Love You जिंदगी – 24
Love You Zindagi – 24
राज और शीतल एक ही कमरे में थे जैसे ही कमरे का दरवाजा खुला शीतल का दिल जोरो से धड़क उठा। राज और शीतल ने एक साथ दरवाजे की तरफ देखा। दरवाजा सार्थक ने खोला था। सार्थक को अंदर आते देखकर शीतल घबरा गयी , कही सार्थक उसे और राज को एक साथ देखकर गलत ना समझ ले सोचकर ही उसकी आँखों में बेचैनी के भाव तैरने लगे। सार्थक जैसे ही अंदर आने लगा शीतल ने घबराई हुई आवाज में कहा,”सार्थक अंदर मत आना प्लीज”
“क्या हुआ ? तुम अंदर ही हो ना ?”,सार्थक ने वही दरवाजे पर रुक कर पूछा
“हाँ,,,,,,,,हाँ मैं अंदर ही हूँ लेकिन मैं कपडे चेंज कर रही थी प्लीज तुम अंदर मत आना,,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने मुश्किल से कहा क्योकि उसका गला अभी भी राज के हाथ में था और वह शीतल के सामने खड़ा उसे घूर रहा था
“तुम भी कमाल करती हो शीतल,,,,,,,,,,मैं तुम्हारा पति हूँ और मैं अंदर,,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने जैसे ही कहा शीतल ने अपने सामने खड़े राज को देखा और उसका दिल फिर धड़क उठा उसने सार्थक की बात बीच में काटते हुए कहा,”प्लीज सार्थक मैंने सच में,,,,,,,,,,,मैं थोड़ी देर में बाहर आती हूँ”
“अच्छा बाबा ठीक है मैं थोड़ी देर के लिए मोंटी के साथ बाहर जा रहा हूँ , तुम्हे कुछ चाहिए ?”,सार्थक ने पूछा
“अह्ह्ह नहीं नहीं मुझे कुछ नहीं चाहिए”,शीतल ने घबराये हुए स्वर में कहा
“शीतल तुम ठीक हो न ?”,शीतल की आवाज से सार्थक को थोड़ा अजीब लगा तो उसने पूछ लिया।
“हाँ मैं ठीक हूँ मैं आती हूँ थोड़ी देर में”,शीतल ने माथे पर आये पसीने को पोछते हुए कहा
सार्थक ने दरवाजा वापस बंद किया और वहा से चला गया। उसके जाते ही राज ने शीतल का गला छोड़ दिया और सामने पड़े बिस्तर पर बैठ गया। राज ने जैसे ही शीतल का गला छोड़ा वह रुंधे गले से खाँसने लगी।
शीतल को खाँसते देखकर राज ने कहा,”क्या कमाल की एक्टिंग करती हो ना तुम ? इस कमरे में तुम्हारे साथ मैं था और तुम्हारे उस बेवकूफ सार्थक ने तुम्हारी बात पर भरोसा भी कर लिया और हम दोनों को यहाँ छोड़कर चला गया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उफ़ तूम दोनों का ये प्यार देखकर तो मेरी आँखे भर आयी”
“तुम आखिर मुझसे चाहते क्या हो ? क्यों आये हो मेरी जिंदगी में ? हमारे बीच अब कोई रिश्ता नहीं है राज”,शीतल ने पहली बार गुस्से से लेकिन दबी आवाज में कहा
“हमारे बीच जो रिश्ता है वो सबको पता है शीतल मिश्रा इसलिए ये ड्रामा तो तुम मेरे सामने करो ही मत,,,,,,,,,,,,,,,,,आज शाम 6 बजे तुम मुझे बीच पर आकर मिलोगी और वहा मैं तुम्हे बताऊंगा मैं क्या चाहता हूँ ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम आओगी ना ?”,राज ने बड़ी सहजता से कहा
“मैं नहीं आउंगी,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे क्या लगता है मैं तुम से डरकर तुम्हारी हर बात मानूंगी तो कान खोलकर सुन लो राज मैं तुम से नहीं डरती,,,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने हिम्मत करके कहा
“मैं दिल्ली से गोआ इतनी दूर तुम्हारी ना सुनने नहीं आया हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे आना पडेगा , मैं जब जब बुलाऊंगा तुम्हे आना होगा शीतल क्योकि तुम्हारे इस जिस्म से लेकर तुम्हारी एक एक साँस पर मेरा हक़ है”,राज ने उठकर शीतल के सामने आकर कहा
“तुम्हारा मुझ पर कोई हक़ नहीं है समझे तुम,,,,,,,,,,,,,,,,अब मैं किसी की पत्नी हूँ किसी के घर की बहू हूँ मैं,,,,,,,,,,,,,,!”,शीतल ने लगभग आँखों में आँसू भरते हुए कहा वो राज के सामने कमजोर पड़ने लगी थी
शीतल की बात सुनकर राज मुस्कुराने लगा उसकी मुस्कुराहट शीतल के सीने में तीर की भांति चुभ रही थी। मुस्कुराते हुए राज एकदम से शीतल की तरफ पलटा और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”उस से पहले तुम मेरी रखैल,,,,,,,,,,,,,,,,!”
शीतल ने जैसे ही सूना तकलीफ से भरकर अपने दोनों कानो पर हाथ रख लिए और आँखे बंद कर ली जिस से आँखों में भरे आँसू उसके गालो पर लुढ़क आये। शीतल को ऐसे देखकर राज फिर मुस्कुराया और धीमी आवाज में कहा,”वैसे ये कहना थोड़ा सही नहीं होगा तुम्हारे लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन तुमने जो मेरे साथ किया है उसके बाद तो तुम इसी लायक हो,,,,,,,,,,,,,,,,,आज शाम 6 बजे याद रखना भूलना मत क्योकि अगर तुम भूली ना तो फिर मैं भूल जाऊंगा कि मैंने कभी तुम से प्यार किया था,,,,,,,,,,,,,बर्बाद कर दूंगा तुम्हे और तुम्हारे उस आशिक़ को”
कहकर राज वहा से चला गया। उसके जाने के बाद शीतल सिसक सिसक कर रोने लगी। उसने अपना मुंह बंद कर लिया ताकि उसके रोने की आवाज बाहर ना जाये। वह घुटनो के बल फर्श पर बैठ गयी और रोने लगी। राज का उसकी जिंदगी में वापस आना उसे अंदर ही अंदर खाये जा रहा था। शीतल का रोना अब हिचकियो में बदल चुका था वह मन ही मन खुद से कहने लगी,”आखिर वो मुझसे चाहता क्या है ? वो क्यों बार बार मेरी जिंदगी में चला आता है ? मैं उस से अब और नहीं डर सकती मुझे उसका सामना करना होगा,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या मैं सार्थक से बारे में बात करू ? नहीं नहीं अगर मैंने सार्थक से ये सब कहा तो पता नहीं वो ये सब समझेगा या नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,कही वो मुझे ही गलत समझकर छोड़ ना दे मैं ये सब सार्थक को नहीं बता सकती,,,,,,,,,,,,,,,,,,ये सब खत्म करने के लिए मुझे राज से मिलना ही होगा। इस बार मैं बिना डरे उसे सब कह दूंगी मैं उसे बता दूंगी कि मैं अब उस से प्यार नहीं करती ना ही मेरे दिल में उसके लिए कोई फीलिंग है। मैं सार्थक के साथ अपनी नयी दुनिया में बहुत खुश हूँ। इस बार मैं उसे ये अहसास दिला दूंगी कि वो जो कर रहा है गलत कर रहा है इसके बाद भी अगर उसने मेरा पीछा किया तो मैं सार्थक को सब बता दूंगी। मैं अब उस से और नहीं डर सकती , बहुत बर्दास्त किया है मैंने अब और नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ मैं तुमसे मिलने आउंगी राज लेकिन ये सब ख़त्म करने के लिए”
शीतल ने मन ही मन एक मुश्किल फैसला किया और उठकर बाथरूम की तरफ चली गयी। उसने मुंह धोया अपने बालो को समेटा और बाहर चली आयी। बाहर आकर शीतल ने देखा ना वहा मोंटी , सार्थक , अवि है ना ही नैना और रुचिका कही नजर आ रही है। शीतल ने पूल साइड , बालकनी की तरफ नैना और रूचि को ढूंढा लेकिन वो नहीं मिली। शीतल परेशान सी लॉन एरिया की तरफ आयी। इधर उधर दोनों लड़कियों को ढूंढा लेकिन कोई नहीं मिली। शीतल वापस जाने लगी तो उसके कानो में नैना की आवाज पड़ी।
“मेरे रिश्तेदार कम थे मेरी जान खाने को जो अब रिश्तेदारों की पूरी फौज दे दी इस आदमी के रूप में,,,,,,,,,,,,,,,,कतई बर्दास्त के बाहर हो रहा है जे लौंडा,,,,,,,,,,,,,,,कुछ करो महादेव ऐसे तो मेरी डायरेक्ट मीटिंग हो जानी है आपसे”
“ये तो नैना की आवाज है”,शीतल बड़बड़ाई और नैना को आवाज दी,,,,,,,,,,,,,,,नैना , नैना , नैना कहा हो तुम ?”
“जन्नत में है आ जाओ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा लेकिन शीतल को सिर्फ उसकी आवाज सुनाई दे रही थी और वह बस परेशान सी यहाँ वहा देखते हुए नैना को ढूंढने की कोशिश कर रही थी।
“नैना कहा हो तुम ? तुम मुझे दिखाई क्यों नहीं दे रही ?”,शीतल ने लॉन में खड़े पेड़ के चक्कर लगाते हुए पूछा
“साला कही सच में तो ऊपर नहीं पहुँच गए हम,,,,,,,,,,,,चेक करते है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आईईईई दर्द तो हो रहा है मतलब ज़िंदा है अभी”,नैना ने खुद को चिकोटी काटते हुए कहा और फिर शीतल से कहा,”अरे इधर देखो ऊपर”
शीतल ने जैसे ही गर्दन उठायी नैना उसे दिखाई दी। पेड़ की मोटी सी टहनी पर नैना पेट के बल लेटी हुयी थी और उसकी शक्ल देखकर लग रहा था जैसे अभी अभी वह किसी से झगड़कर आयी है। शीतल ने उसे वहा ऐसे देखकर हैरानी से कहा,”तुम वहा क्या कर रही हो ?”
“चिड़िया के अंडो की हिफाजत कर रही हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,दिख नहीं रहा मैं यहाँ लेटी हूँ”,नैना ने पहले आराम से और फिर एकदम से झल्लाकर कहा
“हाँ वो तो दिख रहा है लेकिन यहाँ,,,,,,,,,,,,,,,खैर ये सब छोडो नीचे उतरो”,शीतल ने नैना की तरफ अपना हाथ बढाकर कहा
शीतल के हाथ बढ़ाने पर नैना नीचे उतर आयी और फिर वही नीचे घास पर बैठ गयी। शीतल घुटनो के बल उसके पास बैठी और कहा,”क्या हुआ है तुम्हे तुमने ऐसी हालत क्यों बना रखी है ? और ये मिटटी कैसे लगी तुम्हे ?”
“मैं बीच पर गयी थी लेकिन वो पडोसी,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा और पडोसी का नाम उसकी जबान पर आते ही उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया।
“तुम अवि की बात कर रही हो ?”,शीतल ने हैरानी से कहा
“नाम मत लो उस आदमी का,,,,,,,,,,,,,,,,,वो अवि नहीं वो शनि है जो मेरी कुंडली में बैठ गया है और जब देखो तब मुझे डसता रहता है। शादी से पहले कितना अच्छा था वो लेकिन शादी के बाद उसका असली रंग देखने को मिल रहा है। थोड़ा हेंडसम दिखता है तो क्या कही का प्रिंस चार्मिंग है वो जो कुछ भी बोलेगा और मैं हां जी , नहीं जी करके सुनते रहूंगी,,,,,,,,,,,,,,उस पडोसी की तो मैं मुझसे कहता है की उसकी एडवाइस सस्ती नहीं है,,,,,,,,,,,,,उस से जाकर पूछो चार कच्छे छोड़कर उसके पास है क्या जो वो मुझे एडवाइस देगा,,,,,,,,,,,,,मैं नैना बजाज हूँ लोग मुझसे एडवाइज मांगते है और वो मुझे एडवाइस देगा। जब देखो तब ये मत करो , वो मत करो , यहाँ मत जाओ , वहा मत जाओ साला बीवी हूँ या टीवी का रिमोट जो वह अपनी मर्जी से मेरे चैनल बदल रहा है। मैं बता रही हूँ तुझे ये सारे लौंडे ना शादी के बाद एक ही थाली के कंकड़ होते है जो देर सवेर हमारे हिस्से में आ ही जाते है। गलत कहते है लोग की औरत को कोई खुश नहीं रख सकता अरे कोई हम से पूछे इन मर्दो को खुश रखना कितना मुश्किल है साला लड़कियों से ज्यादा मूड स्विंग्स होते है इनके,,,,,,,,,,,,,,,,,,एक पल में गुस्सा हो जायेंगे अगले ही पल इन्हे इतना प्यार आएगा साला इमरान हाश्मी को मात दे दे। इमरान हाशमी फिर भी स्वीट बन्दा है जेनुअन बन्दा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह ये मैं क्या बक रही हूँ देखा तुमने उस पडोसी के साथ रहते रहते मेरा दिमाग कचरा हो चुका है,,,,,,,,,,,,,,,,लगता है मैं दिन पागल हो जाउंगी”
नैना ने लगभग अपने बाल नोचते हुए कहा
“वो तो तुम हो चुकी हो और ये क्या कर रही हो छोडो अपने बालों को”,शीतल ने कहते हुए जैसे ही नैना के हाथो से उसके बाल छुड़वाए नैना के कुछ बाल टूटकर शीतल के हाथ में आ गए जिन्हे देखकर शीतल ने परेशान होते हुए कहाम”नैना ये क्या ?”
“अरे ये कुछ भी नहीं इस बार जो हेयर ऑयल यूज़ किया ना वो कतई बेकार निकला ये उसी का नतीजा है”,नैना ने शीतल के हाथ से अपने टूटे हुए बालो को लेकर उन्हें समेटते हुए कहा
“लेकिन ये ऐसे,,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल अब भी परेशानी में थी नैना उठी और शीतल का हाथ पकडककर उसे उठाते हुए कहा,”आह तुम्हारी ये ज्यादा सोचने वाली आदत गयी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,चलो चलकर देखते है पांडा क्या कर रही है ?”
नैना शीतल को साथ लेकर उस कमरे में आयी जहा रुचिका और मोंटी रुके हुए थे। अवि से झगड़ा होने के बाद नैना का मूड काफी खराब हो चुका था और वह नहीं चाहती थी इस खराब मूड का असर बाकि सब की ट्रिप पर पड़े इसलिए वह शीतल को साथ लेकर रुचिका के कमरे में चली आयी। कमरे में आते ही नैना और शीतल की आँखे फ़ैल गयी। कमरे में चिप्स और कुकीज के खाली पैकेट थे। बेड के पास वाली टेबल पर कोल्ड ड्रिंक , आईस क्रीम कप , सेंडविच का एक आखरी टुकड़ा और मीठा रखा हुआ था। उसी टेबल के पास वाले बिस्तर पर मस्त पांडा की तरह पड़ी थी रूचि जिसके होंठो पर अभी भी चॉकलेट लगा हुआ था।
“ये सब तुमने खाया है रुचि ?”,शीतल ने टेबल पर रखे सामान को देखते हुए कहा
“आह्ह्ह्ह क्या मस्त ट्रीट थी यार मजा आ गया खाकर”,रुचिका ने आँखे मूंदे हुए बेड पर हाथो को फैलाते हुए कहा
“ट्रीट ? तुम्हे ये ट्रीट किसने दी ?”,नैना ने कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए कहा
शीतल भी वहा पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी और एक कुकी उठाकर खाने लगी। रुचिका ने अपनी आँखे खोली , देखा नैना और शीतल दोनों वहा है तो उठकर बैठ गयी और मुस्कुराते हुए कहा,”ये ट्रीट मुझे मेरे कपकेक ने दी,,,,,,,,,,,,,,,,,अम्म्मम्म मेरा चोकोपाई”
“कपकेक ने ?”,शीतल ने हैरानी से पूछा
“अरे मोंटी मैं उसे प्यार से कपकेक बुलाती हूँ वो बहुत स्वीर है ना इसलिए”,रुचिका ने क्यूट सा फेस बनाते हुए कहा
“सूना था प्यार में लोग चूतिया हो जाते है आज देख भी लिया,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने सामने पड़े प्लेट से कुकीज उठाते हुए कहा
“नैना तुम अपने दोस्तों के लिए ऐसा नहीं बोल सकती,,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने थोड़ा चिढ़ते हुए कहा
“हाँ तुम जो मर्जी करो मैं बोल भी नहीं सकती,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे उस मोंटी के बच्चे ने बताया वो तुम्हे ये ट्रीट क्यों दे रहा है ?”,नैना ने रुचिका की तरफ देखकर पूछा
“हाँ बताया ना , सुबह पूल साइड जो कुछ हुआ था उसके लिए मोंटी ने इस ट्रीट के जरिये सॉरी बोला है,,,,,,,,,,,,,,,,,हाउ स्वीट वो कितना रोमांटीक है”,रुचिका ने अपनी दोनों हथेलियों को बांधकर गाल से लगाते हुए कहा तो शीतल मुस्कुरा उठी और नैना की भँवे तन गयी।
नैना ने कुछ सोचा और फिर कहा,”मतलब उसने माना कि गलती उसकी थी ?”
“हाँ”,रुचिका ने असमझ की स्तिथि में कहा
“अजी घंटा ! इस ट्रीट के बदले वो तेरा ध्यान उस लौंडिया से हटाना चाह रहा जिसे गोद में उठाये वो पूल साइड में घूम रहा था,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे तो कुछ गड़बड़ लग रही है रूचि तेरा मोंटी हाथ से निकल रहा है सम्हाल उसे वरना तू कप हाथ में लिए खड़ी रहेगी और तेरा केक कोई और खा जाएगा”,नैना ने दुसरी कुकी उठाते हुए कहा
“हाह तो अब मैं क्या करू ?”,रुचिका ने नैना की बातो में उलझते हुए कहा
“करना क्या है ये सब बंद करो और नजर रखो उस पर , मेरा दोस्त है तो क्या हुआ है तो वो भी मर्द ही ना कभी ना कभी तो फिसलेगा ही फिर तेरा क्या होगा ?”,नैना बस रुचिका को छेड़ने के लिए ये सब बोल रही थी लेकिन रुचिका के भेजे में ये बात नहीं आयी और उसने नैना के पास आकर कहा,”तुम्हारा मतलब है अगर मोंटी को मुझसे अच्छी लड़की दिखी लाइक फिगर और बॉडी में तो वो उसके साथ चला जाएगा”
“हाँ,,,,,,,,,,,अरे तू जानती नहीं बहुत हरामी है वो , कॉलेज में ना,,,,,,,,,,,,,,,चल छोड़ क्या बताऊ तुझे”,नैना ने गंभीर होकर कहा
“तो मुझे क्या करना चहिये ? मैं अपने कपकेक को ऐसे जाने नहीं दे सकती”,रुचिका ने परेशान होकर कहा
नैना ने देखा रुचिका कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गयी है तो वह मुस्कुरा उठी और कहा,”अरे बकैती कर रहे है”
रुचिका ने सूना तो नैना को घूरने लगी और फिर कहा,”तुम कभी नहीं सुधरोगी”
“चांस ही नहीं है बाबू , हमे सुधारने वाले खुद बिगड़ गए है , पर मजाल है हम सुधर जाए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने अपने पैर बिस्तर से लगाते हुए कहा
“इसलिए तो तूम मुझे इतनी ज्यादा पसंद हो”,रुचिका ने नैना के गाल खींचते हुए कहा तो शीतल भी मुस्कुरा उठी और नैना के बाल सहलाते हुए कहा,”हाँ तुम्हारी सिर्फ जबान खराब है बाकि दिल की अच्छी हो तुम”
“आह्ह्ह्हह”,नैना ने अपने सीने पर हाथ रखते हुए एकदम से कहा
“क्या हुआ ?”,रुचिका ने हैरानी से पूछा और शीतल भी थोड़ा डर गयी तो नैना ने अपना हाथ हटाकर कहा,”मिनी हार्ट अटैक , दोस्तों से इतनी तारीफ सुनने की आदत नहीं है ना”
शीतल ने सूना तो चैन की साँस ली लेकिन रुचिका ने पास पड़े कुशन को उठाकर नैना की तरफ फेंकते हुए कहा,”तुमने डरा दिया था मुझे”
“सॉरी”,कहते हुए नैना बिस्तर की तरफ आयी और रुचिका की गोद में सर रखकर लेट गयी। शीतल भी बेड पर चली आयी और फिर तीनो के बीच शुरू हो गयी कभी ना खत्म होने वाली बातें,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
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क्रमश – Love You Zindagi – 25
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संजना किरोड़ीवाल
यार ये राज जितना बड़ा कुत्ता है ये शीतल उतनी ही बड़ी डरपोक…राज उसका गला पकड़ता, उसे गंदी बातें कर रहा और उसे गंदा बदल ल रहा है, पर हमारी शीतल फिर हार मान रही है…और अब शाम को मिलने भी जाएगी…देखना अपने रिश्तें को लेकर होने वाली गड़बड़ी के लिए श्री तल ही जिम्मेदार होगी।
Sheetal ne jab sochiliya hai ki woh raj se milne jayegi toh jaye magar Naina ko saath lekar jaye toh sayaad uski problem solve ho jayegi, aur Naina ke pass sabse problems ka solution khud ka chodkar nice part Maam ☺
Sheetal raj se mili aur Sarthak use dekh liya to uske aur Sarthak k bich galatfahmi paida ho jayegi
Very beautiful
Sheetal sarthak se chupa kr bhut hi Badi galti kr rhi h
Naina ke baal jhad rhe hain,kahin use koi bimaari to nhi?
Sheetal ko naina ya sarthak ko bta dena chahiye raj k bare me
Nice story
Behtrarin part…ye Raj jaise log kabhi nhi sudhar sakte… sheetal ko sarthak ko bata dena chahiye naina ko to bata hi de to behtar h…avi ki Behan k sath kahi Raj hi to nhi h wo hi chup sakta h…