मनमर्जियाँ – S17
Manmarjiyan – S17
मनमर्जियाँ – S17
मंजिल एक थी लेकिन सफर में कई लोग थे। अब कहानी में जितने लोग होंगे उतनी प्रेम कहानिया भी होंगी , क्योकि हमारी लिखी कहानियो में तो भैया हर कोई खास होता है। गुड्डू शगुन की प्रेम कहानी थी तो साथ में गोलू पिंकी की नोक-झोंक भी थी , प्रीति-रोहन के झगडे थे तो वेदी और दीपक के नन्हे दिलो में पनपता मासूम प्रेम भी था और हमे सबकी कहानी को मुकम्मल करना था इसलिए इतना लम्बा खिंच रहे है ,
शगुन का गुड्डू के घर रहना उसे पसंद नहीं आ रहा था , उस पर शगुन ने गुड्डू का कमरा भी छीन लिया और साथ ही साथ वह उसे प्यार भरे टॉर्चर भी करने लगी थी। शगुन को मजा चखाने के लिए गुड्डू ने अपने कमरे के फर्श पर पानी गिरा दिया जिस से शगुन फिसल कर गिर जाये और गुड्डू को चैन आये लेकिन बेचारे गुड्डू की सिर्फ यादास्त गयी थी उसकी किस्मत नहीं बदली थी वो कोई काम करे और वो कांड में ना बदले ऐसा भला कभी हो सकता है। गुड्डू के प्लान के मुताबिक शगुन फिसली जरूर लेकिन आकर सीधा गिरी गुड्डू के सीने पर , गुड्डू का दिल तेजी धड़कने लगा , वह बस शगुन की आँखो में देखे जा रहा था। शगुन भी उसकी आँखों में देख रही थी। अचानक शगुन का हाथ गुड्डू के सीने पर आया तो उसे महसूस हुआ की गुड्डू की धड़कने काफी तेज चल रही है। शगुन ने खुद को सम्हाला और उठने लगी लेकिन उसके बाल गुड्डू की शर्ट के बटन में उलझे और वह वापस गुड्डू के सीने पर आ गिरी तो गुड्डू ने धीरे से कहा,”एक ही बार में मार दयो ऐसे झटके काहे दे रही हो ?”
शगुन ने सूना तो उसका दिल धड़कने लगा उसने अपने बाल निकाले और गुड्डू से दूर हटते हुए कहा,”सॉरी वो मैंने देखा नहीं , आप चिल्लाये क्यों ?”
“हम हम कहा चिल्लाये तुमको का नींद विंद में चलने की बीमारी है का ?”,गुड्डू ने कहां जबकि उसकी आवाज सुनकर ही शगुन अंदर आयी थी। शगुन ने कुछ नहीं कहा और जाने लगी तो गुड्डू ने एकदम से कहा,”अरे उधर से जाओ इधर पानी गिरा है”
“आपको कैसे पता ?”,शगुन ने शकभरी नजरो से गुड्डू को देखते हुए कहा
“हमहि ने गिराया है”,गुड्डू ने भी जल्दबाजी में कहा और फिर आँखे मीचे मुंह बनाते हुए दूसरी और देखने लगा और कहा,”हमारा मतलब जाओ हमे सोने दो”
शगुन ने कुछ नहीं कहा और वहा से चली आयी। शगुन पानी का जग लेकर ऊपर कमरे में आयी तो देखा वेदी जाग रही है , शगुन को देखते ही उसने कहा,”क्या भाभी कबसे पानी का वेट कर रहे है हम ? लाओ दो हमे बहुत प्यास लगी है”
शगुन ने वेदी को जग दिया और बैठते हुए कहा,”वेदी तुम्हारे भैया भी बड़े अजीब इंसान है”
“का किया उन्होंने ?”,वेदी ने पानी पीकर जग साइड टेबल पर रखते हुए पूछा
“उन्हें लगता है मैंने उनसे कमरा छीन लिया है इसलिए जब देखो तब गुस्सा होते रहते है”,शगुन ने कहा
“भाभी ये छोटी छोटी नोक झोंक ना आपके और गुड्डू भैया के रिश्ते को ना और मजबूत बना देगी। इंसान की जिंदगी में प्यार एक बार आता है पर गुड्डू भैया को तो दो दो बार प्यार होगा वो भी एक ही इंसान से”,वेदी ने कहा
“वो तो ठीक है वेदी लेकिन उस से पहले ना जाने कितनी बार मुझे उनसे सामना करना होगा , बस महादेव जल्दी से उनकी यादास्त वापस ले आये”,शगुन ने कहा तो वेदी ने उसे पीछे से हग करते हुए कहा,”ओह्ह्ह भाभी हमारे गुड्डू भैया इतने बुरे भी नहीं है देखना धीरे धीरे उनको सब याद आ जाएगा”
“हम्म्म , चलो सो जाओ”,रात बहुत हो चुकी है !”,कहकर शगुन उठी और वेदी की बगल में आकर लेट गयी।
अपने कमरे में लेटा गुड्डू शगुन के बारे में सोच रहा था,”इह हर बार हमही क्यों फंस जाते है ? , जब वो हमारे करीब थी तो हमायी धड़कने ऐसे चल रही जैसे सीना फाड़ के बाहर आएगी , जे कैसी भावनाये है उनके लिए और साला हमहू उनके बारे में काहे सोच रहे है,,,,,,,,,,,,,,,,,बचा लेओ महादेव हमे कोनो कांड ना चाही हमायी जिंदगी में” कहते हुए गुड्डू ने आँखे मीची और सोने की नाकाम कोशिश करने लगा
गोलू सुबह उठकर अपने कमरे से बाहर आया , आँगन की और आते हुए उसने अपनी माँ को आवाज लगाते हुए कहा,”अम्मा चाय पिलाय दयो”
“उठ गए गोलू महाराज जरा हिया आओ”,गुप्ता जी ने अपने दाँत घिसते हुए कहा
“हाँ पिताजी”,गोलू ने उनके सामने आकर कहा तो गुप्ता जी ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”का बेटा बाप से नजरें मिलाय रहे हो सबेरे सबेरे पेले जाओगे”
“अच्छा ठीक है कहिये”,गोलू ने नजरे नीची करके कहा
“बेटा इह तो कन्फर्म है की तुमाओ चल रहो है चक्कर तबही रमाकांत की भांजी से सादी के लिए मना कर रहो , अब जे बताओ उह कौन है जीके पियार में तुमहू बोहराये घूम रहे हो ?”,गुप्ता जी ने कहा तो गोलू का हलक सूख गया क्योकि माँ के सामने तो इंसान अपने दिल की हर बात कह सकता है लेकिन बाप के सामने नहीं और तब तो बिल्कुल नहीं जब बाप गज्जू गुप्ता जैसे हो। गोलू को खामोश देखकर उन्होंने कहा,”का दही जमा लिए हो मुंह में , जवाब काहे नहीं देते”
“पिताजी वो एक ठो लड़की है मतलब हमाये शहर की ही है , हमको बहुते पसंद है और उह भी हमे पसंद करती है”,गोलू ने बड़ी हिम्मत करके धीरे धीरे अटकते हुए कहा। गुप्ता जी ने सूना तो उनकी भँवे तन गयी और उन्होंने कहा,”जे सही है बेटा तुम्हाये बाप दादा ने ना की लब मैरिज तुमहू करी हो , ऐसा जुटियायेंगे ना की अक्ल ठिकाने आ जाही है तुम्हायी , अबे मोहल्ले की लड़की बहन जइसन होती है , तुमहू उसके साथ ब्याह रचाने के सपने देख रहे हो”
“हमायी को बहन वहन नहीं है उह और ना ही हमहू मानते है , ना हमायी कास्ट की तो बहन बोलने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता”,गोलू ने कहा
“तुमहू जो पैदा हो गए हमाये खानदान में , सवाल कहा से पैदा होगा ,,, एक तो लब किये उह भी जात के बाहर तुमहू का भांग वांग खा कर आये हो का गोलू”,गुप्ता जी कहा ने
“यार पिताजी प्यार प्यार होता है कौन जात पात देख के प्यार करता है ?”,गोलू ने बिफरते हुए कहा
“हमहू किये है तुम्हायी अम्मा से”,गुप्ता जी ने चौडाते हुए कहा
“उसको ना सादी कहते है , और का खराबी है पिंकिया में , अच्छी दिखती है , संस्कारी है , अच्छा खानदान है और उस पर उह हमहू से बहुते प्यार करती है”,गोलू ने गुस्से गुस्से में कह दिया। गुप्ता जी कुछ देर सोच में रहे और फिर कहा,”साले तुमहू बाप से बकैती कर रहे हो , रुको अब हे तुम्हाये प्यार का भूत उतारते है , हमायी चप्पल कहा है ?”
कहते हुए गुप्ता जी ने अपनी चप्पल उठायी और गोलू को पुरे घर में दौड़ा दिया। भागते भागते गोलू छज्जे पर जा चढ़ा और कहा,”अरे यार अम्मा रोको यार इन्हे”
रसोई से चाय का कप लिए आती गोलू की अम्मा ने गुप्ता जी के सामने आकर कहा,”अरे का गुप्ता जी काहे परेशान कर रहे है हमाये बेटे को ? रुक जाईये ना”
“अरे तुम्हाये लिए ही तो रुके है गुप्ताइन”,गुप्ता जी ने चप्पल साइड में फेंककर अपनी पत्नी से कहा।
“हमहू चाय लाये है आपके लिए आप है की सबेरे सबेरे चप्पल के उठाय के घूम रहे है”,गुप्ताइन ने चाय का कप गुप्ता जी की ओर बढाकर कहा
“अरे तुम्हाये बेटे है ना इन्होने हमायी नाक में दम कर रखा है उसी को सुधार रहे थे बस”,गुप्ता जी ने बड़े प्यार से कहा
“जाने दीजिये जी बच्चा है”,कहते हुए गुप्ताइन ने गुप्ता जी के कंधे पर हाथ रखा और हाथ के इशारे से गोलू को जाने को कहा।
गोलू मौका देखते ही वहा से भाग गया और सीधा चला आया मिश्रा जी के घर। सुबह सुबह गोलू को अपने घर में आते देखकर मिश्रा जी ने कहा,”का भई गोलू सबेरे सबेरे तीतर होकर कहा जा रहे ?”
“देखो चच्चा ऐसा है सुबह सुबह ना लेक्चर नहीं सुनेंगे हम , हमको भूख लगी है खाना खाने आये है”,गोलू ने उखड़े हुए स्वर में कहा और अंदर चला आया
“इह सुबह सुबह इतना गर्म काहे हो रहा है ?”,मिश्रा जी ने मन ही मन सोचा और गोलू के पीछे आये लेकिन गोलू तब तक सोफे पर बैठे गुड्डू के पास जाकर बैठ गया। अब गुड्डू के सामने गोलू से कुछ पूछना मिश्रा जी को सही नहीं लगा इसलिए चले गए। गोलू को सुबह सुबह देखकर गुड्डू ने कहा,”का बे गोलू कल दिनभर कहा गायब थे ?”
“टेंट लगाने गए थे”,गोलू ने हड़कते हुए कहा
“टेंट ? कैसा टेंट बे ?”,गुड्डू ने पूछा तो गोलू को होश आया और उसने गुड्डू की तरफ पलटकर कहा,”टेंट कैसा टेंट ? हम काहे टेंट लगाएंगे , अरे हमहू तो कह रहे थे की रेंट चुकाने गए थे ,, उह बाबू गोलगप्पे वाला है ना उसका रेंट देने गए थे ,, का है की उसका मकान मालिक थोड़ी चिकाई कर रहा था”
“तो रख के देते दुई कंटाप,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गुड्डू ने ऊपर देखा तो पाया सामने शगुन चाय लिए खड़ी थी। उसे देखते ही गुड्डू को रात वाली बात याद आ गयी और वह दूसरी और देखने लगा।
“गोलू जी आपकी चाय”,कहते हुए शगुन ने चाय का कप गोलू के सामने रखा और चली गयी। शगुन के मुंह से गोलू का नाम सुनकर गुड्डू एकदम से गोलू की ओर पलटा और कहा,”उसको तुम्हारा नाम कैसे मालूम ?”
“उनको का पुरे कानपूर को पतो है हमाओ नाम , और जे आजकल का तुम मोहल्ले की आंटी बने हुए हो साला हर बात में सक , चाय पीने आये है चुप करके चाय पीने दो हमको वरना जा रहे हम”,कहते हुए गोलू उठने को हुआ तो गुड्डू ने उसे वापस बैठा लिया और कहा,”अरे बइठो यार का झगड़ा करके आये हो का किसी से ?”
“ए यार हमाये घर में रावण बैठे है हमहू कहा जायेंगे झगड़ा करने”,गोलू ने चाय का कप उठाते हुए कहा
“मतलब तुम्हाये पिताजी ?”,गुड्डू ने अंदाजा लगाया तो गोलू ने हाँ में गर्दन हिला दी
“उह का किये ?”,गुड्डू ने कहा
“अबे हमायी सादी के पीछे पड़े है कुछ दिनों से , सोते उठते खाते पीते सादी सादी सादी , हमसे ज्यादा तो उनको जल्दी है हमायी सादी की जैसे कानपूर मा बस एक हमही खुले सांड हो”,गोलू का गुब्बार फूट पड़ा
“अरे तुम अकेले थोड़े हो गोलू हमहू भी तो है,,,,,,,,,,,,,,,मतलब खुले सांड तो नहीं है पर सादी तो अभी हमायी भी नहीं हुई है”,गुड्डू ने शरमाते हुए कहा
गोलू ने गुड्डू की और देखा तो गुड्डू ने खिंसियाते हुए कहा,”अच्छा अच्छा ठीक है जे बताओ नाश्ते में का खाओगे ?”
“गोभी के पराठे खाऊंगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,चार,,,,,,,,,,,,,,,,,,चटनी भी चाहिए”,गोलू ने बच्चो की तरह कहा
“ठीक है बनवाते है पर पहले हमारा एक ठो काम करना होगा”,गुड्डू ने कहा
“साले दोस्त नहीं हो तुम दुश्मन हो हमाये बताओ का करना है ?”,गोलू ने कहा
“हमको पिंकिया से मिलना है”,गुड्डू ने सहज होकर कहा
गोलू ने जैसे ही गुड्डू के मुंह से पिंकी का नाम सूना उसका दिल धड़कने लगा कही पिंकी को लेकर गुड्डू के मन में फिर से कोई भावनाये ना जाग जाये सोचकर गोलू ने गुड्डू का मन टटोलते हुए कहा,”काहे ? काहे मिलना है ?”
“बस मिलना है यार उह दिन उह अस्पताल भी आयी थी हमहू से मिलने , हमे पसंद करती है तबही तो हमायी परवाह करते हुए वहा चली आयी। अब हमे मिलना है उस से , मिलवाओगे ना ?”,गुड्डू ने कहा
गुड्डू की बात सुनकर गोलू मन ही मन उलझन में पड़ गया कैसे वह गुड्डू को हाँ कहता। पिंकी से मिलने के बाद गुड्डू की भावनाये पिंकी के लिए फिर से बढ़ जाएगी सोचकर उसने कहा,”पर पिंकिया तो यहाँ है ही नहीं उह तो लखनऊ चली गयी है”
“का सच में ? पर उह लखनऊ काहे चली गयी ?”,गुड्डू ने बेचैनी से पूछा
“माफ़ कर देना पिंकिया”,गोलू ने मन ही मन कहा और फिर गुड्डू से फुसफुसाते हुए कहने लगा,”उह्ह का है न हफ्ते भर पहिले पिंकिया को उसके बाप ने उसके आसिक के साथ पकड़ा था तो खूब सुताई हुई पिंकिया की और पिंकिया के आसिक की ,, अब शहर भर में बदनामी ना हो जे सोचकर शर्मा जी ने भिजवा दिया लखनऊ उनको अपने साले के हिया ,, पर सुने है हुआ भी उसके इश्क़ के किस्से खत्म नहीं हो रहे है,,,,,,,,,,,,,पर्चे पर पर्चे भरे जा रही है”
गुड्डू ने सूना तो उसका मुंह उतर गया गोलू ने देखा उसकी बात जाकर गुड्डू को लग चुकी है उसने उठते हुए गाने लगा,”दिल्ली की ना बम्बई वालो की पिंकी है पैसे वालो की !!”
क्रमश – मनमर्जियाँ – S18
Read More – manmarjiyan-s16
Follow Me On – facebook
Follow Me On – .instagram
संजना किरोड़ीवाल
Uff ye problems
एकदम मजा ही आ रहा है
मैम बेचारा गोलू…कहीं भी चैन नहीं हैं उसकों…वैसे मिश्रा जी गोलू को जो वचन दियें हैं…वहीं वचन गोलू के बहुत काम आयेगा पिंकी से शादी करने में😊 shandaar part👌👌👌👌👌
Very beautiful 😂😂😂😂😂😂
Bechara golu
Merko lgta hh ye jo Mishra ji ne promise Diya tha ye use krega golu apni or pinki ki shadi k liye 😂😂😂
Aj to pinki k ghne hi parche chaap diye golu ne pinki k nam k … Guddu k samne😂😂😂
Guddu phle wali form me aa gya…ek hi bar me mar doo bar bar kya jhatke de ri ho😂😂
Kl pinki ki maa k jawle or aj golu ki maiya ne gupta ji ko apni baato me fsaa liya😂😂😂 sb ek se ek hh pucho hi mt😂😂
गुड्डू तो शगुन के पीछे पड़ने वाला है…और अब उसकी धड़कने भी तेज हो जाती है शगुन के करीब आते ही…हम्म मतलब अब धीरे धीरे गुड्डू के दिल में शगुन के प्यार का बीज फूटेगा…संजना जी इप आराम से कहानी लिखिए…हमें गुड्डू-शगुन के बाद सबसे ज्यादा एक्साईमेंट गोलू की लव स्टोरी के लिए है…हां रोहन-प्रीति और वेदी की भी लव स्टोरी पढ़ने में मजा आएगा
Awesome part
Are yar y guddu kyu phir se pinki pinki karne laga or golu bechare ko apne hi pyar k burayi karni pad rahi hai
dil khush ho gya story pdke bs ab sab kuch thik krdo mam sagun guddu sath ho jaye bs plz
Wauuu very nice part Mam….But ye 18 part open kyu ni ho rha h…
बहुत ही खुबसूरत मोड पर जा रही मनमर्जियां
सभी की जिंदगी मे खुबसूरत पल आने वाले हैं
Episode 18ka intzar
Super