Main Teri Heer Season 5 – 76

Main Teri Heer Season 5 – 76

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

मुरारी के घर डांस का बहुत ही खुशनुमा माहौल था और सब हंसी ख़ुशी डांस कर रहे थे। आज तो मुरारी ने नंदिता जी को भी अपने साथ नचवा दिया। वंश निशि के साथ खुश था तभी मुरलीधर के साथ सुमन वहा आयी। बाबा ने मुरलीधर को देखा तो उठकर उनके पास आये उनसे मिले और फिर आगे आकर बैठ गए। सुमन को देखते ही वंश के चेहरे की ख़ुशी एकदम से गायब हो गयी उसने सबके बीच डांस करती निशि को देखा निशि बहुत खुश दिखाई दे रही थी। आई  ने सुमन को अकेले खड़े देखा तो उसके पास आयी और उसे अपने साथ लेकर चली गयी।

सुमन भी सबके साथ डांस करने लगी। सारिका ने सुमन को देखा और जैसे ही नजरे सामने खड़े शिवम् से मिली तो शिवम् समझ गया कि सारिका के मन में भी वह चल रहा है जो उसके मन में चल रहा है। सारिका वहा से चली गयी और लॉन में एक तरफ आकर यहाँ वहा चक्कर काटने लगी। कुछ ही वक्त हुआ था कि सारिका शिवम् से टकरा गयी और कहा,”शिवम् जी आप यहाँ ?”


“हमे माफ़ कर दो सरु , अनजाने में बाबा को जो वचन हमने दिया है वो वंश की निजी जिंदगी पर इतना असर डालेगा हमने ये कभी सोचा नहीं था,,,,,,,,,लेकिन अब हम बाबा के खिलाफ नहीं जा सकते सरु , पहले भी हमने बाबा का बहुत दिल दुखाया है अब वंश को लेकर फिर से हम उन्हें आहत करना नहीं चाहते”
सारिका ने सुना तो उसे थोड़ी हैरानी हुई और उसने थोड़ा गुस्से से कहा,”शिवम् जी वंश हमारा बेटा है , जब काशी को और मुन्ना को अपना जीवनसाथी चुनने का है तो फिर वंश को क्यों नहीं ? वंश के साथ ये भेदभाव क्यों ?

हाँ आपसे गलती हुई है शिवम् जी , आपने वंश की भावना जाने बिना ही बाबा को वचन दे दिया , आप जानते भी है उस बच्चे पर इस वक्त क्या गुजर रही है ? उसने हम से उम्मीद की कि हम उसकी मदद करेंगे लेकिन हम भी आपके खिलाफ नहीं जा पाए,,,,,,,,हमने भी उसे नहीं बल्कि आपको चुना,,,,,,,,आप तो इन परिस्तिथियों से गुजर चुके है ना शिवम् जी फिर आप वंश के साथ ऐसा कैसे कर सकते है ? हम सबकी ख़ुशी के लिए वह सुमन से शादी कर भी लेगा लेकिन हम सबको कभी माफ़ नहीं कर पायेगा,,,,,,,,,!!”


सारिका की बाते शिवम् का दिल दुखा रही थी पर सारिका भी अपनी जगह सही थी। शिवम् चुपचाप सारिका की बात सुनता रहा और फिर बिना कुछ कहे वहा से चला गया , शिवम् का इस तरह से चले जाना सारिका को अच्छा नहीं लगा। उसकी ये कोशिश भी बेकार जा चुकी थी

उसने जाते हुए शिवम् को देखा और बड़बड़ाई,”लगता है अब हमे अपने तरीके से सब सही करना होगा,,,,,,,,,माफ़ करना शिवम् जी पर इस बार एक पत्नी अपने पति का नहीं बल्कि एक माँ अपने बेटे का साथ देगी , हम वंश का प्यार अधूरा रहने नहीं देंगे”
सारिका भी वहा से चली गयी और बाकि लोगो में शामिल हो गयी। गौरी , ऋतू , काशी , अंजलि और निशि सब एक तरफ खड़े स्टार्टर खा रहे थे। मुन्ना अपने कुछ दोस्तों के साथ बिजी था , शक्ति के भी कुछ जान पहचान वाले वहा आये थे इसलिए वह उनके साथ व्यस्त था ,

वंश जब से मुंबई गया था तब से उसके सारे दोस्त एक एक करके उस से दूर हो चुके थे इसलिए आज के संगीत में उसका दोस्त था जय , जय के साथ मिलकर वंश कभी आइसक्रीम तो कभी चाट निपटा रा था , वंश ने महसूस किया जय की कम्पनी इतनी बुरी भी नहीं थी। सब यहाँ वहा बिजी थे और अपना अपना ग्रुप एन्जॉय कर रहे थे। इन सबसे बेखबर सुमन अपने फोन पर किसी से बात कर रही थी और उसे देखकर ही लग रहा था कि वह थोड़ी परेशान है।

मुरारी अपने दोस्तों के साथ टंकी के पीछे माहौल बना रहा था। आज तो उसने बाबा , चाचा , राधिका के पति और अधिराज जी को भी शामिल कर लिया। ख़ुशी का माहौल था इसलिए आज किसी ने आपत्ति भी नहीं जताई।

सुमित कही नजर नहीं आ रहा था और वही प्रिया भी गायब थी। दोनों भीड़ से अलग वही लॉन में एक दूसरे से बाते करते हुए एक साथ घूम रहे थे। प्रिया का हाल ही में दिल टुटा था ऐसे में सुमित से उसका मिलना चोट पर मरहम जैसा था। सुमित प्रिया को काफी सुलझा हुआ और समझदार लड़का लगा और वही सुमित को प्रिया काफी बोल्ड और खुले विचारो वाली लगी। धीरे धीरे सुमित को प्रिया पसंद आने लगी थी हालाँकि प्रिया की तरफ से अभी कोई ऐसा इशारा नहीं आया था वह बस सुमित की कम्पनी को एन्जॉय कर रही थी।  

डांस के बाद ही मुरारी ने गार्डन में मुशायरा रखवाया था जिसकी तैयारी होने लगी और बाकि सब मेहमान खाना खाने लगे। शिवम् ने देखा सुमन अकेली खड़ी है इसलिए वह उस से बात करने उसकी तरफ चला आया। शिवम् ने देखा सुमन फोन पर किसी से बात कर रही है , शिवम् उसके फोन रखने का इंतजार करने लगा तभी सुमन का परेशानी भरा स्वर शिवम् के कानों में पड़ा,”तुम समझ क्यों नहीं रहे ये सब मैं अपनी मर्जी से नहीं कर रही हूँ,,,,,,,,,,,उफ्फ्फ मैं तुम्हे कैसे समझाऊ ?”


कहते हुए सुमन जैसे ही पलटी शिवम् को अपने सामने देखकर घबरा गयी और फोन काटकर कहा,”जी अंकल,,,,,,,,,!!”
“नमस्ते बेटा ! हमे आपके कुछ बात करनी थी , हमने देखा फोन पर बात करते हुए आप कुछ परेशान नजर आ रही थी ,, हम इस बारे मे आपसे नहीं पूछेंगे ये आपका निजी मामला है। हमे वंश को लेकर आपसे कुछ बात करनी है,,,,,,,,!!”,शिवम् ने सहजता से कहा
“जी कहिये,,,,,,!!”,सुमन ने कहा


“देखिये बेटा वंश हमारा इकलौता बेटा है , हमारी शादी से लेकर हमारे बच्चो यानि काशी और मुन्ना की शादी भी उनकी पसंद से होने जा रही है लेकिन बाबा चाहते थे कि घर के एक बच्चे की शादी उनकी पसंद से हो और हमने उन्हें वचन दे दिया। हम समझ सकते है वंश के लिए थोड़ा हैरानीभरा था लेकिन हम बाबा की बात नहीं टाल सकते थे। बाबा ने वंश के लिए आपको चुना और सच में उनकी पसंद बहुत अच्छी है लेकिन”,कहते कहते शिवम् ने बात अधूरी छोड़ दी


“लेकिन क्या अंकल ?”,सुमन ने पूछा
“हमे लगता है कि वंश किसी और को पसंद करता है”,शिवम् ने कहा
शिवम् के मुंह से ये सुनकर सुमन ने ना जाने क्यों राहत की साँस ली , उसे ख़ुशी हुई लेकिन उसने अपनी ख़ुशी को अपने चेहरे पर नहीं आने दिया और एकटक शिवम् को देखते रही

शिवम् ने सुमन की तरफ देखा और कहा,”हाँ बेटा और हम नहीं चाहते किसी और को चाहते हुए वंश आपसे शादी करे , इस से आपकी और वंश दोनों की जिंदगी खराब हो जाएगी। हमने अगर बाबा से ये कहा तो हमारा वचन टूट जाएगा और अगर ये रिश्ता होने दिया तो वंश का दिल टूट जाएगा,,,,,,,,,,और इन सब में आपकी तो कोई गलती भी नहीं है बेटा बेवजह हम आपका दिल भी नहीं तोड़ सकते,,,,,,,,,,हम हम हाथ जोड़कर आपसे रिक्वेस्ट करते है इस रिश्ते के इंकार कर दीजिये बेटा,,,,,,,,!!”


शिवम् को अपने सामने हाथ जोड़ते देखकर सुमन ने आगे बढ़कर शिवम् के हाथो को थामा और कहा,”ये आप क्या कर रहे है अंकल आप मेरे पापा की उम्र के है आप मेरे सामने इस तरह हाथ जोड़कर मुझे शर्मिन्दा मत कीजिये प्लीज”
“हमे माफ़ करना बेटा लेकिन हमे समझ नहीं आ रहा हम क्या करे ? आज पहली बार हमने अपने बेटे की आँखों में आँसू और अपनी पत्नी की आँखों में शिकायत के भाव देखे है और दोनों ही हमे आहात करने के लिए काफी थे,,,,,,,,,,हम आपसे रिक्वेस्ट करते है बेटा इस शादी के लिए इंकार कर दीजिये”,शिवम् ने कहा


“अंकल आपको रिक्वेस्ट करने की जरूरत नहीं है आपने इतने प्यार से अपनी बात रखी हमारे लिए यही बहुत है , बाबा को हम मना लेंगे आप बेफिक्र रहिये”,सुमन ने कहा
शिवम ने सुमन का गाल थपथपाया और कहा,”थैंक्यू बेटा थैंक्यू सो मच,,,,,,,,,आपने खाना खाया ?”
“नहीं अंकल अभी थोड़ी देर में खा लेंगे,,,,,,,,,!!”,सुमन ने मुस्कुरा कर कहा
“हम्म्म हम जाते है , हम आपका ये अहसान कभी नहीं भूलेंगे”,शिवम् ने कहा


“अपने प्यार को अहसान का नाम मत दीजिये अंकल , हम जान चुके है कि आप अपने बेटे और बाबा से बहुत प्यार करते है”,सुमन ने कहा
शिवम् मुस्कुराया और वहा से चला गया। शिवम् के जाते ही सुमन ख़ुशी से पलटी और जैसे ही उछली सामने खड़ी आई पर उसकी नजर पड़ी। सुमन कुछ कहती इस से पहले आई ने उसके पास आकर कहा,”अरे का हो गवा बिटिया हवा मा काहे उछल रही हो पैर मा मोच आ जाही है”


“अह्ह्ह कुछ नहीं आंटी बस ऐसे ही,,,,,,,,,,,!!”,सुमन ने झेंपते हुए कहा
आई सुमन के पास आयी और उसे साइड ले जाते हुए कहा,”हमहू जानते है जे ख़ुशी हमरे वंश्वा से रिश्ता होने की है”
सुमन ने हैरानी से आई की तरफ देखा तो आई ने आगे गंभीर स्वर में कहा,”पर ऐसी ख़ुशी किस काम की बिटिया जोन किसी के दुःख का कारण बने”

“मैं कुछ समझी नहीं आंटी”,सुमन ने कहा
आई ने इधर उधर देखा और कहा,”जोन वंश से तुमहू शादी करने का सपना देख रही हो ना बिटिया उह्ह वंश बम्बई मा किसी और को पसंद करता है और ओह्ह के बाबा ओह्ह से पूछे बिना ही तुम्हरे साथ जे रिश्ता तय कर दिए , अब तुमसे का छिपाये बिटिया बम्बई का रहन सहन तो तुमहू जानती ही हो सादी बाद मा होती है लड़का लड़की साथ पहिले ही रहन लगते है पर वंश के बाबा उनके सामने आज तक हमरे शिवा की नाही चली तो बेचारे वंश की का चली है

इहलीये वंश को उनकी बात माननी पड़ी पर कुछ भी कहो बिटिया जब से रिश्ता पक्का हुआ है ना बिटवा के चेहरे पर एक ठो बार मुस्कान नाही देखे है बहुते दुखी है बेचारा,,,,,,,,,,!!”
आई के कहने पर सुमन ने जैसे ही कुछ दूर खड़े वंश को देखा तो पाया वंश जय के साथ मिलकर हँसते हुए रसमलाई खा रहा है। आई ने देखा तो सुमन को लेकर आगे बढ़ते हुए कहा,”अरे जे तो बस सब लोगन को दिखाने के लिए बाकी ओह्ह्ह के अंदर का हाल तो सिर्फ हमही जानते है,,,,,,,,,!!”


“आप यही चाहती है ना कि मैं इस शादी से इंकार कर दू ?”,सुमन ने सहजता से पूछा
“अरे बिटिया तुमहू तो बहुते समझदार हो इत्ती जल्दी हमायी बात समझ गयी,,,,,,,,,हाँ जे ही चाहते है”,आई ने खुश होकर कहा
“ठीक है मैं बाबा से कह दूंगी कि मुझे ये शादी नहीं करनी,,,,,,,,,!!”,सुमन ने कहा
“का सच कह रही हो ? अरे जुग जुग जिओ बिटिया , महादेव तुम्हायी झोली मा वंश्वा से भी जियादा समझदार मोढ़ा डाले”,आई ने ख़ुशी भरे स्वर में कहा


सुमन ने सूना तो हसने लगी और कहा,”क्यों आंटी आपका वंश समझदार नहीं है क्या ?”
“अरे समझदार होता तो बम्बई मा पिरेम करता का हिया बनारस में लड़कियों की कोनो कमी थोड़े थी,,,,,,,,!!”,आई ने कहा
“वंश का पता नहीं लेकिन आप बहुत समझदार है आपने मुझे बचा लिया”,सुमन ने कहा
“का मतलब ?”,आई ने पूछा


“अह्ह्ह्ह कुछ नहीं आप जाईये मैं कल सुबह बाबा से कह दूंगी कि मुझे ये शादी नहीं करनी,,,,,,,,!!”,सुमन ने मुस्कुरा कर कहा आई ने उसके सर को दोनों हाथो से छूकर खूब आशीर्वाद दिया और वहा से चली गई
आई के जाने के बाद सुमन मुस्कुरा उठी तभी अनु वहा आयी और सुमन का हाथ पकड़कर उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा,”मेरे साथ चलो मुझे तुम से कुछ जरुरी बात करनी है,,,,,,,,,!!”
अनु सुमन को साइड में लेकर आयी और अपने सामने करके कहा,”ए तुम कैसी लड़की हो ?”
“व्हाट डू यू मीन ?”,सुमन ने थोड़ा गुस्से से कहा


“अह्ह्ह मेरा मतलब 27 साल पहले मैंने भी अपनी पसंद से शादी की थी , वो भी उस से जिस से मैंने प्यार किया फिर आजकल की जेनेरेशन को क्या हो गया है ? माना की हमारा वंश तो थोड़ा गधा है पर तुम , तुम तो पढ़ी लिखी और मॉर्डन लड़की हो फिर तुम ये अरेंज मैरिज के लिए कैसे तैयार हो गयी वो भी ऐसे लड़के के साथ जिसे तुम जानती तक नहीं,,,,,,तुम्हे नहीं लगता ये कितना अजीब है”,अनु एक साँस में सब कह गयी


सुमन समझ गयी कुछ देर पहले शिवम और आई ने उस से जो कुछ कहा अनु भी उस से वही कहने आयी है। सुमन ने अनु की तरफ देखा और कहा,”हाँ अजीब तो है लेकिन बाबा ने रिश्ता पक्का कर दिया तो मैं क्या बोलू ?”
“अरे इसमें बोलू क्या क्या होता है ? अपने हक़ के लिए लड़ना पड़ता है भाई ,, तुम तुम बाबा से कह दो कि तुम्हे ये शादी नहीं करनी,,,,,,,,!!”,अनु ने बच्चो की तरह जिद करके कहा


“और शादी ना करने का कारण क्या बताये उन्हें ?”,सुमन ने पूछा
“कारण कारण कारण कह देना कि तुम्हे वंश पसंद नहीं है या तुम्हे उसका बॉलीवुड में काम करना पसंद नहीं है या फिर वो तुम से कम पढ़ा लिखा है ऐसा कोई भी रीजन दे देना ना बाबा,,,,,,,,,!!!”,अनु ने परेशानी भरे स्वर में कहा

“लेकिन,,,,,!!”,सुमन ने जैसे ही कहा अनु ने आगे बढ़कर उसके हाथो को थामा और कहने लगी,”देखो सुमन हो सकता है तुमसे अपनी बात कहने का मेरा तरिका गलत हो लेकिन प्लीज तुम इस शादी से इंकार कर दो , वंश बिल्कुल मुरारी की तरह सही समय पर अपनी बात कहेगा नहीं और बाद में बैठकर पछतायेगा,,,,,मैं नहीं चाहती इस शादी के बाद तुम दोनों को पछताना पड़े,,,,,!!”


सुमन अनु की बात समझ चुकी थी शिवम् और आई की तरह अनु ने भी सुमन से वही कहा , सुमन अब तक समझ चुकी थी कि बाबा को छोड़कर इस घर में कोई भी उसकी और वंश की शादी से खुश नहीं है इसलिए उसने कहा,”ठीक है मैं कल सुबह मना कर दूंगी”
“कल सुबह , अभी क्यों नहीं ?”,अनु ने बेसब्री से कहा
“अभी जाकर कहा तो आपका इतना अच्छा फंक्शन खराब हो जाएगा,,,,,,मैं कल सुबह बाबा से कह दूंगी”,सुमन ने कहा


“ओह्ह्ह हाँ थैंक्यू , तो कल सुबह तुम पक्का मना कर दोगी ना ?”,अनु को अब भी सुमन पर विश्वास नहीं था
“हाँ”,सुमन ने कहा
“तो मैं जाऊ ना ?”,अनु ने पूछा
“जी हाँ,,,,,,,,!!”,सुमन ने कहा
अनु वहा से चली गयी और सुमन ने राहत की साँस लेकर कहा,”हाँ कैसे अजीब लोग है ये सब , एक रिश्ते को ना बोलने के लिए सब अलग अलग क्यों आ रहे है ? खैर जो भी मैं कल बाबा से कह दूंगी कि मुझे वंश से शादी नहीं करनी,,,,,!!”


“मैं भी तुम्हे यही कहने आया था कि तुम्हे वंश से शादी नहीं करनी चाहिए,,,,,,,,,!!”,एक मर्दाना आवाज सुमन के कानों में पड़ी वह जैसे ही पलटी नवीन उसके सामने खड़ा था लेकिन नवीन को सुमन नहीं जानती थी इसलिए कहा,”आप ?”
“मैं कौन हूँ ये जानने से ज्यादा जरुरी तुम्हारे लिए ये जानना है कि तुम्हे वंश से शादी क्यों नहीं करनी चाहिए ?”,नवीन ने कहा
“क्यों नहीं करनी चाहिए ?”,सुमन ने पूछा


“अरे वो लड़का नंबर का पागल है , बहुत बद्तमीज है और मुंहफट तो पूछो मत। उसके दिमाग में कब क्या चलता है कुछ कह नहीं सकते,,,,,,,,!!”,नवीन ने दबी आवाज में कहा
“मतलब आप भी यही चाहते है कि मैं इस रिश्ते से इंकार कर दू ?”,सुमन ने पूछा
“हाह मेरा अंदाजा सही निकला”,नवीन ने गहरी साँस लेकर कहा
“कैसा अंदाजा ?”,सुमन ने पूछा


“यही की तुम्हारे जैसी समझदार लड़की उस वंश के लिए हाँ कैसे बोल सकती है ?”,नवीन ने कहा
“मैंने नहीं वो तो बाबा,,,,,,,,!!”,सुमन ने थोड़ा उदासी भरे स्वर में कहा
“अरे बेटा तुम कहा ये बाबा लोगो के चक्कर में पड़ रही हो उनकी दोस्ती के लिए तुम जिंदगीभर की दुश्मनी क्यों मोल रही हो , देखो मैं तुम्हे नहीं जानता पर मैं वंश को जानता हूँ और मैं नहीं चाहता एक सीधी साधी लड़की की जिंदगी खराब हो,,,,,,,,,,आई थिंक तुम्हे एक बार और सोच लेना चाहिए”,नवीन ने कहा


शिवम् , आई और अनु की बात सुमन को समझ आयी लेकिन नवीन की बातो ने तो उसे और ज्यादा उलझन में डाल दिया।
सुमन को चुप देखकर नवीन ने कहा,”मेरा काम तुम्हे बताना था आगे तुम्हारी मर्जी,,,,,,,,!!” इतना कहकर नवीन वहा से चला गया

“अरे सुमन बेटा तुम यहाँ क्या कर रही हो ? तुमने खाना खाया ?”,सारिका की आवाज सुमन के कानो में पड़ी तो सुमन की तंद्रा टूटी और उसने सारिका को देखकर कहा,”नहीं आंटी,,,,,,,!!”
“चलो आओ हमारे साथ वहा सब बच्चे खाना खा रहे है,,,,,,तुम भी चलकर उनके साथ खाना खा लो”,सारिका ने सुमन को अपने साथ ले जाते हुए कहा
सुमन खामोश थी उस के दिमाग में बस शिवम् , आई , अनु और नवीन की कही बाते चल रही थी।

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 संजना किरोड़ीवाल  

Main Teri Heer - Season 5
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