आकाशवाणी
Aakashwani
Aakashwani by Sanjana Kirodiwal
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Aakashwani
24 वर्ष की वाणी को लिखने का बहुत शौख था , वो बचपन से लिखने में दिलचस्पी रखती थी वह अपने आस पास हो रही चीजों को अक्सर कहानियो का रूप देती थी जिनमे कल्पना कम और सच्चाई ज्यादा होती थी !! कहानियो के साथ साथ उसे शायरी और गजले लिखने का भी बहुत शौक था !! इतनी कम उम्र की जिंदगी में बहुत कुछ देखने के बाद उसने लिखने को ही अपनी जिंदगी बना लिया ..
उसकी लिखी लाइनों में इतनी कशिश होती थी की कोई भी खींचा चला आये l वाणी ने अपनी कुछ गजले और शेर-ओ-शायरी एक book फेस्टिवल में भेजी , वहा उसकी गजल को बहुत पसंद किया गया और उसे स्टेज शेयर करने के लिए आमंत्रण मिला .. इवेंट बैंगलोर में था
वाणी जाना नहीं चाहती थी उसने तो बस यु ही अपनी कुछ लाइन भेज दी थी उन लोगो को , डर भी रही थी क्युकी उस इवेंट में शहर के बड़े बड़े writer भी आएंगे .. फिर न जाने क्या सोच कर उसने जाने का मन बना लिया ..
अलमारी खोली और उसमे से लाल रंग की साडी निकालकर पहन ली , वाणी को लाल रंग से बहुत प्यार था !! साथ में कानो में सुनहरे रंग के झुमके पहने , आँखों में काजल लगाया और एक बार खुद को आईने में देखा .. वो बहुत खूबसूरत लग रही थी .. वाणी ने अपना बैग उठाया और अपनी डायरी उसमे रखी जिसमे वो लिखा करती थी … बैंगलोर के लिए निकल गयी
कुछ वक्त बाद वो बैंगलोर पहुंच गयी होटल पहुंचकर फ्रेश होकर शाम को वो सीधा इवेंट में पहुंची ,, वाणी ने देखा वहा बहुत से लोग थे कुछ उसके हमउम्र कुछ उस से ज्यादा mature थे ..वाणी अंदर आयी तो हर किसी की निगाहे उस पर जम गयी , ख़ूबसूरत तो वो थी ही पर साडी में उसकी सादगी और भी निखर रही थी .. लोग उस से बात करने के बहाने ढूंढ़ने लगे पर वाणी ने कम शब्दों में जवाब देकर उनसे दूर हो गयी ,
इवेंट के मालिक ने आकर वाणी से बात की और उसे कुछ लोगो से मिलवाया .. वाणी ने भी वहा मौजूद लोगो के साथ खुद को सहज कर लिया ! कुछ देर बाद वाणी स्टेज की तरफ जाने लगी तभी उसकी साडी का कोना कही फस गया .. वाणी ने मुड़कर देखा तो पाया की उसका पल्लू उसके पीछे खड़े एक राइटर की घडी में फसा है ,, वाणी कुछ बोलती उस से पहले ही आकाश बोल पड़ा
-: ये आशिक़ो की महफ़िल है जरा संभल के चलना , जरा से भी फिसले तो सीधा मोहब्बत में गिरोगे !!
वाणी चुप रही और आकाश के पास आकर धीरे से आकर अपना साडी का कोना उसकी घडी से निकाल लिया ,, घडी चल तो रही थी पर आकाश के अंदर जैसे कुछ थम सा गया .. वो अपलक वाणी को देखे जा रहा था , पर वाणी के चेहरे के भाव अब भी वही थे … वाणी वापस जाने लगी तभी आकाश ने फिर से कहा
-: ना कोई इरशाद न कोई वाह वाह , जनाब की बेरुखी तो देखो , नजर अंदाज करके जा रहे है
वाणी रुक गयी और पीछे मुड़कर पलके झुका ली !! और सहजता से कहा
-: होठो से इरशाद, आँखों से वाह वाह थी , हर बात करनी पड़े बयान ये जरुरी तो नहीं
आकाश एक बार फिर पलके झपकना भूल गया !! इतनी ख़ूबसूरत वो और उसकी आवाज में इतना लहजा ,,, पहली बार देख सुन रह था वो , खुद एक अच्छा लेखक होकर भी वो वाणी की हाजिरजवाबी पे फ़िदा हो गया .. स्टेज पर पहुंच कर वाणी ने अपनी कुछ गजले सुनाई , तो हर कोई वाह वाह करने लगा .. सबने वाणी की बहुत तारीफ की .. कुछ वक्त बाद वाणी होटल लौट आयी !! तभी इवेंट के मालिक का फोन आया
– हेलो वाणी जी, आज के कार्यकर्म में आकर आपने चार चाँद लगा दिए !
वाणी – शुक्रिया !! आप शर्मिंदा कर रहे है सर
– कल यहाँ सबके लिए एक छोटी सी पार्टी रखी है अगर आप शामिल हो पाए तो हमे बहुत ख़ुशी होगी ..
वाणी – जी जरूर ..
– कल शाम 5 बजे आईयेगा जरूर !
इतना कहकर फोन काट दिया .. वाणी ने खाना आर्डर किया और फिर डायरी खोल कर लिखने लगी ,, वाणी बाकि लोगो की तरह सोशल मिडिया पर एक्टिव नहीं थी ,, खाली समय में उसका साथी सिर्फ डायरी और पेन ही था !
अगले दिन वाणी इवेंट वाली जगह पहुंची , आज फिर वो बहुत ख़ूबसूरत लग रही थी आकाश भी वही मौजूद था ,, आज तो उसे लगा जैसे उसका दिल बाहर ही आ गिरेगा .. उसकी नजरे वाणी से हट ही नहीं रही थी .. कुछ देर इधर उधर की बातो क बाद सबने खाना खाया और उसके बाद सब चेयर लेकर एक गोला बनाकर बेथ गए , और शायरियो गजलों का माहौल शुरू हो गया ,, सब अपनी अपनी चुनिंदा लाइन सुनाने लगे ..
जब वाणी की बारी आयी तो सबने दिल थाम लिया , सब उसको सुनने को बेकरार थे और उनसे भी ज्यादा आकाश
वाणी ने बोलना शुरू किया -:
“दिन तो गुजर जाता है जिंदगी की ख्वाहिशो में,
न जाने क्यों वो सुकून वाली शाम नहीं होती !!
चंद लाइन लिखी मेरे रश्क़ पे , मेरे ही नाम नहीं होती
भीगने ka मन अब भी करता है बहुत !!
पर क्या करे पहले सी अब बरसाते नहीं होती
होठो से होती है कई बाते बयां
आँखों की आँखों से अब बाते नहीं होती
वो अपने में मस्त , हम खुद में गुम
शिकायते ये की अब मुलाकात नहीं होती
“दिन तो गुजर जाता है जिंदगी की ख्वाहिशो में,
न जाने क्यों वो सुकून वाली शाम नहीं होती !!
इतना कहकर वाणी शांत हो गयी .. एक बार फिर वाणी ने सबका दिल जीत लिया , वो जीतना ख़ूबसूरत लिखती थी उस से कई ज्यादा सहज बोलना भी जानती थी .. वाणी के बाद सब आकाश से गाने की जीद करने लगे तभी आकाश ने गए शुरू किया
-: महफ़िल में कैसे कह दे किसी से
दिल बांध रहा है की अजनबी से !!
आकाश एक लेखक था पर गाता बहुत खूबसूरत था ! उस शाम महफ़िल कई देर तक चली फिर सभी घर के लिए रवाना हो गए .. आकाश भी बाहर आ गया तभी उसने देखा की वाणी अकेले खड़ी थी ,, आकाश वाणी के पास जाकर खड़ा हो गया
आकाश – इतनी रात गए आप यहां , किसी का इन्तजार कर रही है
वाणी – हां जी !! वो होटल से गाड़ी मंगवाई थी अभी तक आयी नहीं ..
वाणी के इस “हां जी ” ने मानो आकाश के दिल पे बिजली गिरा दी हो !!
आकाश – अगर आपको ऐतराज ना हो तो मैं आपको होटल तक छोड़ दू
वाणी – जी नहीं !! शुक्रिया .. मैं अजनबियों के साथ जाना सही नहीं समझती
आकाश – हम्म !!
थोड़ी देर दोनों खामोश रहे ,, मौसम भी अच्छा था हवा चल रही थी और वाणी के बाल उड़ उड़ के उसके चेहरे पर आ रहे थे तो कभी उसके कानो के झुमको पर अटक जाते आकाश बस देखे जा रहा था !!
आकाश – क्या मैं आपका नाम जान सकता हु !! या वो भी नहीं बताते अजनबियों को
वाणी – जी , ऐसी बात नहीं है .. मेरा नाम वाणी है !!
आकाश – वाणी !! आपका नाम तो आपसे भी ज्यादा खूबसूरत निकला !! आकाश कुछ और बात करता उस से पहले वाणी की गाडी आ गयी और वो वह से चली गयी ! आकाश वह खड़ा उसे जाते हुए देखत रहां
जब वो आँखों से ओझल हो गयी तब आकाश को होश आया के अचनाक उसके मुह से निकला वाणी – आकाश नहीं आकाश- वाणी
अब तो इस से दोबारा मिलना ही पड़ेगा !! लेकिन कैसे न नंबर लिया न कोई पता ठिकाना मिलूंगा कैसे
आकाश को खुद पर ही गुस्सा आने लगा और वही जमीन पर बैठ गया , तभी उसकी नजर वहा पड़े झुमके पर गयी , उसने उठा लिया और खुद से ही कहने लगा
-: उम्मीद है तुझसे फिर मुलाकात होगी , तूने छोड़ा है झुमका अपना मिलने की निशानी देकर
और फिर उसे अपने जेब में रख लिया अपने दिल के पास , और अपने शहर आ गया .. आकाश यु तो सब कुछ साथ ले आया था लेकिन कुछ वही छोड़ आय वो था उसका दिल जो वाणी पर आ गया था !! आकाश बेचैन सा रहने लगा उसने वाणी को सोशल मिडिया पर भी ढूंढा पर वो नहीं मिली ,, कुछ महीने यु ही इंतजार में निकल गए !! पर ना वाणी मिली न उसका पता !!
कुछ दिन बाद बंगलौर से आकाश के दूर के रिश्तेदार का फोन आया
अवि – हेलो आकाश ! कहा है तू कोई अता पता नहीं तेरा
आकाश – हां यार !! बिजी था थोड़ा ,, कैसे याद किया
अवि – अरे वो मेरी शादी है , और तुझे आना है
आकाश – कमीने तेरी शादी हो रही है और तू अब बता रहा है .. कब है शादी
अवि – यार वो सब जल्दी जल्दी में हो गया तू आ फिर बताता हु , और आज शाम को ही निकल तू शादी २ दिन बाद ही है
आकाश – ठीक है !! आजाऊंगा लेकिन तू तो गया मेरे हाथ से …
इतना कहकर आकाश ने फोन काट दिया और बैग पैक करने लगा .. आकाश को उम्मीद की एक किरण नजर आयी , हो सकता है जहा बिछड़े थे उसी शहर में फिर मुलाकात हो जाये इसी उम्मीद के साथ आकाश बंगलौर के लिए निकल पड़ा !! सारे रस्ते बस वो उस झुमके को देखता रहा !!
लम्बे सफर के बाद आकाश अवि के घर पंहुचा , पूरा घर मेहमानो से भर पड़ा था , आकाश अवि से मिला और फ्रेश होने चला गया !! कुछ देर बाद इधर उधर की बाटे होने के बाद आकाश बोला – चल बाकि सब छोड़ ये बता भाभी कहा है , उनसे मिलवाने का इरादा है या नहीं !!
अवि – ठण्ड रख भाई ! शाम को हम सब मूवी देखने चलेंगे वही उस से भी मिलवा दूंगा !!
आकाश – चल कोई न
फिर शाम को आकाश , अवि की बहन और अवि मूवी के लिए घर से निकले . मॉल पहुंच के देखा अवि की मंगेतर ईशा पहले से वही है .. सब ईशा के पास गए
अवि – अरे तुम अकेले ही आयी हो , तुम्हारी वो दोस्त नहीं आयी
ईशा – उसी मैडम का तो इंतजार हो रहा है , बस आती ही होगी
सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी वो ना मेरा दुपट्टा फस गया था गाड़ी के दरवाजे में – ईशा की दोस्त ने वाणी ने कहा
अवि – क्या बात है मैडम , आपके दुप्पटे चाहते क्या है ,, आपके चक्कर में मूवी निकल जाएगी
अरे मैं तो भूल ही गया ,,, आकाश ये वाणी है ईशा की बहुत अच्छी दोस्त और मेरी भी – अवि ने आकाश से कहा
आकाश – अरे आप ??
वाणी – आप यहाँ ,, सोचा नहीं था आपसे इस तरह मुलाकात होगी !!
आकाश तो कुछ बोल ही नहीं पाया उसे यकीन ही नहीं हो रहा था की वाणी उसके सामने खड़ी है ब्लैक रंग क पटियाला सूट उसपर , लाल दुपट्टा , कानो में झुमके जो किसी का भी होश उड़ा दे .. और होठो पे मुस्कान जो पत्थर को भी पिघलने पे मजबूर कर दे !!
वाणी – हेलो , कहा खो गए !!
अवि – अब चलो भी यार , मूवी स्टार्ट हो जाएगी
आकाश मन ही मन खुदा क शुक्रिया अदा कर रहा था , उसकी दुआ इतनी जल्दी कुबूल होगी सोचा न था ,, सभी मूवी देखने लगे पर आकाश का धयान फिल्म में कम और वाणी की तरफ ज्यादा था !! मूवी ख़तम हो गयी सबने खाना खाया और घर आ गए शादी बंगलौर में थी इसलिए सभी एक ही जगह ठहरे थे !!
रात में वाणी टेरेस पर गयी तो देखा वहां पहले से कोई था ,
आकाश और अवि थे और दोनों सिगरेट पी रहे थे ,
वाणी – अच्छा तो यहाँ ये सब हो रहा है , अभी पापा को जाकर बताती हु .. वाणी अवि के पापा को पापा ही बुलाती थी क्युकी वो उसे अवि की दोस्त कम अपनी बेटी ज्यादा मान्ते थे
अवि – वाणी वाणी वाणी , plz ऐसा मत कर आज लास्ट है
वाणी – वादा करो
अवि – वादा !! और अवि ने सिगरेट फेक दी
वाणी ने आकाश के हाथ से सिगरेट लेकर फेकते हुए कहा – आपको अलग से कहना पडेगा !!
आकाश को वाणी का इस तरह हक़ जताना अच्छा लग रहा था , और गुस्से में वो और भी प्यारी लग रही थी !!
अवि – वाणी तुम दोनों बात करो मैं निचे जाकर आता हु
वाणी – ठीक है
आकाश और वाणी पास रखी चेयर पर बैठ गए !!
आकाश – एक बात पुछु तुमसे !
वाणी – हमम पूछो
आकाश – क्या अब भी हम अजनबी है ?
वाणी – नहीं !!
आकाश – फिर अच्छा है , झुमके बहुत पसंद ह न तुमको
वाणी – हां !!
आकाश – वैसे बहुत अच्छा लिखती हो , कोई बुक क्यों नहीं लिखती ?
वाणी – बस यु ही , किसपे लिखू ?
आकाश – जो तुम्हे अच्छा लगे !!
वाणी – हम्म्म , वैसे मैंने आपकी सारी किताबे पढ़ी है , बहुत अच्छी है
आकाश – ओह्ह थैंक्यू !! but उन सबमे एक कमी है ,, writer ka नाम अधूरा है
वाणी चुप रही
आकाश – अच्छा और क्या क्या लिखती हो तुम ? गजल कहानियो के अलावा
वाणी – वो लिखती हु जो जीती हु ,, वो लिखती हु जो जी नहीं पाती , वो लिखती हु जो जीना चाहती हु !!
वाणी बहुत कम शब्दों में बहुत गहरी बात कह गयी ..
वाणी – रात बहुत हो चुकी निचे चले ..
आकाश – हम्म्म
और दोनों निचे आ गए , वाणी सुबह जल्दी उठ गयी और सबके लिए चाय बनाने किचन में चली गयी ,, सबको चाय दी और फिर सब संगीत की तैयारी में लग गए आकाश ने गोल्डन कलर क शेरवानी पहना था wo किसी दुलहे से काम नहीं ला रहा था न जाने कितनी लड़किया उसको देख रही थी पर उसकी नजर सिर्फ झुमके वाली को ढूंढ रही थी ,, तभी वाणी ईशा के साथ संगीत में आयी ,, उसने गोल्डन रंग का लहंगा पहन हुआ था और कानो में बड़े बड़े झुमके
ये झुमके वाली जान लेके छोड़ेगी – अचानक आकाश के मुँह से ये बात निकल गयी
अवि – क्या बात है !! झुमके वाली पर दिल आया है जनाब का
आकाश – वो मुझे बहुत पसंद है
अवि – आकाश !! वो बहुत अच्छी लड़की है ,
आकाश – मैं उसे बहुत खुश रखूंगा
अवि – आकाश उसका past
आकाश – मुझे उसके पास्ट से कोई मतलब नहीं वो उसका कल था , ये उसका आज है जो मैं अपने साथ देख रह हु – आकाश ने अवि की बात बिच में काट ते हुए कहा
अवि – कल शादी है उसके बाद मैं वाणी से बात करूँगा ..
आकाश ने अवि को गले लगा लिया …. सब डांस में लग गए … वाणी ईशा अवि आकाश सबने खूब ठुमके लगाए …
और फिर शादी का दीन भी आ गया सबने बहुत मस्ती की , नाच गाना
उसके बाद सब मंडप में मौजूद थे आकाश ने देखा वाणी कही नजर नहीं आ रही !!
उसने अवि की बहन से पूछा – टीना , वाणी कहा है
टीना – वाणी दी तो बाहर गार्डन में है
आकाश – बाहर क्यों अभी तो यही थी
टीना – आकाश भैया , वाणी दी को शादी देखना बिल्कु पसंद नहीं है , यह भी वो सिर्फ अवि भैया और भाभी के लिए आयी थी
आकाश को कुछ समझ नहीं आया !!!
आकाश – टीना ये तू क्या बोल रही है , शादी पसंद नहीं है
Iटीना – आकाश भैया २ साल पहले वाणी दी का तलाक हो गया था , उसके बाद दीदी टूट सी गयी बहुत मुश्किल से खुद को सम्हाला है और इसलिए वो यहाँ नहीं है क्युकी वो कमजोर नहीं पड़ना चाहती !!
आकाश को ये सब सुन के सदमा सा लगा !! अब उसे समझ आया की अवि बार बार क्यों उसे पास्ट की बात कर रहा था ,, लेकिन वाणी ने भी उसे कुछ नहीं बताया इस बारे में .
आकाश – अवि वाणी बाहर अकेले है मैं उसे लेकर आता हु … इतना कहके आकाश बहार गार्डन में आ गया !!
वाणी – अरे आप यहाँ !! शादी तो अंदर है न
आकाश – तुम भी तो बाहर हो , इसलिए चला आया
वाणी ने दूसरी तरफ आँखे घुमा ली शायद कुछ छूपाना चाह रही थी पर आकाश ने देख लिया और अपना रूमाल आगे बढ़ा दिया !!
आकाश – ड्राइव पे चले
वाणी – इस वक्त !!
आकाश – हां , मै गाड़ी की चाबी लेकर आता हु
वाणी – पैदल चले !
आकाश – ठीक है ..
दोनों घर से दूर चल रहे है चुपचाप !!
आकाश – मैं तुम्हारे बारे में जानना चाहत हु
वाणी – क्या ?
आकाश – सबकुछ जो तुम्हारी लाइफ का हिस्सा है
वाणी – मैं बता नहीं सकती
आकाश – वजह जान सकता हु
वाणी – मैं जो बताउंगी वो आप सिर्फ सुनोगे , लेकिन वो एक एक पल मुझे फिर से जीना पड़ेगा और वो मेरे लिए मुमकीन नहीं है !! उस दर्द को मैं वापस नहीं जीना चाहती …
आकाश – तो फिर खुद को इस दर्द से अलग क्यों नहीं कर देती .. क्यों आज तक अपने अतीत को अपने जहन में बसा रखा है !
वाणी – आसान है क्या , खुद को दर्द स और दर्द को खुद से अलग करना !! मुमकीन है क्या ऐसी जिंदगी जीना जिसमे कोई दर्द ना हो !!
आकाश एकदम से वाणी के सामने ा जाता है और वाणी रूक जाती है
आकाश – वाणी !! किसी के चले जाने से जिन्दगिया नहि रुका करती , खुद को अपनी जिंदगी को एक और मौका दो .. देखो वाणी बहुत कुछ है तुम्हारी लाइफ में बस एक बार अपनी आँखे बंद करके देखो महसूस करो खुद को !!
वाणी अपनी आँखे बंद कर लेती है उसे आकाश का चेहरा नजर आता है , वाणी मुड़कर जाने लगती है और एक बार फिर उसका पल्लू आकाश की घडी में अटक जाता है .
वाणी – घर चले
आकाश – वाणी !! मुझे कल तुम्हारा थोड़ सा वक्त चाहिए !! मिल सकता है
वाणी – कल मुझे वापस जाना है
आकाश – सिर्फ 1 घंटा ,
वाणी – ठीक है , अभी घर चलते है अवि का फोन अा रहा है
दोनों घर आ जाते है वाणी की आँखों से नींद कोसो दूर है , उधर आकाश बस =सुबह होने का इंतजार कर रहा है था … सुबह होते ही आकाश अवि से मिला
आकाश – अवि मैं आज वाणी को अपने दिल की बात बताने वाला हु !! ये सही ह य गलत , इसके बाद क्या होगा क्या नहीं मैं कुछ नहीं जानता ,, आखरी फैसला उसका होगा
अवि – आकाश मैं और ईशा तुम्हारे साथ है , हम लोग भी यही चाहते है वाणी खुश रहे
आकाश वाणी को लेकर पास के एक मंदिर में जाता है ..
वाणी – आप मुझे यहाँ क्यों लाये हो
आकाश – लोग कहते है की मंदिर में कोई झूठ नहीं बोलता , और मैं आज यहाँ तुम्हे कुछ बताने लाया हु !! वाणी मैं तुमसे शादी कारण चाहता हु ! और ये मैं तुमपर कोई अहसान नहीं कर रहा है बल्कि तुम्हे वो हर ख़ुशी देंना चाहता हु जिसकी तुम हक़दार हो .. मैं सही हु या गलत मैं नहीं जानता बस इतना जानता हु की मेरा नाम तुम्हारे बिना अधूरा है
वाणी जाने से पहले से पहले मैं तुम्हारी हां सुन्ना चाहता हु !!
वाणी – मुझे थोड़ा वक्त चाहिए – कहकर जाने लगती है
आकाश – वाणी !!
वाणी – हम्म्म
आकाश – क्या मैं तुम्हारी एक फोटो ले सकता हु
वाणी चली जाती है ,, आकाश भी घर लौट जाता है 1 साल गुजर जाता है पर वाणी का कोई जवाब नहीं आता .. आकाश के घरवालों ने बहुत समझाया की शादी कर ले किसी और से पर आका आकाश जैसे खुद को वाणी का ही बना लिए था , एक साल में बहुत कुछ बदला गया सिवाय आकाश के इंतजार के .. एक साल बाद फिर बंगलौर में आकाश एक इवेंट में शामिल हुआ
आकाश – मैं सदियों तेरा इंतजार करूँगा , तू कभी तो आ कोई बहाना लेके !!
तेरे झुमको में उलझी है आज भी निगाह मेरी , तू कुछ पल तो आ वो जमाना लेके !१
अचनाक आकाश की नजर सामने जाती है ,, सामने वाणी खड़ी उसके लिए तालिया बजा रही थी !! आकाश वाणी के पास आया
वाणी – शादी करोगे मुझसे ?
आकाश – हम्म्म
वाणी उसको गले लगा लेती है आकाश की आँखे नम हो जाती है अगर आज वाणी नहीं आती तो शायद वो लिखना छोड़ देता !!!
वाणी – आकाश !! तुम्हे पता है ये लाइफ ऐसे क्यों गयी ,, ताकि मैं सिर्फ वाणी नहीं “आकाश-वाणी” बनकर जिउ
कहते कहते वाणी के नाक से खून आने लगता है .. और फिर वो जमीन पर गिर जाती है ..आकाश को कुछ समझ नहीं आता और फिर कुछ ही देर बाद वो वाणी को हॉस्पिटल लेकर जाता है !
वाणी को icu में रखा जाता है
डॉ – वाणी को ब्रेन ट्यूमर है , लास्ट स्टेज
आकाश – डॉ कैसे भी करके उसे बचा लीजिये plz
डॉ – हमारे हाथ में अब कुछ नहीं है , और उसके पास ज्यादा वक्त नहीं है
नर्स – पेशेन्ट के साथ कौन है , वो मिलना चाहती है
आकाश अंदर जाता है ,, वाणी की हालत देखकर उसे रोना आजाता है
आकाश – तुम ऐसे नहीं जा सकती , मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा .. वाणी
वाणी – आकाश !! अपना हाथ दो
आकाश अपना हाथ वाणी के हाथ में देता है और वाणी का हाथ कसके पकड़ लेता है
वाणी – आकाश !! मैं तुमसे कुछ मांगू तो क्या तुम मुझे दोगे
आकाश – हां वाणी बोलो
वाणी – मुझे तुमसे ये वादा चाहिए की तुम कभी लिखना नहीं छोड़ोगे , और मुझे अपनी कहानियो में , गजलों में हमेशा जिन्दा रखोगे ,, मैं चाहती हु मेरे जाने के बाद तूम्हारी लाइनों में मेरा नाम आये .!! इतना कर सकोगे
आकाश – मैं तुम्हे नहीं जाने दूंगा …
वाणी – जब तुम अपनी कविताये पढोगे तब सबसे पहले मैं वाह वाह करुँगी , ऊपर से !!
आकाश – वाणी मैं तुम्हारे बिना अधूरा हु , तुम मुझे ऐसे छोड़ के नहीं जा सकती
वाणी – सिर्फ मै जा रही हु मेरा नाम हमेशा तुमसे जुड़ा रहेगा हमेशा !!
आकाश उसका हाथ थामे बैठा रहा ,, वाणी जा चुकी थी , आकाश टूट चूका था कुछ साल बीते लेकिन आकाश की जिंदगी अभी भी वही ठहरी हुयी थी .. उसने फिर लिखना शुरू किया और उसकी हर गजल के बाद writer का नाम आकाश नहीं “आकाश-वाणी” होता था , उसने अपने शब्दों में हमेशा वाणी को जिन्दा रखा !!
आकाश
-: आज भी कुछ कमी सी है तेरे बगैर
इन आँखों में नमी सी है तेरे बगैर
क टुटा सा है अंदर तेरे बगैर
कुछ छूटा सा है मंजर तेरे बगैर
तू मुझमे है मेरी जान की तरह
मैं आज भी हु अधूरा पहचान की तरह
जो जी नहीं हमने वो कहानी है
तू साथ है तो सब है तू साथ है तो आकाश-वाणी है
आकाश की आँखे नम हो गयी ,, उसने आसमान में देखा लगा जैसे वाणी उसकी शायरी पे वाह वाह कर रही है नम आँखों के साथ !!!
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The End
Sanjana Kirodiwal
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Bhut hi khoobsurat story thi
It’s heart touching
Beautiful story
Bhaut he khubsurat story hai aakashwani dono he ek dusre se bhaut pyaar krta tha aaj wani aakash ka her ek Kavita mein hai. Lekin wani ka Jaan ka baad Aakash hamesha ka liye akele hoogya. Wo Kavita likha bhi rha hai sif apni wani ka liye.