Sanjana Kirodiwal

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और प्यार हो गया – 26

Aur Pyar Ho Gaya – 26

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

नंदिनी के जाने के बाद कार्तिक टूट सा गया l न वह कीसी से बात करता ना ही कीसी से मिलता l अखिलेश जी और रंजना भी कार्तिक के लिए परेशान रहने लगे l दो दिन निकल गए कार्तिक अपने कमरे में रहता था l फोन को उसने साइलेंट पर डाल दिया जिसपर चंदन , श्रुति और त्यागी के कितने ही कॉल और मेसेज आये हुए थे l कार्तिक को नंदिनी को खो देने का दुःख था जो उस अंदर ही अंदर खाये जा रहा था l कार्तिक निढाल सा बेड पर पड़ा नंदिनी के बारे मे सोचता रहा l
कुछ देर बाद मौली उसके कमरे में आई कार्तिक की हालत देखकर उसे बहुत दुःख हुआ l मौली को देखका कार्तिक उठकर बैठ गया और अपनी आँखे पोछते हुए कहा,”अरे दी आप कब आई ?
मौली – बस अभी
कार्तिक – बैठिये ना
मौली आकर कार्तिक की बगल में बैठ गयी l उसने सरसरी निगाहो से कमरे का मुआयना किया जो की काफी फ़ैला हुआ था l मौली ने कार्तिक के उदास चेहरे की और देखते हुए कहा,”छोटू ये क्या हालत बना रखी है तुमने अपनी ? तुम्हे पता भी है तुम्हे इस हाल में देखकर मम्मी पापा पर क्या बित रही है”
कार्तिक – जानता हु पर मैं नंदू को नही भूल सकता दी !
मौली – नंदिनी जहा भी है वापस लौट आएगी , जितना प्यार तू उस से करता है उस से कही ज्यादा वो तुझसे करती है l
कार्तिक – वो नहीं आएगी दी , मैंने उसका बहुत दिल दुखाया है , बहुत रुलाया है उसे , मैं उसे कभी समझ ही नहीं पाया और देखो मैंने उसे पाकर भी खो दिया l (आँखे भर आती है)
मौली – तुमसे जो कुछ भी हुआ अनजाने में हुआ , नंदिनी तुम्हे माफ़ कर देगी
कार्तिक खामोश हो जाता है तो मौली एक लिफ़ाफा उसकी और बढ़ा दिया
कार्तिक – इसमें क्या है ?
मौली – खुद ही खोलकर देख लो
कार्तिक ने लिफाफा खोला जिसमे बंगलोर ऑडिशन का टिकट और फ्लाइट की टिकट थी l कार्तिक ने टिकट्स वापस लिफाफे में डाले और धीरे से कहा,”मुझसे अब ये नहीं हो पायेगा दी !!
मौली – मैं समझ सकती हु इस वक्त तुम्हारे लिए ये बहुत मुश्किल है पर ये तुम्हारा इकलौता सपना है कार्तिक और तुम्हारे साथ साथ तुम्हारी नंदू का भी l वो भी तो यही चाहती थी ना की तुम अपना ये सपना पूरा करो
कार्तिक – हां ये मेरा सपना था पर नंदू के बिना इसे पूरा नहीं कर पाऊंगा
मौली – उसकी यादो के साथ तो कर सकते हो ना और हो सकता है ये सब देखकर नंदिनी वापस आ जाये l
कार्तिक – मैं नहीं कर पाऊंगा (आँखों में फिर से आंसू भर आते है)
मौली – तुम कर सकते हो , तुमने वो सब किया है जो तुम नहीं कर सकते थे
कार्तिक – तब नंदू मेरे साथ थी (दर्द से तड़पकर)
मौली – वो आज भी तुम्हारे साथ है , उसने बहुत सोच समझकर तुम्हारे लिए वो तोहफा चुना था ताकि तुम अपने सपने को पूरा कर पाओ , तुम्हारे लिए ही उसने पापा को कन्विंस किया था , तो क्या अब तुम उसके लिए इतना सा नहीं करोगे l
कार्तिक – दी ………………..!!”
मौली – जिंदगी एक मौका सबको देती है , हो सकता है तुम्हारे लिए ये ही सही मौका हो l अपने सपने को पूरा करो कार्तिक तुम्हारा प्यार तुम्हारी नंदिनी को वापस ले आएगा l
कार्तिक ने लिफाफा साइड में रखा और कहा – मैं जाऊंगा l
मौली – ये हुई ना मर्दो वाली बात , वैसे मैंने कभी सोचा नहीं था की तुझे किसी लड़की से इतना प्यार हो जायेगा l
कार्तिक – दी…………..मैंने भी नहीं सोचा था पर हो गया
मौली – प्यार ऐसे ही होता है कब , कहा , किससे हो जाये कोई नहीं जानता l
कार्तिक – मेरा छोड़िये आपके और राजवीर के रिश्ते का क्या हुआ ? शादी कर रहे हो ना आप दोनों ?
मौली – हम्म्म्म लेकिन अभी नहीं , राज 3 साल के लिए अब्रॉड जा रहा है अपनी इंटर्नशिप के लिए उसके आने के बाद
कार्तिक – फिर से धोखा दिया तो
मौली – नहीं देगा
कार्तिक – इतना भरोसा है
मौली – जहा प्यार होता है वहा भरोसा अपने आप आ जाता है
कार्तिक – हम्म्म !!

कुछ देर दोनों वही बैठे बाते करते रहे और फिर मौली कार्तिक को लेकर बाहर आई l रंजना ने रात का खाना डायनिंग टेबल पर लगा दिया l कार्तिक को वहा देखकर अखिलेश जी और रंजना दोनों को ख़ुशी हुई l खाना खाकर सभी अपने अपने कमरो में चले गए l कार्तिक ने नंदिनी का फोन ट्राय किया लेकिन स्विच ऑफ था l कमरे में बैठा वह नंदिनी के बारे में ही सोचता रहा कमरे की हर एक चीज उसे नंदिनी की याद दिलाती l एक वक्त गुजारा था उसने नंदिनी के साथ जिसे भूलना इतना आसान नहीं था l रातभर वह सो नहीं पाया और करवटे बदलता रहा l नींद ने कब उसे अपने आगोश में लिया उसे याद नहीं l
अगली सुबह कार्तिक उठा और तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल गया l कॉलेज पहुंचर वह प्रिंसिपल के रूम में पहुँचा पर वो अभी तक आए नहीं थे l कार्तिक आकर केम्पस की सीढ़ियों पर बैठ गया l वही सीढिया जहा नंदिनी के साथ बैठकर कितनी ही बातें दोनों एक दूसरे से शेयर किया करते थे l कार्तिक वही बैठा उन बीते पलो को याद करने लगा l
“नंदू आजा ना वापस आई प्रॉमिस मैं तुझे फिर कभी जाने नहीं दूंगा l मैं सब शरारते छोड़ दूँगा , तेरी हर बात मानुगा मुझे कुछ भी नहीं चाहिए………………बस तू आजा ! तेरे बिना मैं कुछ भी नही हु यार , ये केम्पस , ये खाली पड़े कमरे , ये बेंचे , वो केंटीन , बरामदा और ये सुनी पड़ी इस केम्पस की सीढिया जहा तू मेरे साथ बैठती थी , तेरे बिना सब बेकार लगती है l मैं मानता हु मुझसे गलती हुई है पर फिर भी आजा यार ,, मुझे सिर्फ तू सुधार सकती है और देख तू ही मेरे पास नहीं है”, कहते कहते कार्तिक की आँखे कब नम हो गयी उसे पता नहीं चला l
कुछ देर कार्तिक वहा बैठा रहा उसने जैसे ही सर उठाकर देखा सामने श्रुति , चंदन और त्यागी खड़े थे l तीनो गुस्से से भरे कार्तिक को ही घूर रहे रहे थे लेकिन अगले ही पल कार्तिक की नम आँखे देखकर हैरान हो गए l तीनो आकर कार्तिक के पास बैठ गए l चंन्दन और श्रुति के बार बार पूछने पर कार्तिक ने उन्हें सब सच सच बता दिया l
“मुझे लगा ही था ऐसा कुछ होगा , वो सोफिया कुछ न कुछ बखेड़ा जरूर करेगी’,चंदन ने नफरत से कहा
“ये लो शैतान का नाम लिया और शैतान हाजिर”,श्रुति ने मुंह बनाते हुए कहा l
सामने सोफिया खड़ी थी l उसने देखते ही चंदन और श्रुति का पारा सांतवे आसमान में चढ़ गया पर कार्तिक ने उन्हें रुकने का इशारा किया और खुद उठकर सोफिया के सामने आकर खड़ा हो गया l
“कार्तिक मैं यहा तुमसे अपनी गलतियों की माफ़ी मांगने या खुद को सही साबित करने नहीं आई हु l मैंने जो कुछ भी किया है उसके बाद शायद तुम तो क्या कोई भी मुझे माफ़ नहीं करेगा l मैं हमेशा हमेशा के लिए ये शहर छोडकर जा रही हु कार्तिक ताकि मेरा बुरा साया भी तुम पर ना पड़े l तुमने सही कहा था मैं तुम्हारे लायक नहीं हु हो सके तो मेरे किये की सजा खुद को मत देना l नंदिनी तुमसे बहुत प्यार करती है l यू बोथ आर मेड फॉर इच अदर l बाय”,कहकर सोफिया कार्तिक का जवाब सुन बिना ही वहा से चली गई l कार्तिक खामोश खड़ा उसे जाते हुए देखता रहा l
“क्या कहा उस चुड़ैल ने ? , मुझे तो लगता है ये फिर से कोई नौटंकी कर रही है”,श्रुति ने कार्तिक के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा l
“नहीं श्रुति वो सच बोल रही थी , पहली बार मैंने उसकी आँखों में सच्चाई देखी वैसे ही जैसे नंदू की……………….!!”,कहते कहते कार्तिक रुक गया और उसके चेहरे पर उदासी छा गयी l
“डोंट वरी यार , तेरी नंदू को हम ढूंढ निकालेंगे l आफ्टर ऑल वो भाभी है हमारी”,चंदन ने कहा और आकर कार्तिक से लिपट गया श्रुति भी दोनों से आ लिपटी l
“गाईज मैं भी हु”,कहकर त्यागी भी उन लोगो से आ लिपटा l चारो वही बैठकर प्रिंसिपल के आने का इंतजार करने लगे l कुछ देर बाद प्रिंसिपल सर आये और कार्तिक उनके साथ केबिन की और बढ़ गया और बाकि सब अपनी अपनी क्लासो में चले गए l कार्तिक ने प्रिंसिपल से बात करके कुछ दिनों की छुट्टी मांगी ताकि वह अपने ऑडिशन की तैयारी कर सके l प्रिंसिपलn सर ने उसे परमिशन दे दी l कार्तिक कॉलेज की सारी फॉर्मलिटी पूरी करके वहा से निकल गया l घर आकर अब वह दिन रात सब कुछ भुलाकर ऑडिशन की तैयारी में जुट गया l कुछ याद था था सिर्फ नंदिनी और उसके साथ बिताया वक्त l और फिर वो दिन भी आ गया जब कार्तिक को ऑडिशन के लिए बंगलौर जाना था l कार्तिक ने जाने की सारी तैयारियां की और अपना बैग पैक करने लगा l बेग पैक करते हुए उसकी नजर सामने कबर्ड में टंगे नन्दिनी के उस सफ़ेद दुपट्टे पर गयी l कार्तिक ने उसे भी अपने साथ ही रख लिया l सुबह उसे जल्दी निकलना था इसलिए वह सोने चला गया पर यादे कहा किसी को सोने देती है l
सुबह कार्तिक अपना सामान लेकर घर से निकल गया l

बैंगलोर – सपनो का शहर
वहा पहुंचकर कार्तिक स्टूडियो पहुंचा और वहा की टीम से मिला l यहाँ से कार्तिक का एक नया सफर शुरू होंने वाला था l कार्तिक ने ऑडिशन दिया और पहली दो लाइन गाते ही उसका सेलेक्शन भी हो गया l कार्तिक खुश था पर ये ख़ुशी नन्दिनी के बिना अधूरी थी l कार्तिक की मेहनत रंग लाई और एक बड़ी म्युजिक कम्पनी ने उसे सेलेक्ट कर लिया l कार्तिक अब कानपूर छोड़कर वही रहने लगा l सबसे दूर हो गया l घर भी अब बहुत कम आने लगा था वजह थी नंदिनी की यादे l म्यूजिक की वजह से उसे अपनी पढाई बिच में ही छोड़नी पड़ी लेकिन उसे इस बात का कोई मलाल नहीं था l वक्त के साथ वह कामयाबी की सीढिया चढ़ता गया l वक्त दिन , सप्ताह , महीनो और सालो में बदलता गया कार्तिक ने खुद को इतना बिजी कर लिया की उसे वक्त का पता ही नहीं चला l कार्तिक सब भूल जाता था पर एक चीज कभी नहीं भूलता था हर शाम मौली को फोन करके ये पूछना की – नंदिनी का कोई फोन या मेसेज आया के नहीं l
पर मौली का जवाब हमेशा उसे निराश कर देता l तीन साल गुजर गए आज कार्तिक के पास सब कुछ था , गाड़ी , बँगला , नौकर-चाकर खुद का ऑफिस और बेशुमार दौलत l लोग उसकी आवाज के दीवाने थे और लड़किया तो उस पर जान छिड़कती थी पर कार्तिक किसी और बारे में सोच ही नहीं पाया l इन तीन सालो में बहुत कुछ बदला , श्रुति ने शादी कर ली , चंदन पढ़ने के लिए दिल्ली चला गया l त्यागी का सेलेक्शन हो गया पर ना नंदिनी लौटकर आई और ना ही उसकी कोई खबर लेकिन कार्तिक को इंतजार था उसे यकीन था की एक न एक दिन तो वह जरूर आएगी l अखिलेश जी और रंजना ने कार्तिक को बताये बिना ही लखनऊ जाकर नंदिनी से मिलने की कोशिश की पर तब तक उसके घरवाले कही और शिफ्ट हो चुके थे l राजवीर भी अब्रॉड में था और उसे भी कोई खबर नहीं थी l
हर रोज की तरह एक शाम कार्तिक ने घर पर फोन किया l अखिलेश जी और रंजना से बात की और फिर मौली से कहा ,”दी नंदू का फोन आया ?
“कार्तिक तू घर आजा !”,मौली ने उदास होकर कहा
“क्या बात है दी ? सब ठीक तो है ना”,कार्तिक ने हैरानी से कहा
“तू घर आजा फिर सब बताती हु”,मौली ने सिर्फ इतना ही कहा और फिर फोन काट दिया l
कार्तिक ने अगले दिन की अपनी सभी मीटिंग्स केंसल की और उसी रात वहा से घर के लिए निकल गया l रास्तेभर दिमाग में बस एक ही बात चलती रही की आखिर मौली ने उसे इस तरह घर क्यों बुलाया ? खैर कार्तिक घर पहुंचा उसे देखकर आज कोई खुश नहीं हुआ ना l ना अखिलेश जी ने दौड़कर गले लगाया और न ही रंजना ने कार्तिक को बड़ा अजीब लगा l वह मौली के सामने गया तो मोली ने एक कार्ड उसकी और बढ़ा दिया l कार्तिक ने कार्ड लिया
नंदिनी वेड्स प्रीतम
ये नाम पढ़ते ही कार्तिक के दिल की धड़कने मानो एक पल के लिए रुक सी गयी हो l उसकी आँखे उन दो नामो पर जम सी गई l दो दिन बाद नंदिनी की शादी थी और दो दिन बाद कार्तिक का जन्मदिन भी था l क्या खुबसुरत तोहफा दिया नंदिनी ने कार्तिक को l कार्तिक खामोश खड़ा कभी कार्ड को देखता तो कभी मौली को l मौली इस वक्त कार्तिक के दिल का हाल अच्छे से जानती थी l रंजना आँखो में आंसू भरकर वहा से चली गयी अपने बेटे को फिर से टूटते देखने की हिम्मत उसमे नहीं थी l कार्तिक कार्ड हाथ में लिए अपने कमरे में आकर बेड पर खामोश बैठ गया l शाम तक कार्तिक वही बैठा सोचता रहा आखिर कहा गलती हुई उस से !! एक लम्बे इंतजार के बाद वह हमेशा हमेशा के लिए नन्दिनी को खोने जा रहा था l आँखे नम थी पर आंसू बाहर नहीं आये l यही तो परिपक्वता की निशानी है
अखिलेश जी कब आकर उसके पास बैठ गए उसे पता ही नहीं चला l
अखिलेश – कार्तिक
कार्तिक – पापा आप यहाँ ? (अपनी नम आँखे अखिलेश जी से छुपाते हुए कहा)
अखिलेश – इन्हे बह जाने दो
कार्तिक कुछ नही कहता और दूसरी तरफ देखने लगता है अपनी आँखों में आये आंसुओ को रोकने की बहुत कोशिश करता है पर नहीं रोक पाता और फफक पड़ता है l नंदिनी को खो देने का जो दर्द था वो उसकी आँखों से बहता जा रहा था l कुछ देर बाद अखिलेश जी ने अपना रुमाल निकालकर कार्तिक की और बढ़ा दिया l कार्तिक ने अपनी आँखे पोछी l
“फीलिंग बेटर ?”,अखिलेश जी ने पूछा
“हम्म्म…………!!”,कार्तिक ने हां में गर्दन हिला दी
“तुम्हारी मॉम और मेरी लव मैरिज हुई थी l कॉलेज के दिनों में हमारी दोस्ती हुई और फिर प्यार में बदल गयी l रंजना के घरवाले इस रिश्ते से खुश नहीं थे l हमने इंतजार किया और एक लम्बे अरसे के बाद सब मान गए l उस वक्त अगर हिम्मत करके मैंने तुम्हारी मॉम से वो तीन शब्द ना कहे होते तो शायद आज हम साथ नहीं होते l बेटा किसी से प्यार करना बहुत आसान है लेकिन प्यार के साथ साथ उसका इजहार भी बहुत जरुरी है l जब लगने लगे की ये तुम्हारे लिए बेस्ट है तो उसे वो तीन शब्द कहने में कभी देर नहीं करनी चाहिए “,अखिलेश जी ने कार्तिक को समझाते हुए कहा l
कार्तिक – मैंने नंदिनी को हमेशा हमेशा के लिए खो दिया पापा
अखिलेश – बेटा जहा तक मैं जानता हु नंदिनी तुमसे बहुत प्यार करती है , ये शादी या तो वह किसी दबाव में आकर कर रही है या फिर अपने घरवालों की ख़ुशी के लिए
कार्तिक – वो ऐसा क्यों करेगी पापा ?
अखिलेश – तो और क्या करेगी ? लड़कियों की जिंदगी इतनी आसान नहीं होती है बेटा , उन्हें बहुत से सेक्रिफाइज करने होते है l लोगो की बातें सुननी पड़ती है l और नंदिनी करती भी क्या ? तुमने भी तो उसे नहीं बताया देन यू लव हर
कार्तिक – मैं बताने वाला ही था की वो सबकुछ छोड़कर चली गयी l
अखिलेश – इतने अपमान के बाद कोई रुकना भी तो नहीं चाहेगा ना बेटा l नंदिनी को अब भी नहीं पता की तुम उसे चाहते हो जब तक तुम उसे बताओगे नही वो कैसे समझेगी l
कार्तिक – अब बहुत देर हो चुकी है पापा शायद मेरी किस्मत में यही सब लिखा था l
अखिलेश – अंजाम-ए-मोहब्बत से वाकिफ तो है ऐ ग़ालिब , जब तक आस है एक कोशिश और करके देख
अखिलेश जी का शायराना अंदाज देखकर कार्तिक हैरान रह गया और कहा,”पापा ये सब कब ?
अखिलेश – ये सब छोडो और जाकर नंदिनी को अपने दिल की बात बता दो वरना उसके बच्चो के मुंह से मामा सुनने को मिलेगा l
अखिलेश जी बात पर कार्तिक हंस पड़ा और उनके गले लगते हुए कहा,”आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हो !”
अखिलेश जी से बातें करके कार्तिक का मन शांत हो गया l आज सबकुछ भूलकर उसने अपनी फॅमिली के साथ वक्त बिताया l रंजना भी बहुत खुश थी कितने दिनों बाद आज कार्तिक पुराने वाले कार्तिक की तरह था l देर रात कार्तिक सोने चला गया कितने सालो बाद आज उसे सुकून भरी नींद आई थी l l शादी वाले दिन कार्तिक सुबह सुबह ही घर से निकल गया अपनी दुल्हनिया को लेने

नंदिनी का घर
शाम का समय नंदिनी दुल्हन के लिबास में सजी , शीशे के सामने कमरे में बैठी थी l बाहर सभी शादी की तैयारियो में लगे हुए थे बारात आ चुकी थी l नंदिनी की आँखों में एक खालीपन पसरा हुआ था l एक न ख़त्म होने वाला इंतजार l आँखों के किनारे आये आंसुओ को उसने ऊँगली से हटा लिया l खामोश बैठी वह अतीत की यादो में खोई हुई थी की तभी बहुत सी लड़किया और औरते उसके कमरे में आई और नंदिनी को अपने साथ लेकर चली गयी l लाल जोड़े में वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी l लड़किया उसे लेकर बाहर गार्डन में आ गयी जहा सबके बैठने की व्यवस्था थी l नंदिनी को प्रीतम की बगल में बैठा दिया सामने स्टेज पर फंक्शन हो रहे थे चुकी वरमाला में अभी टाइम था l नंदिनी ने इधर उधर देखा पीछे श्रुति , त्यागी और चंदन बैठे थे नंदिनी उन्हें देख कर मुस्कुरा दी लेकिन उस मुस्कराहट के पीछे छिपे दर्द को वे तीनो बखूबी समझ रहे थे
नंदिनी को कार्तिक कही दिखाई नहीं दिया तो उसका चेहरा उदासी से घिर गया उसने अपनी गर्दन झुका ली और मन ही मन में कहा,”काश तुम यहाँ होते bunny !!”
गार्डन की सभी लाईटे डिम हो गयी और स्टेज पर कुछ देर के लिए अँधेरा हो गया l
“नंदिनी दिस सरप्राइज फॉर यू !! , मैंने तुम्हारे लिए सबसे बेस्ट सिंगर का परफॉर्मेंस रखा है”,प्रीतम ने कहा
नंदिनी ने कुछ नहीं कहा बस स्टेज पर खड़े उस शख्स को देखने की नाकाम कोशिश करने लगी l उसने बोलना शुरू किया
“मेरी छोटी ख्वाहिशो में वो शामिल है
मेरी हर दुआ का वो हिस्सा है
मेरी मुस्कुराहटो की वजह है वो
मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत किस्सा है
जब उसकी आंखों में देखा खुद को
इश्क़ बेशुमार हो गया l
और प्यार हो गया ………………!!
हसती है वो तो हँसते मेरे लब भी है
मेरी जिंदगी में वो कल भी थी , मेरी जिंदगी में वो अब भी है
मेरी उदासियों को पल में वो
अपनी शरारतो से मिटाती है
जब कोई बात ना मानो उसकी
तो बहुत जोर का थप्पड़ लगाती है
पर उसकी आदतों का मुझपे खुमार हो गया
और प्यार हो गया ……………………!!
कुछ जिद्दी है वो , कुछ सुनती नहीं है
मुझसे मोहब्बत है पर कहती नहीं है
मेरी मोहब्बत का खास सा लम्हा है वो
मेरी बिना कुछ तो तनहा है वो
उसकी एक झलक पाने को ये दिल बेकरार हो गया
और प्यार हो गया !! ………………..!!

आवाज आनी बंद हो गयी l नंदिनी अपना दिल थामे सुन रही थी ये आवाज जानी पहचानी थी l इस आवाज को वो कैसे भूल सकती थी l उसकी आँखे डबडबा गयी l कार्तिक यही था उसके आस पास ,,सभी लाईटे एक साथ जल उठी l स्टेज पर माइक हाथ में लिए कार्तिक खड़ा था l पीछे बैठे श्रुति , चंदन और त्यागी ने कार्तिक को देखा तो तीनो एक साथ हूटिंग करने लगे l नंदिनी तो बस अपलक उसे देखे जा रही थी l उसका दिल किया दौड़कर उसे गले लगा ले लेकिन अगले ही पल उस सालो पुरानी सब बातें याद आ गयी l नन्दिनी उठी और जाने लगी l नंदिनी को जाते देखकर कार्तिक ने गाना शुरू कर दिया जो की उस वक्त उसके दिल की स्तिथि को बयान कर रहे थे
“कही बार तुमसे कहना ये चाहा , मगर कह ना पाए जाने जा
करो ना करो तुम हमपे भरोसा , हमने निभाई है वफ़ा
जब देखोगे दिल में गौर से आएंगे बस हम ही नजर
दिल लगाओगे किसी और से तो होगा वो प्यार बेअसर
ओह्ह जानिया वे , ओह साथिया वे , ओह्ह बेलिया वे
समझो ना कुछ तो समझो ना
समझो ना कुछ तो समझो ना”
नंदिनी को अहसास हुआ की कार्तिक के दिल में उसके लिए कितनी फीलिंग्स है l उसकी आँखों से आंसू बहकर गालो पर आ गए नंदिनी वहा से चली गयी l कार्तिक भी उसके पीछे पीछे चला आया और उसका हाथ पकड़ कर रोकते हुए कहा,”नंदू !
नंदिनी ने घुरा तो कार्तिक ने उसका हाथ छोड़ दिया और कहा,”हाय ! इस ड्रेस में अच्छी लग रही हो”
नंदिनी – यहाँ मेरी तारीफ करने के लिए आये हो (झुंझलाते हुए)
कार्तिक – नहीं-हाँ-नहीं , मेरा मतलब तुम वापस क्यों नहीं आई ?
नंदिनी – “चली जाओ यहाँ से” बोला था ना तुमने तो वापस क्यों आती मैं ? (गुस्से और आंसुओ के मिश्रित भाव आँखों में लेकर कहती है)
कार्तिक – नंदू वो सब गुस्से में निकल गया मेरे मुंह से ! कितना इंतजार किया यार तेरा
नंदिनी – झूठ सब झूठ
कार्तिक – और तू उस चम्पू से शादी क्यों कर रही है ?
नंदिनी – तुमसे मतलब मैं किसी से भी शादी करू , होते कौन हो तुम ये पूछने वाले ?(तीन साल का गुस्सा फुटकर बाहर आ रहा था जो की नंदीनी की आँखो और बातों से साफ झलक रहा था)
कार्तिक – देख उसे चम्पू ही है
कार्तिक ने दूर खड़े प्रीतम की तरफ इशारा करके कहा , प्रीतम खाने की प्लेट पकडे वहा टेबल पर बिखरी सलाद में से ककड़ी उठा उठाकर खा रहा था l नन्दिनी ने देखा तो उसे भी बहुत अजीब लगा पर उसने इग्नोर किया और कहा,”वो कुछ भी करे उसकी लाइफ है”
कार्तिक ने नंदू को कंधो से पकड़ा और अपने नजदीक करते हुए कहा,”और क्या कहा तुमने मैं तुम्हारा कौन लगता हु ? मुझे कोई हक़ नहीं है तुम्हारे बारे में जानने का ?
आँखों में आंसू लिए नंदिनी खमोश खड़ी कार्तिक को देखती रही l उसके आंसू कार्तिक को बेचेन करने लगे तो कार्तिक ने झटके से उसे छोड़ दीया और कहा,”जाओ करो शादी उस से , कुछ नहीं लगता न मैं तुम्हारा , सही है l जाओ जाओ शुभ मुहूर्त निकला जा रहा है l हैप्पी मैरिड लाइफ !!”

कार्तिक वहा से चला गया l नन्दिनी वही खड़ी रही श्रुति ने देखा तो नन्दिनी के पास आई और क़हां,”ये तू क्या कर रही है नंदिनी , कार्तिक यहा सिर्फ तेरे लिए आया है l बहुत इंतजार किया है उसने तेरा और तू उसे जाने दे रही है l जिंदगी ये मौका सबको नहीं देती है नंदिनी तुझे 3 साल बाद फिर से ये मौका मिला है इसे हाथ से मत जाने दे l आज अगर उसे जाने दिया तो जिंदगीभर ये अफ़सोस रहेगा की वो तेरे सामने था और तूने उसे जाने दिया l नंदिनी जिंदगी में अगर काश रह जाये तो जिंदगी काटना मुश्किल हो जाता है l कार्तिक बहुत अच्छा लड़का है वो जैसा भी है शरारती , गुस्सेल , झगड़ा करने वाला पर उसकी सबसे खुबसुरत बात ये है की वो तुझसे बहुत प्यार करता है l “
“नंदिनी चले बेटा वरमाला का समय हो गया है”,नन्दिनी की माँ ने आकर बड़े प्यार से कहा और उसे वहा से ले गई l
मंडप में आकर नन्दिनी खामोश खड़ी हो गई उसके कानो में श्रुति की कही बाते गूंजने लगी l उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था तभी उसे अपने रंजना की कही एक बात याद आ गई ,”जब कुछ समझ में ना आये तो अपनी आँखे बंद कर लो जो तुम्हारे लिए सही होगा वह तुम्हे बंद आँखों में भी नजर आजायेगा “
नंदिनी ने एक गहरी साँस ली और अपनी आँखे बंद कर ली l घोर अँधेरा और फिर उस अँधेरे में दिखता कार्तिक का अक्स l कार्तिक के साथ बिताया एक एक पल नंदिनी की आँखो के सामने आने लगा l नंदिनी ने अपनी आँखे खोली चारो और देखा और प्रीतम से कहा,”आई ऍम सॉरी प्रीतम”
कहकर नंदिनी ने वरमाला फेंकी और वहा से भागती हुई गार्डन की और चली गयी l श्रुति वही खड़ी थी उसने आकर उस से पूछा,”bunny कहा है ?”
श्रुति ने बिना कुछ कहे सामने इशारा कर दिया जहा कार्तिक कुछ लड़कियों के साथ खड़ा फ़्लर्ट कर रहा था l नंदिनी के गुस्से का पारा चढ़ गया वह उस तरफ गई और कार्तिक का कॉलर पकड़कर उसे खींचते हुए अपने साथ ले आई और उसे छोड़कर कहा,”क्या कर रहे थे ? वहा उन लड़कियों के साथ”
“अब तुमने तो भाव दिया नहीं तो बस ऐसे ही कर रहा था बातें , पर तुम यहाँ क्या कर रही हो तुम्हारी तो शादी है न उधर”,कार्तिक ने कहा
“तो तुम रोक नहीं सकते थे मुझे जाने से”,नंदिनी ने गुस्से से कहा
“कैसे रोकता मेरी कोनसी तुमसे शादी हुई है”,कार्तिक ने मुंह बनाकर कहा
“तो कर ले ना शादी”,नंदिनी ने आँखों में आंसू भरकर कहा l
कार्तिक ने उसका हाथ पकड़कर अपनी और खींचा और सीने से लगा लिया l तीन सालो का वो इंतजार आज पूरा हो गया l नंदिनी के घरवाले और सभी मेहमान गार्डन में आ गए l नंदिनी ने उन्हें आते देखा तो कार्तिक का हाथ पकड़ा और चंदन के हाथ से बाइक की चाबी ली और कार्तिक के साथ पार्किन की तरफ भाग गयी l उसने कार्तिक से बाइक स्टार्ट करने को कहा
“नंदू ये तू क्या कर रही है , इस तरह भागकर”,कार्तिक ने कहां
“फट्टू ! लड़की मैं हु या तू है , अब चल वरना चम्पू आ जाएगा”,नंदिनी ने कहां
“चम्पू ?”,कार्तिक ने कहा
“हाँ चम्पू ही है वो , मुझसे कहता है हनीमून पर हम चार धाम की यात्रा जायेंगे”,नंदिनी ने चिढ़ते हुए कहा
“हहाहाः चार धाम …………!!”,कार्तिक जोर जोर से हसने लगा
“हसना बाद में पहले यहाँ से चलो”,नंदिनी कहते हुए बाइक पर बैठ गयी l
घरवाले रोक पाते इस से पहले ही कार्तिक और नंदिनी वहा से निकल गए l बाइक तेजी से सडको पर दौड़ती रही दोनों घर से काफी दूर आ चुके थे l चलते चलते बाइक रुक गयी l
“क्या हुआ ?”,नंदिनी ने बाइक से उतरकर कहा
“शायद पेट्रोल खत्म हो गया”,कार्तिक ने गाड़ी को साइड में लगाते हुए कहा
“तो अब ?”,नंदिनी का चिंतित स्वर उभरा
“पैदल चलेंगे शायद आगे कुछ मदद मिल जाये”,कहकर कार्तिक ने नंदिनी का हाथ पकड़ा और दोनों साथ साथ चलने लगे l चलते चलते नंदिनी ने कहा – तुमने अभी तक मुझसे i love you नहीं कहा
कार्तिक – प्यार जताने के लिए i love you कहना जरुरी है क्या ?
नन्दिनी एकदम से कार्तिक के सामने आ गई और कहा,”नहीं बिना i love you कहे भी तुम प्यार जता सकते हो
कार्तिक – कैसे ?
नंदिनी आगे बढ़ी और अपने होंठो को कार्तिक के होंठो से छूकर कहा – ऐसे
कार्तिक मुस्कुरा उठा और उसका हाथ मजबूती से पकड़कर आगे बढ़ गया l

दो दिन बाद -:
नंदिनी ने अपने घरवालों को इस रिश्ते के लिए मना लिया l कार्तिक और नन्दिनी की शादी तय हो गयी साथ साथ राजवीर और मौली की शादी भी तय हो गयी l शादी में सिर्फ कुछ खास मेहमान ही शामिल हुए थे l सभी रस्मो रिवाजो के बाद नन्दिनी और कार्तिक हमेशा हमेशा के लिए एक हो गए l मंडप से निकलकर सभी बाहर आये तो नंदिनी ने कहा,”तुम्हे तो मैं किसी तरह झेल भी लुंगी आई हॉप हमारे बच्चे तुम जैसे न हो”
“क्यों ? क्यों नहीं होंगे ? मेरे बच्चे है मुझपर नहीं जायेंगे तो किस पर जायेंगे ?”,कार्तिक ने कहा
“किसी पर भी जाये , पर तुम पर तो बिल्कुल नहीं”,नंदिनी ने अकड़कर कहा
“किसी पर भी से तुम्हारा क्या मतलब है ?”,कार्तिक ने नंदिनी को घूरते हुए कहा
और इसके बाद शुरू हो गयी उन दोनों की कभी ना खत्म होने वाली बहस l नंदिनी और कार्तिक के मम्मी पापा उन दोनों को भौचक्के से देखते रहे तभी चन्दन वहा आया और उन दोनों की तरफ देखते हुए कहा
“इन दोनों का कुछ नहीं हो सकता”

(अब आप सब क्या पढ़ रहे है , जाईये और जाकर पता कीजिये कही आपका/आपकी कोई बेस्ट फ्रेंड तो आपसे प्यार नहीं करती , क्योकि दोस्ती को प्यार में बदलने में ज्यादा वक्त नहीं लगता !! )

Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26Aur Pyar Ho Gaya – 26

!! समाप्त !!

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संजना किरोड़ीवाल

Aur Pyar Ho Gaya
Aur Pyar Ho Gaya by Sanjana Kirodiwal

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