Main Teri Heer Season 5 – 47
Main Teri Heer Season 5 – 47

मुन्ना ने जैसे ही गौरी को बताया कि वह हॉस्पिटल में है तो गौरी के हाथ से फोन छूटकर नीचे जा गिरा। गिरने की वजह से फ़ोन भी बंद हो गया। गौरी को लगा मुन्ना के साथ कोई हादसा हो गया है और इस वजह से वह हॉस्पिटल में है। गौरी के चेहरे पर डर और परेशानी के भाव थे और वह अवाक् सी कमरे में खड़ी मुन्ना के बारे में सोचने लगी। जय ऊपर आया तो गौरी को देखकर उसके पास आया और कहा,”गौरी दी ! क्या हुआ आप ऐसे क्यों खड़ी हो ? गौरी दी , गौरी दी,,,,,!!”
जय की आवाज से गौरी की तंद्रा टूटी उसने अपने खड़े जय को देखा तो एकदम से रो पड़ी। गौरी को इस तरह से रोते देखकर जय घबरा गया और कहा,”दी क्या हुआ ? आप रो क्यों रही हो ? बताओ ना क्या हुआ ?”
“वो मान,,,,,,,,,,!!”,गौरी रोते हुए बस इतना ही कह पायी।
जैसे गौरी ने मुन्ना की बात को गलत समझा वैसे ही जय ने भी गौरी की बात का गलत मतलब निकाल लिया उसे लगा मुन्ना ने गौरी से कुछ कहा है जिस वजह से गौरी रो रही है। जय ने गौरी से पूरी बात भी नहीं पूछी और सीधा मुन्ना को फोन लगा दिया। एक दो रिंग के बाद मुन्ना ने फोन उठाया और कहा,”हेलो जय ! तुमने इस वक्त फोन किया सब ठीक है ?”
जय ने रोती हुई गौरी को देखा और गुस्से भरे स्वर में मुन्ना से कहा,”आपके होते सब ठीक कैसे हो सकता है ? आप मेरी बहन से शादी कर रहे हो इसका मतलब ये नहीं है आप उसे कुछ भी कहो और आपको कोई हक़ नहीं है उसे इस तरह रुलाने का”
जय को गुस्से में देखकर मुन्ना ने असमझ की स्तिथि में कहा,”अह्ह्ह्ह तुम गौरी की बात कर रहे हो ?”
“जी हाँ ! शादी से पहले आप मेरी बहन के साथ बुरा बर्ताव कर रहे हो शादी के बाद तो पता नहीं क्या क्या करोगे ?”,जय ने कहा
गौरी ने जैसे ही सुना जय मुन्ना को फोन पर डाँट रहा है तो वह उसके पास आयी और कहा,”जय ये क्या कर रहे हो तुम ? मान ने कुछ नहीं,,,,,,,,,,!!”
गौरी अपनी बात पूरी करती इस से पहले जय ने कहा,”बस दी आपको किसी से डरने की जरुरत नहीं है , मैं आपसे छोटा हूँ तो क्या हुआ मैं आपका ख्याल रख सकता हूँ , आपको किसी मान की वजह से रोने की जरूरत नहीं है”
जय ना मुन्ना की बात सुन रहा था और ना गौरी की , गौरी ने जब जय के मुंह से मुन्ना के लिए सीधा मान सुना तो गुस्से में आकर एक थप्पड़ जय के गाल पर जड़ दिया और कहा,”शट अप ! मान मेरा होने वाला पति है तुम उसके लिए इतना बदतमीजी से बात नहीं कर सकते,,,,,,,समझे”
जय ने सुना तो उसे बहुत दुःख हुआ , वह गौरी के लिए ही तो मुन्ना से लड़ रहा था और गौरी ने उसे ही थप्पड़ मार दिया। जय ने फोन कान से लगाया और मुन्ना से कहा,”आई ऍम सॉरी”
“इट्स ओके जय हमे बुरा नहीं लगा , हमे बताओ बात क्या,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने इतना ही कहा कि जय ने फोन काट दिया और वहा से चला गया। कुछ देर बाद गौरी को अहसास हुआ कि उसे जय पर इस तरह से हाथ नहीं उठाना चाहिए था। वह अपना सर पकड़कर सोफे पर आ बैठी तभी उसकी नजर नीचे गिरे अपने फोन पर पड़ी।
गौरी ने अपना फोन उठाया और देखा उसकी स्क्रीन थोड़ी टूट चुकी थी लेकिन फोन काम कर रहा था। गौरी ने मुन्ना का नंबर डॉयल किया। पहली ही रिंग में मुन्ना ने फोन उठा लिया और कहा,”हेलो गौरी,,,,,,,,!”
“मान तुम ठीक हो न ?”,गौरी ने कहा
“हम ठीक है गौरी , तुम बताओ तुम्हे क्या हुआ है ? तुमने अचानक से हमारा फोन क्यों काट दिया और जय , उसे क्या हुआ है ? वो हम से इस तरह से पेश क्यों आ रहा था ? तुम दोनों के बीच फिर से झगड़ा हुआ है क्या गौरी ?”,मुन्ना ने एक साथ कई सवाल कर डाले।
“आई ऍम सॉरी मान ! तुमने जब कहा कि तुम हॉस्पिटल में हो तो मैं डर गयी थी और रोने लगी , जय ने जब मुझे रोते देखा तो उसे लगा मैं तुम्हारी वजह से रो रही हूँ तो उसने तुम से,,,,,,,,,,,,आई ऍम सॉरी मान”,गौरी ने उदासी भरे स्वर में कहा
गौरी की बात सुनकर मुन्ना कुछ देर शांत रहा और फिर बड़े प्यार से कहा,”तुम सच में पागल हो गौरी,,,,,,,हमारी पूरी बात सुने बिना ही तुमने ये कैसे सोच लिया कि हमारे साथ कोई हादसा हुआ है , हम एक छोटी सी ड्रेसिंग के लिए हॉस्पिटल आये थे , बड़े पापा हमारे सामने खड़े थे इसलिए तुम्हारा फोन नहीं उठा पाए और तुमने कुछ और समझ लिया,,,,,,,हमारे लिए बेचारे जय को भी तुमने थप्पड़ मार दिया , उसे कितना बुरा लगा होगा”
मुन्ना की बात सुनकर गौरी को अहसास हुआ कि अनजाने में उस से गलती तो हुई है लेकिन मुन्ना के सामने अक्सर वह सब भूल जाया करती थी। उसने कहा,” लेकिन उसने तुम से बदतमीजी की तुम्हे सीधा नाम से पुकारा”
“तो क्या हो गया ? तुम ये मत देखो गौरी की उसने तुम्हारे सामने हमे नाम लेकर पुकारा बल्कि तुम्हे तो खुश होना चाहिए कि तुम्हे रोता देखकर वह हम से भी लड़ने को तैयार हो गया,,,,,,,जरा सोचो वह तुम से कितना प्यार करता होगा गौरी”,मुन्ना ने गौरी को प्यार से समझाते हुए कहा
मुन्ना की बात सुनकर गौरी को अपनी गलती का अहसास हुआ , उसे अब जय के लिए बुरा लगने लगा। मुन्ना ने गौरी को चुप पाकर कहा,”अब तुम्हे
उसके लिए बुरा लग रहा होगा ?”
“हाँ , पर तुम्हे कैसे पता ?”,गौरी ने सुबकते हुए कहा
मुन्ना हसने लगा और कहा,”क्योकि हम तुम्हे बहुत अच्छे से जानते है गौरी , और ये भी जानते है कि हमे तुम्हारे साथ बहुत सम्हलकर रहना होगा”
“क्या मैं तुम्हे इतना परेशान करती हूँ ?”,गौरी ने फिर सुबकते हुए कहा
“हम तो चाहते है तुम जिंदगीभर हमे ऐसे ही परेशान करती रहो और हमे तुम्हे प्यार से समझाते रहे,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“अब तुम ऐसे बात करोगे तो मैं तुम पर गुस्सा भी नहीं कर पाऊँगी,,,,,मुझे तुम पर और प्यार आएगा”,गौरी ने रोते हुए कहा
“पर तुम्हे हम पर गुस्सा क्यों आ रहा है ?”,मुन्ना ने पूछा
“क्योकि तुमने मेरा फोन नहीं उठाया था,,,,,,,!!”,गौरी ने शिकायती लहजे में कहा
“अच्छा बाबा ठीक है आज के बाद हम कही भी रहे किसी के भी सामने रहे तुम्हारा फोन उठा लेंगे”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म ठीक है,,,,,,,,,!”,गौरी ने कहा
“अब हमारी बात ध्यान से सुनो ! हम बिल्कुल ठीक है हमे कुछ नहीं हुआ है और बहुत जल्द हम तुमसे मिलेंगे हमेशा के लिए तुम्हारे साथ रहने के रहने के लिए , उसके बाद तुम्हे हमसे जितनी शिकायते करनी हो , जितनी बातें करनी हो करना हम सब सुनेंगे,,,,,,,,,,,,एक आज्ञाकारी पति की तरह,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने गंभीर स्वर में प्यार से कहा
गौरी ने सुना तो हसने लगी गौरी को हँसते पाकर मुन्ना ने कहा,”और हम तुमसे वादा करते है गौरी कि हम तुम्हे ऐसे ही हसाते रहेंगे कभी उदास नहीं होने देंगे , हमारी एक बात मानोगी ?”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म कहो”,गौरी ने कहा
मुन्ना कुछ देर खामोश रहा और कहने लगा,”2 हफ्ते बाद तुम बनारस आ जाओगी और उसके बाद हमेशा के लिए यही रह जाओगी , गौरी आज जो तुमने जय के साथ किया वो अच्छा नहीं था तुम्हे उस से जाकर सॉरी कहना चाहिए। तुम्हारी मॉम और जय बस सिर्फ 2 हफ्तों के लिए तुम्हारे साथ है , इन दो हफ्तों में तुम्हे उनके साथ वक्त बिताना चाहिए , जय के साथ अपने लड़ाई झगडे और ईगो को साइड में रखकर उसे समझना चाहिए,,,,,,,,,,,,तुम्हारे जाने के बाद वो सच में अकेला हो जाएगा,,,,,,तुम समझ रही हो ना हम क्या कहना चाह रहे है ?”
“हाँ मान मैं समझ गयी एंड थैंक्यू सो मच मुझे समझाने के लिए , मैं कितनी बड़ी स्टुपिड हूँ कुछो दिनों में मैं इन दोनों से दूर चली जाउंगी और मैं इन्ही से झगड़ रही हूँ,,,,,,,,,,,,थैंक्यू मेरी अकल ठिकाने लाने के लिए”,गौरी ने फिर सुबकते हुए कहा
“वेलकम मेम,,,,,,,अब हमने तुम्हे समझाया इसके बदले में हमे भी तुम से कुछ चाहिए”,मुन्ना ने कहा
“क्या ?”,गौरी ने कहा
“वो जब तुम बनारस आओगी तब बताएँगे , अभी हमे फोन रखना होगा गौरी बड़े पापा बाहर हमारा इंतजार कर रहे है,,,,,,,,तो हम जाए ?”,मुन्ना ने प्यार से कहा
“ठीक है , अपना ख्याल रखना , बाय”,गौरी ने कहा
“तुम भी अपना ख्याल रखना साथ में जय और आंटी का भी,,,,,हम सुबह फोन करते है”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा और फोन काट दिया। उसने अपना फोन बिस्तर पर रखा और कमरे से बाहर निकल गयी।
गोदौलिया , बनारस
“मालिक चले ?”,घर के नौकर ने आकर प्रताप से कहा तो प्रताप ने राजन और पूजा से नजरे हटाकर आगे बढ़ते हुए कहा,”हाँ हाँ चलो चलते है,,,,,,,,,,!”
चलते चलते नौकर की नजर राजन और पूजा पर पड़ी तो नौकर ने कहा,”मालिक उह राजन बाबा हिया का कर रहे है ? यह भी एक ठो लड़की के साथ”
“हमको तो नाही लग रहा , हमको लगता है तुम्हायी नजर ना कमजोर हो चुकी है चलो पहिले चलकर तुमको किसी अच्छे आँख का डाक्टर से मिलवाते है”,प्रताप ने नौकर को साथ लेकर आगे बढ़ते हुए कहा
“अरे मालिक सच मा उह राजन बाबा ही थे , साथ मा एक ठो लड़की भी थी,,,,,,,,हमहू अपनी आँख से देखे है”,नौकर ने प्रताप के पीछे चलते हुए कहा
प्रताप पलटा और कहा,”रजनवा का चाल चलन इत्ता भी खराब नाही है कि उह लौंडों के साथ रहे,,,,,,,,अब चलो”
प्रताप अपने नौकर के साथ सड़क पर और जैसे ही अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ने लगा सामने बनारस की फेमस कचौड़ी वाले के यहाँ उसे मुरारी दिख गया। मुरारी को देखकर प्रताप उस तरफ बढ़ गया और मुरारी के पास आकर कहा,”कईसन हो मुरारी ? आजकल दिखाई नाही देते बनारस मा”
“हमहू का सावन की बरसात है जो हमरा इन्तजार कर रहे थे तुम ?”,मुरारी ने कहा , शिवम् ने भले प्रताप को माफ़ करके पिछली सब बाते भुला दी लेकिन मुरारी अपने दुश्मनो पर कभी आँख बंद करके भरोसा नहीं करता था।
“का मुरारी बकैती करने की आदत ना छूटी है तुम्हायी , वैसे आज तुमको हिया लाला की दुकान पर देखकर अच्छा लगा,,,,,,,,,,,,याद है जवानी मा कैसे 4-4 दोना कचौड़ी निपटाय जाते थे”,प्रताप ने कहा
“अरे प्रतापवा ! जे बीती बातें याद काहे दिला दी ? उह दिन भी का दिन थे सुबह मा कचौड़ी पर हाथ साफ करो और शाम मा तुम पर,,,,,,,,!!”,मुरारी ने प्रताप को चिढ़ाते हुए कहा
प्रताप ने वहा से जाना ही ठीक समझा और जैसे ही आगे बढ़ने लगा लाला के बेटे ने कहा,”आपके बिटवा की शादी मा जरूर आएंगे विधायक जी और याद रखियेगा इंदौर वालों के लिए कचौड़ी और जलेबी हमरी दुकान से जानी चाहिए,,,,,,,!!”
“अरे बिल्कुल,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
प्रताप ने जब सुना तो मुरारी से कहा,”का हो मुरारी ? बिटवा की सादी कर रहे हो और हमका अभी तक न्यौता नाही दिया , का बुलाना नाही चाहते का ?”
मुरारी ने सुना तो पास खड़े किशना से एक कार्ड लिया और उस पर प्रताप का नाम लिखते हुए कहा,”अरे बनारस मा कोनो ब्याह हो और हुआ भांड ना पहुंचे ऐसा भला हो सकता है का ? इह ल्यो तुमहू भी आ जाना सपरिवार,,,,,,,,,!!”
मुरारी से बाते करके प्रताप खुद ही अपनी बेइज्जती करवा रहा था तभी लाला के बेटे ने कचौड़ी का दोना मुरारी की तरफ बढाकर कहा,”विधायक जी ! अब हिया तक आये है तो जे खाकर ही जाईये”
“तो फिर दुई दोना और लगाओ हमाये दुशमन जैसे दोस्तों के लिए,,,,,,!!”,मुरारी ने प्रताप की तरफ देखकर कहा
“अरे नाही मुरारी हमहू ना खाही है हम जरा जल्दी मा है”,प्रताप ने कहा तो मुरारी ने उसके सामने आकर कहा,”इत्ती भी का जल्दी है प्रतापवा , पुरानी यादें ताजा करके जाओ”
लाला के बेटे ने दो दोने और लगा दिए , एक प्रताप तो दुसरा उसके साथ खड़े आदमी की तरफ बढ़ाया और अपने काम में लग गया
प्रताप भी मुरारी के साथ खड़े होकर कचोरी निपटाने लगा।
“हमहू सुने तुम्हरा बिटवा युवा नेता इलेक्शन मा खड़ा हुआ है ?”,प्रताप ने पूछा
“हाँ खड़ा हुआ है और हमको बिस्वास है जीतेगा भी , बस एक जे इलेक्शन हो जाए ओह्ह के बाद भूषणवा से मीटिंग करनी है हमको और ओह के बाद उह से जोन उसको पार्टी हॉउस से टिकट दिलवाये है”, मुरारी ने जैसे ही कहा , प्रताप के गले में निवाला अटक गया और वह खांसने लगा क्योकि मुरारी की मीटिंग का मतलब वह अच्छे से समझता था।
“अरे अरे आराम से खाओ , तुमहू तो ऐसे घबरा गए जैसे भूषणवा को टिकट तुमहू दिलवाये रहय,,,,,,,!!”,मुरारी ने पानी का मग्गा प्रताप की बढाकर कहा
प्रताप ने हाथ में पकडे दोनों को कचरे की बाल्टी में फेंका और कहा,”हमको ज़रा कुछो काम है मुरारी , हमहू तुमसे बाद में मिलते है”
मुरारी रोके इस से पहले प्रताप वहा से निकल गया और पीछे पीछे उसका नौकर भी,,,,,,,,,,,,मुरारी ने दोनों को जाते देखा और बड़बड़ाया,”हम्म्म्म चोर की दाढ़ी मा तिनका,,,,,,,,,,,,!!
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संजना किरोड़ीवाल
मुन्ना कुछ देर खामोश रहा और कहने लगा,”2 हफ्ते बाद तुम बनारस आ जाओगी और उसके बाद हमेशा के लिए यही रह जाओगी , गौरी आज जो तुमने जय के साथ किया वो अच्छा नहीं था तुम्हे उस से जाकर सॉरी कहना चाहिए। तुम्हारी मॉम और जय बस सिर्फ 2 हफ्तों के लिए तुम्हारे साथ है , इन दो हफ्तों में तुम्हे उनके साथ वक्त बिताना चाहिए , जय के साथ अपने लड़ाई झगडे और ईगो को साइड में रखकर उसे समझना चाहिए,,,,,,,,,,,,तुम्हारे जाने के बाद वो सच में अकेला हो जाएगा,,,,,,तुम समझ रही हो ना हम क्या कहना चाह रहे है ?”
मुन्ना कुछ देर खामोश रहा और कहने लगा,”2 हफ्ते बाद तुम बनारस आ जाओगी और उसके बाद हमेशा के लिए यही रह जाओगी , गौरी आज जो तुमने जय के साथ किया वो अच्छा नहीं था तुम्हे उस से जाकर सॉरी कहना चाहिए। तुम्हारी मॉम और जय बस सिर्फ 2 हफ्तों के लिए तुम्हारे साथ है , इन दो हफ्तों में तुम्हे उनके साथ वक्त बिताना चाहिए , जय के साथ अपने लड़ाई झगडे और ईगो को साइड में रखकर उसे समझना चाहिए,,,,,,,,,,,,तुम्हारे जाने के बाद वो सच में अकेला हो जाएगा,,,,,,तुम समझ रही हो ना हम क्या कहना चाह रहे है ?”


Murari kitna smart hai, iska pta issi se chalta hai ki usne Partap ki chaal ko samaj liya tha ki usne hee Bhushan ko yuva neta election ka ticket dilwaya hai…lakin jeetega kon, yeh to baad m pta chalega… umeed hai ki Munna jeete…lakin aaj Munna kitne achche se Guri ko samjhaya ..sach m Munna jaisa pati milna kismat ki baat hai…aur Guri bahut lucky hai…lakin lucky to hamare Munna ji bhi hai, quki usse itna pyar krne wali ladki jo mili