Main Teri Heer – 29

Main Teri Heer – 29

Main Teri Heer - Season 5
Main Teri Heer – Season 5 by Sanjana Kirodiwal

आई और मुरारी ने मिलकर अच्छा खासा माहौल बना दिया। सभी बहुत खुश थे , मुरारी सोफे पर आ बैठा और आई भी बाबा के बगल में आ बैठी। सबको खुश देखकर बाबा ने अपने फोन में लड़की की एक फोटो निकाली और उसे शिवम् की तरफ बढाकर कहा,”शिवा ! जे देखो हम बताये थे ना हमरे दालमंडी वाले दोस्त ने अपनी बिटिया की फोटो भेजी है ,, तुमहू देखो”
शिवम् ने बाबा का फोन लिया और फोटो देखने लगा , मुरारी भी शिवम् के बगल में चला आया और फोटो देखकर कहा,”लड़की तो अच्छी है पर आपके लिए छोटी नहीं है बाबा ?’


मुरारी की बात सुनकर शिवम् ने उसे घुरा और बाबा ने कहा,”कैसी बात करते हो मुरारी ? जे हमने वंश के लिए देखी है , वंश और सुमन की जोड़ी अच्छी लगेगी”
सारिका ने सुना तो मायूसी से अनु की तरफ देखा दोनों के मन के भाव इस वक्त एक ही जैसे ही थे , वही मुन्ना ने सुना तो उसे वंश के बारे में सोचकर चिंता होने लगी। बीती रात ही वंश ने मुन्ना को बताया था कि उसे निशि से प्यार हो गया है और यहाँ बाबा उसके लिए लड़की देख रहे थे।


मुरारी ने सुना तो हैरानी से कहा,”का वंश के लिए ? पर काहे ? और जब मुन्ना काशी को अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार है तो वंश को काहे नाही ? जे तो गलत बात है ना बाबा , और मान लो हुआ मुंबई मा वंश को कोनो पसंद आ गयी तो फिर,,,,,,,,,,,और साला जे कैसा नाम है “सुमन”
“मुरारी चुप रहो,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने मुरारी को रोका और बाबा की तरफ पलटकर कहा,”बाबा लड़की अच्छी है पर कोई भी फैसला करने से पहले एक बार वंश से भी पूछ ले तो सही रहेगा,,,,,,,,,,,मुन्ना और काशी समझदार है पर वंश थोड़ा चंचल और बेपरवाह है। हम नहीं चाहते जल्दबाजी में हम उसके लिए कोई फैसला करे,,,,,,,,,,!!”


“अरे शिवा हमहू बस फोटो दिखाए है रिश्ता पक्का नाही किये है ,, और अभी कोनो फैसला लेने की जरूरत नाही है काशी और मुन्ना की शादी में जब वंश बनारस आएगा तब एक ठो बार सुमन से मिलवा देंगे , ओह्ह के बाद दोनों अगर एक दूसरे को पसंद करते है तो फिर बात आगे बढ़ाएंगे,,,,,,,,,!!”,बाबा ने कहा

“अरे कोनो हमका भी दिखाओ , वंश के लिए लड़की हमहू पंसद की है,,,,,,,,शिवा के लिए भी सारिका बिटिया को हमहू ही तो पसंद किये रहय,,,,,,,,,हमरी पसंद गलत हो ही नहीं सकती”,आई ने कहा तो मुरारी ने शिवम् के हाथ से फोन लेकर आई की तरफ बढ़ा दिया। आई ने लड़की का फोटो देखा और कहा,”हम्म्म लड़की तो अच्छी है,,,,,,,,!!”
“आई वंश अभी मुंबई में अपना करियर बनाने में बिजी है इतनी जल्दी उसे शादी की जिम्मदारियों में क्यों बांधना ? अभी तो हमे मुन्ना और काशी की शादी पर ध्यान देना चाहिए,,,,,,,,,!!”,सारिका को चुप देखकर अनु ने कहा


“बात तो तुम्हरी भी ठीक है , आज तुम घर आ ही गयी हो तो फिर चलो मार्किट चलकर  काशी और गौरी के लिए गहने पसंद कर के उनका आर्डर दे आते है। ए
मुरारी तुम चलकर गाड़ी निकालो और हमरे साथ मार्किट चलो,,,,,,,,,,!!”,आई ने उठते हुए कहा
“काहे ? हम का करेंगे आप औरतो के साथ ?”,मुरारी ने कहा
“अरे बिल तो तुमहू ही भरोगे ना,,,,,,,!!”,आई ने कहा तो मुरारी ने मायूसी से शिवम् की तरफ देखा। शिवम् ने अपना क्रेडिट कार्ड निकालकर मुरारी की तरफ बढ़ा दिया और कहा,”ध्यान से लेकर जाना , हमहू ज़रा सीमेंट फैक्ट्री हो आते है”


“ठीक है भैया,,,,,,,,,ए मुन्ना तुमहू चली हो साथ ?”,मुरारी ने उठते हुए पूछा
“नहीं पापा ! हमे किसी जरुरी काम से पार्टी हॉउस जाना है,,,,,,,,,,,वहा थोड़ा वक्त लग जाएगा”,मुन्ना ने कहा
“ठीक है तुम्हरी तरफ से कुछो आर्डर करवाना है ? मतलब मुंह दिखाई में कुछो देना हो बहु को,,,,,,,,,बता दो हमहु आर्डर कर देंगे”,मुरारी ने सबके सामने ही मुन्ना से पूछ लिया और बेचारा मुन्ना , शर्म से उसका चेहरा लाल हो गया। उसने अपना फोन देखा और कहा,”एक जरुरी कॉल आ रहा है हम बात करके आते है”
कहकर मुन्ना वहा से निकल गया  

“मुरारी अक्कल नाही है तुम मा , सबके सामने मुन्ना से जे कैसी बातें कर रहे थे तुम , बेचारा मुन्ना शर्म के मारे कुछो बोल ही नहीं पाया”,आई ने कहा
“अरे गलत का पूछे ? शादी के बाद मुंह दिखाई तो होती है ना तुमहू नाही ली का बाबा से ?”,मुरारी ने आई के साथ हॉल से बाहर जाते हुए पूछा


“अरे हम तो दुइ कत्थे वाले पान मा ही मुंह दिखा दिए थे,,,,,,,,तब जे तोहफे कौन देता था ? हफ्तों हफ्तों तो मुँह देखने तक को नाही मिलता था पति पत्नी का,,,,,,,,,,अब तो जमाना बदल चुका मुरारी,,,,,,,,,,,,!!”,आई ने कहा
“कत्थे वाला पान,,,,,,,,,बहुते सस्ते में मुंह दिखाई हो गयी तुम्हरी आई,,,,,,,,!!”,मुरारी ने अफ़सोस जताते हुए कहा
“हाँ तुम्हरी मुंह दिखाई तो 21 तोपों की सलामी से हुई रही”,आई ने चिढ़ते हुए कहा
मुरारी को अपनी शादी की वो रात याद आ गयी वह कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”हमरी मुंह दिखाई की बात ना ही करो आई,,,,,,,,,पुराने जख्म ताजा हो जाते है,,,,,,,,!!”


“का बकैती करते हो मुरारी ? ऐसा होता तो इत्ते साल ना बिता पाते अनु बिटिया के साथ , उह्ह तो तुमका अनु जैसी महरिया मिली है तो तुम्हरी गाडी पटरी पर आ गयी नहीं तो आज भी किसी घाट की सीढ़ियों पर भांग खा के पड़े होते,,,,,,,,,,!!”,आई ने गाडी का दरवाजा खोलते हुए कहा
“बेइज्जती भी कितनी इज्जत के साथ करती हो तुमहू आई,,,,,,,,,,,,बइठो आज के लिए इतना काफी है”,मुरारी ने मुंह बनाकर कहा

“दी आप वहा खामोश क्यों रही आपको वंश के लिए बोलना चाहिए था , आप जानती है ना वंश निशि को पसंद करता है फिर वह बाबा की पसंद की लड़की से शादी के लिए राजी कैसे होगा ? आपने भी कुछ नहीं कहा बस जैसा सबने कहा आपने सुन लिया,,,,,,,,,,,!!”,घर से बाहर आती अनु ने सारिका से कहा


“अनु ! जब तक हम वंश का मन ना जान ले तब तक किसी तरह फैसला नहीं कर सकते , वंश मुन्ना और काशी से बहुत अलग है  वह इतनी जल्दी किसी रिश्ते में गंभीर नहीं हो सकता , इसलिए पहले हमे ये जानना होगा कि वंश के दिल में क्या है उसके बाद ही हम किसी तरह के फैसले पर पहुँच सकते है और वैसे भी बाबा ने सिर्फ अभी लड़की देखी है वंश की शादी तय नहीं की है तो तुम इस बारे में ज्यादा मत सोचो,,,,,,,,!!”,सारिका ने अनु को समझाते हुए कहा


“हम्म्म ठीक है दी,,,,,,,,,!”,अनु ने कहा सारिका की बात मानने के अलावा उसके पास इस वक्त कोई दुसरा रास्ता भी नहीं था।
दोनों आकर गाड़ी में बैठी और मुरारी आई , अनु और सारिका को अपने साथ लेकर वहा से निकल गया।

प्राइवेट बैंक , इंदौर
“गौरी ये सब क्या है ? तुमने सब एंट्री गलत की है , ऐसे काम करोगी तो एक महीने क्या एक साल में भी इसे नहीं सीख पाओगी ,, वो तो नंदिता जी से मेरी अच्छी जान पहचान है इसलिए मैंने तुम्हे सिखाने की जिम्मेदारी ली वरना मैं कभी हाँ नहीं कहता,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह गौरी मैं तुमसे बात कर रहा हूँ और तुम ये हेडफोन लगाकर बैठी हो,,,,,,,,,,,ये बैंक है क्लब नहीं,,,,,,,,,,!!”,बैंक मैनेजर ने आकर गौरी से कहा जो कि अपने कानो पर हेडफोन लगाए लेपटॉप के आगे बैठी थी। गौरी अपना काम ही कर रही थी लेकिन ये काम बैंक का नहीं था।


गौरी ने देखा मैनेजर उसके बगल में खड़ा है तो उसने हेडफोन को कानो से हटाकर गले में डाल लिया और कहा,”ओह्ह्ह्ह सर आप ! आप यहाँ क्या कर रहे है ? ओह्ह्ह्हह लगता है आज बैंक में काम कम है , आपको नहीं लगता इस अच्छे मोके का हमे फायदा उठाना चाहिए ,,, लेटस पार्टी”
मैनेजर एक तो पहले ही गौरी से गुस्सा था उस पर गौरी उसके सामने ऐसी बाते कर रही थी। मैनेजर ने खुद को शांत रखा और बड़ी सहजता से कहा,”हाँ क्यों नहीं ! पार्टी तो बनती है वो भी इस बैंक से बाहर,,,,,,,,,जिसमे तुम अकेले इंजॉय करोगी”


“मतलब ?”,गौरी ने असमझ की स्तिथि में पूछा
मैनेजर के सब्र का बांध यहाँ टूट गया और उसने थोड़ा चिल्लाकर कहा,”मतलब ये कि निकल जाओ यहाँ से और कल से बैंक आने की कोई जरूरत नहीं,,,,,,,,जाओ !!”
“तो आराम से बोलो ना इतना चिल्ला क्यों रहे हो ?  वैसे मुझे भी आपके इस बेकार बैंक में काम करने का कोई शौक नहीं है , ढंग का वाई-फाई तक नहीं है यहाँ,,,,,,!!”,कहते हुए गौरी ने अपना लेपटॉप और जरुरी सामान बैग में डाला और अपनी कुछ बुक्स को हाथ में ले लिया।

उसके फोन पर कोई गाना चल रहा था। उसने हेडफोन को कानो पर लगाया और अपनी ही मस्ती में गाने पर झूमते हुए वहा से चली गयी।
बैंक का पूरा स्टाफ अपना काम छोड़कर मस्त मौला गौरी को जाते हुए देखता रहा। मैनेजर ने देखा तो चिल्लाकर कहा,”क्या देख रहे हो तुम सब अपना काम करो , हाह लगता है आज का दिन ही खराब है,,,,,,,,,,!”
मैनेजर अपने केबिन में चला गया      

बैंक से बाहर आकर गौरी ने हेडफोन अपने गले में डाल लिए और सामने पेड़ के साथ बने चबूतरे पर आकर बैठ गयी। नंदिता ने उसे बैंक में इंटर्नशिप के लिए भेजा लेकिन गौरी 2 दिन भी वहा नहीं टिक पायी। उसने अपना फोन निकाला , काशी को फोन करके वह उसे डिस्टर्ब करना नहीं चाहती थी और वंश शूटिंग में बिजी होगा सोचकर गौरी ने मुन्ना का नंबर डॉयल करते हुए कहा,”भगवान ने मेरी प्रॉब्लम सुनने के लिए परमानेंट सोलुशन दिया तो है,,,,,,,, कोई सुने ना सुने उसे तो सुनना पडेगा ही,,,,,,,,,,!!”


कुछ देर रिंग जाती रही और फिर मुन्ना ने फोन उठाकर कहा,”हेलो”
“माआआआन,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने रोआँसा होकर मायूसी से कहा
“क्या बात है गौरी ? तुम परेशान हो,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“मेरा बैंक मैनेजर , उसने कहा है कि मैं कल से बैंक ना आउ,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने मासूमियत से कहा
मुन्ना ने सुना तो समझ गया कि जरूर गौरी ने कुछ गड़बड़ की होगी इसलिए उसके मैनेजर ने ऐसा किया है फिर भी मुन्ना ने कहा,”ऐसा क्यों कहा उसने ?”


गौरी ने मुन्ना को सच सच सारी बातें बता दी और कुछ बाते बढ़ा चढ़ा कर भी,,,,,,,,!!
मुन्ना ने सूना और कहा,”गौरी अगर तुम्हे ये सब नहीं करना तो मत करो , अपनी मॉम की ख़ुशी के लिए बेवजह खुद को परेशान मत करो,,,,,,,,,तुम कहोगी तो हम उनसे बात कर लेंगे”
“अरे नहीं नहीं नहीं , तुमने उनसे कुछ भी कहा तो उन्हें लगेगा मैंने ही तुम्हे ये सब बोलने के लिए फ़ोर्स किया है,,,,,,,,,,मैं उनसे खुद बात कर लुंगी,,,,,,,वैसे भी मुझे ये बैंक वेंक नहीं पसंद,,,,,,,,,,,मुझे तो व्लॉगिंग करनी है वो भी बनारस के लिए,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने आखरी शब्द ख़ुशी से भरकर चहकते हुए कहे


“मतलब ?”,मुन्ना को समझ नहीं आया गौरी क्या कहना चाहती है जबकि गौरी ने बातो बातो में मुन्ना को अपने फ्यूचर ड्रीम के बारे में बता दिया।
“अरे व्लॉगिंग , मतलब जैसे तुम अपने बनारस के बारे में मुझे अच्छी अच्छी बाते बताते हो ना मैं भी वैसे ही विडिओ के जरिये लोगो को बनारस के बारे में बताउंगी,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह कितना मजा आयेगा और इसमें तुम्हे मेरी हेल्प करनी पड़ेगी,,,,,,,,,तुम करोगे ना ?”,गौरी ने ख़ुशी होकर कहा और आखिर में बड़े प्यार से पूछा


“जो चीज तुम्हारे होंठो पर मुस्कान लेकर आये हम वो सब करने के लिए तैयार है गौरी”,मुन्ना ने भी उतने ही प्यार से कहा
“मुझे तुमसे अब जलन हो रही है तुम इतने अच्छे कैसे हो सकते हो मान ? अगर तुम ऐसे ही मेरी हर बात मानते रहे तो मुझे तुमसे फिर से प्यार हो जायेगा”,गौरी ने प्यार से कहा  
मुन्ना ने सुना तो मुस्कुराने लगा। कभी कभी गौरी उसके सामने बिल्कुल बच्चो जैसे बातें किया करती थी। मुन्ना को खामोश पाकर गौरी ने कहा,”मान”


“हम्म्म्म,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने धीरे से कहा
“तुम मेरा ख्याल रखोगे ना ?”,गौरी ने पूछा
“हमेशा,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“आई नो मैं थोड़ी पागल हूँ , जिंदगी के फैसले सोच समझ कर नहीं लेती,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने इतना ही कहा कि मुन्ना उस से बोल पड़ा,”हम सम्हाल लेंगे”
“अगर शादी के बाद मेरे लिए तुम्हारा प्यार कम हो गया तो,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा


“तो तुम एक बार फिर सफ़ेद सूट पहन कर हमसे टकरा जाना , हमे तुमसे फिर से प्यार हो जायेगा”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“तुम्हारे पास मेरे हर सवाल का जवाब है”,गौरी ने कहा
“क्योकि हमारे हर सवाल का जवाब तुम हो,,,,,,,,,अब सुनो”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म्म,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा वह जानती थी मुन्ना अब कुछ ऐसा कहने वाला है जो कि थोड़ा सीरियस होगा
मुन्ना कुछ देर शांत रहा और फिर कहने लगा,”गौरी , तुम एक समझदार , इंडिपेंडेंट और स्ट्रांग लड़की हो ,, शादी के बाद तुम जो करना चाहो कर सकती हो हम हमेशा तुम्हारा साथ देंगे बस तुम जो करो उस से कभी हमारे माँ पापा और परिवार के मान सम्मान पर कोई आंच ना आये।

पापा तुम्हे कभी किसी चीज के लिए ना नहीं कहेंगे और माँ वो तो इतनी फ्रेंक और फ्रेंडली है कि तुम्हे बनारस में कभी अपने दोस्तों की कमी महसूस नहीं होगी,,,,,,,,,,,और हम , हम बेशक कम बोलते है पर तुम्हारी ख़ामोशी भी पढ़ लेंगे,,,,,,,,,,,तुम इतना सब मत सोचो , तुम नौकरी नहीं भी करना चाहती तो कोई बात नहीं माँ के साथ घर में रह सकती हो , और नौकरी करना चाहो तो पूरा बनारस तुम्हारे सामने है लेकिन बनारस से बाहर नहीं,,,,,,,,,,,,,,!!”
“बनारस से बाहर क्यों नहीं ?”,गौरी ने पूछा


“क्योकि हर शाम घर लौटने के बाद हम तुम्हे देखना चाहते है जैसे पिछले 30 सालों से पापा माँ को देखते आ रहे है। पापा दिनभर कही भी रहे , कितना भी बिजी रहे , परेशान हो , थके हारे घर आये पर घर आकर जब वे माँ को आवाज लगाते है और माँ उनके सामने आती है उस वक्त पापा की आँखों में एक चमक और चेहरे पर सुकून के भाव होते है , हमे वही चमक अपनी आँखों में चाहिए गौरी,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
गौरी को खामोश पाकर मुन्ना ने ठन्डे स्वर में कहा,”शायद हम कुछ ज्यादा ही सोच रहे है”


“तुम कितने रोमांटिक हो मान,,,,,,,,,,,मतलब ऐसा रोमांस मैंने सिर्फ किताबो में पढ़ा है असल जिंदगी में भी कोई लड़का ऐसी सोच रखता है आज पहली बार देख रही हूँ,,,,,,,,!!”,गौरी ने प्यार से कहा
“बिल्कुल रखता है , फ़िलहाल वो लड़का बनारस में है अपनी होने वाली पत्नी के इंतजार में,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“सब्र रखिये मिश्रा जी आपका इंतजार जल्दी ही खत्म होगा और आपकी होने वाली पत्नी हमेशा हमेशा के लिए आपके महबूब शहर बनारस में होगी ,, आपके बगल में , अपने मेहँदी वाले हाथ से आपका हाथ थामे,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा


गौरी के मुंह से आप सुनना मुन्ना को बेहद पसंद था , लेकिन गौरी हमेशा उस से तुम करके ही बात किया करती थी ,, पर कभी कभार जब वह मुन्ना को आप कहकर बुलाती तो मुन्ना ख़ुशी से भर जाता और उस पर गौरी का उसे मिश्रा जी कहना तो उसका दिल ही छू लेता था।
मुन्ना गौरी से आगे बात कर पाता इस से पहले शिवम् ने उसे बुला लिया और उसे गौरी को अलविदा कहना पड़ा।

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संजना किरोड़ीवाल

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