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Love You जिंदगी – 54

Love You Zindagi – 54

Love You Zindagi
Love You Zindagi

अवि अपने फ्लैट में चला आया आज नैना के बारे में उसे एक नयी चीज जानने को मिली थी , और करीब से जानने को मिला था। बालकनी में खड़ा अवि नैना के बारे में सोचते हुए बस मुस्कुराये जा रहा था। नैना के लिए उसकी फीलिंग पहले से ज्यादा स्ट्रांग हो गयी थी वह मन ही मन उपरवाले का शुक्रिया अदा कर रहा था की उसने अवि को नैना से मिलवाया। अवि अभी नैना के ख्यालो में डूबा हुआ ही था की उसका फोन बजा अवि ने देखा उसकी मॉम का फोन था अवि ने कॉल अटेंड की और कहा,”हेलो मॉम , कैसे हो ?”


“मैं अच्छी हूँ तू बता तू कहा बिजी है आजकल ? बेटा काम में इतना भी मत उलझा करो की अपनी मॉम को ही भूल जाओ”,दूसरी और से अवि की मॉम सौंदर्या ने कहा
“नो मॉम ऐसा कुछ भी नहीं है , बस थोड़ा बिजी था किसी काम में।”,अवि ने कहा
“कोई बात नहीं अच्छा ये बताओ घर कब आ रहे हो ?”,सौंदर्या ने कहा
“बस मॉम जल्दी ही इस महीने मेरी दो एग्जीबिशन और है उसके बाद”,अवि ने कहा
“और तुम्हारी वो पड़ोसन उसके क्या हाल है ?”,सौंदर्या ने कहा


“वो अच्छी है मॉम , बहुत अच्छी हैं”,अवि ने ब्लश करते हुए कहा
“अरे अरे अरे तुम शरमा रहे हो , अवि मुझे भी मिलना है उस से प्लीज”,सौंदर्या ने जिद करते हुए कहा
“अरे मॉम अभी नहीं मैं मिलवाता हूँ ना बाद में आपको उस से।”,अवि ने कहा
“अच्छा एक काम करते है दो हफ्ते बाद नवरात्र शुरू हो जायेंगे , तुम वही हो तो दशहरे के बाद मैं और तेरे डेड आजाते है तुझे लेने दिल्ली इसी बहाने तेरी पड़ोसन से भी मिल लेंगे”,सौंदर्या ने कहा


“मॉम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,अवि ने कहना चाहा लेकिन सौंदर्या ने बात बीच में ही काटकर कहा,”बस बहुत बहाने बना लिए तुमने दशहरे के दो दिन बाद हम लोग आ रहे है। आखिर हम भी तो देखे उसे जिसने तुम्हे अपना दीवाना बना रखा है”
“ओके मॉम जैसा आपको ठीक लगे”,अवि ने कहा जो की अपनी मॉम की किसी बात को नहीं टालता था
“ये हुयी ना बात , अच्छा सुनो तुम्हारे डेड ने तुम्हारे ऑफिस के लिए जगह ले ली है , जब चंडीगढ़ आओ तब तुम अपने ऑफिस की डिजाईन्स उन्हें बता देना उन्होंने कहा है वो सब करवा देंगे”,सौंदर्या ने कहा


“मॉम आप और डेड कितना करेंगे मेरे लिए , इन्फेक्ट इस उम्र में मुझे आप लोगो के लिए कुछ करना चाहिए”,अवि ने भावुक होकर कहा
“कम ऑन तेरे डेड और मैं जो ये सब कमा रहे है वो किसका है , तुम्हारा और निबी का ना तो फिर ऐसी बातें क्यों ? वैसे भी तुम जब अपने पैरो पर खड़े हो जाओगे तो हमारे लिए खर्च करना ,, अभी तुम्हे जरूरत है तो हम कर रहे है। जरा जरा सी बात पर इमोशनल हो जाता है।”,सौंदर्या ने कहा


“क्या मॉम आप भी ? अच्छा डेड कहा है ?”,अवि ने पूछा
“बाहर है तेरे बड़े पापा आये हुए है गांव से उन्ही के साथ बैठे है , बड़े पापा पूछ रहे थे तेरे लिए और कहा है की इस साल छुट्टियों में जरूर आये”,सौंदर्या ने कहा
“या मॉम आप ख्याल रखो अपना”,अवि ने कहा
“अरे मैं पुरे चंडीगढ़ का ख्याल रखती हूँ , बस तू मेरा ख्याल रखने वाली अपनी पड़ोसन को ले आ”,सौंदर्या ने हँसते हुए कहा


“वो सबका हाल बेहाल कर देती है ख्याल क्या रखेगी ?”,अवि बड़बड़ाया
“तुमने कुछ कहा ?”,सौंदर्या ने पूछा
“नहीं मॉम , मैं रखता हूँ बाय ,, लव यू मॉम”,अवि ने कहा
“लव यू बेटा , बाय”,कहकर सौंदर्या ने फोन काट दिया !! अवि ने फोन को अपने होंठो से लगाया और सोचने लगा,”मॉम को नैना से मिलना है लेकिन कैसे ? नैना ने तो अभी तक मुझे ठीक से एक्सेप्ट नहीं किया है मॉम के सामने कही उसने उलटा सीधा कुछ बोल दिया तो मेरे तो लग जाने है।

बस वो मॉम को पसंद आ जाये कही मॉम ने ही उसे रिजेक्ट कर दिया तो ,,,,आह्ह अवि कुछ सोच क्या करना है ? इन्हे ऐसे मिलाना है की नैना को पता न चले वो मॉम से क्यों मिल रही है और मॉम बस उसे पसंद कर ले।”
सोचते हुए अवि अंदर आया फोन टेबल पर रखा और नहाने चला गया। कपडे पहनकर अवि हॉल में चला आया उसका आर्डर किया हुआ खाना आ चुका था उसने खाना खाया और फिर अपने नई एग्जीबिशन के लिए काम करने लगा।

अवि इस बार कुछ नया आईडीया सोच रहा था और फिर उसके दिमाग में आइडिया आया उसने खुद से ही कहा “वन साइडेड लवर” या देट्स ग्रेट लेकिन वन साइडेड कहा से लाऊ ? मैं भी तो हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बेड आइडिआ मैं अपनी फीलिंग्स के फोटोग्राफ खुद कैसे खिंच सकता हूँ ? कुछ और सोचते है” कहकर अवि वापस अपने काम में लग गया।

सुबह नैना जब उठी तो उसके पैर का दर्द बिल्कुल ठीक हो चुका था सुबह सुबह उसे अवि की याद आ गयी और वह मुस्कुरा उठी। उसी ने उसके पैर को ठीक किया था नैना ने अपने बालो को समेटा और उनमे रबर डालकर कमरे से बाहर चली आयी। वाशबेसिन के सामने आकर पहले ब्रश किया और फिर मुंह धोकर हॉल में आकर बैठ गयी। रुचिका किचन में सबके लिए चाय बना रही थी और शीतल सुबह सुबह ही फोन पर लगी हुई थी।

नैना ने एक नजर शीतल को देखा और फिर रुचिका से कहा,”पांडा चाय दे दे यार आँख नहीं खुल रही मेरी”
“चाय के साथ साथ तुम्हे एक अच्छी खबर भी देनी है”,रुचिका ने ट्रे लेकर नैना की और आते हुए कहा
“अच्छी खबर , सुनाओ सुनाओ जल्दी सुनाओ वैसे भी कुछ अच्छा सुने काफी टाइम हो गया है”,नैना ने सोफे पर उछलते हुए कहा


“अच्छी खबर ये है की दो हफ्ते बाद नवरात्री शुरू होंगे , ऑफिस की भी लास्ट दो नवरात्रो की छुट्टियां रहेंगी”,रुचिका ने उसके सामने ट्रे रखते हुए कहा नैना ने एक कप उठाया और कहा,”तो इसमें अच्छा क्या है ?”
“स्टुपिड नवरात्री में कितना मजा आता है , गरबा , डांडिया हॉट हॉट लड़के”,रुचिका ने चहकते हुए कहा
“रुचिका माय डार्लिंग तुम्हारी जिंदगी में दो ही चीजे है या तो खाना या लौंडे ,, तुझे लड़को में इतनी दिलचस्पी क्यों है मेरे बच्चे ?”,नैना ने कहा


“तो क्या अब लड़कियों में दिलचस्पी लू , मैं लेस्बियन नहीं हूँ समझी। वैसे भी यही उम्र है बाद में तो फॅमिली , बच्चो में बिजी हो जाते है सब ,, और लड़को को ताड़ने में जो मजा आता है आये हाये पूछ मत”,रुचिका ने कहा
“ठरकी हो गयी है तू पांडा तेरे पिताजी को बोलना पड़ेगा , वैसे वो दुखी आत्मा कहा बिजी है सुबह सुबह”,नैना ने कहा
“वो , उसकी एक परमानेंट प्रॉब्लम है जो जोंक की तरह उस से चिपकी हुई है”,रुचिका ने कहा
“कौन राज ?”,नैना ने अंदाजा लगाते हुए कहा


“हम्म्म्म , पता नहीं शीतल को उसमे ऐसा क्या दिखता है , मैं होती ना तो अब तक 10 बार ब्रेक अप कर चुकी होती उस से लेकिन ये लगी पड़ी है। अरे भई दुनिया में कमी है क्या लड़को की ? एक ढूंढो सौ मिलेंगे।”,रुचिका ने कहा तो नैना ने मुंह बनाकर ताली बजाते हुए कहा,”वाह बेटा वाह ! सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली , बेटाजी तुम भी कम नहीं हो नैना प्यार एक अहसास है जिंदगी बदल देता है ,, बदली तुम्हारी जिंदगी ?”


“जिंदगी भले ना बदली हो , लेकिन उस प्यार ने मुझे बदल दिया और देखना सही वक्त आने पर मुझे मेरा परफेक्ट चार्म मिल ही जाएगा”,रुचिका ने कहा लेकिन नैना कुछ और ही सोचने में बिजी थी ! फिर अचानक से नैना ने रुचिका की बात काटते हुए कहा,”अभी क्या बोला था तुमने ? डांडिया , गरबा नवरात्री ,,,,, आईडीआ !”
“अब क्या करने वाली है तू ?”,रुचिका ने नैना की रहस्यभरी मुस्कान देखकर पूछा


“अरे पांडा जो होगा देखा जाएगा , बोल सांचे दरबार की जय।”,कहकर नैना ने चाय का खाली कप टेबल पर रखकर उठते हुए कहा और शीतल के पास चली आयी और उसके हाथ से फोन लेकर राज को कहा,”हे राज बेबी , बेटा जितना बाबू शोना करना है कर लो उसके बाद तो तुम्हे जिंदगीभर रोना है। मुझे ना तेरे पे बड़ा तरस आ रहा है यार एडवांस में सॉरी।”
कहकर फोन वापस शीतल को दिया और उसके गाल पर किस करके रूम में चली गयी।

शीतल हैरानी से उसे देख रही थी उधर से राज ने फोन पर कहा,”ये नैना पागल वागल हो गयी है क्या ? क्या बकवास कर रही है ? और मैं क्यों रोऊँगा ? मैं कह रहा हूँ तुमसे इस लड़की से दूर रहो यार तुम”
“राज मैं बाद में बात करती हूँ”,कहकर शीतल ने फोन काट दिया और रुचिका के पास आकर कहा,”क्या हो गया है इसे ?”


“पता नहीं , मैं तैयार होने जा रही हूँ”,कहकर रूचि भी वहा से चली गयी और शीतल नाश्ता बनाने किचन की तरफ। कुछ देर बाद तीनो ऑफिस के लिए तैयार हुयी नाश्ता किया और फ्लैट से जैसे ही बाहर निकली सामने अवि मिल गया। आज अवि के चेहरे पर कोई शिकायत के भाव नहीं थे नैना ने देखा तो उसके पास चली आयी और कहा,”क्या बात है मिस्टर पडोसी ? आज थोड़े बदले बदले नजर आ रहे हो , मेरे मैनेजर ने तुमसे भी फ्लैट छीन लिया क्या ?”


अवि मुस्कुराया और नैना की आँखों में देखते हुए कहने लगा,”अब तुम कुछ भी कहो मुझे बुरा नहीं लगेगा , मैनेजर से फ्लैट मैंने ये इसलिए लिया था ताकि रोज सुबह मैं तुम्हे देख सकू। अब तक मैं सोचता था की तुम थोड़ी अकड़ू , घमंडी और बद्तमीज लड़की हो लेकिन अब मैं ऐसा नहीं सोचूंगा। पहले जब तुम परेशान करती थी तो बुरा लगता था , गुस्सा भी आता लेकिन अब तुम्हे देखकर सिर्फ प्यार आता है। तुम्हारे साथ रहकर मैं इतना तो सीख चुका हूँ की जिंदगी बहुत सुलझी हुई है बस हम लोग ही इसे उलझा लेते है।”


अवि ये सब बातें इतने प्यार से बोल रहा था की नैना एक पल के लिए बस उसकी आँखों में ही खो गयी और पीछे खड़ी रुचिका ने कहा,”यार ये कितना रोमांटिक है यार , इस से किसी लड़की को दो दो बार प्यार हो जाएगा”
नैना उसकी आँखों देखते हुए बिना कुछ बोले उसकी सारी बातें सुनती रही और फिर एकदम से नजरे हटाकर कहा,”देखा तुम फिर से आँखों से जादू करने लगे।”


अवि मुस्कुराने लगा और नैना वहा से चली गयी पीछे पीछे शीतल भी चली गयी लेकिन रुचिका अवि के पास आयी और कहा,”हे क्या हो गया है तुम्हे ?”
अवि ने सामने लिफ्ट में जाती नैना को देखकर मुस्कुराते हुए कहा,”प्यार हो गया है फिर से”

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संजना किरोड़ीवाल

“पता नहीं , मैं तैयार होने जा रही हूँ”,कहकर रूचि भी वहा से चली गयी और शीतल नाश्ता बनाने किचन की तरफ। कुछ देर बाद तीनो ऑफिस के लिए तैयार हुयी नाश्ता किया और फ्लैट से जैसे ही बाहर निकली सामने अवि मिल गया। आज अवि के चेहरे पर कोई शिकायत के भाव नहीं थे नैना ने देखा तो उसके पास चली आयी और कहा,”क्या बात है मिस्टर पडोसी ? आज थोड़े बदले बदले नजर आ रहे हो , मेरे मैनेजर ने तुमसे भी फ्लैट छीन लिया क्या ?”

“पता नहीं , मैं तैयार होने जा रही हूँ”,कहकर रूचि भी वहा से चली गयी और शीतल नाश्ता बनाने किचन की तरफ। कुछ देर बाद तीनो ऑफिस के लिए तैयार हुयी नाश्ता किया और फ्लैट से जैसे ही बाहर निकली सामने अवि मिल गया। आज अवि के चेहरे पर कोई शिकायत के भाव नहीं थे नैना ने देखा तो उसके पास चली आयी और कहा,”क्या बात है मिस्टर पडोसी ? आज थोड़े बदले बदले नजर आ रहे हो , मेरे मैनेजर ने तुमसे भी फ्लैट छीन लिया क्या ?”

“पता नहीं , मैं तैयार होने जा रही हूँ”,कहकर रूचि भी वहा से चली गयी और शीतल नाश्ता बनाने किचन की तरफ। कुछ देर बाद तीनो ऑफिस के लिए तैयार हुयी नाश्ता किया और फ्लैट से जैसे ही बाहर निकली सामने अवि मिल गया। आज अवि के चेहरे पर कोई शिकायत के भाव नहीं थे नैना ने देखा तो उसके पास चली आयी और कहा,”क्या बात है मिस्टर पडोसी ? आज थोड़े बदले बदले नजर आ रहे हो , मेरे मैनेजर ने तुमसे भी फ्लैट छीन लिया क्या ?”

“पता नहीं , मैं तैयार होने जा रही हूँ”,कहकर रूचि भी वहा से चली गयी और शीतल नाश्ता बनाने किचन की तरफ। कुछ देर बाद तीनो ऑफिस के लिए तैयार हुयी नाश्ता किया और फ्लैट से जैसे ही बाहर निकली सामने अवि मिल गया। आज अवि के चेहरे पर कोई शिकायत के भाव नहीं थे नैना ने देखा तो उसके पास चली आयी और कहा,”क्या बात है मिस्टर पडोसी ? आज थोड़े बदले बदले नजर आ रहे हो , मेरे मैनेजर ने तुमसे भी फ्लैट छीन लिया क्या ?”

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A Woman by Sanjana Kirodiwal

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