Manmarjiyan Season 3 – 61
Manmarjiyan Season 3 – 61

गोलू और लवली आमने सामने थे और लवली के पास भागने का दूसरा कोई रास्ता भी नहीं था। गोलू भँवे चढ़ाकर लवली को देखे जा रहा था वही लवली वहा से निकलने की तरकीब सोचने लगा। लवली फिर से गोलू को चकमा देकर भागे इस से पहले गोलू ने कहा,”का बेटा ? तुमहू का सोचे हमायी आँख मा धूल झोंक
के निकल जाओगे,,,,,,,,अरे गोलू गुप्ता नाम है हमाओ हमने भी कोनो कच्ची गोलियां नाही खेली है , क्यों पकडे गए ना गुड्डू भैया के हमशक्ल अब देखो बेटा कैसे तुम्हायी बत्ती बनाते है हम,,,,,,,,,,,ए,,,,,,,,,,,,,,एक मिनिट”
लवली को धमकाते हुए अचानक गोलू को गुड्डू की कही बात याद आ गयी “अबे सामने वाले से पूछते भी नहीं और गुड्डू भैया के हमशक्ल बोलकर ओह्ह पर टूट पड़ते हो,,,,,!!”
लवली हैरानी से गोलू को देखने लगा , गोलू लवली के थोड़ा पास आया और दबी आवाज में कहा,”हमहू फिर से कोनो गलती करे जे से पहिले हमहू एक बार तुम्हरा टेस्ट करेंगे,,,,,,,गर्म गर्म तेल में जलेबी है छनती”
लवली ने सुना तो गोलू को देखने लगा लेकिन कुछ देर पहले ही लवली ने गोलू और गुड्डू को ये शायरी बोलते सुना था इसलिए फटाक से कहा,”पिंकिया के बाप से तुम्हायी नाही बनती”
गोलू ने जैसे ही सुना पीछे हटा और हाथ पैर पटक कर कहा,”भक्क यार गुड्डू भैया फिर से हमहू आपको ही धर लिए,,,,,,,उह्ह तो अच्छा हुआ हमहू कोड वर्ड पूछ लिए वरना फिर आपको पेल देते,,,,,,!!”
“इह बार गलती करते ना गोलू तो फिर हम तुम्हे तुम्हाये पैरों पर चलकर जाने लायक नाही छोड़ते,,,,,,,,!!”, लवली ने गुड्डू के अंदाज में कहा
“अरे इत्ते भी पगलेट नाही है गुड्डू भैया कि पहिचान नाही पाए,,,,,,उह्ह तो हमहू बस टेस्ट कर रहे थे कि आपको कोड वर्ड याद है कि नाही ?”,गोलू ने कहा
” तुमहू इधर जाओ हमहू उधर जाकर देखते है”,लवली ने वहा से निकलने के लिए कहा लेकिन गोलू ने उसे रोक लिया और कहा,”ए गुड्डू भैया अलग अलग नाही , हमहू दोनों साथ साथ ओह्ह का ढूंढेंगे , साला अकेले गए तो फिर से आप से टकरा जायेंगे , एक काम करते है जे गमछा दोनों के हाथ से बांध लेते है”,कहते हुए गोलू ने लवली के हाथ की उंगलियों में अपनी उंगलिया फसाई और मजबूती से उसका हाथ थामकर गले में पड़े गमछे से दोनों के हाथो को बांधने लगा
“अबे जे का कर रहे हो गोलू ? हम कोई बच्चे थोड़े है”,लवली ने कहा
“अरे उह्ह का है ना गुड्डू भैया जे सेफ्टी के लिए है , बचपन मा एक बार पिताजी हमका कुम्भ का मेले मा लेकर गए थे ना तब ऐसे ही हमरा हाथ अपने हाथ के साथ बांधे रहे ताकि हमहू भीड़ मा खोये नाही,,,,,,,अब चलो ढूंढते है आपकी फोटू कॉपी”,कहते हुए गोलू आगे बढ़ गया और बेचारा लवली उसके पीछे घिसटते हुए आने लगा। अंदर ही अंदर लवली को गोलू पर खुन्नस भी हो रही थी लेकिन लवली के पास अभी कोई चारा नहीं था।
गलियों से निकलकर गोलू जैसे ही सड़क पर आया लोग उसे देखकर दबी हंसी हसने लगे। गोलू ने लवली को देखा और कहा,”ए गुड्डू भैया ! जे सब लोग हमे देखकर दाँत काहे फाड़ रहे है ?”
“अपनी हालत देखे हो गोलू ? कानपूर के भांड और गलियों में घूमते सांड भी तुमसे ज्यादा साफ सुथरे रहते है”,लवली ने बुरा सा मुंह बनाकर कहा
“अभी थोड़ी देर पहिले जे डायलॉग मारे थे गुड्डू भैया , बार बार हमरी बेइज्जती करने की जरूरत नाही है,,,,,,,,,अभी घर जाकर नहाएंगे ना तो दूध से चमकने लगेंगे,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
लवली सोच में पड़ गया उसने तो गोलू को ऐसा कोई डायलॉग नहीं मारा था खैर उसने गोलू से बचने की एक बार फिर नाकाम कोशिश की और कहा,”हाँ तो फिर एक काम करो ना तुमहू घर जाकर अच्छे से नहाय ल्यो हमहू शोरूम चले जाते है बहुते काम बाकि है वहा”
“ल्यो आप तो हमाओ काम और आसान कर देइ , अरे मिश्रा जी के शोरूम वाले रास्ते पर ही तो खड़े हम लोग , वही बगल में हैंडपंप है वही नहा लेंगे,,,,,चलिए”,गोलू ने लवली के प्लान पर पानी फेरते हुए कहा
लवली ने सुना तो अपना सर पीट लिया गोलू की वजह से उसके दिमाग ने काम करना बंद जो कर दिया था। उसने बस मिश्रा जी के शोरूम का नाम सुना था शोरूम कहा है ये तो वह भी नहीं जानता था लेकिन गोलू से पीछा छुड़ाने के चक्कर में ये सब बोल दिया और फिर फंस गया।
“अरे वहा कहा नहाओगे तुमहू घर जाओ ना आराम से नहाओ , शोरूम हमहू चले जायेंगे”,लवली ने एक कोशिश और की। लवली को बार बार बहाने बनाते देखकर गोलू को उस पर कुछ कुछ शक हुआ और उसने कहा,”गुड्डू भैया आज से पहिले तो आप हमको शोरूम आने से नाही रोके फिर आज काहे और हमको काहे लग रहा है आप नकली गुड्डू भैया है,,,,,,,,!!”
लवली ने गोलू को एक चाँटा मारा और कहा,”अब हो गवा क्लियर,,,,,,,!!”
“हाँ,,,,,,लेकिन शोरूम तो जायेंगे हम”,गोलू ने भी जी पकड़ ली और तुनककर कहा
“तो चलो और रास्ते मा एक ठो निरमा डिटर्जेंट भी खरीद लेना”,लवली ने गुस्से से कहा और गोलू को साथ लेकर चल पड़ा
“अरे निरमा डिटर्जेंट काहे ? गुड्डू भैया हमहू सिर्फ नहाएंगे कपडे थोड़े धोने है”,गोलू ने कहा
“तुम्हाये नहाने के लिए ही कहे है,,,,,!”,लवली ने अपने गुस्से को दबाकर कहा
“का मजाक कर रहे भैया , अरे हमहू लक्स साबुन से नहाते है निरमा डिटर्जेंट से काहे नहाएंगे ?”,गोलू ने कहा
“अभी तुम ही तो कहे रहे कि नहाने के बाद दूध जइसन चमकने लगोगे , तो तुमने वो नाही सुना “दूध सी सफेदी निरमा से आये” और वैसे भी जोन कालिख तुमहू अपने मुँह और जे मनहूस सरीर पर पोते हो न उह्ह्ह लक्स साबुन से तो ना जाही है बेटा,,,,,,,,,अगर तुमने लक्स साबुन से खुद को धोया भी न तो हमको तो लगता है लक्स साबुन को धोने के लिए भी एक और लक्स साबुन और लगी है,,,,,,,,,और हमायी जेब मा इत्ता पैसा नाही है गोलू,,,,,,,,,!!”,गोलू की बातो से परेशान होकर लवली ने अपनी भड़ास उस पर निकालते हुए कहा
गोलू ने सुना तो उसका मुंह ही उतर गया उसने आँखों में आँसू भरकर कहा,”जे का कह दिए गुड्डू भैया ? अरे आज से पहिले तो आप हमायी इत्ती बेइज्जती कबो नाही किये रहे फिर आज जे सब,,,,,,,,,अरे हमहू तो साला आपको देवता समझते थे आप तो असुर निकले,,,,साला गोलू गुप्ता से कह रहे है कि लक्स साबुन ने हमे धोया तो लक्स साबुन को भी धोना पडेगा,,,,,,,,,,ए साला हमहू इत्ते गंदे दिखते है ?”
“पूछ रहे हो कि बता रहे हो ? और आज से पहले नहीं कहे तो का जिंदगीभर भंड रहेंगे तुम्हाये पियार मा”,लवली ने कहा
“बस , बस , बस , बस गुड्डू भैया बस इत्ती इंसल्ट हमहू ना सह पायी है,,,,,,,,,अरे का नहीं किये हमहू आपके लिए,,,,,,,,,बस”,गोलू ने एक्टिंग करते हुए कहा
लवली गोलू की नौटंकी देखकर दुखी हो चुका था इसलिए एक थप्पड़ उसे मारा और कहा,”जे अनुपमा की एक्टिंग का कर रहे हो बे ? नौटंकी मा हिस्सा लिए हो , शोरूम चलना है तो चलो वरना भाग जाओ हिया से,,,,,,,,!!”
लवली को लगा इस थप्पड़ के बाद गोलू सीधा घर ही जाएगा और गोलू की जगह कोई और होता तो घर ही जाता लेकिन लवली गुड्डू और गोलू की दोस्ती जानता नहीं था। गोलू लवली का हाथ थामकर आगे बढ़ गया लवली सर पीटते हुए फिर उसके पीछे चल पड़ा।
भुआ जी के फोन करने के बाद गुड्डू जल्दी से घर पहुंचा उसने शगुन को सम्हाला शगुन को होश तो आ गया था लेकिन उसे अचानक उल्टियां और पेट में दर्द शुरू हो गया। गुड्डू शगुन को साथ लेकर तुरंत हॉस्पिटल निकल गया। गुड्डू ऐसी हालत में शगुन को परेशान करना नहीं चाहता था इसलिए उसने लवली के बारे में नहीं बताया और हास्पिटल पहुंचा। शगुन को वेटिंग एरिया में बैठकर गुड्डू ने डॉ से मिलने की स्लिप ली और केबिन की तरफ बढ़ गया।
डॉक्टर मिश्रा जी को जानते थे इसलिए उन्होंने शगुन को पहले देखा। उन्होंने शगुन का चेकअप किया और कुछ टेस्ट लिखकर फाइल गुड्डू को पकड़ा दी। गुड्डू शगुन के साथ बाहर चला आया। उलटी के लिए डॉक्टर ने शगुन को दवा दे दी जिस से उसे आराम मिले। खून पेशाब का सेम्पल देने के बाद गुड्डू और शगुन हॉस्पिटल के बाहर पड़ी बेंच पर आकर बैठ गए। सुबह जब गुड्डू घर से निकला था तब शगुन का चेहरा खिला हुआ था और अब मुरझा चुका था।
गुड्डू उठा और शगुन से कहा,”शगुन तुमहू थोड़ी देर यही बैठो हम तुम्हाये लिए ताज़ा जूस लेकर आते है”
“हम्म्म ठीक है गुड्डू जी , जल्दी आईयेगा”,शगुन ने बुझे स्वर में कहा
गुड्डू वहा से चला गया और शगुन उसके आने का इंतजार करने लगी। कुछ देर बाद ही शगुन का फोन बजा शगुन ने फोन देखा स्क्रीन पर प्रीति का नंबर देखकर शगुन का मन खुश हो गया उसने फोन उठाकर कान से लगाया और कहा,”हेलो प्रीति , कैसी हो और रोहन कैसा है ?”
“मेरी छोड़िये दी पहले आप बताईये आप कैसी है और गुड्डू जीजू कैसे है ? अंकल आंटी कैसे है ? मैं और रोहन आज सुबह ही हनीमून से वापस आये है , पापा से बात की तो उन्होंने बताया गुड्डू जीजू की दादी नहीं रही,,,,,,,,,,,!!”,प्रीति एक साँस में सब कह गयी
“हाँ प्रीति दादी माँ को गुजरे आज 4 दिन हो चुके कल बैठक थी , माजी और पापाजी बनारस गए हुए है अस्थिया विसर्जन करने,,”,शगुन ने उदास होकर कहा
“सो सेड ! भगवान उनकी आत्मा को शांति दे , आई नो आप सब बहुत मुश्किल से दौर से गुजर रहे है,,,,,,,,,बट मैं जानती हूँ मेरी दी बहुत स्ट्रांग है सब सम्हाल लेंगी”,प्रीति ने विश्वास भरे स्वर में कहा
“हम्म्म्म अच्छा तुम कैसी हो ? तुम्हारी शादीशुदा जिंदगी में सब ठीक चल रहा है ना ?”,शगुन ने पूछा
“अरे दी एकदम फर्स्ट क्लास अच्छा पापा मुझसे कह रहे थे कोई गुड न्यूज है , जब मैंने पूछा तो उन्होंने कहा आप खुद बताएंगी , दी क्या गुड न्यूज़ है बताइये ना”,प्रीति ने बच्चो की तरह खुश होकर कहा
शगुन ने सुना तो मुस्कुराई और कहा,”तुम मौसी बनने वाली हो”
“क्या ? सच में ? वह्हो ये तो सच में बहुत बड़ी गुड न्यूज़ है,,,,,,,,दी कॉन्ग्रैचुलेशन , आपको और गुड्डू जीजू को बहुत बहुत बहुत बहुत बधाई , आई ऍम सो हैप्पी फॉर यू
मेरा तो दिल कर रहा है मैं अभी भागकर आपके पास आ जाऊ,,,,,,,,,!!!”,प्रीति ने ख़ुशी से उछलते हुए कहा
“अरे बाबा शांत मैं चाहती हूँ तुम यहाँ जरूर आओ और रोहन भी तुम्हारे साथ आये लेकिन अभी घर का माहौल थोड़ा सही नहीं है , तुम समझ रही हो ना प्रीति मैं क्या कहना चाह रही हूँ”,शगुन ने झिझकते हुए कहा
“ओह्ह्ह कम ऑन मेरी शादी हो चुकी है और अब मैं बड़ी हो गयी , मैं ये सब बाते समझती हूँ,,,,,,,,जब आंटी के दिन पुरे हो जाये तब आप और गुड्डू जीजू बनारस आ जाना , वैसे भी रोहन अपनी जॉब और मैं अपने फैशन बुटीक के लिए बनारस में ही शिफ्ट हो रहे है तो वही मिलेंगे,,,,,,,!!”,प्रीति ने कहा
“अरे वाह ये तो और भी अच्छा है प्रीति”,शगुन ने कहा
“हाँ दी रोहन के मम्मी पापा बहुत अच्छे है उन्होंने कहा कि पहले हम दोनों अपने सपने पुरे करे उसके बाद घर गृहस्थी सम्हाले,,,,,अच्छा दी ये सब छोड़िये मेरी बात सुनिए आपने मुझे इतनी बड़ी खुशखबरी दी है तो मेरा भी फर्ज बनता है मैं आपको थोड़ी सी एडवाइज दू ,अब से खूब ख्याल रखना है अपना , बाहर का खाना बंद घर का फ्रेश खाना और फ्रेश फ्रूट खाने है आपको , मेडिसिन टाइम पर लेनी है और रोज नारियल पानी पीना है उस से बच्चा हेल्थी और तंदुरुस्त होता है ,
रोज एक्सरसाइज करनी है और किसी बात की टेंशन तो बिल्कुल नहीं लेनी , वैसे भी आपको आदत है छोटी छोटी बातो पर परेशान होने की और मेरे हेंडसम जीजू से कहना है कि अब वो आपका पूरा ख्याल रखे और बाकि दिनों के बजाय आपको थोड़ा सा प्यार ज्यादा करे,,,,,,,,,!!”,प्रीति ने कहा
शगुन ने सुना तो हसने लगी और कहा,”तुम सच में नहीं बदली”
“अच्छा दी मैं आपसे थोड़ी देर बाद बात करती हूँ , अपना ख्याल रखना और जीजू को मेरी तरफ से कॉन्ग्रैचुलेशन बोलना मत भूलना,,,,,, लव यू”,प्रीति ने कहा
“तुम भी अपना ख्याल रखना”,शगुन ने कहा और फोन काट दिया
कानपूर की तंग सड़क पर बहुत ही शानदार नजारा था जहा हेडपम्प के पास बैठा गोलू नहा रहा था और उसके पीछे खड़ा लवली उसे साबुन लगा रहा था। गोलू यहाँ नहाते हुए इतना भी अजीब नहीं लग रहा था क्योकि बगल में ही धोबीघाट था जहा दिनभर कपडे धुलते थे।
“वाह वाह मजा आ गया गुड्डू भैया , ऐसा तो सालों पहले बचपन मा अम्मा हमको नहलाई थी और आज आप नहला रहे है,,,,,,,,कभी कभी तो ना हमको का लगता है गुड्डू भैया कि आप ना जरूर पिछले जन्म मा हमायी अम्मा रही होंगी या हमाये पिताजी तभी तो इत्ता प्यार करते हो हमसे,,,,,,,जे जरा बगल मा भी थोड़ी साबुन लगाना,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
लवली का मन तो किया गोलू को धोबीघाट के कपडे की तरह धो दे लेकिन मजबूर था इसलिए जैसा गोलू ने कहा लवली ने किया। उसने गोलू को साबुन लगाया और गोलू भी साबुन से झाग झाग हो गया। लवली ने बाल्टी भरकर गोलू पर पानी डाला और गोलू मजे से नहाने लगा। गोलू के कपडे तो पहले ही गंदे हो चुके थे पहने क्या इसलिए लवली से कहा,”गुड्डू भैया मिश्रा जी के शोरूम से एक ठो पेण्ट शर्ट ला दो ना”
“अब वो कहा से लेकर आये हम तुम्हारे लिए , जे गमछा लपेटो और चलो यहाँ से”,गुड्डू ने हाथ में पकड़ा गमछा गोलू पर फेंककर कहा
“जे भी ठीक है एक काम करते है यही पहनकर चलते है वहा शोरूम मा अपनी पसंद का ले लेंगे,,,,,,,,,!!”,गोलू ने गमछा अपनी कमर के चारो और लपेटकर कहा गनीमत था कि उसने गीला कच्छा अभी भी पहन रखा था।
लवली के पास गोलू के साथ शोरूम जाने के अलावा कोई चारा नहीं था। दोनों शोरूम पहुंचे गोलू कपडे बदलने चला गया। लवली के पास ये अच्छा मौका था वहा से भागने का वह चुपचाप जाने के लिए जैसे ही पलटा मैनेजर ने आकर कहा,”अरे गुड्डू बाबा उह्ह लड़के ने हिसाब बना दिया है आप चलकर देख लीजिए ,
हमे तो कुछो समझ नाही आया अब आप ही बात कीजिये तब तक हम लखनऊ वाला आर्डर पैक करवा देते है , और हाँ जे महेश शुक्ला ने 20 हजार एडवांस दिया है नए साल पर माल चाहिए उसे उसका आर्डर हमने लिख दिया है नया माल आते ही लगवा देंगे”
कहते हुए मैनेजर ने 20 हजार रूपये की गड्डी लवली के हाथो में थमा दी। लवली हक्का बक्का रह गया सिर्फ गोलू ही नहीं बल्कि सब उसे गुड्डू ही समझ रहे थे। लवली एकटक हाथ में पकडे पैसो को देखता रहा,,,,,,,,,,!!
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संजना किरोड़ीवाल

