A Broken Heart – 58
A Broken Heart – 58
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A Broken Heart – 58
ईशान एक बार फिर लिली आंटी के घर के सामने जिया के कमरे के नीचे खड़े होकर गाना गा रहा था। जिया ने सूना तो दौड़कर नीचे आयी और ईशान का मुँह बंद करते हुए कहा,”अह्ह्ह्ह चुप करो ! तुम ये क्या कर रहे हो ? अगर लिली आंटी ने तुम्हे यहाँ देखा तो वो गुस्सा करेगी,,,,,,,,,,,,,,,तुम जाओ यहाँ से।”
“मैं नहीं जाऊंगा , मुझे तुम से बात करनी है और ये छोडो ये बताओ कि तुम मुझे वहा अकेला छोड़कर क्यों चली आयी ? बोलो,,,,,,,,,,,,,,क्या एक अच्छा दोस्त होने के नाते तुम्हारी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती मुझे साथ लेकर आने की , पता है मैं कितना घबरा गया था। हुंह तुम्हे तो मेरी कोई परवाह ही नहीं है।”,ईशान ने मुंह बनाते हुए कहा
जिया ने ईशान को घुरा और एक मुक्का उसकी बाँह पर मारकर कहा,”हाँ जैसे तुम्हे बड़ी परवाह थी मेरी , तुमने जो मेरे साथ जो किया वो मैं कभी नहीं भूलूंगी समझे तुम,,,,,,,,,,!!”
“क्या किया मैंने ? नहीं बताओ क्या किया मैंने ? बिना मेरी बात सुने तुमने खुद ही फैसला कर लिया और मुझसे भागती फिर रही हो , क्या तुमने जानने की कोशिश की मुझे क्या चाहिए ?”,ईशान ने जिया के करीब आकर गुस्से से कहा।
“बताओ क्या चाहिए तुम्हे ?”,जिया ने भी ईशान को घूरते हुए कहा
“मुझे खाना चाहिए , सच में बहुत भूख लगी है क्या मुझे थोड़ा खाना मिल सकता है ?”,ईशान ने एकदम से मासूम बनकर कहा
जिया हक्की बक्की सी उसे देखने लगी और कहा,”इतनी रात में तुम यहाँ खाना खाने आये हो ? तुम बाहर किसी अच्छे रेस्त्रो में भी खा सकते हो ,, अब तो तुम एक बड़े आदमी बन चुके हो क्या अब भी तुम्हारे पास पैसे नहीं है ?”
“अह्ह्ह्ह तुम बिल्कुल नहीं बदली कभी कभी तुम सच में अपना दिमाग इस्तेमाल करना भूल जाती हो,,,,,,,,,,,,यक़ीनन।”,ईशान ने कहा
“क्या बकवास है ये ?”,जिया ने चिढ़ते हुए कहा
“मुझे भूख लगी है जिया और मुझे खाना चाहिए अभी,,,,,,,,,,,,,,,!”,ईशान ने कहा तो जिया उसे घूरने लगी और फिर अंदर चली गयी
“तो तुम खाना ला रही हो ना ?”,ईशान ने जाती हुई जिया को देखकर तेज आवाज में कहा
जिया ने पलटकर ईशान से रुकने का इशारा किया और अंदर चली गयी कुछ देर बाद जिया प्लेट लेकर आयी जिसमे खाना था। जिया ने देखा ईशान घर के बाहर लॉन में पड़ी बेंच पर बैठा है। जिया उसके पास आयी और प्लेट उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा,”लो ये खा लो।”
“हाह तुम कितनी अच्छी हो जिया,,,,,,,,,,,,,तुम इतनी रात में मेरे लिए खाना लेकर आयी हो वैसे तुम्हे इतना परेशान होने की जरूरत नहीं थी।”,ईशान ने प्लेट लेते हुए कहा
जिया फिर हैरानी से उसे देखने लगी कुछ देर पहले इसी ईशान ने जिद करके जिया से खुद ही खाना मंगवाया था और अब वह खुद ही ये सब बोल रहा था। जिया ईशान को समझ नहीं पा रही थी साथ ही ईशान का बदला हुआ रूप देखकर वह हैरान और परेशान दोनों थी। प्लेट में राजमा चावल थे। ईशान दोनों को मिक्स करके खाने लगा। जिया को खामोश देखकर ईशान ने कहा,”ऐसे मत देखो मुझे नजर लग जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,!!
ईशान की इस बात पर जिया ने अपने कंधे उचकाए तो ईशान एकदम से रोमांटिक मूड में आ गया और थोड़ा शरमाते हुए कहा,”वैसे तुम मेरे लिए इतनी रात में खाना लेकर चली आयी कही तुम्हे मुझसे प्यार तो नहीं हो गया,,,,,,,,,,,!”
जिया को ईशान से प्यार था लेकिन इस वक्त वह ईशान से गुस्सा थी और ईशान की कही हर बात से बस वो चिढ रही थी इसलिए चिढ़ते हुए कहा,”ये मैं लिली आंटी के किचन से लेकर आयी हूँ , ये वहा एक्सट्रा था इसलिए मैं ले आयी चुपचाप खाओ और जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,!!”
“तुम्हे अपने दोस्त के साथ इतना बुरा भी पेश नहीं आना चाहिए , खैर छोडो ये बताओ क्या तुमने खाना खाया ? हाँ तुमने खा ही लिया होगा तुम और खाना दोनों परफेक्ट कॉम्बिनेशन हो,,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने खाते हुए कहा
जिया ने कुछ नहीं कहा और उसके बगल में आकर बैठ गयी। जिया को खामोश और उदास देखकर ईशान ने कहा,”तुम चाहो तो इसमें से थोड़ा खा सकती हो !”
“क्या मैंने तुमसे माँगा ?”,जिया ने घूरते हुए कहा
“तुम कितनी रुड हो गयी हो जिया ! क्या तुम पहले जैसी नहीं हो सकती ?”,ईशान ने कहा
“तुम भी तो पहले जैसे नहीं रहे हो , इतने दिनों में तुम्हे मेरी याद तक नहीं आयी तो अब क्यों आये हो जब मैं तुम्हे भूल चुकी हूँ ?”,जिया ने तड़पकर कहा , धीरे धीरे उसका गुस्सा अब दुःख में बदलने लगा था उसे रह रह कर वो पल याद आ रहे थे जो उसने ईशान के बिना गुजारे थे। जिया की बात सुनकर ईशान ने जिया की आँखों में देखा और सीरियस होकर कहा,”क्या सच में तुम मुझे भूलना चाहती हो ? बोलो जिया अगर तुम कहोगी हाँ तो आज के बाद मैं तुम्हारे सामने भी नहीं आऊंगा,,,,,,,,,,,,,बोलो चुप क्यों हो ?”
“मैं तुम्हे नहीं भूल सकती,,,,,,,,,,,,,,,,,हर वक्त हर पल तुम मेरे जहन में सवार रहते हो , मुझे वो सब बातें याद आती है जो मैंने तुमसे की है। उस हर जगह तुम्हारी कमी महसूस होती है जहा तुम मेरे साथ थे। मैं जितना तुम्हे भूलने की कोशिश करती हूँ तुम मुझे उतना ही याद आते हो। मैं तुम्हे नहीं भूल सकती क्योकि मैंने अपनी जिंदगी का एक हिस्सा तुम्हारे साथ बिताया है,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते जिया लगभग रोआँसा हो गयी।
उसकी आँखों में आँसू भर आये जिन्हे देखकर ईशान का दिल पसीज गया। उसका दिल किया जिया को गले लगा ले और उस से माफ़ी मांग ले लेकिन ईशान ने ऐसा नहीं किया। ईशान को खामोश देखकर जिया ने रोआँसा होकर कहा,”और तुम्हे इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योकि तुमने अपनी एक अलग दुनिया बसा ली है , तुम अपनी दुनिया में खुश हो और यक़ीनन तुम्हे अपनी दुनिया में वापस लौट जाना चाहिए।”
जिया की बात सुनकर ईशान को बहुत दुःख हुआ लेकिन इस वक्त वह जिया की भावनाये समझता था। इस वक्त जिया जो कह रही थी वो सिर्फ उसका गुस्सा था जो कि ईशान को लेकर था। ईशान ने खाना ख़त्म किया और प्लेट बेंच पर रख उठते हुए कहा,”कल तुम्हे रेस्रो नहीं जाना है मैंने मिस्टर दयाल से कह दिया है कि कल तुम छुट्टी पर हो।”
“ये तुम से किसने कहा ? मैं अपने काम पर जाउंगी,,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा जाना बहुत जरुरी है।”,जिया ने परेशान होकर कहा
“एक दिन काम पर नहीं जाओगी तो मिस्टर दयाल का रेस्त्रो बंद नहीं हो जाएगा , कल पूरा दिन तुम मेरे साथ रहने वाली हो इसलिए जाओ जाकर सो जाओ ,, मुझे सुबह एक फ्रेश जिया चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,अपनी वही पुरानी स्माइल के साथ। मैं चलता हूँ अपना ख्याल रखना।”,ईशान ने कहा और जिया का गाल थपथपा कर वहा से चला गया।
जिया ईशान को जाते हुए देखते रही वह हैरान थी कि ईशान उसके साथ इतना नार्मल बिहेव क्यों कर रहा है ? वह ईशान से गुस्सा थी लेकिन चाहती थी ईशान थोड़ी देर और उसके साथ रहे।
जिया काफी देर तक बुत बनी वही खड़े रही। किसी ने आकर उसके कंधे पर हाथ रखा तो उसकी तंद्रा टूटी। उसने चौंककर देखा वह सोफी थी
“तुम इस वक्त यहाँ क्या कर रही हो जिया ?”,सोफी ने कहा
“हाँ,,,,,,,,,,क कुछ नहीं !!”,जिया ने चौंककर कहा
“वैसे यहाँ कोई था क्या ? मैंने तुम्हारी आवाज सुनी,,,,,,,,,,तुम किसी से बात कर रही थी।”,सोफी ने इधर उधर देखते हुए कहा
“ईशान आया था,,,,,,,,,,,!”,जिया ने खोये हुए स्वर में कहा
जिया को खोया हुआ देखकर सोफी को लगा जिया को वहम हुआ है इसलिए उसने कहा,”चलो चलते है , रात बहुत हो गयी है तुम्हे चलकर सो जाना चाहिए। कल सुबह रेस्त्रो भी जाना है।”
जिया सोफी के साथ अंदर चली आयी। चलते चलते उसे ईशान की कही बात याद आ गयी,”कल पूरा दिन तुम मेरे साथ रहने वाली हो इसलिए जाओ जाकर सो जाओ ,, मुझे सुबह एक फ्रेश जिया चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,,अपनी वही पुरानी स्माइल के साथ”
”क्या कल वो फिर से मुझसे मिलने आएगा ? नहीं मुझे अपने दिल को झूठी तसल्ली नहीं देनी चाहिए ईशान नहीं आएगा। मुझे खुद को समझाना होगा कि उसके लिए मैं सिर्फ एक अच्छी दोस्त हूँ पर मैं अपने दिल को कैसे समझाऊ जो उस से प्यार कर बैठा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह ये अहसास काफी तकलीफ देह है , जिस से मोहब्बत है उस से कह नहीं पाना एक असहनीय पीड़ा की तरह है जिसे सिर्फ मैं महसूस कर सकती हूँ।”,जिया ने अपने मन में कहा और ये कहते हुए सहसा ही उसकी आँखे नम हो गयी।
कमरे में आकर वह बिस्तर पर लेट गयी और अपनी आँखों को कसकर बंद कर लिया जिस से अपने दर्द को कम कर सके।
सुबह जिया की आँख खुली तो उसे एकदम से ईशान की कही बात याद आ गयी। जिया उठी और जल्दी से खिड़की के पास आकर नीचे देखा। ईशान को नीचे ना देखकर जिया ने अपने दिल पर हाथ रखा और एक गहरी साँस ली। जिया वापस अंदर चली आयी और कबर्ड से कपडे लेकर नहाने चली गयी। सोफी जिया से अब कम ही बात करती थी इसलिए उसने जिया के लिए नाश्ता रखा और खुद रेस्त्रो चली गयी।
जिया अपने बाल पोछते हुए बाथरूम से बाहर आयी। टेबल पर अपने लिए रखा नाश्ता देखकर जिया समझ गयी कि ये सोफी ने रखा है। खाने को देखते ही सब भूल जाने वाली जिया ने प्लेट का ढक्कन हटाकर भी नहीं देखा और अपने बालों को पोछते हुए जैसे ही बिस्तर की तरफ आयी अपने बिस्तर पर बैठे ईशान को देखकर एकदम से चौंकी। ईशान को वहा देखकर जिया का तो जीया ही मुंह को आ गया। वह ईशान के पास आयी और दबी आवाज में कहा,”तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”
“हे जिया ! गुड मॉर्निंग , बचपन में तुम काफी क्यूट थी लाइक अ बार्बी डॉल,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने अपने हाथ में पकड़ी जिया की बचपन की तस्वीर को बिस्तर से लगकर पड़ी टेबल पर रखते हुए कहा
“तुम यहाँ आये कैसे ?”,जिया ने ईशान की बात को इग्नोर करके कहा
“खिड़की से , अगर दरवाजे से आता तो लिली आंटी मुझे नीचे से ही भगा देती,,,,,,,,,,,,!!”,ईशान ने उठकर अंगड़ाई लेते हुए कहा
“ओह्ह्ह्ह तुम पागल हो क्या ? अगर किसी ने तुम्हे यहाँ देखा तो,,,,,,,,,,,,,,लिली आंटी ने देखा तो वो तो मुझे घर से ही निकाल देगी। तुम जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,,,!”,जिया ने ईशान को खिड़की की तरफ धकियाते हुए कहा
“मैं तुम्हे लेने आया हूँ , तुम्हे याद है ना मैंने कल रात क्या कहा था हम बाहर जाने वाले है। चलो जल्दी से रेडी हो जाओ,,,,,,,,,,,,,,,,अहम्म्म्म्म काफी अच्छी खुशबु आ रही है सोफी ने कुछ बनाया है क्या ? अह्ह्ह सोफी पर मुझे पूरा भरोसा है वो बहुत अच्छा खाना बनाती है , तुम तैयार होती हो तब तक मैं ये टेस्ट कर लेता हूँ।”,ईशान ने जिया को साइड कर नाश्ते की प्लेट उठाते हुए कहा
जिया ने देखा ईशान उसकी बात नहीं सुन रहा है तो वह परेशान होकर अपने नाख़ून कुतरने लगी। ईशान ने देखा तो कहा,”तुम चाहो तो ये खा सकती हो।”
जिया ईशान के सामने आकर खड़ी हो गयी और कहा,”तुम ये सब क्यों कर रहे हो ?”
“ताकि मैं तुम्हारे चेहरे पर वो पहले वाली ख़ुशी देख सकू , आई नो जिया तुम मेरी वजह से बहुत हर्ट हो लेकिन मेरी कुछ मजबूरिया थी इसलिए मैं कुछ वक्त तुम से दूर रहा ,
मिल नहीं पाया पर इसका मतलब ये नहीं है जिया है कि मैं तुम्हे भूल गया,,,,,,,,,,तुम आज भी मेरे लिए वही पुरानी जिया हो जो मेरी सबसे अच्छी दोस्त है और जिस से मैं,,,,,,,,,,,,,,!”,कहते कहते ईशान रुक गया
जिया के चेहरे पर बेचैनी के भाव उभर आये और उसने कहा,”और मैं क्या ईशान ?”
“और मैं ये कह रहा था कि तुम अब चलोगी या मैं तुम्हे ऐसे ही उठाकर ले जाऊ ?”,ईशान ने अपनी बात बदलकर जिया को घूरते हुए कहा तो जिया चुपचाप वहा से चली गयी।
जिया जब तक तैयार होकर आयी ईशान ने सोफी का बनाया सारा नाश्ता खत्म कर दिया और वाशबेसिन में हाथ धोते हुए कहा,”वैसे सोफी बढ़िया खाना बनाती है। उस से शादी करने वाला लड़का बहुत लकी होगा।”
“हाँ तुम्हे सोफी के साथ ही बाहर जाना चाहिए,,,,,,,,,!!”,जिया ने चिढ़ते हुए कहा और जैसे ही जाने लगी ईशान ने उसका हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा और कहा,”क्या बात है जिया तुम्हे जलन हो रही है ? कही तुम्हे मुझसे प्यार तो नहीं हो गया,,,,,,,,,,,,,,,!!”
बेचारी जिया क्या कहती वह बस बड़ी बड़ी आँखों से ईशान को देखते रही और ईशान मुस्कुराते हुए अपनी भँवे उचकाने लगा।
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क्रमश – A Broken Heart – 59 ( Monday )
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संजना किरोड़ीवाल
Yh ishaan ziya ko itna kyun tadpa rha h usse sach kyun nhi bta deta
💜💜💜💜ishan(बदले बदले सरकार नजर आ रहे ) but so cute and nice bs jldi se hsti खिलखिलाती जिया वापस मिल जाए खूबसूरत भाग 😍😍😍😍
Ab Ishan aa gya h to vo apni jiya ko phle vali jiya bna hi dega😍😍😍😍
Ishaan is back..
Maza ayega….❤️
Ishaan ki batao se Jiya ke liye bahut muskil ho raha hai apne feeling ko control karna..Ishaan janta bi hai Jiya bi usse pyaar karti hai aur voh kyu aisa behave kar rahi hai..AB ishaan Jiya ki narazji kaise dur karta hai dekhna hai kyu ki Jiya bi usse jyada dher tak naraz nahi reh payegi jab Ishaan usse dur rehna ka karan batayega..