Pasandida Aurat – 7

Pasandida Aurat – 7

Pasandida Aurat
Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal

मरुधर सोसायटी , मकान नंबर 154 , सिरोही , राजस्थान
एक गाड़ी मकान नंबर 154 के सामने आकर रुकी , गाडी का पिछले दरवाजा खोलकर एक लड़की नीचे उतरी और ड्राइवर को पैसे देकर मकान के सामने चली आयी। उसने एक बार बेल बजायी और फिर गुस्से में तब तक बजाती ही चली गयी जब किसी ने दरवाजा नहीं खोला। घर के अंदर हॉल में अखबार पढ़ रहे जगदीश माथुर डोरबेल सुनकर परेशान हो गये वे जैसे ही जाने के लिए उठे किचन में काम करती उनकी पत्नी गिरिजा माथुर बाहर आते हुई बोली,”कौन बेवकूफ है जो ऐसे बेल बजा रहा है ?”


“रुको ! मैं देखता हूँ”,कहकर माथुर साहब बाहर आये और मेन गेट खोला तो सामने खड़ी लड़की को देखकर हैरानी से कहा,”क्या बात है बेटा तुम ऐसे घर की बेल क्यों बजा रही हो ? कौन हो और क्या चाहिए तुम्हे ?”
“मैं कौन हु , क्या ये आपको आपके बेटे सिद्धार्थ ने नहीं बताया ?”,लड़की ने गुस्से से कहा
सिद्धार्थ का नाम सुनकर जगदीश जी हैरानी से लड़की को देखने लगे क्योकि आज से पहले सिद्धार्थ से मिलने कोई लड़की ऐसे घर तो नहीं आयी थी।.वे कुछ समझ पाते इस से पहले ही लड़की उन्हें साइड कर दनदनाते हुए अंदर चली गयी।

जगदीश जी उसके पीछे आये लेकिन तब तक लड़की हॉल में आ चुकी थी। गिरिजा ने हैरानी से लड़की को देखा और फिर अपने पति की तरफ देखा तो जगदीश जी ने कहा,”गिरिजा ये लड़की कह रही है कि ये सिद्धार्थ को जानती है”
“सिद्धार्थ को , लेकिन उसने तो कभी,,,,,,,,,,,,!!”,गिरिजा ने बस इतना ही कहा कि तभी लड़की ने कहा,”ओह्ह्ह तो आपके बेटे ने आप लोगो को कुछ नहीं बताया , नमस्ते मेरा नाम है नंदिनी , नंदिनी वर्मा और मैं आपके बेटे की गर्लफ्रेड हूँ। गर्लफ्रेंड का मतलब समझते है ना आप लोग , सिद्धार्थ और मैं एक दूसरे से प्यार करते है और पिछले 1 साल से दोनों साथ है।

मुझे बड़े बड़े सपने दिखाकर मुझसे शादी का वादा करके अब वह किसी और से शादी करने जा रहा है तो मैं ऐसा होने नहीं दूंगी,,,,,,,,,जब मैंने उसे आप लोगो से बात करने को कहा तो वह बहाने बनाने लगा , उसे क्या लगता है मैं बेवकूफ हूँ वो एक साल तक मेरे साथ रहकर मेरे साथ प्यार का नाटक करेगा और मैं उसे छोड़ दूंगी,,,,,,,,,!!”
“ये क्या कह रही हो तुम ? हमारा बेटा ऐसा नहीं है तुम्हे जरूर कोई ग़लतफ़हमी हुई है बेटा , सिद्धार्थ किसी के साथ ऐसा मजाक नहीं कर सकता”,जगदीश जी ने नरम स्वर में कहा  


“आपका बेटा क्या क्या कर सकता है ये आपको नहीं पता इसलिए आप चुप रहिये”,नंदिनी ने जगदीश जी को ऊँगली दिखाकर गुस्से से कहा
गिरिजा अपने पति की बेइज्जती बर्दास्त नहीं कर पायी इसलिए गुस्से से कहा,”ए लड़की ! बड़ो से किस तरह बात की जाती है इसकी तमीज नहीं है तुम्हारे अंदर , ये तुम्हारे बाप की उम्र के है और तुम इनसे ऐसे पेश आ रही हो,,,,,,,,,!!”


“इसे कुछ भी कहने का कोई फायदा नहीं है गिरिजा , सिद्धार्थ को फोन करो और उसे अभी घर आने को कहो”,जगदीश जी ने गुस्से से कहा
“हाँ हाँ बुलाइये , अब वही आकर बताएगा सच क्या है ? बुलाइये उसे”,नंदिनी ने कहा
गिरिजा ने एक नजर नंदिनी को देखा और फिर टेबल पर रखे अपने फोन की तरफ चली आयी। उन्होंने अपने फोन से अपने बेटे सिद्धार्थ का नंबर डॉयल किया और एक दो रिंग जाने के बाद सिद्धार्थ ने फोन उठा लिया।


“सिद्धू ! जहा भी हो तुंरत घर आओ , तुम्हारे पापा ने तुम्हे घर बुलाया है”,गिरिजा ने कहा
“क्या हुआ मम्मी ? आप इतनी परेशान क्यों है और आपको पता है ना मैं अभी ऑफिस में हूँ,,,,,,!!”,दूसरी तरफ से सिद्धार्थ की आवाज आयी।
“कोई नंदिनी घर आयी है और तुम्हे लेकर उलटी सीधी बाते कर रही है , तुम अभी और इसी वक्त घर आओ”,गिरिजा ने थोड़ा कठोरता से कहा। उधर जब सिद्धार्थ ने सुना तो उसका दिल धड़क उठा और गला सुख गया उसने आने का कहकर फोन काट दिया।


गिरिजा ने फोन रखा और अपने पति की तरफ आकर कहा,”वो आ रहा है,,,,,,,,,,!!”
नंदिनी को खामोश देखकर जगदीश जी उसके सामने आये और कहा,”देखो बेटा ! मैं ये नहीं कह रहा कि सिद्धार्थ और तुम एक दूसरे को नहीं जानते पर तुम जो कह रही हो वो सच नहीं हो सकता। हमारा बेटा ऐसा नहीं कर सकता , तुम्हे जरूर कोई ग़लतफ़हमी हुई है,,,,,,,,,,!!”


नंदिनी ने सुना तो उसका गुस्सा दुःख में बदल गया और उसने रोआँसा होकर कहा,”किसी लड़की को ऐसी ग़लतफ़हमी कैसे हो सकती है अंकल ? सिद्धार्थ ने कभी आप लोगो को मेरे बारे में बताया ही नहीं तो आप लोगो को कैसे पता होगा ? उसने मुझसे शादी का वादा किया , मेरे साथ रिलेशनशिप में रहा , घुमा फिरा और अब जब आप लोगो ने शादी के लिए लड़की देखी तो वह उस से शादी करने के लिए तैयार हो गया। अगर वो ऐसा करेगा तो मैं कहा जाउंगी,,,,,,,मैं उसे ऐसे मेरी जिंदगी बर्बाद करने नहीं दूंगी,,,,,,,,,,!!”


 गिरिजा जी ने सुना तो उन्हें टेंशन होने लगी वे जगदीश जी के पास आयी और कहा,”ए जी ! ये लड़की ये सब क्यों कह रही है ? सिद्दू कभी मुझसे कोई बात नहीं छुपाता फिर उसने इतनी बड़ी बात हम लोगो से क्यों छुपाई ?”
“शांत हो जाओ गिरिजा ये तो अब सिद्धार्थ ही बताएगा , उसे आने दो”,जगदीश जी ने कहा और सोफे पर आ बैठे। उन्होंने नंदिनी से भी बैठने को कहा तो नंदिनी बगल में पड़े सिंगल सोफे पर आ बैठी। गिरिजा वही खड़ी सिद्धार्थ के आने का इंतजार करने लगी।

नंदिनी वर्मा , उम्र 26 साल सिरोही की रहने वाली थी। नंदिनी यही सिरोही से कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रही थी। नंदिनी में दिखने में सामान्य लेकिन सुन्दर नैन नक्श की हक़दार थी। उसने जींस और स्लीवलेस लॉन्ग कुर्ती पहनी थी , बालों को समेटकर क्लेचर खोंस रखा था जिसमे से उसके बालों की कुछ लटें यहाँ वहा झूल रही थी। आँखों में गहरा काजल , होंठो पर लिपस्टिक और कानो में छोटे छोटे बुँदे पहने थी। नंदिनी के घर में उसके मम्मी पापा और एक भाई था।

सिद्धार्थ से उसकी मुलाकात एक साल पहले यही सिरोही की डांडिया नाईट में हुई थी और वही से इनकी दोस्ती भी , दोस्ती कुछ दिनों में प्यार में बदल गयी और दोनों पिछले एक साल से साथ थे। नंदिनी ने कई बार सिद्धार्थ से अपने मम्मी पापा से मिलवाने को कहा लेकिन सिद्धार्थ हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर बात टाल दिया करता था। आज नंदिनी पहली बार उसके घर आयी भी तो इस तरह,,,,,,,,!!”


सिद्धार्थ के मम्मी पापा और नंदिनी ख़ामोशी से उसका इंतजार कर रहे थे। कुछ देर बाद सिद्धार्थ की गाड़ी आकर घर के बाहर रुकी , वह गाडी से उतरा और अंदर आया। नंदिनी को अपने घर में देखकर सिद्धार्थ एक बरगी ठिठका लेकिन फिर अपने चेहरे पर कठोर भाव लेकर नंदिनी की तरफ आकर गुस्से से लेकिन दबी आवाज में कहा,”नंदिनी ये सब क्या है ? तुम यहाँ आकर ये तमाशा क्यों कर रही हो ?”


“तमाशा ? तमाशा तो तुमने किया है मेरे साथ सिद्धार्थ प्यार का नाटक मुझसे और शादी किसी और से,,,,,,,,,,नयी मिल रही है तो प्यार को भुला दिया , क्या अब भी तुम्हारा और गिरना बाकी रह गया है ?”,नंदिनी ने गुस्से से कहा
सिद्धार्थ नंदिनी से कुछ कहता इस से पहले जगदीश जी सिद्धार्थ के पास आये और गुस्से से उसकी बांह पकड़कर उसे अपनी तरफ करके कहा,”सिद्धार्थ कौन है ये लड़की और यहाँ क्यों आयी है ? ये बार बार ये क्यों कह रही है कि तुमने इसे धोखा दिया है ? सच क्या है बताओ मुझे , क्या यही दिन दिखाने के लिए तुम्हे पाल पोसकर बड़ा किया हम लोगो ने,,,,,,,,!!”


“बोलो बेटा आखिर ये लड़की ये सब क्यों कह रही है ? क्या तुमने इस से शादी का वादा किया था ?”,गिरिजा ने पूछा
“मम्मी ये लड़की झूठ बोल रही है ऐसा कुछ भी नहीं है , हम दोनों सिर्फ अच्छे दोस्त है और मैंने इस से शादी का कोई वादा नहीं किया है,,,,,,,,,,!!”,सिद्धार्थ ने दुखी स्वर में लेकिन गुस्से से कहा
नंदिनी ने सुना तो फ़टी आँखों से सिद्धार्थ को देखने लगी सिद्धार्थ अपने घरवालों के सामने कितनी आसानी से मुकर गया। जगदीश जी ने सुना तो गुस्से से कहा,”तो फिर ये लड़की ये  क्यों कह रही है कि ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड है ?”


“पापा मैं आपको समझाता हूँ आप मुझे दो मिनिट दीजिये,,,,,,,,,,!!”,कहकर सिद्धार्थ नंदिनी की तरफ पलटा और उसका हाथ पकड़कर उसे अपने साथ बाहर ले जाते हुए कहा,”मेरे साथ आओ,,,,,,,,!!”
“सिद्धार्थ छोडो मुझे,,,,,,,,,!!”,हॉल से बाहर आकर नंदिनी ने गुस्से से कहा
“तुमने यहाँ आकर अच्छा नहीं किया नंदिनी , मैंने तुमसे कहा था ना मैं सही मौका देखकर मम्मी पापा को हमारे बारे में बता दूंगा फिर तुम यहाँ ऐसे क्यों चली आयी ? तुम्हारी वजह से मम्मी पापा मेरे बारे में कितना गलत सोच रहे होंगे ?”,सिद्धार्थ ने बेचैनी भरे स्वर में कहा  

नंदिनी ने सुना तो सिद्धार्थ को देखा और गुस्से से कहा,”कब ? तुम्हारी शादी होने के बाद , देखो सिद्धार्थ तुम मुझे बेवकूफ समझने की भूल मत करना समझे,,,,,,मैं तुम्हारी शादी किसी और से होने नहीं दूंगी और मुझे यहां तक आने के लिए तुमने मजबूर किया है समझे,,,,,,,,मैं तुम्हे इतनी आसानी से नहीं छोडूंगी , तुम्हारा मन किया तब तक तुम साथ रहे और अब तुम्हे लगता है तुम मुझे छोड़कर किसी और से शादी कर लोगे तो ये मैं होने नहीं दूंगी,,,,,,,!”


आखरी शब्द नंदिनी ने थोड़ा चिल्लाकर कहे तो सिद्धार्थ ने हवा में हाथ उठाकर कहा,”चिल्लाओ मत नंदिनी , आस पास लोग सुनेंगे तो क्या इज्जत रह जाएगी मेरी,,,,,,,तुमने यहाँ आकर बहुत बड़ी गलती की है , अभी के लिए यहाँ से जाओ मैं तुम से शाम में मिलता हूँ,,,,,,,,प्लीज”
नंदिनी मुस्कुराई और ताना मारकर कहा,”इज्जत की परवाह तब करनी चाहिए थी जब तुमने मुझे धोखा देने का सोचा , अभी के लिए तो मैं यहाँ से जा रही हूँ लेकिन इसका मतलब ये नहीं है सिद्धार्थ कि मैं तुम्हे ऐसे ही छोड़ दूंगी

, आज शाम तुम मुझसे मिल रहे हो और अब वही होगा तुम्हारा फैसला,,,,,,,और ये जो मैंने किया है तुम्हारे घर आकर आई नो ये थोड़ा ज्यादा हो गया बट यू डिजर्व देट बेबी ,, प्यार और जंग में सब जायज है ये मैंने तुम से ही सीखा है,,,,!!”
नंदिनी ने सिद्धार्थ के गाल पर ऊँगली घुमाकर कहा और घर का मेन गेट खोलकर वहा से चली गयी।

सिद्धार्थ वही खड़ा रहा , परेशानी के भाव उसके चेहरे से साफ़ झलक रहे थे उसके माथे पर पसीने की बुँदे उभर आयी थी और दिल एक अजीब बेचैनी से धड़क रहा था। सिद्धार्थ ने एक गहरी साँस ली और अंदर चला आया। वह अपने पापा के सामने आया।  सिद्धार्थ ने जैसे ही कुछ बोलना चाहा जगदीश ने खींचकर एक तमाचा सिद्धार्थ के गाल पर रसीद कर दिया और कहा,”मेरी इज्जत को मिटटी में मिलाते हुए तुम्हे शर्म नहीं आयी , यहाँ मैं तुम्हारा रिश्ता श्रीवास्तव की लड़की से तय कर चुका हूँ और तुम एक दूसरी जाति की लड़की से इश्क़ लड़ा रहे हो,,,,,,,!!”


अपने पापा की बात सुनकर सिद्धार्थ ने सर झुका लिया इस वक्त उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। नंदिनी की वजह से उसके पापा उस पर बहुत गुस्सा थे और उन्होंने सिद्धार्थ पर हाथ तक उठा दिया। गिरिजा ने देखा तो जगदीश को रोकते हुए कहा,”ये क्या कर रहे है आप ? जवान बेटे पर हाथ उठा रहे है,,,,,,,,,,,!!”
“तुम्हारे इस जवान बेटे ने आज मुझ शर्मिन्दा कर दिया गिरिजा , अरे जरा पूछो इस से कि मैंने इसकी परवरिश में ऐसी क्या कमी रखी जो आज हमे ये दिन देखना पड़ा , एक मामूली सी लड़की यहाँ आकर मुझे ऊँगली दिखाकर चली गयी और इसकी वजह सिर्फ ये है,,,,,,,,,

श्रीवास्तव को इस बारे में पता चला तो क्या इज्जत रह जाएगी मेरी उनके सामने,,,,,,,,,,इस से कहो ये सब खत्म करे , इस हफ्ते श्रीवास्तव अपने घरवालों के साथ रिश्ता पक्का करने आ रहा है और मैं किसी तरह का तमाशा नहीं चाहता , इस से कहो उस लड़की से सारे रिश्ते खत्म करे और नयी जिंदगी के बारे में सोचे,,,,,!!”
“पापा,,,,,,,,,,!!”,सिद्धार्थ ने कुछ कहना चाहा लेकिन जगदीश जी ने उसकी बात काटकर कहा,”वो लड़की इस घर की बहू नहीं बन सकती सिद्धार्थ , अपनी जात बिरादरी बाहर की लड़की से मैं तुम्हारा रिश्ता कभी नहीं कर करूंगा,,,,,,,,,!!”


कहकर जगदीश जी वहा से चले गए। गिरिजा सिद्धार्थ के पास आयी और उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा,”ये सब क्या है सिद्धू ? आज तक तूने मुझसे कोई बात नहीं छुपाई , हर बात बताई फिर ये लड़की , ये तुम्हारी जिंदगी में कैसे आ गयी ?”
सिद्धार्थ इस वक्त कुछ कहने की हालत में नहीं था। उसकी आँखों के सामने बस नंदिनी का चेहरा घूम रहा था। उसने धीरे से गिरिजा का हाथ अपने कंधे से हटाया और अपने कमरे में चला गया। उसने दरवाजा बंद किया और बिस्तर पर आ बैठा।

31 साल का सिद्धार्थ दिखने में काफी हेंडसम और स्टाइलिश था। साढ़े पांच फुट कद , गोरा रंग , काले घने बाल , पतला सुडौल चेहरा , हलकी दाढ़ी मुछ जिन्हे हमेशा सेट करवा कर ही रखता था। सिद्धार्थ को बन ठन कर रहना पसंद था। सिद्धार्थ की अपने रिश्तेदारों से लेकर अपने पड़ोसियों तक से काफी अच्छी बनती थी। सिद्धार्थ काफी पढ़ा लिखा और समझदार लड़का था। एक बड़ी आई.टी. कम्पनी में मैनेजर की पोस्ट पर था और कम्पनी की तरफ से उसे हर साल अचछा पैकेज भी मिलता था।

जगदीश और गिरिजा का इकलौता बेटा होने वजह से उन दोनों की जिम्मेदारी सिद्धार्थ पर ही थी और वह अपने मम्मी पापा को एक अच्छी जिंदगी देना चाहता था। पिछले कुछ दिनों से घर में उसके रिश्ते की बात चल रही थी जिसके लिए सिद्धार्थ ने साफ हाँ नहीं कहा लेकिन हैरानी की बात ये थी कि उसने साफ़ ना भी नहीं कहा पर नंदिनी का अचानक से उसके घर आ जाना उसे परेशानी में डाल गया  

( आखिर नंदिनी और सिद्धार्थ में कौन है सही और कौन है गलत ? नंदिनी के साथ रिलेशनशिप में होते हुए आखिर सिद्धार्थ ने रिश्ते के लिए ना क्यों नहीं कहा ? क्या सिद्धार्थ अपने पापा के खिलाफ जाकर करेगा नंदिनी से शादी ? जानने के लिए पढ़े “पसंदीदा औरत”

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संजना किरोड़ीवाल  

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रुको ! मैं देखता हूँ”,कहकर माथुर साहब बाहर आये और मेन गेट खोला तो सामने खड़ी लड़की को देखकर हैरानी से कहा,”क्या बात है बेटा तुम ऐसे घर की बेल क्यों बजा रही हो ? कौन हो और क्या चाहिए तुम्हे ?”
“मैं कौन हु , क्या ये आपको आपके बेटे सिद्धार्थ ने नहीं बताया ?”,लड़की ने गुस्से से कहा
सिद्धार्थ का नाम सुनकर जगदीश जी हैरानी से लड़की को देखने लगे क्योकि आज से पहले सिद्धार्थ से मिलने कोई लड़की ऐसे घर तो नहीं आयी थी।.वे कुछ समझ पाते इस से पहले ही लड़की उन्हें साइड कर दनदनाते हुए अंदर चली गयी।

रुको ! मैं देखता हूँ”,कहकर माथुर साहब बाहर आये और मेन गेट खोला तो सामने खड़ी लड़की को देखकर हैरानी से कहा,”क्या बात है बेटा तुम ऐसे घर की बेल क्यों बजा रही हो ? कौन हो और क्या चाहिए तुम्हे ?”
“मैं कौन हु , क्या ये आपको आपके बेटे सिद्धार्थ ने नहीं बताया ?”,लड़की ने गुस्से से कहा
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