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Haan Ye Mohabbat Hai – 66

Haan Ye Mohabbat Hai – 66

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

घर से निकलकर अर्जुन और सोमित जीजू एक रेस्टोरेंट में पहुंचे। रात के 8 बज रहे थे। दोनों रेस्टोरेंट के अंदर आये और सबसे आखरी टेबल की तरफ बढ़ गए। अर्जुन चारो तरफ देखते हुए चल रहा था कही कोई जानकर ना मिल जाये। दोनों आखिर टेबल की कुर्सी पर बैठे आदमी के सामने खाली पड़ी कुर्सियों पर आकर बैठ गए और अर्जुन ने बैठते हुए कहा,”तुमने हमे यहाँ क्यों बुलाया ? हम लोग ऑफिस आ जाते।”


“नहीं सर ! बात इतनी इम्पोर्टेन्ट है कि मैं ऑफिस में नहीं बता सकता और वैसे भी ऑफिस में कुछ लोगो को शक हो गया है इसलिए मुझे आप लोगो को यहाँ बुलाना पड़ा।”,आदमी ने कहा जो कि कोई और नहीं बल्कि अमर जी का मैनेजर था
“हम्म्म बताओ क्या बात है ?”,अर्जुन ने कहा
मैनेजर ने अर्जुन और सोमित जीजू को एक नजर देखा और कहने लगा,”सर आपका शक सही था ,, इन सबके पीछे कही ना कही सौंदर्या मैडम का हाथ है।

मैं आज सुबह अमर सर के घर गया था तब मैंने वहा बहुत अजीब चीजे देखी ,, सौंदर्या मैडम ने मुझे सर से ठीक से बात तक नहीं करने दी और वहा से भगा दिया लेकिन एक अच्छी खबर भी है सर,,,,,,,,,,,,,,,,!”
“क्या ?”,सोमित जीजू और अर्जुन ने एक साथ पूछा
“अमर सर धीरे धीरे ठीक हो रहे है , वो जानते है कम्पनी को 25 साल नहीं हुए है उन्होंने खुद अपने हाथ से पेपर पर लिखा कि कम्पनी को 21 साल हुए है। हो सकता है सर सौंदर्या मैडम का सच जानते हो,,,,,,,,,,,,और इसलिए उन्होंने मुझे उनसे ज्यादा बात ना करने दी हो।”,मैनेजर ने कहा


“ये तो बहुत अच्छा हुआ अर्जुन अक्षत मीरा को एक करने के साथ साथ हमे ये भी पता चल जाएगा आखिर ये सब साजिशो के पीछे किसका हाथ है ?”,सोमित जीजू ने कहा
“किसका क्या जीजू ? वही सौंदर्या भुआ सारे फसाद की जड़ है,,,,,,,,उसी ने अक्षत मीरा को अलग किया है , उसी ने उन दोनों की जिंदगी में जहर घोला है,,,,,,,!!”,अर्जुन ने गुस्से और नफरत भरे स्वर में कहा क्योकि इतना सब देखने सुनने के बाद उसे भी सौंदर्या से नफरत होने लगी थी
“सर की इस हालत की जिम्मेदार भी वही है सर”,मैनेजर ने एकदम से सोचते हुए कहा


“तुम ये इतना यकीन के साथ कैसे कह सकते हो ?”,अर्जुन ने पूछा
“क्योकि सर शहर से बाहर कहा गए थे ये बात सिर्फ वही जानती थी और जब अमर सर लौटकर नहीं आये तो वे एकदिन अमर सर के छोटे भाई के साथ ऑफिस आयी थी। ये दोनों मिलकर कम्पनी को बेचना चाहते थे लेकिन शहर से जाने से पहले अमर सर ने कम्पनी के शेयर्स मीरा मैडम और अक्षत सर के नाम कर दिए थे और उनके बिना इस कम्पनी के शेयर्स बेचना तो दूर कोई उन्हें हाथ भी नहीं लगा सकता।

सौंदर्या मैडम और विवान सर बहुत लालची लोग है सर जरूर इन्होने ही सर का एक्सीडेंट भी करवाया है और अब अक्षत सर और मीरा मैडम के बीच ग़लतफ़हमी पैदा कर दी”,मैनेजर एक साँस में पूरी कहानी कह गया
अर्जुन और सोमित जीजू ने सुना तो दोनों एक दूसरे की तरफ देखने लगे।

“इसका मतलब सौंदर्या की नजर अमर जी की जायदाद पर है।”,जीजू ने कहा
“हाँ जीजू और मीरा के पापा के बाद ये जायदाद मीरा के नाम हो जाती इसीलिए सौंदर्या भुआ ने एक गंदा खेल खेला और मीरा को अक्षत की जिंदगी से निकालकर हमेशा के लिये उसे अपने पास कैद कर लिया।”,अर्जुन ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा
“छी कैसी औरत है वो ? उन्होंने एक बार भी नहीं सोचा मीरा उनकी सगी भतीजी है ,, वो ऐसा कैसे कर सकती है ?”,सोमित जीजू ने कहा


“इतना ही नहीं सर सौंदर्या मैडम तो अजमेर वाला महल भी अपने नाम करवाना चाहती थी लेकिन अमर सर ने उसे मीरा मैडम की बेटी के नाम कर दिया और ये बात सुनकर सौंदर्या मैडम बहुत गुस्सा भी हुई थी लेकिन महल के पेपर मेरे पास थे इसलिए आज भी वो महल अमायरा अक्षत व्यास के नाम पर है ,, जो कि उसके जाने के बाद मीरा मैडम के हिस्से में आता है।”,मैनेजर ने एक नयी बात कही जिसे सुनकर अर्जुन और जीजू दोनों के कान खड़े हो गये और दोनों ने फिर एक दूसरे को देखा लेकिन इस बार अर्जुन ने हैरानी से कहा,”तो क्या इसका मतलब अमायरा की मौत के पीछे सौंदर्या भुआ का हाथ है ?”


“मुझे भी अब यही लग रहा है अर्जुन , अमर जी का अपना महल अमायरा के नाम करना , उसके दो दिन बाद ही अमायरा का गायब हो जाना , उसके बाद उसकी मौत , फिर मीरा का घर छोड़कर चले जाना और सौंदर्या भुआ का किसी को मीरा से मिलने ना देना,,,,,,,,,इस बात से तो यही समझ आता है अर्जुन कि इन सब के पीछे कोई और नहीं बल्कि सौंदर्या भुआ ही है।”,सोमित जीजू ने अर्जुन की बात का समर्थन करते हुए कहा


“सर वो औरत बहुत चालाक है सर की जायदाद पाने के लिये वो किसी भी हद तक जा सकती है कही वो अमर सर को कोई नुकसान ना पहुंचा दे। मीरा मैडम और अमर सर दोनों ही उसके जाल मे फंसे हुए है।”,मैनेजर ने कहा
अर्जुन गुस्से से उठा और टेबल पर अपना हाथ मारकर कहा,”मैं ऐसा हरगिज नहीं होने दूंगा , उस सौंदर्या भुआ का चेहरा मैं सबके सामने लेकर आऊंगा। मैं अभी मीरा के घर जा रहा हूँ उसे सब सच बताने,,,,,,,,,,,!!”


अर्जुन को गुस्से में देखकर सोमित जीजू ने उसे रोकते हुए कहा,”अर्जुन ! अर्जुन ! अर्जुन पागल मत बनो , हमारे पास उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है। अगर हमने जल्दबाजी में कोई कदम उठाया तो हो सकता है वो सतर्क हो जाये। हमे सोच समझकर आगे बढ़ना होगा अर्जुन भूलो मत मीरा और अमर जी अभी भी उसकी कैद में है।”
सोमित जीजू की बात सुनकर अर्जुन का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ और वह वापस कुर्सी खिसकाकर बैठ गया।


“ये सही कर रहे है अर्जुन सर , चार दिन बाद वैसे भी पार्टी है और सब लोग वहा जमा होंगे सौंदर्या मैडम की सच्चाई सबके सामने लाने का ये मौका सबसे अच्छा है। जब सबके सामने उनका सच आएगा तब वो अपने हक़ में कुछ बोल भी नहीं पायेगी और उन्हें एक्सेप्ट करना पडेगा ये सब उन्होंने किया है।”,मैनेजर ने कहा
“हाँ अर्जुन हमे पार्टी वाले दिन तक रुकना चाहिए।”,सोमित जीजू ने कहा तो अर्जुन ने हामी भर दी।
तीनो वही बैठे रहे अर्जुन और सोमित जीजू ने अपने लिये कॉफी और मैनेजर के लिये खाना आर्डर कर दिया।

कॉफी पीकर दोनों वहा से निकल गए। अर्जुन को  ख़ामोशी से गाड़ी चलाते देखकर सोमित जीजू ने कहा,”क्या सोच रहे हो ?”
अर्जुन ने सामने देखते हुए कहा,”सोच रहा हूँ पैसे के लिये इंसान कितना गिर जाता है कि अपने ही रिश्तो को कलंकित कर लेता है। कितना भरोसा करती है मीरा सौंदर्य भुआ पर जब उसे पता चलेगा मीरा की मौत के पीछे सौंदर्या का हाथ है तो क्या गुजरेगी उस पर,,,,,,,,,,,,और अक्षत , उसका तो भरोसा ही उठ जाएगा अपनों के नाम पर,,,,,,,,,,,

जीजू अगर किसी बाहर वाले ने ऐसी हरकत की होती तो शायद हम सब भूल जाते लेकिन मीरा के अपनों ने ही उसकी खुशिया छीन ली , उस से अमायरा को छीन लिया सिर्फ जमीन के टुकड़े के लिये,,,,,,,,,,,,,सोचकर ही मेरा खून खौल रहा है जीजू। अमायरा सिर्फ अक्षत मीरा की बेटी नहीं थी , वो हम सबकी बेटी थी , हम सबका गुरुर थी और उस घटिया औरत के नापाक इरादों ने हम से हमारी बेटी को छीन लिया,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसे छोडूंगा नहीं जीजू , छोडूंगा नहीं”


अर्जुन का दर्द सोमित जीजू भली भाँति समझ रहे थे इसलिए उसके हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा,”चिंता मत करो अर्जुन उसका सच जल्दी सबके सामने आएगा और शायद इसके बाद सब ठीक हो जाएगा।”
“मुझे बस अब पार्टी का इंतजार है जीजू जहा मैं उस सौंदर्या भुआ की असलियत सबके सामने लेकर आऊंगा”,अर्जुन ने कठोरता से कहा और गाड़ी की स्पीड थोड़ी सी बढ़ा दी।

अपने घर के कमरे की खिड़की के पास खड़ा अखिलेश हाथ में पकडे गिलास की शराब धीरे धीरे खत्म कर रहा था। उसकी आँखो के सामने बार बार मीरा का रोता हुआ चेहरा आ रहा था। उसने शराब खत्म की और अपने कबर्ड की तरफ चला आया। अखिलेश ने कबर्ड खोला और उसके दराज में रखे एक छोटे से बॉक्स को उठाकर बाहर निकाला। अखिलेश ने उस डिब्बे को खोला जिसमे डायमंड की एक बहुत ही सुन्दर चमचमाती अंगूठी थी।

अखिलेश ने उसे डिब्बे से निकाला और देखते हुए कहने लगा,”बस कुछ दिन और मीरा उसके बाद मैं सबके सामने ये अंगूठी तुम्हे पहनाउंगा और तुम हमेशा हमेशा के लिये मेरी हो जाओगी। मैं तुम्हे सबसे दूर ले जाऊंगा ,इतना दूर कि उस अक्षत व्यास की परछाई भी तुम पर ना पड़े। बहुत इंतजार किया है मैंने तुम्हारा अब और नहीं ,, अब तुम्हे हमेशा हमेशा के लिए अखिलेश का हो जाना है मीरा,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”

 कहते हुए अखिलेश ने उस अंगूठी को अपने होंठो से छुआ और वापस डिब्बे में रख दिया। अखिलेश ने गिलास में थोड़ी शराब और ली और लेकर खिड़की के पास चला आया। शराब के घूंठ भरते हुए उसकी आँखों के सामने बस मीरा का  मुस्कुराता चेहरा आ रहा था। एकदम से अखिलेश की आँखों के सामने सौंदर्या का चेहरा आ गया और उसके चेहरे पर चिढ और खुन्नस के भाव तैर गए।

अखिलेश ने एक घूंठ शराब पी और खुद में ही बड़बड़ाया,”एक बार मीरा से मेरी शादी हो जाये उसके बाद मैं उस सौंदर्या को धक्के मारकर इस घर से बाहर निकलूंगा ,, उसे लगता है मीरा से शादी करने के बाद मैं उसके बाप की सारी जायदाद सौंदर्या के नाम कर दूंगा,,,,,,,,,,,,,,,हुंह बेवकूफ औरत ! अरे जो अपने भाई की सगी ना हो सकी वो मेरी कहाँ से होगी ,,

वो भूल रही है हुकुम का इक्का अभी भी मेरी जेब में है और वो मैं सही वक्त आने पर सबके सामने लाऊंगा। उसके बाद मीरा भी मेरी और उसकी दौलत भी मेरी,,,,,,,,,,!!”
लालच और धोखे के भाव अखिलेश की आँखो से साफ़ झलक रहे थे। उसने गिलास में बची शराब ख़त्म की और सोने चला गया।

अपने कमरे में बैठा अक्षत दिवार पर लगी अमायरा की तस्वीर को देख रहा था। उस तस्वीर को देखते हुए अक्षत की आँखों के सामने अमायरा के साथ बिताये पल घूमने लगे जब वह उसे गोद में लेकर पुरे घर में घूमता था , अपने साथ बाहर लेकर जाता था , उसे अपने सीने से लगाकर सुलाता था , उसके साथ बैठकर उसकी बाते सुनता था सब एक एक करके उसे याद आ रहा था और इसी के साथ उसकी आँखे आंसुओ से भरे जा रही थी लेकिन अक्षत ने उन आंसुओ को अपनी आँखों में ही रोक लिया।

इन हालातो में वह कमजोर पड़ना नहीं चाहता था क्योकि वह जानता था उसे सम्हालने वाला कोई उसके पास नहीं है। अक्षत खुद को रोक सकता था लेकिन जहन में आने वाले ख्यालो को नहीं और एकदम से अमायरा की आवाज उसके कानो में गुंजी,”पापा , पापा”
अक्षत ने तड़पकर अपनी आँखे बंद कर ली और आँखों में भरे आँसू गालों पर लुढ़क आये।
अक्षत कुछ देर आँखे मूंदे बैठा रहा और अपने सीने में भरे दर्द को आंसुओ के साथ बहने दिया।

अक्षत के सीने में आज भी ये दर्द पनप रहा था कि वह अमायरा को नहीं बचा पाया। उसने अपनी आंखे खोली और नम आँखों से अमायरा की तस्वीर को देखते हुए कहने लगा,”तुम्हे ऐसे नहीं जाना चाहिए था प्रिंसेज ,,तुम्हारे आखरी वक्त में मैं तुम से बात तक नहीं कर पाया , मैं तुम्हे वक्त ही नहीं दे पाया और तुम चली गयी। मैं आज भी उस पल को याद करता हूँ जब तुम मेरी बांहो में थी और शायद अपनी आखरी साँस ले रही थी , इस जिंदगी से सिर्फ तुम नहीं गयी थी प्रिंसेज तुम्हारे साथ साथ मीरा भी इस घर से चली गयी ,

इस घर की खुशिया , इस घर की रंगत , इस घर का सुकून सब तुम्हारे साथ ही चला गया और देखो ना प्रिंसेज तुम्हारा कातिल मेरे सामने था लेकिन फिर भी मैं उस से सच नहीं जान पाया,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे गुजरे 6 महीने 28 दिन 17 घंटे 22 मिनिट हो चुके है प्रिंसेज लेकिन मैं अभी भी वही हूँ उसी झील किनारे तुम्हारे पार्थिव शरीर के साथ , मैं नहीं जानता मैं कभी उस पल को भुला पाऊंगा भी या नहीं ,,

तुम्हारे जाने का गम हर दर्द से ऊपर है प्रिंसेज और अब ये दर्द ताउम्र मेरी जिंदगी का हिस्सा रहेगा,,,,,,,,,,,,,,पापा तुम्हे बहुत मिस करते है बच्चे,,,,,,,,,काश मैं तुम्हे जाने से रोक सकता , काश,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए अक्षत ने एक बार फिर अपनी आँखे मूँद ली और बिस्तर पर लेट गया लेकिन नींद उसकी आँखों से कोसो दूर थी,,,,,,,,,,,,,,,!!”

अपने कमरे में खड़ी मीरा नम आँखों से दिवार पर लगी अमायरा की तस्वीर को देखे जा रही थी। अमायरा का हँसता हुआ चेहरा और आँखों में चमक देखकर लगता जैसे ये तस्वीर अभी बोल उठेगी। मीरा ने उस तस्वीर को देखा और कहने लगी,”हम कभी नहीं चाहते थे तुम हमारी जिंदगी से चली जाओ लेकिन हमने तुम्हे खो दिया अमु , हमने तुम्हे खो दिया हम तुम्हे नहीं बचा पाये। हम हमेशा तुम्हारे पिता को तुम्हारी मौत का जिम्मेदार मानते रहे , हमे लगता था उनकी लापरवाही की वजह से हमने तुम्हे खो दिया लेकिन ये आज जब सच पता चला तो हमारा दिल टूट गया।

हमे यकींन नहीं होता अमायरा कि हमारे पापा तुम्हारी जान लेंगे। वो इंसान जिन्होंने तुम्हारे एक बार कहने पर अपना महल तुम्हारे नाम कर दिया। जो तुम में हमारा बचपन देखते थे , जिन्होंने तुम्हे अपना गुरुर समझा वो इंसान तुम्हारी जान लेने के बारे में कैसे सोच सकता है ? हम अब भी इस बात पर विश्वास नहीं करते लेकिन सच को झुठला भी नहीं सकते ,, उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा ? आखिर तुम से उनकी क्या दुश्मनी हो सकती थी ? ऐसा करके आखिर वो क्या हासिल करना चाहते थे ?

हमारे अपने ही पापा ने हमारी हंसती खेलती जिंदगी बर्बाद कर दी और उसमे जहर घोल दिया। हमारे इस दर्द के जिम्मेदार हमारे अपने थे और हम तुम्हारे पिता को गलत समझते रहे। हमने उन्हें बहुत दर्द दिया है अमु , वो हमे कभी माफ़ नहीं करेंगे , वो हम से नफरत करते है सिर्फ नफरत,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन हम उनसे नफरत नहीं कर सकते , हम उनसे कभी नफरत कर ही नहीं पाएंगे। हम बहुत अकेले हो गए है अमु ,

हमारे अपनों ने ही हमे धोखा दिया और जो हमारे अपने थे उन्हें हमने ठुकरा दिया। ,हमने अक्षत जी को इतना दर्द दिया कि आज उन्हें हमारे नाम से भी नफरत है,,,,,,,,,,,,,हम उनकी नफरत नहीं सह पाएंगे।”
कहकर मीरा फफक कर रो पड़ी। मीरा अमायरा की मौत का जिम्मेदार अपने पिता अमर जी को समझ रही थी और सच क्या था ये सिर्फ वही बता सकते थे या फिर वो इंसान जो पिछले 7 महीनो से इन सबके साथ खेल रहा था।

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