बेपनाह इश्क़ – 5
Bepanah Ishq – 5
Bepanah Ishq by Sanjana Kirodiwal
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Bepanah Ishq – 5
उनके जाने के बाद मानवेन्द्र और वंदना अंदर चले गए , आकाश चुपचाप अपने कमरे की तरफ बढ़ गया , उसके पीछे पीछे मोंटी और जय भी आ गए कमरे में घुसते ही मोंटी ने दरवाजा बंद किया और जय ने आकाश को बेड पर धक्का मारकर गिरा दिया वो सम्हल पाता उस से पहले ही जय उसपे चढ़ गया कहा
-“कमीने तूने कहा था तेरी लाइफ में कोई लड़की नहीं है , फिर ये भूमि , दोस्त , फेसबुक का क्या चक्कर है
आकाश कुछ कहता उस से पहले मोंटी ने उसके मुंह पर घुसा मारते हुए कहा – और हां तूने हमसे ये भी कहा था जब भी लड़की पटायेंगे साथ वरना कोई नहीं पटायेगा तेरे चक्कर में लड़कियों की तरफ देखना तक बंद कर दिया था !! और तूने हमे धोखा दिया जय मार इसको
“अरे तुम दोनों मेरी बात तो सुनो – आकाश ने मिमियाते हुए कहा तो दोनों ने उस छोड़ दिया ,, आकाश उठकर बैठ गया और फिर दोनों को सारी बात बता दी , उसके बाद तीनो मुंह लटकाकर बैठ गए फिर जय ने कहा – मतलब तेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट तक एक्सेप्ट नहीं हुयी और तू उसके माँ पापा को यहां घर भी ले आया , ऊपर से हम दोनों को टैक्सी ढूंढने में लगा दिया
ये बात सुनते ही मोंटी फिर आकाश पर चढ़ गया और फिर तीनो बुरी झगड़ने लगे ,, जो कमरा अब तक साफ सुथरा था अब जंग का मैदान बन चूका था , कुछ देर बाद जिया आयी और तीनो को झगड़ता देखकर चिल्लाकर कहा – जानवरो की तरह लड़ना बंद करो ..
उसे देखकर तीनो चुप हो गए फिर जय ने कहा – गर्ल्स नॉट अलाउड हियर …
“मुझे कोई शौक भी नहीं है यहाँ तूम लोगो के बिच आने का , बाहर मॉम ने सबको नाश्ते के लिए बुलाया है – कहकर दरवाजा उन तीनो के मुंह पर मारकर चली गयी ..नाश्ते का नाम सुनकर मोंटी तेजी से दरवाजे की तरफ दौड़ा और बाहर निकल गया कमरे में सिर्फ जय और आकाश बचे थे जय ने सीरियस होकर कहा
– तो अब क्या सोचा है ?
आकाश – किस बारे में ?
जय – भूमि के बारे में
आकाश – फ़िलहाल कुछ नहीं नाश्ता करने चलते है (आकाश ने उठते हुए कहा तो जय ने उसका हाथ पकड़कर वापस उसे बैठा लिया)
जय – तुझे पसंद है वो ?
आकाश – छोड़ ना ये सब क्यों पूछ रहा है तू
जय – क्योकि मैं तेरा दोस्त नहीं भाई हु , अब बता पसंद है या नहीं
आकाश – हाँ पसंद है , पर वो मुझे पसंद नहीं करती
जय – करेगी , जब उसे अहसास होगा की तू कितना अच्छा इंसान है तब पसंद भी करेगी और प्यार भी करेगी
आकाश – हाहाहाःहाहा प्यार , मुझे किसी से प्यार व्यार नहीं करना
जय – करना किसको है आकाश बाबू वो तो अपने आप हो जायेगा , और जब होगा न तब पूरी दुनिया रंगीन नजर आएगी
आकाश ने कुछ नहीं कहा बस मुस्कुराते हुए उसकी बातें सुनता रहा ,, कुछ देर बाद दोनों नाश्ता करने बाहर आ गए , मोंटी अकेला ही बैठा बैठा खा रहा था और जिया खा जाने वाली नजरो से उसे घूर रही थी ,, पर जय के आते ही वहा से उठकर चली गयी , तीनो ने नाश्ता किया और फिर मोंटी और जय चले गए आकाश भी तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गया …
दूसरी तरफ भूमि इन सब से अनजान विक्रम और जया का इन्तजार कर रही थी , शाम को जैसे ही वो लोग घर पहुंचे भूमि ने दौड़कर विक्रम के गले लग ,, विक्रम भी भावनाओ में बह गया और भूमि को एक छोटे बच्चे की तरह अपने सीने से लगाए रखा , भूमि ने दोनों से फ्रेश होने को कहा और खुद किचन की तरह चली गयी , भूमि ने डिनर तैयार करके टेबल पर लगा दिया था , सबने खाना खाया ,
जया का सर दर्द कर रहा था इसलिए खाना खाने के बाद वह सीधा सोने चली गयी ,, भूमि ने विक्रम से भी आराम करने को कहा तो वे आकर हॉल में बैठ गए भूमि भी आकर उनके पास बैठ गयी और पूछा – क्या हुआ पापा आप थोड़े परेशान नजर आ रहे है ..
विक्रम ने भूमि का मासूम चेहरा देखा और फिर अमृतसर मे हुयी घटना के बारे में बता दिया .. भूमि ने उनके कंधे पर अपना सर रखते हुए कहां – हमे लगा ही था पापा की आप किसी मुसीबत में हो …
विक्रम – वो तो भला हो तुम्हारे उस दोस्त का जिसने हमारी इतनी मदद की
दोस्त ? कौन दोस्त ? – भूमि ने चौंकते हुए कहा
विक्रम – तुम्हारा दोस्त आकाश , हमे गुरूद्वारे में मिला था उसने बताया की वो तुम्हारा फेसबुक फ्रेंड है , बहुत अच्छा लड़का है बेटा हमे अपने घर भी लेकर गया और सामान ढूंढने में भी मदद की ,, वरना आजकल के वक्त में एक अजनबी कहा किसी की इतनी मदद करता है ,,,
भूमि बस ख़ामोशी से सब सुने जा रही थी , उसे याद आया आखरी बार जब उसकी आकाश से बात हुयी थी तब उसने उसे बहुत कुछ सुनाया था , वो सब याद करके उसे बहुत बुरा लग रहा था , वो खोयी हुयी सी बैठी विक्रम की बाते सुनती रही ,, कुछ देर बाद विक्रम ने उठते हुए कहा – अच्छा बेटा मैं सोने जा रहा हु तुम भी सो जाओ कहकर वो अपने कमरे की तरफ बढ़ गए अचनाक रुके और फिर पलटकर कहा – भूमि अपने उस दोस्त का शुक्रिया अदा करना मत भूलना !!
भूमि ने हां में गर्दन हिला दी , और विक्रम सोने चला गया भूमि उठकर अपने कमरे में आयी और फोन देखा लेकिन आकाश ऑनलाइन नहीं था , कुछ सोचकर भूमि ने मेसेज में अपना फोन नंबर लिखा और लिखा आप जब भी फ्री हो मुझे फोन करे”
और फिर सोने चली गयी , उस रात आकाश इतना बिजी था की घर आते ही सो गया उसने अपना फोन भी नहीं देखा था ,, अगली सुबह उसकी आँख खुली तो उसने फोन देखा बैटरी कम होने की वजह से ऑफ हो गया था उसने फोन चार्जिंग में लगाया और मुंह धोने चला गया , आधे घंटे बाद उसने फोन ऑन किया कुछ मेल्स और नोटिफिकेशन के अलावा कुछ नहीं था
आकाश फोन साइड में रख ही रहा था तभी बीप के साथ फेसबुक पर एक मेसेज आया उसकी आँखों को यकीं नहीं हुआ वो मेसेज भूमि का था उसने ओपन किया मेसेज में भूमि का नंबर देखकर एकबारगी उसका दिल सामान्य से तेज धड़कने लगा वह फोन को हाथ में पकडे कुछ देर वैसे ही बैठा रहा , और फिर हिम्मत करके उसने उस नंबर पर कॉल लगा दी ,, जैसे जैसे रिंग जा रही थी वैसे वैसे उसका दिल और तेजी से धड़कता जा रहा था
उसे डर था कही आखरी बार की तरह वो फिर से उस कुछ न सुना दे ,, दूसरी तरफ भूमि सो रही थी फोन की रिंग से उसकी नींद खुल गयी उसने देखा स्क्रीन पर कोई अनजान नंबर था उसने नींद में फोन उठाया और कहा – हेलो
भूमि की आवाज सुनकर आकाश की धड़कने जैसे रुक सी गयी , उसकी आवाज उतनी ही खूबसूरत थी जितनी के वो खुद आकाश तो बस स्तब्ध हुए फोन कान से लगाए बैठा था की तभी दूसरी तरफ से फिर एक प्यारी सी आवाज आयी
– हेलो ! सुबह सुबह कौन है ? बोलो न
भूमि की आवाज सुनकर आकाश को एक बात याद आ गयी जो उसने कॉलेज के दिनों में पढ़ी थी – a sleepy girl’s voice is more sexiest in this world … आज आकाश के सामने ये बात सही साबित हो रही थी , उसने खुद को सम्हालते हुए कहा – हेलो , मैं आकाश आपने फ़ोन करने को कहा था रिमेम्बर
आकाश का नाम सुनकर भूमि की नींद तुरंत उड़ गयी वह बिस्तर पर उठ बैठी और कहा – जी हा मुझे आपसे कुछ बात करनी थी …
आकाश – कहिये
भूमि – सबसे पहले तो आपको बहुत बहुत थैंक्यू , आपने माँ पापा के लिए जो किया उसके लिए हम हमेशा आपके अहसानमंद रहेंगे
आकाश – मैंने आप पर कोई अहसान नही कीया है , बस उन्हें प्रॉब्लम में देखा तो उनकी मदद की …
भूमि – थैंक्यू
आकाश – मुझे अजनबियों से थैंक्यू सुनना पसंद नहीं है
आकाश की बात सुनकर भूमि को अपना वो खराब रवैया याद आ गया जो उसने आकाश के साथ अपनाया था उसने आकाश से माफ़ी मांगते हूये कहा – आपके साथ हमने जिस तरीके से बात की उसके लिए हम आपसे दिल से सॉरी कहते है , प्लीज़ उस दिन की बातो के लिए नाराज मत होईयेगा
आकाश – मैं आपसे नाराज कब था
आकाश की बात सुनकर हंसने लगी भूमि और फिर कहा – अच्छा चलो पुरानी सब बाते भूल जाते है , फ्रेंड्स
आकाश – मैं अजनबियों से दोस्ती नहीं करता
भूमि – उसके लिए हमने सॉरी कहा ना ,
भूमि ने इतनी मासूमियत से कहा की आकाश तुरंत पिघल गया और फिर उसकी दोस्ती एक्सेप्ट कर ली …
भूमि ने फोन रखा और बाहर चली गयी , इधर आकाश अब भी बूत की तरह फोन कान से लगाए बैठा था ,, जब होश आया तो सामने जिया खड़ी थी
“किस्से बाते हो रही है – जिया ने सीधा सवाल किया
“उसी से जिससे बात करने का इतने महीनो से मैं इन्तजार कर रहा था – आकाश ने उछलते हुए कहा
जिया – मतलब भूमि से
आकाश – ऐ , गिव रिस्पेक्ट भाभी है तुम्हारी
जिया – अभी बनी नहीं है , अब जल्दी बताओ क्या कहा उसने ?
आकाश – उसने …….. उसने मुझे थैंक्यू कहा और खुद दोस्ती भी ऑफर की
जिया – मतलब मामला सेट है
आकाश – सिर्फ दोस्त है और कुछ नहीं , तुम ज्यादा दिमाग ना लगाओ
जिया – हम्म सही है , लड़की मिलते ही बहन को भूल गए सेल्फिश कहकर जिया चली गयी
और आकाश भूमि के बारे में सोचने लगा उसकी आवाज अभी भी उसके कानो में गूंज रही थी ,, आकाश बहुत खुश था भूमि से बात करके उसे एक बात तो समझ आ चुकी थी की भूमि अपने पापा से बहुत प्यार करती है , मतलब भूमि का दिल जितने के लिए उसे पहले उसके पापा का दिल जितना होगा , लेकिन उनका दिल तो वह कबका ही जीत चुका था ! खैर अभी तो उसे सिर्फ भूमि पर ध्यान देना था …
तैयार होकर वह ऑफिस पंहुचा पर आज कुछ ज्यादा ही खुश और एक्टिव नजर आ रहा था , हमेशा सीरियस रहने वाले आकाश के चेहरे से मुस्कराहट आज जाने का नाम नहीं ले रही थी , मानवेन्द्र ने देखा तो उन्हें भी आकाश में परिवर्तन नजर आया और आकाश को मुस्कुराता देख उन्हें एक अजीब से सुकून का अहसास हुआ !
धीरे धीरे भूमि और आकाश की अक्सर बातें होने लगी , दोनों एक दूसरे से अपनी फीलिंग्स शेयर करने लगे , अच्छा बुरा जो भी होता दोनों एक दूसरे के साथ बाँट लिया करते थे , भूमि पहली लड़की थी जिस से आकाश इतनी बात किया करता था वरना वह लड़कियों से दूर ही रहता था ,, और यही भूमि के साथ था आरफा के बाद आकाश पहला लड़का था जिस से वो ढेर सारी बातें किया करती थी ,
3 महीने देखते ही देखते गुजर गए दोनों एक दूसरे के बारे में बहुत कुछ जानने लगे थे ,, पसंद नापसंद सब जानने लगे थे …जैसे जैसे आकाश से बात हुयी भूमि को समझ आने लगा की आकाश उसकी सोच के बिलकुल विपरीत था , शुरू में उसने उसे गलत समझा था लेकिन धीरे धीरे आकाश की अच्छाईया उसे नजर आने लगी !!
भूमि के आने से आकाश की जिंदगी में बहुत बदलाव आ चुके थे अब वह हमेशा मुस्कुराता रहता , वंदना और मानवेन्द्र भी उसे इस तरह देखकर बहुत खुश थे , पर इस ख़ुशी की वजह सिर्फ दो लोगो को पता थी एक था आकाश और दूसरी थी जिया … दूसरी तरफ भूमि आकाश जैसा सच्चा और अच्छा दोस्त पाकर बहुत खुश थी लेकिन कुछ था जो अभी भी उसके दिल में रह गया था , और वो था कार्तिक का चेहरा वो चाहकर भी उसे अपने दिमाग से निकाल नहीं पा रही थी ,
उसे उम्मीद थी की एक ना एक दिन उसकी कार्तिक से मुलाकात जरूर होगी , कार्तिक उसके दिल में एक खास जगह बना चुका था और इस बात से अनजान कार्तिक अपने काम और शो मे भूल चूका था भूमि को ,, बस याद था तो वो चैन का टुकड़ा और जब भी उसे देखता एक प्यारी सी स्माइल उसके चेहरे पर आ जाती ,,,
भूमि की जिंदगी कई हिस्सों में बटी थी और कार्तिक ने कई हिस्सों को अपनी जिंदगी बना रखा था पर इन दोनों से अलग आकाश जिसे भूमि में ही अपनी सारी दुनिया नजर आने लगी ,, उसकी सुबह भूमि से होती और शाम भी पूरा दिन नजरे बस फ़ोन की स्क्रीन पर होती और उसके एक मेसेज से उसका चेहरा खिल सा जाता ! जिया जय और मोंटी अब उसे भूमि के नाम से अक्सर छेड़ते नजर आते …
लेकिन आकाश और भूमि का मिलना इतना आसान नहीं था अभी तो शुरुआत थी उनकी और मंजिल का कोई नामोनिशान भी ना था ,, इधर आरफा की शादी के दिन नजदीक आते जा रहे थे , शबनम और उसके पति तैयारियों में लगे थे , भूमि भी आरफा की मदद करने में लगी थी , एक सुबह दोनों शॉपिंग करने निकली तो शाम को ढेरो बैग्स के साथ थककर घर आयी ,, भूमि सीधा अपने घर चली गयी और किचन में जाकर अपने लिए कॉफ़ी बनाने लगी तभी आकाश का फोन आया
– हेलो
भूमि – हां आकाश जी
आकाश – अरे कहा बिजी थी आप आज पूरा दिन
भूमि – शॉपिंग , आरफा की शादी है ना
आकाश – आरफा वो आपकी दोस्त ?
भूमि – जी हाँ एक महीने बाद उसकी शादी है
आकाश – मुबारक हो , मेरी तरफ से भी उनको विश कर देना
भूमि – क्यों आप नहीं आ रहे ?
आकाश – मैं कैसे आ सकता हु
भूमि – अरे !! वाह्ह हम इन्वाइट कर रहे है , आपको तो आना ही पड़ेगा
आकाश – ठीक है लेकिन एक शर्त पर
भूमि – वो क्या
आकाश – आज से ये आप आप बुलाना बंद करो
भूमि – लेकिन हम तो सबसे ऐसे ही बात करते है
आकाश – जानता हु , लेकिन आज से हम दोनों एक दूसरे को आप आप नहीं बुलाएँगे …
भूमि – तो फिर क्या बुलाये
आकाश – तुम कहकर बुलाओ
भूमि – ठीक है आजसे आपको सॉरी तुम्हे तुम कहकर ही बुलाएँगे
आकाश – थैंक्यू , वैसे तुम्हे नहीं लगता आरफा ने शादी थोड़ी जल्दी अप्लाई किया , कुछ दिन और रूकती तो थोड़ा अच्छा हैंडसम लड़का मिल जाता मेरे जैसा
भूमि – ओह्ह हेलो , उसे तुमसे भी अच्छा लड़का मिला है , युवान नाम है उनका और दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते है , they are like a perfect couple ..
आकाश – मजाक कर रहा हु , वैसे लव मैरिज है क्या उनकी ?
भूमि – हां बिल्कुल ,
आकाश – ग्रेट
भूमि – तुम्हे कोई लड़की पसंद है ?
“पसंद तो है पर अभी वो ये नहीं जानती’ आकाश मन ही सोचने लगा और फिर कहा – अभी तो कोई नहीं है पर लगता है धीरे धीरे आ जाएगी
भूमि – हमे बुलाओगे ना अपनी शादी में ?
“तुम्हारे बिना शादी कैसे होगी पागल'” आकाश फिर सोचने लगा और फिर कहा – हां जरूर , अच्छा ये बताओ तुम्हे कैसा लड़का पसंद है ?
भूमि – हमे ………. हमे हमारे जैसा ,,
आकाश – अरे मेरा मतलब उसमे क्या क्या खुबिया हो ?
भूमि – फैमिली के साथ रहता हो , अपने माँ पापा की रिस्पेक्ट करता हो , हमे खुश रखे , ज्यादा न बोलता हो , हमारी रिस्पेक्ट करे , केयर करे , खाने का शौकीन हो , अच्छी जॉब हो , जो हमे कभी हमारे पापा से मिलने से ना रोके , जो हमारे पापा को कभी तकलीफ ना पहुंचाये कभी उनका दिल ना दुखाए ,,, हमेशा हमारा साथ थे
आकाश मन ही मन में “तुम्हारे लिए ये सब करूंगा” और फिर कहा – ये तो बहुत आसान है मिल जायेगा
भूमि – और हाँ स्मोकिंग ना करता हो ड्रिंकिंग ना करता हो
आकाश – वो क्यों
भूमि – हमे अच्छा नहीं लगता
“लग गए तेरे तो बेटा आकाश आने से पहले ही इतनी बड़ी डिमांड रख दी , खैर ये भी करेंगे” आकाश ने सोचा और फिर कहा – हम्म , और कोई फरमाईश
भूमि – एक खास बात तो बताना ही भूल गए , बस उसे शायरी आती हो
आकाश – इसमें कोनसी बड़ी बात है वो तो मैं भी कर लेता हु
भूमि – अच्छा तो फिर सुनाओ कुछ
आकाश बोलने को तो बोल गया पर उसे ये सब नहीं आता था , वो बुरी तरह फस चूका था फिर कुछ देर बाद कहा
– अच्छा सुनो “इश्क़ की तो उम्र ही होती है आवारा
भूमि – आगे
आकाश – आगे
भूमि – हां आगे भी तो सुनाओ
आकाश – ok “इश्क़ की तो उम्र ही होती है आवारा , पंद्रह , सोलह , सतरा , अट्ठारह”
आकाश का इतना कहना था की भूमि जोर जोर से हंसने लगी ,, आकाश को समझ नहीं आ रहा था वो क्यों हंस रही है बस चुपचाप सुने जा रहा था भूमि बस बेतहाशा हंसती जा रही थी फिर थोड़ा सहज होकर कहा – तुम रहने दो ये सब तुम्हारे बस की बात नहीं है , आज अगर मिर्जा साहब जिन्दा होते ना तो तुम्हारी शायरी सुनकर फिर से मर जाते ” कहकर वो फिर हंसने लगी !!
भूमि की बात से खफा होकर आकाश ने फोन काट दिया ..लेकिन भूमि वैसे ही हंसती रही , उसने फोन साइड में रखा और देखा की कॉफी ठंडी हो चुकी है उसने उसे फिर से गर्म किया और लेकर अपने कमरे में चली गयी आकाश से बात करते हुए उसे कॉफी के ठन्डे होने का पता ही नहीं चला , कॉफी पिने के बाद वह सुस्ताने लगी ..
कुछ देर बाद जया ने उसे खाना खाने के लिए आवाज लगायी भूमि आकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गयी विक्रम और जया खाना खा रहे थे , भूमि ने प्लेट में खाना लिया और जैसे ही खाने के लिए हाथ बढ़ाया उसे आकाश की बात याद आ गयी और वो फिर से हंसने लगी ,, विक्रम और जया ने उसे इस तरह हँसते पहले कभी नहीं देखा था ,
विक्रम ने कहा – क्या हुआ भूमि ?
भूमि ने अपनी हंसी रोकते हुए कहा – कुछ नहीं पापा
विक्रम – तो फिर खाना खाओ
भूमि गर्दन झुकाकर चुपचाप खाने लगी अभी दो चार निवाले खाये ही थे की उसे फिर से हंसी आने लगी और वो बस हंसती ही गयी , एक नजर विक्रम और जया को देखा और फिर हँसते हुए उठकर अंदर चली गयी ,,, “पता नहीं क्या हो गया है इस लड़की को – जया ने कहा और फिर दोनों खाना खाने लगे ..
उधर आकाश भूमि की बात से थोड़ा अपसेट हो गया और बिना खाना खाए ही बाहर निकल गया , गाड़ी लिए अकेला दूर निकल गया और सुनसान रास्ते पर लेजाकर झील किनारे गाड़ी रोक दी , बाहर आकर खड़ा हो गया और बहते पानी को निहारने लगा .. ठंडी हवाएं चल रही थी झील किनारे की ये जगह आकाश की पसंदीदा जगह थी जब भी उदास होता था यहाँ चला आता था इस जगह के बारे में मोंटी जय को भी नहीं पता था ..
ठण्ड महसूस होने पर आकाश ने जेब से सिगरेट निकालकर जलाई और गाड़ी से लगकर खड़ा हो गया , जैसे ही पीने के लिए हाथ बढ़ाया भूमि की बात याद आ गयी और उसने सिगरेट फेंक दी और गाड़ी के अगले हिस्से पर बैठकर झील को निहारने लगा और सोचने लगा “क्या गलत है सब सही तो कहती है वो , खुद भी नहीं जानता की आखिर क्यों उसकी हर बात मानने को जी करता है , वो मेरे जैसी बिल्कुल नहीं है फिर भी न जाने क्यों उसके जैसा बनने को जी करता है ,
जब वो बोलती है तो लगता है बस उसी को सुनता रहु , उसकी हंसी दुनिया का सबसे खूबसूरत संगीत है ! ऐसा तो पहले कभी नहीं था की मेरी किसी से बात नहीं हुयी पर इतनी किसी और से भी नहीं हुयी , ऐसा नहीं था की पहले कभी कोई मिला नहीं था पर भूमि जितना आजतक कोई भाया भी नहीं था ,क्यों हर वक्त बस उसी का इन्तजार रहता है , ये दोस्ती या उस से बढ़कर नहीं पता बस इतना जानता हु की उसके बिना कुछ अधूरा सा हु “
आकाश ने एक गहरी साँस ली और आँखे मूंद वही लेट गया भूमि का मासूम सा चेहरा उसकी आँखों के आगे आ गया , वह कुछ देर यु ही लेटे लेटे भूमि के बारे में सोचता रहा ! फोन की रिंग से उसकी तंद्रा टूटी आकाश ने फोन उठाया दूसरी तरफ से किसी ने कुछ कहा और आकाश तेजी से गाड़ी से उतरा और फ़ोन जेब में रखकर हड़बड़ी गाड़ी स्टार्ट कर तेजी से वहा से निकल गया !!
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