Haan Ye Mohabbat Hai – 77
Haan Ye Mohabbat Hai – 77
सिंघानिया ने जी ने किडनेपर को जो जमीन अलॉट करवाई थी वो उस पर अक्षत व्यास के नाम का बोर्ड लगा था। चोपड़ा जी ने जब अक्षत का नाम देखा तो घबरा गए। छवि दीक्षित केस और ज्यादा उलझ गया तीन दिन बाद उन्हें असली गुनहगार को कोर्ट में पेश करना था और उस पर ये कुछ नया ही उनके सामने आया था। चोपड़ा जी ने जब ये बात सिंघानिया जी को बताई तो वे भी सकते में आ गए।
दोनों सोफे पर आ बैठे और सिंघानिया जी ने कहा,”चोपड़ा इन सब से बाहर निकलने का कोई तो रास्ता होगा ? मतलब क्या हम उस अक्षत व्यास को नहीं खरीद सकते ?”
“वो पहले नहीं बिका अब क्या बिकेगा ? और सच पता चलने के बाद तो हरगिज नहीं,,,,,,,,,!!”,चोपड़ा जी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“अगर हम अक्षत व्यास को सब सच बता दे तो,,,,,,,,,,,,,तो शायद वो हमारी मज़बूरी समझे,,,,!!”,सिंघानिया जी ने कहा
“अक्षत व्यास ने अपनी बेटी को खोया है , और आप कह रहे है हम उसे जाकर ये बताये कि उसकी बेटी को किडनेप करने के लिये हमने किडनेपर से डील की थी तो जानते है आप क्या होगा ? वो हमे ज़िंदा जमीन में गाड़ देगा,,,,,,,,,,,,,नतीजा आप पहले भी देख चुके है।”,चोपड़ा जी ने कहा तो सिंघानिया जी को वो शाम याद आ गयी जब अपनी बेटी के किडनेप होने पर उसने सिंघानिया जी को सिर्फ शक के बिनाह पर मारा था।
“तो अब क्या होगा चोपड़ा ?”,सिंघानिया जी ने घबराहट भरे स्वर में कहा
चोपड़ा जी ने कुछ सोचते हुए कहा,”सूर्या मित्तल , हमे सूर्या मित्तल से हाथ मिलाना होगा। इस वक्त वही इंसान है जो इन सब में हमारी मदद कर सकता है।”
“तुम्हे जो ठीक लगे तुम वो करो चोपड़ा लेकिन जितनी जल्दी हो सके ये सब खत्म करो,,,,,,,,,,,,,!!”, सिंघानिया जी ने कहा
“मेरे बिना इसे आप खत्म नहीं कर पाएंगे,,,,,,,,,!!”,सूर्या ने अंदर आते हुए कहा
सूर्या को वहा देखकर चोपड़ा जी और सिंघानिया जी दोनों ही हैरान थे लेकिन उन्होंने अपने भाव चेहरे पर नहीं आने दिए। सूर्या उनके पास चला आया और सोफे पर बैठते हुए कहा,”आप लोग कुछ खत्म करने की बात कर रहे अगर मैं गलत नहीं हूँ तो ये छवि दीक्षित केस की बात हो रही थी ?”
“हाँ तुमने सही सुना सूर्या , मैं यहाँ छवि दीक्षित केस के बारे में बात करने ही आया था , तुमसे मिलना था अच्छा हुआ तुम यही चले आये।”,चोपड़ा जी ने कहा
“सिंघानिया जी विक्की और रॉबिन इस केस से बाहर हो चुके है फिर खुश होने के बजाय आपके माथे पर ये परेशानी के भाव क्यों है ? कही इन सब में आपका हाथ तो नहीं,,,,,,,,,,,कही छवि दीक्षित का रेप,,,,,,,,,,,,,!!”,सूर्या ने ऐसे ही हवा में एक तीर फेंका
“ये क्या बकवास कर रहा है,,,,,,,,,,,,चोपड़ा , इसे कहो अपनी हद में रहे।”,सिंघानिया जी ने बिफरते हुए कहा
“ये क्या मजाक है सूर्या ? सिंघानिया जी इस शहर के जाने माने और सज्जन बिजनेसमैन है अपनी ही कलीग के साथ वे ऐसा क्यों करेंगे ? तुम हवा में बाते मत करो , 3 बाद कोर्ट में असली गुनहगार को पेश करना है ,, क्या तुम कर पाओगे ?”,चोपड़ा जी ने गंभीरता से कहा
“वो तो आप लोग बताएँगे,,,,,,,,,,,!!”,सूर्या ने सहजता से कहा
सूर्या की बात सुनकर चोपड़ा जी और सिंघानिया जी एक दूसरे की तरफ देखने लगे और अगले ही पल चोपड़ा जी ने कहा,”हम लोग बताएँगे मतलब ? तुम कहना क्या चाहते हो सूर्या ?”
सूर्या ने वही पास ही में काम करते नौकर को अंदर जाने का इशारा किया और गंभीरता से कहा,”लास्ट मोमेंट पर अक्षत व्यास का केस की सुनवाई में खामोश रहना और उसी दिन उसकी बेटी का किडनेप होना ,, आपको नहीं लगता ये दोनों बाते एक दूसरे से कनेक्टेड है ?”
“मैं कुछ समझा नहीं,,,,,,,,,,,,!!”,चोपड़ा जी सूर्या की बात समझकर भी अनजान बनते हुए कहते है।
“ऐसा हुआ हो कि विक्की को बचाने के लिए आप लोगो ने ही किसी किडनेपर को हायर किया हो और उसने अक्षत व्यास की बेटी को मार दिया हो,,,,,,,,,,,!!”,सूर्या ने कहा
“लेकिन उसने अक्षत की बेटी को नहीं मारा है , मैंने उस से सिर्फ विक्की को बचाने की डिल की थी”,जल्दबाजी में सिंघानिया जी ने सूर्या के सामने सच उगल दिया। चोपड़ा जी ने मायूसी से सिंघानिया जी को देखा लेकिन सिंघानिया जी इतना पेनिक हो चुके थे कि उन्होंने सूर्या को सच बता दिया।
सूर्या हल्का सा मुस्कुराया और कहा,”मतलब ये साफ है कि आप लोगो ने किडनेपर को हायर किया था ,, अब मुद्दा ये है कि उसने अक्षत व्यास की बेटी को क्यों मारा ?”
“हो सकता है उसकी अक्षत व्यास से कोई निजी दुश्मनी हो और इसलिए उसने ऐसा किया हो ? क्योकि एक मासूम बच्ची की जान लेकर हम सबको क्या मिलेगा ?”,चोपड़ा जी ने सोचते हुए कहा
“एग्जैक्टली ! यही तो मैं आपको समझना चाह रहा हूँ , अक्षत व्यास के किसी दुश्मन ने इस बात का फायदा उठाया और आप लोगो से डील की ताकि वह इस केस की आड़ में अपनी दुश्मनी को अंजाम दे सके और इल्जाम आप लोगो पर आ जाए। कानून के साथ साथ अक्षत व्यास भी आप लोगो का दुश्मन बन जाये और वह किडनेपर बिना किसी परेशानी के आराम से इस से बाहर निकल जाये।”,सूर्या ने अपनी बात रखी जिस से सिंघानिया जी और चोपड़ा जी कही कही सहमत होते नजर आये।
“ठीक है मान लिया तुम सच कह रहे हो पर छवि का रेप,,,,,,,,,,,,,अगर छवि का रेप विक्की ने नहीं किया तो किसने किया होगा ?”,चोपड़ा जी ने कहा
“हो सकता है छवि और बच्ची का किडनेप करने वाला एक ही शख्स हो और हमे भर्मित करने के लिये वह दो अलग अलग रूप में आपसे और विक्की से मिला हो,,,,,,,,,,,,,,क्योकि छवि को फार्म हॉउस लेकर विक्की नहीं बल्कि कोई किडनेपर गया था। अगर उस से जुड़ा एक भी क्लू हमे मिल जाये तो इस केस से बाहर निकला जा सकता है।”,सूर्या ने कहा
“सूर्या ! तुम्हे क्या लगता है तुम से पहले अक्षत व्यास ने ये जानने की कोशिश नहीं की थी , उसका केस बहुत मजबूत था ये मैंने देखा था उस वक्त,,,,,,,,,,,अगर ऐन पर रॉबिन ने साथ ना दिया होता तो आज विक्की उम्रकैद की सजा काट रहा होता,,,,,,,,,,,,!!”,चोपड़ा जी ने कहा
सूर्या ने एक नजर चोपड़ा जी को देखा तभी घर के नौकर ने आकर सूर्या के सामने चाय का कप रखते हुए कहा,”सर चाय”
“मैंने कहा तुम से चाय लाने के लिये,,,,,,,,,,,?”,सूर्या ने कड़कदार आवाज के साथ नौकर से कहा तो वह सहम गया
“इट्स ओके सूर्या ! रिलेक्स वो बस मेहमान समझकर सिर्फ चाय लाया है तुम्हे नहीं पीना इट्स ओके,,,,,,,,,,,,!!”,चोपड़ा जी ने नरमी से कहा
सूर्या ने नौकर को कुछ देर देखा और हाथ से चाय वापस ले जाने का इशारा कर दिया। नौकर ने कप उठाया और वहा से चला गया।
उसके जाने के बाद सूर्या ने कहा,”सिंघानिया जी ! आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘घर का भेदी लंका ढाये’ ये बात आपके मामले में 100 टका सही साबित होती है।”
“मतलब ?”,सिंघानिया जी ने पूछा
“मतलब ये कि आपके पतन का कारण आपके अपने ही है,,,,,,,,,,,खैर छोड़िये मैं आपकी पूरी मदद करूँगा और कोशिश करूंगा उस किडनेपर तक पहुँचने की लेकिन उस से पहले मुझे आपसे कुछ सवालो का जवाब चाहिए।”,सूर्या ने कहा
“हम्म्म पूछो !”,सिंघानिया जी ने कहा
“सवाल थोड़े निजी है तो ऑफेंड मत होईयेगा। आपकी पत्नी आपको छोड़कर क्यों चली गयी ?”,सूर्या ने पूछा
“इसका छवि के केस से क्या कनेक्शन है ?”,चोपड़ा जी ने पूछा
“मैंने कब कहा कनेक्शन है ? कोई कनेक्शन नहीं है मैं बस अपनी तसल्ली के लिये इनसे ये सवाल पूछ रहा हूँ।”,सूर्या ने कहा और सिंघनिया जी की तरफ देखने लगा
“उसका बाहर किसी से एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर चल रहा था इसलिए”,सिंघानिया जी ने कहा
“क्या विक्की के अलावा आपकी कोई और संतान भी है ?”,सूर्या ने पूछा
“सूर्या तुम सिर्फ अपना वक्त बर्बाद कर रहे हो,,,,,,,!!”,चोपड़ा जी ने कहा
“एक मिनिट चोपड़ा जी , सिंघानिया जी क्या विक्की के अलावा आपकी और कोई संतान है ? आपकी पत्नी से या बाहर कही ?”,सूर्या ने सिंघानिया जी की आँखों में देखते हुए कहा
“नहीं विक्की मेरा इकलौता बेटा है”,सिंघानिया जी ने कहा
“आपके बाद आपकी प्रॉपर्टी किस के नाम होगी ?”,सूर्या ने सवाल किया
“ऑफकोर्स , मेरे बेटे विक्की के नाम,,,,,,!!”,सिंघानिया जी ने हैरानी से कहा
“तो फिर आपने अपने जाने से पहले ही अपनी सारी जायदाद विक्की के नाम करने का फैसला क्यों किया ?”,सूर्या ने जैसे ही कहा सिंघानिया जी और चोपड़ा जी और सिंघानिया जी हैरानी से एक दूसरे की तरफ देखने लगे।
ये बात तो सिर्फ़ सिंघानिया जी और चोपड़ा जी को पता थी ,, उन दोनों को परेशान देखकर सूर्या ने अपने कोट से एक फाइल निकालकर टेबल पर रखते हुए कहा,”आपकी जायदाद के ये पेपर्स मुझे चोपड़ा जी के केबिन से मिले,,,,,,,,,,,अब आप बताईये आपने इतनी जल्दी ये फैसला क्यों किया ? क्या आपको डर था कही कोई और भी आपकी जायदाद में हिस्सा मांगने ना आ जाये ?”
सूर्या के दिमाग को देखकर सिंघानिया जी हैरान थे उन्होंने कहा,”विक्की के कहने पर वो चाहता था मेरे जाने से पहले सारी जायदाद उसके नाम कर दी जाये।”
सूर्या मुस्कुराया और कहा,”वो चाहता नहीं था उस से ये करवाया गया है , उसी किडनेपर के जरिये,,,,,,,,,,,,,सिंघानिया जी अब आप बैठकर सोचिये ऐसा कौन है आपका क़रीबी जिसे आपकी जायदाद में दिलचस्पी है,,,,,,,,,,,क्योकि मेरा तजुर्बा कहता है 99% वही है असली गुनहगार,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए सूर्या सोफे से उठ खड़ा हुआ और चोपड़ा जी से कहा,”आपसे कोर्ट में मिलता हूँ।”
सूर्या वहा से चला गया। सिंघानिया जी सोच में पड़ गए और चोपड़ा जी वो तो सूर्या से अच्छा खासा इम्प्रेस हो गये कि इतनी जल्दी उसने इस केस को आधा सुलझा दिया लेकिन साथ ही परेशान भी कि ये बात उनके दिमाग में क्यों नहीं आयी ?
चोपड़ा जी खामोश बैठे थे उन्हें खामोश देखकर सिंघानिया जी ने कहा,”चोपड़ा ! क्या हम सूर्या पर भरोसा कर सकते है ? कही ऐसा तो नहीं ये सब करके वो केस को और उलझा रहा हो ? क्योकि मैं जानता हूँ चोपड़ा मेरा कोई ऐसा करीबी नहीं जो ऐसी घटिया हरकत करेगा”
“सिंघानिया जी ! सूर्या पर भरोसा करने के अलावा हमारे पास और कोई चारा नहीं है। अगर उसकी बात में ज़रा भी सच्चाई है तो हम उस किडनेपर तक पहुँच सकते है।”,चोपड़ा जी ने कहा
“और अगर उस किडनेपर ने हमे ही फंसा दिया तो ?”,सिंघानिया जी ने कहा
“किडनेपर बहुत शातिर है वह पहले ही अक्षत व्यास को फंसा चुका है , उस खंडर में उसके नाम का बोर्ड लगाकर,,,,,,,,,,,,!!”,चोपड़ा जी ने कहा तो सिंघानिया जी को थोड़ी रहत मिली।
दोनों कुछ देर बैठे रहे और फिर चोपड़ा जी कोर्ट के लिये निकल गए।
अपने कमरे में बैठी मीरा आँसू बहा रही थी तभी शाम के फंक्शन की लिस्ट लेकर मैनेजर वहा आया। उसने दरवाजा खटखटाया , मीरा ने उसे देखा और हॉल में बैठने को कहा। मैनेजर हॉल में ना जाकर मीरा के पास आया और कहा,”आई ऍम सॉरी मैडम लेकिन मुझे आपको कुछ बताना है,,,,,,,,,,,वो मैं”
बेचारा मैनेजर मीरा को कुछ बता पाता इस से पहले ही सौंदर्या एक बैग लेकर वहा आ पहुंची।
उसने मैनेजर को मीरा के कमरे में देखा तो उसकी भँवे तन गयी लेकिन मीरा के सामने उसने उसे कुछ नहीं कहा और मीरा से बोली,”मीरा ये आज शाम के फंक्शन के लिये तुम्हारे कपडे , मैं चाहती हूँ आज की पार्टी में तुम ये पहनो,,,,,,,,,,,तुम बहुत खुबसुरत लगोगी,,,,,,,,!!”
“हम्म्म,,,,,,,!!”,कहकर मीरा मैनेजर की तरफ पलटी और कहा,”आप हमे कुछ बताने वाले थे,,,,,!!”
मैनेजर ने एक नजर सौंदर्या को देखा , उनके सामने वह मीरा को भला क्या ही बता पाता इसलिए अपने हाथ में पकड़ी फाइल मीरा की तरफ बढाकर कहा,”वो मैं ये आपको ये देने आया था ,, इस फाइल में आज के फंक्शन के लिए आपकी एक स्पीच है आप इसे पढ़ लीजियेगा प्लीज,,,,,,,,,,,!!”
“हम्म ठीक है,,,,,,,,,!!”,मीरा ने फाइल लेकर कहा
“हो गया तुम्हारा , अब जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने मैनेजर को घुड़कते हुए कहा
मैनेजर वहा से चला गया। मीरा ने जैसे ही फाइल खोली सौंदर्या ने उसके हाथ से फाइल लेकर बंद करते हुए कहा,”मीरा छोडो इसे और मेरे साथ आओ,,,,,,,,,,,,मुझे तुम्हे कुछ लोगो से मिलवाना है।”
मीरा सौंदर्या के साथ दरवाजे की तरफ बढ़ गयी जाते जाते उसने पलटकर फाइल को देखा और वहा से चली गयी।
Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77
Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77 Haan Ye Mohabbat Hai – 77
Continue With Part Haan Ye Mohabbat Hai – 78
Visit Website sanjanakirodiwal
Follow Me On instagram
संजना किरोड़ीवाल
🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐🧐
Surya is case ko sahi disha me le ja raha hai aur uski batao me sachai bi jalak rahi hai i hope Singhaniya Surya ke batao ko ganbir le aur asli gunegar ko pakdaye….Surya pehchan gaya ki unke ghar kanaukar bedi hai per singhaniya ji uski baat nahi samajhe….Manager Meera ko Soundarya ki sachaai batana chahata hai per Soundarya ke samne kuch keh nahi paya per Meera ab Soundarya ki sachaai janta hai toh voh uski kisi baat me na aye aour Soundarya usse kisse milana chahati hai…interesting part Maam♥♥♥♥♥
Yeh Meera pagal hai kya…ab to ek baar uss file ko dekhti jo manejar ne dee hai…kahin Soundrya bua ko pta to nhi chal gaya ki Meera unka sach Jaan chuki hai…lakin unko kaise pta chalega…fir bhi… mujhe esa lagta hai ki kumar Vicky ka soutla Bhai hai…aur wo usse apna haq lena chahata hai… isliye to usne yeh sab kiya…lakin fir kidnapr ne Amayra ko kyu mara… waise Surya mittal kafi smart ho gaya hai
Very nice part
Very😣🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔