मैं तेरी हीर – 10
Main Teri Heer – 10
heart a brokenbroken heart a
Main Teri Heer – 10
इंदौर , गौरी का घर
मुन्ना से बात करके गौरी ने फोन साइड में रखा और खुद से कहने लगी,”मुन्ना वंश से कितना प्यार करता है , अगर एक लड़का अपने भाई से मतलब कजिन भाई से इतना प्यार कर सकता है तो सोचो वो अपनी वाइफ से कितना प्यार करेगा ? ओह्ह्ह्ह मुझे तो सोचकर ही प्राउड फील हो रहा है। वैसे मान है भी इतना अच्छा उस पर प्राउड करना तो बनता है।
वो कितना सही लड़का है यार , कितना शांत है , कितनी अच्छी और समझदारी वाली बातें करता है , घर में सब उसे पसंद करते है और तो और वो खाना भी बना लेता है सो रोमांटिक बस जल्दी से मेरी और मान की शादी हो जाये और फिर मैं हमेशा हमेशा के लिये उसके साथ रहू। तब कितना मजा आएगा।”
“अगर खुद से बातें कर के आपका पेट भर गया हो तो मम्मी आपको नीचे खाना खाने के लिए बुला रही है।”,कमरे के दरवाजे पर खड़े जय ने कहा
जय की आवाज से गौरी की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”तुम में जरा भी मैनर्स नाम की चीज नहीं है अपनी बहन और होने वाले जीजाजी की बातें सुन रहे हो , वो भी छुपकर,,,,,,,,,,!”
“वैसे भी आप उनसे फालतू बातें कर रही होंगी और वो हमेशा की तरह आपको नसीहतें दे रहे होंगे।
अब आ भी जाओ वरना आज रात भूखे ही सोना पड़ेगा।”,जय ने कहा और गौरी उसे मारती या झिड़कती इस से पहले ही वो वहा से नीचे चला गया
“जय के बच्चे तुझे तो मैं,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गौरी भी उठी और नीचे कमरे से बाहर चली गयी
नंदिता डायनिंग टेबल पर रात का खाना लगा चुकी थी जिसमे दाल , चावल , गोभी की सुखी सब्जी , पापड़ और अचार था। जय और गौरी आकर एक दूसरे के सामने बैठ गए और नंदिता उनके बगल में बैठकर दोनों को खाना परोसने लगी। दोनों बच्चो को खाना परोस कर नंदिता ने अपनी प्लेट में भी खाना परोसा और खाने लगी।
“अहम्म मम्मा खाना बहुत टेस्टी है,,,,,,,!!”,जय ने बड़े बड़े निवाले खाते हुए कहा
“थैंक्यू बेटा , लो और लो”,नंदिता ने प्लेट में थोड़े चावल और रखते हुए कहा
“रहने दो मम्मा , वजन देखा है इसका खा खाकर कैसे बढ़ा लिया है ? और इसे तो कुछ भी दे दो खाने में सब टेस्टी ही लगता है।”,गौरी ने जय की प्लेट से मसाला पापड़ उठाते हुए कहा
“मम्मा देखो ना इसे,,,,,,,,,!!”,जय ने लगभग रोते हुए कहा
“गौरी क्यों तुम हमेशा इस बेचारे के पीछे पड़ी रहती हो , वैसे भी कुछ दिन बाद तुम शादी होकर यहाँ से चली जाओगी तुम्हे अपने भाई के साथ प्यार से पेश आना चाहिए,,,,,,,,!!”,नंदिता ने दुसरा पापड़ जय की प्लेट में रखते हुए कहा
“प्यार से,,,,,,,,,,आपको पता नहीं है मम्मा इसने क्या किया,,,,,,,,,,,,,,खैर छोडो , आपकी मुरारी अंकल से बात हुई ?”,गौरी ने जय को छोड़कर नंदिता से कहा
“नहीं मैंने उन्हें फोन करने का सोचा था लेकिन तुम अपसेट हो गयी तो फिर मैंने नहीं किया,,,,,,,,,,,,,,,,,सॉरी बेटा तुम्हारे पापा का जिक्र करके मैं तुम्हे हर्ट करना नहीं चाहती थी।”,नंदिता ने बुझे मन से कहा
“इट्स ओके मॉम , आई ऍम सॉरी मुझे इतना रिएक्ट नहीं करना चाहिए था।
मैं कल सुबह ही मान से कहकर आपकी मुरारी अंकल से बात करवाती हूँ , ठीक है।”,गौरी ने खुश होकर कहा तो नंदिता भी मुस्कुरा उठी
“वैसे हम गौरी दी की सगाई क्यों कर रहे है ? डायरेक्ट शादी करके उन्हें बनारस ही क्यों नहीं भेज देते ?”,जय ने खाते हुए कहा
“जय बेटा शादी से पहले सगाई का बहुत महत्व है सगाई का मतलब होता है लड़का और लड़की का रिश्ता जुड़ गया है और उसे हमेशा हमेशा के लिए मजबूत करने के लिए शादी की जाती है। सगाई से लेकर शादी के बीच का जो वक्त होता है ना वो लड़का और लड़की दोनों के लिए उनकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत वक्त होता है और फिर गौरी की सगाई से सभी रिश्तेदार घर आएंगे और सब से मिलना भी हो जाएगा।”,नंदिता ने जय को समझाते हुए कहा
“फिर तो कितना मजा आएगा , मैं अपने दोस्तों को भी बुलाऊंगा ठीक है मॉम”,जय ने खुश होकर कहा
“हरगिज नहीं मेरी सगाई में तुम्हारे उन भुक्कड़ दोस्तों का क्या काम ?”,गौरी ने तुनक कर कहा
“मेरे दोस्त तुम्हारी वो ऋतू प्रिया से तो अच्छे है,,,,,,,,,!!”,जय ने भी गुस्से से गौरी को घूरते हुए कहा
“मेरी दोस्तों के बारे में बोलने वाले तुम होते कौन हो ?”,गौरी ने कहा
“जय गौरी चुप हो जाओ दोनों और चुपचाप खाना खाओ।”,इस बार नंदिता ने कहा तो दोनों चुपचाप बैठकर खाना खाने लगे। खाना खाने के बाद जय अपने कमरे में चला गया और गौरी अपनी मम्मी के साथ बैठकर सगाई में क्या होगा क्या नहीं इस पर डिस्कस करने लगी।
देर रात मुरारी जैसे तैसे घर पहुंचा। जीप से उतरकर वह लड़खड़ाते हुए अंदर आया। तनु हॉल में यहाँ वहा घूमते हुए शायद मुरारी का ही इंतजार कर रही थी। मुरारी ने अनु को हॉल में देखा तो उसके कदम ठिठके उसने एक गहरी साँस ली और हिम्मत करके अंदर आया। मुरारी को देखते ही अनु उसके पास चली आयी और अपने दोनों हाथो को बांधकर घूरते हुए मुरारी को देखने लगी
“का हुआ मैग्गी ऐसे काहे देख रही हो हमे ?”,मुरारी ने धीरे से पूछा
“एक घंटे पहले तुमने कहा था कि तुम सीधा घर आ रहे हो , तो मुझे ये बताओ मुरारी ऐसा कौनसा रुट पकड़ा तुमने जो तुम्हे अस्सी से शिवाला आने में इतना वक्त लग गया ?”,अनु ने बिना किसी भाव के मुरारी को घूरते हुए कहा
मुरारी अब कहे तो क्या कहे ? बेचारा चुपचाप अनु को देखता रहा क्योकि अगर सच बताता किसी उर्वशी के चक्कर में देर हो गयी तो अनु उसे कच्चा चबा जाएगी इसलिए उसने चुप रहना ही बेहतर समझा
मुरारी को खामोश देखकर अनु ने उसे देखा , सड़क पर गिरने की वजह से मुरारी का सफेद कुर्ता भी कही कही से खराब हो गया था। अनु थोड़ा उसके पास आयी और उसका मुंह सूंघते हुए कहा,”पीकर आये हो ?”
“पगला गयी हो का ? हम पहले कभी पीकर आये है घर मा ,,,,,,,,,,,अरे उह एक्को बाइक वाला टक्कर मार दिए हमको तो गिर गए , इह देखो चोट भी लग गयी हमको , अब ऐसे में जीप धीरे धीरे चलाकर लाये तो लग गया थोड़ा बख्त , तुमहू तो यार खामखा सक कर रही हो हमपे”,मुरारी ने अपने हाथ पर लगी चोट अनु को दिखाते हुए कहा
“हे महादेव इसलिए तो मैं कह रही थी कि अब उम्र हो चली है तुम्हारी , थोड़ा ध्यान रखा करो पर नहीं तुमको तो दोस्तों के साथ अस्सी जाना है। अब चलो मेरे साथ दवा लगा देती हूँ पता नहीं कितना खून बहा होगा।”,कहते हुए अनु ने मुरारी का हाथ पकड़का और उसे लेकर कमरे की तरफ चली गयी
“दवा का पता नहीं किसी दिन तुम्हरा जे गुस्सा हमको हार्ट अटैक जरूर दे देगा , साला इह उम्र मा भी मेहरारू से डर रहे है,,,,,,,,,,,,सारी बिधायकी धरी की धरी रह जाती है इनके सामने”,अनु के साथ कमरे में जाते हुए मुरारी ने मन ही मन कहा
अनु मुरारी को लेकर कमरे में आयी और उसे बिस्तर पर बैठाकर खुद टेबल के ड्रॉवर से मेडिसिन का डिब्बा ले आयी। अनु ने मुरारी का पैर उठाकर धीरे से छोटी कुर्सी पर रखा और घाव को देखने लगी। ज्यादा नहीं लगी थी बस छिलने की वजह से थोड़ा खून छलकने लगा था। अनु ने घाव को साफ किया और दवा लगाकर उस पर पट्टी करने लगी। अनु ये सब बड़े ही आराम से कर रही थी और साथ ही ये भी ध्यान रख रही थी मुरारी को ज्यादा दर्द ना हो।
मुरारी ने देखा तो मन ही मन फिर खुद से कहा,”छ साला हमहू भी का का सोचने लगे थे ? मैगी कितने भाव के साथ हमरी दवा पट्टी कर रही है और हम इसके बारे में ना जाने का का सोचते रहते है। प्यार तो जे बहुत करती है हम से,,,,,,,,,,,,,,,,,कितने नसीब वाले है हम जो हमको जे मिली,,,,,,,,,!!”
“लाओ अपना हाथ दिखाओ , तुम भी ना मुरारी सच में कभी कभी अपना बिल्कुल ध्यान नहीं रखते ,, ये तो फिर भी मामूली सी चोट है अगर तुम्हे ज्यादा चोट लग जाती तो,,,,,,,,,,!!”,अनु ने मुरारी का हाथ देखकर उस पर दवा लगाते हुए कहा
“तो तुम हो ना हमरी दवा दारू करने के लिये”,मुरारी ने बड़े ही प्यार से कहा तो अनु उसकी तरफ देखने लगी दोनों कुछ पल एक दूसरे की आँखों में देखते रहे और फिर अनु ने वापस अपना ध्यान मुरारी के हाथ पर जमा लिया।
“वैसे एक बात कहे मैगी जे छोटी मोटी चोटे तो हमने और शिवम् भैया ने बहुत खायी है बस पहिले कोई थी नहीं हमरा ध्यान रखने वाली अब तुम हो तो फर्क नाही पड़ता इतना,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“पर मुझे फर्क पड़ता है मुरारी अब समझ आता है कि उम्र के एक पड़ाव के बाद इंसानो को हमसफर की जरूरत क्यों पड़ती है ? इसलिए नहीं कि वे उनके साथ अच्छा वक्त बिता सके , घूम फिर सके या अपनी जरूरते पूरी कर सके बल्कि इसलिए कि कोई हो जो उनका ख्याल रख सके , उनकी परवाह कर सके , उनसे अपना सुख दुःख बाँट सके। बढ़ती उम्र और गुजरते वक्त के साथ मुझे तुम्हारी जरूरत है मुरारी है , अपना ख्याल रखा करो।”,कहते कहते अनु भावुक हो गयी
मुरारी ने देखा तो उसके चेहरे को अपने हाथो में लिया और कहा,”अरे अरे जे का मैगी तुमहू तो इमोशनल हो गयी यार , अरे देखो बाबू हम बिल्कुल ठीक है हमे का होगा ? तुम हो ना हमरा और हमरे मुन्ना का ख्याल रखने के लिये और तुम्हरा ख्याल रखने के लिये हम है। चलो इस बात पर जल्दी से एक मीठा दो हमको,,,,,,,!!”
“इस उम्र में ज्यादा मीठा नहीं खाना चाहिए मुरारी , तुम बैठो मैं तुम्हारे लिये हल्दी वाला दूध लेकर आती हूँ।”,अनु ने मुरारी को साइड करके कहा और चली गयी।
“ल्यो मीठे के नाम से आज भी कैसे शरमा जाती है जे,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने मुस्कुराते हुए कहा और कपडे बदलने बाथरूम की ओर चला गया !
वंश और मुन्ना एक दूसरे से बातें करते हुए वंश के बैग्स जमाते रहे देर रात मुन्ना को नींद आ गयी लेकिन वंश की आँखों से नींद कोसो दूर थी। उसने घडी में देखा जो कि रात का 1 बजा रही थी। वंश ने पानी पीने के लिए बोतल उठाया लेकिन उसमे पानी नहीं था। वंश उठा और खाली बोतल लेकर नीचे चला आया। किचन के दरवाजे पर आकर उसके कदम रुक गए।
सारिका अभी तक किचन में ही थी और डिब्बों में अपने बनाये लड्डू मठरी पैक कर रही थी। वंश ने देखा तो उसका दिल भर आया उसे सारिका को ऐसे काम करते देख अच्छा भी लगा और बुरा भी महसूस हुआ। उसने बोतल बाहर डायनिंग पर ही रखी और अंदर आकर सारिका के हाथ को पकड़कर वाशबेसिन की तरफ आया और अपने हाथो से उसके हाथ धोते हुए कहा,”क्या माँ ? आप क्या बीमार पड़ना चाहती है ?”
“अरे वंश बस हो गया हम ये सब समेट ही रहे थे , देखो थोड़ा सा बाकि है हम अभी खत्म,,,,,,,,,,,,,,!!”,सारिका इतना ही कह पायी और वंश उसे बाहर ले आया। वंश ने सारिका को डायनिंग के पास पड़ी कुर्सी पर बैठाया और गिलास में पानी डालकर सारिका की तरफ बढाकर कहा,”पीजिये इसे।”
सारिका ने पानी लिया और कुछ घूंठ पीकर गिलास टेबल पर रख दिया।
वंश ने देखा काम करते हुए सारिका के माथे पर पसीने की बुँदे चमक रही थी उसने कुर्सी पर रखा छोटा तौलिया उठाया और सारिका का ललाट पोछते हुए कहा,”आपको इस तरह काम करते देखकर मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा है। दीना काका है ना आप उनसे भी कह सकती है ना और फिर ये इतना सब किसलिए मुझे तो आपके हाथ से बने दो लड्डू भी काफी है,,,,,,,,,,,,!!”
सारिका ने सूना तो वंश का हाथ पकड़कर उसे अपने पास पड़ी कुर्सी पर बैठाया और कहने लगी,”हम किसी को परेशान करना नहीं चाहते थे इसलिए खुद ही किया और फिर हम आपकी माँ है हमारा भी तो मन करता है ना हम अपने बेटे के लिए ये सब करे और रही बात घर के काम की तो जब तुम्हारी शादी हो जाएगी और तुम्हारी दुल्हन इस घर में आएगी तब हम सारा काम उसी से करवाएंगे और खुद आराम करेंगे।”
“हैं क्या सच में ? क्या आप सच में उस से घर का काम करवाएंगी ?”,वंश ने हैरानी से कहा
सारिका ने वंश को देखा और हंसने लगी। हँसते हुए सारिका इतनी प्यारी लग रही थी कि वंश तो बस उस के चेहरे में ही खोकर रह गया। अगले ही पल वंश ने सारिका की आँख के किनारे से अपनी छोटी ऊँगली पर काजल निकाला और सारिका के कान के पीछे लगाते हुए कहा,”माँ आप हँसते हुए कितनी प्यारी लग रही है कही आपको मेरी ही नजर ना लग जाये।”
“हमे तुम्हारी नजर कैसे लग सकती है ? बुद्धू हो तुम माँ को बच्चो की नजर कभी लगती है क्या ? लेकिन हम तुम्हारी दुल्हन से किचन का सारा काम जरूर करवाउंगी”,सारिका ने प्यार से कहा
“अरे हाँ माँ बिल्कुल हम दोनों मिलकर उसे आर्डर देंगे , ए जाओ पानी लेकर आओ , जाओ मेरे लिये खाना लेकर आओ। ये करो वो करो मैं तो उसे बैठने भी नहीं दूंगा।”,वंश ने सारिका को खुश करने के लिये उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा
“हम्म्म्म वंश एक बात कहे।”,सारिका ने कुर्सी से उठकर हॉल में जाते हुए सहजता से कहा
“हाँ माँ कहिये,,,,,,,,,,,!!”,वंश भी उठकर उनके पीछे चला आया
“तुम एक बेटे , भाई , दोस्त जैसी तुम्हारी मर्जी हो वैसे बनना लेकिन जब किसी का पति बनने का वक्त आये तो हम चाहेंगे तुम अपने पापा जैसे बनो। शिवम् जी ने हर रिश्ता बहुत खूबसूरती से निभाया है लेकिन अगर हम कहे कि एक पति के रूप में वो कैसे थे तो हम यही कहेंगे कि महादेव हमे हर जन्म में शिवम् जी मिलवाये।”,सारिका कहते हुए सोफे पर आ बैठी
“वाओ माँ पापा के लिये आपका प्यार यूनिक है लाइक आउट ऑफ़ द वर्ल्ड एंड आई ऍम सो प्राउड ऑफ़ यू।”,वंश ने सोफे पर बैठी सारिका की गोद में सर रखकर लेट गया।
सारिका मुस्कुरायी और कहा,”वैसे तुम इतनी रात तक जाग रहे हो , क्या तुम्हे सोना नहीं है ?”
“मुझे नींद नहीं आ रही।”,वंश ने मासूमियत से कहा
“और नींद क्यों नहीं आ रही ?”,सारिका ने पूछा
“कल सुबह में मुंबई चला जाऊंगा और वहा जाकर मैं अपने काम में बिजी हो जाऊंगा तो आप लोगो से ज्यादा मिल नहीं पाऊंगा , इसलिए मैं आप सबको बहुत मिस करूँगा। अब तो शायद मुन्ना और गौरी की सगाई में ही आना हो।”,वंश ने कहा तो सारिका उदास हो गयी।
सारिका अपनी उंगलिया वंश के बालों में घूमाते हुए खुद से मन ही मन कहने लगी,”तुम चले जाओगे और उसके बाद ये घर फिर से कुछ दिनों के लिये वीरान हो जाएगा।
तुम काशी और मुन्ना कितनी जल्दी तुम सब बड़े हो गए और अपनी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए पर हम तो आज भी तुम सबके उसी बचपन में ही है। कल सुबह तुम मुंबई चले जाओगे बस यही ख़याल आज हमे भी सोने नहीं दे रहा,,,,,,,,,,,,,,,मन बहलाने और अपने आँसू शिवम् जी से छुपाने के लिए ही तो हम किचन में थे और तुम वहा से भी हमे ले आये।”
“माँ कहा खो गयी आप ? अच्छा मुझे आपकी और पापा की लव स्टोरी के बारे में बताईये ना , आई कह रही थी बहुत प्यारी सी कहानी है आपकी और पापा की , अब पापा से तो हम ये कह नहीं सकते पर आप तो मेरी माँ है और आप मना नहीं करेंगी चलिए अब सुनाईये,,,,,,,,,,,!!!”,वंश ने एक्साइटेड होकर कहा
आज कई दिनों बाद वंश सारिका के साथ था और सारिका भी उसके मुंबई जाने से पहले उसके साथ थोड़ा वक्त बिताना चाहती थी
इसलिए वह वंश को अपनी और शिवम् की कहानी सुनाने लगी लेकिन शिवम् और सारिका की कहानी में मुरारी , अनु , आई-बाबा , इंदौर और बनारस के साथ साथ मुरारी की मस्ती ना आये ये भला कैसे हो सकता था ? वंश का तो हंस हंस कर बुरा हाल था और सारिका आज कई सालो बाद उसे भी वो पल दोबारा जीने का मौका मिल गया। सारिका भी बहुत खुश थी और उसे खुश देखकर वंश भी खुश हो गया।
अगली सुबह वंश जल्दी उठा और तैयार होकर नीचे चला आया। आई-बाबा , शिवम-सारिका और मुन्ना सभी नाश्ते की टेबल के इर्द गिर्द बैठकर वंश का ही इंतजार कर रहे थे। वंश भी आकर कुर्सी पर बैठा और कहा,”माँ जल्दी से नाश्ता दीजिये फिर मुझे निकलना है , मुन्ना तू मुझे एयरपोर्ट छोड़ने साथ चल रहा है ना ?”
“देखा बाबा मुंबई जाने के नाम से ही वंश आज वक्त पर उठ भी गया और तैयार होकर नाश्ता भी करने लगा।”,शिवम् ने वंश की तरफ देखते हुए कहा
“आज के दिन तो बच्चे को परेशान मत कर शिवा , अपना सपना पूरा करने वो इतनी दूर जा रहा है देखना हमारा वंश बहुत नाम कमायेगा।”,बाबा ने आज वंश की साइड लेते हुए कहा
वंश ने सूना तो अपने बगल में बैठे बाबा को साइड हग किया और कहा,”लव यू बाबा लेकिन पापा ने जो कहा वो भी थी है , पापा मैं कोशिश करूंगा इस बार मुंबई से वापस एक जिम्मेदार लड़का बनकर आउ।”
“हाँ और फिर हमहु तुमरे लिए एक्को अच्छी सी लड़की देख के तुम्हरा बियाह करवा दे।”,इस बार आई ने कहा
“का का का का कही आप शादी , मैं कोई शादी वादी नहीं करने वाला हूँ आप लोग मुन्ना की शादी करवाओ मुझे इन सब झमेलों में मत डालो।”,वंश ने पराठा खाते हुए कहा
“इह ल्यो जे का बात हुई अरे हम तुम्हरी सादी के इत्ते सपने देखे रही और तुम कह रहे हो सादी ही ना करोगे जे का बात हुई भला ?”,आई ने कहा
“आई हो सकता है आपका सपना मुंबई में पूरा हो जाये,,,,,,,,,,!!”,खामोश बैठे मुन्ना ने अपनी चुप्पी तोडी तो वंश ने उसे कोहनी मारी
“अरे आई वंश बाबू सादी भी करेंगे और तुम्हरा सपना भी पूरा करेंगे पहिले उस को ठीक से बड़ा तो हो जान दो।”,दरवाजे से अनु के साथ अंदर आते हुए मुरारी ने कहा तो सबकी नजर उधर चली गयी
“अरे मुरारी तुम तो कल शाम में आने वाले थे फिर आये क्यों नहीं ?”,शिवम् ने कहा
“का बताये भैया उह जरा कल अस्सी टहलने निकल गए थे तो देर हो गयी फिर हमने कहा सुबह ही चलेंगे वंश को भी बाय बाय बोल देंगे।”,मुरारी ने कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए कहा
सारिका ने मुरारी के लिए भी नाश्ता परोस दिया और सभी बातें करते हुए खाने लगे।
नाश्ता करने के बाद मुन्ना वंश और उसके सामान के साथ एयरपोर्ट निकल गया। मुरारी और अनु शिवम् के घर ही रुक गए और सभी साथ बैठकर मुन्ना और गौरी की सगाई के बारे में बातें करने लगे।
Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri
Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10 Main Teri Heer – 10
Continue With Part Main Teri Heer – 11
Read Previous Part मैं तेरी हीर – 9
Follow Me On facebook
संजना किरोड़ीवाल
sanjana kirodiwal bookssanjana kirodiwal ranjhana season 2sanjana kirodiwal kitni mohabbat haisanjana kirodiwal manmarjiyan season 3sanjana kirodiwal manmarjiyan season 1
Bhut hi pyaari story h ma’am
Oooo🥰🥰
Ab to bass vansh ke mumbai pahuche ka intezaar hai or nishi ka kya reaction hoga vansh ko dekh kar 😃
Vansh ja rha hai… ajeeb lag rha hai… thank God ki Munna yahi Banaras m rahega Sarika-Shivam aur Murari-Anu k saath…nhi to wo Partap kuch bhi kar sakta hai…
Aww just waiting for 🙈🙈vansh nd Nishi takraar aur pyar🙈🙈haaye muze toh khud petu mein butterfly udne wali Khushi ho Rahi hai 🙈🙈
Vansh bhale ki chulbula ladka h lekin vo ek samjhdar aur rishto ko samjhata h
Vansh Bahut kush hai Sarika ne jag kar uske liye snacks banaye aur usse toda bura bi laga ki voh sabse dur jaraha hai per usne Sarika ke saath Kwality time spend kiya aur apne maa papa ki love jankar use bahut kushi mili..Vansh ko aaj time per ready dekh kar Shivam usse pareshan karne laga toh Baba ne Vansh ki side li…aur sab is hassi majaz ke saath nasta karne lage Murari aur Anu bi akar unko join kar liya…nice part Maam♥♥