बेपनाह इश्क़ – 7
Bepanah Ishq – 7
Bepanah Ishq by Sanjana Kirodiwal
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Bepanah Ishq – 7
जय एक बार फिर आकाश और मोंटी के बिच शामिल हो जाता है लेकिन आकाश मोंटी के सामने उस से कुछ नहीं पूछता , माहौल को थोड़ा हल्का करने के लिए आकाश टीवी ऑन कर लेता है तीनो बैठकर क्रिकेट देखने लगते है .. मोंटी ने जो तूफ़ान वाली बात थी सब उसे हवा में उड़ा चुके थे , पर ये कोई नहीं जानता था की आकाश की जिंदगी में सच में एक तूफान आने वाला था आने वाला क्या था वो तो आ चूका था
एयरपोर्ट पर प्लेन लेंड हुयी 22 साल की एक खूबसूरत लड़की सीढ़ियों से उतरती हुयी प्लेटफार्म पर आयी , 6 फुट हाइट , जिसने चुस्त हलके नीले रंग की जींस पहनी हुयी थी और फैशन के नाम पर उसे जगह जगह से कट लगा रखा था , जींस से तीन इंच ऊपर सफ़ेद रंग का टॉप पहन रखा था ,, बालो को कर्ल किया हुआ था , होठो पर हलके रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी ,
एक हाथ में अपना जैकेट पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ से ट्रॉली बैग खींचते हुए वह प्लेटफॉर्म पर चली जा रही थी , खूबसूरत इतनी की कोई एक बार में देखकर उसका दीवाना बन जाये ,, वहा मौजूद हर शख्स की नजर उसी पर थी , और वह बेपरवाह सी मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गयी ,, बाहर आकर उसने आँखों पर बड़े बड़े ग्लास लगाए और टैक्सी का वैट करने लगी ,
कुछ देर बाद उसने टेक्सी वाले को एक अड्रेस बताया और सामान रखकर अंदर बैठ गयी वह अंदर बैठी रास्ते भर बाहर के नजारो को देखती जा रही थी पूरे 5 साल बाद वह अमृतसर जो आयी थी , कितना कुछ बदल गया था यहाँ ..
“मैडम आपकी मंजिल आ गयी है – ड्राइवर की आवाज से उसकी तन्द्रा टूटी
गाड़ी से उतरकर उसने अपना सामान उतारा और ड्राइवर को किराया देते हुए कहा – keep the change …
अपना बैग और जैकेट सम्हाले वह मैन गेट खोलकर अंदर दाखिल हुयी और जाकर घर की डोरबेल बजा दी , कुछ ही पल में किसी ने आकर दरवाजा खोला वह लड़की अपना बैग छोड़कर सामने खड़े आदमी से गले लगते हुए बोली – हेलो मानवेन्द्र अंकल कैसे हो आप ?
– मैं एकदम ठीक हु नेहा , और तुमने बताया क्यों नहीं की तुम आ रही हो ? तुम्हे लेने मैं आ जाता या गाड़ी भेज देता
“अरे अंकल मुझे अंदर तो आने दो क्या सारी बातें यही खड़े खड़े करोगे”
मानवेंद्र उसे अंदर ले आये और वंदना को आवाज लगायी वंदना किचन से बाहर आयी और जैसे ही उसने नेहा को देखा ख़ुशी से उसकी तरफ बढ़ी और उसे गले लगा लिया
“ओह्ह्ह आंटी मैंने आप लोगो को वहा बहुत मिस किया – नेहा ने वंदना को अपनी गोरी बांहो में जकड़ते हुए कहा ..
आवाजे सुनकर जिया भी बाहर आ गयी जिया को वहा देख कर नेहा उसकी तरफ लपकी और उसके गाल खींचते हुए कहा – so cute , कितनी बड़ी हो गयी हो गयी तुम जिया , और बाल भी बढ़ा लिए
“हाँ बड़ी तो होना पड़ा और कोई ऑप्शन नहीं था ना मेरे पास – जिया ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा
जिया को नेहा बिल्कुल पसंद नहीं थी और इसलिए जिया को उसका यु अचानक आ जाना बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था
नेहा ने चारो तरफ नजर घुमाकर कहा – वंदु आंटी आकाश कहा है नजर नहीं आ रहा , उसमे कोई बदलाव आया या वैसा ही पहले की तरह तीली जैसा है
वंदना – वो अपने कमरे में है , तुम खुद ही जाकर देख लो
स्योर – कहकर नेहा आकाश के कमरे की तरफ बढ़ गयी
नेहा के जाते ही जिया ने मन ही मन कहा – हे भगवान आकाश भैया की रक्षा करना ….
मानवेन्द्र अपना बैग लेकर ऑफिस के लिए निकल गए और वंदना नेहा के लिए चाय नाश्ते का इंतजाम करने किचन में चली गयी …
आकाश , मोंटी और जय तीनो क्रिकेट देखने में खोये हुए थे बाहर क्या हो रहा था उन्हें कुछ नहीं पता था तभी नेहा ने आकाश के कमरे का दरवाजा खोला गेट पर रूककर कहा – हेलो बॉयज
लड़की की आवाज सुनकर तीनो ने एक साथ आवाज की दिशा में देखा इतनी खूबसूरत लड़की देखकर मोंटी तो पलके झपकाना तक भूल गया ,, तीनो को अपनी और घूरता पाकर नेहा अंदर आयी और आकर सीधा आकाश के गले लगते हुए कहा – कैसे हो आकाश
आकाश को आवाज थोड़ी जानी पहचानी सी लगी और फिर उसने कहा – नेहा तुम …. तुम कब आयी और किसी को खबर भी नहीं दी ,, कितने सालो बाद मिले है हम लोग …… और और कितना चेंज हो गयी हो यार तुम कहा वो 5 साल पहले दो चोटी बनाकर , चश्मा लगाए घूम वाली नेहा जिसकी नाक हर व्यक्ति बहती रहती थी
आकाश की बात सुनकर नेहा ने कहा – अरे रुको रुको साँस तो ले लो आते ही मेरी तारीफों के पुल बांध दिए तुमने तो !!
आकाश हंसने लगा और फिर नेहा को जय और मोंटी से मिलवाया नेहा ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहां – हाय आई ऍम निहारिका बजाज यू गाइज कॉल में नेहा
जय और मोंटी ने उस से हाथ मिलाया , कुछ देर वहा रुकने के बाद नेहा बाद में मिलते है बोलकर वहा से चली गयी नेहा के जाते ही मोंटी ने आकाश से कहा – वीरे जिस तूफान की मैं बात कर रहा था कही ये वही तो नहीं
मोंटी की बात आकाश हंसने लगा और कहा – अरे नहीं निहारिका मेरी बहुत अच्छी दोस्त है , बचपन में इसकी फॅमिली हमारे घर के सामने वाले घर में ही रहती थी , निहारिका की मम्मी विद्या आंटी मम्मी की अच्छी दोस्त बन गयी , मैं जिया निहारिका हम तीनो बचपन से ही साथ खेले और बड़े हुए है इसलिए वो मेरी दोस्त भी ,
कुछ समय बाद निहारिका के पापा का ट्रांसफर दिल्ली में हो गया और वो अपनी फॅमिली के साथ वहा चले गए ,वहा गए उसे कुछ वक्त ही हुआ था की विद्या आंटी इस दुनिया से चली गयी , निहारिका ने अपने साथ साथ अंकल को भी सम्हाला और फिर एक दिन अंकल भी उसे छोड़कर चले गए एक कार एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गयी !! 5 साल पहले निहारिका अपनी स्टडी के लिए अमेरिका चली गयी बस तब उस से आखरी बार मिला था , आज 5 साल बाद यहाँ आयी है वो मेरी दोस्त कम बल्कि फैमिली मेंबर जैसी है !!
जय – पर तूने तो ये बात हमे कभी नहीं बताई
आकाश – क्योकि कभी जरुरत नहीं पड़ी
मोंटी – पर वीरे कुछ भी बोल क्या दिखती है यार
आकाश – ओये दोस्त है मेरी
मोंटी – हा भाई सारी खूबसूरत लड़किया तो तुझे ही मिलनी है भूमि भी अब निहारिका भी
आकाश – भूमि मेरा प्यार है और निहारिका दोस्त
जय – और किसी दिन दोनों में से किसी एक को चुनना पड़ा तो
आकाश – मैं इतना आगे की नहीं सोचता , निहारिका मेरी बहुत अच्छी दोस्त है और हमेशा रहेगी
तीनो बात कर ही रहे थे तभी आकाश को भूमि का फोन आया ,, आकाश ने इशारे से दोनों को जाने को कहा जय और मोंटी उसे ख्याल रखने को बोलकर घर के लिए निकल गए …
आकाश ने फोन उठाया तो दूसरी तरफ से आवाज आयी – आप घर से निकल गए ?
आकाश – नहीं घर पर ही हु
भूमि – अरे ! पर आपने तो कहा था आप आ रहे है , शाम को मेहँदी और संगीत है
आकाश – भूमि मैं आ ही रहा था पर रास्ते में मेरा छोटा सा एक्सीडेंट हो गया
एक्सीडेंट का नाम सुनकर भूमि घबरा गयी और कहा – एक्सीडेंट … आप .. आप ठीक तो है , ज्यादा लगी तो नहीं
आकाश – रिलैक्स , मैं बिल्कुल ठीक हु बस पैर में जरा सा फ्रेक्चर है , तुम परेशान मत होवो और शादी एन्जॉय करो
भूमि – अपना ख्याल रखना
आकाश – ok और आरफा को मेरी तरफ से सॉरी कह देना प्लीज़
भूमि – अरे नहीं , यहाँ आने से आपका ठीक होना ज्यादा जरुरी है ,, हम कल दरगाह जाकर आपके लिए मन्नत मांगेंगे की आप जल्दी से ठीक हो जाये .. अब आप आराम कीजिये हम आपको बाद में फोन करते है !! कहकर भूमि ने फोन काट दिया
भूमि को अपनी परवाह करते देख आकाश अपना सारा दर्द भूल गया , फोन साइड में रख उसने आँखे मूंद ली …
रात के खाने पर आकाश वंदना का सहारा लेकर डायनिंग टेबल तक आया और कुर्सी पर बैठ गया मानवेन्द्र ने देखा तो कहा
– बेटा खाना रूम में मंगवा लेते , पैर में फ्रेक्चर है तो परेशानी हो जाएगी
आकाश – नहीं पापा मैं ठीक हु , रूम में सुबह से बोर हो गया था इसलिए आ गया और फिर नेहा भी तो आयी है उसे बुरा लगेगा .. वैसे वो है कहा
“मैं यहाँ हु – सामने किचन से खाने की ट्रे उठाये नेहा चली आ रही थी , उसने ट्रे टेबल पर रखी पीछे पीछे वंदना भी बाकि का खाना लाकर टेबल पर रखने लगी और फिर दोनों बैठ गयी तभी मानवेन्द्र ने कहा – क्या करती हो वंदना बच्ची आज ही तो आयी है और आते ही इसे अपने साथ किचन में लगा लिया
वंदना जवाब देती उस से पहले नेहा बोल पड़ी – अरे नहीं नहीं अंकल आंटी ने मुझे नहीं कहा , वो तो मैंने ही आंटी से जिद की के आज नाईट का डिनर मुझे बनाने दे , अमेरिका में रहकर मैंने सिर्फ पढ़ाई ही नहीं की बल्कि खाना बनाना भी सीखा है
आकाश – मतलब शादी करने की उम्र हो गयी तुम्हारी
नेहा – जी नहीं , लेकिन लड़की को अच्छा खाना बनाना तो आना ही चाहिए वैसे भी किसी महान इंसान ने कहा है दिल का रास्ता पेट से होकर गुजरता है (नेहा ने आकाश की आँखों में आँखे डालकर देखते हुए कहा)
जिया चुपचाप नेहा की हरकते देख रही थी फिर फुसफुसाते हुए – सब सिख के आयी है ,, जोकि आकाश ने सुन लिया ,,, वंदना ने सबको खाना परोसा सभी खाने लगे सच में खाना बहुत टेस्टी बनाया था नेहा ने आकाश तो तारीफ करते नहीं थक रहा था , वंदना और मानवेन्द्र ने भी खाने की खूब तारीफ की ,, जिया ने खाना चखा तो उसे भी लगा की वाकई में खाना बहुत लजीज था उसने भी नेहा की तारीफ की ..
खाना खाने के बाद सभी हॉल में आ बैठे , नेहा ने सबको वही रुकने को कहा और खुद अंदर चली गयी कुछ देर बाद जब वापस आयी तो उसके हाथ में तीन चार बैग थे नेहा ने एक बैग वंदना की तरफ बढ़ाया जिसमे वंदना के लिए साड़ी और उससे मैचिंग कंगन थे ,
दूसरा बैग मानवेन्द्र को दिया उसमे उनके लिये व्हिस्की की बॉटल थी , एक बैग आकाश की तरफ बढ़ा दिया आकाश ने निकालकर देखा उसमे आकाश की कुछ पसंदीदा बुक्स और ब्लेक रंग का एक बहुत प्यारा शर्ट था …
सभी बहुत खुश थे और वंदना नेहा को प्यार भरी फटकार लगा रही थी ,, तभी नेहा आखरी बैग लिए जिया की तरफ बढ़ी
– जिया ये तुम्हारे लिए – नेहा ने मुस्कुराते हुए कहा
मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए – कहकर जिया गुस्से में वहा से चली गयी ..
नेहा का उतरा चेहरा देखकर आकाश ने कहा – नेहा लगता है वो अभी भी उस बात के लिए तुमसे नाराज है , i think तुम दोनों को एक बार बात करनी चाहिए
आकाश की बात सुनकर नेहा ने हाँ में गर्दन हिला दी ,, कुछ देर बाद सभी सोने चले गए लेकिन जिया अपने कमरे में जाग रही थी , कुछ देर बाद नेहा जिया के कमरे में आयी तो जिया ने कहा – आप यहा क्यों आयी हो
नेहा – नींद नहीं आ रही थी ,,
जिया ने कुछ नहीं कहा तो नेहा ने कहा – कुछ देर यहाँ बैठ जाऊ मैं
जिया – पूछ क्यों रही हो वैसे भी ये घर तो आपका ही है ,
नेहा – तुम्हारा भी तो है ,, नेहा जिया से कुछ दुरी बनाकर बैठ गयी और फिर कहा – तुम्हे याद है बचपन में तुम मैं और आकाश कितनी बदमाशी किया करते थे , और जब भी आंटी हमे डांट लगाती थी तब हम मासूम सा चेहरा बना लेते थे जिससे सारी डांट आकाश को सुननी पड़ती थी ..
जिया के चेहरे पर अतीत की बात से हलकी सी मुस्कान आ गयी और फिर उसी अतीत की यादो ने उसके चेहरे पर नफरत के भाव ला दिए थे … नेहा ने कहना जारी रखा – और वो बात याद है जब तुम और मैं सामने वाले अंकल के बगीचे से फूल तोड़कर लाते थे ,, और तुम मेरे लम्बे बालो में वो फूल लगाया करती थी
नेहा के साथ साथ जिया भी कुछ पल के लिए अतीत में चली गयी और कहा – हां और वो बात जब हमारे घर के पास बिल्ली के कुछ बच्चे थे और हमने उन्हें आकाश भैया के कमरे में छुपा दिया था , आकाश भैया डरकर कितना कूदे थे ना बेड पर
हंसने लगी दोनों
नेहा – तब तुम बहुत छोटी थी , बिलकुल डॉल की तरह ,, और इसलिए मैं तुम्हे प्यार से अपनी डॉल बुलाती थी
जिया – हाँ क्योकि मैं आपकी फेवरेट डॉल थी और इसलिए मैं आपको डीडू बुलाया करती थी
नेहा – और वो तुम्हारी क्लास का लड़का भानु , उसपे तुम्हे क्रश था
जिया – छी वो मोटू ,, मुझे वो बिलकुल पसंद नहीं था ,,
नेहा – मुझे सब पता है
जिया – उसने कहा था अगर मैं उसकी दोस्त बनी तो वो मुझे रोज चॉकलेट खिलायेगा सिर्फ इसलिए मैं उसके साथ खेलने जाती थी
नेहा – अच्छा बाबा ठीक है , और तुम्हे वो बात याद है जब हम दोनों भूतो की कहानिया पढ़ते थे और फिर कैसे तुम मुझसे आकर चिपक जाया करती थी ..
जिया – हां क्योकि तब आप बहुत सॉफ्ट सॉफ्ट थे ना
नेहा – उसके बाद पापा का ट्रांसफर दिल्ली में हो गया और हम सब वहा चले गए जब हम लोग जा रहे थे तब मुझसे लिपटकर कितना रोई थी ना तुम
जिया – हाँ क्योकि मैं आपसे बहुत प्यार करती थी और कभी आपसे दूर जाना नहीं चाहती थी
“फिर आज क्या हो गया ? जिया , क्यों तुम मुझसे इतनी नफरत करने लगी – नेहा ने अगले ही पल जिया को अतीत से वर्तमान में ला पटका
“क्योकि आपने सबकुछ छीन लिया था मुझसे , मॉम मुझसे ज्यादा आपसे प्यार करती थी , पापा मुझसे ज्यादा आपकी बात सुनते थे , आकाश भैया वो भी सिर्फ आपके साथ घूमते थे और तो और जिस लड़के से मैं प्यार करती थी उसके बारे में भी माँ पापा को बताकर आपने मुझसे मेरा प्यार छीन लिया ,,
मेरी ख़ुशी बर्दास्त नहीं हुयी न आपसे ,, आपके जाने के बाद सब सही हो गया जैसा मैंने हमेशा से चाहा था वही हुआ लेकिन 5 साल बाद आप फिर से हमारी जिंदगी में आ गयी ,, क्यों आयी है आप यहाँ – जिया ने अपने दिल में दबे गुस्से को एक पल में बाहर निकाल दिया
नेहा नजरे झुकाये चुपचाप सब सुनती रही उसकी आँख से दो मोती बहकर फर्श पर गिरे , बाकि आंसुओ को उसने अपनी आँखों में ही रोक लिया और कहने लगी
“जिया , मुझे नहीं पता था मेरी वजह से तुम्हारे दिल में इतना सब गुस्सा दबा पड़ा है , कितने ही सालो से तुम अपने मन पर ये बोझ लेकर जी रही हो , मैंने तुमसे कुछ नहीं छिना जिया आज भी सब तुम्हारा ही है , जिया अंकल आंटी का प्यार उन कुछ सालो में मेरे लिए बेशक बहुत ज्यादा रहा लेकिन उसकी एक वजह थी जो तुम नहीं जानती थी ,,पापा के दिल्ली ट्रांसफर के बाद हम वही रहने लगे ,,
कुछ महीनो बाद मम्मी का देहांत हो गया उस वक्त तुम बहुत छोटी थी ,, पापा अकेले पड़ गए खुद को सम्हाला उन्हें सम्हाला ,, मम्मी को खोने का गम अभी ख़त्म भी नही हुआ था की पापा की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गयी , तब मैं सिर्फ 16 साल की थी मैंने अपनी फॅमिली को खो दिया , अंकल आंटी को जा पता चला तो वो मुझे यहाँ अपने साथ ले आये ,, उन्होंने मुझे वो सब दिया जो एक माँ बाप अपने बच्चो को देते है ,
उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया और मुझे लगने लगा अब यही मेरी फॅमिली है , उन्होंने सिर्फ इसलिए मुझे इतनी इमपॉर्टेन्स दी ताकि मुझे अपने मम्मी पापा की कमी महसूस न हो ,, आकाश मेरा बहुत अच्छा दोस्त है और उसने भी उस दुःख से निकलने में मेरी बहुत मदद की ,, तुम्हे इन सब बातो से सिर्फ इसलिए दूर रखा क्योकि तुम बहुत छोटी थी ये सब नहीं समझ पाती !!
जिस लड़के के झूठ को तुम प्यार मान बैठी थी वो लड़का बिल्कुल सही नहीं था ना ही उस वक्त तुम मच्योर थी , तुम्हारी पढ़ाई और तुम्हारा फ्यूचर ख़राब ना हो इसलिए मुझे तुम्हे उस से दूर करना पड़ा ,, लेकिन उसके बाद से ही तुम मुझसे दूर दूर रहने लगी ,, अमेरिका में मेरे मामा अपनी फॅमिली के साथ रहते है और पढ़ाई के लिए मैं उनके पास चली गयी …. अमेरिका में रहकर मैंने सबसे ज्यादा सिर्फ अंकल , आंटी , आकाश और तुम्हे मिस किया मैं हमेशा सोचती थी की जब इतने साल बाद तुमसे मिलूंगी तब क्या तुम मुझे मेरी वही पहले वाली डॉल के रूप में मिलोगी …..
फेसबुक इंस्टा पर हमेशा तुम्हारी तस्वीरें देखा करती थी , आंटी से हमेशा तुम्हारे बारे में पूछा करती थी , लेकिन तुम फिर से अपने अतीत में ना चली जाओ बस इसी वजह से कभी तुमसे बात नहीं की … अंकल और आंटी तुम्हे मुझसे तो क्या दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करते है , और आकाश वो तो तुम पर जान छिड़कता है और तुम पगली कही की कितना कुछ सोच कर बैठी थी !!
जिया अनजाने में अगर मुझसे कोई गलती हुयी हो या मैंने तुम्हारा दिल दुखाया हो तो प्लीज़ मुझे माफ़ कर देना ,, तुम्हे मेरा यहाँ रहना पसंद नहीं तो मैं कल सुबह ही वापस अमेरिका के लिए निकल जाउंगी बस अपने दिल में मेरे लिए नफरत मत रखो मुझसे ये सहा नहीं जाएगा , मम्मी पापा को खो चुकी हु अब तुम सब लोगो को नहीं खोना चाहती””
कहकर नेहा चुप हो गयी उसके आंसुओ से जाहिर हो रहा था की अब उससे आगे कुछ कहा नहीं जाएगा ,, जिया जो अब तक स्तब्ध होकर सब सुन रही थी नेहा को कसकर गले लगा लिया और रोते हुए कहने लगी – मुझे माफ़ कर दो डीडू , मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी , मैंने हमेशा आपको गलत समझा आपसे नफ़रत की और बदले में आपने हमेशा मुझे प्यार ही दिया ,,, मैं बहुत बुरी हु इतने साल मैं अपने मन में आपके लिए गुस्सा और नफरत भरती रही …
नेहा ने उसे चुप कराया और उसके बाल सहलाते हुए कहा – आज इतने सालो बाद मेरी डॉल ने मुझे डीडू कहकर पुकारा उसी पल मैंने तुम्हे माफ़ कर दिया , बस एक वादा करो अब कभी मुझसे दूर नहीं जाओगी ,,,
Iजिया – और आप भी कही नहीं जाओगे , हमेशा यही रहोगे सबके साथ
दोनों काफी देर एक दूसरे को गले लगाए अपने गीले शिकवे दूर करती रही और फिर जिया नेहा के आलिंगन में कैद होकर सो गयी ,, इतने सालो बाद आज दोनों के दिल का बोझ कम हो चुका था
दूसरी तरह भूमि शाम से ही आरफा के घर संगीत और मेहँदी की रस्म की तैयारी करने में बिजी थी , शाम को सबके साथ मिलकर उसने खूब मस्ती की और आरफा के साथ साथ अपने हाथो पर भी मेहन्दी लगवा ली ,, रात में शबनम ने उसे घर जाने से मना कर दिया , तो वो आरफा के पास ही रुक गयी ,
दो दिन बाद उसकी प्यारी सी सहेली आरफा उसे छोड़ कर जाने वाली थी भूमि उसे ऐसा तोहफा देना चाहती थी जिसे अारफ़ा हमेशा याद रखे ,, दोनों दोस्त सारी रात साथ बिताये पलो को याद करती रही और फिर आरफा भूमि को गले लगाकर रो पड़ी ,,
भूमि की आँखे भी नम हो गयी आखिर क्यों हमेशा एक लड़की जहा जन्म लेती है बचपन से लेकर जवानी का हर पल अपनों के साथ बिताती है , कितनी ही यादे कितने ही किस्से जुड़े होते है उनके उस घर से और फिर एक दिन उन्हें वो सब छोड़ कर जाना पड़ता है …
भूमि ने आरफा को हँसाने के लिए कहा – चिंता ना करो तुमको परेशान करने हम इंदौर भी आ जायेंगे , और वैसे भी साली तो आधी घरवाली होती है ,,
भूमि की बात से आरफा मुस्कुराने लगी ,, फिर दोनों सोने चली गयी … सुबह आँख खुलते ही भूमि आरफा और शबनम से जल्दी आने का कहकर घर चली गयी ,,घर आकर वो सीधा नहाने चली गयी और फिर विक्रम और जया के साथ मिलकर नाश्ता किया ,, जया और विक्रम ने आरफा और युवान के लिए बहुत अच्छा गिफ्ट ख़रीदा था जो वो उन्हें शादी के दिन देने वाले थे ..
भूमि ने देखा तो खुश हो गयी नाश्ता करके भूमि तैयार होने अपने कमरे में चली गयी , उसने गोल्डन और पिंक कलर का प्यारा सा प्लाजो पहना , कानो में उससे मिलते बड़े से झुमके पहने , बालो को खुला रखकर एक छोटा सा क्लिप लगा लिया ,पैरो में पायल पहनी जो पिछले जन्मदिन पर जया ने दी थी , जैसे ही तैयार होकर बाहर आयी विक्रम प्यार से उसे देखने लगे उन्हे अपनी और देखता पाकर भूमि ने कहा – क्या हुआ पापा , आप मुझे ऐसे क्यों देख रहे है
विक्रम ने उसके पास आकर कहा – ये देख रहा हु की मेरी प्यारी बेटी कितनी जल्दी बड़ी हो गयी , और एक दिन वो भी आरफा की तरह हमे छोड़ कर चली जाएगी
“पापा हम कही भी रहे आपके लिए हमारा प्यार कभी कम नही होगा – कहकर भूमि जैसे ही उनकी तरफ बढ़ी एक पैर की पायल खुलकर गिर गयी भूमि उठाने के लिए झुकने लगी तो विक्रम ने उसे रुकने को कहा और खुद पायल उठाकर भूमि के पांव में पहनाने लगा दूर खड़ी जया ने देखा तो उन दोनों के पास आकर खड़ी हो गयी और कहा – सुनिए भूमि अब बड़ी हो गयी है , आप ये क्या कर रहे है ?
“जया बेटीया कितनी भी बड़ी हो जाये , अपने पिता के लिए वो हमेशा उनकी राजकुमारिया ही होती है – विक्रम ने कहा
भूमि ने विक्रम को थैंक्यू कहा और फिर दोनों से जल्दी मैरिज गार्डन आने का कहकर वहा से आरफा के घर चली गयी ,, आरफा ने बहुत ही सुन्दर लहंगा पहना हुआ था , भूमि आरफा और आरफा की बाकी कजन्स के साथ गाड़ी में बैठकर मैरिज गार्डन की तरफ निकल गयी ,, शबनम और बाकि रिश्तेदार भी गाड़ियों से मैरिज गार्डन के लिए निकल गए, गार्डन घर से एक किलोमीटर दूर था ,,
आरफा की ख़ुशी का ठिकाना नहीं था युवान से उसका निकाह होना सपने जैसा ही था , और ये सपना पूरा हो रहा था भूमि के कारण ,, आरफा ने आँखो ही आँखों में भूमि का शुक्रिया अदा किया ,, शादी में दो दिन बाकी थे इसलिए आरफा के पिता ने सबके लिए रहने का इंतजाम मैरिज गार्डन में ही कर दिया था ,,,
सभी वहा पहुंचे , युवान और उसके घरवाले भी अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ इंदौर से लखनऊ के लिए निकल चुके थे , उन्होंने बताया की वो शाम तक वहा पहुंच जायेंगे ..
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Continue With Bepanah Ishq – 8
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