Main Teri Heer Season 5 – 59
Main Teri Heer Season 5 – 59

शिवम् मुरारी को लेकर घर आया। आई बाबा भी यही थे , मुरारी आकर सोफे पर बैठा और शिवम् भी उसके बगल में आकर बैठ गया। बाबा , आई , मुन्ना और अनु पहले से वही बैठे थे। अनु ने किचन के दरवाजे पर खड़े किशना से इशारा किया तो किशना किचन में गया और थोड़ी देर बाद कुछ कप चाय लेकर बाहर चला आया। उसने ट्रे टेबल पर रखा और वहा से चला गया। अनु ने सबको चाय दी और फिर एक कप उठकर मुरारी की तरफ बढ़ा दी। मुरारी ने चाय ली और चुपचाप पीने लगा।
आई ने बाबा से इशारा किया कि वह मुरारी से बात करे। बाबा ने अपना गला साफ किया और मुरारी की तरफ देखकर कहा,”अह्ह्ह मुरारी वैसे इत्ते गुस्से मा कहा गए थे ?”
“कहा जायेगा बाबा पंडित जी की दौड़ बस मंदिर तक,,,,,,,!!”,मुरारी से पहले शिवम् ने कहा
मुरारी ने सुना तो शिवम् की तरफ देखने लगा और फिर बाबा से कहा,”आप बताओ बाबा हमरा गुस्सा ना-जायज है का ? एक ही बेटा है हमारा ओह पर भी कल का आया लौंडा गोली चला देगा तो का हमहू हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे,,,,,,,,काट के गंगा मा ना बहा दे”
“पापा हम ठीक है”,मुन्ना ने शांत स्वर में कहा
“कल से तुमहू अकेले बाहिर नाही जाओगे मुन्ना , हमने कमिश्नर से बात कर ली है जब तक तुमहू मा हो तुमको प्रोटेक्शन मिलेगा”,मुरारी ने कहा
“पापा आप इतने साल राजनीती में रहे हो क्या आपने कभी ऐसा किया है ? अपने ही शहर में अगर हमे प्रोटेक्शन की जरूरत पड़े तो फिर हम राजनीती में क्यों आये है ? हम ऐसे ही ठीक थे ना , ये सब करके तो हम बंध जायेंगे हमे अपने तरीके से काम करने दीजिये पापा। आपकी परेशानी हम समझ सकते है लेकिन हम इतने भी कमजोर नहीं है,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
मुन्ना की बात सुनकर मुरारी खामोश हो गया तो शिवम् ने कहा,”मुन्ना सही कह रहा है मुरारी ,वैसे भी मुन्ना पर गोली भूषण ने चलाई वो भी इसलिए क्योकि वह मुन्ना से रंज रखता था पर जरा सोचो इसके अलावा जे शहर मा और कौन होगा जो मुन्ना से दुश्मनी रखे ,,,,,,,,, कोई नहीं है मुरारी हमारे बेटो ने वो जवानी नहीं जी है जो हमने जी थी , उन्होंने अपने रास्ते खुद चुने है और हमे जरूरत है उन पर भरोसा करने की,,,,,,,!!”
“अरे पर शिवम् भैया,,,,,,,!”,मुरारी ने कहा तो मुन्ना मुरारी के सामने आया और घुटनो के बल उसके सामने बैठकर उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर उसकी आँखों में देखकर कहा,”उसकी चिंता आप मत कीजिये पापा , हमने ये रास्ता चुना है तो इस पर चलने की हिम्मत भी रखेंगे और अपने तरीके से सबको समझायेंगे,,,,,उसके बाद भी अगर कोई नहीं समझा तो फिर आपका कंटाप तो है ही,,,,,,,!!”
मुरारी ने सुना तो मुस्कुरा उठा और मुन्ना का गाल थपथपा कर कहा,”तुम साला एक ठो चींटी तक नाही मार सकते और कंटाप मारोगे,,,,!”
मुन्ना मुरारी के बगल में आ बैठा और कहा,”अभी आपने हमे ठीक से जाना कहा है पापा,,,,,,,आपके और हमारे काम करने का तरिका बेशक अलग हो पर मकसद तो एक ही है ना इस शहर को बचाये रखना , और वो हम हमेशा करेंगे अब उसके लिए हमे मुन्नागिरि छोड़नी पड़े तो हम वो भी छोड़ देंगे लेकिन आपको कभी निराश नहीं करेंगे”
मुरारी ने सुना तो आँखों में नमी छलक आयी। मुन्ना उस से इतना प्यार करता है कि उसके लिए खुद को बदलने को तैयार हो गया ये जानकर मुरारी ने मुन्ना को देखा और उसने कहा,”नाही मुन्ना ! तुमको हमाये लिए बदलने की जरूरत नाही है , तुम हमेशा मुन्ना ही रहना कबो मुरारी नाही बनना ,, लोग तुम्हे अब तक पसंद करते आये है तो ओह्ह की सबसे बड़ी वजह है तुम्हायी जे सादगी और शांत व्यवहार तुम हमेशा इसे बनाये रखना। हमें पूरा यकीन है तुमहू अपनी अच्छाई से भी जे शहर को बचाये रख सकते हो और तुम कर लोगे”
मुरारी की बात सुनकर मुन्ना मुस्कुरा दिया , वह बहुत खुश था कि मुरारी उस पर इतना विश्वास करता था। मुन्ना ने तो मुरारी से कुछ नहीं कहा लेकिन आई बोल पड़ी,”अरे उह्ह तो बचा ही लेगा तुम्हायी तरह उद्दंड थोड़े है जो बात-बात मा लोगन को कंटाप मारता फिरेगा , और ना ही जे का तुम्हायी तरह पान खायबे का सोक है , और तुम्हायी तरह पासवर्ड रखने का तो जे कबो ना सोचे है तो बनारस की सेवा ही करेंगे ना तुम्हायी तरह रंगबाजी नाही”
आई कुछ कहे और मुरारी ना चिढ़े भला ऐसा कभी हो सकता है क्या ? आई की बात सुनकर मुरारी ने भँवे चढ़ाकर आई को देखा और कहा,”हमहू कौनसी रंगबाजी किये रहय विधायक बनने के बाद ? साला 12-12 घंटा तो पार्टी हॉउस मा रहते थे , और राजनीती का पान खायबे से का मतलब ? आप नहीं ना खाई हो कबो पान ? और पासवर्ड का नाम नाही ल्यो अब एक ही पासवर्ड है हमाये पास उह भी परमानेंट,,,,,,,,,,!!”
“अरे अरे अरे 100-100 चूहे खाकर लोमड़ गंगा नाहय के चले ,, तुम्हाये काण्ड और भात का मांड छुपाये नाही छुपते”,आई ने कहा
“100-100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली होता है आई , कहावत ही कही हो तो ढंग से तो कहो”,मुरारी ने कहा
“अच्छा अब तुमहू हमका सिखाये हो ? हमने हमायी तरफ से तुमको लोमड़ कहा का है बिल्ली तो तुमहू हो नाही और जब बनारस मा रहल हो तो हज काहे जायेंगे ? गंगा ही नहलाएंगे ना तोह का ?”,आई ने कहा
मुरारी ने आई के सामने हाथ जोड़े और कहा,”धन्य है आप , आपके पैर कहा है ?”
“जे रहे , कहो का खाओगे ? लात,,,,,,,,,!!”,आई ने कहा
“ए आई ! अब आप ना ऐसे छीछा लेदर ना करो हमायी भी कोनो इज्जत है यार”,मुरारी ने चिढ़कर कहा
“छीछा लेदर तो तुमहू कर रहे मुरारी , अरे मुन्ना आज इलेक्शन जीता है और तुमहू गुंडे बन के चले गए उह्ह परतपवा से भिड़ने , हमका जे बाताओ तुम्हाये अंदर की जे गुंडई तुमहू खुद खत्म करे हो कि हम करे , अरे कल को घर मा बहू आ जाही है तो ओह्ह के सामने भी जे ही सब हरकते करे हो ?”,आई ने मुरारी को डाटते हुए कहा
मुरारी ने सुना तो मुंह खुला का खुला रह गया , आई को कैसे पता चला कि मुरारी प्रताप के घर गया है ? उसने शिवम् की तरफ देखा तो शिवम् ने कंधे उचका दिए वह तो खुद हैरान था कि आई को इतना सच कैसे पता ?
“आपको कैसे पता हमहू प्रतापवा के हिया गये रहय ?”,मुरारी ने पूछा
आई ने मुरारी को देखा और कहा,”मुरारिया ! तुमहू जोन स्कूल मा पढ़े हो न ओह्ह स्कूल का हेड मास्टर भी हमाय पांव छूकर निकलता है। मानते है तुमहू हमायी कोख से जन्म नाही लिए पर तुम्हायी रग रग से वाकिफ है हम समझे,,,,,,,,,!”
मुरारी ने सुना तो हैरान और उस से भी ज्यादा हैरानी तब हुई जब आई ने आगे कहा,”और तुमको का लगता है सिर्फ तुमहू 500 का नोट रखते हो , हमाये पास भी 500 का नोट है , जे धरे किशना की जेब मा और उह सब उगल दिए हमाये सामने दुइ दिन पहिले बाजार मा परतपवा को जो धमकाय रहे”
मुरारी ने सुना तो हैरानी से डायनिंग के पास खड़े किशना को देखा और कहा,”साला ! 500 के नोट मा बिक गए किशना , हमको नाही पता था हमहू आस्तीन मा अजगर पाल रहे है”
“आस्तीन का सांप होता है मुरारी”,आई ने बेफिक्री से कहा
“हां तो हमहू भी अपनी कहावत खुद ही बनाये है और सांप में इतनी हिम्मत कहा जो हमका काट सके”,मुरारी ने कहा
आई और मुरारी की नोक झोंक में मुन्ना , बाबा और शिवम् को तो मजा आ रहा था लेकिन अनु की नजर पड़ी घडी पर जो कि दोपहर के 2 बजा रही थी। अनु ने उठते हुए कहा,”आई बाबा , जीजू मैं खाना लगवाती हूँ आप सब खाना खाकर जाना और मुरारी तुम अब बंद करो ये सब और खाना खाओ,,,,,,,,,,मुन्ना तुम यही बैठो मैं तुम्हारा खाना यही ले आती हूँ”
बाबा और शिवम् उठकर हाथ धोने वाशबेसिन की तरफ बढ़ गए , अनु डायनिंग की तरफ जाकर किशना की मदद से खाना लगाने लगी। हॉल में बस मुन्ना , आई और मुरारी बैठे थे। मुन्ना को अनु ने इसलिए बैठने को कहा क्योकि गोली लगते वक्त गिरने की वजह से उसके पाँव में हलकी से मोच आ गयी थी और वह अभी चलने की हालत में नहीं था।
“देखा मुन्ना ! सिर्फ हमाये सामने जबान चलती है इह की तुम्हायी अम्मा ने कहा तो कैसे मुँह बंद हुई गवा। एक अनु ही है जोन इह का चुप करा सकती है और जे चुप हो जाते है,,,,,,,,,,,,हट जोरू के गुलाम”,कहते हुए आई उठी और वहा से चली गयी
“हाँ तो इत्ती सुंदर बीवी हो तो जोरू का गुलाम बनने मा कैसी सरम”,मुरारी भी आई के पीछे आते हुए चिल्लाया और सोफे पर बैठा मुन्ना मुस्कुराने लगा।
शर्मा मल्टीनेशनल कम्पनी , मुंबई
सारिका निशि के साथ अपने नए ऑफिस में पहुंची। नवीन ने ऑफिस के नए स्टाफ के साथ वहा पहले से मौजूद था ताकि सारिका को सबसे मिलवा सके।सारिका के साथ निशि को देखकर नवीन हैरान था। सारिका सबके बीच आयी सबसे मिली और आखिर में कहा,”आप सभी यहाँ आये उसके लिए आप सभी का तहे-दिल से शुक्रिया , हमे ख़ुशी है कि हमारे इस नए सफर में आप सब हमारे साथ है और इस सफर के सबसे जरुरी और खास इंसान से हम आप सबको मिलवाना चाहेंगे,,,,,,,,,, हमारी कम्पनी की नयी मैनेजर “मिस निशि शर्मा”
सारिका ने जैसे ही निशि का नाम लिया निशि और नवीन हैरान थे जबकि बाकि सब निशि के लिए खुशी से तालिया बजा रहे थे।
निशि को तो अपने कानो पर यकीन ही नहीं हुआ कि सारिका उसे अपनी कम्पनी में मैनेजर बनाना चाहती है उसने सारिका की तरफ देखा और कहा,”आंटी ये सब,,,,,,,,!!”
“आंटी नहीं सारिका मैम ! हमने ऑफिस में अपने पर्सनल और प्रोफेशनल रिश्ते हमेशा अलग रखे है”,सारिका ने किसी कम्पनी की सीओ की तरह कहा
“जी आंटी आई मीन मेम”,निशि ने कहा
निशि को घबराया देखकर सारिका ने कहा,”रिलेक्स ! हमे पता है इस वक्त तुम्हारे मन में कई सवाल चल रहे होंगे और इस बारे में हम तुम से अपने केबिन में बात करेंगे”
“हम्म्म्म,,,,,,,!!”,निशि बस इतना ही कह पाई
“मैडम ! आपने अचानक ये फैसला,,,,,,,,,मेरा मतलब निशि और आपकी कम्पनी में मैनेजर”,नवीन ने कहा
“नविन !”,सारिका ने कहा
“जी मैडम,,,,,,!!”,नवीन ने हाथ बांधकर कहा
“कम्पनी किस की है ?”,सारिका ने सहजता से अपने वही पुराने ऐटिटूड के साथ पूछा
“जी आपकी”,नवीन ने कहा
“तो कम्पनी में मैनेजर कौन होगा ? ये कौन तय करेगा ?”,सारिका ने उसी अंदाज में फिर पूछा
“आप मैडम”,नवीन ने कहा
“आपको हमारे फैसले से कोई ऐतराज है ?”,सारिका ने निशि की तरफ देखकर नवीन से फिर पूछा
“अह्ह्ह नो मैडम”,नवीन ने कहा
“गुड ! कम्पनी की नयी मैनेजर के साथ हमारे केबिन में इंतजार कीजिये , हम थोड़ी देर में आते है”,सारिका ने कहा और वहा से साइड में चली गयी।
नवीन को तो चक्कर आने लगे कि आखिर सारिका को अचानक से ये क्या हुआ ? वह निशि के साथ सारिका के केबिन की तरफ बढ़ गया। वही निशि भी मन ही मन उलझन में थी कि सारिका ने उसे इतनी बड़ी कम्पनी में मैनेजर क्यों चुना है ?
नवीन निशि के साथ सारिका के केबिन में आया और दरवाजा बंद कर निशि की तरफ पलटकर कहा,”ये सब क्या है निशि ? सारिका मैडम ने तुम्हे अपनी कम्पनी में मैनेजेर की पोस्ट क्यों दी ?”
“मुझे नहीं पता डेड उन्होंने ऐसा क्यों किया ?”,निशि ने घबराहटभरे स्वर में कहा
“तुम्हे नहीं पता तो फिर तुम यहाँ उनके साथ ऑफिस में क्या कर रही हो ?”,नवीन ने कहा
“मैं सुबह आंटी से मिलने वंश के फ्लेट गयी थी डेड और फिर आंटी मुझे अपना ऑफिस दिखाने यहाँ ले आयी , मुझे नहीं पता था यहाँ आकर वो सबके सामने ऐसा कुछ कहने वाली है”,निशि ने कहा
“हाह ! ऐसा कैसे हो सकता है तुम्हे नहीं पता ? क्या उन्होंने तुम्हे कुछ नहीं बताया ?”,नवीन ने पूछा
“नहीं डेड,,,,,,,,,!!”,निशि ने मायूसी से कहा
नवीन सोच में पड़ गया और कहा,”कही तुमने उनसे जॉब तो नहीं मांगी और तुम पर दया करके उन्होंने तुम्हे अपनी कम्पनी में मैनेजर की पोस्ट दे दी ?”
नवीन की बात केबिन के अंदर आती सारिका ने सुन ली और कहा,”हमने निशि पर कोई दया नहीं है नवीन”
“निशि तुम सारिका मैडम की तरह बात क्यों कर रही हो ?”,नवीन ने सामने खड़ी निशि को देखकर कहा
“मैंने नहीं डेड वो आंटी ने ही,,,,,,,,,आई मीन सारिका मेम ने ही,,,,,,,!!”,निशि ने नवीन के पीछे खड़ी सारिका की तरफ इशारा करके कहा
नवीन पलटा तो सारिका ने निशि की तरफ आते हुए कहा,”अकेले में तुम हमे आंटी कहकर बुला सकती हो,,,,,,,,,लेकिन ऑफिस में सबके सामने हम तुम्हारी बॉस है”
“मैडम ! ये सब क्या है ? निशि और इस कम्पनी में मैनेजर , मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है मैडम ?”,नवीन ने कहा
“क्यों नवीन ? क्या आपको लगता है आपकी बेटी निशि इस पोस्ट के लायक नहीं है ?”,सारिका ने नवीन की बात का जवाब ना देकर उलटा उस से सवाल करते हुए कहा।
“नहीं मैडम ऐसी बात नहीं है,,,,,,,,,लेकिन निशि और कम्पनी मैनेजर , मेरा मतलब वो अभी अकाउंट्स पढ़ रही है और साथ में अब वो सीरीज में भी काम कर रही है। वो यहाँ काम कैसे कर पाएगी ?”,नवीन ने कहा
सारिका अपनी कुर्सी पर आकर बैठी और कहा,”नवीन ! हम पढाई क्यों करते है ताकि एक अच्छी नौकरी हासिल कर सके , निशि को एक अच्छे पैकेज के साथ हमारी कम्पनी में नौकरी मिल चुकी है इसे अब पढाई की जरूरत नहीं और रही सीरीज की बात तो निशि कभी सीरीज में काम करना चाहती ही नहीं थी,,,,,,,!!”
सारिका ने कहा तो निशि और नवीन दोनों हैरानी से उसे देखने लगे
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संजना किरोड़ीवाल


मुरारी ने सुना तो आँखों में नमी छलक आयी। मुन्ना उस से इतना प्यार करता है कि उसके लिए खुद को बदलने को तैयार हो गया ये जानकर मुरारी ने मुन्ना को देखा और उसने कहा,”नाही मुन्ना ! तुमको हमाये लिए बदलने की जरूरत नाही है , तुम हमेशा मुन्ना ही रहना कबो मुरारी नाही बनना ,, लोग तुम्हे अब तक पसंद करते आये है तो ओह्ह की सबसे बड़ी वजह है तुम्हायी जे सादगी और शांत व्यवहार तुम हमेशा इसे बनाये रखना। हमें पूरा यकीन है तुमहू अपनी अच्छाई से भी जे शहर को बचाये रख सकते हो और तुम कर लोगे”
मुरारी ने सुना तो आँखों में नमी छलक आयी। मुन्ना उस से इतना प्यार करता है कि उसके लिए खुद को बदलने को तैयार हो गया ये जानकर मुरारी ने मुन्ना को देखा और उसने कहा,”नाही मुन्ना ! तुमको हमाये लिए बदलने की जरूरत नाही है , तुम हमेशा मुन्ना ही रहना कबो मुरारी नाही बनना ,, लोग तुम्हे अब तक पसंद करते आये है तो ओह्ह की सबसे बड़ी वजह है तुम्हायी जे सादगी और शांत व्यवहार तुम हमेशा इसे बनाये रखना। हमें पूरा यकीन है तुमहू अपनी अच्छाई से भी जे शहर को बचाये रख सकते हो और तुम कर लोगे”