Love You जिंदगी – 25
Love You Zindagi – 25
नैना , शीतल और रुचिका तीनो साथ बैठकर बीते दिनों को याद कर रही थी उस पर नैना की मजेदार बातो ने उन दोनों को हंसा हंसा कर लोट पोट कर दिया। नैना से बात करते हुए शीतल कुछ देर के राज की टेंशन भूल गयी और उस से बातें करने लगी वही रुचिका के दिमाग से भी माला का ख्याल जा चुका था। नैना का अवि से झगड़ा हुआ था और उसी को भुलाने के लिए वह शीतल रुचिका के साथ थोड़ा हंसी मजाक कर रही थी। बातें करते करते तीनो वही सो गयी।
मोंटी और सार्थक बाहर घूमने गए हुए थे और अवि अकेला बीच पर बैठा था। घंटो वहा बैठने के बाद अवि उठा अपने कपडे झाड़े और धीमे कदमो से रिसोर्ट की तरफ बढ़ गया। चलते चलते वह मन ही मन खुद से कहने लगा,”देखा उसने खुद मुझसे झगड़ा किया और बाद में मनाने भी नहीं आयी,,,,,,,,,,,,,सेल्फिश लड़की , गुस्सा तो जैसे इसके नाक पर रहता है। नैना के पापा ने सही कहा था नैना को सम्हालना इतना भी आसान नहीं है उसका मूड कब अच्छे से बुरा हो जाये और वह किसी की लंका,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उफ़ मैं उस नैना की तरह बात क्यों कर रहा हूँ ? ये लड़की ना एक दिन सच में मुझे पागल कर देगी। जब से गयी है तब से कोई शोर नहीं कोई एक्टिविटी नहीं पता नहीं कहा होगी ? क्या वो मोंटी के साथ है ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाह उस लड़के को मैंने सुबह ही कहा था कि नैना से दूर रहे लेकिन वो बेशर्म लड़का उसे फर्क नहीं पड़ता,,,,,,,,,,,,,,,नैना , रुचिका और अब वो सुबह वाली लड़की,,,,,,,,,,,,,,,,,आखिर वो लड़की थी कौन और मोंटी उसके साथ क्या कर रहा था ? क्या मोंटी रुचिका और बाकी सब से कुछ छुपा रहा है ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये सब लोग मिलकर मुझे पागल कर देंगे सबसे पहले मुझे एक अच्छे शॉवर की जरूरत है”
अवि अंदर आया और सीधा अपने कमरे में चला आया। उसने टीशर्ट निकालकर कुर्सी पर रखी और बाथरूम की तरफ बढ़ गया। अवि ने शॉवर ऑन किया और उसके नीचे खड़े होकर अपनी आँखे मूँद ली। अवि की आँखों में बीती रात नैना के साथ बिताये पल घूमने लगे। नैना की प्यार भरी बदमाशियां उसकी शैतानिया , अवि को तंग करना सब पल एक एक करके अवि के सामने आ रहे थे। अवि काफी देर तक नहाते रहा ठन्डे पानी से शॉवर के बाद उसे काफी अच्छा लग रहा था।
शाम होने को आयी मोंटी और सार्थक हँसते बातें करते रिसोर्ट की तरफ चले आये। अंदर आकर जब उन्होंने तीनो लड़कियों को सोये देखा तो एकदम से चिल्लाकर उन्हें डरा दिया तीनो जाग गयी। नैना ने उन दोनों को बुरा भला कहा और उबासी लेते हुए वहा से चली गयी क्योकि उसके लिए उसकी नींद पूरी होना बहुत जरुरी था। रुचिका उठकर बाथरूम चली गयी और शीतल ने आकर सार्थक से कहा,”तुम कहा थे ?”
“तुम्हे सच में जानना है या सिर्फ दिखावा कर रही हो ?”,सार्थक ने अजीब नजरो से शीतल को देखते हुए कहा
“दिखावा ? मैं दिखावा क्यों करुँगी बल्कि तुम यहाँ नहीं थे तो उलटा मुझे अच्छा नहीं लग रहा था”,शीतल ने पहले हैरानी और बाद में उदासी भरे स्वर में कहा
सार्थक शीतल से कुछ कहता इस से पहले ही मोंटी ने उसके पास आकर कहा,”गाईज आज हम लोग बीच पर नहीं जायेंगे ना ही बाहर घूमने जायेंगे”
“तो फिर हम लोग गोआ आये क्यों है जब हमे इन कमरों में ही रहना है ?”,रुचिका ने बाथरूम से बाहर आते हुए कहा
“रूचि मेरे पास एक मस्त बढ़िया प्लान है , क्यों ना आज रात हम रिसोर्ट के पास वाले बीच पर बिताये बारबेक्यू के साथ”,मोंटी ने आँखों में चमक भर के रुचिका को देखते हुए कहा
”वाओ ये तो बहुत अच्छा आइडिआ है मोंटी इस में तो बहुत मजा आएगा”,रुचिका ने चहक कर कहा
“आइडिआ तो अच्छा है लेकिन यहाँ बारबेक्यू का अरेजमेंट कैसे होगा ?”,सार्थक ने मोंटी से पूछा
“उसकी टेंशन तुम सब मत लो मेरी रिसोर्ट के मालिक से बात हो गयी है उसने कहा है वो अरेजमेंट कर देगा , बस थोड़ा एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा”,मोंटी ने कहा
“एक्स्ट्रा चार्ज ? मोंटी ये रिसोर्ट बुक करके अवि ने ऑलरेडी इतना खर्चा कर दिया है , क्या हमे बारबेक्यू रखना चाहिए ?”,रुचिका ने कहा
“कम ऑन रूचि , अवि को अकेले थोड़े पैसे देने है हम तीनो इस पूरी ट्रिप का खर्चा डिवाइड कर लेंगे डोंट वरी”,मोंटी ने कहा
“फिर ठीक है , तो आज रात हम लोग क्या पहने ?”,रुचिका ने कुछ ज्यादा ही खुश होकर पूछा
“कुछ ऐसा जिसे देखकर मेरी आँखे तुम से ना हटे”,मोंटी ने थोड़ा रोमांटिक होते हुए कहा जिसे सुनकर शीतल और सार्थक ने वहा से जाना ही सही समझा और सार्थक ने कहा,”ठीक है गाईज शाम में मिलते है”
सार्थक और शीतल कमरे से बाहर चले आये। शीतल ने सार्थक के बगल में आकर कहा,”वैसे मोंटी कितना क्यूट है ना वो रुचिका को ब्लश करवाने का एक मौका नहीं छोड़ता”
“तुम्हे तो दुनिया का हर लड़का अच्छा लगता है शीतल”,सार्थक ने शीतल की तरफ देखकर कहा। सार्थक की नजरे पहली बार शीतल को कुछ चुभती हुयी महसूस हुई तो उसने सामने देखते हुए कहा,”शायद पर उन सबसे ज्यादा अच्छा एक इंसान लगता है जो इस वक्त मेरे साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“मुझे थोड़ी थकान हो रही है मैं रूम में जा रहा हूँ”,सार्थक ने शीतल को अपनी बात पूरी करने का मौका ही नहीं दिया और वहा से चला गया।
शीतल सार्थक का ये बर्ताव समझ नहीं पायी और ख़ामोशी से उसे जाते हुए देखते रही।
नींद से त्रस्त उबासी लेते हुए नैना अपने कमरे में आयी। जब से नैना गोआ आयी थी उसने बस शॉर्ट्स और टॉप्स ही पहने थे वह सबसे ज्यादा सहज अपने उसी पुराने लुक में रहा करती थी। कमरे में आकर नैना इधर उधर देखा और बिस्तर पर आकर पेट के बल गिर पड़ी। उसने जैसे ही सोने के लिए फिर से आँखे बंद की उसके कानो में दरवाजे के खटखटाने की आवाज पड़ी। नैना ने उसे इग्नोर कर दिया लेकिन अगले ही पल वो खट खट फिर शुरू हो गयी। नैना ने पास पड़ा कुशन अपने सर पर रख लिया और एक बार फिर सोने की कोशिश करने लगी लेकिन इस बार खट खट थोड़ी ज्यादा हुई तो वह अधखुली आँखों के साथ उठी और कमरे के दरवाजे की तरफ आकर एकदम से दरवाजा खोलकर कहा,”काहे मरे जा रहे हो बे खोल तो रहे है दरवज्जा , साला चैन से खाने नहीं देते , पीने नहीं देते , जीने भी नहीं देते कम से कम सोने तो दो,,,,,,,,,,,,,,तुमको साले एक बात बताये हमाये लिए ना चाय और नींद बहुत इम्पॉर्टन्ट है इसलिए हमको फिर से डिस्टर्ब किया ना तो हम तुम्हे,,,,,,,,,,,!!”
नैना ने बोलते हुए जैसे ही सामने देखा कोई नहीं था उसने बाहर गर्दन निकाली और कहा,”ये क्या यहाँ तो कोई भी नहीं है फिर ये खट खट,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लगता है तू नींद में है नैना यहाँ कौन आएगा तुम्हे डिस्टर्ब करने तुम जाकर सो जाओ,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
नींद से त्रस्त नैना वापस अंदर चली आयी और जैसे ही बिस्तर पर गिरना चाहा उसके कानों में अवि की आवाज पड़ी,”नैना,,,,,,,,,,,,,,नैना क्या तुम यहाँ हो ?”
“अह्ह्ह अब इसे क्या चाहिए मुझसे ?”,नैना ने नींद में बड़बड़ाते हुए कहा और उठकर बिस्तर पर बैठते हुए जोर से कहा,”हाँ मैं यही हूँ पर तुम मुझे दिखाई नहीं दे रहे”
“मैं बाथरूम में हूँ , क्या तुम मुझे वो टॉवल पास करोगी ?”,अवि ने अपने गुस्से को साइड रखकर मन मारते हुए कहा
“ये कौनसा वक्त है नहाने का ? पता नहीं लोग रोज रोज क्यों नहाते है ? एक दिन नहीं नहाएंगे तो कोनसा आफत आ जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,आती हूँ”,बड़बड़ाते हुए नैना उठी और अवि का टॉवल उठाकर बाथरूम की तरफ बढ़ गयी अब चूँकि नैना और अवि का झगड़ा हुआ था इसलिए दोनों ही एक दूसरे से बात नहीं करना चाहते थे नैना आकर बाथरूम के दरवाजे के सामने खड़ी हो गयी। नैना ने देखा दरवाजा खुला है इसलिए उसने टॉवल अंदर कर दिया लेकिन अवि ने उसे नहीं लिया। नैना ने अपना हाथ वैसे ही रखा लेकिन नींद के कारण दिवार से आकर चिपक गयी। उसे बुरी तरफ उबासियाँ आ रही थी और सर भी भारी होने लगा था। अवि ने टॉवल देखा तो उसे खींचा लेकिन नैना के हाथ में कसने की वजह से अवि उसे नहीं ले पाया। उसे लगा नैना जान बूझकर उसे परेशान करने के लिए ऐसा कर रही है उसने थोड़ा जोर से खींचा तो इस बार टॉवल के साथ साथ नैना भी बाथरूम के अंदर चली आयी।
नैना लड़खड़ाकर गिरती इस से पहले ही अवि ने उसे सम्हाला लेकिन खुद को नहीं सम्हाल पाया और पीठ बाथरूम की दिवार से जा लगी जिस से बाथरूम के शॉवर का बटन दब गया और उन दोनों पर पानी गिरने लगा क्योकि दोनों ही इस वक्त शॉवर के निचे थे। एकदम से पानी गिरने से नैना की नींद उडी उसने खा जाने वाली नजरो से अवि को देखा और उस से दूर होकर कहा,”तुमने ये जान बूझकर किया”
“मुझे कोई शौक नहीं है तुम्हारे साथ नहाने का मैंने तुम से सिर्फ टॉवल मांगा लेकिन मुझे परेशान करने के लिए तुम खुद चली आयी,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने भी अपने बालों में उंगलिया घुमाते हुए कहा
“क्या सच में तुम्हे ऐसा लगता है कि तुम्हे परेशान करने के लिए मुझे ऐसे बकवास बहाने की जरूरत पड़ेगी ?”,नैना ने अपनी आँखो को छोटा करके अवि को देखते हुए कहा
अवि को नैना का यू देखना अच्छा नहीं लगा तो उसने नैना को साइड किया और बाथरूम से बाहर निकल गया।
“ये आखिर खुद को समझता क्या है ? खुद गलती करो खुद ऐटिटूड दिखाओ वाह भई पडोसी छा गए तुम तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,छा गए माय फुट तुम्हारा जीना हराम नहीं किया ना तो मेरा भी नाम “नैना बजाज” नहीं,,,,,,,,,,,,,,काफी हल्के में ले,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आईईईई”,कहते हुए नैना ने शॉवर बंद किया और जैसे ही जाने के लिए पलटी उसका पैर फिसला और वह नीचे आ गिरी।
नैना अवि को परेशान करना चाहती थी लेकिन यहाँ तो वह खुद ही परेशानियों में थी। वह जैसे तैसे करके उठी और कमर को हाथ लगाए बाथरूम से बाहर आयी तो देखा अवि शीशे के सामने खड़ा अपने बालों को पोछ रहा है। अवि कपडे बदल चुका था उसने ब्लैक शर्ट और ब्लैक पेंट पहना था और इन कपड़ो में वह काफी आकर्षक भी लग रहा था। नैना एकटक अवि को देखने लगी वह एकदम से अवि के लिए अपना गुस्सा भूलकर उसमे खो गयी। अगले ही पल उसे याद आया कि कुछ देर पहले अवि के कारण उसकी ये हालत हुई है तो उसकी मुस्कराहट गुस्से में बदल गयी और उसने मन ही मन खुद से कहा,”ब्लैक पहन के अब किसे इम्प्रेस करना है इस गोआ में ? शादी होते ही तुमने अपने असली रंग दिखाने शुरू कर दिए पडोसी,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा नहीं किया तुमने”
अवि ने नैना पर ध्यान ही नहीं दिया और वहा से बाहर निकल गया।
शाम हो चुकी थी और सूरज ढलने वाला था। नैना को छोड़कर बाकी सब बारबेक्यू नाईट के लिए तैयार हो चुके थे
ब्लैक कलर का गाउन पहने रुचिका ने नैना के कमरे में आते हुए कहा,”नैना चलो सब लोग आ चुके है”
“मेरा मूड नहीं है”,बिस्तर पर बैठी नैना ने सोच में डूबे हुए कहा
“क्या कहा मूड नहीं है ? ओफ्फो नैना हम लोग अपने अपने घरो से दूर यहाँ घूमने आये है इंजॉय करने आये है और तुम कह रही हो मूड नहीं है। अब चलो उठो,,,,,,,,,,,तुम तो तैयार भी नहीं हुई,,,,,,,,,,,,,,इतनी सड़ी हुई शक्ल क्यों बना रखी है ? अब उठो भी”,रुचिका ने नैना से कहा
“रूचि मैंने कहा ना मेरा मूड नहीं है , तुम सब जाकर एन्जॉय करो मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगेगा”,नैना ने उदासी भरे स्वर में कहा
“तुम्हारे बिना वहा किसी को अच्छा नहीं लगेगा नैना”,रुचिका ने अपसेट होकर कहा
“अगर मैं इस मूड के साथ वहा गयी तब भी किसी को अच्छा नहीं लगेगा। मेरी वजह से तुम लोग अपना मूड स्पोइल मत करो यार,,,,,,,,,,,,,,,मैं ठीक हूँ तू जा और बाकि सबके साथ एन्जॉय कर,,,,,,,,,,,,,,,,,थोड़ा रोस्टेड पनीर मेरे लिए भी रख देना सब अकेले मत खा जाना”,नैना ने मुस्कुराते हुए कहा
“हम्म्म्म”,रुचिका ने बुझे मन से कहा और वहा से चली गयी।
रिसोर्ट के पास वाले बीच पर बारबेक्यू अरेंज किया गया था। शीतल , सार्थक , मोंटी , अवि वहा साथ साथ मौजूद थे हालाँकि सुबह खराब हुए माहौल के बाद अब मोंटी और अवि में ज्यादा बाते नहीं हो रही थी। वह बारबेक्यू के पास बैठा आग पर पनीर और सब्जिया रोस्ट कर रहा था। शीतल भी उसके साथ बैठी उसकी हेल्प कर रही थी। सार्थक और मोंटी साथ बैठकर वहा के नजरों का आनंद ले रहे थे। रुचिका को अकेले आते देखकर मोंटी ने कहा,”नैना कहा है ? वो कही दिखाई नहीं दे रही”
“वो अपने रूम में है उसने कहा उसका मूड नहीं है इसलिए वो नहीं आएगी”,रुचिका ने बुझे स्वर में कहा
“मूड नहीं है ? सुबह तो उसका मूड काफी अच्छा था अब एकदम से उसे क्या हुआ ?”,सार्थक ने पूछा
“पता नहीं गाइज आई थिंक उसके और अवि के बीच झगड़ा हुआ है,,,,,,,,,,,,,,,,,नैना काफी अपसेट थी और,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका इतना ही कह पायी कि मोंटी ने कहा,”मैं उसे लेकर आता हूँ”
“मोंटी अवि भाई जायेंगे तो नैना को ज्यादा अच्छा लगेगा”,सार्थक ने मोंटी को रोकते हुए कहा
“उसे अगर नैना की इतनी ही परवाह होती तो वो यहाँ अकेले नहीं बैठा होता , मैं उसे लेने जा रहा हूँ”,मोंटी ने सख्ती से कहा और वहा से चला गया।
आग के पास बैठा अवि उन तीनो को देख रहा था लेकिन उनके बीच क्या बाते चल रही थी वो ये नहीं सुन पाया और अपना ध्यान फिर से आग की तरफ लगा लिया। सार्थक और रुचिका बातें करते हुए अवि और शीतल के पास चले आये। सार्थक और शीतल के बीच भी आज बातें एकदम से कम हो गयी जिसकी वजह थी राज के वो मैसेज जो उसने शीतल के फोन में पढ़े थे। शीतल ने सार्थक की तरफ देखा तो सार्थक ने नजरे घुमा ली। सार्थक का शीतल को यू नजरअंदाज करना अंदर ही अंदर खल रहा था लेकिन सबके सामने वह हंस मुस्कुरा रही थी। रुचिका अवि से इधर उधर की बातें करने लगी। सार्थक और शीतल ख़ामोशी से एक दूसरे को देखने लगे लेकिन उनके मुंह से कोई बोल नहीं फूटे।
सार्थक को देखते हुए शीतल मन ही मन कहने लगी,”मैं नहीं जानती तुम अचानक से ऐसा बर्ताव क्यों कर रहे हो ? अगर मुझसे कोई गलती हुई है तो मुझसे कहो सार्थक पर ऐसे चुप मत रहो तुम्हारी ये चुप्पी मुझे अंदर ही अंदर तकलीफ पहुंचा रही है। यहाँ आने के बाद सब कितना अच्छा था कल हम सबने साथ में अच्छा वक्त बिताया फिर आज ऐसा क्या हो गया जो तुम मुझसे बात तक नहीं करना चाहते ? क्या तुम्हारे मन में कोई बात है जो तुम मुझसे कहना चाहते हो ? ऐसे खामोश मत रहो सार्थक,,,,,,,,,,,,,,,,,,कुछ तो बोलो , भले मुझे डांट ही लो , मुझ पर गुस्सा कर लो पर ऐसे खामोश मत रहो”
वही शीतल को देखते हुए सार्थक मन ही मन खुद से कहने लगा,”क्यों शीतल आखिर क्यों तुम मुझसे ये सब छुपा रही हो ? क्या अब भी तुम्हारे दिल में उस घटिया इंसान के लिए फीलिंग्स है ? अगर ऐसा है तो फिर तुम मेरे साथ क्यों हो ? ऐसी क्या मज़बूरी है तुम्हारी कि तुम मुझसे ये सब छुपा रही हो , मुझे कुछ बताना नहीं चाहती , मैं ये सब सोचना नहीं चाहता लेकिन बार बार कुछ ऐसा घटता है जो मुझे हमारे रिश्ते के बारे में सोचने पर मजबूर कर देता है। काश ये सब झूठ होता,,,,,,,,,,,,,,,,,काश राज से तुम्हारी वो मुलाकात झूठ होती,,,,,,,,,,,,,,,,,,,काश वो मेसेज झूठे होते जो उसने तुम्हे किये,,,,,,,,,,,,,राज का तुम्हारी जिंदगी में लौट आना हमारे रिश्ते की नींव कमजोर कर रहा है शीतल,,,,,,,,,काश तुम इस बात को समझ पाती”
सार्थक के अंदर चल रहे तूफान को शीतल उसकी आँखों में साफ़ साफ़ देख पा रही थी। उसने सार्थक से अपनी नजरे हटाई और जैसे ही अवि की तरफ देखा अवि के चेहरे के भाव देखकर शीतल परेशान हो गयी। अवि गुस्से और तकलीफ भरी नजरो से रिसोर्ट की तरफ देख रहा था। शीतल ने रिसोर्ट की तरफ देखा तो उसे भी थोड़ी हैरानी हुई सामने से मोंटी नैना को अपनी गोद में उठाये उन सबकी तरफ चला आ रहा था।
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क्रमश – Love You Zindagi – 26
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संजना किरोड़ीवाल
ये मोंटी नहीं सुधर सकता है…
Very beautiful
Ye Monti Naina aur avi k bich duriya badha rha h
Sabki lyf mein filhaal prblms chl rahi hai
Very nice
Ye Monti aias kyu kar raha hai yarr Muche to ab is monti per itana gussa Aata hai na ki man karta hai jakar usaka sir hi fod du ekdam besaram ho gaya hai Matlab .are Yar itana hi manane ka shokh hai to jakar Ruchi ko manaye per nahi unse to Naina or avi ke beech hi aana hai
Behtrarin part.. Naina suru se hi aisi h..usko handle krna har kisi k bas ka nhi h…avi ko bhi samjhna chahiye… Monti or naina ka rishta bahut pure h…un dono ne har dard taklif sath m baati h… avi ki khul k dono se baat kr Leni chaiye agar uske man m dono k rishte pr doubt h to…