Main Teri Heer Season 5 – 79
Main Teri Heer Season 5 – 79

शिवम् का घर , बनारस
सुबह सुबह बाबा आँगन में बैठे थे। मुन्ना ने जैसा वंश को कहा वंश ने वैसा ही किया और सुबह बाबा से टेलर का अड्रेस लेकर नाप देने चला गया। बाबा ने घर में सबको बता दिया कि आज वे घर के कुछ लोगो के साथ मिलकर सुमन के घर वंश के रिश्ते का शगुन लेकर जा रहे है। बाबा की बात सुनकर घर में हर कोई खुश था बस शिवम् , सारिका , नवीन-मेघना , गौरी-काशी और निशि को छोड़कर,,,,,,,,,,,,हालाँकि आई भी इतनी ज्यादा खुश दिखाई नहीं दी लेकिन बाबा के कहने पर फिर भी उन्होंने सारिका और राधिका के साथ मिलकर शगुन की थालिया ज़माने लगी।
बाबा के पास फोन आया और उस फोन के साथ ही बाबा के चेहरे के भाव बदल गए उन्होंने सारिका और आई से सामान ना जमाने को कहा। किसी अनहोनी के डर से सभी बाबा के पास चले आये।
“क्या बात है बाबा ? किसका फोन था ?”,शिवम् ने पूछा
“मुरलीधर का फोन था , उसने बताया कि सुमन जे शादी करना नहीं चाहती हम शगुन लेकर घर ना आये”,बाबा ने मायूसी से कहा
बाबा की बात सुनकर माहौल में थोड़ी उदासी छा गयी। उदासी वाले माहौल में भी मेघना-नवीन के चेहरे खिल उठे , शिवम् धीरे से मुस्कुराया , सारिका के चेहरे पर गंभीर भाव थे लेकिन मन ही मन वह नाच रही थी , गौरी ने सुना तो पास खड़ी निशि को हवा में चुम्मा दिया जिसका मतलब अंजलि नहीं समझ पायी और इन सब में सबसे ज्यादा ख़ुशी थी आई के चेहरे पर , वे बाबा के बगल में आकर बैठी और ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”जे तो बहुते दुःख की बात है”
बाबा ने देखा आई के शब्द और चेहरे के भाव मेल नहीं खा रहे तो उन्होंने कहा,”पर तुम्हाये चेहरे पर तो दुःख का एक ठो भाव नाही दिख रहा काबेरी”
“अरे चेहरे का का है ? उह्ह तो बूटी पार्लर गए न तो बस थोड़ा जियादा चमक रहा है इहलीये भाव दब गए है आप हमाये शब्दों पर गौर काहे नाही करते ?”,आई ने अपने चेहरे की ख़ुशी छुपाते हुए कहा
अनु और मुरारी भी वहा आ पहुंचे क्योकि बाबा ने ही उन्हें बुलाया था सुमन के घर जाने के लिए , शक्ति मुन्ना घर पर थे क्योकि शादी से पहले उनका शिवम् के घर आना मना था। बाबा ने जब मुरारी को बताया तो मुरारी भी ख़ुशी से उछला लेकिन अगले ही पल सम्हलकर कहा,”हाँ बहुते दुःख की बात है बाबा”
आई तब तक बाबा के पास से उठकर मुरारी के पास चली आयी तो बाबा ने कहा,”तुम्हरा और तुम्हरी आई का दुःख कुछ जियादा ही बाहिर आ रहा है मुरारी,,,,,,,,खैर जो भी है हमहू मुरलीधर से बात करेंगे , हमे तो बस वंश की चिंता होय रही है उह्ह बेचारा कितना खुश था जे रिश्ते की बात से,,,,,!!”
“अरे घंटा खुश था , कल शाम तक तो खून के आंसू तो रहा था हमाये सामने,,,,,,,,!!”,मुरारी आई की तरफ झुककर बड़बड़ाया
“ए मुरारी ! जे पिरोगराम तुमहू सेट किये ना ?”,आई ने भी मुरारी की तरफ झुककर दबी आवाज में कहा
“जे घर मा और कोनो दिखता है आपको जो इतना बढ़िया पिरोगराम सेट कर सके,,,,,,,,हाँ हमहू ही किये है”,मुरारी ने कहा
“हाँ सच में बहुते बड़के वाले हरामी हो मुरारी तुमहू , पर आज ना तुमको गरियायेंगे नाही का है कि बहुते सही किये हो,,,,,,!!”,आई ने कहा
आई के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर तो मुरारी गदगद हो गया।
वंश अंदर आया जब उनसे सबको साथ देखा तो उसका दिल धड़कने लगा। वह सोचने लगा मुन्ना की बात मानकर कही उसने गलती तो नहीं कर दी ? वंश बाबा के पास आया तो बाबा ने कहा,”हमे माफ़ करना वंश , सुमन से तुम्हरा रिश्ता अब नाही हो सकता”
वंश ने जैसे ही सुना उसका दिल किया उछल उछल कर नाचे गाये शोर मचाये लेकिन वंश ने नौटंकी करते हुए कहा,”का कह रहे हो बाबा ? उह्ह्ह लड़की हमका रिजेक्ट कर दी , इतने हेंडसम , स्मार्ट , हॉट लड़के को कोई लड़की ना कैसे बोल सकती है बाबा ? अरे अब उस कुर्ते पाजामे का क्या होगा जिसका नाप हमहू देकर आये है,,,,,,,सुमन का मन इतना कठोर कैसे हो सकता है बाबा ?”
मुरारी ने सुना तो आई की तरफ झुककर कहा,”आई जाकर ओह्ह का मुंह बंद करो वरना अपनी शादी और अपनी बर्बादी का जिम्मेदार इह लौंडा खुद होगा”
मुरारी की बात सुनकर आई वंश की तरफ आयी और कहा,” अरे वंश्वा काहे चिंता करते हो हम और तुम्हरे बाबा है ना अरे तुम्हाये लिए सुमन से भी बढ़िया लड़की ढूंढ लाएंगे तुम्हरे लिए”
“नहीं आई अब मुझे किसी से शादी नहीं करनी , एक बार सबके सामने मेंरा मजाक बन चुका अब मुझे दोबारा अपना मजाक नहीं बनवाना,,,,,,,,,!!”,वंश ने उदासी भरे स्वर में कहा और वहा से चला गया
“वंश , वंश”,शिवम् ने कहा लेकिन वंश ने पलटकर भी नहीं देखा और ऊपर चला गया। बाकि सब नीचे मौजूद थे। वंश को जाते देखकर बाबा ने कहा,”उसे जाने दो अभी वो परेशान है हम बाद में उस से बात कर लेंगे , शिवा”
“जी बाबा,,,,,,,,!!”,शिवम् ने बाबा के सामने आकर कहा
“आज कोनो ऐसी रस्म है का है जिह मा हम लोगन की जरूरत पड़े ?”,बाबा ने पूछा
“नहीं बाबा आज घर में कोई रस्म नहीं है , कल मेहँदी की रस्म है और परसो सादी”,शिवम् ने कहा
“रस्म काहे नाही है भैया ? अरे आज रात मा है ना उह्ह बेंच लार पार्टी”,मुरारी ने कहा
“बेंच ला पार्टी ? जे कौनसी पार्टी है बे मुरारी ? का बेंच कुर्सी लगाने वाले हो तुमहू ?”,बाबा ने पूछा
“बाबा ये बेचलर पार्टी की बात कर रहे है , शादी से पहले आजकल लड़के लड़किया अपनी शाम इंजॉय करते है”,अनु ने कहा
बाबा ने सुना तो कहा,”चलो ये भी ठीक है अनु पर इसमें हम मर्दो का का काम , शिवा हमहू ज़रा पंडित जी से जाकर मिल लेते है तुम मुरारी के साथ मिलकर बाकी सब काम देख लेओ”
“हाँ बाबा ठीक है हम देख लेंगे”,शिवम् ने कहा तो बाबा वहा से बाहर निकल गए। शिवम् भी मुरारी को लेकर बाहर चला गया और बाकि सब मेहमान भी अपने अपने कामो में लग गए। अनु सारिका की पास आयी और उसे पीछे से गले लगाकर कहा,”आई ऍम सो हैप्पी कि बाबा ने वंश का रिश्ता सुमन से नहीं किया”
“हाँ अनु लेकिन ये चमत्कार हुआ कैसे ?”,सारिका अभी भी हैरान थी कि सुमन ने एकदम से शादी से इंकार क्यों कर दिया ?
नवीन और मेघना भी खुश थे और निशि वो तो ख़ुशी से फुले नहीं समा रही थी उसे वंश से मिलना था इसलिए वह सीढ़ियों की तरफ बढ़ गयी लेकिन काशी और गौरी ने उसे रोक लिया और सब उसे छेड़ने परेशान करने लगे क्योकि अब तक आधे लोगो को पता चल चुका था कि निशि और वंश एक दूसरे को पसंद करते है। निशि वंश से बात करना चाहती थी और सब उसे काशी के कमरे में लेकर चली गयी ताकि आज रात होने वाली बेचलर पार्टी की प्लानिंग कर सके।
वंश उदास सा ऊपर अपने कमरे में आया , दरवाजा बंद किया और म्यूजिक सिस्टम पर गाना चलाकर रिमोट को स्टाइल में फेंककर नाचते हुए अपनी ख़ुशी जाहिर करने लगा। वंश कभी बिस्तर पर चढ़ता कभी सोफे पर कूदता कभी खिड़की के पर्दो पर झूलता तो कभी बिस्तर पर पड़े कपड़ो को हवा में उछाल देता। उसे ये सब करके इतना अच्छा लग रहा था कि ख़ुशी उसके चेहरे से साफ झलक रही थी।
कुछ देर बाद गाना चेंज हुआ और वंश ने बिस्तर पर पड़े तोलिये को उठाकर अपने चारों और लपेटा और डांस करते हुए गाने लगा
“मेरे ख्वाबो में जो आये , आके मुझे छेड़ जाये
उस से कहो कभी सामने तो आये
मेरे जो खवाबो में जो आये,,,,,,,,,,!!”
वंश डांस करते हुए बहुत प्यारा लग रहा था तभी कमरे का दरवाजा खुला और वंश रुक गया उसने जल्दी से तौलिया साइड में फेंका और सामने खड़ी अंजलि को देखकर झेंपते हुए मुस्कुरया
“मुझे लगा सुमन से रिश्ता ना होने की वजह से आप दुखी होंगे लेकिन आप तो यहाँ डांस कर रहे है”,अंजलि ने कमरे में आते हुए कहा
“मैं दुखी ही हूँ”,वंश ने मासूम सी शक्ल बनाकर कहा
“हाँ दिख रहा है कितना दुखी है आप , वैसे नानाजी ने आपके लिए सुमन को क्यों चुना ? पता है वो कितनी बोरिंग है , बल्कि आपके लिए तो,,,,,,,,!!”,अंजलि ने बिस्तर पर बैठते हुए कहा
“मेरे लिए तो ?”,वंश ने उसके बगल में बैठते हुए पूछा
“आपके लिए तो ऐसी लड़की होनी चाहिए जो बहुत प्यारी हो आपकी तरह , थोड़ी गुस्से वाली हो लेकिन क्यूट हो और मुझसे बहुत सारी बाते कर सके,,,,,,,!!”,अंजलि ने कहा
“हम्म्म्म पर ऐसी लड़की मुझे कहा मिलेगी ?”,वंश ने सामने देखते हुए कहा जबकि ये कहते हुए उसकी आँखों के सामने निशि का ही चेहरा आ रहा था
“निशि है ना,,,,,,,,,पर वो आपसे शादी करेगी या नहीं इसकी गारंटी मैं नहीं दे सकती”,अंजलि ने कहा
वंश ने सुना तो मुस्कुरा उठा उसने अंजलि के बाल खींचने के लिए हाथ बढ़ाया लेकिन आज उसने अंजलि के बाल नहीं खींचे और धीरे से चपत लगाकर कहा,”हाह ! कुछ भी बोलती हो,,,,,,,,,वैसे तुम्हे भी कोई पसंद है तो पहले ही बता दो वरना बाद में पता चले बाबा ने तुम्हारे लिए भी किसी मोहन सोहन मुकेश को पसंद कर लिया है”
अंजलि ने सुना तो वंश को घुरा और उठकर गाने के साथ साथ गाते हुए नाचने लगी
“कैसा है कौन है वो जाने कहा है ? जिसके लिए मेरे होंठो पे हाँ है
अपना है या बेगाना है वो , सपना है या अफसाना है वो”
वंश ने सुना तो हसने लगा और रिमोट उठाकर गाना बंद करते हुए कहा,”तुम्हे पसंद करने वाले को तो मैं सामने से दहेज़ देंने वाला हूँ”
“अच्छा वो क्यों ?”, अंजलि ने पूछा
“बेचारा ऐसी शक्ल वाली को पंसद जो करेगा”,वंश ने कहा और वहा से भाग गया और अंजलि उसे मारने उसके पीछे भाग पड़ी
नीचे आकर वंश ने बाइक की चाबी ली और घर से निकल गया आखिर जिसकी वजह से ये सब हुआ था उसे थैंक्यू भी तो कहना था। घर से निकलकर वंश सीधा पहुंचा मुरारी के घर , उसने बाइक साइड में लगाई और सीधा अंदर चला आया। मुन्ना ऊपर फोन पर किसी से बात करने में बिजी था। वंश ऊपर ही चला आया जैसे ही मुन्ना ने फोन रखा वंश जाकर उसके गले लगा और उसे गोद में उठाते हुए कहा,”थैंक्यू थैंक्यू थैंक्यू थैंक्यू सो मच मुन्ना,,,,,,,,,,,!
मुन्ना ने सुना तो मुस्कुरा उठा वंश ने उसे नीचे उतारा और ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”तुमने तो कमाल कर दिया , आखिर तुमने ऐसा क्या किया कि सुमन ने खुद ही इस रिश्ते से इंकार कर दिया , पता है बाबा तो आज सुबह सुबह ही उसके घर शगुन लेकर जाने वाले थे और सुमन के घरवालों ने मना कर दिया,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह मुन्ना मैं बता नहीं सकता मैं कितना रिलेक्स हूँ,,,,,,,,,,हाह ! ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है आई लव यू , आई लव यू सो मच,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए वंश ने मुन्ना को एक बार फिर गले लगा लिया मुन्ना ने वंश की पीठ थपथपाई और कहा,”अब कोई और गड़बड़ हो उस से पहले निशि को आई लव यू बोल दो”
“तुम्हारी शादी के अगले दिन ही बोल दूंगा आई प्रॉमिस मुन्ना”,वंश ने कहा
“हमारी शादी होने वाली है इसलिए अब ये मुन्ना बुलाना बंद करो और भैया कहने की आदत डाल लो,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“भैया और तुम्हे ? अह्ह्ह्ह तुम मुझसे सिर्फ,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने इतना ही कहा कि मुन्ना ने उसकी बात बीच में काटकर कहा,”हाँ मालूम है हम तुमसे 25 मिनिट ही बड़े है लेकिन बड़े तो है ना और बड़े भाई होने के नाते हम तुमसे वादा करते है जब भी तुम्हे हमारी जरूरत होगी तुम हमे अपने साथ पाओगे,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह थैंक्यू लेकिन मैं अपनी रक्षा खुद कर सकता हूँ , हाँ अगर तुम्हे शादी के बाद गौरी से बचने के लिए मेरी हेल्प चाहिए तो मैं तैयार हूँ , मेरे मुन्ना”,वंश ने मुन्ना को छेड़ते हुए उसकी ठुड्डी पकड़कर कहा
“क्या कहा तुम्हे ? रुको तुम्हारी तो मैं ,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मुन्ना वंश के पीछे भागने लगा , वंश मुन्ना के कमरे में चला आया और मुन्ना ने उसे बिस्तर पर गिराकर पीटना शुरू कर दिया लेकिन ये मार पीट दो भाईयो के लाड़ प्यार वाली मारपीट थी।
उसी शाम , पुलिस स्टेशन
“भूषण को लेकर आओ”,इंस्पेक्टर ने कहा तो कॉन्स्टेबल वहा से चला गया और कुछ देर बाद भूषण को लेकर बाहर आया।
भूषण को देखकर इंस्पेक्टर ने कहा,”तुम्हारी जमानत हो चुकी है , तुम जा सकते हो लेकिन एक वार्निंग याद रखना अगर मानवेन्द्र मिश्रा के आस पास भी दिखाई दिए तो अगली बार जेल नहीं सीधा इनकाउंटर में महादेव् से मिलोगे,,,,,,,,,,,!!”
भूषण ने कुछ नहीं कहा और चुपचाप वहा से चला गया। आदमी जिसने भूषण की जमानत करवाई थी वह भी भूषण के साथ बाहर आ गया और कहा,”सुनो तुम्हे हमारे साथ चलना है”
“हमरी जमानत किसने करवाई है ?”,भूषण ने पूछा
“जिसने भी करवाई है खुद चलकर देख लो हमारा काम था तुम्हे यहाँ से निकालना और उन तक पहुँचाना , अब चलो”,आदमी ने कहा और भूषण को अपने साथ लेकर चल पड़ा
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संजना किरोड़ीवाल


मुन्ना ने सुना तो मुस्कुरा उठा वंश ने उसे नीचे उतारा और ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”तुमने तो कमाल कर दिया , आखिर तुमने ऐसा क्या किया कि सुमन ने खुद ही इस रिश्ते से इंकार कर दिया , पता है बाबा तो आज सुबह सुबह ही उसके घर शगुन लेकर जाने वाले थे और सुमन के घरवालों ने मना कर दिया,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह मुन्ना मैं बता नहीं सकता मैं कितना रिलेक्स हूँ,,,,,,,,,,हाह ! ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है आई लव यू , आई लव यू सो मच,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए वंश ने मुन्ना को एक बार फिर गले लगा लिया मुन्ना ने वंश की पीठ थपथपाई और कहा,”अब कोई और गड़बड़ हो उस से पहले निशि को आई लव यू बोल दो”
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मुन्ना ने सुना तो मुस्कुरा उठा वंश ने उसे नीचे उतारा और ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”तुमने तो कमाल कर दिया , आखिर तुमने ऐसा क्या किया कि सुमन ने खुद ही इस रिश्ते से इंकार कर दिया , पता है बाबा तो आज सुबह सुबह ही उसके घर शगुन लेकर जाने वाले थे और सुमन के घरवालों ने मना कर दिया,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह मुन्ना मैं बता नहीं सकता मैं कितना रिलेक्स हूँ,,,,,,,,,,हाह ! ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है आई लव यू , आई लव यू सो मच,,,,,,,,,,!!”
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मुन्ना ने सुना तो मुस्कुरा उठा वंश ने उसे नीचे उतारा और ख़ुशी भरे स्वर में कहा,”तुमने तो कमाल कर दिया , आखिर तुमने ऐसा क्या किया कि सुमन ने खुद ही इस रिश्ते से इंकार कर दिया , पता है बाबा तो आज सुबह सुबह ही उसके घर शगुन लेकर जाने वाले थे और सुमन के घरवालों ने मना कर दिया,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह मुन्ना मैं बता नहीं सकता मैं कितना रिलेक्स हूँ,,,,,,,,,,हाह ! ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है आई लव यू , आई लव यू सो मच,,,,,,,,,,!!”
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Chalo yeh achcha hua ki Suman ne khud hee shadi k liye manaa kar diya…ab Vansh aur Nishi dono tension free ho gaye hai…lakin Baba k liye bura lag raha hai, quki wo sach m vansh k liye preshan ho…aur wo soch rhe hai ki Vansh ka dil toot gaya hai, lakin jab Baba ko sach pta chalega to wo khud bhi bura Masoos karnge