Pasandida Aurat – 3

Pasandida Aurat – 3

Pasandida Aurat
Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal

( अब तक आपने पढ़ा कि पृथ्वी और रुषाली लम्बे समय से अच्छे दोस्त है और रुषाली की मदद करने के चक्कर में पृथ्वी ने अपने खड़ूस बॉस से डांट भी खा ली , पृथ्वी की आई ने जिस लड़की से मिलने को कहा उस लड़की ने सामने से पृथ्वी को मना कर दिया , सब पृथ्वी की शादी के पीछे पड़े थे लेकिन उसके दिल में क्या था ये सिर्फ दोस्त नकुल ने जानने की कोशिश की , अब आगे )

नकुल की बात सुनकर पृथ्वी खामोश हो गया और सामने खाली पड़ी सड़क को देखने लगा। उसकी आँखों के सामने रुषाली का चेहरा आने लगा। उसे खामोश देखकर नकुल ने कहा,”क्या हुआ बोल ना ? तुझे कोई पसंद है क्या ? देख अगर है तो मुझे बता आंटी से बात मैं करूंगा बस तू नाम बता,,,,,,,,!!”
पृथ्वी ने नकुल की तरफ देखा और फीका सा मुस्कुराकर कहा,”ऐसा कुछ नहीं है यार , मैंने तुझसे आज तक कभी कुछ छुपाया है,,,,,,!”


“मुझसे तो नहीं पर एक शख्स है जिस से तू बहुत कुछ छुपा रहा है”,नकुल ने कहा
“कौन ?”,पृथ्वी ने पूछा
“रु,,,,,,,,,,,,,,,,षाली”,नकुल ने रु पर कुछ ज्यादा ही जोर देकर कहा
“मैं उस से क्या छुपाऊंगा ?”,पृथ्वी ने चाय का घूंठ भरकर कहा
नकुल अपनी चाय ख़त्म कर चुका था इसलिए कहा,”यही कि तू उसे बहुत पसंद करता है,,,,,,,!”


पृथ्वी ने सुना तो नकुल की तरफ देखने लगा , नकुल ने ख़ुशी से उछलकर एकदम से कहा,”ए ! आंटी तेरी शादी करवाना चाहती है ना , तू तू रुषाली से शादी क्यों नहीं कर लेता ? तुम दोनों एक दूसरे को इतने सालों से जानते हो , वो तेरे घर भी आ चुकी है अंकल आंटी से भी मिल चुकी है , और तो और यही से है मुंबई से और तू उसे पसंद भी करता है,,,,,रुषाली तेरे लिए बेस्ट है , आई थिंक परफेक्ट है,,,,,,,,हाह ! ये बात मेरे दिमाग में पहले क्यों नहीं आयी ?”

“क्योकि तेरा दिमाग खराब हो चुका है , कुछ भी बोल रहा है We are just good friends और अगर मैं उसे पसंद करता भी हूँ तो क्या वो मेरे लिए ऐसा ही फील करती होगी , नहीं न”,पृथ्वी ने कहा
नकुल ने सुना तो उसका चेहरा उतर गया और उसने मायूसी भरे स्वर में कहा,”और ये कहा लिखा है अच्छे दोस्त अच्छे पति पत्नी नहीं हो सकते,,,,,,,!!”


“ओह्ह्ह प्लीज तू मुझे पकाना बंद कर,,,,,,तेरे पास कोई ढंग की बात है तो कर वरना मैं जाता हूँ”,पृथ्वी ने कहा
“तेरे पास अच्छी बात है तो तू ही बता दे,,,,!!”,नकुल ने चिढ़कर कहा
नकुल की बात सुनकर पृथ्वी को अपना सुबह वाला सपना याद आया और उसने नकुल को बताया तो नकुल हसने लगा और कहा,”हाहाहाहा वैरी फनी तू मुंबई में रहता है , रुषाली भी मुंबई में रहती है तो फिर वो तुझे रोकने एयरपोर्ट क्यों आएगी ?”


“इट्स नॉट फनी यार ! ये सपना मैं बहुत बार देख चुका हूँ,,,,,!!”,पृथ्वी ने गंभीरता से कहा
नकुल उसके बगल में आ बैठा और कहा,”अच्छा ये सब साइड कर और मेरी बात का सिर्फ हाँ या ना में जवाब देना,,,,,!!”
“हम्म्म्म पूछो”,पृथ्वी ने कहा
“क्या तुझे रुषाली पसंद है ?”,नकुल ने पूछा
“हाँ,,,,,,,!!”
“इतनी पसंद है कि उस से शादी कर सकता है ?”
“हाँ,,,,,,,!!”


“तो फिर कल तू जाकर रुषाली से अपने दिल की बात बोल देगा”
“हाँ,,,,,!!”,पृथ्वी के मुँह से निकला जबकि वह अभी भी सुबह वाले सपने के बारे में सोच रहा था।
“डन,,,,,,,,देख तूने हाँ बोला है अब पलटना मत हां,,,,,,आई नो रुषाली तुझे ना नहीं कहेगी”,नकुल ने कहा
“ए ये सब क्या है मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाला”,पृथ्वी ने अपने ख्यालो से बाहर आकर कहा  
“तूने हाँ बोला है अब ज्यादा भाव मत खा,,,,,!!”,नकुल ने उठते हुए कहा


 “नकुल जिंदगी के फैसले इतनी आसानी से नहीं लिए जाते,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने भी उठकर कहा
“तो तू क्या चाहता है ?”,नकुल ने उसके पास आकर उसकी आँखों में देखते हुए पूछा
“मैं बस ये कहना चाहता हूँ कि आज तक किसी भी लड़की से मिलकर ये नहीं लगा कि उसके साथ पूरी जिंदगी बितायी जा सकती है। जिंदगी जीने के लिए कोई तो ऐसा होना चाहिए ना जिसके साथ जिंदगी काटने के बजाय जी सके”,पृथ्वी ने कहा


“देख मुझे तेरी ये बड़ी बड़ी बाते समझ नहीं आती , मैं बस इतना कह हूँ तू एक बार रुषाली के सामने अपना दिल खोलकर तो देख क्या पता वही वो लड़की हो जिसकी तुझे तलाश है”,नकुल ने पृथ्वी के कंधे पर हाथ रखकर कहा तो पृथ्वी ने हामी में गर्दन हिला दी।
“चल तुझे तेरे फ्लेट पर छोड़ देता हूँ”,नकुल ने बाइक स्टार्ट हुए कहा
पृथ्वी नकुल के पीछे आ बैठा और नकुल ने बाइक आगे बढ़ा दी।

“अच्छा पृथ्वी तेरी पूरी फॅमिली इस सोसायटी में रहती है और तू भी फिर तू सिर्फ सोने के लिए अपने फ्लेट में क्यों जाता है ?”, नकुल ने बाइक चलाते हुए पूछा
“ये फ्लेट मुझे मेरी दादी से मिला है और दादी कहती है कि घर को कभी खाली नहीं छोड़ना चाहिए इसलिए मैं बस वहा सोने चला जाता हूँ , वैसे भी मेरी शादी के बाद मुझे वही रहना है,,,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने कहा
“वो क्यों ?”,नकुल ने पूछा


“मेरी दादी ने ये रूल बनाया है शादी के बाद सब अपने अपने घर में रहे तो आपस में झगडे कम होते है,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने कहा
“तुम और तुम्हारी दादी दोनों अजीब हो”,नकुल ने कहा
पृथ्वी ने नकुल के सर पर एक चपत मारी और कहा,”ए दादी को लेकर मजाक नहीं”
“अच्छा बाबा सॉरी,,,,,,,,,चल तेरा अपार्टमेंट आ गया , कल मिलता हूँ और हाँ संडे मैच याद रखना,,,,,,,,!!”,नकुल ने बाइक रोककर कहा।

पृथ्वी बाइक से उतरा और कहा,”लिख के रख ले इस सन्डे मैच पृथ्वी ही जीतेगा”
“चल बाय”,नकुल ने कहा और बाइक घुमाकर वहा से चला गया। पृथ्वी भी अंदर चला आया और लिफ्ट में आकर 7 नंबर दबा दिया। पृथ्वी अपने फ्लेट में आया और दरवाजा बंद करके अंदर चला आया। फ्रिज से पानी की बोतल निकाली और पीते हुए बालकनी की तरफ चला आया। इस फ्लेट में ये जगह पृथ्वी की  पसंदीदा जगह थी , जब फ्लेट में होता था तो अपना ज्यादातर वक्त वह यही बिताया करता था।

पृथ्वी वहा खड़ा आस पास की बिल्डिंग की चमचमाती लाइट्स को कुछ देर देखता रहा और फिर सहसा ही उसे रुषाली का ख्याल आया , पृथ्वी ने अपना फोन निकाला और रुषाली को मैसेज लिखकर भेजा
“क्या हम कल मिल सकते है ? मुझे तुम से कुछ बात करनी है”
मैसेज करके पृथ्वी फोन को होंठो से लगाकर मैसेज का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर बाद जवाब आया
“ऑफिस के बाद मिलते है , तुम्हारे ऑफिस के बगल वाले कैफे में , 6 बजे”


पृथ्वी मुस्कुरा उठा और ओके लिखकर भेज दिया। पृथ्वी कुछ देर वही खड़ा अपने और रुषाली के रिश्ते के बारे में सोचने लगा। पृथ्वी रुषाली को पसंद करता था लेकिन रुषाली को लेकर शादी जैसा ख्याल कभी उसके दिमाग में क्यों नहीं आया वह नहीं जानता था ? कुछ देर बाद पृथ्वी सोने के लिए अपने कमरे में चला आया।

  अगली शाम 6 बजे , मुंबई
पिछले 20 मिनिट से पृथ्वी अपने ऑफिस के बगल वाले कैफे में बैठा रुषाली का इंतजार कर रहा था। वह बार बार कभी घडी देखता तो कभी कैफे के दरवाजे की तरफ जहा से रुषाली आने वाली थी। आज से पहले पृथ्वी कई बार रुषाली से मिला था लेकिन आज जैसे बेचैनी पहले कभी नहीं थी। कुछ देर बाद रुषाली आयी और पृथ्वी के सामने खाली पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”आई ऍम सॉरी वो लास्ट मोमेंट पर कुछ काम आ गया था , सो तुम मुझसे मिलना चाहते थे anything special”


बेचैनी और घबराहट से पृथ्वी का दिल धड़क रहा था , वह कुछ देर एक टक रुषाली को देखता रहा और फिर कहा,”रुषाली ! सबको लगता है हम दोनों अच्छे दोस्त है पर इस रिश्ते का सच हम जानते है , हम पिछले 6 साल से साथ है एक दूसरे के बारे में जानने के लिए या एक दूसरे को समझने के लिए इतना वक्त काफी होता है,,,,,मैं चाहता हूँ हम शादी कर ले”
“पृथ्वी ! ये अचानक तुम ऐसी बात क्यों कर रहे हो ? i mean शादी वो भी इतनी जल्दी , मुझे थोड़ा वक्त चाहिए पृथ्वी , मैं तुम्हे पसंद करती हूँ लेकिन शादी का फैसला यू अचानक तुम समझ रहे हो ना”,रुषाली ने बेचैनी भरे स्वर में कहा


पृथ्वी ने सुना तो उदास आँखों से रुषाली को देखने लगा , पृथ्वी शायद पहले से रुषाली का जवाब जानता था इसलिए तो उसने 6 सालों में कभी रुषाली से इस बारे में बात नहीं की। पृथ्वी को खामोश देखकर रुषाली ने अपना हाथ उसके हाथ पर रखा और कहा,”पृथ्वी तुम्हे मुझ पर भरोसा तो है न ?”
“हम्म्म्म , कुछ आर्डर करे ?”,पृथ्वी ने एक ठंडी आह भरकर कहा  
“हाँ प्लीज , मुझे बहुत भूख लगी है”,रुषाली ने कहा
पृथ्वी ने दोनों के लिए कॉफी और कुछ स्नेक्स आर्डर किये और खाने के बाद दोनों अपने अपने घर के लिए निकल गए। रास्तेभर पृथ्वी रुषाली के बारे में सोचता रहा।

 इस पुरे हफ्ते पृथ्वी ऑफिस के काम में बिजी रहा। संडे की शाम पृथ्वी एक अर्जेन्ट फाइल देने ऑफिस आया था। उसने फाइल अपने बॉस को दी जयदीप ने उसे चाय ऑफर की लेने पृथ्वी का मैच था इसलिए वह फाइल देकर तुरंत निकल गया। पृथ्वी आज नकुल की बाइक से ऑफिस आया था। पृथ्वी ने बाइक स्टार्ट की और घर जाने वाले रास्ते की तरफ बढ़ा दी।

पृथ्वी कुछ ही दूर चला था कि तभी उसकी नजर रुषाली पर पड़ी वह अकेली ही रेस्रो में जा रही थी। पृथ्वी को थोड़ा अजीब लगा उसने बाइक साइड में लगाई और रुषाली के पीछे चला आया। अंदर आकर पृथ्वी के कदम ठिठके कुछ ही दूर उसके सामने रुषाली एक अजनबी लड़के को गले लगाए खड़ी थी। पृथ्वी का दिल टूट गया वह रुषाली को पसंद करता था और रुषाली किसी और के साथ,,,,,,,,,,,,!!”

पृथ्वी वही खड़ा रुषाली को देखता रहा , रुषाली ने जब पृथ्वी को वहा देखा तो उसके पास आयी और घबराये हुए स्वर में कहा,”पृथ्वी मैं तुम्हे बताने ही वाली थी , राज और मै एक दूसरे से प्यार करते है”
“तो फिर हमारे बीच जो था वो क्या था रुषाली ?”,पृथ्वी ने अपना दिल कड़ा करके पूछा
“पृथ्वी तुम भी जानते हो हम बस अच्छे दोस्त थे , तुम बहुत अच्छे लड़के हो आई रियली लाइक यू पर मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती”,रुषाली ने कहा


“अच्छे दोस्त , अच्छे दोस्त कभी एक दूसरे को आई लव यू नहीं कहते रुषाली , उस तरह से तो बिल्कुल नहीं जैसे तुमने कहा था,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने कहा उसे अभी  
भी अपने दिल को कठोर बना रखा था।
“ओह्ह्ह कम ऑन पृथ्वी वो सब वो सब मैंने जल्दबाजी में कह दिया और फिर तुम्हारे इतने अहसान है मुझ पर तुम्ही बताओ मैं क्या करती ?”,रुषाली ने कहा
“ओह्ह तो मेरे प्यार को तुमने अहसान समझा , मेरे अहसान का बदला तुमने इस तरह चुकाया मेरी फीलिंग्स से खेलकर,,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने भर्राये गले से कहा उसकी आँखो में आँसू नहीं बल्कि बेबसी और गुस्सा था।

“पृथ्वी ! आई ऍम , आई ऍम रियली सॉरी”,रुषाली ने मायूसी से कहा
 पृथ्वी के पास कहने के लिए कुछ नहीं था , उसे सीने में भारीपन और गले में चुभन का अहसास हो रहा था फिर भी उसने हिम्मत करके कहा,”तुम लड़के के साथ खुश हो ना ?”
“हाँ ! राज मुझसे बहुत प्यार करता है,,,,,,!!”,रुषाली ने कहा
“खुश रहो”,पृथ्वी ने कहा और वहा से चला गया


“पृथ्वी , पृथ्वी,,,,,,,,!!”,रुषाली ने कहा लेकिन पृथ्वी ने उसे पलटकर भी नही देखा और रेस्त्रो से बाहर निकल गया।
पृथ्वी ने बाइक स्टार्ट की और घर के लिए निकल गया। रास्तेभर पृथ्वी के जहन में रुषाली और उसका दिया धोखा चल रहा था। पृथ्वी सोसायटी पहुंचा बाइक पार्किंग में लगाई तब तक नकुल वहा चला आया और कहा,”मैच शुरू होने वाला है चले ?”
“हम्म,,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने कहा वह नकुल से अपनी भावनाये छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहा था।


“अच्छा तूने रुषाली से बात की ?”,अनजाने में ही सही नकुल ने पृथ्वी की दुखती रग पर हाथ रग दिया
पृथ्वी चलते चलते रुक गया। मन का दर्द उसके चेहरे पर उतर आया तो नकुल ने कहा,”क्या हुआ पृथ्वी ? तूने रुषाली को बताया ना कि तू उसे पसंद करता है”
पृथ्वी कुछ देर खामोश रहा और फिर नकुल को सारी बात बता दी। नकुल ने सुना तो गुस्से से कहा,”ये रुषाली तेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती है ?”


“छोड़ ना यार मुझे कभी उसके सामने अपनी फीलिंग्स शेयर करनी ही नहीं चाहिए थी”,पृथ्वी ने उदासी भरे स्वर में कहा
“सॉरी यार ! मैंने ही तुझसे बार बार कहा पर अच्छा हुआ कम से कम रुषाली का असली चेहरा तेरे सामने तो आया”,नकुल ने कहा
“बाकि लोग आ गए ?”,पृथ्वी ने नकुल के हाथ से बेट लेकर देखते हुए कहा
“पृथ्वी तू इस हाल में खेल पायेगा ?”,नकुल ने पूछा , पृथ्वी भले अपना दर्द चेहरे पर आने नहीं दे रहा था लेकिन नकुल उसकी भावनाये समझ रहा था
“हम्म्म्म”,पृथ्वी ने कहा और आगे बढ़ गया।

मैच शुरू हुआ हमेशा की तरह पृथ्वी आज भी बहुत अच्छा खेल रहा था और जब उसकी बेटिंग की बारी आयी तो उसने अपने अंदर भरा गुस्सा निकाला अपनी बेटिंग पर , हर बॉल पर शॉट , किसी पर चौका , किसी पर छक्का सभी पृथ्वी को देखकर हैरान थे लेकिन इस गुस्से के पीछे की असली वजह सिर्फ नकुल जानता था। आखिर में मैच पृथ्वी की टीम ने ही जीता। अँधेरा होने लगा था  सभी एक दूसरे को बाय बोलकर अपने अपने घरो की तरफ चल पड़े। पृथ्वी भी नकुल के साथ चल पड़ा दोनो एक बार फिर सोसायटी के बाहर चाय की दुकान पर चले आये।

नकुल दो चाय ले आया और एक चाय पृथ्वी की तरफ बढाकर कहा,”पृथ्वी जो हुआ उसे भूल जा , मुझे यकीन है इस दुनिया में कोई तो होगी जो सिर्फ तुम्हारे लिए बनी है और देखना एक दिन वो तुम्हे जरूर मिलेगी,,,,,,,,,!”
नकुल की बात सुनकर पृथ्वी ने कुछ नहीं कहा बस फीका सा मुस्कुरा दिया , इस वक्त वो क्या महसूस कर रहा था ये तो बस वही जानता था।

क्या पृथ्वी रुषाली के झूठे प्यार को भूलकर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ पायेगा ? क्या पृथ्वी की जिंदगी में आएगा सच्चा प्यार ? क्या रुषाली को होगा पृथ्वी को खोने का अहसास या राज की मोहब्बत में भुला देगी वो पृथ्वी का प्यार ? जानने के लिए पढ़े “पसंदीदा औरत”

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संजना किरोड़ीवाल   

Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal
Pasandida Aurat by Sanjana Kirodiwal

अच्छे दोस्त , अच्छे दोस्त कभी एक दूसरे को आई लव यू नहीं कहते रुषाली , उस तरह से तो बिल्कुल नहीं जैसे तुमने कहा था,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने कहा उसे अभी  
भी अपने दिल को कठोर बना रखा था।
“ओह्ह्ह कम ऑन पृथ्वी वो सब वो सब मैंने जल्दबाजी में कह दिया और फिर तुम्हारे इतने अहसान है मुझ पर तुम्ही बताओ मैं क्या करती ?”,रुषाली ने कहा
“ओह्ह तो मेरे प्यार को तुमने अहसान समझा , मेरे अहसान का बदला तुमने इस तरह चुकाया मेरी फीलिंग्स से खेलकर,,,,,,,,,!!”,पृथ्वी ने भर्राये गले से कहा उसकी आँखो में आँसू नहीं बल्कि बेबसी और गुस्सा था।

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