Love You Zindagi – 25
Love You Zindagi – 25

अनुराग के एक्सीडेंट की खबर सुनकर चौधरी साहब हैरान रह गए उनकी आँखों के सामने रात वाला सीन चलने लगा। वे खामोश हो गए कुछ बोल ही नहीं पाए।
सौंदर्या वापस हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार होकर कमरे से आयी ही थी उन्होंने जब चौधरी साहब को दरवाजे पर खड़े देखा तो उनकी तरफ आते हुए कहा,”आप दरवाजे पर क्यों खड़े है ? आप यहाँ ?”
“अनुराग अब इस दुनिया में नहीं रहा , कल रात रोड एक्सीडेंट में उसकी मौत हो गयी,,,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने कहा
सौंदर्या ने सुना तो उन्हें झटका लगा और उनका हाथ उनके मुंह पर चला गया। कॉन्स्टेबल के पास इतना समय नहीं था इसलिए उनसे कहा,”आपको मेरे साथ हॉस्पिटल चलना होगा , बॉडी की शिनाख्त कीजिये”
“सौंदर्या तुम यही रुको मैं जाकर देखता हूँ,,,,,,,,,,,,और अनुराग के घर पर भी खबर कर दो,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने कहा और कॉन्स्टेबल के साथ वहा से चले गए।
सौंदर्या अंदर आयी अनुराग के मरने की खबर सुनने के बाद उनके पैरो में जान ही नहीं थी। वे सोफे पर आकर बैठ गयी उनकी आँखों के सामने अनुराग का चेहरा चलने लगा और वे बड़बड़ाने लगी,”ये सब कैसे हो गया ? अगर नैना को पता चला तो कही वो अनुराग की मौत का जिम्मेदार खुद को ना समझने लगे,,,,,,,,,अनुराग ने निबी के साथ अच्छा नहीं किया लेकिन किसी ने नहीं सोचा था उसके साथ ऐसा कुछ होगा,,,,,,,,,,,,मुझे निबी को बताना होगा , कही एकदम से अनुराग के बारे में सुनकर वह अपने होश ना खो दे,,,,,,,,,,,,,!!”
सौंदर्या ने अपना फोन उठाया और अवि का नंबर डॉयल किया। अवि इस वक्त सो रहा था लेकिन फोन वाइब्रेट होने की वजह से वह उठा और स्क्रीन पर सौंदर्या का नंबर देखकर फोन कान से लगाते हुए कहा,”हेलो ! हाँ मॉम आपने कैसे फोन किया ?”
“तुम सो रहे हो क्या अवि ?”,सौंदर्या ने पूछा
“अह्ह्ह नहीं मॉम वो बस जरा सी आँख लग गयी थी,,,,,,,,,,,आप बताईये ना ?”,अवि ने अपनी आँखे मसलते हुए कहा। उसने देखा बगल वाले सोफे पर सिर्फ निबी बैठी है शीतल और सार्थक वहा नहीं थे।
सौंदर्या समझ नहीं पा रही थी वह अवि को अनुराग की मौत के बारे में कैसे बताये ? सौंदर्या कुछ देर खामोश रही और फिर धीमे स्वर में कहा,”अवि ! अनुराग इस दुनिया में नहीं रहा,,,,,,,,,,,!!”
“व्हाट ? ये आप क्या कह रही है मॉम ?”,अवि ने हैरानी से कहा उसकी आँखों में जो नींद बची थी वो एक झटके में उड़ गयी।
“हाँ अवि ! तुम्हारे डेड हॉस्पिटल गए है अनुराग की बॉडी लेने,,,,,,,,,,,मुझे तो समझ नहीं आ रहा ये सब अचानक से क्या हुआ ? निबी , निबी को पता चला तो वो टूट जाएगी,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने रोआँसा होकर कहा
“मॉम शांत हो जाईये ! क्या उसके घरवालों को ये पता है ?”,अवि ने पूछा
“शायद नहीं !”,सौंदर्या ने कहा
“ठीक है मैं उसके घर पर बात करता हूँ आप परेशान मत होईये,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
“हम्म्म्म मैं थोड़ी देर में हॉस्पिटल आती हूँ,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा
“ठीक है मॉम मैं रखता हूँ”,कहकर अवि ने फोन रख दिया। उसने अपना सर पकड़ लिया , अवि एक के बाद एक परेशानियों से घिरते जा रहा था। उसे रात में अनुराग के साथ हुआ झगड़ा याद आ गया। अनुराग के केस में कही नैना ना फंस जाये सोचकर ही अवि का दिल धड़कने लगा हालाँकि अनुराग के पापा सच्चाई जानते थे लेकिन फिर भी अवि परेशान था।
अपना सर सहलाते हुए उसने साइड में देखा तो उसकी नजर निबी पर पड़ी। सोफे पर बैठी निबी हाथो में पकडे अख़बार को एकटक देखे जा रही थी। निबी को अनुराग के बारे में बताने का सोचकर अवि उठा और निबी के पास आकर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”निबी ! अनुराग,,,,,,,,,,,!!”
अवि इतना ही कह पाया कि निबी की आँखो से निकले आंसुओ की बुँदे अख़बार पर छपी खबर पर आ गिरी। अवि ने देखा अख़बार में अनुराग के एक्सीडेंट और उसकी मौत की खबर छपी थी
निबी ने भीगी आँखों से अवि को देखा तो अवि ने उसका सर खुद से लगा लिया। निबी सिसकने लगी और फिर एकदम से रो पड़ी। सामने से आते शीतल और सार्थक ने निबी को ऐसे रोते देखा तो उसके पास चले आये। अवि ने उन दोनों को अनुराग के बारे में बताया तो दोनों को झटका लगा।
“शीतक तुम्हारे पास अनुराग के डेड का नंबर होगा ना , हमे उन्हें अनुराग के बारे में बताना होगा”,अवि ने शीतल से कहा
“हाँ लेकिन अवि अगर उन्होंने तुम्हे ही गलत समझ लिया तो,,,,,,,,,,,,तुम जानते हो कल रात जो कुछ हुआ उसके बाद कही उन्हें ये ना लगे कि ये सब,,,,,!!”,शीतल ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“तुम्हारी परेशानी मैं समझ सकता हूँ शीतल लेकिन अनुराग के घरवालो को बताना जरुरी है,,,,,,,,,,,मैं उनसे बात करके आता हूँ।”,अवि ने शीतल के हाथ से फोन लेकर कहा और वहा से चला गया
निबी को रोते देखकर सार्थक ने शीतल से उसे सम्हालने को कहा और खुद पानी लेने चला गया।
अवि कुछ देर बाद वापस आया और सार्थक से कहा,”सार्थक क्या तुम निबी को और शीतल को लेकर घर जा सकते हो ?”
“हाँ मैं चला जाऊंगा,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
“लेकिन तुम यहाँ अकेले,,,,,,,!!”,शीतल ने उठते हुए कहा
“मैं ठीक हूँ शीतल और नैना भी अब खतरे से बाहर है , तुम देख रही हो ना निबी को इस वक्त घर जाने की जरूरत है। मैंने मॉम को फोन कर दिया है वे निबी को सम्हाल लेगी,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने उदासी भरे स्वर में कहा
“ठीक है अपना और नैना का ख्याल रखना,,,,,,,,,,,निबी चलो चलते है”,शीतल ने निबी को उठाया और अपने साथ ले जाने लगी।
निबी को रोते हुए अवि देख नहीं पा रहा था इसलिए वह उसके सामने आया और उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर कहा,”आई ऍम सो सॉरी निबी , हम में से किसी ने भी नहीं सोचा था अनुराग के साथ ऐसा कुछ हो जाएगा,,,,,,,,,,!!”
“इसमें आपकी कोई गलती नहीं है भाई , मेरी किस्मत में उसका साथ लिखा ही नहीं था”,कहते हुए निबी फिर सुबकने लगी। अवि ने उसे सीने से लगाया और घर जाने को कहा
सार्थक शीतल और निबी को लेकर घर के लिए निकल गया।
चौधरी साहब कॉन्स्टेबल के साथ आये उन्होंने अनुराग की डेड बॉडी देखी और पहचान ली। वे वही रूककर अनुराग के घरवालों का इंतजार करने लगे। कॉन्स्टेबल चौधरी साहब का बयान नोट करने लगा। कुछ देर बाद अनुराग के घरवाले और उसकी पत्नी रोते चिल्लाते वहा आये।
अनुराग के पापा ने जब अनुराग का शव देखा तो गुस्से में चौधरी साहब की कॉलर पकड़ ली और तड़पते हुए कहा,”तुमने मारा है मेरे बेटे को , तुम सबने मिलकर उसे मार दिया। अनुराग ने तुम्हारी बेटी के साथ धोखा किया था मैं मानता हूँ लेकिन बदले में तुम लोगो ने उसकी जान ले ली,,,,,,,,,,,,,!!”
“ये क्या कह रहे हो तुम मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है ,, अनुराग कल रात ही मेरे घर से चला गया था उसके बाद रोड एक्सीडेंट में उसकी मौत हुयी है। मैं भला उसे कैसे मार सकता हूँ ?”,चौधरी साहब ने अपनी कॉलर छुड़वाकर गुस्से से कहा
“ये सब क्या हो रहा है ?”,कॉन्स्टेबल ने दोनों को एक दूसरे से दूर करते हुए कहा
“इसने मेरे बेटे को मार डाला थानेदार साहब , इसने उसे मार डाला,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अनुराग के पापा नीचे गिरकर रोने लगे। अनुराग की पत्नी को कोई होश ही नहीं था वह बार बार बेहोश हो रही थी।
“ऐसा कुछ नहीं है थानेदार साहब दरअसल बात ऐसी है,,,,,,,,,,,,,!!”,चौधरी साहब ने जैसे ही कहना चाहा कॉन्स्टेबल ने उनकी बात बीच में काटकर कहा,”अपनी कहानी आप पुलिस स्टेशन चलकर सुनाना , ए लेकर चलो इन्हे,,,,,,,,,!!”
“तुम जानते भी हो तुम किस से बात कर रहे हो ?”,चौधरी साहब ने गुस्से से कहा
“देखिये सर कानून की नजर में सब बराबर है , जब ये कह रहे है कि ये एक्सीडेंट नहीं है अनुराग की मौत में आपका हाथ है तो फिर आपको हमारे साथ पुलिस स्टेशन चलना ही होगा , अगर आप बेकसूर है तो कानून आपको सजा नहीं देगा”,कॉन्स्टेबल ने कहा और साथ वाले से चौधरी साहब को लेकर जाने को कहा
दुसरा कॉन्स्टेबल उन्हें वहा से ले गया और वहा मौजूद कॉन्स्टेबल ने अनुराग के पापा और बाकि घरवालों के बयान नोट किये और उन्हें अनुराग का शव सौंपकर खुद भी पुलिस स्टेशन के लिए निकल गया।
विहान नैना को देखने ICU में आया उसने देखा नैना जाग रही थी और अब पहले से थोड़ी ठीक नजर आ रही थी। विहान को वहा देखकर नैना ने अपनी पलकें झपकाकर उसे अपने पास आने का इशारा किया। विहान नैना के पास आया और कहा,”तुम पहले से काफी बेहतर नजर आ रही हो नैना”
नैना हल्का सा मुस्कुराई और इशारे में अवि के बारे में पूछा
“कौन अवि ? वो तो जबसे तुम्हे यहाँ लेकर आया तब से परेशान घूम रहा है। मैंने एक बार भी उसे मुस्कुराते नहीं देखा नैना तुम्हे लेकर बहुत चिंता जता रहा था वो , आई थिंक वो तुम से बहुत प्यार करता है।”
नैना ने सुना तो मुस्कुरा उठी , इस बार उसकी मुस्कराहट पहले से ज्यादा प्यारी थी। नैना ने विहान को अपने पास आने का इशारा किया क्योकि वह बहुत तेज बोल नहीं पा रही थी। विहान मुस्कुराते हुए नैना के करीब आया तो नैना उसके कान में धीरे से धीरे फुसफुसाई,”मुझे एक चाय मिलेगी ?”
विहान ने सुना तो नैना से दूर हटा और हैरानी से उसे देखकर अपना सर ना में हिला दिया। नैना के होंठो पर आयी मुस्कुराहट एकदम से गायब हो गयी। विहान ने नैना को देखा और कहा,”डॉक्टर्स ने तुम्हे कुछ भी देने से फ़िलहाल मना किया है और चाय तो बिल्कुल नहीं नैना , एक बार तुम्हारी रिपोर्ट्स आ जाये उसके बाद ही तुम्हे खाने पीने के लिए कुछ दिया जा सकता है। मैं चलता हूँ तुम रेस्ट करो,,,,,,,,,,,!!”
नैना ने कुछ नहीं कहा बस दूसरी तरफ देखने लगी। विहान ने उसका सर सहलाया और वहा से चला गया।
सोच में डूबा विहान ICU से बाहर आया और गैलरी में चला जा रहा था कि सामने से आते अवि से टकराया। विहान की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”ओह्ह्ह अवि तुम , मैं तुम्हारे पास ही आ रहा था। मैं अभी अभी नैना से मिलकर आ रहा हूँ वो अब ठीक है , उसकी रिपोर्ट्स आने के बाद उसे लिक्विड दे सकते है।”
“ये तो अच्छी बात है विहान , लेकिन तुम इतना उलझन में क्यों हो ?”,अवि ने पूछा
“अगर मैं तुम से कुछ पुछु तो तुम बुरा तो नहीं मानोगे ?”,विहान ने कहा
“नहीं , पूछो क्या पूछना है ?”,अवि ने कहा
“ये नैना तुम्हे कहा मिली ? आई मीन वो बाकि लड़कियों से थोड़ी अजीब है,,,,,,,,,,,,,!!”,विहान ने कहा
“तुम कहना क्या चाहते हो ?”,अवि ने थोड़ा कठोरता से कहा
विहान मुस्कुराया और कहा,”तुम्हे पता है नैना ने अभी होश में आने के बाद सबसे पहले क्या कहा ?”
“क्या ?”,अवि ने पूछा
“उसने कहा उसे एक कप चाय चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,चाय ! आजकल चाय कौन पीता है ? मुझे लगा तुम्हारे साथ रहकर वो कॉफी पीना सीख गयी होगी,,,,,,,,,,!!”,विहान ने कहा
विहान की बात सुनकर अवि पहली बार मुस्कुराया और कहा,”चाय के लिए उसका जो प्यार है वो तुम नहीं समझ पाओगे,,,,,,,,,,,क्या मैं नैना से मिल सकता हूँ प्लीज ?”
अवि की आँखों में नैना से मिलने की बेचैनी देखकर विहान ने उसे जाने का इशारा किया तो अवि खुश होकर ICU की तरफ बढ़ गया और विहान वहा से चला गया।
अवि अंदर आया उसने देखा नैना दूसरी तरफ देख रही थी। वह नैना के बगल में पड़ी कुर्सी पर आ बैठा और कहा,”तुमने तो मुझे डरा ही दिया था नैना”
नैना ने अवि की आवाज सुनी तो गर्दन घुमाई अवि को वह देखकर नैना की आँखों में सुकून के भाव दिखाई तैरने लगे और उसने धीरे से कहा,”क्या तुम मुझे खोने से डरते हो पडोसी ?”
“नहीं बल्कि मै तुम्हारे होंठो से हर सुबह पडोसी ना सुन पाने के ख्याल से डरता हूँ,,,,,,,,,,!!”.अवि ने नैना की आँखों में देखते हुए कहा
नैना ने सुना तो हल्का सा मुस्कुरा दी , अवि एकटक नैना को देखता रहा और कुछ देर खामोश रहने के बाद कहा,”तुम ठीक हो ?”
“हाँ लेकिन ये हॉस्पिटल ठीक नहीं है,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने मुंह बनाकर कहा
“क्यों ?”,अवि ने पूछा
“पडोसी तुम बताओ मुझे भला ऐसा कौनसा हॉस्पिटल होगा जो अपने पेशेंट को चाय देने से मना कर दे,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा तो अवि को कुछ देर पहले विहान की कही बात याद आ गयी और उसने कहा,”नैना ! पहले तुम ठीक हो जाओ उसके बाद मैं खुद तुम्हे अपने हाथो से बनाकर चाय पिलाया करूंगा आई प्रॉमिस”
“निबी कैसी है ? अनुराग ने उसे परेशान तो नहीं किया ना ? कल रात वो बहुत सेड थी,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने एक साथ कहा तो उसकी साँस थोड़ी सी फूलने लगी। अवि ने उसका सर सहलाया और कहा,”तुम्हे ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए नैना,,,,,,,,,,निबी ठीक है और अनुराग उसे अब कभी परेशान नहीं करेगा,,,,,,,,,!!”
आखरी शब्द कहते हुए अवि कही खो सा गया था , नैना ख़ामोशी से अवि के चेहरे पर आते जाते भावो को देख रही थी लेकिन वह नहीं जानती थी कि अनुराग अब इस दुनिया में नहीं रहा,,,,,,,,,,,,!!
अवि को खामोश देखकर नैना ने कहा,”पडोसी,,,,,,,,,,!!”
“हाँ , हाँ नैना”,अवि की तंद्रा टूटी
“मुझे बहुत भूख लगी है,,,,,,,,,,!!”,नैना ने किसी बच्चे की तरह मासूमियत से कहा
“विहान ने कहा है तुम्हारी रिपोर्ट्स आने के बाद तुम खा सकती हो,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
नैना का चेहरा उतर गया और उसने कहा,”क्या मेरे बचने की उम्मीद कम है ?”
अवि ने सुना तो उसने गुस्से से नैना को देखा और कहा,”अगर तुमने दोबारा ऐसी बात की तो मैं तुम्हे चांटा मार दूंगा,,,,,,,,,,,,,!!”
“लेकिन,,,,,,,,,,!!”,नैना ने कहा और अवि ने हमेशा की तरह उसे आगे बोलने से रोकने के लिए अपने हाथ की उंगलियों से उसके दोनों होंठो को पकड़कर उसका मुंह बंद कर दिया और कहा,”मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा,,,,,,,,,,,,,!!”
दोनों ख़ामोशी से एक दूसरे को देखने लगे अवि की आँखों में नैना को बचाने का विश्वास था और नैना की आँखों में थोड़ा और जीने की उम्मीद,,,,,,,,,,,!!
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संजना किरोड़ीवाल


Yeh lo ji…ek aur maya siyapa ho gaya Chaudhary family k sath…kaha wo Anurag ki family ko help kar rhe the…aur kaha Anurag k papa ne Avi k papa ko hee fansa diya…ab kya karenge Chaudhary Ji…aur Naina uska kya hoga…kahin wo khud ko Anurag ki mout ka zimmedar na Maan le