Love You जिंदगी – 9
Love You Zindagi – 9
हॉल के सोफे पर बैठी नैना अवि के बारे में सोचते हुए कॉफी पी रही थी। अवि वहा से अपने कमरे में चला आया आज किसी नए एग्जीबिशन के लिए उसे क्लाइंट से मिलना था और उसी को लेकर एक मीटिंग थी जिसमे अवि को जाना था। उसने कबर्ड से मीटिंग के लिए फॉर्मल कपडे निकाले और साथ में टाई निकाल ली। अवि ने कपडे पहने और शीशे के सामने आकर बाल बनाने लगा। शीशे में खुद को देखते हुए अवि मन ही मन सोचने लगा,”नैना ने मेरे लिए कॉफी बनाई,,,,,,,,,,,,हाउ स्वीट लेकिन मैंने थोड़ा ज्यादा ही गुस्सा दिखा दिया उस पर उसे हर्ट हुआ होगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तो होने दो थोड़ा हर्ट होगा तभी ना उसे समझ आएगी मेरी फीलिंग्स,,,,,,,,,,,,,,,उसने भी तो कल रात मुझे हर्ट किया था,,,,,,,,,,,,,,लेकिन वो बहुत अच्छी है यार अवि तू ज्यादा देर उस से बात किये बिना नहीं रह पायेगा,,,,,,,,,,,,,नहीं मैं रहूँगा , नैना मुझे बहुत सताती है इस बार मैं उसे सताऊंगा,,,,,,,,,,,मैं उस से बिल्कुल बात नहीं करूंगा,,,,,,,,,,,,,नहीं नहीं नहीं कभी नहीं इस बार उसे ही मुझे मनाना होगा”
अवि को पता नहीं चला लेकिन आखिर की कुछ लाइन्स वो सोचने के साथ ही बड़बड़ाने लगा था। उसने ध्यान नहीं दिया कि उसी वक्त नैना कमरे में आयी थी। वह बस शीशे के सामने खड़ा अपने ही ख्यालो में खोया हुआ था
“क्या माता वाता आ गयी है क्या तुम में ?”,नैना ने बिस्तर से अवि के धुलने वाले कपडे उठाते हुए कहा
अवि ने नैना को देखा तो होश में आया और बाल बनाकर सोफे पर रखी अपनी टाई उठाकर बांधने लगा। अवि का जवाब ना पाकर नैना की आँखे चढ़ गयी और उसने धीमी आवाज में कहा,”एक दिन मर जाना है इस आदमी ने इस अकड़ के चलते,,,,,,,,,,,,,,,,दिल्ली सही था चंडीगढ़ आकर तो जनाब के तेवर ही बदल गए है”
अवि ने सूना तो तिरछी नजर से नैना को देखने लगा नैना झेंपते हुए वहा से चली गयी। अवि को टाई पहनना आता था लेकिन जान बुझकर ऐसे दिखा रहा था जैसे उसे पहनना आता ना हो। कपडे बाथरूम में रखकर नैना जब वापस आयी तो अवि को टाई के साथ उलझते देखा। नैना चुपचाप अवि के सामने आयी और उसके हाथ नीचे करते हुए कहा,”मैं बांध देती हूँ”
नैना को अपने सामने पाकर अवि की धड़कने एकदम से बढ़ गयी वह नैना से थोड़ा नाराज था लेकिन इस बार उसने नैना को कुछ नहीं कहा और चुपचाप हाथ नीचे करके खड़ा हो गया। नैना ने टाई को अपने दोनों हाथो में पकड़ा और थोड़ा अवि के करीब आ गयी। अवि ख़ामोशी से उसके चेहरे की तरफ देखते रहा।
नैना टाई बांधते हुए कहने लगी ,”डेड को भी तुम्हारी तरह टाई पहनना नहीं आता था इसलिए मैं उनकी हेल्प किया करती थी फिर उन्होंने सीखा भी नहीं वो कहते थे कि उन्हें अच्छा लगता है जब मैं उन्हें टाई पहनाती हूँ। डेड इस जस्ट अमेजिंग वो कभी मुझसे नाराज नहीं होते थे,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे फॉर्मल कपड़ो में तुम काफी अच्छे लग रहे हो”
नैना ने टाई बांधकर पीछे हटते हुए कहा। अवि ने एक नजर नैना को देखा और फिर उसे साइड करके वहा से चला गया। नैना को नहीं समझ आ रहा था वह अवि को कैसे मनाये ? अवि के जाने के बाद उसने एक गहरी सी साँस ली और बिस्तर पर आकर गिर गयी। शादी के बाद अवि और नैना में हर रोज बहस होती थी , प्यार भरे झगडे होते थे , एक दूसरे की परवाह भी होती थी लेकिन ये पहली बार था जब अवि नैना से नाराज था और उसे मनाने का तरिका नैना को नहीं पता था। नैना इसी बारे ने सोचते हुए बिस्तर पर उलट पुलट होती रही लेकिन उसके दिमाग को तो जैसे जंग ही लग गया था कोई नया आइडिआ उसके दिमाग में नहीं आ रहा था। कुछ देर बाद वह एकदम से उठकर बैठ गयी और कहा,”क्यों ना मैं अवि की मॉम से हेल्प लू , अवि अपनी मॉम की बात कभी नहीं टालता,,,,,,,,,,,,नहीं मैं उन्हें नहीं बता सकती अगर उन्हें बताया तो कल रात के बारे में भी उन्हें बताना होगा और ये काफी एम्बेरेसिंग होगा नैना,,,,,,,,,,,,,,कुछ और सोच,,,,,,,,,,,,मैं अपनी मॉम को फोन करू क्या ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,आहहह नहीं अगर उनसे इस बारे में बात की तो वो तो मुझे ही चार बाते सूना देंगी क्योकि उनके हिसाब से उनका दामाद तो दुनिया का सबसे अच्छा दामाद है,,,,,,,,,,,,,,,,फिर मैं क्या करू ? शीतल इस वक्त बिजी होगी,,,,,,,,,,,,,,,,,पांडा,,,,,,,,,,,,,मैं रूचि को फोन करती हूँ वैसे भी उसका और मोंटी का रिलेशन सबसे बेस्ट है वो पक्का कोई ढंग का आइडिआ दे देगी,,,,,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह यू आर जीनियस नैना , मतलब अभी भी तुम्हारा दिमाग काम कर रहा है बस इसे ऐसे ही चालू रखना”
नैना ने रुचिका का नंबर डायल किया और अपने नाख़ून चबाते हुए उसके फोन उठाने का इंतजार करने लगी
कुछ देर बाद रुचिका ने फोन उठाया और कहा,”हमारी अच्छी किस्मत जो महारानी जी आपने हमे फोन किया”
“मेरे लफंडर दोस्त के साथ रहकर तू भी उसके जैसी हो गयी है”,नैना ने कहा तो रुचिका हसने लगी और कहा,”तू नहीं बदली , वैसे आज मैं तुझे फोन करने वाली थी अच्छा हुआ तूने कर लिया। कैसी है ?”
“मैं ठीक हूँ तुम बताओ तुम कैसी हो ?”,नैना ने कहा
“मैं भी ठीक हूँ और तुम्हारा पडोसी कहा है ?”,रुचिका ने नैना को छेड़ते हुए कहा
“वो ऑफिस गया है”,नैना ने कहा
“हाअअ इतनी खूबसूरत और हॉट वाइफ को छोड़कर किस कम्बख्त का मन करेगा ऑफिस जाने का ?”,रुचिका ने कहा
“तुम कहा हो ?”,नैना ने पूछा
“बैंक की मीटिंग के लिए बाहर आयी हूँ क्यों पूछ रही है ?”,रुचिका ने पूछा
“जब तुम मेरे चॉकलेटी दोस्त को छोड़कर अपने ऑफिस आ सकती हो तो पडोसी भी तो जा सकता है न”,नैना ने रुचिका के पहले वाले सवाल का जवाब देकर कहा
“अच्छा बेटा शादी होते ही अवि की साइड लेने लगी। खैर ये बता कैसी चल रही हैतेरी मैरिड लाइफ,,,,,,,,,,,समथिंग समथिंग”,रुचिका ने शरारत से कहा
“अब ये समथिंग समथिंग क्या है ?”,नैना ने खीजते हुए पूछा
“अरे वही रोमांस , लव , केयर”,रुचिका ने कहा
“हम्म्म्म लव और केयर तो बहुत है बस रोमांस के “L” लग चुके है”,नैना ने अपने दाँत कुतरते हुए कहा
“रोमांस का तो “R” लगना चाहिए , “L” कैसे लग गए ? खैर छोडो तुम मुझे साफ़ साफ़ बताओगी हुआ क्या है ?”,रुचिका ने नैना की बातो में उलझते हुए कहा तो नैना ने एक साँस में उसे सब बता दिया और रुचिका ख़ामोशी से सब सुनते रही। नैना की बातें सुनकर ही उसका तो सर चकराने लगा था। जैसे ही नैना ने अपनी बातें खत्म की रुचिका ने हैरानी से कहा,”ये तू क्या बोल रही है नैना मतलब तेरे और अवि के बीच,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे तुझसे ये उम्मीद नहीं थी”
“तू मुझे गलत समझ रही है रूचि,,,,,,,,,,,,,,शादी के बाद मुझे उसके साथ कम्फर्ट होने में थोड़ा टाइम लग गया फिर मैं डेड के घर थी उसके बाद पडोसी बीमार हो गया फिर वो 2 हफ्ते के लिए निवेदिता के साथ चला गया,,,,,,,,,,,,,,,,ऐसे होते होते 3 महीने निकल गए। कल से वो नाराज है मैं उसे कैसे मनाऊ समझ नहीं आ रहा इसलिए तो तुझे फोन किया,,,,,,,,,,,,,,तू मेरी कुछ हेल्प कर ना प्लीज”,नैना ने मिमियाते हुए कहा
“मैं क्या स्वयं इमरान हाश्मी भी आकर तुम्हारी मदद नहीं कर सकते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तू अवि के साथ बहुत गलत कर रही है तुझे उसकी फीलिंग्स को ऐसे हर्ट नहीं करना चाहिए”,रुचिका ने कहा तो नैना खामोश हो गयी
“अब बोलोगी कुछ,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने कहा
“अबे क्या बोलू मैं ? मेरी अच्छी खासी जिंदगी में शादी नाम की चरस बो दी है सबने मिलकर,,,,,,,,,,,,अच्छी खासी सिंगल थी मैं लेकिन नहीं मुझे ही चूल मची थी पडोसी के प्यार में गिरने की और अब नतीजा ये है कि मेरे लग गए है। कुछ समझ नहीं आता है यार कहने को पूरी आजादी है लेकिन घूम फिर के फैसला मेरे विपरीत ही जाएगा। पहले मुझे सिर्फ अपने बारे में सोचना होता था , जो मुंह में आता बोलती जो दिल करता करती अब साला सोच समझकर बोलना पड़ता है , ध्यान रखना पड़ता है कही कोई हर्ट ना हो जाये , किसी को बुरा ना लग जाये। अवि बहुत शांत इंसान है उसे गुस्सा बहुत कम आता है इसलिए कोशिश करती हूँ उसके साथ पोलाइट रहने की लेकिन हर बार कुछ ना कुछ गड़बड़ हो ही जाती है। अब मैं जैसी हूँ वैसी हूँ यार क्या जबान पर शहद लगाकर घुमू,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं खुद को नहीं बदल सकती यार रूचि और शादी के बाद यही चीज मुझे सबसे ज्यादा परेशान कर रही है,,,,,,,,,,,,कभी कभी तो दिल करता है अपना सर ले जाकर दिवार पर मार लू”,आखरी लाइन नैना ने थोड़ी गुस्से और तेज आवाज में कही
“अरे रिलेक्स नैना शांत हो जाए,,,,,,,,,,,,,,मैं समझ सकती हूँ तेरे लिए ये सब थोड़ा मुश्किल है क्योकि तू हम सबसे थोड़ी अलग है पर ये सब नामुमकिन नहीं है नैना। अवि तुम्हे बहुत पसंद करता है और तुमसे बहुत प्यार करता है। वो तुम पर कितना भरोसा करता है ये बताने की मुझे जरूरत नहीं है शायद तुम्हारे ऐसे बिहेवियर के बाद भी वो तुम पर जान छिड़कता है हाँ कभी कभी उसका रूठना बनता है कही ना कही वो भी तो चाहता होगा तुम उसे मनाओ , उसके लिए एफर्ट्स दिखाओ”,रुचिका ने नैना को समझाते हुए कहा
“हम्म्म मैं समझ रही हूँ,,,,,,,,,,,,और मैं कोशिश कर रही हूँ धीरे धीरे इस सिचुएशन को एक्सेप्ट करने की लेकिन अभी मैं क्या करू वो बता ?”,नैना ने बुझे मन से कहा
“ठीक है मेरे पास एक धांसू आईडीआ है और ये काम भी करेगा बोलो मानोगी मेरी बात ?”,रुचिका ने कहा
“हाँ बताओ”,नैना ने कहा क्योकि इस बार उसे अवि के लिए ये सब करना ही था। रुचिका ने उसे सब बताया और आखिर में कहा,”अगर तुमने उसके लिए ये सब किया तो देखना वो अपना गुस्सा भूल जाएगा”
“आर यू स्योर ?”,नैना ने पूछा
“अरे हाँ अवि को ये छोटी छोटी रोमांटिक चीजे बहुत पसंद है”,रुचिका ने पूछा
“एक मिनिट तुम्हे ये सब कैसे पता ?”,नैना ने हैरानी से पूछा
“ओह्ह्ह प्लीज अब तुम कुछ उल्टा सीधा मत सोचने लग जाना , अवि मेरा अच्छा दोस्त है और जैसा वो है मुझे लगता है उसे ये सब बहुत पसंद आएगा। अब तुम फोन रखो मैं तुम्हे शाम में कॉल करती हूँ,,,,,,,,,,,,बाय”,रुचिका ने कहा और फोन काट दिया
“हम्म्म बाय,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने भी फोन काट दिया और बेड पर रखकर वापस लेट गयी। वह रुचिका की कही बातो के बारे में सोचने लगी और सोचते सोचते उसे नींद आ गयी।
मोंटी एयरपोर्ट पहुंचा उसने माला के नाम का बोर्ड लिया और आकर लॉबी में खड़े हो गया। कुछ देर बाद फ्लाइट आयी और सभी पैसेंजर अपने अपने सामान के साथ लॉबी की तरफ आने लगे। माला नाम देखकर मोंटी को लगा कोई 50-60 साल की बड़ी औरत होगी। कुछ देर बाद ही एक 25-26 साला लड़की मोंटी के पास आयी और उसका बोर्ड अपनी तरफ घुमाकर कहा,”हेलो एक्सक्यूज़ मी , आई ऍम माला परिहार तुम शायद मुझे लेने आये हो”
मोंटी ने गर्दन घुमाकर लड़की की तरफ देखा तो बस देखता ही रह गया। हल्के आसमानी रंग की साड़ी में लिपटी साँचे में ढली माला बला की खूबसूरत थी। चेहरे पर कोई मेकअप नहीं , बाल खुले थे आधे कंधे से होकर आगे की तरफ आ रहे थे। उसने एक हाथ से अपना ट्रॉली बैग और पर्स पकड़ा हुआ था और दूसरे में फोन था। मोंटी को खोया देखकर माला ने उसके चेहरे के सामने हाथ घुमाया और कहा,”हेलो आर यू ओके ?”
“या या आई ऍम फाइन,,,,,,,,,,,प्लीज कम”,कहते हुए मोंटी माला के साथ लॉबी से बाहर चला आया। चलते चलते उसने कहा,”ये बैग मैं उठा लेता हूँ”
“थैंक्यू , वैसे मिस्टर अरोरा नहीं आये”,माला ने अपना ट्रॉली बैग मोंटी की तरफ बढ़ाते हुए कहा
“वो आपसे आज शाम डायरेक्ट ऑफिस की मीटिंग में ही मिलेंगे , उन्होंने मुझसे कहा है कि मैं आपको होटल तक छोड़ दू”,मोंटी ने एयरपोर्ट से बाहर आते हुए कहा।
“तुम उनके ड्राइवर हो ?”,माला ने एकदम से कहा
अपने लिए ड्राइवर शब्द सुनकर मोंटी को बहुत बुरा लगा लेकिन उसने अपमान का घूंठ पीया और कहा,”जी नहीं मैं उनके कम्पनी में जूनियर मैनेजर हूँ”
“ओह्ह्ह आई ऍम रियली सॉरी , मैंने तुम्हे गलत समझ लिया , इट्स टू एम्बेरेसिंग फॉर मी,,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी”,माला ने मोंटी की बांह को छूकर कहा तो मोंटी ने कहा,”इट्स ओके”
“बाय द वे आई ऍम माला परिहार”,माला ने अपना हाथ मोंटी की तरफ बढ़ाकर कहा। माला का नरम व्यवहार देखकर मोंटी ने भी उस से हाथ मिलाया और कहा,”मानव शर्मा , चले ?”
“हाँ प्लीज”,माला ने कहा और दरवाजा खोलकर गाड़ी में आ बैठी। माला पीछे ना बैठकर मोंटी के बगल वाली सीट पर ही बैठ गयी और मोंटी ड्राइवर सीट पर आ बैठा और गाड़ी आगे बढ़ा दी। माला कुछ देर अपने फोन में बिजी रही और फिर मोंटी की तरफ पलटकर कहा,”अच्छा मानव यहाँ बीकानेर में कोई अच्छा सोशल वर्क ऑफिस हो तो मुझे बताना मैं एक हफ्ता यही हूँ मुझे वहा थोड़ा काम है”
“जी मेम”,मानव ने कहा
“इट्स ओके तुम मुझे माला कहकर बुला सकते हो , मैं इतनी भी बड़ी नहीं हूँ”,माला ने हँसते हुए कहा
“थैंक्यू , वैसे आपका नाम सुनकर कोई भी धोखा खा जाएगा”,मोंटी ने भी मजाकिया स्वर में कहा
“हाँ ये अक्सर होता है मेरे साथ दरअसल “माला” मेरी ग्रैंडमदर का नाम था , उनकी डेथ के बाद जब मेरा जन्म हुआ तब मेरे पापा ने मेरा नाम उनके नाम पर रखा सो इसी वजह से ये नाम थोड़ा पुराने ज़माने का है”,माला ने कहा
“पर काफी अच्छा है”,मोंटी ने कहा
हल्की फुलकी बाते करते हुए दोनों होटल पहुंचे मोंटी माला को होटल छोड़कर सीधा ऑफिस के लिए निकल गया। माला से मिलने से पहले मोंटी जितना चिढ़ा हुआ था उस से मिलने के बाद वह अब थोड़ा खुश था। पहली मुलाकात में माला उसे काफी खुशमिजाज और अच्छी लड़की लगी।
शाम में नैना कबर्ड के सामने खड़ी कपड़ो को देखे जा रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या पहनकर बाहर जाये। काफी देर देखने के बाद उसने एक स्क्रेच्ड जींस निकाली और ब्लेक शर्ट निकाला उन्हें पहनकर वह शीशे के सामने आयी। जींस शर्ट में हमेशा कम्फर्ट रहने वाली नैना को आज ये कपडे खुद पर कम ही अच्छे लग रहे थे। वह फिर कबर्ड के पास आयी इस बार उसने जींस और लॉन्ग कुर्ती निकाली और पहनकर फिर शीशे के सामने आयी लेकिन इसमें भी वो आज फीकी नजर आ रही थी। नैना को आज अवि के लिए बेस्ट दिखना था वह फिर कबर्ड के सामने आयी और ऐसा करते हुए उसने 8-10 ड्रेसेज बदले लेकिन उसे कुछ पसंद नहीं आया उलटा बिस्तर पर कपड़ो का ढेर लग चुका था। थककर नैना उसी ढेर पर आ गिरी और हाथो को पटकते हुए कहा,”आह्ह अब मैं क्या करू मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा ?”
नैना सोच ही रही थी कि तभी उसके जहन में रुचिका की कही बात कौंधी “अवि थोड़ा पुराने ज़माने को पसंद करने वाला लड़का है लाइक जींस से ज्यादा तुम उसे साड़ी में पसंद आओगी , क्या तुमने कभी उसके लिए साड़ी पहनी है ?”
“साड़ी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या मुझे साड़ी पहननी चाहिए ?”,कहते हुए नैना उठी और फिर कबर्ड के सामने चली आयी। कबर्ड में ज्यादा जींस टॉप और कुर्ते रखे हुए थे। शादी के बाद नैना ने मुश्किल से 3-4 बार साड़ी पहनी होगी। कबर्ड के एक अपार्ट में कुछ साड़िया रखी हुई थी नैना ने उनमे से नीले रंग की एक साडी साड़ी निकाली साथ में मैचिंग ब्लाउज निकाल लिया।
नैना ने कबर्ड से साड़ी निकाल तो ली लेकिन उसे पहनना नहीं आता था। घर में नैना , भोला और कुछ नौकर के अलावा कोई नहीं था। सौंदर्या जी इस वक्त हॉस्पिटल थी। अवि भी बाहर ही था। नैना ने रुचिका को फोन लगाया ताकि वह उसकी कुछ हेल्प कर सके लेकिन रुचिका इस वक्त बिजी थी। नैना ने खुद से ही साड़ी पहनने की कोशिश की लेकिन नहीं पहन पायी। इंटरनेट के विडिओ देखकर तो उसका सर ही घूम गया उसे अब साड़ी पहनना इतना भी आसान नहीं लग रहा था। नैना ने साड़ी रखी और कपडे चेंज करके नीचे आयी भोला भैया किचन में थे और रसोईये को रात के खाने के बारे में बता रहे थे। नैना उनके पास आयी और कहा,”भोला भैया एक छोटी सी हेल्प चाहिए”
“बोलिये ना मेडम”,भोला ने कहा
“वो आपको साड़ी पहनना आता है ?”,नैना ने पूछा
भोला ने सूना तो हसने लगा और कहा,”अरे नैना मैडम मेरी अभी तक शादी नहीं हुई मुझे इन सबके बारे में कैसे पता होगा ?”
“हम्म्म्म ठीक है , वैसे आज मेरा और अवि का खाना मत बनाना हम लोग बाहर जा रहे है”,नैना ने जाते हुए कहा
“ठीक है मेडम”,भोला ने कहा और वापस अपने काम में लग गया। नैना परेशान सी अपने कमरे में आयी। शादी से पहले नैना के पास हर प्रॉब्लम का सोल्यूशन होता था लेकिन शादी के बाद तो जैसे उसके दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया था। नैना कमरे में रखे सोफे पर आकर गिर पड़ी। कुछ देर बाद उसका फोन बजा नैना का मन तो नहीं था किसी से बात करने का लेकिन फिर भी वह उठी और फोन तक आयी। उसने फोन देखा तो पाया की फोन विपिन जी का था। नैना ने फोन उठाया और कान से लगाते हुए कहा,”डेड,,,,,,,,,,,,!”
“क्या बात है बेटा जी बड़ा अपसेट साउंड कर रहे हो ? सब ठीक है ?”,विपिन जी ने बड़े प्यार से कहा
नैना कुछ देर शांत रही और उसके बाद उन्हें अपनी साड़ी वाली परेशानी बताई तो विपिन जी ने कहा,”मुझे वीडिओ कॉल करो”
“हाँ,,,,,,,,,,,,?”,नैना ने हैरानी से कहा
“अरे करो ना”,कहकर विपिन जी ने फोन काट दिया नैना को कुछ समझ नहीं आया उसने विपिन जी को वीडिओ कॉल लगा दिया। दूसरी तरफ से विपिन जी ने कॉल अटेंड की जैसे ही नैना ने उन्हें देखा उसका चेहरा ख़ुशी से चमक उठा और होंठो पर मुस्कान तैर गयी। विपिन जी साड़ी हाथ में लिए खड़े थे नैना को चुप देखकर उन्होंने कहा,”चलो अपनी साड़ी लेकर आओ जैसे जैसे मैं बताऊ पहनो”
नैना ने सूना तो फोन की स्क्रीन को चूमकर कहा,”ओह्ह डेड यू आर द बेस्ट डेड इन दिस वर्ल्ड,,,,,,,,,,,आई लव यू”
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क्रमश – Love You Zindagi – 10
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संजना किरोड़ीवाल
विपिन जी बेस्ट फादर है…बट क्या अवि जाएगा नैना के साथ बाहर…उसने तो नैना को बोला भी नहीं और ना ही नैना ने…
Har father k pas apni beti ko khush krne k sare tarike h isliye har beti apne life partner me apne papa ka aksh dundti h awesome superb part ab Naina b avi ko apne effort dikhayegi
Naina k papa such sabse best father h
Vipin ji to bhut hi ache father h lekin Naina avi ko mna paayegi
Nice story
Very beautiful
Superb part… when panda is here no tension…naina ki baate Sun to Ruchi ka dimag bhi ghum gya lekin Ruchi ne kuch romantic krne bola h ab dekhte h naina kya hi krti h… waise dad cool h