Sanjana Kirodiwal

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A Broken Heart – 17

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A Broken Heart
A Broken Heart

A Broken Heart – 17

माया का मैसेज देखकर ईशान उठा और उसे फोन लगाते हुए खिड़की के पास चला आया। माया को खो देने के डर से उसका दिल तेजी से धड़क रहा था। उसकी आँखों में बेचैनी थी और चेहरे पर दर्द। जैसे जैसे रिंग जा रही थी उसके चेहरे का दर्द बढ़ता जा रहा था और फिर एकदम से आवाज आयी
“आप जिस नंबर से संपर्क करना चाहते है वो अभी व्यस्त है कृपया कुछ देर बाद संपर्क करे”
“ये मेरा फोन क्यों काट रही है ? पिक अप द फोन,,,,,,,,,,,,,,डेम हो क्या गया है तुम्हे”,ईशान ने कहते हुए दोबारा फोन लगाया लेकिन इस बार भी वही हुआ फोन कट गया। वह तीसरी बार फोन लगाता इस से पहले ही एक और मैसेज आया ये भी माया का ही था जिसमे लिखा था
“Hello कैफे at 5 pm”


ईशान ने मैसेज की परवाह ना करते हुए एक बार फिर माया का नंबर डॉयल किया लेकिन इस बार फोन स्विच ऑफ था। गुस्से में ईशान ने फोन फेंक दिया गनीमत था की उसका फोन जाकर बिस्तर के बगल में रखे बीन बैग पर गिरा। ईशान अपना सर पकड़ कर बिस्तर पर आ बैठा और बीते दिनों की अपनी सारी गलतिया याद करने लगा जिस से वो ये पता कर सके कि माया ने एकदम से उसे ब्रेक अप का क्यों कहा ? जब कुछ समझ नहीं आया तो वह वापस बिस्तर पर गिर गया। उसके चेहरे पर उदासी छाने लगी।
वह बस बिस्तर पर वैसे ही पड़ा रहा और दिवार पर लगी घडी को देखने लगा। 5 बजने में अभी काफी वक्त था। ईशान घडी के उस काँटे को देखता रहा लेकिन वक्त बहुत धीमे गुजर रहा था। कई बार ईशान का फोन बजा लेकिन उसने धयान नहीं दिया।

4 बजे तक वह घडी को वैसे ही देखता रहा और फिर एकदम से उसे माया के मैसेज की याद आई और वह खड़ा हुआ। ईशान बाथरूम में आया और शॉवर चला दिया। पानी में भीगते हुए भी उसे माया का ख्याल आ रहा था जब पहली बार वह उसके साथ बारिश में भीगा था। नहाकर ईशान बाहर आया उसने कपडे पहने और कमरे से निकल गया।


कैफे पहुँचने में उसे आधा घंटा लगना था लेकिन वह पौने 5 ही वहा पहुँच गया और माया का इंतजार करने लगा। उसकी आँखों में अभी भी बेचैनी साफ़ दिखाई दे रही थी वह बार बार कैफे के दरवाजे की तरफ देख रहा था लेकिन माया अभी तक नहीं आयी थी ईशान ने अपने दोनों हाथो की उंगलियों को आपस में फंसाया और उन्हें होंठो से लगाकर सोच में डूब गया। उसे ध्यान ही नहीं रहा की पिछले काफी वक्त से माया उसके बगल में खड़ी है।

“ईशान,,,,,,,,,,,,,!!”माया ने कहा तो ईशान चौंका जैसे नींद से जगा हो। माया को देखते ही वह उठ खड़ा हुआ और उसके सामने आकर उसके कंधो को पकड़कर कहने लगा,”माया ये सब क्या है ? तुम ब्रेकअप करना चाहती हो लेकिन क्यों ? मुझसे कोई गलती हुई है क्या हमारे बीच सब अच्छा चल रहा था फिर ये अचानक ब्रेक अप ? कह दो की ये झूठ है,,,,,,,,,,,,,,,तुम तुम मजाक कर रही थी ना ? तुम चुप क्यों हो ? कुछ बोलो तुम मजाक कर रही हो ना ?”


“ये सच है ईशान,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं ब्रेक अप करना चाहती हूँ”,माया ने बिना किसी भाव के कहा तो ईशान एक झटके में उसके कंधो को छोड़ पीछे हटा। उसे समझ नहीं आया की वह माया से क्या कहे ? वह बैचैन हो गया उसने अपने हाथ को अपने मुंह से लगा लिया वह यकीन नहीं कर पा रहा था की ये बात उसकी माया कह रही है , वो माया जो उससे प्यार करती है , उसे चाहती है। उसने माया की तरफ देखा और कहा,”माया तुम जानती हो मुझे ऐसा मजाक बिल्कुल पसंद नहीं है , स्टॉप आल दिस ना प्लीज,,,,,,,,,,,,,,,,,,हम इतने दिनों बाद मिले है चलो तुम्हारी फेवरेट कॉफी पीते है,,,,,,,,,,,,,,तुम तुम यहाँ बैठो”ईशान ने माया को कंधो से पकड़कर अपने सामने वाली कुर्सी पर बैठा दिया।

इस वक्त वह बिल्कुल ऐसे बर्ताव कर रहा था जैसे उसने माया की बात को सूना ही नहीं , माया यहाँ उस से ब्रेकअप करने आयी थी।
माया उठी और ईशान को रोककर अपनी तरफ करके थोड़ी ऊँची आवाज में कहा,”मैं यहाँ ब्रेकअप करने आयी हूँ ईशान ये पागलपन बंद करो तुम”
माया की आवाज सुनकर वहा बैठे लोग उन दोनों को देखने लगे , ईशान ने देखा तो वह माया के क़रीब आया और उसके चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा,”शशशशश क्या कर रही हो तुम सब देख रहे है , हम बाहर चलकर बात करते है”


कहते हुए ईशान जैसे ही उसे बाहर ले जाने लगा माया ने अपना हाथ झटका और कहा,”मुझे यही बात करनी है”
ईशान रुक गया और माया की तरफ पलटकर कहा,”कहो,,,,,,,,,,,,,,,,कहो मत ये बताओ क्यों करना है ब्रेकअप ? आखिर मैंने किया क्या है हाँ ?”

माया ने सूना तो उसके चेहरे पर गुस्से के भाव उभर आये और वह कहने लगी,”जस्ट लुक एट यू ईशान ,, क्या कर रहे हो तुम अपने साथ अपनी लाइफ के साथ कॉलेज छोड़े इतना वक्त हो चुका है तुम्हे लेकिन तुमने अपने लिए क्या किया है ? 2 साल में 16 नौकरी से निकाले गए हो तुम , लेकिन तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ता। तुम्हारी अपनी कोई पहचान नहीं है , जॉब नहीं है , खुद का घर तक नहीं है जो है उसका रेंट भी तुम्हारे पेरेंट्स भरते है। अपने उस बेकार से सपने के पीछे तुम अपनी लाइफ क्यों खराब कर रहे हो ? क्या रखा है उस आर जे की नौकरी में ? पहले पहले मुझे लगा ये तुम्हारा बचपना है धीरे धीरे तूम सब भूल जाओगे लेकिन तुम्हे उसके अलावा और कुछ दिखता ही नहीं है।

कितनी बार मैंने तुमसे इस बारे में बात की लेकिन तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ता। देखो अपने आप को क्या हो तुम कुछ भी नहीं ? फिर भी मैंने तुम्हे अपने पेरेंट्स से मिलाया और तुमने क्या किया ? तुमने उनसे कहा की मैं तुम्हारी सेकेण्ड प्रायोरिटी हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी फर्स्ट प्रायोरिटी तुम्हारा सपना है। तुमने पापा पर हाथ उठाया। मैंने तुम्हे बदलने की बहुत कोशिश की ईशान लेकिन तुम नहीं बदले,,,,,,,,,,,,,,,,तुम एक जिद्दी और गुस्सैल इंसान हो जिसके साथ मैं तो क्या कोई लड़की नहीं रह सकती। मैंने फैसला किया है हम ब्रेकअप कर लेते है इसके बाद तुम अपनी लाइफ जैसे चाहो जी सकते हो”,माया की एक एक बात ईशान के कानो में पिघले शीशे सी उतर रही थी लेकिन वह खामोश रहा।


उसने माया की कही सब बातो को नकार दिया और एक बार फिर उसके कंधो को थामते हुए कहा,”माया लिस्टन टू मी , मैं बदल जाऊंगा तुम जैसा चाहोगी मैं वैसा बन जाऊंगा बस ये ब्रेकअप वाली बातें मत करो ,, आई नो मैं अपने सपनो को लेकर बहुत क्रेजी हूँ लेकिन मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,हम साथ में कितने खुश है माया , प्लीज मुझे मुझे एक मौका दो मैं मैं सब ठीक कर दूंगा,,,,,,,,,,प्लीज ट्रस्ट मी , तुम्हारे अलावा मैं किसी और के बारे में सोच भी नहीं सकता,,,,,,,,,,!!
“लीव मी , ईशान छोडो मुझे ,,,,,,,,,,,,,,,,,ईशान छोडो मुझे”,माया ने कहा


“माया प्लीज मेरी बात सुनो , ठंडे दिमाग से सोचो इसका हल भी तो निकाला जा सकता है , झगड़े पहले भी हुए है हमारे बीच लेकिन हमने कभी ब्रेकअप का नहीं सोचा है ,, माया प्लीज”,ईशान के हाथ कंधो से हटकर माया के बाजुओं पर चले आये और इस वक्त माया को बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था


माया ने गुस्से में ईशान को पीछे धकेला और कहा,”तुम्हारे इसी पागलपन की वजह से मैं तुम्हारे साथ रहना नहीं चाहती। घुटन होती है मुझे तुम्हारे इस जबरदस्ती के प्यार से , तुम्हारी इन बातो से , तुम्हारे बर्ताव से,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे याद भी है ईशान आखरी बार हमारे बीच कब बात हुई थी नहीं तुम्हे कुछ याद नहीं है तुम्हे तो ये तक याद नहीं है की तुम अपनी जिंदगी में क्या बनना चाहते थे ? बस बहुत हो गया मैं तुम्हारे साथ अब और नहीं रह सकती , इसलिए सब खत्म करते है और अपनी एक नयी जिंदगी शुरू करते है। “गुड बाय”


ईशान को इस वक्त माया की कही कोई बात सुनाई नहीं दी , बस उसका कहा “गुड़ बाय” उसे अपने सीने में किसी फ़ास की तरह चुभता महसूस हुआ। वह माया के सामने आया और कहा,”माया मुझे बस एक मौका दो मैं मैं सब ठीक कर दूंगा , आज के बाद मैं तुम्हे कभी शिकायत का मौका नहीं दूंगा। तुम जैसा चाहोगी वैसा करूंगा प्लीज मत जाओ प्लीज”
“ईशान मैंने कहा “गुड़ बाय” , आज के बाद हम कभी नहीं मिलेंगे”,कहकर माया वहा से चली गयी।


बदहवास सा ईशान माया के पीछे पीछे आते हुए उस से रिक्वेस्ट करने लगा,”माया माया मत जाओ माया इस शहर में मेरा तुम्हारे अलावा कोई नहीं है , माया मेरी बात सुनो प्लीज,,,,,,,,,माया हमारे रिलेशनशिप का ये अंत नहीं हो सकता माया,,,,,,माया मेरी बात सुनो”कहते हुए उसका हाथ पकड़कर उसे रोक लेता है लेकिन माया गुस्से में उस से अपना हाथ छुड़वाती है और चली जाती है माया की इस हरकत पर ईशान की बेबसी गुस्से में बदल जाती है और वो थोड़ी तेज आवाज में कहता है,”अरे मजाक है क्या ? रिश्ता हमारा था तो फैसला एक तरफ़ा क्यों ? ऐसे कैसे तुम मुझे छोड़कर जा सकती हो,,,,,,,,,,,माया हम प्यार करते है एक दूसरे से,,,,मेरे लिए ना सही मेरे प्यार के लिए रुक जाओ,,,,,,,,,,,,,,माया मत जाओ ,  लिस्टन टू मी माया मेरा तुम्हारे सिवा कोई नहीं है मत जाओ”


ईशान की आँखों में गुस्से और बेबसी के मिले जुले भाव नजर आने लगे।
उसकी बातों का माया पर कोई खास असर नहीं हुआ। उसने अपनी गाड़ी का दरवाजा खोला और उस में बैठकर जाने लगी। ईशान ने देखा तो दरवाजे को पकड़ लिया और कहा,”माया मेरी बात सुनो , जो भी है हम बात करके शार्ट आउट कर सकते है न”
“मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है ईशान मुझे जाने दो , हमारे बीच सब खत्म हो चुका है”,माया ने सामने देखते हुए कहा उसकी बात सुनकर ईशान को गुस्सा आ गया और उसने गाडी के दरवाजे को जोर से बंद करते हुए कहा,”तो जाओ”


गाडी वहा से चली गयी लेकिन अगले ही पल ईशान को फिर याद आया की माया हमेशा के लिए जा रही है। वह पागलो के तरह गाड़ी के पीछे भागा। वह भागते हुए एक बार फिर माया से रिक्वेस्ट करने लगा,”माया माया आई ऍम सॉरी मैं मैं बदल जाऊंगा , मैं सब ठीक कर दूंगा प्लीज मुझे एक मौका दो माया मेरी बात सुनो माया तुम मुझे इस तरह छोड़कर नहीं जा सकती,,,,,,,,,,,,माया मैं बदल जाऊंगा,,,,,,,प्लीज मत जाओ”
माया ने गाडी का शीशा चढ़ाया और वहा से चली गयी। ईशान को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह इस वक्त क्या करे ? कैसे समझाए माया को ? वह सड़क के बीचों बीच था और गाडिया गुजर रही थी अपना सर पकडे बदहवास सी हालत में वह चल रहा था और अचानक से एक गाड़ी से टकराया”अरे भाई देख के,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गाड़ी में बैठा आदमी चिल्लाया।

“आई ऍम सॉरी”,ईशान ने कहा और साइड में चला आया। वह फुटपाथ पर रखी बेंच पर आ बैठा और अपना सर पकड़ लिया। माया ने जो किया इसकी ईशान को उम्मीद तक नहीं थी। उसकी आँखों में आँसू भर आये उसने अपना चेहरा अपने दोनों हाथो में छुपा लिया। ईशान माया के इस फैसले से बहुत दुखी थी। ईशान घंटो वहा बैठा रहा , अन्धेरा हो चुका था और स्ट्रीट लाइट्स भी जल चुकी थी। ईशान ने अपना फोन देखा लेकिन माया का कोई कॉल या मैसेज नहीं था। ईशान उठा और घर जाने लगा उसका मन बहुत भारी हो चूका था। ईशान अपने फ्लेट पर पहुंचा और दरवाजा खोलकर अंदर चला आया। ईशान अपने कमरे में आया और शीशे के सामने खड़े होकर एकटक खुद को देखने लगा माया के कहे शब्द उसके कानों गूंजने लगे


“जस्ट लुक एट यू ईशान ,, क्या कर रहे हो तुम अपने साथ अपनी लाइफ के साथ कॉलेज छोड़े इतना वक्त हो चुका है तुम्हे लेकिन तुमने अपने लिए क्या किया है ? 2 साल में 16 नौकरी से निकाले गए हो तुम , लेकिन तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ता। तुम्हारी अपनी कोई पहचान नहीं है , जॉब नहीं है , खुद का घर तक नहीं है जो है उसका रेंट भी तुम्हारे पेरेंट्स भरते है। अपने उस बेकार से सपने के पीछे तुम अपनी लाइफ क्यों खराब कर रहे हो ? क्या रखा है उस आर जे की नौकरी में ? पहले पहले मुझे लगा ये तुम्हारा बचपना है धीरे धीरे तूम सब भूल जाओगे लेकिन तुम्हे उसके अलावा और कुछ दिखता ही नहीं है। कितनी बार मैंने तुमसे इस बारे में बात की लेकिन तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ता। देखो अपने आप को क्या हो तुम कुछ भी नहीं ? फिर भी मैंने तुम्हे अपने पेरेंट्स से मिलाया और तुमने क्या किया ? तुमने उनसे कहा की मैं तुम्हारी सेकेण्ड प्रायोरिटी हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारी फर्स्ट प्रायोरिटी तुम्हारा सपना है। तुमने पापा पर हाथ उठाया। मैंने तुम्हे बदलने की बहुत कोशिश की ईशान लेकिन तुम नहीं बदले,,,,,,,,,,,,,,,,तुम एक जिद्दी और गुस्सैल इंसान हो जिसके साथ मैं तो क्या कोई लड़की नहीं रह सकती। मैंने फैसला किया है हम ब्रेकअप कर लेते है इसके बाद तुम अपनी लाइफ जैसे चाहो जी सकते हो”  


माया की बातें याद आते ही ईशान की आँखों में गुस्सा उतर आया। सारी बातों को छोड़कर ईशान के जहन में बार बार बस एक ही बात आ रही थी “अपने उस बेकार सपने के पीछे तुम अपनी जिंदगी बर्बाद क्यों कर रहे हो ? क्या रखा है उस आर.जे. की नौकरी में ?”
ईशान अपनी वर्क डेस्क के पास आया और वहा रखे स्पीकर , माइक्स , कीबोर्ड को फेंक दिया। गुस्से से भरकर उसने डेस्क के सामने दिवार पर लगे पेपर्स को  फेंक दिया। कुछ अवार्ड्स रखे थे ईशान ने उनका भी लिहाज नहीं किया और उठाकर फेंक दिया। उसे सिर्फ माया चाहिए थी ये सब नहीं,,,,,,,,,,,,सामान  फेंकने के बाद भी ईशान का गुस्सा काम नहीं हुआ तो उसने अपना हाथ दिवार पर दे मारा उसके हाथ में चोट लगी तो खून बहने लगा पर ईशान को इसकी परवाह नहीं थी।

वह कमरे में पड़े बीन बैग पर आ बैठा और अपना सर पीछे करके आँखे मूँद ली। हाथ से खून की बुँदे बहकर फर्श पर गिरने लगी और आँखों से निकले आँसू उसकी कनपटी को भीगाने लगे। पहली बार ईशान का दिल टूटा था और उसका दर्द सिर्फ वही जानता था। जैसे जैसे रात गहराती गयी कमरे में अँधेरा बढ़ता गया और ईशान नींद के आगोश में चला गया।  

कमरे में खिड़की के पास खड़ी जिया उदास नजरो से बाहर देखे जा रही थी। सोफी अपना ओवरटाइम करके घर आयी उसने जिया को खिड़की के पास देखा तो अंदर आते हुए कहा,”तुम जाग रही हो ?”
“ओह्ह्ह तुम कब आयी ?”,जिया ने सोफी की आवाज सुनकर पलटते हुए कहा
“बस अभी , तुमने डिनर किया ?”,सोफी ने अपना कोट उतारते हुए कहा
“नहीं मैंने नहीं खाया”,जिया ने उदासी भरे स्वर में कहा


हमेशा हसने मुस्कुराने वाली जिया को उदास देखकर सोफी को अच्छा नहीं लगा। उसने अपना बैग रखा और किचन की तरफ जाते हुए कहा,”क्यों ना आज मैं तुम्हारे लिए एग नूडल्स बनाऊ,,,,,,,,,,,,,फिर हम साथ मिलकर खाएंगे”
“क्या आज तुमने भी डिनर नहीं किया ?”,जिया ने सोफी की तरफ आते हुए कहा
“किया था लेकिन लगता है आज मुझमे जिया की आत्मा घुस गयी है इसलिए फिर से भूख लग गयी”,सोफी ने कहा तो जिया हंस पड़ी। जिया को हँसते हुए देखकर सोफी भी हसने लगी और फ्राईंग पेन गैस पर रखते हुए कहा,”अच्छा अब बताओ तुम इतना अपसेट क्यों थी ?”


“वो एक हफ्ता हो गया लेकिन मैंने उस लड़के को दोबारा नहीं देखा , पता नहीं क्यों मुझे अजीब लग रहा है ? मेरा कही मन नहीं लग रहा,,,,,,,,,,,मैं हर वक्त उसी के बारे में सोचती रहती हूँ और ना जाने क्यों मुझे उसकी परवाह होने लगी है ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या मुझे उस से प्यार हो गया है ?”,जिया ने खोये हुए  स्वर में कहा तो सोफी उसे देखने लगी और उसके चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये।

A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17A Broken Heart – 17

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