और प्यार हो गया – भाग 2
Aur Pyar Ho Gaya – 2
नंदिनी अपने मम्मी पापा की इकलौती और लाड़ली बेटी है l उसके जन्म से ही उसके माँ-पापा लखनऊ में रहते थे l नंदिनी ने अपनी पढाई लखनऊ से ही की है l उसके पापा मेडिकल लाइन में अधिकारी थे और माँ सरकारी महकमे में अकाउंट्स का काम देखती है l नंदिनी अपनी आगे की पढाई करने के लिए कानपूर आ गयी यहाँ उसने गर्ल्स हॉस्टल में एडमिशन ले लिया l आज कॉलेज में उसका पहला दिन ही था और आते ही उसकी विकी और उसके गुर्गो से झड़प हो गयी लेकिन कार्तिक की बातो ने उसके चेहरे पर मुस्कान ला दी l नंदिनी क्लास में आकर बैठ गयी l आज पहला दिन था लेकिन क्लास ठसाठस भरी हुई थी वजह थी “वंदना मैडम” l
‘वंदना’ पिछले 5 सालो से इस कॉलेज में 1st year के स्टूडेंट्स को ‘इंग्लिश लिटरेचर’ पढ़ा रही थी l उनकी उम्र यही कोई 36-37 के आस पास होगी लेकिन इस उम्र में भी वो बहुत ही फिट और एक्टिव थी l अच्छा पढ़ाने के साथ साथ वह सभी स्टूडेंट्स से एक दोस्त की तरह पेश आती l नंदिनी क्लास में बैठे नए चेहरों को देख रही थी कुछ देर बाद वंदना मैडम क्लास में आयी और सभी नए स्टूडेंट्स को अपना परिचय दिया l
“मे आई कम मेम ?”,दरवाजे पर खड़े कार्तिक ने कहा
“आईये ! आपका ही इंतजार था कार्तिक जी”,वंदना ने कहा
कार्तिक अंदर आकर पीछे जाने लगा तो वंदना ने कहा,”पीछे कहा जा रहे हो ? ,यहाँ आकर बैठो मेरे सामने”
कार्तिक मुस्कुराता हुआ आकर आगे बैठ गया l श्रुति , चंदन भी आकर उसके पास बैठ गए कार्तिक चंदन की और झुका और फुसफुसाते हुए कहा,”देखा मैंने कहा था ना , वंदना मेडम को क्रश है मुझपे तभी मुझे अपने सामने बैठने को कहा l”
कार्तिक को फुसफुसाते हुए देखकर वंदना ने उसे खड़े होने को कहा l कार्तिक खड़ा हो गया
“मिस्टर कार्तिक सक्सेना , क्या आप बताने का कष्ट करेंगे ऐसा क्या समझ नहीं आया आपको पिछले साल जो आप इस साल भी इसी क्लास में पढ़ने आ गए l “,वंदना ने ताना कसते हुए कहा
“मेम पास तो हो ही गया था वो तो पापा ने पनिशमेंट देकर भेज दिया”,कार्तिक ने धीरे से कहा
“पास ! दो सब्जेक्ट में तुम्हारे बैक लगी है ,, एक साल में ऐसी कोनसी पढाई कर ली तुमने जो एक भी सब्जेक्ट में तुम्हारे 35 से ऊपर नंबर नहीं आये l”,वंदना ने सबके सामने कार्तिक की पोल खोल दी l
वंदना की बात सुनकर सारी क्लास हसने लगी l नंदिनी को कार्तिक बड़ा इंट्रेस्टिंग लगा लेकिन वंदना की बात सुनकर वह भी हसे बिना नहीं रह पायी l बेचारा कार्तिक मुंह लटका कर खड़ा था l
“आई होप इस साल तुम ये साल क्लियर कर लो , नाउ सीट डाउन”,वंदना ने कहा l
कार्तिक बैठ गया l श्रुति और चंदन उसे देखकर मुस्कुरा रहे थे l
“अटेंशन प्लीज़ , आज आपका क्लास में पहला दिन है सो कुछ हल्का फुल्का पढ़ते है l मैं आज आपको आपकी बुक का एक टॉपिक दूंगी और कल आपका एक ‘आई क्यू” टेस्ट होगा l जिससे मैं आप सबकी स्किल्स बेहतर तरिके से जान पाऊँगी और वीक स्टूडेंट्स की स्टडी में हेल्प कर बाकि स्टूडेंट्स के बराबर ला सकू”,वंदना ने कहा l
कार्तिक को छोड़कर बाकि सभी स्टूडेंट्स एक्साइटेड थे l कार्तिक को ये टेस्ट , एग्जाम्स और पढ़ाई से बहुत नफरत थी l उसने वंदना की बात को इग्नोर किया और खिड़की की और देखने लगा l खिड़की के पास वाली टेबल पर नंदिनी बैठी थी जो की इत्मीनान से अपनी नोटबुक में वंदना मेम के बताये टॉपिक नोट कर रही थी l कार्तिक ने अपनी कोहनी टेबल पर टिकाई और ठोड़ी को हाथ पर टीकाकार नंदिनी को देखने लगा l लिखते लिखते नंदिनी की नजर कार्तिक पर गयी जो की अभी भी उसे ही देख रहा था l नंदिनी ने अपनी भोंहे उचकाकर इशारा किया तो कार्तिक ने मुस्कुराते हुए ना में गर्दन हिला दी और सामने देखने लगा l उसकी मुस्कान जानलेवा थी l नंदिनी फिर अपनी नोटबुक में बिजी हो गयी
टेस्ट के लिए टॉपिक बताकर वंदना वहा से चली गयी l कार्तिक क्लास से बाहर निकला और जाने लगा l श्रुति अपने दोस्तों के साथ चली गयी l चंदन कार्तिक के पीछे आया और कहा,”तूने रिपोर्ट कार्ड पर अपने पापा के साइन करवाए ?
“नहीं , रिपोर्ट कार्ड उनको दिखाने लायक नहीं है यार “,कार्तिक ने रोनी सूरत बनाकर कहा l
“हम्म्म्म ! लेकिन कल के टेस्ट का क्या ?”,चंदन ने कार्तिक को वंदना मेम की बात याद दिलाते हुए कहा
“अरे ! कल देखना तेरा भाई सबकी बोलती बंद कर देगा”,कार्तिक ने कहा
“बेस्ट ऑफ़ लक”,चंदन ने कहा और चला गया l
कॉलेज से घर आकर कार्तिक सब भूल गया और अपने काम में लग गया उसे टेस्ट के बारे में कुछ याद ही नहीं रहा l अगले दिन जब वह कॉलेज आया l क्लास में आते ही वंदना मेम ने उसे एक पेपर पकड़ा दिया l कार्तिक ने पेज को उलट पलट कर देखा और जाकर अपनी जगह बैठ गया l चन्दन उसके आगे वाली बेंच पर ही था और पीछे श्रुति l वंदना ने सबको शांति से पेपर हल करने को कहा l कार्तिक ने मुस्कुराते हुए पेपर पढ़ना शुरू किया अगले ही पल उसके चेहरे की मुस्कान गम में बदल गयी l पेपर में लिखे एक भी सवाल का जवाब उसे नहीं आता था l उसने इधर उधर देखा दांयी तरफ नंदिनी थी लेकिन कार्तिक की उस से पूछने की हिम्मत नहीं हो रही थी पूछता भी कैसे ? अपनी थोड़ी इमेज तो उसे बरकरार रखनी थी ना l
“कार्तिक सुन न बता न पहले क्वेस्चन का आंसर क्या है ?”,चंदन ने गर्दन घुमाकर धीरे से पूछा
कार्तिक ने इग्नोर कर दिया तभी पीछे से श्रुति ने कहा,”कार्तिक सेकेण्ड क्वेश्चन का आंसर बता ना “
बेचारा कार्तिक उसे खुद कुछ नहीं आता था वो उन दोनों को क्या बताता इसलिये दोनों की बात को अनसुना कर दिया
“अबे ! बता ना क्या भाव खा रहा है , मुझे कुछ भी नहीं आता यार “,चंदन ने झुंझलाकर कहा
कार्तिक ने चंदन और श्रुति को देखा और जोर जोर से गाने लगा – अपना भी हाल भी तुम्हारे जैसा है जानम
चंदन और श्रुति ने सुना तो अपना सर पिट लिया l क्लास के सारे स्टूडेंट्स की नजर कार्तिक पर थी वंदना की भी वो गाते हुए इतना क्यूट लग रहा था न की एक पल के लिए वंदना की नजर भी उस पर टिक गयी फिर खुद को सम्हालते हुए उसने कहा,”कार्तिक अपना पेपर लेकर यहाँ आओ !
“पर अभी तो मैंने कुछ लिखा भी नहीं है मेम”,कार्तिक ने मासुम सी सूरत बनाकर कहा l
“लिखकर क्या करोगे ? गाने गा लो तुम तो क्लास में !!”,वंदना ने घूरकर कहा तो कार्तिक दूसरी और देखने लगा l
“नंदिनी तुम इसका पेपर लेकर मेरे पास आओ”,वंदना ने कार्तिक के बगल में बैठी नंदिनी से कहा l
नंदिनी उठी और कार्तिक की टेबल से उसका पेपर उठाकर वंदना की तरफ बढ़ गयी l उसके दूसरे हाथ में अपना पेपर था उसने कार्तिक का पेपर न देकर अपना पेपर वंदना को दे दिया l
वंदना ने पेपर पढ़ा उसकी आँखे आश्चर्य से फ़ैल गयी उसने कार्तिक को अपने पास बुलाया l कार्तिक उठा और मन ही मन नंदिनी को कोसते हुए आगे आया l वंदना ने पहले उसे घुरा और फिर एक बड़ी सी मुस्कान उसके होंठो पर फ़ैल गयी कार्तिक को समझ नहीं आया वह कभी वंदना को देखता तो कभी सामने खड़ी नंदिनी को
“ब्रिलियंट कार्तिक , तुमने तो सारे सवालों का जवाब बिल्कुल सही लिखा है l आई ऍम सो इम्रेस कार्तिक”,वंदना ने मुस्कुराते हुए कहा l
“पर मैंने तो कुछ भी नहीं लिखा था ये मेम को क्या हो गया है”,कार्तिक मन ही मन सोचने लगा और फिर कहा,”पर मैंने तो कुछ………………..!!”
कार्तिक कुछ कहता इस से पहले ही वंदना ने कहा,”सॉरी कार्तिक , तुमने साबित कर दिया की तुम किसी से कम नहीं बस अब ऐसे ही सालभर मेहनत करना और इस साल टॉप स्टूडेंट में आना”,वंदना ने शायद पहली बार कार्तिक की तारीफ की थी कार्तिक अवाक् सा खड़ा सुनता रहा उसे न जाने क्यों अपनी तारीफ आज हजम नहीं हो रही थी उसने सामने खड़ी नंदिनी की तरफ देखा तो नंदिनी ने अपनी दांयी आँख धीरे से दबा दी और वापस अपनी सीट की और चली गयी l
कार्तिक समझ गया नंदिनी ने उसे बचा लिया उसने दिल ही दिल में नंदिनी को थैंक्स कहा और क्लास के बाहर आ गया l अच्छा कार्तिक के साथ हमेशा कुछ न कुछ गड़बड़ होती रहती थी वह एक परेशानी से निकलता तो दूसरी में फस जाता l क्लास से बाहर आया ही था की चपरासी ने आकर कहा,”कार्तिक तुम्हे प्रिंसिपल सर ने अभी बुलाया है अपने ऑफिस में”
अब आप सोच रहे होंगे की एक कॉलेज का चपरासी तक कार्तिक का नाम जानता है कैसे ? कार्तिक ने सबको अपनी हरकतों से इतना परेशान किया है न की कोई चाहकर भी उसे या उसके नाम को भूल नहीं सकता l
खैर कार्तिक प्रिंसिपल सर के केबिन में आया और कहा,”मे आई कम इन सर ?
“इतना अंदर तो आ चुके अब क्या आकर मेरी गोद में बैठोगे”,प्रिंसिपल ने झुंझलाकर कहा
“सॉरी सर , आप ही ने बुलाया था”,कार्तिक ने धीरे से कहा l
“बैठो ! क्या लोगे चाय , कॉफी , दूध , जूस या शेक मँगवादू आपके लिए ?”,प्रिंसिपल ने अपनी आवाज में मिठास घोलकर कहा
“अरे ! नहीं नहीं सर ये सब नही”,कार्तिक ने सामने पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा
“खड़े हो जाओ”,अचानक से प्रिंसिपल ने चिल्लाकर कहा l
कार्तिक उठा और हाथ बांधकर खड़े हो गया तो प्रिंसिपल ने कहा,”अगर तुम मेरे दोस्त के बेटे नहीं होते न तो मैं तुम्हे अभी के अभी इस कॉलेज से निकाल देता l टीचर्स से लेकर स्टूडेंट्स तक सबकी नाक में तुमने दम कर रखा है l क्लास में तुम्हे जाना नहीं होता l लायब्रेरी को तुम सोने के लिए इस्तेमाल करते हो l कॉलेज का ऐसा कोई कोना नहीं बचा है जहा तुम्हारा नाम न लिखा हो l कितनी ही लाईटे , ट्यूबलाइट , गमले , शीशे तुम्हारे निशानों का शिकार हुए है l पिछले साल की तुम्हारी एग्जाम की कॉपिया देखी तुमने एक में भी 35 से ज्यादा नंबर नहीं है l
“एक में 36 है”,कार्तिक ने धीरे से कहा
“शट अप , तुम अपनी जिंदगी को सीरियस लेना कब शुरू करोगे ? तुम्हारे पापा और मैं अच्छे दोस्त है इसलिए मैं तुम्हे अब तक झेल रहा हु l अखिलेश से तो मैं कुछ कह नहीं सकता इसलिए कल तुम अपनी मम्मी को लेकर यहाँ आओगे l अब मैं सीधा उन्ही से बात करूँगा l और हां रिपोर्ट कार्ड पर तुम्हारे डेड के साइन वो भी कल सुबह तक”,प्रिंसिपल ने कहा
“सर आप इतना गुस्सा हो रहे है , आखिर मैंने किया क्या है ?”,कार्तिक ने कहा
“किया क्या है ? ये तुम मुझसे पूछ रहे हो ? कॉलेज में सबको परेशान कर रखा है तुमने ! वो कंप्लेंट बॉक्स देख रहे हो उसमें हर रोज सबसे ज्यादा कंप्लेंट तुम्हारे नाम की होती है , किसी की गाड़ी का टायर पंचर कर दिया , किसी की नोटिस बोर्ड पर पेंटिंग बना दी ,और मेरे साथ तुमने जो किया है उसके लिए तो मैं तुम्हे जितनी गालिया दू कम है l उस शाम मैं वंदना मेडम के साथ डेट पर जाने वाला था और तुमने क्या किया ? तुमने जाकर उनसे कहा की ‘वर्मा जी’ टकले है l डेट पर जाने से पहले ही मेरी स्टोरी डेड कर दी तुमने ( दुखी स्वर में ) तुमसे मेरी दो पल की ख़ुशी नहीं देखी गयी l”,प्रिंसिपल ने कार्तिक की हरकतों से पर्दा हटाते हुए कहा
“पर सर आप टकले……………..!!”,कार्तिक ने कुछ कहना चाहा तभी प्रिंसिपल सर ने अपनी विग उतार फेंकी और चिल्ला पड़े ,”हां हू मैं टकला , मेरा बाप भी टकला था , मेरा दादा भी टकला था , मेरा पूरा खानदान भी टकला ही है तो क्या कर लोगे तुम मममममममम”
प्रिंसिपल का गुस्सा देखकर कार्तिक ने टेबल पर पड़ा पानी का ग्लास उठाया और उनकी तरफ बढाकर कहा,”सर कूल डाउन , पानी पीजिये “
“थैंक्यू !!”,प्रिंसिपल ने हांफते हुए कहा और एक साँस में सारा पानी पि गया
“बेटर सर”,कार्तिक ने पूछा
“हम्म्म , मुझपर एक अहसान करोगे ?”,प्रिंसिपल ने हांफते हुए कहा
“जरूर सर बोलिये ना’,कार्तिक ने कहा
“दफा हो जाओ यहाँ से और कल अपनी माँ को साथ लेकर आना”,प्रिंसिपल ने कहा
बेचारा कार्तिक उलटे पांव वापस लौट आया l उसकी तो किस्मत ही ख़राब थी जब भी वो कुछ अच्छा करने जाता हमेशा उसका उलटा ही होता l वह आकर कॉलेज केम्पस की सीढियो पर बैठ गया l
“भाई मजा आ गया आज के टेस्ट में तो तुमने सबकी बोलती बंद कर दी , वंदना मेडम की भी”,श्रुति ने पास बैठते हुए कहा
“हाँ यार पर ये चमत्कार हुआ कैसे ? क्योकि जहा तक जानता हु टेस्ट क्लियर करना तो दूर तुझे तो बुक्स खोलने में भी मौत आती है”,दूसरी तरफ चंदन ने बैठते हुए कहा
“कुछ बोलोगे भी ? शक्ल पर 12 क्यों बजे है तुम्हारी ?”,श्रुति ने कहा
“प्रिंसिपल ने मॉम को कल कॉलेज बुलाया है”,कार्तिक ने उदास होकर कहा
“ओह्ह बेटाजी लग गए तेरे तो , अपना प्रिंसिपल तो पूरा जल्लाद है पता नहीं आंटी को क्या क्या शिकायत करेगा ?”,चंदन ने चिंता जताते हुए कहा
“आंटी तेरे कहने से कॉलेज तो आ तो जाएगी ना ?”,श्रुति ने कहा
“श्रुति………….वो मेरी मॉम है , मेरे कहने से पहले ही वो यहाँ आने के लिए तैयार हो जाएगी l”,कार्तिक ने कॉन्फिडेंस से कहा
“ok कल मिलते है फिर”,कहकर श्रुति उठी और वहा से चली गयी l चंदन भी वहा से अपनी अगली क्लास की तरफ चला गया कार्तिक वही बैठा रहा l कार्तिक से कुछ ही दूर बैठी नंदिनी सारी बाते ख़ामोशी से सुन रही थी l
अगली दिन सुबह सुबह
“मॉम प्लीज़ चलिए , प्रिंसिपल सर मुझे कॉलेज से निकाल देंगे ! प्लीज़ मॉम”,कार्तिक ने गिड़गिड़ाते हुए रंजना से कहा
“मैं कही नहीं जाउंगी , पिछली बार भी उन्होंने तुम्हारी इतनी शिकायते की थी फोन पर , अब तुम चाहते हो वो सब मैं उनसे फेस टू फेस जाकर सुनु बिल्कुल नहीं”,रंजना ने किचन में काम करते हुए कहा
“मॉम प्लीज़ मॉम , लास्ट टाइम आज के बाद नहीं होगा ऐसा l प्लीज़ मॉम चलो ना”,कार्तिक ने हाथ जोड़ते हुए कहा
“खा मेरी कसम !”,रंजना ने अपना हाथ कार्तिक के सामने करके कहा
कार्तिक चुप हो गया वह रंजना की झूठी कसम कैसे खा सकता था l उसे खामोश देखकर रंजना फिर अपने काम में लग गयी
“मॉम चलो ना प्लीज़”,कार्तिक फिर गिड़गिड़ाया
“अपने पापा को ले जा”,कहकर रंजना बाहर चली गयी l
“रहने दीजिये , प्रिंसिपल मुझे कॉलेज में नहीं घुसने देंगे पापा को पता चला तो वो तो मुझे घर से ही निकाल देंगे l मतलब आप नहीं जाओगी ?”,कार्तिक ने कहा
“नहीं , बिल्कुल नहीं , कभी नहीं”,रंजना ने कार्तिक की आँखों में देखकर कहा
“मॉम प्लीज़ “,कार्तिक फिर गिड़गिड़ाया
“ये ड्रामा घर से बाहर जाकर कर”,कहकर रंजना अपने कमरे में चली गई
बेचारा कार्तिक अपना बेग उठाये दुखी मन से कॉलेज के लिए निकल गया l कॉलेज आकर उसने आज किसी से बात नही की बस अकेला सीढियो पर बैठा रहा l
कॉलेज , प्रिंसिपल का केबिन
“मे आई कमीन सर ?”,कार्तिक ने कहा
“आओ”,प्रिंसिपल ने कहा
कार्तिक आकर मुंह लटकाकर खड़ा हो गया !!
“तुम्हारी मम्मी कहा है ? मैंने उन्हें साथ लाने को कहा था ना , कहा है वो ?”,प्रिंसिपल ने कार्तिक को घुरते हुए कहा
“सर वो मॉम…………!”,कार्तिक ने धीरे से कहा
“मम्मी जी यहा है सर”,चंदन ने अंदर आते हुए कहा
प्रिंसिपल ओर कार्तिक ने एक साथ दरवाजे की तरफ देखा श्रुति ओर चंदन खड़े थे साथ मे एक औरत थी जिसने चेहरे पर लंबा सा घूंघट डाला हुआ था l
तीनो अंदर आये औरत आकर कार्तिक के पास खड़ी हो गयी l कार्तिक ने चंदन की तरफ देखा तो चंदन ने आंख मारते हुए अपने प्लान की ओर इशारा किया
“हा सर ये ही मेरी मॉम है”,कार्तिक ने औरत को हग करते हुए कहा
“वो सब तो ठीक है पर इन्होंने इतना लम्बा घूंघट क्यों डाला हुआ है ?”,प्रिंसिपल ने औरत का चेहरा देखने की कोशिश करते हुए कहा l
“मेरी मॉम किसी को मुंह दिखाने लायक नही रही”,कार्तिक में जल्दबाजी में कहा
औरत ने सुना तो अपनी कोहनी कार्तिक की कमर पर दे मारी कार्तिक ने बात को सम्हालते हुए कहा,”मेरा मतलब है , वो किसी को अपना मुंह नही दिखा सकती”
“पर क्यो ? “,प्रिंसिपल ने हैरानी से पूछा
“सर वो कुछ महीनों पहले ही मेरे दादाजी खत्म हो गए तो हमारे घर मे रिवाज है कि एक साल तक घर की औरतें पर्दे मे रहती है , किसी पराये मर्द को अपना चेहरा नही दिखाती है”,कार्तिक ने कहा
“ok ok बडा अजीब रिवाज है , खैर मिसेज सक्सेना आपके बेटे के लिए कॉलेज से बहुत सी शिकायते आई है l अगर आप गारंटी लेती है ये आगे से ऐसा नही करेगा तो मैं इसे इस कॉलेज में रुकने का एक मौका दे सकता हु”,प्रिंसिपल ने कहा
औरत ने हां मे अपनी गर्दन हिला दी और कार्तिक के रिपोर्ट कार्ड और रिकॉर्ड कार्ड दोनो पर साइन कर दिया l
कार्तिक की जान में जान आयी l चंदन का बनाया प्लान पहली बार सफल हो गया l चारो वहां से जाने के लिए मुड़े तभी प्रिंसिपल की नजर कार्तिक की मॉम के पैरों पर गयी प्रिंसिपल ने कहा,”ठहरो
चारो रुक गए l चारो का दिल तेजी से धड़क रहा था तभी प्रिन्सिपल ने कहा ,”कार्तिक तुम्हारी मॉम ने स्पोर्ट्स शूज क्यों पहने है ?
चारो की सिटी पिटी गुम क्या जवाब दे ! आखिर में कार्तिक पलटा ओर कहा ,”सर वो मेरी मॉम को भागने का बहुत शौक है , इस साल ओलम्पिक मे जाने का सोच रही है l”
तभी प्रिंसिपल का फोन बजा ओर वो फोन में बिजी हो गए l कार्तिक सबको लेकर वहां से रफू चक्कर हो गया
“वर्मा कल शाम तू मेरे घर खाने पर आ रहा है ना , याद है या भूल गया”,फोन पर दूसरी तरफ से अखिलेश ने कहा
“कल क्या है अखिलेश ?”,प्रिंसिपल ने कहा
“भूल गया कल मेरे पिताजी की बरसी है उनको गुजरे 11 साल हो चुके इसलिए छोटी सी पूजा रखी है”,अखिलेश ने कहा
“क्या 11 साल पर उसने तो कहा कुछ महीने पहले ही”,प्रिंसिपल ने कहा
“तू क्या बड़बड़ा रहा है , कल पिताजी की 11वी बरसी है और तुझे अपने पूरे परिवार के साथ आना है”,अखिलेश ने कहा ओर फोन काट दिया
“इसका मतलब वो मुझे फिर से बेवकूफ बना गया कार्तिक क ककककककक !!
प्रिंसिपल ने फोन टेबल पर पटकते हुए कहा
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क्रमश – Aur Pyar Ho Gaya – 3
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संजना किरोड़ीवाल
Hii sanjana mam. Sorry phale hi ki Mai aapse kuch aisa kehne ja rahi hu ki sayad aapko bura lage but still Mera aapse yeh baat kehni zaruri hai.
Aapko pata hai sirf aap hi wo writer hai jinki kahaniyon me hame sukoon,pyaar, dard, family,dosti ke mayne dekhne ko aur samajhne ko mile hai. Par pata nahi aaj aapki kahaniyun me kuch miss Kar rahe hai ham. Wo phale se kuch chije badal gyi hai aapme. Aapke lekhne ke andaaz me. Sorry mam aapse aapki complain karne ke liye.
Waise sayad ham aapko yaad na ho but ham wahi hai jisne aapse kMH 2 ko apni aawaz Dene ki baat khi thi. Aur Haan mam season 2 bohat aacha tha.
नमस्ते खुशबु !
जी नहीं बिल्कुल बुरा नहीं लगा और बुरा लगना भी नहीं चाहिए। आपने जो कहा अगर वो “और प्यार हो गया” कहानी को लेकर है तो मैं बताना चाहूंगी की ये कहानी 2019 में लिखी गयी थी उसके बाद से मेरे लेखन में काफी बदलाव हुए है। परिवार , दोस्ती , प्रेम , समर्पण ये सब मेरी कहानीयो की पहली प्राथमिकता रहे है। जैसे एक इंसान हमेशा एक जैसा नहीं रह सकता वैसे मेरा लेखन भी हमेशा एक नहीं रहेगा वो वक्त के साथ बदलता रहेगा ,, परिवर्तन संसार का नियम है और मैंने इसे हर रूप में स्वीकार किया है।
आप पाठको की शिकायत , सलाह और प्यार सबका स्वागत है।
संजना किरोड़ीवाल
😂😂😂😂MAZA AA GAYA
thanks mam i like this