Main Teri Heer Season 5 – 74
Main Teri Heer Season 5 – 74

आई की बात मनाकर वंश उस आदमी को पेलने चल पड़ा जिसने ये आग लगाई थी और वो आदमी कौन था ये तो आप सब जानते ही है। वंश ने आई से झूठ कहा था इसलिए जाते जाते वह अपने साथ सुमित को भी ले गया। वंश ने बाइक स्टार्ट की और सुमित से कहा,”बड़े भैया बैठो”
“अरे लेकिन हम जा कहा रहे है ?”,सुमित ने वंश के पीछे बैठते हुए कहा
“दलाल को पेलने,,,,,,!!”,वंश ने मुरारी को याद करके कहा
“दलाल ? व्हाट डू यू मीन और मुझे क्यों लेकर जा रहे हो ?”,सुमित ने पूछा
“क्योंकी आपके नाम से ही तो मुझे ये आइडिया मिला है”,वंश ने कहा
“तुम क्या कह रहे हो वंश मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा”,सुमित ने उलझन भरे स्वर में कहा
“अरे आप चलिए मैं आपको सब बताता हूँ,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा और बाइक की स्पीड बढ़ा दी।
गौरी और काशी तो घर से बाहर जा नहीं सकती थी इसलिए ऋतू और प्रिया अंजलि के साथ मार्केट कुछ सामान लेने चली आयी। वंश की बाइक जब गली से गुजरी तो पीछे बैठे सुमित की नजर प्रिया पर पड़ी जो कि उसी गली में एक दुकान पर कुछ सामान देख रही थी। गली संकरी होने की वजह से वंश ने जैसे ही बाइक की स्पीड धीरे की सुमित बिना वंश को बताये चुपचाप बाइक से उतर गया और वंश आगे बढ़ गया।
वंश इतना जल्दी में था कि उसे पता ही नहीं चला सुमित उसके पीछे नहीं है। वह बाइक लेकर मुरारी के घर पहुंचा उसने बाइक साइड में लगाई और लॉन में आकर आँखे बंद करके जोर से चिल्लाया,”मुरारी चाचा,,,,,,,,,,!!”
वंश ने आँखे खोली तो मुरारी ठीक उसके सामने खड़ा था , वंश ने हैरानी से मुरारी को देखा तो मुरारी ने उसके गाल पर एक चपत लगाकर कहा,”का है बे ? चिल्ला काहे रहे हो ?”
वंश ने अपने गाल को हाथ लगाया और मुरारी को घूरते हुए कहा,”आखिर मैंने आपका क्या बिगाड़ा है ? आपको पता है वहा बाबा सबके सामने मेरी शादी सुमन से करने की बात कर रहे है”
“तो का दिक्कत है ? लड़की का नाम नाही पसंद तो बदल देंगे”,मुरारी ने बेपरवाही से कहा
मुरारी की बात सुनकर वंश और ज्यादा चिढ गया और कहा,”देखो मुरारी चाचा मैं मजाक के मूड में बिल्कुल नहीं हूँ,,,,,,,,,वहा सब मिलकर मेरी जिंदगी से क्रिकेट खेलना चाह रहे है और आप अम्पायर बन रहे है,,,,,,,,,!!”
“हमहू तो पहिले ही कहे थे बिटवा कि जे मैच के अम्पायर हमही रहे है और जे सब हम इहलीये किये ताकि तुम्हाये दिल की बात तुम्हाये होंठो पर आये पर तुम्ह साला हमरा नाम डुबो दिए,,,,,,,,,,,,,अरे तुम्हरी मौसी से पियार था ना तो सीना ठोक के कहे थे अपने ससुर से कि प्यार है अनु से और तुमहू अपने बाप के सामने नाही बोल पाए,,,,,,,,का पियार करोगे तुमहू ?”,मुरारी ने कहा
“अरे लेकिन इसका मतलब ये थोड़े है कही भी किसी से भी रिश्ता कर दो मेरा,,,,,,,,,,,और आपको तो मैं छोडूंगा नहीं ये सब आपकी वजह से हुआ है आपने ही बोला था ना मुझे बाबा के सामने हाँ बोलने को,,,,,,,,मुझे नहीं पता था मेरी लंका लगाने वाले आप हो”,वंश ने रोआँसा होकर कहा
“अरे तो का हो गवा चलो बाबा के पास अभी चलकर सच बता देते है ओह्ह का”,मुरारी ने वंश के कंधो पर अपनी बांह रखते हुए कहा
वंश ने अपने कंधो से मुरारी की बांह झटकी और कहा,”हाँ जैसे आपकी बात सुन लेंगे बाबा , सुने नाही आप पापा ने वचन दिया है उनको और पापा का दिया वचन तोड़ सको इतनी हिम्मत तो आप में भी नहीं है पर मेरी भी एक बात याद रखना मुरारी चाचा अगर उस सुमन से मेरी शादी हुई न तो मेरी बर्बादी में सबसे बड़ा हाथ आपका होगा”
“कैसी बात कर रहे हो अरे हम है ना”,मुरारी ने वंश को बहलाते हुए कहा
“हाँ आप है तभी तो इतना सब हो गया , आगे भी आप साथ रहे ना तो बहुत जल्दी स्वर्ग सिधार जाऊंगा मैं,,,,,सुमन छह”,कहकर वंश पैर पटकते हुए आगे बढ़ गया
“अरे इह तो बता दो हिया काहे आये थे ?”,मुरारी ने पूछा
“मुझे शक था कि सुमन से मेरा रिश्ता पक्का करवाने में आपकी दलाली है इसलिए आपको पेलने आया था”,वंश ने पलटकर कहा
“अच्छा और जे ज्ञान कौन दिए रहय तुम्हे ?”,मुरारी ने पूछा
“आई ने लेकिन मैं आप पर हाथ नहीं उठा सकता क्योकि आप मेरे चाचा हो,,,,,,,,,,,,,लेकिन आपने मेरे साथ अच्छा नहीं किया”,वंश ने उदास होकर कहा और वहा से चला गया
“ए साला ! जे वंश्वा तो साला इमोशनल कर गवा , लगता है हमने कुछो जियादा ही गड़बड़ कर दी,,,,,,!!”,मुरारी बड़बड़ाया और वहा से चला गया
वंश मुरारी से झगड़ कर वापस जाने लगा तो सामने से आते मुन्ना से टकरा गया। मुन्ना ने वंश को उदास देखा तो कहा,”अरे वंश तुम यहाँ , और क्या हुआ है तुम्हे तुम इतना परेशान क्यों हो ?”
मुन्ना को कुछ नहीं पता था कि वंश के साथ क्या हो रहा है ? मुन्ना ने जैसे ही वंश से पूछा वंश ने रोते हुए कहा,”मुन्ना आआआ”
वंश को रोते देखकर मुन्ना हैरान हो गया और कहा,”वंश क्या हुआ तुम ठीक हो ना ?”
मुन्ना का इतना कहना था कि वंश रोते हुए मुन्ना के गले आ लगा। मुन्ना को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अचानक से वंश को क्या हो गया ? उसने कोशिश की लेकिन वंश कुछ बताने की हालत में नहीं था। मुन्ना ने उसे अंदर चलने को कहा लेकिन वंश टस से मस नहीं हुआ और मुन्ना को और कसकर गले लगा लिया। मुन्ना को मामला गंभीर लगा इसलिए उसने वंश को बच्चे की तरह गोद में उठाया और अंदर चला आया।
मुन्ना वंश को गोद में उठाये सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया घर में मेहमान थे लेकिन मुन्ना को उन सबकी परवाह नहीं थी और वह आगे बढ़ गया। अनु ने देखा तो कहा,”अरे मुन्ना ये क्या वंश को गोद में क्यों उठा रखा है ?”
“कुछ नहीं माँ बस ऐसे ही ये कितना भी बड़ा हो जाये इसका बचपना नहीं जाएगा,,,,,,,,,,,किशना भैया के साथ हमारे लिए 2 कप चाय भिजवा देंगी प्लीज”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“हाँ भिजवाती हूँ और सुनो आज रात के फंक्शन के लिए तुम्हारे कपडे मैंने तुम्हारे कमरे में रखवा दिए है तुम ट्राय करके देख लेना”,अनु ने कहा
“हम्म्म ठीक है माँ”,मुन्ना ने कहा और सीढिया चढ़ने लगा। वंश उसके गले लगे लगे सुबह रहा था।
मुन्ना वंश को लेकर अपने कमरे में आया उसे नीचे उतारा और कमरे का दरवाजा बंद करके वंश के सामने चला आया। वंश आँखों में आँसू लिए , होंठ बाहर निकाले मुन्ना को देख रहा था। मुन्ना कुछ देर वंश को देखता रहा और फिर कहा,”वंश क्या हुआ है तुम्हे ? और ये क्या हाल बना रखा है तुमने , हमे बताओ बात क्या है ?”
वंश बिस्तर पर आ बैठा और मुन्ना हाथ बांधकर दिवार से पीठ लगाकर खड़ा हो गया। वंश ने मुन्ना को सारी बातें बता दी। मुन्ना ने सुना तो उसे वंश के लिए बुरा लगा वह वंश को देखने लगा और खामोश रहा।
मुन्ना को खामोश देख वंश ने खीजते हुए कहा,”अब तुम ऐसे खामोश मत रहो मुन्ना , मुझे उस से शादी नहीं करनी मुन्ना”
मुन्ना दिवार से पीठ लगाए , हाथ बांधे , पैरों को क्रॉस करके खड़ा था उसने वंश को देखा और गंभीर स्वर में कहा,”हमने तुमसे कितनी बार कहा वंश कि निशि से अपने दिल की बात कह दो , बड़े पापा और घरवालों को सिर्फ तुम्हारी और निशि की दोस्ती दिखाई दी तुम दोनों एक दूसरे से प्यार भी करते हो ये बात सिर्फ तुम दोनों जानते हो या फिर हम,,,,,,,,,,बड़े पापा को अगर पता होता कि तुम्हारी जिंदगी में कोई है तो वे बाबा को ऐसा वचन कभी नहीं देते,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो बेचारगी से मुन्ना को देखा और कहा,”तो अब तुम भी पापा की साइड ले रहे हो , सही है मुन्ना तुम्हारी शादी तुम्हारी पसंद से हो रही है तुम्हे और क्या चाहिए ? मुझे लगा तुम तो मुझे समझोगे लेकिन मुझे नहीं पता था तुम इतने समझदार हो जाओगे,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने सुना तो हल्का सा मुस्कुराया और वंश के बगल में बैठते हुए कहा,”वंश ! पता है तुम्हारी गलती कहा है तुमने अपने और निशि के रिश्ते को हमेशा कन्फ्यूजन में रखा।
अगर निशि तुम्हे पसंद है तुम उस से प्यार करते हो फिर उसे ये बोलने में हर्ज क्या है ? और इस से क्या फर्क पड़ता है कि पहले आई लव यू किसने कहा ? और क्या कहा तुमने हमारी शादी हमारी पसंद से हो रही है तो हमे तुम से क्या फर्क पड़ता है ? वंश क्या तुम नहीं जानते उस पसंद के लिए हमने क्या क्या फेस किया है ?”
वंश को अपनी गलती का अहसास हुआ
उसने मुन्ना की तरफ देखा और कहा,”आई ऍम सॉरी , परेशान हूँ इसलिए ये सब बोल दिया,,,,,,,लेकिन अब मैं क्या करू ? पापा मेरी कोई बात सुनने को तैयार नहीं है , माँ पापा के खिलाफ जाएगी नहीं और वो निशि वो तो मुझसे बात तक नहीं कर रही है”
“तुम परेशान मत हो हम है न , हम कुछ ऐसा करेंगे जिस से बड़े पापा ने बाबा को जो वचन दिया है वो भी पूरा हो जाये और निशि भी तुम्हे मिल जाए”,मुन्ना ने कहा
“लेकिन कैसे ?”,वंश ने पूछा
“वो सब तुम हम पर छोड़ दो लेकिन तुम्हे हमे एक वचन देना होगा”,मुन्ना ने कहा
“कैसा वचन ?”,वंश ने पूछा
“बाबा खुद तुम्हे निशि से शादी करने के लिए कहेंगे और अगर बाबा ने ये कह दिया तो तुम निशि को आई लव यू कहोगे , बोलो मंजूर है ?”,मुन्ना ने कहा
“वैसे मैं पहले बोलना तो नहीं चाहता पर हां ठीक है , मंजूर है,,,,,,,,,!”,वंश ने कहा
मुन्ना मुस्कुरा दिया तभी किशना ने दरवाजा खटखटाया। वह वंश और मुन्ना के लिए चाय लेकर आया था।
किशना ने चाय रखी और वापस चला गया मुन्ना ने चाय ली और वंश भी चाय पीने लगा। अब वह थोड़ा शांत था। चाय पीते पीते उसे निशि का ख्याल आया तो उसने कहा,”लेकिन निशि मुझसे नाराज है , वो मुझसे बात तक नहीं कर रही है”
“वो तुम से बात कर लेगी अभी उसे सच नहीं पता है जब सच पता चलेगा तो वो खुद तुम से बात करने आएगी”,मुन्ना ने कहा
चाय खत्म कर मुन्ना वंश को फंक्शन के लिए आये कपडे पहनकर दिखाने लगा , शिवम् का फोन आया और वंश को जल्दी जल्दी में भागना पड़ा।
रात में डांस प्रोग्राम था और ये भी मुरारी ने अपने ही घर में रखा था क्योकि मुरारी के घर में बड़ा लॉन था जिसमे सभी मेहमान आराम से घूम फिर सकते थे। मुरारी ने “सोनू आर्केस्ट्रा ” वाले को बुक किया था जो कि पुरे बनारस में प्रसिद्ध था। पुरे परिवार में सिर्फ दो ही लोग थे जिन्हे नाचने गाने का शौक था और वो थे आई और मुरारी , मुरारी तो शाम में ही चमकीला कुर्ता पजामा पहनकर , बढ़िया महंगा परफ्यूम लगाकर तैयार हो चुका था। बालों में जेल , दाढ़ी मुछे भी सेट करवा ली और आज तो मुरारी ने अपनी मुछे भी ऊपर उठा रखी थी।
कलाई पर महंगी घडी , हाथ की उंगलियों में इतनी अँगूठिया की उंगलिया कम पड़ जाए , गले में सोने की चैन , कानो में सोने की बाली और पैरो में जुत्तिया जो पिछले महीने ही इंदौर से लेकर आया था।
तैयार होकर मुरारी लॉन में एक चक्कर लगाने चला आया ताकि सब देख सके। लॉन में ही मुरारी के चाचा मिल गए और मुरारी को रोककर कहा,”का बात है मुरारी लगता है आज तो आर्केस्ट्रा फाड् देओ तुमहू”
“अरे चचा इकलौते बिटवा की सादी है जैसे हमरी शादी मा आपने धूम उठायी थी वैसे आज हमहू उठाएंगे और अकेले नाही हां आपके साथ”,मुरारी ने कहा
“अरे नाही मुरारी जे उम्र मा धूम धड़ाका हमाये बस का नाही है”,चाचा ने कहा
“अरे काहे चिन्तियाते है हुआ टंकी के पीछे पूरा इंतजाम है बस वक्त निकालकर एक चक्कर लगा आईयेगा”,मुरारी ने दबी आवाज में कहा और चला गया
“तुमहू कबो ना सुधरे हो मुरारी , पर जो भी हो मुरारी आज तुमको और मुन्ना इत्ता तरक्की किये देखे ना साला सीना गर्व से चौड़ा हो गवा हमरा,,,,,,,,महादेव तुमको सदा खुश रखे”,चाचा ने मुरारी को देखकर कहा और फिर मुरारी का इंतजाम देखने टंकी की तरफ चल पड़े
शिवम् का घर , बनारस
सभी लोग फंक्शन में जाने के लिए तैयार थे। काशी ने हलके गुलाबी रंग का लहंगा पहना था। अंजलि , ऋतू , प्रिया ने साड़ी पहनी थी। वंश अपने कमरे में तैयार हो रहा था दोपहर बाद से ही निशि ने वंश से कोई बात नहीं की थी ना उसके सामने आयी और इस बात से वंश बहुत उदास था निशि ने बहुत ही प्यारा क्रॉप टॉप पहना जिसमे उसकी पतली कमर बहुत ही प्यारी लग रही थी। सभी गाड़ियों में आ बैठे और मुरारी के घर के लिए निकल गए।
बस काशी , ऋतू , प्रिया और अंजलि गौरी के लिए रुके थे आज वह तैयार होने में कुछ ज्यादा ही वक्त लगा रही थी। गौरी के आने तक सभी फोटो खींचने लगी। निशि उदास थी इसलिए वह बाहर बरामदे में चली आयी और बाकि सबका इंतजार करने लगी और इन सबको लेकर जाने वाला था वंश।
वंश तैयार होकर निचे आया उसने कुरता पजामा और उस पर जोधपुरी कोट पहना था और वह बहुत ही हैंडसम लग रहा था लेकिन आज वंश के चेहरे पर हमेशा वाली ख़ुशी और चमक नहीं थी होती भी कैसे उसकी छिपकली उस से नाराज जो थी।
वंश जैसे ही हॉल में आया ऋतू प्रिया ने उसे पकड़ लिया। वंश ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए उन सबके साथ फोटो खिंचवाए और बाहर जाने लगा तभी उसकी नजर काशी के कमरे से बाहर आती गौरी पर पड़ी तो वंश रुक गया। गौरी आज सच में बहुत प्यारी लग रही थी वंश भी एक बार के लिए अपनी नजरे उस से हटाना भूल गया।
नारंगी रंग के लहंगे में गौरी का रूप निखर के आ रहा था और उस पर वह हाथ में पकड़ी चॉकलेट खाते हुए आ रही थी। गौरी वंश के पास आयी तो वंश ने कहा,”मेरे भाई को मारने का इरादा है क्या ?”
“इरादा तो बड़ा स्ट्रांग है लेकिन मारने का नहीं उसे अपना दीवाना बनाने का,,,,,,,,!!”,गौरी ने चॉकलेट का एक टुकड़ा खाकर कहा
“वैसे तुम ये चॉकलेट क्यों खा रही हो ?”,काशी ने गौरी की तरफ आकर कहा
“डार्क चॉकलेट है काशी शर्मा इसे खाने से स्ट्रेस कम हो जाता है,,,,,,,ये लो वंश इसे तुम खाओ , आई थिंक तुम्हे इसकी ज्यादा जरूरत है”,गौरी ने चॉकलेट वंश को थमाकर कहा और बाकि सबकी तरफ जाने लगी जाते जाते गौरी पलटी और धीरे से वंश के कान में कहा,”वैसे चॉकलेट देखकर लड़किया लड़किया जल्दी मान जाती है,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो समझ गया गौरी क्या कहना चाहती है वह सबको जल्दी बाहर आने का बोलकर चला गया। बाहर आकर वंश ने देखा निशि बरामदे में खड़ी है तो वह उसके बगल में आकर खड़ा हो गया। निशि ने एक नजर वंश को देखा और फिर सामने देखने लगी।
“अच्छी लग रही हो”,वंश ने सामने देखते हुए कहा
“तुम भी,,,,,,,,इतना तैयार सुमन को दिखाने के लिए हुए होंगे , हाँ वैसे भी वो तुमसे इम्प्रेस हो ही जाएगी,,,,,,,,!!”,निशि ने वंश को ताना मारते हुए कहा
वंश ने निशि को घूरकर देखा और अगले ही पल खुद को नार्मल करके कहा,”जिसे इम्प्रेस करना है वो फ़िलहाल मेरे बगल में खड़ी है,,,,,,,,,!!”
“हाँ ?”,निशि ने चौंककर कहा
“चॉकलेट ?”,वंश ने हाथ में पकड़ी चॉकलेट निशि की तरफ
बढाकर कहा। निशि कुछ देर ख़ामोशी से वंश को देखती रही और फिर चॉकलेट ले ली तो वंश मुस्कुरा उठा। सारिका की बात सुनने के बाद निशि वंश से नाराज नहीं थी बस झूठ मुठ का गुस्सा दिखा रही थी। निशि ने जैसे ही चॉकलेट का एक टुकड़ा खाया वंश ने कहा,”वैसे ये मेरी जूठी है और माँ कहती है कि जूठा खाने से प्यार बढ़ता है”
निशि ने सुना तो खाते खाते रुक गयी और फिर एकदम से दुसरा निवाला खा लिया और वंश की तरफ बढाकर कहा,”तुम्हे नहीं लगता थोड़ा प्यार बढ़ाने की जरूरत तुम्हे भी है,,,,,,,,!!”
वंश ने जैसे ही निशि के हाथ से चॉकलेट ली निशि ने ऊँगली पर लगी चॉकलेट वंश के गाल पर लगा ली और वहा से चली गयी। वंश मुस्कुरा कर रह गया। दोनों दिनभर लड़ते झगड़ते रहते थे और उनके इस झगडे के बिना उनका प्यार अधूरा था।
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संजना किरोड़ीवाल


Chalo Vansh ne finaly Munna ko to bataya apni iss problem k bare m…ab Munna ne Vansh ko bharosa diya hai ki uski shadi Nishi se hee hogi…lakin usko Nishi ko I love you bolna hoga…😁😁😁 Vansh ready bhi ho gaya…koi option nhi hai uske pass… idhar Guri bhi samjhti hai Vansh ko ..tabhi usko sabse last m choda hai, taki wo Nishi ko manaa sake … halaki Nishi maan chuki hai…but inki nokjhok bahot pyari hai…
Nice part