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पाकीजा – एक नापाक जिंदगी 34

Pakizah – 34

pakizah - ak napak jindagi
pakizah – ak napak jindagi by Sanjana Kirodiwal

Pakizah – 34

“मैं दूंगा गवाही”,कहते हुए वह सख्स थाने के अंदर आया सबकी नजरे उस पर जम गयी l सभी हैरानी से उसे देख रहे थे पर कोई सबसे ज्यादा हैरान था तो वो थी सोनाली…………………..!! सामने मुरली खड़ा था l सोनाली को उसे वहा देखकर बहुत आश्चर्य हुआ लेकिन वह ख़ामोशी से खड़ी मुरली को देखती रही नफरत और गुस्से के मिले जुले भाव उसके चेहरे से झलकने लगे l
“तुम कौन हो ?”,इंस्पेक्टर ने मुरली की और देखते हुए पूछा


“साहब मेरा नाम मुरली है , पिछले 5 सालो से मैं अम्माजी के लिए काम कर रहा हु l लड़की खरीदने से लेकर उसे कोठे तक पहुंचाने का सारा काम मैं ही करता था”,मुरली एक साँस में सब कह गया l
“इस हिसाब से तो तुम उनके खास आदमी हुए फिर उनके खिलाफ गवाही मैं कुछ समझा नहीं ?”,इंस्पेक्टर ने मुरली से और सच उगलवाने के लिए कहा


“क्योकि अम्माजी एक बहुत ही घटिया और निर्दयी औरत है , कम उम्र की लड़कियों का शोषण करना और उन्हें जबरदस्ती वेश्यावृति के धंधे मे उतारना उनका पेशा है l अपनी बात मनवाने के लिए व किसी भी हद तक जा सकती है l हां मैं रुपयों के लिए उनके पास काम जरूर करता था पर जब पता चला की लड़कियों को धंधे में उतारने के अलावा वे और भी बहुत से काम करती है तो मुझे अपने इस काम से घिन्न आने लगी”,मुरली ने कहा


“और कोनसे काम ?”,इंस्पेक्टर की आँखों में चमक आ गयी l
“अम्माजी के कोठे के तार बड़े अधिकारियो से जुड़े है l उन्ही के कोठे से आस पास के इलाको और कच्ची बस्तियों में अफीम और चरस का धंधा होता है साथ ही हर रोज भारी मात्रा में उनकी सप्लाई होती है”,मुरली ने बताया
“क्या तुम सच कह रह हो ?”,इंस्पेक्टर ने शक भरी नजरो से मुरली को घूरते हुए कहा


मेरे पास इसका सबुत है”,कहते हुए मुरली ने शर्ट के अंदर छुपाया लिफाफा निकाला और उसमे से कुछ पेपर्स और तस्वीरें इंपेक्टर के सामने रखते हुए कहा,”ये उन जगहों के नाम और तस्वीरें है जहा जहा माल भेजा और खरीदा जाता है”
इंस्पेक्टर ने सारे सबुत और तस्वीरें देखी ख़ुशी से उसकी आँखे चमक उठी और उसने मुरली की तरफ देखकर कहा ,”थैंक्यू मिस्टर मुरली !! आपने पुलिस की बहुत बड़ी मदद की है ,

हम बहुत पहले से इस बात की सुचना मिली हुई थी की शहर में ड्रग्स और लड़कियों की खरीदारी का धंधा चल रहा है पर बिना किसी सुबूत के पुलिस बेबस और लाचार थी l आपके सहयोग और सबूतों से हम इस गिरोह की जड़ तक पहुँच पाएंगे लेकिन ………………!!”,इंस्पेक्टर कहते कहते रुक गया l
“लेकिन क्या साहब ? “,मुरली ने इंस्पेक्टर की और देखते हुए कहा l


“मुरली तुमने जो कुछ भी बताया है उसमे तुमने भी उन लोगो का साथ दिया है इसलिए क़ानूनी तौर पर मुझे तुम्हे भी गिरफ्तार करना पडेगा l आगे चलकर तुम सरकारी गवाह बन जाना जिसके चलते मैं कोशिश करूँगा की तुम्हे कम से कम सजा हो l”,इंस्पेक्टर ने मुरली की आँखों में देखते हुए कहा l
मुरली मुस्कुराने लगा और कहा,”कोयले की दलाली में काले हाथ तो होंगे ही ना साहब जी , मुझे अपनी कोई परवाह नहीं है आप लोग जैसा कहोगे मैं करने के लिए तैयार हु”


“थैंक्यू मुरली ! “,इंस्पेक्टर ने कहा और फिर शिवेन की तरफ मुखातिब होकर कहा,”मिस्टर शिवेन आप सभी घर जाईये ! अम्माजी के खिलाफ अरेस्ट वारंट तैयार करके मैं जल्दी ही उन्हें अरेस्ट करने वाला हु l “
“सर अम्माजी के आदमी हम ढूंढते हुए जरूर आएंगे”,सोनाली ने चिंता जताते हुए कहा l


“तुम लोगो को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है l आप सबके प्रोटेक्शन के लिए मैं कुछ पुलिस वालो को आपके साथ भेज देता हु l जब तक अम्माजी गिरफ्तार नहीं हो जाती पुलिस वाले तुम्हे प्रोटेक्ट करेंगे”,इंस्पेक्टर ने सबको विश्वास दिलाते हुए कहा l
“thankyou sir”,शिवेन ने कहा l
इंस्पेक्टर ने दो कॉन्स्टेबल्स को शिवेन के साथ भेज दिया l

शिवेन पाकिजा का हाथ थामे वहा से बाहर चला गया l सोनाली , राघव और मयंक भी उनके पीछे निकल गए l
“सोनाली………….!!”,मुरली ने बाहर आकर सोनाली को आवाज दी l
सभी रुक गए और पीछे मुड़े मुरली सोनाली के पास आया और कहा ,”मैंने तुम्हारे साथ जो किया उसके बाद मुझे तुमसे माफ़ी मांगने का कोई हक़ नहीं है फिर भी हो सके तो मुझे माफ़ कर देना सोनाली l

मैं तुम्हारे और तुम्हारे प्यार के लायक नहीं था , तुम अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करना और हो सके तो फिर कभी किसी मुरली पर भरोसा मत करना”
“समझ नहीं पा रही हु मुरली अम्माजी के खिलाफ गवाही देना तुम्हारी अच्छी सोच है या फिर कोई चाल ? पर आज तुमने इन दोनों का प्यार बचा लिया तुम्हारा ये अहसान मैं जिंदगीभर नहीं भूलूंगी”,सोनाली ने बुझी आँखो से मुरली की तरफ देखते हुए कहा


सोनाली की आँखो मे मुरली को आज भी अपने लिए चाहत नजर आ रही थी पर अब सोनाली से कुछ कहने की उसमे जरा सी भी हिम्मत नहीं थी l थके कदमो से बिना कुछ कहे मुरली वापस थाने के अंदर चला गया सोनाली उदास आँखों से उसे जाते हुए देखती रही l
राघव ने सबको गाड़ी में बैठने को कहा और वहा से निकल गए l
राघव सबको लेकर शिवेन के फ्लेट पहुंचा l


सभी अंदर आकर बैठ गए l पाकीजा के चेहरे से डर साफ झलक रहा था शिवेन ने उसके चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा “घबराओ मत मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा”
पाकीजा ने अपना मासूम सा चेहरा शिवेन के कंधे पर लगा लिया और कहने लगी ,”मेरे लिए किस किस से लड़ेंगे आप ? जबसे मैं आपकी जिंदगी में आयी हु कुछ अच्छा नहीं हो रहा है आपके साथ ! मैं आपको और मुसीबत में डालना नहीं चाहती”


कहते कहते पाकीजा की आँखों से बहकर आंसू शिवेन के हाथो पर गिरने लगे l शिवेन ने प्यार से उसके आंसुओ को पोछा और कहा,”ऐसा कुछ भी नहीं है पाकीजा , बल्कि जबसे तुम मेरी जिंदगी में आयी हो मैंने जिंदगी को सही मायनो में जिना सीखा है l तुम्हे उस दुनिया से निकालकर एक नयी जिंदगी देना मेरा एक मात्र मकसद है और वो मैं हर हाल में पूरा करूँगा”
पाकीजा ने अपनी आंखे मूंद ली और महसूस किया की शिवेन से अच्छा लड़का उसे नहीं मिल सकता l उसके हाथो की पकड़ शिवेन के बांह पर और मजबूत हो गयी l


मयंक , राघव और सोनाली बैठकर उन्हें देख रहे थे l
“अम्माजी शांत नहीं बैठेगी , वो कुछ न कुछ जरूर करेगी”,सोनाली ने बेचैनी से शिवेन की तरफ देखकर कहा
“शिवेन के पापा भी इन दोनों के रिश्ते से नाखुश है , उन्हे इस बारे में पता चला तो वो बहुत गुस्सा होंगे”,राघव बोल पड़ा
“तो अब क्या किया जाये ?”,शिवेन ने उन दोनों की तरफ देखकर पूछा l


“एक रास्ता है”,राघव ने सोचते हुए कहा l
“क्या ?”,शिवेन , सोनाली और मयंक एक साथ बोल पड़े
“अगर शिवेन पाकीजा से शादी कर ले मेरा मतलब कोर्ट मैरिज तो कानून की नजर में ये दोनों पति पत्नी हो जायेंगे और कानूनन अम्माजी या उनके आदमी पाकीजा को हाथ भी नहीं लगा पाएंगे , ना ही पाकीजा को कोई शिवेन से दूर कर पायेगा”,राघव ने अपना प्लान बताया


“ग्रेट आईडिया ! और तब तक अम्माजी भी अरेस्ट हो जाएगी l”,मयंक ने ख़ुशी से उछलते हुए कहा l
“लेकिन डेड ?”,शिवेन ने राघव की तरफ देखकर कहा l
“देख शिवेन अगर डेड को बताकर शादी करेगा तो तेरा साथ बिल्कुल नहीं देंगे l पर हो सकता है तुम दोनों की शादी के बाद उनका दिल पिघल जाये l”,राघव ने शिवेन की आँखों में देखते हुए कहा


“शिवेन जी समझ सकते है इस वक्त आपके लिए ये फैसला लेना आसान नहीं है , कितनी सारी जिम्मेदारियां होती है l पाकिजा से शादी करने का फैसला आपका है , आप को जो सही लगे आप वो कीजिये l”,सोनाली ने कहा
“राघव सही कह रहा है मुझे पाकीजा से शादी कर लेनी चाहिए”,शिवेन ने पाकीजा की तरफ देखते हुए कहा तो पाकीजा ने अपनी पलके झुका ली


“ये हुयी ना बात इस बात पर तो मीठा बनता है”,कहते हुए मयंक फ्रीज़ की और गया उसने फ्रीज़ खोलकर देखा उसमे कुछ फ्रूट्स और सब्जिया रखी हुयी थी , बटर , दूध के पैकेट्स , मयंक को मीठे जैसा कुछ नहीं मिला उसने ऊपर वाले ड्रावर को खोला उसमे उसे चॉकलेट्स रखी मिल गयी l मयंक उन्हें लेकर जैसे ही आने लगा तो राघव ने फ्रीज़ के कोने में पड़ी शराब की बोतल देखकर उसे उठा लिया और चूमते हुए कहा,”दारू ! कितने दिन बाद देखी है यार !!”


मयंक ने सबको चॉकलेट खिलाई l राघव बोतल हाथ में पकडे सोफे पर आ बैठा और जैसे ही ढक्कन खोलकर पीने लगा पाकीजा ने उसे रोक दिया और कहा ,”राघव जी !
“हां पाकीजा !”,राघव ने कहा
“आप हमसे एक वादा करेंगे ?”,पाकीजा ने राघव की तरफ देखते हुए कहा
“हां कहो क्या बात है”,राघव ने हैरानी से कहा


“आप ये रोज रोज शराब मत पिया कीजिये , अच्छी नहीं होती है”,पाकीजा ने प्यार से कहा
राघव मुस्कुराने लगा l उसने पाकीजा का मासूमित से भरा चेहरा देखा और बोतल साइड में रख दी l
“वाह बेटा ! हमने कहा तब तो तुम्हारे कान पर जूं तक ना रेंगी और इन्होने कहा तो बोतल साइड में “,मयंक ने ताना कसा
“पाकिजा हमारी क्या लगती है ?”,राघव ने मयंक से सवाल किया
“भाभी !!”,मयंक ने कहा


“और भाभी माँ समान होती है , और माँ का कहा कभी नहीं टालते है”,राघव ने मयंक के सर पर हलकी सी चपत लगाते हुए कहा
“ओह्ह तेरी !! चरण कहा है आपके राइटर साहब”,मयंक ने नौटंकी करते हुए कहा l
“यही है भाई जमींन पर , आ दबा दे”,राघव ने कहा तो सामने बैठी पाकीजा हसने लगी l
आज कितने दिनों बाद शिवेन उसे हँसते हुए देख रहा था l पाकीजा की हंसी इतनी प्यारी थी की सोनाली , मयंक और राघव उसके चेहरे की और देखने लगे l


“अच्छा पाकीजा जरा वो गाना सुनाना जो उस रात सुनाया था”,मयंक ने कहा
मयंक के इतना कहते ही शिवेन और राघव को उस रात पाकीजा वाला गाना याद आ गया l तीनो एक दूसरे को देखकर जोर जोर से हसने लगे l मयंक ने सोनाली को भी उस रात वाली बात बताई तो वो भी हसने लगी l सबको हसता देखकर पाकीजा भी मुस्कुरा उठी l
कितने दिनों बाद सब इतना खुश थे l


“आपको ज्यादा हंसी आ रही है तो आप ही सूना दीजिये कोई अच्छा गाना”, पाकीजा ने शिवेन से कहा
“मैं……………मुझे कोई गाना वाना नहीं आता , मैंने गाना शुरू किया ना तो सब के सब सो जायेंगे”,शिवेन ने कहा
“हम नहीं सोयेंगे गाईये”,पाकीजा ने प्यार से शिवेन से गाने को कहा
पाकीजा के साथ साथ राघव और मयंक भी जिद करने लगे l
“पाकीजा ये तुम्हारे लिए”, कहकर शिवेन ने गाना शुरू किया

“तुम हो पास मेरे, साथ मेरे हो तुम यूँ
जितना महसूस करूँ तुमको
उतना ही पा भी लूँ
तुम हो मेरे लिये, मेरे लिये हो तुम यूँ
ख़ुद को मैं हार गया तुमको
तुमको मैं जीता हूँ


किस तरह छीनेगा मुझसे ये जहां तुम्हें
तुम भी हो मैं, क्या फ़िकर अब हमें
तुम हो मेरे लिये, मेरे लिये हो तुम यूँ
ख़ुद को मैं हार गया तुमको, तुमको मैं जीता हूँ
तुम हो…”

सब अपना अपना दिल थामे शिवेन को सुन रहे थे l पाकिज तो बस खोकर रह गयी l गाना ख़तम कर शिवेन प्यार से पाकिजा को देखने लगा l राघव ने घडी में समय देखा और उठते हुए कहा ,”सोनाली आप मेरे साथ चलो”
“लेकिन कहा ?”,सोनाली ने हैरानी से राघव की तरफ देखकर पूछा l
“आप चलो तो , बताता हु रास्ते में”,कहकर राघव दरवाजे की तरफ बढ़ गया l


सोनाली उसके पिछे पीछे चल पड़ी दरवाजे पर पहुंचकर उसने पलटकर पाकिजा और शिवेन को देखा दोनों साथ में बहुत प्यारे लग रहे थे और किसी बात पर हंस रहे थे l सोनाली ने देखा पाकीजा शिवेन के साथ बहुत खुश थी l मुस्कुराकर वह वहा से चली गयी l
दो घंटे बाद राघव सोनाली के साथ वापस आया उसके हाथ में एक बैग था l मयंक और शिवेन सोफे पर लेटे सो रहे थे l पाकीजा अंदर रूम में सो रही थी l


“ये देखो जिसके लिए इतना सब किया जा रहा है वो दोनों तो सो रहे है”,राघव ने कहा
“कोई बात नहीं हम इन्हे शाम को ये सब दिखा देंगे”,सोनाली ने बॉक्स टेबल पर रखकर कहा
राघव भी खाली पड़े सोफे पर बैठ गया और सोनाली अंदर पाकीजा के पास चली गयी l

शाम होने से पहले पहले इंस्पेक्टर ने अपना वादा निभाया l उसने पुरी तैयारी के साथ अम्माजी के ठिकाने पर छापा मारा और सबको गिरफ्तार कर लिया l अम्माजी ने कोठे से जुड़ा निचे एक गुप्त तहखाना बनवाया हुआ था जिसमे अफीम और गैर क़ानूनी सामानो की तस्करी की जाती थी l मुरली ने पुलिस को पहले ही सब बता दिया था इसलिए उन्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी l

सबको थाने लाया गया लड़कियों को बाहर रोक लिया और अम्माजी को सलाखों के पीछे डाल दिया गया l अम्माजी बहुत चीखी चिल्लायी , बहुत हाथ पांव मारे लेकिन इंस्पेक्टर ने उसकी एक बात नहीं सुनी l
अम्माजी तो पकड़ी गयी थी लेकिन इन सबके पीछे जो सख्स था उसके बारे में अम्माजी ने पुलिस को कोई खबर नही दी l पर इंस्पेक्टर को भरोसा था की जल्द ही वो इन लोगो के बारे में पता लगा लेगा l

उसकी ताकत उसके पास मौजूद वो सारे सबूत थे “सर इसके बाद तो आपको सीधा प्रमोशन मिल जायेगा “,पास खड़े कॉन्स्टेबल ने इंस्पेकटर से कहा
“नहीं रमेश (कॉन्स्टेबल का नाम) मुझे भले ना प्रमोशन ना मिले पर इस नर्क को बनाने वाले वाला वो गुनहगार मिल जाये यही मेरे लिए काफी होगा l खुदा ऐसे नापाक लोगो को कभी माफ़ नहीं करता है रमेश “,इंस्पेक्टर ने मुस्कुराकर कहा और अपने काम में लग गया l

शाम को राघव ने पाकीजा को उसकी शादी का जोड़ा दिया l सोनाली ने उसके हाथो में मेहँदी लगा दी l बालकनी में अकेले खड़ी पाकीजा आज अपने अम्मी अब्बू को बहुत याद कर रही थी l कुछ देर बाद शिवेन वहा आया और पाकीजा क मेहँदी लगे हाथो में कुछ ढूंढने लगा
“आप क्या ढूंढ रहे है ?”,पाकीजा ने शिवेन से पूछा


“अपना नाम”,शिवेन ने कहा
“आपका नाम तो पहले ही हमारे किस्मत के पन्नो पर लिखा जा चुका है”,पाकीजा ने प्यार से कहा
शिवेन मुस्कुरा उठा l
दोनों ख़ामोश खड़े बस एक दूसरे को देखते रहे l ये खामोशिया बहुत कुछ कह रही जो सिर्फ पाकिजा और शिवेन सुन सकते थे l दूर खड़े मयंक , राघव और सोनाली तीनो के दिमाग में बस यही चल रहा था की “काश…………….काश ये पल यही रुक जाये”

अगले दिन पाकीजा लाल रंग की साड़ी में लिपटी बहुत खूबसूरत लग रही थी शिवेन की तो पाकीजा से नजर ही नहीं हट रही थी l सभी फ्लेट से बाहर आ गए l सभी आकर गाड़ी में बैठे और कुछ देर बाद गाड़ी कोर्ट के सामने आकर रुकी l राघव ने गाड़ी को पार्किंग में लगाया और सभी निचे उतरे l
गाड़ी से उतरकर सभी मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस की तरफ जाने लगे l चलते चलते शिवेन ने पाकीजा के मेहँदी लगे हाथ को थाम लिया l

एक खूबसूरत अहसास जो पाकीजा को शिवेन के छूने से हमेशा हुआ करता था हुआ , दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा l इस दिन के लिए दोनों ने कितना दर्दभरा सफर तय किया था ये उन दोनों से बेहतर कोई नहीं जान सकता था l
ऑफिस में आकर “हिन्दू विवाह एक्ट” के तहत शिवेन और पाकीजा की शादी हो गयी l


पाकीजा आज हमेशा हमेशा के लिए शिवेन की हो चूकी थी शिवेन को पाकर उसकी आँखों से आंसू निकल आये पर ये आंसू ख़ुशी के थे शिवेन ने आगे बढ़कर पाकीजा को गले लगा लिया और कहा,”आज से तुम सिर्फ मेरी हो !!”

सारी फॉर्मेलिटी पूरी करके शिवेन , पाकीजा , सोनाली , राघव और मयंक बाहर आ गए l
सभी बहुत खुश थे l ख़ुशी ख़ुशी सभी आगे बढ़ ही रहे थे की तभी शिवेन की नजर सामने पड़ी और उसके कदम रुक गए

सामने अविनाश जी खड़े थे जो की किसी काम से कोर्ट आये थे l शिवेन को पाकीजा के साथ देखकर उनका खून जल गया वो चलकर शिवेन के सामने आये l शिवेन ने जैसे ही कुछ कहना चाहा अविनाश जी हाथ आगे करके उसे रोक दिया l उन्होंने गुस्से और नफरत से पाकीजा की तरफ देखा , पाकीजा सहम गयी और अपनी गर्दन झुकाकर खड़ी हो गयी l अविनाश जी ने शिवेन की तरफ देखकर नफरत से कहा

“एक वैश्या के बेटे से इस से ज्यादा और उम्मीद भी क्या की जा सकती थी”

Continue With Part Pakizah – 35

Read Previous Part Here पाकीजा – एक नापाक जिंदगी 33

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