Main Teri Heer Season 5 – 64

Main Teri Heer Season 5 – 64

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

प्रताप का घर , बनारस
मुरारी की धमकी के बाद प्रताप के घर में टेंशन का माहौल था। राजन की यादास्त जाने के बाद प्रताप को लगा उसके और शिवम्-मुरारी के बीच सब ठीक हो चूका है लेकिन उसकी गलती की वजह से ये दुश्मनी फिर से ताजा होने लगी थी। प्रताप की एक गलती की वजह से वह फिर एक नयी मुसीबत में पड़ चुका था और वो गलती थी भूषण को युवा नेता इलेक्शन की टिकट दिलवाना।

प्रताप ने भूषण पर एक अहसान किया था लेकिन उसके अहसान का भूषण ये सिला देगा प्रताप ने सोचा नहीं था। आँगन में बैठा प्रताप हिसाब किताब मिला रहा था कि उसने देखा राजन बाहर जा रहा है।
“ए रजनवा !  हिया आवा ज़रा”,प्रताप ने आवाज दी तो राजन पलटकर प्रताप के पास आया और कहा,”हाँ पिताजी”
“इह बक्त कहा जा रहे हो ?”,प्रताप ने पूछा
“कुछो नहीं बस थोड़ा सा घाट की तरफ जा रहे थे,,,,!!”,राजन ने कहा


प्रताप कुछ देर चुप रहा और कहा,”आज पार्टी हॉउस में जो हुआ का उह जानते नाही तुम ? भूषणवा सबके सामने मुन्ना पर गोली चला दिए रहय और जे बात पर उह्ह मुरारी भड़का हुआ है। भूषणवा के चक्कर मा हमहू तुम्हायी जिंदगी को संकट मा नाही डाल सकते रजनवा , खाना खाओ और अपने कमरे मा जाओ,,,,,जब तक जे मामला शांत नाही हो जाता तब तक तुमहू घर से बाहिर ना जाही हो,,,,,!!”
“लेकिन पिताजी मुन्ना तो हमारा दोस्त है,,,,,,,,ओह्ह्ह के पिताजी हमे नुकसान काहे पहुंचाएंगे ?”,राजन ने हैरानी से कहा


 “दुश्मन की औलाद भी दुश्मन ही होती है रजनवा जे बात अपने भेजा मा बैठाय ल्यो , तुमहू बाहिर नाही जाए हो समझे,,,,,,,!!”,प्रताप ने कठोरता से कहा तो भूषण बिना खाना खाये ही वापस ऊपर चला गया
“रजनवा का खाना ऊपर भिजवाय देना”,प्रताप ने रसोईये से कहा
“जी मालिक,,,,,,,!!”,रसोईये ने कहा और अपने काम में लग गया

मुरारी का घर , बनारस
नंदिता से बात करने के बाद मुन्ना अंदर चला आया। मुरारी बाहर आये लोगो को उनका काम समझा रहा था और कुछ देर बाद वह भी अंदर चला आया। अनु मुन्ना के साथ हॉल में बैठी उसे शादी के लिए कपडे दिखा रही थी। मुरारी भी उनके पास चला आया तो अनु ने अपने फोन में एक तस्वीर मुरारी को दिखाकर कहा,”मुरारी देखो ना मैंने मुन्ना के लिए ये शेरवानी पसंद की है , कैसी है ?”


“लग तो बहुते सुन्दर रही है पर मुन्ना से भी पूछ लो उह जे पहिने है या जैसे सगाई में अपनी पसंद से धोती कुरता पहिने वैसे ही पहने है,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“सगाई में जो पहना वो पहना शादी में तो मैं इसे शेरवानी ही पहनाने वाली हूँ,,,,,,,,,,!!”,अनु ने खुश होकर कहा
“हाँ अपनी होने वाली मेहरारू की सुने तुम्हे लगता है तुम्हायी सुनेंगे ?”,मुरारी ने मुन्ना को देखकर ताना मारते हुए कहा


“मतलब ?”,अनु ने पूछा
“मतलब जे कि गौरी इत्ते प्यार से जे के लिए टिप-टॉप सूट पसंद किये रही और जे धोती कुर्ता पहन के चल दिए सगाई मा ,, आजकल के लड़के होने वाली पत्नी के लिए चाँद तारे तोड़ लाने को तैयार होते है और जे ओह्ह की पसंद का सूट तक नाही पहिने,,,,,,,,,,,!!!”,मुरारी ने कहा
 मुन्ना ने सुना तो हैरानी से मुरारी को देखा और कहा,”आपसे ये सब किसने कहा ?”


“बिटिया अपने पापा को सब बता सकती है”,मुरारी ने मुंह बनाकर कहा
मुन्ना ने सुना तो मुस्कुरा दिया और उठते हुए कहा,”हमे कोई परेशानी नहीं हम गौरी के लिए खुश है उसे आपके रूप में पापा मिल गए,,,,,,,,,,,,,हमारी चुगली करने के लिए”
मुरारी का जवाब सुने बिना ही मुरारी सीढ़ियों की तरफ बढ़ गया तो मुरारी ने ऊँची आवाज में कहा,”चुगली नाही की है अपने दिल की बात बताई है और इह बार शादी मा धोती कुर्ता नाही पहिनने देंगे हमहू”


मुन्ना ने सुना और हँसते हुए चला गया क्योकि कुछ चीजे ऐसी थी जिन्हे मुन्ना गौरी के लिए भी नहीं बदलने वाला था।
मुन्ना के जाने के बाद मुरारी ने अनु को खामोश देखा तो उसके बगल में आकर बैठा और कहा,”अरे मुन्ना को छोडो हमाये लिए कोनो बढ़िया सा सूट पसंद करो”
अनु ने सुना तो मुस्कुराई और फिर मुरारी के साथ बैठकर डिजाइन देखने लगी।

मुन्ना ऊपर अपने कमरे में आया और कबर्ड खोलकर उसमे से टीशर्ट ट्राउजर लेने लगा। टीशर्ट कबर्ड के सबसे लास्ट हेंगर में लटकी थी मुन्ना ने उसे निकाला तो  वह हैंगर से निकलकर गिर गयी। मुन्ना ने जैसे ही उसे उठाया उसकी उंगलिया किसी चीज पर पड़ी ये कोई चैन जैसा था। मुन्ना ने जैसे ही उसे उठाने के लिए हाथ बढ़ाया मुन्ना का फोन बजा और मुन्ना उसे छोड़कर फोन की तरफ चला आया। मुन्ना ने देखा फोन पार्टी हॉउस के किसी बड़े अधिकारी का था। मुन्ना उनसे बात करने लगा।

उन्होंने मुन्ना को शादी की बधाई दी और शादी के बाद पार्टी हॉउस ज्वाइन करने का कहकर फोन काट दिया। मुन्ना ने फोन रखा और कबर्ड से कपडे लेकर नहाने चला गया उसके जहन से वो चीज निकल गयी और मुन्ना देख नहीं पाया कबर्ड के कोने में क्या था ?
नहाने के बाद मुन्ना ने कपडे बदले और खाना खाने नीचे चला गया।

नवीन का घर , मुंबई
घर के हॉल में सोफे पर एक तरफ सारिका और वंश बैठे थे। दूसरी तरफ उनके ठीक सामने नवीन , मेघना और निशि। नवीन और निशि को तो पता था कि सारिका वंश के साथ उनके घर क्यों आयी है लेकिन उन दोनों ने मेघना को नहीं बताया ताकि उसे सरप्राइज दे सके। काफी देर से सभी खामोश बैठे थे और ये देखकर मेघना का मन अंदर ही अंदर घबरा रहा था कि आखिर सारिका इस वक्त वंश के साथ घर क्यों आयी है ? सारिका ने एक नजर निशि , नवीन और मेघना को देखा और कहा,”मेघना”


“जी मैडम,,,,,,सॉरी सारिका”,मेघना ने कहा
“घबराओ मत मेघना हम यहाँ बहुत ही जरुरी बात करने आये है और वो जरुरी बात आपके बिना अधूरी है , क्यों नवीन ?”,सारिका ने सहजता से कहा
“जी मैडम,,,,,,!!”,नवीन ने मुस्कुरा कर कहा
“मैं कुछ समझी नहीं सारिका”,मेघना ने कहा
“मेघना हम वंश के लिए निशि का हाथ मांगने आये है , हम चाहते है निशि हमारी बहू बने”,सारिका ने मुस्कुरा कर कहा


मेघना ने जैसे ही सुना उसे तो यकीन ही नहीं हुआ कि सारिका सामने से वंश के लिए निशि का हाथ मांग रही है। ख़ुशी उसके चेहरे से साफ़ झलक रही थी , मेघना ने नवीन की तरफ देखा तो नवीन ने हामी में सर हिला दिया। निशि ने वंश की तरफ देखा तो वंश ने मुस्कुराकर अपनी भँवे उचकाई और निशि ने उसे चिढ़ाते हुए मुंह बना लिया लेकिन खुश तो निशि भी बहुत थी।


मेघना को खामोश देखकर सारिका ने कहा,”मेघना ! आपको ये रिश्ता मंजूर है ना ? हम मानते है वंश में थोड़ा बचपना है पर ये अच्छा लड़का है और फिर निशि और वंश एक दूसरे को पसंद भी करते है”
“अरे मुझे तो वंश पहले दिन से पसंद है,,,,,,,,,मैं तो हमेशा चाहती थी वंश जैसा लड़का मेरा दामाद बने,,,,,, और कोई बचपना नहीं है , अरे ये लोग बचपना नहीं करेंगे तो क्या हम लोग करेंगे,,,,,,,,सारिका मुझे ये रिश्ता मंजूर है,,,,,,!!”,मेघना ने ख़ुशी भरे स्वर में कहा


“लेकिन हमारी एक शर्त है,,,,,,,,!!”,सारिका ने जैसे ही कहा मेघना की ख़ुशी गायब हो गयी और परेशानी के भाव उसके चेहरे पर उभर आये।
मेघना को अपनी तरफ देखते पाकर सारिका ने सहजता से कहा,”मेघना , ये तय है कि निशि हमारी बहू बनेगी लेकिन हम चाहते है इन दोनों की शादी से पहले ये दोनों अपने अपने भविष्य को लेकर जिम्मेदार बने हम नहीं चाहते निशि शादी के बाद हमारी तरह सिर्फ हॉउस वाइफ बनकर रहे ,बल्कि हम चाहते है शादी के बाद निशि और वंश यही मुंबई में रहे और अपने सपनो को पूरा करे।

निशि हमारी कम्पनी में रहकर हमारे साथ काम करेगी और वंश अपनी सीरीज पूरी करेगा,,,,,,,,,,जब इन्हे लगेगा कि अब इन्हे शादी कर लेनी चाहिए तब पुरे धूम धाम से हम इनकी शादी करेंगे,,,,,,हाँ काशी की शादी के समय बनारस में हम इनकी एक रिंग सेरेमनी जरूर रख देंगे जिस से ये रिश्ता ऑफिसियल हो जाए,,,,,,,,,,,नवीन मेघना आई हॉप आप दोनों को हमारी इस शर्त से कोई ऐतराज नहीं होगा ?”


सारिका की बात सुनकर मेघना ने नवीन की तरफ देखा , नवीन ने अपनी पलके झपकाई तो मेघना ने कहा,”जैसा आपको ठीक लगे , अगर निशि और वंश को इस बात से कोई ऐतराज नहीं है तो मुझे और नवीन को भी नहीं होगा”
“क्यों वंश ? तुम्हारा क्या ख्याल है ?”,सारिका ने अपने बगल में बैठे वंश से पूछा  
“माँ मैं पहले ही आपसे कह चुका हूँ कि मुझे निशि से शादी नहीं करनी”,वंश ने मुंह बनाकर कहा , उसने फिर वही गलती की जो सारिका के सामने की थी


निशि ने सुना तो उठकर वंश के सामने आयी और कहा,”क्यों नहीं करनी मुझसे शादी ? क्या मैं इतनी बुरी लगती हूँ तुम्हे ? सारिका आंटी मान गयी , मॉम डेड मान गए लेकिन तुम्हारे अलग नखरे है,,,,,,,!!”
निशि को खुद पर तनते देखकर बेचारा वंश घबरा ही गया और कहा,”अरे मेरा मतलब था कि अभी नहीं करनी , शादी तो मैं तुम से ही करूंगा”
निशि ने सुना तो गुस्से से भरी वंश को घूरने लगी वंश ने उसे शांत करने के लिए कहा,”क्या मुझे एक कप कॉफी मिलेगी ?”


“जहर है पिओगे ?”,निशि ने उसी गुस्से से कहा
“नहीं मुझे पार्टी में जाना है तुम पीकर सो जाना”,कहते हुए वंश उठा और निशि को साइड कर डायनिंग की तरफ चला गया।
सारिका , मेघना और नवीन बस उन दोनों को देख रहे थे , नवीन ने निशि से सबके लिए कॉफी बनाने को कहा तो निशि किचन की तरफ चली गयी।

वंश डायनिंग के पास खड़ा ब्रेड पर बटर लगा रहा था उसने निशि को बगल से गुजरते देखा बड़बड़ाया,”हुंह हिटलर ने कहा तो कॉफी बनाने चली गयी होने वाले पति ने कहा तो “जहर है पिओगे ?” बोलती है,, जहर की क्या जरूरत है , तुम्हारी जबान ही इतनी कड़वी है,,,,,,,,,!!”
“वंश तुम भी जाओ निशि की मदद करो ,,,,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा
 “वो निशि द सुपर वुमन है उसे मेरी मदद की कोई जरूरत नहीं है”,वंश ने ब्रेड बटर खाते हुए कहा


“वंश हमे नवीन और मेघना से कुछ डिस्कस करना है तो प्लीज यहाँ से जाओ और निशि की मदद करो”,इस बार सारिका ने थोड़ा कठोरता से कहा तो वंश चुपचाप वहा से किचन में चला गया। किचन में कदम रखने से पहले वंश ने एक गहरी साँस ली और अंदर आया। निशि ने वंश को देखा तो वंश उसके पूछने से पहले ही बोल पड़ा,”तुम्हारे डेड ने मुझे तुम्हारी मदद के लिए भेजा है”


“थैंक्यू ! मुझे तुम्हारी मदद की कोई जरूरत नहीं है,,,,,,,,,!!”,निशि ने थैंक्यू प्यार से कहा और बाकि शब्द गुस्से से
वंश ने कुछ नहीं कहा और प्लेटफॉर्म से पीठ लगाकर खड़ा हो गया और ब्रेड खाते हुए निशि को देखने लगा। निशि भी चुपचाप कॉफी बनाने लगी। वंश ज्यादा देर चुप नहीं रह सकता था इसलिए कहा,”एक बात बताओ क्या शादी के बाद भी हम दोनों ऐसे ही झगड़ा करेंगे , एक दूसरे को लुक देंगे , एक दूसरे पर गुस्सा करेंगे ?”


“क्यों तुम्हे कोई डाउट है क्या ? तुम जैसे हो न तुम पर किसी को प्यार से पहले गुस्सा ही आएगा,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“ऐसा नहीं है , क्या हम प्यार से नहीं रह सकते लाइक बिना एक दूसरे पर गुस्सा किये झगड़ा किये,,,,,,,,”,वंश ने कहा
 “तुम और प्यार से बात , तुम्हे प्यार से बात करना आता भी है”,निशि ने कहा तो वंश प्यार से निशि को देखने लगा और फिर निशि के बगल में चला आया।

निशि के बालों की लट उसके गालों पर झूल गयी तो वंश ने कहा,”उफ्फ्फ इतनी गर्मी में तुम किचन में काम कर रही हो और ये तुम्हारे बाल तुम्हे परेशान कर रहे है , रुको मैं इन्हे हटा देता हूँ,,,,,,,,,,,अब ठीक है बेबी” कहते हुए वंश ने निशि के बाल को साइड हटाया और गाल पर फूंक भी मार दी। निशि का मन गुदगुदा उठा और उसने पलटकर कहा,”तुम यहाँ किचन में क्या कर रहे हो बाहर जाकर बैठो”


“कोई बेवकूफ ही होगा जो अपनी इतनी ब्यूटीफुल होने वाली वाइफ को छोड़कर उन बुजुर्गो के बीच जाकर बैठेगा”,वंश ने निशि के कंधे पर अपना सर टिकाकर प्यार से कहा
“कॉफी के साथ और क्या लोगे तुम ?”,निशि ने वंश की तरफ देखकर कहा
वंश ने निशि की कमर पर हाथ रखा और उसे अपने करीब करके कहा,”अगर मैंने बता दिया तो तुम शरमा जाओगी”


निशि ने सुना तो हैरानी से वंश को देखने लगी। वंश ने निशि की तरफ देखा और कहा,”उम्मम्मम मजा नहीं आया ना ?”
“ना,,,,,,,,कितना चीप लग रहा है ये सब,,,,,,!!”,निशि ने वंश से दूर होकर कहा
वंश वापस प्लेटफॉर्म से अपनी पीठ लगाकर खड़ा हुआ और कहा,”इसलिए मैं कहता हूँ हम दोनों जैसे भी है एक दूसरे के लिए परफेक्ट है,,,,,,,,मिस छिपकली”
वंश के मुंह से छिपकली सुनकर निशि ने उसे घूरते हुए कहा,”दफा हो जाओ यहाँ से,,,,,,,,!!”


“जा रहा हूँ , मुझे भी कोई शौक नहीं है तुम्हारी ये बकवास कोफ़ी पीने का,,,,,,,,!!”,वंश ने मुंह बनाकर कहा
“हाउ डेयर यू ? तुम मेरी कॉफी को बकवास कैसे कह सकते हो ?”,निशि ने वंश के सामने आकर उसे ऊँगली दिखाते हुए कहा
वंश ने निशि की ऊँगली में अपनी ऊँगली को फंसाया और नीचे करके कहा,”मुंह से,,,,,,,,,,,!!”
“मैं तुम्हारा मुंह ही तोड़ दूंगी”,निशि ने कहा


“हाइट देखी है अपनी , मेरे मुंह तक हाथ भी पहुंचेगा तुम्हारा,,,,,,,,,,हाह तुम इतनी बड़ी बड़ी बाते आखिर सीखती किस से हो ? कही अपनी उस भुक्कड़ फ्रेंड पूर्वी से तो नहीं,,,,,,,,,,!!”,वंश ने आग में घी डालते हुए कहा
“वो मेरी बेस्टी है,,,,,,!!”,निशि ने वंश को आँखे दिखाकर कहा
“वो बेस्टी नहीं , बिना ब्रेड की पेस्ट्री है कही भी फ़ैल जाती है”,वंश ने भी मुंह बनाकर कहा
“तुम खुद को समझते क्या हो ?”,निशि ने कहा


“तुम्हारा होने वाला पति , ओह्ह्ह्ह मुझे शर्म आ रही है”,वंश ने अपना नाख़ून चबाते हुए कहा और इठलाते हुए वहा से चला गया
निशि भी पैर पटकते हुए उसके पीछे आयी और मेघना नवीन और सारिका के पास आकर कहा,”डेड मुझे इस चिरकुट से शादी नहीं करनी,,,,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो निशि के बगल में चला आया और कहा,”हाँ तो मैं भी तुमसे शादी करने के लिए मरा नहीं जा रहा हूँ , मुझे भी इस छिपकली से शादी नहीं करनी”


सारिका , मेघना और नवीन ने सुना और तीनो ने एक साथ अफ़सोस में सर हिला दिया। वंश निशि ने एक दूसरे को देखा और फिर दोनों अपने हाथो को बांधकर एक दूसरे की तरफ पीठ करके खड़े हो गए।

वंश और निशि का झगड़ा सुलझाने बैठे तो शायद मुझे 10-12 सीजन और लिखने पड़ जाए। वंश और निशि के रिश्ते के लिए नवीन मान चुका था , शक्ति और मुन्ना के बीच जो रंजिश थी वो खत्म हो चुकी थी और मुन्ना ने भी शक्ति को माफ़ कर दिया , मुन्ना पर गोली चलाने के इल्जाम में भूषण जेल में था , राजन की जिंदगी में पूजा आ चुकी थी , सब सही था और अब चूँकि ये कहानी मुझे इसी महीने में खत्म करनी है इसलिए मैं इसे और लंबा न खींचकर अगले भाग में आप सबसे मिलूंगी सीधा बनारस में काशी और मुन्ना के गणेश पूजन में,,,,,,,,

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संजना किरोड़ीवाल 

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