Main Teri Heer – 27
Main Teri Heer – 27
मुन्ना हैरान परेशान सा कमरे से बाहर आया तो घर के नौकर ने कहा,”मुन्ना भैया आपका बैग,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने अपना बैग लिया और तेज कदमो से वहा से बाहर निकल गया। उर्वशी के इस घर में मुन्ना को घुटन महसूस हो रही थी और मुन्ना यहाँ रुकना नहीं चाहता था। बाहर आकर मुन्ना ने ऑटोवाले को रोका और उसमे आ बैठा। रास्तेभर मुन्ना बस यही सोचता रहा कि वह उर्वशी के घर कैसे पहुंचा ?
कुछ देर बाद ऑटो मुन्ना के घर के सामने आकर रुका। मुन्ना ने ऑटोवाले को पैसे दिए और अपना बैग लेकर अंदर चला आया। बगीचे में पोधो को पानी देते किशना ने जब मुन्ना को आते देखा तो खुश होकर कहा,”अरे मुन्ना बाबा ! आ गए आप,,,,,,भौजी कितनी बार पूछ चुकी आपके बारे में,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म ट्रेफिक में फंस गए थे।”,मुन्ना ने कहा और अंदर चला गया
डायनिंग के पास बैठा मुरारी अनु के साथ नाश्ता कर रहा था उसने जब मुन्ना को अंदर आते देखा तो कहा,”ल्यो आ गए तुम्हरे मुन्ना,,,,,,,,,,!!”
अनु ने सुना तो ख़ुशी से पलटकर देखा , मुन्ना को देखते ही अनु का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा उसने नाश्ता छोड़ा और उठकर मुन्ना के पास आते हुए कहा,”कितनी देर लगा दी तुमने आने में,,,,,,,,,,,,अरे ये चोट कैसे लगी ?”
“माँ ! मामूली सी खरोच है,,,,,,,,,,,,,आप परेशान मत होईये”,मुन्ना ने अपना बैग सोफे पर रखते हुए कहा
“जरा सी चोट ? तुम अपना बिल्कुल ध्यान नहीं रखते मुन्ना,,,,,,,,,,,,,चलो यहाँ बैठो दिखाओ मुझे,,,,,,,,,,,दो दिन बाद तुम्हारी सगाई है और तुमने ये चोट खा ली”,अनु ने मुन्ना को सोफे पर बैठाते हुए कहा
मुरारी नाश्ता कर चुका था इसलिये हाथ धोकर मुन्ना की तरफ चला आया और उसके ललाट पर लगी बेंडेज देखकर कहा,”जे कैसे लगी ?”
“कुछ नहीं पापा वो रास्ते में आते वक्त ऑटो ज़रा सा पलट गया था , उसी वजह से ये चोट लग गयी।”,मुन्ना ने कहा
“अरे अनु ! काहे इतना चिन्तियाय रही हो , सगाई तक ठीक हो जायेगा ये,,,,,,,,,,,अच्छा मुन्ना सुनो तुमको जो जो खरीदारी करनी है वो आज शाम तक निपटाय ल्यो , का है कि कल सुबह जल्दी निकलना हैं। तुम्हरे कौन कौन दोस्त साथ जायेंगे हमको बताना उस हिसाब से अरेजमेंट करते है।”,मुरारी ने सोफे पर बैठते हुए कहा
“अभी अभी तो आया है इसे आराम से बैठने तो दो मुरारी,,,!!”,अनु ने मुरारी पर बिगड़ते हुए कहा
“माँ हम ठीक है , हमे भूख लगी है नाश्ते में क्या बना है ?”,मुन्ना ने अपनी चोट पर से अनु का ध्यान भटकाते हुए कहा
“मैं तो भूल ही गयी , आज नाश्ते में तुम्हारी पसंद की हींग की कचौड़ी और जलेबी बनी है। तुम हाथ मुंह धो लो मैं अभी लगाती हूँ”,अनु ने उठते हुए कहा और डायनिंग की तरफ चली गयी।
मुन्ना भी उठा और हाथ मुंह धोने वाशबेसिन की तरफ चला गया।
मुरारी को इंदौर जाने के लिये तैयारियां करनी थी इसलिए वह किसी को फोन मिलाते हुए उठकर वहा से चला गया। मुन्ना ने नाश्ता किया और जैसे ही अपने कमरे में जाने लगा उसका फोन बजा। मुन्ना ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से शिवम् ने उसे आकर मिलने को कहा। मुन्ना थका हुआ था लेकिन शिवम् की बात नहीं टाल सकता था इसलिये अनु के पास आकर कहा,”माँ ! बड़े पापा ने हमे घर बुलाया है हम होकर आते है।”
“लेकिन आज तो हम तुम्हारे लिये सगाई के कपडे देखकर आने वाले थे”,अनु ने मायूसी से कहा
“सॉरी माँ ! बड़े पापा को शायद कुछ जरुरी काम होगा , हम वापस आकर चलते है ना आपके साथ,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
अनु को याद उसे तो आज पार्लर भी जाना था इसलिये उसने कहा,”एक काम करो मुन्ना तुम जीजू के घर जाकर उन से मिल लो और फिर वही से दी के साथ जाकर अपने लिये कपडे भी खरीद लेना,,,,,,,,,,,,,,,मुझे यहाँ घर में और भी कई सारे काम देखने है।”
“ठीक है माँ हम बड़ी माँ के साथ चले जायेंगे,,,,,,,,,,,अभी हम निकलते है”,कहते हुए मुन्ना ने बाइक की चाबी ली और वहा से निकल गया।
अपने कमरे में बैठी सारिका अभी भी आँखों में नमी लिये शिवम् के बारे में सोच रही थी। कुछ देर पहले शिवम् ने सारिका को लेकर जो फैसला किया था वो शिवम् और सारिका की जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला था। सारिका की आँखों के सामने वो पल आने लगे जब वो मुंबई मे थी और नंबर वन बिजनेस वुमन थी। जब वह बड़े बड़े लोगो के सामने बेबाक होकर अपनी बात रखती थी और लोग सारिका के काम की सराहना करते थे।
कुछ ही सालों में सारिका ने बिजनेस में वो तरक्की हासिल की जिसे पाने के लिये लोग सालों साल मेहनत करते है। सारिका को अपना ऑफिस , उसमे काम करने वाले लोग , अपना केबिन और केबिन की बड़ी खिड़की से दिखता समंदर याद आने लगा।
पिछले कुछ वक्त से आई सारिका को ढूंढ रही थी लेकिन उन्हें पुरे घर में कही नहीं मिली तो आई सारिका के कमरे में चली आयी। उन्होंने देखा सारिका उदास सी अपने कमरे में बैठी है तो आई उसके पास आयी
सारिका को उदास देखकर आई को अच्छा नहीं लगा वह आकर उसके बगल में बैठी और प्यार से सारिका के सर पर हाथ रखते हुए कहा,”सारिका बिटिया ! का हुआ बिटिया इतना उदास काहे हो ? शिवा ने तुमसे कुछो कहा का ? अरे ! हमका बताओ अभी टाँगे तोड़ते है उसकी , बड़े होंगे उँह बनारस मा इह घर मा तो हमही बड़े रही है”
सारिका आई की तरफ पलटी और उनके हाथो को अपने हाथो में लेकर कहने लगी,”नहीं आई ! शिवम् जी ने हमे कुछ नहीं कहा बल्कि उन्होंने तो आज हम से वो बात कह दी जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी”
सारिका की बात आई को समझ नहीं आयी तो उन्होंने कहा,”हमहू समझे नहीं बिटिया ? खुलकर बताओ का बात है ?”
सारिका ने आई को सब बताया तो आई की आँखों में चमक और चेहरे पर ख़ुशी के भाव झिलमिलाने लगे उन्होंने ख़ुशी से भरकर कहा,”अरे ये तो बहुते अच्छी बात है बिटिया , हमको बस एक ठो शिकायत है,,,,,,,,,!!”
“क्या आई ?”,सारिका ने पूछा
“शिवा और तुमने जे फैसला करने में बहुत बख्त लगा दिया,,,,,,,,,!!”,आई ने कहा
“मतलब आप हमसे नाराज नहीं है आई ?”,सारिका ने हैरानी से पूछा
“नाराज ? अरे हम काहे नाराज होंगे तुम से ? हमें तो खुद से शिकायत है बिटिया ,, तुम बहू बनकर जे घर मा आयी और हमने भी तुमको यही बांध कर रख लिया।
अरे तुमहू का सिर्फ़ बनारस की गलियों में घूमने के लिये थोड़ी बनी हो ? तुमहू तो बम्बई के आसमान मा उड़ने के लिये बनी हो,,,,,,,,,,शिवा ने बहुते सही फैसला किया है , बहुत कर लिया तुमने जे घर के लिये अब अपने सपनो के लिये मेहनत करो बिटिया”,आई ने सारिका के चेहरे को अपने हाथो में लेकर बड़े प्यार से कहा
सारिका ने सुना तो उसका दिल भर आया वह आई के गले आ लगी और कहने लगी,”समझ नहीं आ रहा आपसे क्या कहे ?
शिवम् जी ने जो फैसला किया उसे सुनकर लगा जिंदगी का सबसे अहम् हिस्सा छूट गया हमसे लेकिन आपकी बातें सुनकर महसूस हुआ आई कि सिर्फ शिवम् जी ही नहीं बल्कि इस घर के हर इंसान को हमारे सपनो की परवाह है। अगर हर सास आप जैसी हो तो लड़किया कभी अपने घरो में बटवारा नहीं चाहेंगी आई , हम चाहेंगे हर जन्म में आप हमे माँ के रूप में मिले,,,,,,,,,,,,!!”
आई ने सुना तो मुस्कुराई और सारिका का सर सहलाते हुए कहा,”अरे बस बिटिया ! हर सास हमारी जैसी तब होगी जब उसको तुम्हरे जैसी बहू मिलेगी,,,,,,,,,,,,,,,और हमने तो तुमको कभी अपनी बहू समझा ही नहीं हम तो तुमको अपनी बिटिया ही मानते है। अब जे उदासी दूर करो अपने सुन्दर चेहरे से और मुस्कुराकर दिखाओ,,,,,,,,!!”
सारिका आई से दूर हटी और मुस्कुरा दी तो आई ने कहा,”अच्छा तुमहू जब बम्बई जाओगी तो हमका भूल तो नहीं जाओगी ?”
आई की बात सुनकर सारिका की आँखों में फिर नमी तैरने लगी और उसने कहा,”इस जन्म में तो कभी नहीं आई,,,,,,!!”
“खूब तरक्की करना बिटिया ताकि हमहू अपनी सहेलियों के बीच जे कहकर इतरा सके कि हमरी बिटिया मुंबई मा रहती है।”,आई ने कहा
“बिल्कुल आई , आपका और बाबा का आशीर्वाद रहा तो हम जरूर सफल होंगे और सबसे पहले आपको और बाबा को वहा बुलाएँगे,,,,,,,,,,आप आएँगी ना आई ?”,सारिका ने प्यार से पूछा
“ल्यो जे कोई पूछने की बात है हमहू जरूर आही है , अरे हमहू तो मारीन डाइव पर फोटू भी खिंचवाई है”,आई ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा
“मारिन डाइव नहीं आई मरीन ड्राइव,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा
“हाँ हाँ वही चलो आओ बाहर आज हम तुमको अपने हाथ से बने दाल के पकौड़े और धनिये पुदीने की चटनी खिलाते है।”,आई ने सारिका के साथ कमरे से बाहर आते हुए कहा। सारिका ने चलते चलते उन्हें साइड हग किया और मुस्कुरा उठी।
इंदौर , ब्लू रोज पब
सिविल ड्रेस में शक्ति ब्लू रोज पब पहुंचा। ये वही जगह थी जहा एक्सीडेंट वाली रात कबीर अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने आया था। शक्ति काउंटर की तरफ आया और बार टेंडर से कुछ बात करने लगा लेकिन शक्ति को वहा से कोई खास जानकारी नहीं मिली। शक्ति जॉर्डन के लिये यहाँ आया था लेकिन यहाँ जॉर्डन को कोई नहीं जानता था। शक्ति कुछ देर वहा रुका और फिर जैसे ही जाने लगा तो एक लड़के ने उसके पास आकर कहा,”जॉर्डन तुमको इस वक्त कच्ची बस्ती में मिलेगा”
शक्ति ने हैरानी से उस लड़के को देखा और कहा,”तुम्हे कैसे पता मैं जॉर्डन को ढूंढ रहा हूँ ?”
“अरे सबको मालूम है इस पुरे शहर में दो ही लोगो के पास जॉइंट मिलेगा,,,,,,,,,,!!”,लड़के ने कहा
“दो लोग कौन ?”,शक्ति ने चमकती आँखों के साथ कहा
लड़के ने शक्ति की जेब की तरफ देखा तो शक्ति समझ गया लड़का क्या चाहता है उसने जेब से 2 500 के नोट निकाले और लड़के की जेब में रखते हुए कहा,”कौन है वो दो लोग ?”
“एक तो अपना जॉर्डन और दुसरा आसिफ”,लड़के ने कहा
“आसिफ कहा मिलेगा ?”,शक्ति ने पूछा
“उसके बारे में मैं कुछ नहीं जानता , जॉर्डन भाई तो बड़ी पार्टीज के साथ इधर आता जाता रहता है लेकिन आसिफ भाई को आज तक किसी ने नहीं देखा,,,,,,,अभी मैं चलता है इधर रुक के प्रॉब्लम में नहीं पड़ना मेरे को,,,,,,!!”,कहकर लड़का वहा से चला गया
“कच्ची बस्ती,,,,,,,,,आसिफ,,,,,,,!!”,शक्ति अपने आप में बड़बड़ाया और वहा से निकल गया
शक्ति पब से बाहर आया। वह गाड़ी में आकर बैठ गया और जॉर्डन के बारे में सोचने लगा। सड़क के उस पार काशी , गौरी , ऋतू और प्रिया खड़ी थी।
“ए काशी वो शक्ति है न ? वो यहाँ क्या कर रहा है ?”,गौरी ने शक्ति की तरफ देखकर कहा
काशी भी शक्ति को वहा देखकर खुश और हैरान दोनों थी।
“हो सकता है काशी को सरप्राइज देने आया हो,,,,,,,,,ओह्ह्ह क्या बात है काशी शक्ति तो कुछ ज्यादा ही रोमांटिक निकला”,ऋतू ने काशी को छेड़ते हुए कहा
“हमे लगता है शक्ति यहाँ किसी और वजह से आया होगा,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“लेकिन इस वक्त शक्ति पब में क्यों आया होगा ? अगर वो तुम्हारे लिये नहीं आया तो क्या किसी और से मिलने,,,,,,,,,,,!!”,प्रिया ने काशी के दिमाग में शक का बीज डालते हुए कहा
“ओह्ह कम ऑन प्रिया क्या कुछ भी बोल रही हो तुम ? शक्ति एक पुलिसवाला है हो सकता है वो यहाँ अपने किसी काम से आया हो”,गौरी ने प्रिया से कहा
“गाईज छोडो ये सब कुछ खाने चलते है,,,,,,,,,,,,मुझे बहुत जोरो से भूख लगी है।”,ऋतू ने कहा
“हाँ चलो चलते है,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा और जैसे ही ऋतू प्रिया के साथ आगे बढ़ी काशी को वही रुके देखकर कहा,”काशी ! क्या हुआ चलो ना ?”
“तुम सब चलो हम आते है,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“ठीक है जल्दी आना,,,,,,!!”,गौरी ने कहा और बाकि सबके साथ आगे बढ़ गयी।
प्रिया ने जो शक का बीज काशी के दिमाग में डाला था उसका ही असर था कि काशी ने अपने फोन से शक्ति का नंबर डायल किया। एक दो रिंग के बाद शक्ति ने फोन उठाया और कहा,”हाँ काशी ! कहो कैसे फोन किया ?”
“शक्ति ! तुम कहा हो ?”,काशी ने पूछा
शक्ति अपने काम से बाहर आया था और काशी को ये सब बताकर परेशान नहीं करना चाहता था इसलिए कहा,”हम किसी जरुरी काम से बाहर है काशी , कुछ अर्जेंट था क्या ?”
“अह्ह्ह नहीं , हमने तो बस ऐसे ही फोन किया,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने मायूस होकर कहा
“ठीक है हम तुम्हे शाम में फोन करते है,,,,,,,,,!!”,कहकर शक्ति ने बिना काशी की बात सुने ही फोन काट दिया। काशी का चेहरा उदासी से घिर गया उसने फोन रखा और वहा से चली गयी। चलते चलते काशी के जहन में बस एक ही बात चल रही थी क्या कुछ ऐसा था जो शक्ति काशी से छुपा रहा था ?
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संजना किरोड़ीवाल
Sarika bahut kush hai yeah jankar ki Aye bi yahi chahati hai ki voh apna sapna pura karre..Sarika aur Aye ki bonding mast hai..Kashi ko shakti per shakh nahi karna chahiye voh DCP hai usse apne case investigation ke kaam se kahi bi jana padta hai i hope Kashi ko uski galti ka ehsaas hogi usse SHakti per shakh nahi karna chahiye…Munna ko samajh nahi araha ki voh urvasi ke ghar kaise pauncha…Munna ne Anu ka mind apni chod se divert karne ke liye kaha ki usse bukh lagi hai uske baad voh rest karna chahata tha per Shivam ne usse bhulaya toh voh mana nahi kar saka aur Anu ke kehne per kaha ki Sarika ke saath shopping per chala jayega…interesting part Maam♥♥♥♥♥♥♥
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Yeh Kashi itni bholi hai jo kisi ki bhi baato m aa jati hai…apni saheli he basto m aa gai yeh ladki…kya hoga Kashi ka…lakin kya Munna apni sagai m rajan ko invite karega…dekhte hai kya hota hai
Very👍👍👍👍🤔🤔🤔🤔👍👍👍👍🤔