Sanjana Kirodiwal

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एक दर्द अपना सा – 5

Ak Dard Apna Sa – 5

Ak Dard Apna Sa – 5

मिस्टर मित्तल ने केस वापस लेकर मुझे छोड़ देने को कहा ..
अवनि मेरे पास आयी और कहा – आपने मेरे लिए जो कुछ भी किया , उसे मैं कभी भूल नहीं पाऊँगी .. लेकिन मैं आपकी मौत की जिम्मेदार नहीं बनना चाहती ,, प्लीज़ यहाँ से चले जाईये और दोबारा कभी यहां आने की कोशिश मत करना ..मेरी आजादी आपकी जिंदगी से बढकर नहीं है ,, हमने खुद को उनके हवाले कर दिया है … हमे माफ़ कर देना कहकर अवनि वहा से चली गयी ..
इंस्पेक्टर ने मुझे लॉक-अप से निकालते हुए कहा – आज शाम से पहले ये शहर छोड़कर चला जा वरना लोंडिया के चक्कर में मारा जायेगा … मैं चुपचाप वहा से बाहर आ गया बाहर अंकल आंटी और मम्मी पापा खड़े थे .. माँ मेरी हालत देख रोने लगी पापा और अंकल ने सहारा देकर मुझे गाड़ी में बैठाया और घर ले आये .. माँ मेरे कमरे में जाकर मेरा सामान पैक करने लगी पापा अब भी मेरे सिरहाने बैठे थे ,, पर मुझे किसी की परवाह नहीं थी अभी सिर्फ अवनि को बचाना था ,, मैंने पापा से कहा,”पापा एक आखरी बार मैं अवनि से मिलना चाहता हु प्लीज़
पापा ने मुझे जाने की इजाजत दे दी .. मैं लड़खड़ाते हुए मिस्टर मित्तल के घर पहुंचा लेकिन ना तो मिस्टर मित्तल दिखाई दे रहे थे ना अवनि … मैं रेंगते हुए उसके कमरे तक पहुंचा मिस्टर मित्तल और अवनि वही थे ,, अवनि के हाथ मे चाकू देखकर मैंने उसे रोकते हुए कहा – नहीं अवनि ऐसा मत करना ..
मुझे वहा देख मिस्टर मित्तल आग बबूला हो गए और मेरी तरफ लपके उन्होंने मेरी कोलर पकड़ते हुए कहा – तेरी यहाँ आने की हिम्मत भी कैसे हुयी ..
न जाने उस वक्त कहा से मुझमे इतनी हिम्मत आ गयी मैंने मिस्टर मित्तल को धक्का मारा जिस से उनका सर पास रखी टेबल से जा लगा वो दर्द से कहराने लगे
मैं लड़खड़ाते हुए अवनि के पास पंहुचा और उस से चाकू छीनकर कहा – ये क्या करने जा रही थी तुम ,, पागल हो गयी हो
उसने रोते हुए कहा – हमे मर जाने दीजिये , ये जो कुछ भी हो रहा है सब हमारी वजह से हो रहा है ,, हमारे खातिर आपको इतना सब सहना पड रहा है , हम आपको दर्द में नहीं देख सकते
मैंने उसे खींचकर अपने सीने से लगाते हुए कहा – मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा , भरोसा रखो …
मैं उसे सीने से लगाए हुए था की किसी ने मेरे सर पर जोर से मारा , वार इतना तेज था की मैं वही गिर पड़ा मैंने देखा मिस्टर मित्तल के हाथ में लोहे की रॉड थी उन्होंने ही मुझ पर वार किया था ..
मुझे गिरता देख अवनि बोखला गयी और चाकू उठाकर उसने सीधा मिस्टर मित्तल के सीने पर दे मारा , मिस्टर मित्तल गिर पड़े बदहवास सी अवनि ने मिस्टर मित्तल पर चाकू से ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया .. मैं अपनी आँखों से ये सब देख रहा था पर कुछ कर नहीं पाया , वो मर चुके थे और अवनि बस उसे देखे जा रही थी ,,,
सहसा उसे कुछ याद आया और वो मेरे पास आयी उसने घबराते हुए कहा – आपको कुछ नहीं होगा ,
वो मेरा हाथ मजबूती से थामे रही तभी बाहर से पुलिस के सायरन की आवाज सुनाई दी , मैंने अवनि से कहा – अवनि तुम जाओ यहाँ से
अवनि – हम आपको इस हाल में छोड़कर कही नहीं जायेंगे ,, उसने कांपते होठो से कहां
“अवनि इस वक्त तुम्हारा यहाँ रुकना सही नहीं है , प्लीज़ जाओ यहाँ से …
अवनि वहा से नहीं गयी इतने में पुलिस वहा आ गयी ,, उन्होंने अवनि को गिरफ्तार कर लिया और ले जाने लगे … मैं बेहोश हो गया जब होश आया तो अस्पताल में था मम्मी पापा , अंकल आंटी सब वही थे होश में आते ही मैंने उनसे अवनि के बारे में पूछा तो अंकल ने बताया
“बेटा तुम्हे 7 दिन बाद होश आया है … इन सात दिनों में बहुत कुछ हो गया …
मैंने उनका हाथ पकड़कर उनसे पूछा – अवनि कहा है अंकल ?
अंकल – वो जेल में है , अदालत में उसने ये कबुल कर लिया की मिस्टर मित्तल का खून उसने ही किया है , एक महीने बाद उसे फांसी दे दी जाएगी .. अंकल ने उदास होते हुए कहा
मुझे उस से मिलना है अभी – मैंने बेड से उठते हुए कहा
पापा और अंकल ने मुझे बहुत रोका लेकिन मैं नहीं रुका तुरंत पुलिस स्टेशन पंहुचा अवनि घुटनो मे सर गड़ाए बैठी थी ..मैं उसके पास गया
“अवनि
मेरी आवाज सुनकर उसने सर उठाया वो मेरे पास आयी और नजरे झुका कर खड़ी हो गयी मैंने उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा – क्यों किया ऐसा ?
अवनि – क्योकी हम नहीं चाहते थे आपको कुछ हो …
“अवनि जब तक तुम मेरे साथ हो मुझे कुछ नहीं होगा ,,
अवनि – हम जबसे आपके साथ आये है , मुसीबते आपका पीछा ही नहीं छोड़ रही
“ऐसा तुम सोचती हो मैं नहीं ,, और तुमने कुछ नहीं किया है
अवनि – उनको उनके गुनाहो की सजा मिल गयी ,, और अब हमें हमारे गुनाह की सजा भुगतनी है ..
“मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा
अवनि – आप कब तक बचाओगे हमे एक दीन तो हमे जाना ही ……………
“शशशशशश मैं तुम्हे कही नहीं जाने दूंगा – मैंने उसके मुँह पर हाथ रखते हुए कहा …
अवनि ने मेरे चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा – जाने से पहले एक बार और हमसे मिलने आएंगे आप ,, हम मरने से पहले आपको आखरी बार आपको देखना चाहते है ,,आप आएंगे ना
“ऐसा क्यों ?
अवनि – क्योकि हम आपसे बहुत प्यार करते है ,, दुआ करेंगे अगले जन्म में हम सिर्फ आपके बनकर आये – उसने सिसकते हुए कहा
मैं कुछ कह नहीं पाया मेरी आँखों में नमी तैर आयी ,, उसे खोने का डर मेरी आँखों में साफ नजर आ रहा था … मैंने उसका सर चूमते हुए कहा – मैं जरूर आऊंगा पर तुम्हे यहाँ से ले जाने के लिए
कहकर मैं पुलिस स्टेशन से बाहर आ गया
मैंने पापा को 1 महीने ऊटी में ही रुकने की बात कही तो वो लोग भी मेरे साथ साथ रुक गए … मैं अपने कमरे में बैठा अवनि के बारे में सोच ही रहा था मेरी आखे भर आयी ,, मैं कैसे भी करके उसे बचाना चाहता था ,, पापा कब आकर मेरे सामने बैठ गये मुझे पता ही नहीं चला , उन्होंने मेरे सर पर अपना हाथ रखते हुए कहा – परेशान हो मत हो बेटा सब ठीक हो जायेगा
मैंने पापा को गले लगा लिया और उनके सामने रो पड़ा – मैं क्या करू पापा , कैसे बचाऊ उसे ? उसके साथ बहुत अन्याय हुआ है ,, उसका दर्द कोई नहीं समझ रहा … मैं उसे खोना नहीं चाहता पापा …
पापा ने मुझे चुप कराते हुए कहा – कोई ना कोइ रास्ता निकल आएगा बेटा खुद पर यकींन रख ..
”मुझे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा पापा
तभी पापा ने कहा – एक ताकत अभी भी तेरे पास है , और वो है तेरे लिखने की ताकत है बेटा … कलम में बहुत ताकत होती है बेटा अगर तुम्हारा प्यार सच्चा है तो अवनि को कुछ नहीं होगा
कहकर पापा चले गए … एक रास्ता वो मुझे दिखा गए थे , मैंने डायरी और पेन उठाया और लिखना शुरू किया अब तक जो कुछ भी हुआ उसे एक कहानी का रूप देने लगा ,,लिखने में मैं इतना खो गया की मुझे कुछ होश नहीं रहा पूरे दो दिन लगातार लिखता रहा , किताब पूरी होते ही मैं उसे लेकर पब्लिकेशन हाउस पहुंचा लेकिन उन्होंने मुझसे 1 महीने का समय मांगा और उसके बाद पब्लिश करने को कहा
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था .. तब पापा ने कहा – बेटा किताब पब्लिश करने से अच्छा है हम इसकी छोटी बुक के तोर पर इसे सुबह के अख़बार के साथ घरो में फ्री भेजे .. साथ ही सोशल मिडिया पर भी इसे पोस्ट कर सकते है इस से ये जल्द से जल्द लोगो के पास पहुंचेगी …
मुझे पापा का आईडिया बहुत पसंद आया हम अख़बार के दफ्तर पहुंचे और किताब को पेपर के साथ बाटने की बात की लेकिन उन्होंने 5 लाख रुपयों की मांग की .,..
मेरे पास इतने पैसे नहीं थे ,, तभी पापा ने एक पैकेट मेरी तरफ बढ़ाते हुए कहा – ये लो बेटा , पूरे 5 लाख है
“पर पापा ये तो आपकी बचत है भविषय के लिए
पापा – तेरी खुशियों से बढ़कर नहीं है बेटा , और मेरा भविष्य तू है ये कागज के टुकड़े नहीं …
आज पापा ने मेरा दिल जित लिया था , उनमे मुझे अपना हीरो नजर आ रहा था मैंने उनको गले लगा लिए …
अगले दिन अख़बार के साथ साथ मेरी लिखी किताब हर घर में पहुंच गयी ,, जिसने भी पढ़ा उसने अवनि की बेगुनाही के लिए मजिस्ट्रेट को खत लिखना शुरु कर दिया ,, खत सैकड़ो से हजारो की संख्या में आने लगे .. एक बार फिर अवनि का केस रीओपन हुआ ,, पुलिस को सख्त कार्यवाही और जाँच के आदेश मिले .. इस बिच मुझे सोशल मिडीया पर भी लोगो का सपोर्ट मिलने लगा ,, हर कीसी के जबान पर मेरा और अवनि का नाम था ..
पुलिस ने मिस्टर मित्तल की घर की तलाशी ली और जांच शुरू की तो उनके सामने बहुत बड़ा सच आया ,,
“मिस्टर मित्तल एक अय्याश किस्म का इंसान था , उसके घर से पुलिस ने कई अश्लील विडिओ की कैसेट , लड़कियों की तस्वीरें और शराब की बोतले बरामद की , साथ ही ये भी पता चला की मिस्टर मित्तल हथियारों और ड्रग्स का कारोबार भी करता था .. पुलिस ने सब कुछ जब्त कर लिया और उसकी मेड ग्रेनी को भी हिरासत में ले लिया पकडे जाने के बाद ग्रेनी ने सब सच्चाई पुलिस को बता दी ..
सुनवाई के वक्त मैंने दोनों डायरी जज साहब को दे दी जिन्हे पढ़कर वो जान चुके थे की अवनि बेकसूर है उसने जो भी किया अपनी जान बचाने के लिए किया अदालत ने अवनि को बेकसूर मानकर बाइज्जत बरी कर दिया
उस वक्त जो ख़ुशी महसुस हो रही थी वो सिर्फ मैं जानता था .. मेरी आँखे नम हो गयी मैंने आँखों ही आँखों में जज साहब का शुक्रिया अदा किया और बाहर आ गया …

मैं बाहर खड़ा सबके साथ अवनि के आने का इन्तजार का रहा था ,, कुछ ही देर में वो बाहर आयी और मेरे सामने आकर खड़ी हो गयी उसकी आँखों में नमी और होंठो पर मुस्कराहट थी ,, आज पहली बार मैंने उसे मुस्कुराते हुए देखा था .. मैंने उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा – मैंने कहा था ना मैं तुम्हे कुछ नही होने दूंगा
वो बस प्यार से मेरी आँखों में देखती रही
तुमसे कुछ मांगू – मैंने उसकी आँखों में देखते हुए कहा
अवनि – ये जिंदगी आपकी दी हुयी अमानत है , आपके मांगने से पहले ही हमारी हाँ है
तो फिर इन हाथो में मेरे नाम की मेहँदी लगा लो .. मैं हमेशा हमेशा के लिए तुम्हे खुद में कैद करना चाहता हु ..
अवनि ने मुझे गले लगा लिया … पापा अंकल मम्मी आंटी सब हमारे पास आ गए , हम दोनों को घर चलने को कहा अगले दिन अंकल आंटी से विदा लेकर मम्मी पापा अवनि और मैं दिल्ली के लिए रवाना हो गए .. मैंने पीछे मुड़कर देखा और ऊटी को थैंक्यू कहा – “क्योकि आज यहाँ से मैं अपनी जिंदगी का सबसे खूबसूरत तोहफा लेकर जा रहा था !!!

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समाप्त

संजना किरोड़ीवाल

New Story “Geetanjali” Coming Soon Tomorrow

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