“मैं तेरी हीर” – 9
Main Teri Heer – 9
मुरारी ने जैसे ही कहा कि हम मुन्ना के बाप बोल रहे है गौरी के हाथ से फोन छूटकर नीचे जा गिरा। वह घबराकर सोफे पर आ बैठी अपने नाख़ून चबाने लगी। गौरी मन ही मन खुद को कोस रही थी वह हमेशा ही गड़बड़ किया करती थी और आज तो उसने एक बड़ी गड़बड़ की थी इसके बाद मुन्ना का रिएक्शन क्या होगा सोचकर ही गौरी परेशान हो रही थी।
“क्या हुआ तुम्हे ऐसे नाख़ून क्यों चबा रही हो ?”,गौरी की मम्मी ने गौरी से कहा और नीचे गिरा फोन उठा लिया। स्क्रीन पर लव नाम देखकर गौरी की मम्मी ने फोन कान से लगाया और कहा,”हेलो ! देखो तुम जो भी हो लेकिन ये लड़की एक नंबर की गधी है,,,,,,,,,,,और कबसे चल रहा है ये सब ? जवाब क्यों नहीं देते साँप सूंघ गया है तुमको ? बोलो,,,,,,,,,,,!!”
“शर्माईन ?”,दूसरी तरफ से मुरारी की उलझी सी आवाज आवाज जिसे सुनकर गौरी की मम्मी कुछ पल के लिए खामोश हो गयी और फिर कहा,”मुरारी,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम मुरारी बोल रहे हो बनारस वाले ?”
“रोग नंबर”,कहकर मुरारी ने फोन काट दिया। गौरी की मम्मी उलझन में डूबी फोन लेकर गौरी की तरफ पलटी तो गौरी ने उनके हाथ से फोन लेते हुए कहा,”आप मान के पापा को कैसे जानती है ?”
“मान ?”,गौरी की मम्मी ने कहा
“मेरा मतलब मुन्ना काशी के भैया,,,,,,,,,,,और ये नंबर मुन्ना का है मॉम , मैं आपको बताने ही वाली थी मैं और मान एक दूसरे को बहुत पसंद करते है”,गौरी ने अपनी मम्मी को अपने और मुन्ना के रिश्ते के बारे में बता दिया
“तो क्या मुन्ना मुरारी का बेटा है ?”,गौरी की मम्मी ने हैरानी से कहा
“हाँ लेकिन आप इतना शॉक्ड क्यों है ?,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट कही आप मुरारी अंकल की पुरानी पासवर्ड आई मीन उनकी गर्लफ्रेंड तो नहीं है ना ?”,गौरी ने अपनी आँखों को बड़ा करते हुए कहा
“बकवास बंद करो और वो मुरारी उसकी हरकतों में अभी भी सुधार नहीं है , क्या वो अभी भी लड़कियों को पासवर्ड कहता है,,,,,,,,,,,,,बेशर्म कही का”,गौरी की मम्मी ने जाते हुए कहा
“मम्मा मम्मा मम्मा जरूर आप उन्हें जानती है लेकिन कैसे ? आप दोनों के बीच कुछ हुआ है क्या ?”,गौरी ने अपनी मम्मी के पीछे आते हुए कहा तो गौरी की मम्मी गौरी को घूरते हुए पलटी , उन्हें देखकर गौरी ने मासूमियत से कहा,”मेरा मतलब झगडे से था”
“कुछ साल पहले मैं अपने बैंक स्टाफ के साथ बनारस गयी थी तभी मेरी उस अतरंगी आदमी से मुलाकात हुयी थी। वो कहने को विधायक है लेकिन उसकी हरकतें गुंडों वाली है ,, किसी को भी थप्पड़ मार देना , किसी को भी डांट देना , लोग उस से डरते है गौरी , मेरी भी उस से हड़प हुई थी और मैंने उसे कहा की मैं जिंदगी में कभी उसकी शक्ल देखना पसंद नहीं करुँगी”,गौरी की मम्मी ने कहा
“सत्यानाश,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी बड़बड़ाई
“कुछ कहा तुमने ?”,गौरी की मम्मी ने पूछा।
गौरी ने अपनी मम्मी को कंधो से पकड़ा और उन्हें सोफे पर बैठाते हुए कहा,”मम्मा मेरी बात सुनो आपको जरूर कोई गलतफहमी हुई है मुरारी अंकल ऐसे बिल्कुल नहीं है अरे मैं मिली हूँ ना उनसे वो बहुत कूल है। हाँ वो थोड़े अलग पर्सनालिटी के है लोग उनसे डरते नहीं है बल्कि उनकी रिस्पेक्ट करते है और थप्पड़ तो वो तब मारते है ना जब कोई उनकी बात ना सुने,,,,,,,,,,,,बाकि दिल के अच्छे है वो”
“तुम उसकी इतनी तरफदारी क्यों कर रही हो ?”,गौरी की मम्मी ने घूरते हुए पूछा
“क्योकि वो मान के पापा है और मैं मान को बहुत पसंद करती हूँ मोम”,गौरी ने अपनी मम्मी की आँखों में देखते हुए कहा
“तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है , मैं तुम्हारी शादी उस घर में तो बिल्कुल नहीं करने वाली हूँ गौरी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुन्ना अच्छा लड़का है लेकिन वो मुरारी कुमार मिश्रा वो एक नंबर का बद्तमीज और बेशर्म इंसान है।”
“मम्मा ऐसा कुछ नहीं है और मैं मान से प्यार करती हूँ , और मान अपने पापा जैसा बिल्कुल नहीं है ,, आपने देखा था ना वो हमारे घर भी आया था”,गौरी ने आँखों में नमी लाते हुए कहा
“आई ऍम सॉरी,,,,,,,,,,,,,,,उस आदमी का नाम सुनते ही पता नहीं मुझे क्या हो जाता है ? खैर मैं तुम्हारा दिल नहीं तोड़ना चाहती,,,,,पहले तुम सेटल हो जाओ उसके बाद मैं मुन्ना से बात करुँगी”,गौरी की मम्मी ने कहा
“ओह्ह मम्मा यू आर सो स्वीट आई लव यू”,गौरी ने अपनी मम्मी को गले लगाते हुए कहा
बनारस , उप्र
गौरी की मम्मी की आवाज सुनकर मुरारी को एक झटका सा लगा। इस आवाज को वह पहचानता था। मुरारी ने मुन्ना का फोन रखा और धीमे कदमो से कमरे से बाहर निकल गया। उसे कुछ साल पुराना वो किस्सा याद आ गया जब अस्सी घाट पर मुरारी की किसी से बहस हो रही थी और बात जब हाथापाई पर उतर आयी और मुरारी ने जैसे ही किसी को थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाया गौरी की मम्मी ने आकर उसे रोक दिया और मुरारी को अच्छा खासा लेक्चर दे डाला ,, मुरारी तो पहले से ही बकलोल था वह भी उलझ पड़ा और माहौल थोड़ा गरमा गया। जाते जाते गौरी की मम्मी ने मुरारी को कहा की वह जिंदगी में कभी उसकी शक्ल नहीं देखना चाहेगी और वहा से निकल गयी। बनारस के ही कुछ लोगो ने गौरी की मम्मी को मुरारी के बारे में बताया था अच्छा वाला नहीं बल्कि बुरा वाला कच्चा चिट्ठा खोला था लोगो ने उसका और उसके बाद से गौरी की मम्मी दोबारा बनारस नहीं गयी।
मुरारी सोच में डूबा चला जा रहा था की सामने से आते किशना से टकरा गया। शर्माईन की आवाज सुनकर मुरारी पहले से उलझन में था किशना से टकराया तो झुंझलाते हुए कहा,”एक ठो काम करो आओ गोद में चढ़ जाओ हमारी”
“पर हम तो देखकर ही चल रहे थे”,किशना ने नजरे झुकाकर कहा
“ज्यादा बकैती की ना तो पेल देंगे तुमको जाओ जाकर अपना काम करो”,कहते हुए मुरारी सीढिया उतरकर निचे चला आया। बाहर से कुछ लोग मुरारी से मिलने आये थे मुरारी उनके साथ बाहर चला गया।
काशी घर में सबसे मिली वह सबके लिए कुछ ना कुछ तोहफे लेकर आयी थी इसलिए सबको बाँट दिए लेकिन एक तोहफा खास था जो काशी शक्ति के लिए लेकर आयी थी उसने उसे सबकी नजरो से बचाया और लेकर अपने कमरे में चली आयी। नहाने के बाद काशी ने नाश्ता किया और आई बाबा के पास चली आयी। शिवम् किसी काम से बाहर चला गया। दोपहर के खाने के बाद काशी अपने कमरे में आकर लेट गयी और उसकी आँख लग गयी। शाम में काशी उठी तो उसे शक्ति से मिलने का ख्याल आया वह उठी और तैयार होने लगी। मुस्कराहट काशी के होंठो से जाने का नाम नहीं ले रही थी , उसने अभी तक शक्ति को बताया नहीं था की वह बनारस आ चुकी है। काशी ने सफ़ेद रंग का सूट पहना , कानो में झुमके पहने , हाथो में रंग बिरंगी चुडिया पहनी , आँखों में गहरा काजल और होंठो पर हल्की लाली , ललाट पर एक छोटी काली बिंदी लगा ली और पीले हरे रंग का दुपट्टा लगाकर शीशे में खुद को देखने लगी।
काशी बहुत प्यारी लग रही थी। उसने अपना फोन और पर्स लिया और जैसे ही कमरे से बाहर आयी सारिका ने पूछ लिया,”काशी तुम कही जा रही हो ?”
“हाँ माँ वो हमारी दोस्त है रिम्पी हम उसके साथ घाट जा रहे है आरती देखने,,,,,,,,,,,,,आप कहे तो जाए ?”,काशी सफ़ेद झूठ बोल गयी हालाँकि उसे सारिका से झूठ बोलना अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन वह उन्हें एकदम से शक्ति के बारे में भी नहीं बता सकती थी।
“ठीक है जाओ लेकिन जल्दी वापस आना”,सारिका ने मुस्कुरा कर कहा तो काशी ख़ुशी ख़ुशी घर से निकल गयी। बाहर आकर उसने अपनी स्कूटी निकाली और स्टार्ट कर वहा से चली गयी। बनारस की गलियों से होते हुए काशी अपनी स्कूटी पर चली जा रही थी। टपरी पर खड़े कुछ मनचले उसे देख रहे थे एक ने देखकर कहा,”यार क्या लड़की है ? बनारस की तो नहीं लगती ?”
“मुन्ना भैया की बहन है वो”,चायवाले ने पतीले में करछी घुमाते हुए कहा
“क्या कहा मुन्ना की बहन है ? अरे मुन्ना की बहन मतलब हम सबकी बहन क्यों भाई लोग ? और तुम ना चचा चाय में ध्यान दो”,लड़के ने झेंपते हुए कहा क्योकि बनारस में वंश और मुन्ना को हर कोई जानता था
काशी अपनी स्कूटी लिए घाट के पास वाले खंडर पहुंची लेकिन शक्ति वहा नहीं था। शाम का वक्त था आसमान हल्की ;लालिमा लिए हुए था। ये खंडर किसी टूटी हुई हवेली का बचा हुआ हिस्सा था और शक्ति अक्सर यही आया करता था जब वह अकेला या परेशान होता। काशी ने देखा शक्ति वहा नहीं है तो उसने शक्ति को आवाज दी – शक्ति , शक्ति
अगले ही पल गुलाब के फूलो की पत्तिया काशी पर आकर गिरी और शक्ति की आवाज उसके कानो में पड़ी,”बनारस में तुम्हारा स्वागत है”
काशी ने जैसे ही सूना ख़ुशी से उसकी आँखे चमक उठी और वह पलटी , खंडर की उबड़ खाबड़ सीढ़ियों पर खड़ा शक्ति उसे देखकर मुस्कुरा रहा था। काशी प्यारभरी नजरो से शक्ति को देखने लगी तो शक्ति सीढ़ियों से नीचे चला आया और काशी के सामने आकर खड़े हो गया। दोनों कुछ देर एक दूसरे को एकटक देखते रहे और फिर शक्ति ने काशी से कहा,”इस बार तुमने आने में बहुत देर की काशी , क्या तुम्हे कभी हमारी याद नहीं आयी ?”
काशी ने सूना तो कोई जवाब नहीं दिया बस आगे बढ़कर शक्ति के सीने से आ लगी। शक्ति ने भी काशी को अपनी बाँहो में भर लिया और कहा,”हमने तुम्हारा बहुत इंतजार किया काशी”
“हमने भी तुम्हे बहुत याद किया , एग्जाम्स होने की वजह से हम थोड़ा बिजी थे। आज भी तुमसे मिलने के लिए हमे माँ से झूठ बोलना पड़ा,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे लिए घरवालों से झूठ बोलने लगे है हम इतना पसंद तो शायद हमने कभी खुद को भी नहीं किया होगा”,काशी ने शक्ति से दूर हटते हुए कहा
“हमसे मिलने के लिए तुम्हे किसी से झूठ बोलने की जरूरत नहीं है काशी , बस कुछ दिन और उसके बाद हम खुद तुमसे मिलने आएंगे वो भी तुम्हारे घर”,शक्ति ने कहा
“क्या तुम सच कह रहे हो ?”,काशी ने अपनी आँखों में चमक भरते हुए कहा
“हम कभी झूठ नहीं बोलते , अच्छा ये सच छोडो पहले ये बताओ की तुमने यहाँ आने में इतनी देर क्यों की ? बनारस तो तुम सुबह ही आ चुकी थी”,शक्ति ने काशी को प्यार से घूरते हुए कहा
“क्या तुम हमारी जासूसी कर रहे हो ?”,काशी ने अपनी बड़ी बड़ी आँखों को छोटा कर शक्ति को घूरते हुए कहा। काशी को ऐसे देखते पाकर शक्ति मुस्कुराने लगा काशी इस वक्त एक छोटी बच्ची लग रही थी शक्ति खुद को रोक नहीं पाया और काशी के गालों को खींचते हुए कहा,”तुम कुछ ज्यादा ही प्यारी हो”
“अच्छा चलो हमारे साथ”,काशी ने शक्ति के हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा
“कहा ?”,शक्ति ने पूछा
“घाट पर गंगा आरती के लिए”,काशी ने उसे साथ लेकर मुड़ी तो काशी को अहसास हुआ शक्ति अपनी जगह से हिला भी नहीं है। काशी वापस शक्ति की तरफ पलटी और कहा,”क्या हुआ चलो ?”
“तुम्हे डर नहीं लगेगा अगर किसी ने हमे साथ देखा तो ?”,शक्ति ने कहा
काशी शक्ति के थोड़ा सा करीब आयी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”हम तुमसे प्यार करते है शक्ति हमे किसी से डर क्यों लगेगा ?”
“जब तक हम है तुम्हे किसी से डरने की जरूरत नहीं है”,शक्ति ने विश्वास के साथ कहा तो काशी ने उसका हाथ थामकर कहा,”तो फिर चलो आज माँ गंगा की आरती में हम साथ साथ शामिल होंगे”
काशी के कहने पर शक्ति उसके साथ चल पड़ा अपनी स्कूटी के पास आकर काशी ने चाबी निकाली और स्कूटी स्टार्ट कर शक्ति को पीछे बैठने का इशारा किया। काशी के साथ उसके पीछे स्कूटी पर बैठना शक्ति को थोड़ा अजीब लग रहा था। उस पर वह काफी हट्टा-कट्टा था। शक्ति को उलझन में देखकर काशी ने अपनी भँवे उचकाई तो शक्ति ना में गर्दन हिलाते हुए काशी के पीछे आ बैठा।
काशी शक्ति को घाट के बाहर पहुंची अपनी स्कूटी उसने साइड में लगाई , पार्किंग से घाट 100 मीटर की दूरी पर था काशी शक्ति के साथ साथ उस और चल पड़ी। दशाश्वमेध घाट पर हर शाम गंगा आरती होती है जिसमे सैंकड़ो लोग शामिल होते है। शाम होते होते सभी वहा इक्क्ठा होना शुरू कर देते है। गंगा आरती शुरू होने से पहले ही सभी नाविक अपनी अपनी नौका लेकर वहा जमा हो जाते है। आरती देखने वाले लोग उन नावों पर भी सवार होते है ताकि सामने बैठकर बिना किसी परेशानी के माँ गंगा की आरती देख सके। शक्ति और काशी घाट की ओर चले जा रहे थे , काफी भीड़ थी वहा और ऐसे में शक्ति को बस एक ही डर था की कही कोई उसे काशी के साथ देख ना ले। दोनों सीढ़ियों से होकर पूजा वाली जगह चले आये। कितने दिनों बाद काशी गंगा आरती देख रही थी और उसे यहाँ आकर बहुत अच्छा लग रहा था। हाथ जोड़े अपनी आँखे मूँदे काशी माँ गंगा की आरती में डूब गयी वही शक्ति काशी से थोड़ी दूरी बनाकर खड़ा हो गया ताकि किसी को उस पर शक ना हो की वह काशी के साथ आया है। कुछ वक्त बाद आरती खत्म हुई ,काशी ने अपने बगल में देखा शक्ति वहा नहीं था , काशी ने इधर उधर देखा लेकिन शक्ति उसे कही दिखाई नहीं दिया। शक्ति को ढूंढते हुए काशी वही सीढ़ियों पर घूमने लगी। जब शक्ति उसे नहीं मिला तो मायूस होकर वह वही सीढ़ियों पर आ बैठी। उसका चेहरा उदासी से घिर गया और उसने अपना सर झुका लिया
“क्या हुआ तुम किसी को ढूंढ रही हो ?”,शक्ति ने काशी के बगल में आकर बैठते हुए पूछा
शक्ति की आवाज सुनकर काशी एकदम से चौंकी और अपने बगल में बैठे शक्ति को देखकर उसे मुक्के मारते हुए कहा,”कहा चले गए थे तुम ? पता है हम कितना घबरा गए थे ?”
“हमारे पास तुम्हे दिखाने के लिए कुछ है , आओ हमारे साथ”,शक्ति ने काशी का हाथ थामकर उसे उठाते हुए कहा
काशी शक्ति के साथ चली आयी , उसी घाट के पश्चिम में कुछ सीढ़ियों से ऊपर एक चबूतरा बना था शक्ति काशी को वहा लेकर आया काशी ने जैसे ही वहा का नजारा देखा उसकी आँखे चमकने लगी , उस चबूतरे पर सेंकडो दिए जल रहे थे और बीचों बीच दियो से मिलकर बना “महादेव”लिखा हुआ था। काशी ने उन्हें नजर भरकर देखा और फिर शक्ति की तरफ देखकर कहा,”ये तुमने किया ?”
शक्ति ने अपनी पलकें झपका दी तो काशी ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा,”ये सच में बहुत खूबसूरत है”
शक्ति ने अपनी हथेली में रखे एक आखरी दीपक को काशी के सामने करते हुए कहा,”चलो इसे जलाओ और माँ गंगा में प्रवाहित करके आओ”
काशी ने ख़ुशी ख़ुशी उस दीपक को जलाते हुए कहा,”हम हमेशा साथ रहे और तुम हमेशा ऐसे ही मुस्कुराते रहो”
कहते हुए काशी शक्ति को भी अपने साथ लेकर चली गयी और घाट की आखरी सीढ़ी पर बैठे दोनों साथ साथ उस जलते दीपक को माँ गंगा में प्रवाहित करने लगे। उस वक्त दोनों साथ में काफी खूबसूरत लग रहे थे और माँ गंगा उन दोनों के प्यार के गवाही दे रही थी।
कुछ ही दूर उसी घाट की सीढ़ियों पर अपने दोस्तों के साथ खड़ा राजन काशी को देख रहा था। राजन काशी को पसंद करता था और इस वक्त उसे काशी को शक्ति के साथ देखना बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था।
“बाहर के लौड़े बनारस की लड़किया ले जा रहे है और बनारस के लौंडे बस उन्हें देखकर अपना खून जला रहे”,भूषण ने टूथपिक से अपने दाँत कुरेदते हुए कहा
राजन ने उसे घूरते हुए देखा तो भूषण खिंसिया गया और कहा,”अरे भैया जे लाइन तुम्हरे लिए थोड़ी है , तुमरे लिए तो खास ये है “मुंह तक आया लेकिन गले से ना उतरा”
“ए भूषणवा जियादा जबान ना चलाओ तुम समझे”,राजन ने गुस्से से भूषण की कॉलर पकड़ते हुए कहा
“हम पे काहे गुस्साय रहे हो उह ससुरा शक्ति तुम्हरी नाक के नीचे से लड़की ले गवा , साला तुम का कर लिए ? अपने बाप के कहने पर जाने दिया उसे उस दिन थोड़ी हिम्मत दिखा लेते ना तो आज उह शक्ति की जगह तुम होते”,कहते हुए भूषण ने राजन के हाथो को झटका और और वहा से चला गया
शक्ति बेचारगी से एक बार फिर काशी और शक्ति को देखने लगा। भूषण के कहे शब्द उसे अपने कानो में चुभते हुए महसूस होने लगे।
Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9 Main Teri Heer – 9
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 9
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संजना किरोड़ीवाल
Bhut hi dino k baad shakti se mulakat hui bhut hi mazaa aaya wse gauri ki mummy muraari ko jaanti h mazaa ane wala h
vese to kahani badiya hai lamba part hai par theres two misword are typen .. bythe way nice one
Maan ko bahot miss kiya aaj vansh ko b acha lga kafi dino bad shakti se mil k
Are ye to bawal hi ho gya
Matlab murari to gya
Uska password jo mil gya
So so beautiful❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ part👌👌👌👌👌
Very beautiful
👌 nice ☺️
अब पार्ट पढ़ा है ये…सुबह से वेबसाईट पे शो नहीं हो रहा है…फिर टेलीग्राम से चेक किया तो आज का पार्ट दिखा…. एनीवे ये राजन तो गया… पर पहले भूषण की बैंड बजे…
Nice story
Superb part… Murari ne kitne kaand kiye h ginti hi nhi… gauri ki ma to uski aawaz se pehchan k hi chid gai…. pyar kya kya nhi krwata.. kaashi ko shakti se milne k liye juth bolna pad rha h… sakti nhi chahta ki koi unko sath m dekhe or bawaal ho.. lekin Rajan n dekh liya or wo chup nhi bethega… bhushan jaise chamchon k pass koi kaam nhi chingari laga k tamasha dekhna rehta h…
Very nice 👌
Shakti😍😍😍😍❤️
Kashi or shakti kitne pyare lg re hh pr ye rajan or uska paltu ye bhushan jarur gadbad krenge😏
Murari is unexpected 🤣🤣🤣