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Love You जिंदगी 42

Love You Zindagi – 41

Love You Zindagi - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

रुचिका ने खाना खाया और फिर सोफे पर आकर बैठ गयी। नैना कैसी है जानने के लिए उसने फोन लगाया लेकिन नैना ने फोन नहीं उठाया , उठाती भी कैसे उसका फोन अवि के पास था। रुचिका ने फ़ोन साइड में रख दिया और बैठकर सुस्ताने लगी। अगले ही पल नैना का मैसेज आया जिसमे लिखा था कि वह हॉस्पिटल में है। रुचिका समझ गयी नैना अपने ट्रीटमेंट के लिए हॉस्पिटल गयी है। उसने नैना के लिए दुआ कि और अपना फोन देखने लगी। फोन देखते देखते रुचिका की आँख लग गयी और वह वही सो गयी।

आशीर्वाद अपार्टमेंट , दिल्ली
शीतल ने ऑफर के नाम पर सबको जमा कर लिया और सब उसके बोलने का इंतजार कर रहे थे। वही बेंच के पास खड़ी मिसेज शर्मा घबरा रही थी कि शीतल अब क्या कहने वाली है। शीतल ने सबको देखा और कहा,”तो आप सबके लिए ऑफर ये है कि कल से ठीक सुबह 6 बजे इसी गार्डन में योगा क्लासेज लगेगी सब फिट रह सके और इसके लिए आपको कोई चार्ज भी नहीं देना पडेगा”


“लेकिन योग करवाएगा कौन ?”,भीड़ में से एक आदमी ने पूछा
“मैं करवाउंगी,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने विश्वास से भरकर कहा
“लो अब सोसायटी में बस यही देखना बाकि रह गया है , बहुये योगा करवाएगी और सास बेचारी घर का चूल्हा चौका करेगी”,मिसेज बंसल ने कहा तो सभी हसने लगे शीतल ने उन्हें देखा और बड़ी सी स्माइल अपने होंठो पर लाकर कहा,”बहुये अगर फिट रही तो वो योगा भी कर लेंगी और घर भी सम्हाल लेंगी,,,,,,,,,,,और क्या बुराई है योगा करने में उलटा आप लोगो की किट्टी पार्टी से तो अच्छी है,,,,,,,,!!”


शीतल की बात सुनकर मिसेज बंसल खामोश हो गयी। शीतल ने सबको देखा और आगे कहा,”मैं तो चाहती हूँ कि आप सब कल से योगा क्लास में आये और मुझे ज्वाइन करे ,, आखिर एक हेल्थी इंसान ही तो हेल्थी सोसायटी बना पायेगा,,,,,,,,,!!
काफी लोग शीतल की इस बात पर एग्री हुए शीतल खुश हो गयी लेकिन बच्चे खुश नहीं थे उन्होंने शीतल को देखा और कहा,”आंटी हमे नहीं चाहिए ये योगा वाला ऑफर,,,,,,,,,,,,!!”
शीतल उनके पास आयी और कहा,”तो मत लो और तुम लोगो से किसने कहा तुम्हारे लिए योगा वाला ऑफर है ?”

“तो फिर ?”,एक छोटी लड़की ने पूछा
“तुम सब के लिए एक सीक्रेट टास्क है,,,,,,,,,,,,,,,,,ये जो पूरा गार्डन देख रहे हो न , हम सबको मिलकर इस पुरे गार्डन को साफ करना है और फिर सबको अपनी अपनी ऐज के हिसाब से पौधे लगाने है,,,,,,,,,फिर हर रोज तुम सब उन्हें पानी दोगे और उनकी देखभाल करोगे , तुम चाहो तो रोज शाम को आकर यहाँ अपनी पढाई भी कर सकते हो,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा
“लेकिन उस से हमे क्या फायदा होगा ?”,लड़के ने मचलते हुए कहा


शीतल मुस्कुराई और कहा,”जिसका पौधा सबसे ज्यादा हेल्थी और खिला हुआ होगा उसे हर हफ्ते एक सरप्राइज गिफ्ट मिलेगा , तो हुआ ना ऑफर”
“वाओ आंटी ये तो बहुत मस्त टास्क है , मैं तैयार हूँ”,एक लड़के ने खुश होकर कहा तो बाकि सब भी उसकी हाँ में हाँ मिलाने लगे और फिर ख़ुशी ख़ुशी वहा से चले गए
“लगता है आपकी बहु पागल हो गयी मिसेज शर्मा , किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाईये”,कहकर मिसेज मेहता और मिसेज बंसल वहा से चली गयी


मिसेज शर्मा शीतल के पास आयी और कहा,”ये क्या शीतल ? ये था तुम्हारा प्लान सोसायटी के लोगो से वोट मांगने की बजाय तुम उनसे योगा में आने के लिए कह रही हो , और ये बच्चे इनका तो वोट भी मायने नहीं रखता और तुमने इनको भी शामिल कर लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारा सच में दिमाग खराब हो गया है , लगता है इस बार मैं सोसायटी में लीडर नहीं बन पाऊँगी,,,,,,,,,,,,,!!”


“ओह्ह्ह मम्मी आप परेशान मत होईये अभी वोटिंग में एक हफ्ता बाकि है , मुझे पूरा यकीन है सब आपको ही वोट देंगे,,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा वह आगे कुछ कह पाती इस से पहले मिसेज आहूजा की आवाज उसके और मिसेज शर्मा के कानों में पड़ी,”आईये आईये , जल्दी कीजिये सुबह का हेल्थी और गर्मागर्म नाश्ता,,,,,,,,,,,,अब से इलेक्शन की सुबह तक हेल्थी और टेस्टी नाश्ता मेरी तरफ से,,,,,,,,,,,अरे अरे मिसेज भार्गव शर्माइये मत थोड़ा और लीजिये,,,,,,,,,,,,!!”


शीतल और मिसेज शर्मा ने देखा , मिसेज आहूजा इडली से भरा बड़ा सा भगोना गार्डन की बेंच पर लेकर बैठी थी और सबको नाश्ता करने को बोल रही थी। सोसायटी वाले भला फ्री का नाश्ता क्यों छोड़ते इसलिए सब लाइन लगाकर लेने लगे।
मिसेज आहूजा कागज की प्लेट में 4 इडली रखती और पास खड़ी अपनी बेटी बिट्टू से चटनी डालने का इशारा कर प्लेट सोसायटी के लोगो की तरफ बढ़ा देती और सबसे एक ही बात कहती,”भूलियेगा मत , वोट दीजियेगा देख कर , खिलाये जो पेट भर,,,,,,,,,,,,,,!!”


मिसेज शर्मा ने ये नजारा देखा तो शीतल से कहा,”देखा इसलिए मैं कह रही थी कुछ और करते है , अब ले गयी ना मिसेज आहूजा सारे वोट,,,,,,,सोसायटी वाले वोट नाश्ता खिलाने वाले को देंगे , योगा वालो को नहीं,,,,,,,,,,,!!”
“मम्मी मेरी बात सुनिए,,,,,,,अरे सुनिए,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा लेकिन तब तक मिसेज शर्मा वहा से जा चुकी थी  

मिसेज आहूजा के बगल में खड़ी बिट्टू को ये सब अच्छा नहीं लग रहा था। उसने धीरे से कहा,”मम्मा मुझे कॉलेज भी जाना है,,,,,,,,,,,!!”
“चुपचाप खड़ी रहो , एक दिन कॉलेज देर से चली जाओगी तो कुछ बिगड़ जायेगा तुम्हारा,,,,,,,,,,चटनी दो”,मिसेज आहूजा ने बिट्टू को घुड़कते हुए कहा
बेचारी बिट्टू मुंह लटका कर प्लेटो में चटनी डालने लगी। ख़ुशी मिसेज आहूजा के चेहरे से साफ झलक रही थी। दूर खड़ी शीतल ये नजारा देख रही थी , वह जैसे ही जाने के लिए मुड़ी बिट्टू की नजर उस पर पड़ गयी और उसने हाथ में पकड़ा चटनी का जार रखा और शीतल की तरफ आकर कहा,”शीतल भाभी !”


अपना नाम सुनकर शीतल पलटी तो देखा बिट्टू उसके पास ही आ रही थी। बिट्टू शीतल के सामने आयी और कहा,”शीतल भाभी मुझे आपसे कुछ जरुरी बात करनी है।”
“हाँ बेटा कहो”,शीतल ने प्यार से कहा
बिट्टू ने देखा आस पास बहुत लोग है तो उसने शीतल का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा,”यहाँ नहीं,,,,,,,,मेरे साथ आईये”


बिट्टू शीतल को लिफ्ट की तरफ लेकर आयी और अपने सामने करके कहा,”शीतल भाभी मुझे आपकी हेल्प चाहिए”
“कैसी हेल्प ?”,शीतल ने पूछा
बिट्टू ने शीतल को सारी बाते बता दी और कहा,”क्या सच में वो लड़का आपका बॉयफ्रेंड,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“शीतल , तुम यहाँ हो मैं तुम्हे ही ढूंढ रहा था ,, वो नए घर के डॉक्यूमेंट जो मैंने तुम्हे रखने के लिए दिए थे प्लीज आकर दे दोगी,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने वहा आकर कहा जिस से शीतल और बिट्टू की बातचीत अधूरी रह गयी।

शीतल नहीं चाहती थी बिट्टू सार्थक के सामने राज के बारे में कुछ भी बात करे इसलिए उस से कहा,”बिट्टू मैं तुम से बाद में आकर मिलती हूँ,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन,,,,,,,,,,,,!!”,बिट्टू ने मायूसी से कहा
“अभी इन्हे जरुरी काम है ना बेटा मैं मिलती हूँ तुम से,,,,,,,,,,,!!”,कहकर शीतल सार्थक के साथ चली गयी लेकिन उसके जहन में बार बार एक ही नाम घूम रहा था और वो था राज का,,,,,,,,,,,शीतल समझ नहीं पा रही थी आखिर राज फिर से उसकी जिंदगी में क्यों आया है ?

चंडीगढ़ , कैंसर हॉस्पिटल
अवि नैना को लेकर हॉस्पिटल पहुंचा विहान और उसकी टीम पहले से वहा मौजूद थी उस पर चौधरी साहब ने जिस डॉक्टर से नैना के लिए बात की थी वे भी वहा चले आये। विहान कुछ नार्मल टेस्ट के लिए नैना को अपने साथ लेकर चला गया और अवि को वेटिंग एरिया में बैठा पड़ा। नैना का ट्रीटमेंट शुरू हो चुका था और वह जिस दर्द और तकलीफ से गुजरने वाली थी इसका अंदाजा किसी को भी नहीं था खुद नैना को भी नहीं,,,,,,,,,,,,,!!


अवि हॉस्पिटल में अकेला है सोचकर चौधरी साहब भी चले आये जिस से अवि को थोड़ी हिम्मत मिली। घर पर सौंदर्या और निबी के अलावा घर के कुछ नौकर और भोला था। सौंदर्या अपने कमरे में थी , घर का जो माहौल था उसके चलते पिछले कुछ दिनों से वे अपने क्लिनिक भी नहीं जा पायी और निबी की हालत देखते हुए उन्होंने कुछ दिन घर में रुकना बेहतर समझा। सौंदर्या अपने कमरे में बैठी मेल में आयी कुछ रिपोर्ट्स देख ही रही थी कि तभी उनके कानो में निबी के चीखने चिल्लाने की आवाज पड़ी।

उन्होंने जल्दी से अपना लेपटॉप बंद किया और कमरे से बाहर आयी तो देखा निबी किसी बात को लेकर घर के नौकर भोला पर बुरी तरह से चिल्ला रही थी
“हाउ डेयर यू ? मुझे एडवाइज देने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ? मैं नैना नहीं हूँ जो घर के नौकरो को भी अपने सर पर बैठाकर रखे ,, मेरे डेड इस घर के मालिक है तो मैं उनकी बेटी हूँ,,,,,,,,,,,,,,और तुम इस घर के एक मामूली से नौकर , तो अपनी औकात मत भूलो समझे ,,,,,,,,,,,,,,,,,, जाओ और जाकर मेरे लिए कॉफी लेकर आओ,,,,,,,,,,!!”,निबी ने गुस्से से उबलते हुए कहा


बेचारा भोला उसकी आँखों में नमी तैर गयी , वह कई सालों से इस घर में नौकर जरूर था लेकिन आज तक चौधरी साहब या सौंदर्या जी ने भी उस से इस तरह बात नहीं की थी , उसने सौंदर्या को देखा और वहा से चला गया।

सौंदर्या ने निबी की बांह पकड़कर उसे अपनी तरफ किया और कहा,”ये सब क्या है निबी ? तुम भोला के साथ इतना बदतमीजी से पेश कैसे आ सकती हो ? इतने सालो में कभी तुम्हारे डेड ने उस से ऐसे बात नहीं कि वो तुम्हारे पिता की उम्र के है तुम उनसे ऐसे बात कैसे कर सकतीं हो ?”
“आपको उनसे इतनी हमदर्दी दिखाने की जरूरत नहीं है मॉम वो सिर्फ एक नौकर है,,,,,,,,,,!!”,सोफे पर बैठते हुए ठन्डे स्वर में कहा


निबी का ये नया रूप देखकर सौंदर्या हैरान थी , नैना के लिए निबी का गुस्सा उन्हें समझ आ रहा था लेकिन अब निबी सबके साथ इतना बुरा बर्ताव कर रही थी। सौंदर्या निबी से कुछ कहती इस से पहले भोला निबी के लिए कॉफी ले आया,,,,,,,,,,,,!!
भोला ने कप टेबल पर रखा और जैसे ही जाने लगा सौंदर्या ने उसे रोका और निबी से कहा,”निबी ! भोला से माफ़ी मांगो,,,,,,,,,,!!”


“रहने दीजिये मैडम ! कोई बात नहीं,,,,,,,,,,,,!!”,भोला ने मायूसी से कहा
“नहीं भोला ! इसे क्या इस घर में किसी को हक़ नहीं है जो तुम से इस तरह से बात करे,,,,,,,,,,,निबी माफ़ी मांगो भोला से,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने गुस्से से कहा तो निबी सोफे से उठी और अपना कप लेकर भोला के बगल से निकलते हुए कहा,”मैं माफ़ी नहीं मांगूंगी मॉम मैंने क्या गलत किया जो मैं माफ़ी मांगू , एक नौकर को नौकर बोल दिया सिर्फ इसलिए,,,,,,,,,,,,,!!”


“नहीं तुमने घर के मेंबर को नौकर कहा इसलिए , भोला इस घर का मेंबर है नौकर नहीं समझी,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा
“जाने दीजिये मैडम,,,,,,,,,!!”,भोला ने कहा वह नहीं चाहता था उसके लिए घर में झगड़ा हो लेकिन सौंदर्या को निबी का ये बर्ताव बहुत बुरा लगा।
“वो आपके लिए मॉम मेरे लिए नहीं और वैसे भी ये तो नैना के सबसे बड़े हमदर्द है और मुझे ना नैना पसंद है ना उस से जुड़े लोग,,,,,,,,,,!!”,कहकर निबी वहा से चली गयी।
“निबी , निबी”,सौंदर्या ने कहा लेकिन निबी जैसे कुछ सुनने को तैयार ही नहीं थी वह वहा से चली गयी


“पता नहीं इस लड़की को क्या हो गया है ? ये अचानक से सबके साथ इतना बुरा बर्ताव क्यों करने लगी है ? आई ऍम रियली सॉरी भोला,,,,,,,,निबी की तरफ से मैं तुम से माफ़ी चाहती हूँ , आई ऍम सॉरी”,सौंदर्या ने मायूसी से कहा
“ये आप कैसी बातें कर रही है मैडम ? आपको सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है मुझे बुरा नहीं लगा ,, मैं समझ सकता हूँ वो अभी परेशान है,,,,,,,,,,आप बैठिये , मैं आपके लिए कुछ लेकर आउ ?”,भोला ने अपनेपन से कहा , जैसा की सौंदर्या ने कहा था , भोला भी खुद को इस घर में नौकर नहीं बल्कि मेंबर ही समझता था


“नहीं थैंक्यू !”,सौंदर्या ने कहा और अवि का नंबर डॉयल करने लगी ताकि उस से नैना की तबियत के बारे में पूछ सके। 

सुबह की सोई रुचिका दोपहर तक सोती ही रही , आंख तब खुली जब दरवाजे की डोरबेल लगातार बजती रही। रुचिका आँखे मसलते हुए उठी और आकर दरवाजा खोला तो सामने खड़े मोंटी को देखकर कहा,”तुम ? इस वक्त,,,,,,,,,पर तुम तो इंटरव्यू के लिए गए थे”
मोंटी अंदर आया और अपना बैग सोफे पर रखते हुए कहा,”हाँ !”
“कैसा रहा तुम्हारा इंटरव्यू ?”,रुचिका ने पूछा


“अच्छा था , उन्होंने मुझे मैनेजर की पोस्ट पर हायर भी कर लिया और एक अच्छा पैकेज भी ऑफर किया”,मोंटी ने कहा
“कोन्ग्रेचुलेशन,,,,,,,,!!”,रुचिका ने खुश होकर कहा
“लेकिन मैंने उस जॉब के लिए ना कह दिया,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने जैसे ही कहा रुचिका के चेहरे की ख़ुशी मायूसी में बदल गयी और उसने कहा,”लेकिन क्यों ?”
“मैं वो जॉब करना नहीं चाहता रूचि , और वो क्या मैं , मैं कोई भी जॉब करना नहीं चाहता,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने खा


“जॉब नहीं करना चाहते तो फिर तुम क्या करोगे मोंटी ? वैसे मैं फिर से अपना जॉब शुरू कर सकती हूँ,,,,,,,उसमे रेंट और खाना मैनेज हो जायेगा”,रुचिका ने कहा तो मोंटी उसके सामने आया और उसके कंधो को थामकर उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”रूचि मैं तुम से भी जॉब करने की नहीं कह रहा,,,,,,मैं नहीं चाहता तुम परेशान हो,,,,,,,,,!!”
“तो फिर तुम क्या करोगे मोंटी ? अगले हफ्ते फ्लेट का रेंट भी देना है और भी कितने बिल्स है जो पेंडिंग है,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने कहा तो मोंटी हैरानी से उसे देखने लगा , रुचिका ने आगे कहा,”वो कमरे की सफाई करते वक्त मुझे सब ड्रॉवर से मिला”


“मैं सब पे कर दूंगा डोंट वरी,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने कहा
“अगर तुम जॉब नहीं करोगे तो फिर क्या करोगे ?”,रुचिका ने पूछा
“बैठो डेमो देता हूँ,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने रुचिका को सोफे पर बैठाते हुए कहा और उसके बगल में बैठकर ग्रोसरी का सामान आर्डर करने लगा।  
सामान आने के बाद मोंटी ने रुचिका से बैठने को कहा और खुद किचन एरिया में चला आया। मोंटी ने अपने गले से टाई निकालकर किचन में हुक पर लगा दी और शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल दिए ,शर्ट की बाजू को फोल्ड किया और किचन में काम करने लगा।

हॉल में रखे सोफे पर बैठी रुचिका मोंटी को देखते रही लेकिन समझ नहीं पायी आखिर मोंटी कर क्या रहा है ? कुकू का फोन आने की वजह से रुचिका उठी और बात करते हुए बालकनी में चली आयी। कुकू से बातें करते हुए कब आधा घंटा बीत गया पता ही नहीं चला मोंटी के आवाज देने पर रुचिका ने फोन रखा और हॉल में चली आयी। वह सोफे पर आ बैठी और मोंटी ने हाथ में पकड़ी प्लेट को टेबल पर रखा।
रुचिका ने देखा प्लेट में तली हुई हरी मिर्च के साथ वड़ा पाव् रखा था जिस से बहुत अच्छी खुशबु आ रही थी।

रुचिका समझ नहीं पायी ये कैसा डेमो था ? मोंटी ने खाने का इशारा किया तो रुचिका ने उसे उठाया और जैसे ही एक टुकड़ा खाया , पाव की सॉफ्टनेस रुचिका ने पहले निवाले में ही महसूस कर ली और अगले ही पल गर्म लेकिन स्वादिष्ट वड़े का स्वाद उसकी जबान पर लगा , हरी और लाल चटनी के साथ लहसुन का मिस्क टेस्ट जो जैसे मुंह में घुल सा गया। रुचिका ने मोंटी की तरफ देखा और कहा,”ये बहुत टेस्टी बना है मोंटी,,,,,,,,,,,,,!!”
“तुमने मुझसे पूछा था ना जॉब नहीं करोगे तो क्या करोगे ?”,मोंटी ने कहा


“हम्म्म,,,,,,,,!!”,रुचिका ने खाते हुए कहा
मोंटी ने चमकती आँखों से रुचिका को देखा और कहा,”मै वड़ा पाव का स्टॉल लगाऊंगा,,,,,,,,,,अपना खुद का बिजनेस शुरू करूंगा”
रुचिका ने जैसे ही सुना निवाला उसके मुंह में ही रह गया जिसे ना वह उगल पायी और ना निगल पायी,,,,,,,,,,,,,,,,!!

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