Manmarjiyan Season 3 – 75

Manmarjiyan Season 3 – 75

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

मिश्रा जी ने गोलू और लवली की अच्छे से धुलाई कर दी और अम्मा की तेहरवी तक दोनों को एक दूसरे से दूर रहने को कहा। लवली तो मिश्रा जी के इस फैसले से खुश था लेकिन गोलू उसे मिश्रा जी की ये बात पसंद नहीं आयी। मिश्रा जी के बाद गोलू फूफा के हत्थे चढ़ गया और उनसे बचने के लिए लल्लन के आदमियों की गाड़ी की गाड़ी की डिग्गी में जा छुपा। अब गोलू जहा हो वहा गड़बड़ ना हो ऐसा भला हो सकता है क्या ? गोलू जैसे ही डिग्गी में छुपा गाडी चल पड़ी और गोलू डिग्गी में बंद हो गया।

गोलू गुड्डू से दूर जाना नहीं चाहता था और भगवान् ने भी गोलू की सुन ली तभी तो उसे गुड्डू के पास लेकर जा रहे थे। गाड़ी लल्लन के अड्डे पर पहुंची , दोनों आदमी नीचे उतरे और अंदर चले आये। उन्हें देखते ही गुड्डू का चेहरा खिल उठा उसने आदमियों को देखते ही कहा,”ए लल्लन भैया , इह आ गए तुम्हरे आदमी पूछो इनसे हम वहा थे कि नाही,,,,,,,अरे हम कह ही रहे थे तब से कि हम लवली नहीं है गुड्डू है लेकिन आप लोग मानने को तैयार ही नाही,,,,,,पूछो पूछो अपने आदमियों से,,,,,,!!”


“का रे इह लौंडा जो कह रहा है उह्ह सच है का ?”,लल्लन ने अपने आदमी से पूछा
“इह सच कह रहा है उह घर मा गुड्डू नाम का एक लड़का रहता है,,,,,,,,!!”,एक आदमी ने कहा
गुड्डू ने सुना तो उसके दिल को राहत मिली और उसने कहा,”देखा साला तुम लोग हमरी बात नाही मान रहे थे अब देख ल्यो तुमहाओ खुद को आदमी का कह रहो,,,,,हम ही है गुड्डू और हमरा ही घर है उह्ह अब तो हमका छोड़ दयो”


गुड्डू की बात सुनकर लल्लन ने अपने आदमियों को देखा तो दूसरे आदमी ने कहा,”लेकिन गुड्डू उह्ह घर मा पहिले से मौजूद है और लल्लन भैया ओह्ह की शक्ल ना जे लबली से बिल्कुल मिलती जुलती है,,,,,,,एक बार को तो हम भी गच्चा खा गए थे”


लल्लन ने सुना तो उसकी भँवे तन गयी और गुड्डू का दिल धड़कने लगा। उसने सोचा लवली वापस उसके घर नहीं जाएगा लेकिन लवली तो गुड्डू बनकर फिर उसके घर में मौजूद था। अब तो गुड्डू के लिए खुद को सही साबित करना और भी मुश्किल हो गया। उसने लल्लन की तरफ देखा और कहा,”ए लल्लन भैया ! हमायी बात सुनो हम सच कह रहे है , हम लवली नहीं है हम गुड्डू है। वो धोखबाज लवली गुड्डू बनकर हमारे घर मा घुस गया है

हमरी बात का विश्वास करो हम सच कह रहे है हम लवली नहीं है”
गुड्डू की बात सुनकर लल्लन ने अपने आदमियों से कहा,”तुमको का हमहू बौड़म दिखते है , ए इसको इतना मारो रे कि जे कि हड्डिया भी सच बोलने पर मजबूर हो जाए,,,,,,,,!!”
लल्लन का आर्डर सुनकर तीनो लड़के गुड्डू पर टूट पड़े चौथा लड़का चुंगी हैरान परेशान सा साइड में खड़ा था।

लल्लन उसके पास आया और उसके बाल पकड़कर दाँत पीसते हुए कहा,”का रे चुंगी ! का कहे थे तुम कि तुमहू कबो गलत हो ही नाही सकते,,,,,,तुम्हरे चक्कर में ससुरा इह लवली आज फिर हमाये हाथ से निकल जाता , अगली बार से ज्ञान तब देना जब हम तुमसे मांगे,,,,,,,समझे”
लल्लन ने झटके से चुंगी के बाल छोड़े और आकर कुर्सी पर बैठ गया। लड़के गुड्डू की जमकर पिटाई कर चुके थे और गुड्डू लगभग बेहोशी की हालत में आ गया। उसकी गर्दन साइड में लुढ़क गयी ये देखकर लल्लन ने कहा,”ए छोड़ दो उसे,,,,,,!!”


लड़के साइड हो गए , गुड्डू बेहोश नहीं हुआ था लेकिन वह अब इस स्तिथि में भी नहीं था कि खुद को सही साबित कर सके।
लड़के वापस लल्लन की तरफ चले आये तो उसने एक लड़के से कहा,”तुमको हम दारु का कंटेनर लाने को कहे थे , कहा है ?”
“उह्ह गाड़ी की डिग्गी मा रखा है लल्लन भैया,,,,,,,,,!!”,लड़के ने कहा
“तो का कंटेनर लेने हम जाए,,,,,,,,!!”,लल्लन ने लड़के को घूरकर कहा
“अहह हम ले आते है भैया,,,,,आप काहे जायेंगे”,लड़के ने घबराकर कहा और वहा से बाहर चला गया।
 
लड़का दारू का कंटेनर लेने गाड़ी के पास आया और जैसे ही डिग्गी खोली गोलू को देखा और घबराकर पीछे हटा। डिग्गी में फंसा गोलू डिग्गी की कालिख और गंदगी से पूरा काला हो चुका था। वह बाहर निकला और अपने कपड़ो को झाड़ने लगा। लड़के ने गोलू को पुलिस वाला समझ लिया और चिल्लाते हुए अंदर भागा। गोलू ने उसे भागते देखा और हैरानी भरे स्वर में कहा,”साला भागना तो हमका चाहिए था उह्ह काहे भाग गवा , लगता है हमायी पर्सनालिटी देखकर घबरा गवा”


खुद ही अपनी तारीफ करते हुए गोलू ने जैसे ही गाडी के शीशे में खुद को देखा और अपना काला चेहरा देखकर चिल्लाया। उसने जल्दी जल्दी अपने हाथो को अपने चेहरे पर घुमाया लेकिन कालिख उतरने के बजाय गोलू के पुरे मुंह पर फ़ैल गयी और वह पहले से भी ज्यादा भयानक दिखने लगा। गोलू साइड में आया और देखा वह बस एक टीन शेड का बना घर था बाकि दूर दूर तक कोई घर नजर नहीं आ रहा था।

गोलू वहा से भागने का सोचने लगा तभी लल्लन के चारो आदमियों ने गोलू को धर लिया और उठाकर अंदर चले आये। गोलू को तो जीते जी चार कंधे मिल गए थे ये देखकर वह चिल्लाया,”अबे कौन हो तुम लोग और हमका कहा लेकर जा रहे हो ? अबे नीचे उतारो”
लड़को ने गोलू की एक नहीं सुनी और उसे लाकर लल्लन के सामने धड़ाम से पटक दिया। गोलू पहले ही घर से मार खाकर आया था इतनी जोर से गिरने पर बेचारे की तशरीफ़ की अब तक चटाई बन चुकी थी। वह कराहते हुए उठा और कहा,”अबे ! अबे कौन हो बे तुम लोग और हमका हिया काहे लेकर आये हो ?”


गुडू ने जैसे ही गोलू की आवाज सुनी अपनी आंखे खोली और लल्लन के सामने पड़े गोलू को देखा। गोलू के रूप में ही सही गुड्डू को उम्मीद की एक किरण नजर आयी वह गोलू को अपने यहाँ होने के बारे में कुछ बताता इस से पहले लल्लन बोल उठा,”अबे कहा से उठा के लाये हो इसे ऐसा लग रहा जैसे तंदूर में जलकर आया है,,,,,,,,,,,,साला कलुआ”


अपने लिए काला सुनकर गोलू की आत्मा कीलस उठी वह उठा और लल्लन की तरफ देखकर गुस्से से कहा,”ए ! कलुआ किसको बोला रे ? तुमसे जियादा गोरे है दिखाए का ? रुको अभी दिखाते है,,,,,,,,,,,साला हमको कलुआ बोल रहा है,,,,,,,रोज लक्स साबुन से नहाते है उह्ह गुलाब वाला लक्स और इह हमको कलुआ बोल रहा है”
कहते कहते गोलू ने अपना शर्ट उतार फेंका , पेंट उतार फेंकी और तो और गुस्से में आकर जैसे ही अपना कच्छा उतारने लगा लल्लन चिल्लाया,”अबे रोको इसे , कहा से उठा के लाये हो इसे,,,,,,,,,!!!”


गोलू को होश आया कि अभी तो गुस्से में आकर वह अपने ही हाथो अपनी इज्जत को नीलाम कर देता। उसने जल्दी से अपनी पेंट पहनी तभी लल्लन के आदमी ने कहा,”लल्लन भैया इह गाडी की डिग्गी मा था,,,,,,,!!”
“लल्लन भैया हमको तो लगता है इह खुफिया पुलिस है , कही लबली ने पुलिस को आपके धंधे की जानकारी तो नाही दे दी”,चुंगी ने दबी आवाज में लल्लन से कहा तो लल्लन ने पलटकर उसे देखा। कुछ देर पहले भी चुंगी ने लल्लन से लवली को  

लेकर कुछ कहा था और उसका उलटा हुआ इस बार फिर चुंगी बिना मांगे सलाह दे रहा था। गुड्डू के घर जाने वाले दोनों आदमियों ने गोलू को देखा था लेकिन अभी सामने खड़े गोलू को वे लोग भी नहीं पहचान पाए क्योकि गोलू पूरा काला हो चुका था।


“अरे का मुँह मा दही जमाय लिए हो तुम लोग , हमको हिया काहे लाये हो बताएगा कोई ?”,गोलू ने झल्लाकर कहा और जैसे ही पलटा उसकी नजर कुर्सी पर बंधे गुड्डू पर पड़ी। गुड्डू को वहा देखकर गोलू हैरान रह गया और अगले ही पल उसे मिश्रा जी के घर में मौजूद गुड्डू याद आया। गोलू  उलझन में पड़ गया अगर ये गुड्डू है तो मिश्रा जी के घर पर जो था वो कौन था ? और अगर वो गुड्डू है तो फिर ये कौन है ? गोलू कुछ देर के लिए लवली को भूल गया था।

गोलू को उलझन में देखकर गुड्डू ने कहा,”ये हमको जानता है लल्लन भैया,,,,,,,इसका नाम गोलू है”
“गोलू ? जे कैसा नाम है गोलू,,,,,,ए क्या तुम इसको जानते हो ?”,लल्लन ने गोलू से कहा और एकदम से उसे लवली का ख्याल आया उसने गुड्डू की तरफ देखा और मन ही मन खुद से कहा,”गुड्डू भैया अगर घर पर है तो फिर पक्का ये गुड्डू भैया का हमशक्ल होगा , साला गुड्डू भैया बनकर हमरी आँखों में फिर से धूल झोंकने है पर इह बार हमहू ऐसा नाही होने देंगे,,,,,,आज सही हाथो मा फंसा है इह धोखेबाज , अब देखो बेटा गोलू का दिमाग,,,,,,,!!!”


गोलू गुड्डू के पास आया और उसे देखकर कहा,”इसको तो हम जानते है”
गोलू की बात सुनकर गुड्डू के दिल को एक तसल्ली मिली तभी लल्लन ने कहा,”अच्छा कौन है इह ?”
गोलू ने गुड्डू को पहले प्यार से देखा से देखा और फिर एकदम से घूरकर लल्लन की तरफ आते हुए कहा,”अरे इह है एक नंबर का झूठा , धोखेबाज , चालबाज ,  ढोंगी , पाखंडी हमाये गुड्डू भैया का हमशक्ल,,,,,,,,,लल्लू भैया,,,,,,इह साला”


“अबे लल्लन नाम है हमाओ,,,,,,साले यही पटक के पेल देंगे,,,,,कान मा रुई डाले हो का ?”,लल्लन ने भड़ककर कहा  
गोलू ने तुरंत अपनी जबान सम्हाली और कहा,”अरे सॉरी भैया पर इह साला ना बिल्कुल हमरे गुड्डू भैया जैसा दिखता है इहलीये मिश्रा जी के घर में ओह्ह की जगह लेना चाहता है , हम सुबह से इसके पीछे भाग रहे है पर जे हर बार हमरी आँख मा धूल झोंक के भाग जा रहा है , ए बल्लन भैया”


“अबे बल्लन नाही लल्लन , लल्लन नाम है हमाओ,,,,,,,,!!”,लल्लन चिल्ला उठा तो गोलू सहम गया और कहा,”हाँ तो ठीक है चिल्ला काहे रहे है ? गले का कौआ बैठ गवा न तो कानपूर का कोनो डाकटर ठीक नाही कर पायेगा , हाँ तो हम जे कह रहे थे कि,,,,,,,,,,!!”
“अबे चुप , तू बस इतना बता कि उह गुड्डू है कि नाही,,,,,,,,!!”,लल्लन फिर चिल्लाया
गोलू ने गुड्डू को देखा और कहा,”बिल्कुल नाही है,,,,,,,,!!”


गुड्डू ने जैसे ही सूना गुस्से से कहा,”अबे भंड आदमी का कह रहे हो , अबे हमे नाही पहिचान रहे तुम का पगला गए हो ?”
लल्लन ने गुड्डू की बात को नजरअंदाज किया और गोलू से कहा,”पक्का ये गुड्डू नहीं है ना ?”
“अरे हमहू जान दे देंगे साला अगर इह गुड्डू हुआ तो,,,,,,,,,हो ही नाही सकता अरे अपने गुड्डू भैया को हम नाही पहचानेंगे का ? बंद आँखों से पहिचान लेते है इत्तो प्यार है हमाओ ओह्ह के साथ,,,,,,,,,,!!!”,गोलू ने इतरा कर कहा  

गुड्डू ने सुना तो गुस्से से झल्लाकर कहा,”अबे तुम खुली आँखों से हमे नहीं पहिचान पा रहे गोलू बंद आँखों से घंटा पहचानोगे,,,,,,,साले एक बार हमको हिया से निकलने दो उह्ह लवली से पहिले ना साला तुम्हे पेलेंगे हम,,,,,,,,,,,साले दोस्त नाही दुश्मन हो तुम हमाये , ऐसे पीछे पड़ गए हो हमाये जैसे हमाये नाम की सुपारी ली हो किसी से,,,,,,,,!!”
“अब जे लबली कौन है ?”,गोलू ने असमझ की स्तिथि में कहा
“वही तो है लवली,,,,,,,,!!”,लल्लन ने गुड्डू की तरफ इशारा करके कहा  


“ओह्ह्ह्हह्ह , आउच , इह का मतलब गुड्डू भैया के हमशक्ल का नाम लबली है , का लबली , ए ढक्कन भैया अगर इह लबली है तो इह का फेयर कहा है ?”,गोलू ने हँसते हुए फिर लल्लन को गलत नाम से पुकारा और इस बार लल्लन उबल पड़ा
उसने गोलू को खींचकर एक चाँटा मारा और कहा,”इत्ता फेयर काफी है कि और दे ?”
लल्लन के हाथ से पड़े एक थप्पड़ में ही गोलू का दिमाग ठिकाने आ गया और उसने सीरियस होकर कहा,”अगर इह लबली है तो थैंक्यू हमरी बहुते बड़ी समस्या हल किये हो आप,,,,,,!!”


लल्लन को गोलू थोड़ा सा पागल और सरफिरा लगा वह कुछ कहता इस से पहले गोलू ने कहा,”बस हमरी एक ठो रिक्वेस्ट है,,,,,,,,,,!!”
“का ?”,लल्लन ने पूछा
“हमहू ना इह का दुइ चांटे मारना चाहते है,,,,,,,,,,साला इसकी वजह से बहुते मार खायी है आज हमने मिश्रा जी , बाटा की चप्पल से मिश्रा जी हमाये पिछवाड़े पर जो कलाकारी करे है का बताये एक हफ्ते तक धरती पर बैठ नाही पाएंगे,,,,,,,,,ए सुहागन भैया बस एक मौका देओ हमका हमहू जे का लब और ली अलग अलग कर देंगे”


लल्लन ने फिर अपना नाम गलत सुना तो अपने बाल नोच लिए क्योकि गोलू जैसे प्राणी से वह पहली बार मिल रहा था। वह लड़को की तरफ पलटा और कहा,”अबे कहा से उठा के लाये हो बे इह नमूना,,,,,,,,,,!!”
लल्लन गोलू की तरफ पलटा और अपने गुस्से को काबू में रखकर दाँत पीसते हुए कहा,”ए कलुआ 10 मिनिट है तुम्हाये पास ओह्ह के साथ जो करना है करो और भाग जाओ हिया से,,,,,,,,,!!”

गोलू ने सुना तो खुश होकर अपने दाँत दिखाये और वह काफी भयानक लग रहा था। पुरे मुंह पर कालिख पुती हो और उसके बाद कोई दाँत दिखाए तो कैसा लगेगा ? बस गोलू वैसा ही लग रहा था , लल्लन ने देखा तो पीछे खड़े चुंगी की तरफ पलटकर कहा,”अबे कितना भयानक लग रहा है इह,,,,,,!!!

गोलू गुड्डू की तरफ आया और उसे मारने के लिए जैसे ही हाथ उठाया गुड्डू ने अपनी आँखे मीचते हुए कहा,”गरम गरम तेल में जलेबी है छनती”
“पिंकिया के बाप से हमायी नाही बनती”,गोलू ने हैरानी से कहा और गुड्डू को मारे बिना ही अपना हाथ नीचे कर लिया।
लल्लन और उसके आदमी एक दूसरे को देख रहे थे कि तभी गोलू ने कहा,”गुड्डू भैया आप,,,,,,,,,,,!!”


गोलू के मुंह से गुड्डू भैया सुनकर गुड्डू ने अपनी आँखे खोली और राहत की साँस ली , इतने ड्रामे के बाद ही सही कम से कम गोलू ने उसे पहचाना तो सही।
“अबे अब जे पिंकिया कौन आ गयी बीच मा ?”,लल्लन चिल्लाया
गोलू ने सुना तो पलटा और गुस्से से ऊँगली दिखाते लल्लन की तरफ आते हुए कहा,”ए हमायी डार्लिंग है पिंकिया ओह्ह के बारे में कुछो गलत नाही सुनेंगे समझे  


, और साले बीच उह्ह नाही तुम लोग आये हो। हमरी और गुड्डू भैया की अच्छी खासी कहानी चल रही थी पहिले उह्ह फूफा बीच मा आव रहा , फिर उह्ह  गुड्डू भैया का हमशक्ल का नाम बताये रहय ओह्ह का , हाँ बबली , बबली बीच मा आ गवा , साला ओह्ह से निपटते निपटते मंगल फूफा बीच मा आये रहे और जब ओह्ह का मेटर क्लोज करके शान्ति से खीर पूड़ी खाने का सोचे तो अब तुमहू बीच मा गए,,,,,,,,,,,,अबे हम का जिंदगीभर बिचौलियों से ही निपटते रहेंगे ?”


एक तो गोलू गलत जगह खड़ा था ऊपर से गुस्सा भी गलत आदमी को दिखा रहा था। लल्लन ने गोलू की गुद्दी पकड़ी और दो चार चाँटे रखकर कहा,”अबे तुमको नाम ठीक से ना बोलने की बिमारी है का बे ? लबली को बबली , लल्लन को बब्बन , साले का पानी को मममम कहते हो ,,, कहा तक पढ़े हो ?”
“कॉलेज पास किये है,,,,,,,,,!!”,गोलू ने मिमियाते हुए कहा


“बाप के पैसे बर्बाद ही किये हो फिर तो , ए चुंगी ! थोड़ा परशादी इह का भी देओ और पटक दयो हुआ उह्ह लौंडा के बगल मा,,,,,,,,,,,जे साला गुड्डू और लवली का आखिर चक्कर का है , हम ही पता लगाते है”,कहकर लल्लन बाहर चला गया


“ए लुंगी भैया , ए हमरी बात सुनो उह्ह छग्गन की बात पर जियादा ध्यान ना देओ , ए यार पहिले ही हमहू बहुते मार खा चुके है इह परशादी का पिरोगराम कल रखते है न,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा उसका मानसिक संतुलन सच में बिगड़ चुका था वह सबको गलत नामो से बुला रहा था।
“खड़े खड़े देख क्या रहे हो मारो इसे,,,,,,,!!”.चुंगी ने लड़को से कहा और थोड़ी देर बाद टुटा फूटा गोलू गुड्डू के बगल में पड़ा था।  

गुड्डू ने देखा मार खाने के बाद भी गोलू मंद मंद मुस्कुरा रहा है तो उसने कहा,”इतनी मार खाकर भी तुम हंस रहे हो,,,,,,,,!!!”
गोलू ने गुड्डू की तरफ देखा और कहा,”अरे गुड्डू भैया ! हम तो इह वास्ते हंस रहे कि अभी थोड़ी देर पहिले मिश्रा जी ने अम्मा की तेहरवी तक हमे आपसे दूर रहने को कहा और हमायी किस्मत देखो , उह्ह साली ने हमे फिर आपके बगल मा लाकर पटक दिया , कही आप ही तो पनौती नाही है गुड्डू भैया”
गुड्डू ने सुना खा जाने वाली नजरो से गोलू को देखा , अगर उसके हाथ ना बंधे होते तो गोलू पक्का अब गुड्डू से भी पिटने वाला था।

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संजना किरोड़ीवाल  

Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

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