को कहा तो उसने मना कर दिया मेरे जिद करने पर वो मेरे साथ जाने को तैयार हो गयी

पहले हमने थोड़ी शॉपिंग की और गोआ की गलियों में घूमते रहे ,, माही के साथ साथ मौसम भी मेरा साथ दे रहा था

घूमते हुए जब दोनों सड़क पर आ गए तो माही आइसक्रीम खाने की जिद करने लगी बच्चो की तरह दौड़कर आइसक्रीम वाले के पास गयी और खरीद कर खाने लगी मैं बस दूर खड़ा मुस्कुरा रहा था .. अचनाक उसने अपने आस पास घूम रहे सभी बच्चो को बुला लिया और खुद उनके बिच घुटनों पर बैठकर सबके साथ we want ice-creem के नारे लगाने लगी

खैर उसकी ख़ुशी के लिए मुझे सबको आइस क्रीम खिलानी पड़ी , इंसान कितना भी बड़ा हो बच्चो के साथ बच्चा बन ही जाता है ,,, उसे इतना खुश आज ही देखा था मैंने ..

जब उसे चलने को कहा तो उसने और आइस क्रीम ले ली और खाते हुए साथ चलने लगी

इतना आइस क्रीम खाओगी तो गला ख़राब हो जायेगा – मैंने उसे आँखे दिखाते हुए कहा

वो लापरवाह सी मेरी बात सुने बिना चली जा रही थी , फिर रुकी और कहा – तुमने कहा था ना यहाँ कोई रोक टोक नहीं होगी

मैं चुप हो गया

सही तो कह रही थी वो यही तो उसकी आजादी थी , और यहाँ मैं उसे रोक रहा था

मैंने बात बदल दी – तुम्हे बच्चे बहुत पसंद है न

हां बहुत – वो एकदम से मेरे सामने आ गयी लेकिन दुसरो के – कहकर वो हस्ती हुयी मुझसे आगे चली गयी

पागल – मेरे मुँह से यही निकला उस वक्त !!

आज वो मुझे बिल्कुल अलग लग रही थी , ना परेशान थी , ना झिझक , ना किसी का डर बेपरवाह सी जैसे कोई परिंदा पिंजरे से कैद होकर आसमान में अठखेलिया करता है वो भी उसी तरह चहक रही थी , अपनी बंदिशों को तोड़कर बाहर घूम रही थी ,, उसे हँसता हुआ देख मुझे अच्छा लग रहा था

अचानक बारिश होने लगी माही गायब थी मैंने इधर उधर देखा नहीं मिली मैं घबरा गया उसे ढूंढने लगा तो देखा वो एक कोने में खड़ी है बारिश से बचने के लिए मैं भागता हुआ उसके पास गया बुरी तरह भी चूका था उसने खिसक कर मुझे भी खड़े होने की जगह दे दी ,, पहली बार वो मेरे बहुत करीब थी बारिश और तेज हो गयी ,,

तुम्हे तो बारिश बहुत पसंद है ना तो फिर यहां क्यों छुप रही हो – मैंने अपनी हथेलियाँ आपस में रगड़ते हुए कहा

हां पसंद है , लेकिन क्या फायदा भीगूँगी तो तुम रोकोगे जैसे माँ रोकती है हमेशा इसलिए मैं सिर्फ देख के खुश हो जाती हु – उसने मासूमियत से कहा

उसकी बाते सुनकर मुझे अहसास हुआ की वो सच में कितना जकड़ी हुयी है , मैंने उसे इशारे से जाने को कहा एक बड़ी सी मुस्कान उसके होठो पर आ गयी ,, मेरे कहने की देर थी वो पालक झपकते मेरे सामने थी बारिश में भीगने लगी ,, फिर अचनाक मेरे पास आयी और मेरा हाथ पकड़कर मुझे भी ले गयी अपने साथ .. उस दिन मैंने उसे नहीं रोका तब तक जब तक बारिश रुक नहीं गयी

भीगने के बाद वापस होटल आ गए चेंज करने के बाद खाना रूम में ही मंगवा लिया दोनों साथ ही खा रहे थे , उस से मिल के लग रहा था जैसे उसे अरसे से जानता हु ,, खाना खाकर वो अपने रूम में चली गयी मैं भी टीवी देखने लगा .टीवी देखते देखते मुझे नींद आ गयी . शाम को 7 बजे आँख खुली तो माही भी सो रही थी उसे कैसे उठाऊ समझ नहीं आ रहा था

अचानक मैंने जोर से कहा – माही तेरी मोम आ गयी है

वो हड़बड़ाकर उठ गयी उसने कमरे में चारो तरफ नजर घुमाई कमरे में मेरे अलावा कोई नहीं था उसकी शकल देखने लायक थी वो इतना डर गयी जैसे सच में उसकी मम्मी खड़ी हो मुझे हंसी आ गयी मुझे हँसता देख वो समझ गयी उसने पास पड़ा तकिया फेका , कसम से लगते लगते बची .. मेरे सॉरी बोलने पर भी उसने मुझे माफ़ नहीं किया तो मैंने अपने कान पकड़ लिए

और कहां – अच्छा ठीक है तुम जो सजा दो मंजूर है

वो मासूम सिर्फ दिखती थी दिमाग बहुत खतरनाक था उसका मुझसे पूरे 20 उठक बैठक लगवाए तब जाकर माफ़ किया ..

शाम को समंदर किनारे एक पार्टी थी मैंने माही से वहा चलने को कहा

वैसे उसे शोरगुल पसंद नहीं पर आज वो जाने के लिए तैयार हो गयी बस आज की रात और साथ थे हम ,, उसके साथ वक्त का कुछ पता नहीं चल रहा था , वो बहुत पॉजिटिव इंसान थी , और इन सबसे ज्यादा उसका खिलखिलाकर हसना ..

रात को मैं उसके साथ समंदर किनारे पहुंचा बहुत से लड़के लड़किया वहा मौजूद थे ,, सब खुश थे किसी को किसी की परवाह नहीं तभी वहा एक अनाउंसमेंट हुयी एक कपल गेम की

हर कपल को एक दूसरे की फेवरेट चीज लिखनी है जिनका सही हुआ उन्हें “best couple of the night” का अवार्ड मिलेगा !!

गेम अच्छा था सब try कर रहे थे पर किसी का same नहीं आ रहा था ,, लास्ट में मैं और माही बचे थे सब लोग हमे खेलने को बोलने लगे ,

लेकिन हम कपल नहीं है – मैंने जब धीरे से कहा तो उसने मेरे पास आकर कहा – ये बात सिर्फ हम लोग जानते है ये लोग नहीं चलो खेलते है

सब शांत हो गए क्युकी हम लास्ट कपल थे माही और मुझे एक एक पेपर दिया और अपनी फेवरेट चीज लिखने को कहा दोनों ने जवाब लिख के पेपर एंकर को दे दी बाकि लोगो से ज्यादा शोकड मैं और माही थे हम दोनों का जवाब same था “चाय”

वो मुँह फाडे मुझे देख रही थी और मैं उसे .. तालियों के बिच हम दोनों खड़े बस सबको देखे जा रहे थे

अवार्ड लेते हुए हम दोनों को हंसी आ रही थी उसके बाद जो अनाउंसमेंट हुयी मैंने अपना सर पिट लिया सबके सामने मुझे और माही को रोमांटिक गाने पर कपल डांस करने को कहा गया

मरता क्या ना करता वाली हालत थी इतने लोगो के सामने एक लड़की के साथ डांस करना आसान काम है क्या ,, पास खड़े लड़के कमेंट करने लगे

तुमसे नहीं हो रहा तो हमे मौका दे दो –

दिल तो किया अभी जाकर एक घुसा उसके मुँह पे मारु पर माही के सामने ऐसा कुछ नहीं करना चाहता था अचानक माही आयी और मेरा हाथ पकड़ कर डांस के लिए लेकर गयी

she is a realy good dancer मैं बस उसकी आँखों में देखे जा रहां था ,, जो लोग अब तक कमेंट कर रहे थे अब सब मुँह फाडे हमे देख रहे थे

मैं सब भूल गया माही के अलावा मुझे वहा और कुछ दिखाई नहीं दे रहा था .. तालियों की आवाज से मेरी तन्द्रा टूटी

हम दोनों भीड़ से थोड़ अलग आ गए पार्टी जारी थी फ़ोन लगातार बजे जा रहा था मम्मी का फोन था

मैंने माही से वही रुकने को कहा और बात करने के लिए थोड़ी दूर आ गया

मैं बात कर ही रहा था की तभी क्राउड से अजीब सी आवाजे रही थी फोन रख के वहा पहुंचा तो एक लड़की म्यूजिक सिस्टम वाले से झगड़ रही थी , अँधेरे की वजह से मुझे कुछ साफ दिखाई नहीं दिया तो थोड़ा आगे गया ,, माही टेबल पे चढ़ के चिल्ला रही थी

i want play sapna choudhary song right now

10 मिनिट पहले मैं एक सीधी साधी लड़की को यहाँ छोड़ के गया था और अब उसका दूसरा ही रूप देखने को मिल रहा था

मैंने उसे निचे आने को कहा उसके मुँह से व्हिस्की की स्मेल आ रही थी , व्हिस्की जिस लड़की को शराब से सख्त नफ़रत है वो व्हिस्की पि रही है

मैंने गुस्से में पूछा – तुमने ड्रिंक है

मैंने , नहीं की उन लोगो ने पिलाया , जबरदस्ती – उसने उंगली से दूसरी तरफ खड़े लड़को की तरफ इशारा किया जो की माही की हालत पर हंस रहे थे

उन्होंने बोला ये पिने से सरदर्द ठीक हो जायेगा – वो लड़खड़ाते हुए बोल रही थी

मुझे उन लड़को पर गुस्सा आया मैं उनके पास गया तो माही पीछे से चिल्लाने लगी – yes yes fight नाक तोड़ दो उसका

माही के इतना बोलते ही उनमे से एक लड़का आगे आया और मुझसे कहा – क्यों बे मारने आया है , मरेगा

देखो बॉस मुझे किसी से झगड़ा नहीं करना , लड़की के साथ इस तरह बदतमीजी नहीं करनी चाहिए थी – मैंने आवाज सख्त करके कहा तो उसने मुझे धक्का मारा

मुझे गुस्सा आ गया और मैंने एक घुसा सीधा उसके नाक पे दे मारा वो दूर जा गिरा माही दौड़कर मेरे पास आयी

मुझे होश आया की मैंने क्या किया मैंने माही से कहा – अब क्या करे वो उठ के मरेगा मुझे

माही ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा – करना क्या है स्टुपिड , भागो यहाँ से

उसके बाद हम दोनों जो भागे है वहा से हमे भी होश नहीं था हम कहा आ गए बस भागे जा रहे थे फिर अचानक रुक गए मैंने पीछे मुड़कर देखा कोई नहीं था हम बेवजह भागे जा रहे थे ,,

फट्टू – उसने कहा तो मुझे हसी आ गयी

पर भागने के लिए तो तुमने कहा था न – मैंने हाँफते हुए कहा तो वो हसने लगी अपनी बेवकूफी पे

उसे हँसता देख मैं भी जोर जोर से हंसने लगा , दोनों बस हँसे जा रहे थे ,,,,

रात के 2 बज रहे थे , सड़क पर बिलकुल सन्नाटा और दो पागल बस हसे जा रहे थे ,,, खुद पे एक दूसरे पे सारी दुनिया पे

मैं नहीं जानता था हम उस वक्त कहा थे सामने समंदर था और एक चौड़ी सी दिवार

माही जाकर उस दिवार पर चढ़ गयी और जोर से चिल्लाने लगी – i love you goa

मैं भी वहा जाकर बैठ गया और उसका हाथ पकड़कर उसे अपने पास बैठा लिया

कुछ देर बाद उसने कहा – तुम्हे पता है मुझे दुनिया में सिर्फ दो ही चीजों से नफरत है एक शराब और दूसरे मेरे पापा

i hate him , बहुत नफरत करती हु मैं उनसे दुनिया में सबसे ज्यादा – उसकी आवाज में ठहराव था , आँखों का दर्द चेहरे पर साफ नजर आ रहा था ,,

उसने अपना सर मेरे कंधे पर रख रख दिया और कहना जारी रखा – उन्होंने मुझे कभी प्यार नहीं किया , जब भी मुझे उनकी जरूरत थी वो कभी मेरे साथ नहीं रहे मेरे सब दोस्तों के पापा उनके साथ रहते है उनसे प्यार करते है , पर मेरे पापा को कभी मेरा ख्याल नहीं आया ,,

वो मेरी माँ से भी प्यार नहीं करते थे और फिर जब मैं 16 की थी तब वो घर छोड़कर दूसरे शहर चले गए हमेशा हमेशा के लिए ,, जिंदगी में मुझे जिस वक्त उनकी , उनके प्यार की उनकी केयर की सबसे ज्याद जरुरत थी तब उन्होंने मेरा साथ नहीं दिया … मर चुके है वो मेरे लिए वो सिर्फ मेरी माँ के पति है मेरे पिता नहीं …

उसकी आँखों से आंसू झलक आये

अनजाने में ही सही उसने अपन जिंदगी का सबसे बड़ा दर्द मेरे सामने रख दिया था वो

वैसे ही मेरे कंधे पर अपना सर टिकाये समंदर को निहारती रही और फिर नींद के आगोश में चली गयी , सोते हुए उसके चेहरे पर आये सुकून को महसूस कर सकता था मैं , मैंने उसे नहीं जगाया

नींद मेरी आँखों से कोसो दूर थी मैं बस सूरज के निकलने का इन्तजार करने लगा , माही की विश थी उसे समंदर किनारे उगता सूरज देखना था , वो भी पूरी हो गयी सुबह उसकी आँखे खुली तो उसके सामने उगता सूरज था , जितने प्यार से वो देख रही थी मैने उसे कैमरे में कैद कर लिया , मेरे फोन में उसकी ये पहली तस्वीर थी ,, सुबह की चाय भी हमने वही पी

थोड़ी देर बाद हम होटल लौट आये आज उसे वापस जाना था , वो आते ही सो गयी ,, उसके सर के निचे तकिया लगाकर मैं वापस अपने कमरे में आ गया ,, दोपहर जब खाने के लिए बुलाने गया तब वो फोन पर किसी से बात कर रही थी .. मैं वापस चला आया कुछ देर बाद वो मेरे कमरे में आयी खाना खाया और वही बैठ गयी

जा रही हो – मैंने पूछा

हां , रात की 9 बजे की ट्रैन है – उसने मुस्कुरा कर कहा

– अब तो खुश हो , तुम्हारी सभी विश पूरी हो गयी

– हां पर एक लास्ट विश बाकि है , जल्द ही पूरी हो जाएगी – उसने जवाब दिया

लास्ट बार जाने से पहले समंदर किनारे चलोगी – मैंने उसकी तरफ देख कर पूछा

उसने उठते हुए कहा – हां जरूर , अभी मैं चलती हु मुझे पैकिंग करनी है

कहकर वो चली गयी ,

शाम को एक फिर वो मेरे साथ समंदर किनारे थी कुछ देर बैठे रहने के बाद उसने अपने बैग से एक डायरी निकाली और उसमे कुछ लिखने लगी लिखन के बाद पेपर फाड़कर उसे एक बोतल में डाल कर ढक्कन लगा दूर समंदर में फेक दिया

मुझे कुछ समझ नहीं आया ,

– ये क्या था – मैंने पूछा

मैंने कही पढ़ा था इस से विश जल्दी पूरी होती है – उसने मुस्कुराते हुए कहा

मतलब इसमें तुम्हारी आंखरी विश है – मैंने पूछा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया

8 बज चुके थे उसे स्टेशन भी छोड़ना था , वो सामान लेकर होटल से बाहर आयी कुछ ही देर में हम स्टेशन पहुंच गए माही के सब दोस्त वहा पहले से मौजूद थे ट्रेन आ गयी सब जाकर अंदर बैठ गए माही अब भी मेरे सामने खड़ी थी उसने बैग से एक लिफाफा निकाला और मुझे देकर खोलने को कहा

मैंने लिफाफा खोला उसमे यूरोप के किसी होटल का कॉल लेटर और प्लेन की टिकट थी

मुझे कुछ समझ नहीं आया मैंने माहि की तरफ देखा तो वो मुस्कुर रही थी

यूरोप के होटल में तुम्हे 2 साल के लिए शैफ की नौकरी मिली है – मेरी परेशानी समझते हुए उसने मुझे बताया

लेकिन ये हुआ कैसे – मैंने फिर पूछा

उस होटल का मालिक इंडियन है के उसको मैंने अपने नावेल के रायट्स बेच दिए और बदले मे उसने तुम्हे

नौकरी ऑफर की है , तुम्हारी विश पूरी हो जाएगी अब – उसने मेरी तरफ देखते हुए कहां

मेरी विश के लिए तुमने अपना नावेल किसी और के नाम कर दिया , मुझे यूरोप जाना है पर ऐसे नहीं ,तुम्हारा हक़ छीनकर नहीं

शशशशशशशश ! तुम यूरोप जा रहे हो बस – उसने मुझे चुप कराते हुए कहा

क्यों किया तुमने ऐसा ? – मैंने उसे पूछा

तुमने मेरी इतनी विश पूरी की और मैंने तुम्हारी विश पूरी कर दी ,और वैसे भी लिखना मेरे खून में है और अभी सारी जिंदगी पड़ी है मेरे पास लिखने के लिए , एक नावेल तुम्हारे विश के सामने कुछ भी नहीं है – वो बोले जा रही थी

क्या रिश्ता है हमारा – अचानक मेर मुँह से ये बात निकल गयी

वो मेरे थोड़ा नजदीक आयी और मेरी आँखों में देखकर कहा – कुछ रिश्तो के नाम नही हुआ करते , वो बेनाम ही अच्छे लगते है ,,,,,

ट्रैन ने हॉर्न दे दिया उसने अपना बैग उठाया और जाने लगी जाते जाते उसने पलटकर देखा और अपना हाथ हिला दिया .. वो चल गयी और मैं लिफाफा पकडे वही खड़ा रहा , जब ट्रेन आँखों से ओझल हो गयी तब लौट आया

कुछ अच्छा नहीं लग रहा था , मेरी एक विश के लीए उसने इतना बड़ा फैसला ले लिया एक बार भी अपने बारे में नहीं सोचा

बाहर जाने का भी मन नहीं हुआ न खाने का बिस्तर पर लेट गया ..

अगले दिन मुझे भी निकलना था जाने से पहले एक बार समंदर पर जाने का मन किया तो निकल गया उस और चलते चलते अचानक पेरो में कुछ आया वो ही बोतल जिसमे माही ने पर्ची डाली थी

मैंने पर्ची निकाली उस पर लिखा था

“मेरी आखरी विश यही है की उसकी विश पूरी हो जाये क्युकी वो बहुत अच्छा इंसान है”

mahii

पागल – मेरे मुँह से सिर्फ यही निकला !

वो मेरे लिए क्या थी मैं नहीं जानता पर जाते जाते वो मुझे जीना सीखा गयी …..

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समाप्त

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Sanjana Kirodiwal

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Benam Sa Ak Rishta
Benam Sa Ak Rishta by Sanjana Kirodiwal

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