Manmarjiyan – 20

Manmarjiyan – 20

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

गुड्डू सर पकडे सीढ़ियों पर बैठा था , गोलू भी आकर अपना सर पकड़ कर उसके बगल में आकर बैठ गया और कहा,”फूफा तो हिया भी नाही है , अब कहा ढूंढे उनको,,,,,,,,,,,,साला पहले फूफा को उठाने का टेंशन अब उनको ढूंढने का टेंशन,,,,,,,,,,,,लगता है जे जिंदगी तो इसी में निकल जाएगी,,,,,,,!!”
गुड्डू ने सुना तो गुस्से से गोलू की तरफ देखा और कहा,”दो दिन नही हुए अम्मा को गुजरे हुए और तुमहू इत्ता बड़ा काण्ड कर दिए गोलू , ऊपर से गुंडई करने के चक्कर मा आधे कानपूर को बधाई तुमहू खुद दे आये,,,,,,अब बैठ मातम मनाओ अपनी बर्बादी का , साला पिताजी को पता चला न जे सब तो दोनों की गर्दन कट जाही है,,,,,,,,,!!!”


“अरे सॉरी ना गुड्डू भैया ,  हम तो बस मिश्रा जी की हेल्प कर रहे थे हमे का पतो ऐसी मुसीबत मा फंस जायेंगे,,,,,,,,!”,गोलू ने गुड्डू के सामने मासूम बनने का नाटक करते हुए कहा
अब गुड्डू तो ठहरा गुड्डू उसने गोलू के टकले पर एक चपत मारी और कहा,”साले मुसीबत तुम्हरे पास नहीं आती तुमहू लहंगा चोली पहिन के मुसीबत के पास जाते हो , उह कहावत नाही सुनी “आ बैल मुझे मार” वही किये हो तुम , बस फर्क इतना है कि इह बार उह बैल है फूफा,,,,,,,,,,जो तुम्हे सींग जरूर मारेगा”


गुड्डू ने जैसे ही बैल का नाम लिया गोलू को यादव जी की भैंस याद आ गयी और गोलू के चेहरे के भाव बदल गए उसने रोआँसा होकर कहा,”अरे भैया बैल का  नाम ना ल्यो सुबह उन्ही से तो लात खाकर आये है , अभी तक हमायी तशरीफ़ का ज्योग्राफी बदला हुआ है , ठीक से बैठ तक नहीं पा रहे है,,,,,,,,,!!”
“क्या बक रहे हो गोलू ? फूफा कहा है इह पता लगाओ,,,,,,,,,,,,चलो उठो”,गुड्डू ने उठते हुए गोलू से कहा


गोलू भी उठा और गुड्डू के साथ घर से बाहर चला आया। गुड्डू ने बाइक स्टार्ट की और गोलू से पीछे बैठने का इशारा किया। गुड्डू खुद भी नहीं जानता था कि उसे फूफा को ढूंढा कहा है बस वह अपनी बाइक लेकर आगे बढ़ गया।  

पुलिस स्टेशन , कानपूर
“अरे थानेदार ! यार तुमहू हमायी बात का यकीन काहे नाही कर रहे , अरे सच्ची उह साला मिश्रा हमरा सगा साला है अरे ओह्ह की बहिन ब्याहे है हमहू यार काहे हमको सलाखों के पीछे डाल दिए हो ?”,जेल में बंद फूफा ने सामने बैठे थानेदार से गुहार लगाई


थानेदार ने एक नजर फूफा को देखा और ख़ामोशी से वापस अपना काम करने लगा। फूफा ने देखा तो फिर जोर से कहा,”अरे हमरी बात का यकीन करो , हम कोई चोर नाही है बल्कि उह्ह साला गोलू हमको अगवा करके उह घर मा बंद कर दिया था हम तो वहा से निकलने के चक्कर में धरे गए,,,,,,,,,चाहो तो हमरे घर पर पता कर ल्यो हमहू कल रात से लापता है”
“अच्छा तो तुम कल से लापता हो तो फिर तुम्हारे घरवालों ने कंप्लेंट क्यों नहीं की ?”,थानेदार ने कहा
इस सवाल पर फूफा क्या कहता ? ये तो उसे भी नहीं पता था कि घर में किसी ने उसे ढूंढने की कोशिश क्यों नहीं की ?


फूफा को खामोश देखकर थानेदार ने कहा,”देखा नहीं है ना कोनो जवाब ! अब चुपचाप एक कोने मा बैठ जाओ वरना सरसो का तेल तैयार है,,,,,,,,,!!”
“का सरसो का तेल , का थाने में अब का मालिस भी होने लगी का ? ए थानेदार बाबू हमाओ नंबर भी लगाय दयो का है कि सुबह से हमरे घुटने बहुते दर्द कर रहे है , थोड़ा आराम मिल जाहि है”,फूफा ने बिना सोचे समझे कहा
“हाँ हाँ क्यों नहीं , ए रामावतार,,,,,,,जरा इनके घुटनो की मसाज करी दयो”,थानेदार ने कहा और वहा से चला गया।

सरसो के तेल से मतलब था पुलिस के डंडे से पिटाई , थानेदार चाय पीकर वापस आया तब तक फूफा की अच्छी खासी मालिस हो चुकी थी बेचारे पैर पसारे जमीन पर बैठे थे। थानेदार को देखकर मरे हुए स्वर में कहा,”हमहू जे मालिश की बात ना किये थे तुमहू तो मालिश के नाम पर हमाओ घुटना ही तोड़ दिए”
थानेदार ने कुछ नहीं कहा वह आकर अपनी कुर्सी पर बैठा और किसी को फोन लगाकर बात करने लगा।

पिंकी के पापा जब घर पहुंचे तो उनकी पड़ोसन ने बताया कि आज चोर उनके घर से चोरी करके भागने की कोशिश कर रहा था और उन्होंने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। शर्मा जी को समझते देर नहीं लगी कि वह चोर कोई और नहीं फूफा ही थे। कही फूफा किसी मुसीबत में ना फंस जाए सोचकर शर्मा जी ने मिश्रा जी को फोन लगाया और उन्हें सारी बात बता दी।

मिश्रा जी घर पर थे और गोलू के कहने पर फूफा से मिलने जाने वाले थे लेकिन जब उन्हें पता चला कि आदर्श बाबू जेल में है तो उनके चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये उन्होंने फोन काटकर कुर्ते की जेब में रखा तभी राजकुमारी वहा आयी और कहा,”भैया इह लयो तुम्हरी चाय”


“नहीं हमहू ना पी है , हमे किसी जरुरी काम से बाहिर जाना है , तुमहू अपनी भाभी को बता देना हमहू थोड़ी देर मा आते है,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“का बात हो गयी आप इत्ता परेसान काहे दिख रहे है ?”,भुआ ने पूछा


“उह्ह्ह आदर्श बाबू को पुलिस पकड़कर ले गयी है,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहा
“का पुलिस ? अरे आग लगे ससुरी ऐसी पुलिस को हमहू उनको ढूंढने को कहे रहे और उह थानेदार उन्ही को धर के जेल मा बंद कर दिए,,,,,,,,,,,भैया ना नहीं न कहियेगा हमहू भी आपके साथ चली है,,,,,,,,,!!”,भुआ ने कहा


“अरे लेकिन,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी ने कहना चाहा लेकिन भुआ कहा किसी की सुनने वाली थी उन्होंने कहा,”ना भैया हमहू जाही है , पता नहीं मुये गुड्डूआ के फूफा ने अब का गुल खिलाया है ,, हमायी तो पूरी जिनगी इह के ड्रामे देखने मा गुजर गयी,,,,,,,,,,,,साथ निभाना साथिया मा इत्ते ड्रामे नाही होंगे जितने हमरी जिंदगी मा है,,,,,,,हमहू आपके साथ ही चली है भैया”,भुआ जी ने कहा


मिश्रा जी बेबस हो गए उन्हें समझ नहीं आ रहा था ऐसे माहौल में क्या करे ? उन्होंने जैसे ही कुछ कहने के लिए मुंह खोला राजकुमारी ने कहा,”आपको हमरी मरी हुई अम्मा की कसम है भैया हमको साथ लेकर चलिए,,,,,,,,,,!!”
“ठीक है चलो”,मिश्रा जी ने हताश होकर कहा और अपने स्कूटर पर भुआ को साथ लेकर पुलिस स्टेशन के लिए निकल पड़े।

गुड्डू और गोलू आधी से ज्यादा गालिया छान चुके थे लेकिन फूफा उनको कही नहीं मिले। ठेके से लेकर चाय की टपरी तक सब जगह पूछा लेकिन फूफा नहीं मिले। गुड्डू ने एक जगह बाइक रोकी और गोलू से पानी का बोतल लेकर आने को कहा। गोलू पानी का बोतल लेकर आया तभी उसकी नजर सामने से अपने स्कूटर पर गुजरते मिश्रा जी पर पड़ी , गोलू हैरान लेकिन उस से भी ज्यादा हैरानी तब हुई जब उसने उसी स्कूटर पर पीछे बैठी भुआ को देखा।


गुड्डू ने एक घूंठ पानी मुंह में भरा ही था कि तभी गोलू ने कहा,”ए गुड्डू भैया ! जे मिश्रा जी भुआ को बेचने काहे निकले है ?”
गुड्डू ने मुंह में पानी भरे भरे गोलू की तरफ देखकर भँवे उचकाई तो गोलू ने उसे सामने से गुजरते मिश्रा जी की तरफ इशारा किया जिनके साथ भुआ भी थी।


गुड्डू के मुंह में भरा पानी बाहर आ गिरा और वह खांसने लगा गोलू ने उसकी पीठ थपथपाई तो गुड्डू ने बोतल का ढक्कन बंद करते हुए कहा,”अबे ! हमायी पीठ का थपथपा रहे हो बइठो , कही पिताजी और भुआ जी हमसे पहले फूफा के पास ना पहुचं जाए”

 गोलू गुड्डू के पीछे आ बैठा और कहा,”हाँ तो फिर मिश्रा जी के पीछे चलते है ना का पता उन्हें फूफा का पता मिल गया हो और उह भुआ को अपने साथ लेकर जा रहे हो,,,,,,,,!!”
गुड्डू ने एकदम से बाइक को ब्रेक लगाया और गर्दन घुमाकर गोलू को देखा तो गोलू थोड़ा पीछे खिसका और डरते डरते कहा,”ऐसा हमको लगता है”


गुड्डू ने वापस बाइक स्टार्ट की और आगे बढ़ते हुए कहा,”पहली बार कुछो ढंग की बात कहे हो तुमहू गोलू , जरूर पिताजी फूफा के पास ही जा रहे होंगे हमे उनके पीछे जाना चाहिए”
“अरे भैया आपके साथ बैठे ना तो अब थोड़ा थोड़ा दिमाग चलना शुरू हुआ है,,,,,,,!!”,गोलू ने खिंसियाते हुए कहा

गुड्डू की बाइक मिश्रा जी के स्कूटर से कुछ दूरी बनाकर चलने लगी। कुछ देर बाद मिश्रा जी का स्कूटर पहुंचा थाने के बाहर गुड्डू भी कुछ दूर पहले ही रूक गया और गोलू से कहा,”जे पिताजी भुआ को लेकर थाने काहे आये है ? फूफा जेल में है का ?”
“अरे भैया कही हमाये ससुर ने तो उनको हिया नहीं डाल दिया,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
“मामला का है जे तो अंदर चलकर ही पता चलेगा गोलू”,गुड्डू ने बाइक से उतरकर कहा


“हाँ तो तुमहू जाओ हम ना जाही है , हम यही आपका इंतजार कर लेंगे”,गोलू ने कहा
“अच्छा मतलब दूध फटे तुमसे और पनीर बनाये हम,,,,,,,,,,जायेंगे तो दोनों साथ जायेंगे वरना कोई नहीं जाएगा,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने बिफरते हुए कहा
“ठीक है चलो , अब जब पटरी पर हग ही दिए है तो धोने से का परहेज,,,,,,,,,!!”,गोलू ने थाने की तरफ कदम बढ़ाते हुए कहा


“जे कैसी मिसाल है गोलू ?”,गुड्डू ने साथ चलते हुए कहा
“का है कि जबसे हमहू तुम्हरी संगत मा आये है ना गुड्डू भैया हमायी जिंदगी पटरी ही बन चुकी है जिस पर साला कोई भी हग कर चला जाता है”,गोलू ने चिढ़ते हुए कहा

मिश्रा जी अंदर आये और सीधा थानेदार की तरफ चले गए लेकिन भुआ ने जैसे ही अपने उजड़े चमन फूफा को जेल की सलाखों के पीछे पैर पसारे , जमीन पर बैठे बेसुध हालत में देखा तो सीधा उस तरफ चली आयी और कहा,”ए कोमलिया के पिताजी , का हो जे का हाल बना रखो है अपनों ?”
फूफा ने भुआ की आवाज सुनी तो सर उठाकर ऊपर देखा और जल्दी से उठकर उनके पास आकर कहा,”ए राजकुमारी हमको हिया से निकालो , देख रही हो ना का हालत कर दी है इन लोगो ने हमरी,,,,,,,,,,,,!!”


“पर आप हिया कैसे पहुंचे ? सच सच बताओ का किये हो ? चोरी किये हो , डाका डाले हो , कोनो लड़की वड़की छेड़ दी का ?”,भुआ ने आखरी शब्दे दबी आवाज में कहे
“अरे तुम्हरा,,,,,,,,,,!!”,फूफा ने पहले तेज आवाज में कहा लेकिन बाद में याद आया कि ये पुलिस स्टेशन है तो धीमे स्वर में गुस्से से कहा,”अरे तुम्हारा दिमाग खराब है का ? हमहू जे उम्र मा लड़की छेड़ेंगे का समझ का रखी हो तुमहू हमका ?”


“तो फिर जेल में काहे है आप ? थानेदार का ऐसे ही जेल में डाल दिए आपको,,,,,,,,,,,,,,,हमरी मरी हुयी अम्मा और भाई का नाम खराब कर रहे हो बस,,,,,,,,,!!”,भुआ ने मुंह बनाते हुए कहा
फूफा ने सुना तो गुस्से से कहा,”अरे जेल में तो हम उह्ह्ह साले गोलू,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”,फूफा ने इतना ही कहा कि भुआ बीच में बोल पड़ी,”गोलू ?”
“अरे भुआ ! फूफा कह रहे है कि गोलू भी आया है,,,,,,,,जे रहा साक्षात् तुम्हरे सामने,,,,,,,,,!!”,पीछे से आते गोलू ने कहा उसने फूफा को भुआ के सामने सच बोलने का मौका ही नहीं दिया।


गोलू को देखते ही फूफा भड़क गए और कहा,”तुमसे तो बेटा हमहू बाद में निपटेंगे , पहिले हिया से निकल जाए फिर बताते है हम कौन है ? खुद को बहुते बड़ा   गुंडा समझते हो बेटा तुम्हरी गुंडई तो हम निकालेंगे,,,,,,,,,,,!!”
“ए भुआ देख ल्यो भलाई का कोनो जमाना ही ना रहा है , हमहू ही तो मिश्रा जी को फोन करके फूफा के बारे में बताय रहे और जे हम पर ही बरस रहे है,,,,,,,,,ए भुआ कसम से फूफा में ना क्लास नाम की कोनो चीज ना है , जैसे तुमहू हो स्मार्ट , समझदार , ब्यूटीफुल,,,,,,,थोड़ा फूफा को भी सिखाओ”,गोलू ने फूफा को कंट्रोल में लेने के लिए भुआ को चने के झाड़ पर चढ़ा दिया

अपनी तारीफ सुनकर भुआ शर्माने लगी तो फूफा ने कहा,”तुमहू का इसकी बात सुन के दुल्हिन जैसे शरमा रही हो,,,,,,,,,खींच के लगाओ दो कान के नीचे , जे हमको अगवा कर लिए थे और शर्मा के घर पर बंद कर दिए हमको,,,,,,,,,,हमको पता है हम कैसे निकले है वहा से”


गुड्डू मिश्रा जी की तरफ चला गया उसे भुआ फूफा और गोलू के इस ड्रामे का हिस्सा नहीं बनना था। गोलू ने सुना तो भुआ की तरफ देखकर मासूम बनते हुए कहा,”ए भुआ ! तुमको लगता है हमहू किसी को अगवा करके घर मा बंद कर देंगे , अरे हमहू खुद दो दिन से अपने घर नहीं जा पा रहे है ,, तुम्हरी अम्मा के तिये का इंतजाम करते करते साला हमहू खुद डेढ़ हो चुके है,,,,,,,,,,,,और जे आदमी हम पर इत्तो बड़ो इल्जाम लगा रहे है,,,,,का सोचेगी बेचारी अम्मा कि ओह्ह के गोलू पर झूठे इल्जाम लग रहे है,,,,,,!!”


भुआ गोलू की बातो में आ गयी और उसे बहलाते हुए कहा,”अरे ना ना गोलू तुमहू ऐसा कुछो कर ही नाही सकते हमहू जानते है ना”
“अरे का जानती हो तुमहू ? जे गोलू एक नंबर का तिकड़मबाज है , और इसने जे सब किसके कहने पर किया है हमे जे भी पता है,,,,,,,,!!”,कहकर फूफा कुछ ही दूर बैठे मिश्रा जी को गुस्से से घूरने लगे।

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संजना किरोड़ीवाल

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal
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Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

थानेदार ने एक नजर फूफा को देखा और ख़ामोशी से वापस अपना काम करने लगा। फूफा ने देखा तो फिर जोर से कहा,”अरे हमरी बात का यकीन करो , हम कोई चोर नाही है बल्कि उह्ह साला गोलू हमको अगवा करके उह घर मा बंद कर दिया था हम तो वहा से निकलने के चक्कर में धरे गए,,,,,,,,,चाहो तो हमरे घर पर पता कर ल्यो हमहू कल रात से लापता है””अच्छा तो तुम कल से लापता हो तो फिर तुम्हारे घरवालों ने कंप्लेंट क्यों नहीं की ?”,थानेदार ने कहाइस सवाल पर फूफा क्या कहता ? ये तो उसे भी नहीं पता था कि घर में किसी ने उसे ढूंढने की कोशिश क्यों नहीं की ?

थानेदार ने एक नजर फूफा को देखा और ख़ामोशी से वापस अपना काम करने लगा। फूफा ने देखा तो फिर जोर से कहा,”अरे हमरी बात का यकीन करो , हम कोई चोर नाही है बल्कि उह्ह साला गोलू हमको अगवा करके उह घर मा बंद कर दिया था हम तो वहा से निकलने के चक्कर में धरे गए,,,,,,,,,चाहो तो हमरे घर पर पता कर ल्यो हमहू कल रात से लापता है”
“अच्छा तो तुम कल से लापता हो तो फिर तुम्हारे घरवालों ने कंप्लेंट क्यों नहीं की ?”,थानेदार ने कहा
इस सवाल पर फूफा क्या कहता ? ये तो उसे भी नहीं पता था कि घर में किसी ने उसे ढूंढने की कोशिश क्यों नहीं की ?

थानेदार ने एक नजर फूफा को देखा और ख़ामोशी से वापस अपना काम करने लगा। फूफा ने देखा तो फिर जोर से कहा,”अरे हमरी बात का यकीन करो , हम कोई चोर नाही है बल्कि उह्ह साला गोलू हमको अगवा करके उह घर मा बंद कर दिया था हम तो वहा से निकलने के चक्कर में धरे गए,,,,,,,,,चाहो तो हमरे घर पर पता कर ल्यो हमहू कल रात से लापता है”
“अच्छा तो तुम कल से लापता हो तो फिर तुम्हारे घरवालों ने कंप्लेंट क्यों नहीं की ?”,थानेदार ने कहा
इस सवाल पर फूफा क्या कहता ? ये तो उसे भी नहीं पता था कि घर में किसी ने उसे ढूंढने की कोशिश क्यों नहीं की ?

थानेदार ने एक नजर फूफा को देखा और ख़ामोशी से वापस अपना काम करने लगा। फूफा ने देखा तो फिर जोर से कहा,”अरे हमरी बात का यकीन करो , हम कोई चोर नाही है बल्कि उह्ह साला गोलू हमको अगवा करके उह घर मा बंद कर दिया था हम तो वहा से निकलने के चक्कर में धरे गए,,,,,,,,,चाहो तो हमरे घर पर पता कर ल्यो हमहू कल रात से लापता है”
“अच्छा तो तुम कल से लापता हो तो फिर तुम्हारे घरवालों ने कंप्लेंट क्यों नहीं की ?”,थानेदार ने कहा
इस सवाल पर फूफा क्या कहता ? ये तो उसे भी नहीं पता था कि घर में किसी ने उसे ढूंढने की कोशिश क्यों नहीं की ?

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