Manmarjiyan Season 3 – 87
Manmarjiyan Season 3 – 87

गोलू के चक्कर में इस बार लवली लल्लन के हाथ लग गया और उसके साथ साथ लल्लन मंगल फूफा को भी उठाकर ले गया। शोर शराबा सुनकर गुप्ता जी बाहर आये तो गोलू को सीढ़ियों पर पड़ा सुस्ता रहा था।
गोलू को देखते ही गुप्ता जी का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा वे गोलू के पास आये लेकिन अगले ही पल गोलू के लिए उनका प्यार गुस्से में बदल गया और उन्होंने गोलू की कोलर पकड़कर उसे उठाते हुए कहा,”का बे ? हिंदी फिलिम के फ्लॉप एक्टर , 56 भोग खाने गए तो वही पसर गए घर वापस काहे नाही आये ? तुम्हरे चक्कर मा साला पुरे कानपूर का चक्कर लगाकर आ गए पर तुम नाही मिले , कौनसे बिल मा घुस गए थे बे ?”
“अरे हमहू का कोनो साँप नेवला है जो बिल मा घुस जायेंगे , अरे बहुते बड़ी परेशानी मा फंस गए थे का बताये आपको ?”,गोलू ने चिढ़कर कहा
“अरे तुमसे बड़ी भी कोनो परेशानी है का तुम्हरे जीवन मा गोलू ? साले तुम जहा होते हो हुआ परेशानी ठुमकते हुए खुद आ जाती है”,गुप्ता जी ने कहा
“अभी हमहू बताएँगे ना छाती फ़ट जाही है आपकी,,,,,,,,!!”,गोलू ने अपनी कोलर सही करके कहा
“उह्ह सब बाद मा बताना पहिले जे बताओ कि अभी गुड्डू हिया था उह्ह कहा चला गवा ? और उह्ह्ह मंगलवा , उह्ह कहा है उह्ह भी कही दिखाई नाही दे रहा और तुमहू कहा से टपक पड़े ?”,गुप्ता जी ने पूछा
“अरे पिताजी जिसको आप गुड्डू भैया समझ रहे है ना उह्ह गुड्डू नाही लबली है,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“फेयर वाली लबली ?”,,गुप्ता ने हैरानी से कहा
“अरे फेयर वाली नाही , लबली अरे गुड्डू भैया का हमशक्ल,,,,,,,बृजेश यादव का लौंडा”,गोलू ने कहा
गोलू के मुंह से बृजेश यादव का नाम सुनकर गुप्ता जी के चेहरे पर उलझन वाले भाव आ गए और उन्होंने पूछा,”तुमहू बृजेश यादव को कैसे जानते हो बे ?”
गुप्ता जी के मुंह से बृजेश यादव का नाम सुनकर गोलू को मौका मिल गया और उसने अकड़कर कहा,”का पिताजी ? आपको का लगा आप अपनी जवानी मा रंगबाजी करेंगे और हमको कुछो पता नाही चलेगा अरे पूरा कच्चा चिटठा खोल के आये है आपका , आप , मिश्रा जी , शर्मा जी और बृजेश यादव की चौकड़ी के बारे मा हमको सब पता चल चुका है ,, है रंगबाजी किये आप लोग भुगत रहे हम और गुड्डू भैया,,,,,,,!!”
अब देखो बाप तो बाप होता है और गोलू के पिताजी तो पहले से ही गोलू के जीवन में शनि बनकर बैठे थे उन्होंने खींचकर एक थप्पड़ मारा गोलू को और कहा,”का बे ? बाप है तुम्हाये हमाये सामने जियादा चौडाये ना तो मुंडी तोड़कर दरवाजे पर टाँग देंगे समझे,,,,,,,,,,हमरा पर्चा खोलेंगे , और तुम्हरे काण्ड के जो रजिस्टर भरे पड़े है हमहू ओह्ह्ह खोले का ? और सबसे पहिले तो हमका उह्ह आदमी का नाम बताओ जोन तुम जे सब बताया है वरना बेटा ऐसी मार मारेंगे जिंदगीभर संडास मा खड़े होकर हगोगे”
एक थप्पड़ में ही गोलू की अकल ठिकाने आ गयी और उसने गाल से हाथ लगाकर कहा,”हम थोड़े कह रहे है उह्ह राजकुमारी भुआ बताये रही हमका और फिर हमाये ससुर भी बताये रहे,,,,,!!”
राजकुमारी भुआ का नाम सुनते ही गुप्ता जी भड़क गए और कहा,”अरे उह्ह मोटकी भुआ और ओह्ह के पतिदेव को आग लगाने के अलावा और कोनो काम नाहीं है , अरे काहे तुम्हरे सामने गड़े मुर्दे उखाड़ी उह्ह,,,,,,,,,,,,का उह्ह नाही जानती मिश्रवा को बृजेशवा के नाम से भी नफरत है और उह्ह तुमको ओह्ह्ह की राम कहानी सुनाय दे रही”
“अरे भुआ ने तो बस नाम बताया है , कहानी तो हमाये ससुर जी बताये रहे”,गोलू ने कहा
“हाँ तो तुम्हाये ससुर का कोनो से कम है , एक नंबर चांडाल है उह्ह भी अरे जब बृजेशवा जे दुनिया मा रहा ही नाही तो फिर ओह्ह के बारे में कहानी काहे सुनाये उह्ह तुमको,,,,,,,,,!!”,गुप्ता जी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“हमको ऐसा काहे लग रहा है कि आपने , शर्मा जी और मिश्रा जी ने अपनी जवानी मा कोनो बड़ा कांड किया है और अब सबसे छुपा रहे है”,गोलू ने बहुत ही सस्पेंस के साथ कहा
“गोलू तुमने कबो अपने घुटनो पर ईंटा खायी है ?”,गुप्ता जी ने अपनी बायीं भँव चढ़ाकर कहा
“नहीं पिताजी,,,,,,,!!”,गोलू ने मासूमियत से कहा
“कहो तो खिला दे,,,,,,,,,,,,का बकलोल के जैसी बातें कर रहे हो तुमहू हमाये सामने , अरे का कांड करेंगे हम अपनी जवानी मा ? काण्ड करते तो आज तुम्हरे 10-12 बहन खेल रहे होते जे घर मा”,गुप्ता जी ने पहले प्यार से कहा और फिर एकदम से भड़क गए
“अरे तो फिर आप बताते काहे नाही जे सब का मेटर है ? साला आप लोगो की वजह से पिछले 5 दिन से हम और गुड्डू भैया मारे मारे फिर रहे है। मिश्रा जी से लेकर आधे कानपूर से मार खा चुके है , अरे पागलखाने से लेकर जीते जी श्मशान तक पहुँच गए एक उह्ह लबली के चक्कर मा,,,,,,,,,,गुड्डू भैया जैसा ही दिखता है उह्ह बिल्कुल फोटोकॉपी और इह चक्कर मा कित्ती बार गुड्डू भैया को लबली तो लबली को गुड्डू भैया समझ बैठे है , लबली के चक्कर मा गुड्डू भइआ को मारे सो अलग,,,,,,,,,,,,
अरे का का नहीं किये जे सब के चक्कर मा उह्ह्ह चांडाल फूफा ओह्ह से भी तमीज से बात किये और उह्ह्ह मोटकी भूआ उह्ह तो जब देखो आकर ऐसे चिपकती है जैसे फेविकोल का डिब्बा मल लिया हो अपने पुरे शरीर पर , अरे ओह्ह भठूरे जैसी , गिद्ध जैसी आँखों वाली भुआ की दिल पर 100 किलो का पत्थर रखकर कित्ती बार तारीफ की है ओह्ह्ह की का बताये,,,,,,,,,साला एक लबली को सम्हाल नहीं पा रहे थे कि अम्मा ने जे दुसरा भांड और बुला लिया”,गोलू ने भड़ास निकालकर कहा
“भांड कौन ?”,गुप्ता जी ने पूछा
“अरे उह्ह , अम्मा का फूफा , का नाम है ओह्ह का हाँ मंगल फूफा , अरे काहे का फूफा ? शादी तो हुई नहीं है अभी , उह्ह्ह हिया चले आये और हमरे बनते बनते काम को बिगाड़ दिया। लबली हमाये हाथ में ही था पर उह्ह फूफा की वजह से भाग गवा ,, जे से पीछा छुड़ाए तो हुआ मिश्रा जी के घर मा उह्ह चांडाल फूफा हमाये पीछे पड़ गवा ओह्ह से पीछा छुड़ाकर भागे तो एक नयी ही मुसीबत हमको गले लगा ली और उठाकर फेंका हमको प्रवचन की गोद मा”,गोलू ने झुंझलाकर कहा
“अब इह प्रवचन कौन है ?”,गुप्ता जी ने फिर पूछा
“अरे उह्ह्ह है कोई , जे साले लबली ने 50 ठो तो दुश्मन पाल रखे है अपने , ओह्ह के चक्कर मा उह्ह गुड्डू भैया को धर लिया सिर्फ हम और गुड्डू भैया जानते है कैसे निकले है ओह्ह्ह के चंगुल से और तब से उह्ह हाथ धोकर हम दोनों के पीछे पड़ा है और वही लेकर गवा है लबली और मंगल फूफा को उठाकर”,गोलू ने कहा और हाफने लगा
गोलू को हांफते देखकर गुप्ता जी उसके पास आये और उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा,”ए बेटा ! ए गोलू , ए जे अपने पाव भर भेजा मा इत्ती टेंशन लेकर काहे घूम रहे हो ? साँस ल्यो , शांत हो जाओ,,,,,,,,,,,,हमको सब समझ आ गवा”
“अरे हमहू 5 दिन से आपको और मिश्रा जी को सब बताने की कोशिश कर रहे है पर आप दोनों मिलकर हर बार हमे ही सूत दे रहे है”,गोलू ने रोआँसा होकर कहा
गुप्ता जी ने गोलू को सीढ़ियों पर बैठाया और कहा,”अबे तो तुम भी कमाल करते हो ना गोलू , पहिले ही साफ़ साफ़ बता देते तो इत्ता भागमभाग नहीं ना होता , तबही हमहू सोचे साला आज सुबह गुड्डू तुम्हरे लिए इत्ता गलत बात कैसे कह दिया ? उह्ह गुड्डू नाही उह्ह्ह तो ओह्ह का हमशक्ल था। पर चिंता नाही करो उह्ह लबली भी सही हाथों मा चला गवा है और मंगलवा का मेटर भी क्लोज,,,,,,,,,,,,!!”
कहकर गुप्ता जी ख़ुशी ख़ुशी जैसे ही पलटे पीछे खड़ी गुप्ताइन को देखकर उनकी सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी वे गुप्ताइन को कुछ समझाते इस से पहले ही गुप्ताइन ने कहा,”का किये हमरे मंगल फूफा के साथ आप गोलू के पिताजी ?”
“हम हम कहा कुछो किये ? हम तो कुछ नाही किये”,गुप्ता जी ने कहा
“कानों मा रुई नाही डाले है हम , अभी आपको जे कहते सुने है कि मंगलवा का मेटर क्लोज , बताओ का किये हमरे मंगल फूफा के साथ ? बाप बेटा मिल के सुलटाय तो नाही दिए ओह्ह्ह का ?”.गुप्ताइन ने कहा
गोलू ने सुना तो जल्दी से उठकर अपनी अम्मा के सामने आया और खीजते हुए कहा,”अरे हम का गुंडे मवाली लगते है जो सुलटाय देंगे ओह्ह्ह का ? एक तो जे घर मा सब के सब सरपंच है , सीधी बात कोनो समझता ही नाही है,,,,,,,,,,एक नंबर के रंगबाज है आपके मंगल फूफा। अपने से आधी उम्र की औरत के चक्कर मा डाकू से आशिक़ बन गए है अरे सही उम्र मा भुआ ढूंढ ली होती ना आपने तो जे दिन देखने को नाही मिलता।
हर किसी के मामले मा अपनी ढाई फुट की टाँग हर जगह घुसाने आदत है ना उनको ओह्ह्ह की वजह से उठा कर ले गए उनको,,,,,,,,,,अब वहा देखे साजन की आँखों में प्यार , छिनरा कही के,,,,,,,!!”
गुप्ताइन ने सुना तो उनका मुँह खुला का खुला रह गया। गुप्ता जी ने गुप्ताइन को अंदर भेजा और गोलू के पास आकर कहा,”अबे शांत हो जाओ गोलू का दिमाग की नसें फाड़ लोगे , प्रॉब्लम लवली था ना तो उह्ह पकड़ा गया तो फिर अब का टेंशन है ?”
“टेंशन ? उह्ह्ह लबली का मोहल्ले का प्यार है जो एक बार चला गवा तो वापस नाही आएगा ? अरे उह्ह इतना तिकड़मबाज आदमी है कि घूम फिर कर फिर आ जाएगा गुड्डू भैया की जिंदगी मा”,गोलू ने कहा
“हम्म्म तो जे समस्या है पर अब जे का हल एक ही आदमी के पास है”,गुप्ता जी ने सोचते हुए कहा
“और उह्ह आदमी है मिश्रा जी क्योकि कांड तो उन्होंने ही किया है , ए पिताजी आपको नाही लगता मिश्रा जी सबसे कुछो छुपा रहे है। हमका एक ठो बात बताओ जे गुड्डू भैया क्या सच में मिश्रा जी की औलाद है ?”,गोलू ने गंभीरता से कहा
“गुडडुआ जब पैदा हुआ तब से लेकर अब तक तो हमहू ओह्ह्ह का मिश्रा के घर मा ही देखे है तो इह हिसाब से तो मिश्रा जी के लौंडे हुए,,,,,,,,,,,!!”,गुप्ता जी ने भी उतनी ही गंभीरता से कहा
“नहीं हमरा मतलब , मिश्राइन के अलावा उनका बाहर किसी से,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा और फिर एक थप्पड़ उसके गाल पर लगा और गुप्ता जी ने गुस्से से कहा,”का छिनरा समझ लिए हो हमरे दोस्त को,,,,,,,,,,गुंडई करते थे रंगबाजी नाही,,,,,,,,,,,,जबान खींच लेंगे कुछ भी अंट शंट बके तो”
गोलू कुछ कहता इस से पहले मिश्रा जी की आवाज दोनों बाप बेटे के कानो में पड़ी,”गोलू ने कुछो गलत नाही पूछा गुप्ता”
मिश्रा जी को वहा देखकर गोलू हैरान था और गुप्ता जी परेशान , गुप्ता जी मिश्रा जी के पास आये और कहा,”अरे जे लौंडा लोगन की बुद्धि पर पत्थर पड़ गवा है
कुछ भी अनाप शनाप बके जा रहे है , अरे हम इनसे ज्यादा जानते है आपके बारे मा,,,,,,,,,!!”
“हमरी एक ठो गलती की वजह से आज सबको परेशान होना पड़ रहा है,,,,,,,,,सच का है जे हमे सबको पहिले ही बता देना चाहिए था”,मिश्रा जी ने हताश होकर कहा तो गोलू उनके पास चला आया और कहा,”वही तो हम जानना चाहते है चाचा कि आखिर सच का है ? गुड्डू भैया जैसा दिखने वाले उह्ह लबली से आपका का रिश्ता है और उह्ह कानपूर काहे आया है ?”
“तुम्हरे सब सवाल का जवाब हमहू जरूर देंगे गोलू पर पहिले हमे जे बताओ लबली कहा है ?”,मिश्रा जी ने पूछा
“ओह्ह का उह्ह्ह मन्जन उठाकर ले गवा”,गोलू को लल्लन का नाम अब भी याद नहीं था
“जे कौन है ?”,मिश्रा जी ने भी पूछा
“अरे इह पगला गवा है मिश्रा जी अभी थोड़ी देर पहले प्रवचन बोल रहा था अब मंजन बोल रहा है थोड़ी देर मा निरमा साबुन भी बोलेगा”,गुप्ता जी ने चिढ़कर कहा तो गोलू उन्हें घूरने लगा और मिश्रा जी की तरफ देखकर कहा,”अरे हमको उसका नाम याद नाही है पर उह्ह्ह लबली का दुश्मन है चकिया से आया था , उसी ने तो हमे और गुड्डू भैया को बंदी बना लिया था कित्ती मुश्किल से बचकर आये है हम का बताये”
“गुड्डू कहा है ?”,मिश्रा जी ने परेशानी भरे स्वर में पूछा
“गुड्डू भैया बस स्टेण्ड है चंदौली की बस पकड़ने गए है , हम भी वही जा रहे थे लेकिन उह्ह गुंडे लोग हमरे पीछे पड़ गए और भागते भागते हम हिया आ पहुंचे”,गोलू ने कहा
गोलू के मुंह से चंदौली का नाम सुनते ही मिश्रा जी को सब याद आ गया और बीते पल उनकी आँखों के सामने घूमने लगे।
बृजेश , शर्मा जी , गुप्ता जी और अपनी दोस्ती , सरकारी हॉस्पिटल , बिस्तर पर लेटी मिश्राइन , जुड़वा बच्चे जिन्हे मिश्रा जी और बृजेश ने अपने हाथो में उठा रखा था , बृजेश का झगड़ा और बृजेश का कानपूर से चले जाना सब किसी फिल्म की तरह मिश्रा जी की आँखों के सामने घूमने लगा।
मिश्रा जी को खोया हुआ देखकर गोलू ने कहा,”का बात है चचा , आप का सोचने लगे ?”
मिश्रा जी की तंद्रा टूटी और उन्होंने कहा,”गोलू हमे गुड्डू को चंदौली जाने से रोकना होगा , वहा जाकर गुड्डू फिर से कोनो मुसीबत में ना फंस जाए”
“ल्यो हमहू सोचे सब ठीक हुई गवा और आप कह रहे है मुसीबत अभी बाकी है,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा और अपना सर पकड़कर नीचे बैठ गया
मिश्रा जी ने देखा तो गुस्से से कहा,”गोलू उठो ! जे बख्त मातम मनाने का नाही है जाकर गुड्डू को रोको तब तक हमहू पता लगाते है लबली कहा है ?”
“अब आपको लबली की चिंता काहे हो रही है ?”,गोलू उठा और झुंझलाकर कहा
“क्योकि लबली गुड्डू का बड़ा भाई है,,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहा
गुप्ता जी ने सूना तो उनका मुँह खुला का खुला रह गया और गोलू की आँखों के आगे तो अन्धेरा छा गया और उसने अपना सर पकड़कर कहा,”ए पिताजी ! हमको चक्कर आ रहा है ? अरे जे मिश्रा जी हमरे आगे आउट ऑफ़ सेलेब्स बात काहे कर रहे है ? ए हमको कोई होश मा लाओ रे,,,,,,,!!”
“गुप्ता ! खड़े खड़े देख का रहे हो दुइ कान के नीचे धरो और होश मा लाओ इह का , गुड्डू को रोकने हम जाते है”,कहकर मिश्रा जी वहा से चले गए और गोलू बेहोश होकर नीचे आ गिरा क्योकि इतनी बड़ी बात सुनकर तो किसी को भी सदमा लग जाए,,,,,,,,,,,,,पर आप लोगो को नहीं लगेगा क्योकि आप सब तो पहले से जानते है कि गुड्डू और लवली आपस में जुड़वा है हाँ राज क्या है वो आने वाले भागो में मिश्रा जी बताएँगे,,,,,,,,,,!!
Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87
Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87Manmarjiyan Season 3 – 87
- Continue With Manmarjiyan Season 3 – 88
- Visit https://sanjanakirodiwal.com
- Follow Me On http://instagram.com/sanjanakirodiwal/
संजना किरोड़ीवाल
अब देखो बाप तो बाप होता है और गोलू के पिताजी तो पहले से ही गोलू के जीवन में शनि बनकर बैठे थे उन्होंने खींचकर एक थप्पड़ मारा गोलू को और कहा,”का बे ? बाप है तुम्हाये हमाये सामने जियादा चौडाये ना तो मुंडी तोड़कर दरवाजे पर टाँग देंगे समझे,,,,,,,,,,हमरा पर्चा खोलेंगे , और तुम्हरे काण्ड के जो रजिस्टर भरे पड़े है हमहू ओह्ह्ह खोले का ? और सबसे पहिले तो हमका उह्ह आदमी का नाम बताओ जोन तुम जे सब बताया है वरना बेटा ऐसी मार मारेंगे जिंदगीभर संडास मा खड़े होकर हगोगे”