Sanjana Kirodiwal

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Main Teri Heer – 29

Main Teri Heer – 29

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

दोपहर से शाम हो गयी लेकिन शक्ति को ना जॉर्डन मिला ना ही आसिफ,,,,,,,,,,,,,शक्ति ने घडी में वक्त देखा और खुद में ही बड़बड़ाया,”हमे कुछ देर और रुकना चाहिए”
कुछ देर बाद शक्ति का फोन बजा , शक्ति ने देखा स्क्रीन पर DIG सर का नाम आ रहा था। शक्ति ने फोन उठाया और कहा,”जय हिन्द सर”
“DCP शक्ति , इसी वक्त आकर मुझसे मिलो”,DIG सर ने कहा


“जी सर”,शक्ति ने कहा और फोन काटकर साइड में रखते हुए बड़बड़ाया,”DIG सर यहाँ क्या कर रहे है और इस वक्त मुझसे क्यों मिलना चाहते है ?”
शक्ति ने जॉर्डन और आसिफ से बाद में मिलने का सोचकर वहा से चला गया।
कुछ देर बाद शक्ति DIG सर के सामने था , उनके केबिन में और उसे हैरानी तब हुई जब उसने वहा “विक्रम अरोड़ा” को बैठे देखा। विक्रम शक्ति को नफ़रत भरी नजरो से देख रहा था लेकिन खामोश था।

शक्ति ने भी एक नजर उसे देखा और DIG सर से कहा,”सर आपने हमे इतना अर्जेन्ट में क्यों बुलाया ?”
“शक्ति क्या मैं जान सकता हूँ तुमने “कबीर” को क्रिमिनल क्या सोचकर कहा ? तुमने इन्हे भी उनसे मिलने नहीं दिया क्यों ? तुम्हे कानून नहीं पता या फिर तुमने अपना अलग कानून बना लिया है,,,,,,,,,,,,,,विक्रम अरोरा इस शहर के जाने माने बिजनेसमैन है और तुमने उनके साथ बदतमीजी की,,,,,,,,,!!!”


“सर जिस रात कबीर का एक्सीडेंट हुआ उस रात वो नशे में था , वो एक पार्टी से आ रहा था जिसमे एक ड्रग डीलर भी शामिल था , सर कही ना कही कबीर का उस से कोई तो कनेक्शन है बस इसलिए हमने इन्वेस्टिगेशन किया और कबीर को किसी से मिलने नहीं दिया”,शक्ति ने सहजता से कहा
“व्हाट रब्बिश ? DIG ये मेरे बेटे का नाम ड्रग डीलर के साथ कैसे जोड़ सकता है ? इसका दिमाग तो ठीक है ना,,,,,,,,,,,,!!”,विक्रम ने गुस्से से कहा


“रिलेक्स विक्रम ! शक्ति ने सिर्फ शक के बिनाह पर कहा है,,,,,,,,,,!!”,DIG सर ने कहा और फिर शक्ति की तरफ पलटकर कहा,”शक्ति क्या तुम्हारे पास कबीर के खिलाफ कोई सबूत है ?”
“सर हम इन्वेस्टीगेट,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने इतना ही कहा वह अपनी बात पूरी कर पाता इस से पहले ही DIG सर ने अपने शब्दों पर जोर देकर कहा,”शक्ति मैंने पूछा क्या तुम्हारे पास कबीर के खिलाफ कोई सबूत है ?”
“नो सर”,शक्ति ने इस बार छोटा सा जवाब दिया


“तो फिर तुम उसे क्रिमिनल कैसे कह सकते हो ?”,DIG सर ने गुस्से से कहा
“आई ऍम सॉरी सर”,शक्ति ने कहा
“इसने हॉस्पिटल में मेरे साथ जो बदतमीजी की उसका क्या DIG ?”,विक्रम ने गुस्से से कहा
“उसके लिये शक्ति आपसे माफ़ी मांगेगा,,,,,,,,,शक्ति माफ़ी मांगो इन से”,DIG सर ने कहा
शक्ति ने सुना तो हैरानी से उन्हें देखा और कहा,”लेकिन सर,,,,,,,,!!!”


“शक्ति अगर तुमने इनसे माफ़ी नहीं मांगी तो मजबूरन मुझे तुम्हारा ट्रांसफर फारेस्ट डिपार्टमेंट में करना होगा , और ये मेरा नहीं ऊपर से आर्डर आया है,,,,,,,,,,,,,,माफ़ी मांग लो शक्ति,,,,,,,,!!”,DIG सर ने विनम्रता से कहा
शक्ति सोच में पड़ गया। विक्रम जैसे लोगो से माफ़ी माँगना शक्ति को भला कहा मंजूर था लेकिन इस वक्त उसका इंदौर में रहना बहुत जरुरी था इसलिए उसने कहा,”ठीक है सर”
DIG सर मुस्कुराये और हामी में गर्दन हिला दी।

शक्ति विक्रम की तरफ पलटा और कहा,”सॉरी”
“क्या ? क्या कहा ? मैंने सुना नहीं,,,,,,,,!!”,विक्रम ने जान बूझकर अनजान बनते हुए कहा
शक्ति ने DIG सर की तरफ देखा तो उन्होंने शक्ति से फिर से बोलने का इशारा किया। शक्ति को मन ही मन बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन उसने अपने गुस्से को काबू में रखा और पहले से थोड़ा ऊँची आवाज में कहा,”आई ऍम सॉरी”


शक्ति को जलील करने का विक्रम को मौका मिल चूका था इसलिये वह अपनी जगह से उठा और शक्ति के सामने आकर कहा,”आवाज में दम नहीं है , लगता है सुबह से कुछ खाया नहीं,,,,,,,,,,थोड़ा जोर से बोलो मुझे ऊंचा सुनने की आदत है।”


शक्ति ने सुना तो उसकी मुट्ठी बंध गयी , वह चाहकर भी अपने गुस्से को और नहीं रोक पाया। उसने अपने हाथ को जोर से टेबल पर मारा जिस से टेबल पर लगा शीशा टूटकर चकनाचूर हो गया।

शीशा टूटने की आवाज इतनी तेज थी कि DIG सर अपनी कुर्सी से उठ खड़े हुए और विक्रम अरोरा भी सहम गया। शक्ति उसके थोड़ा करीब आया और कहा,”इसके बाद शायद तुम्हे तेज सुनने की जरूरत ना पड़े”
शक्ति के इन शब्दों से विक्रम खामोश हो गया वह आगे कुछ बोल ही नहीं पाया। शक्ति DIG सर की तरफ पलटा और कठोरता से कहा,”हम अपने ट्रांसफर पेपर का इंतजार करेंगे सर,,,,,,,,,,जय हिन्द”


कहते हुए शक्ति ने उन्हें सेल्यूट किया और कमरे से बाहर निकल गया।
“DIG देखा तुमने , मुझे उसका ट्रांसफर चाहिए वरना इस शहर में उसका रहना मैं मुश्किल कर दूंगा,,,,,,,,,,,,!!”,विक्रम ने बौखलाते हुए कहा


DIG सर ने सुना तो गुस्से से कहा,”इनफ विक्रम उसने तुम से दो बार माफ़ी मांगी है अब तुम उसे परेशान करोगे तो उसका रिएक्शन तो आएगा ना,,,,,,,,,,,,तुम्हे जो करना है करो मैं यहाँ से जा रहा हूँ”


कहकर DIG सर गुस्से में वहा से निकल गए और विक्रम वही खड़ा गुस्से से DIG सर को घूरते रहा।
शक्ति अपनी गाड़ी के पास चला आया वह बहुत गुस्से में था। अपना गुस्से किसी और पर तो निकाल नहीं सकता था इसलिये उसने अपना हाथ अपनी ही गाड़ी पर मारते हुए कहा,”हाह सब के सब बिके हुए है ,, हमे ऐसे घटिया और करप्ट लोगो से सॉरी बोलना पड़ रहा है,,,,,,,,,,,उनकी औकात क्या है ?”


शक्ति गुस्से से बड़बड़ा ही रहा था कि तभी उसका फोन बजा। शक्ति ने फोन देखा स्क्रीन पर काशी का नाम देखकर शक्ति ने फोन उठाया
“शक्ति कल,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने इतना ही कहा कि शक्ति गुस्से से बोला,”काशी ! क्या है ये सब ? तुम कोई वक्त नहीं देखती , हम कॉलेज स्टूडेंट नहीं है पुलिस में है , कब कहा किस काम में है इसकी खबर नहीं है तुम्हे,,,,,,,,,,,,,पूरा दिन तुम्हारे साथ फोन मैसेज पर बिजी नहीं रह सकते हम”


काशी ने सुना तो उसकी आँखों में आँसू भर आये उसने नम आँखों के साथ कहा,”लेकिन हमने तो बस सिर्फ ये बताने के लिये फोन किया कि कल तुम्हारे माँ-पापा की बरसी है , तुम्हे उनके लिये पूजा करवानी थी”
शक्ति ने सुना तो उसे याद आया उसने ही काशी से ये बात याद दिलाने को कहा था और वह खुद ही भूल गया। वह काशी से कुछ कहता इस से पहले काशी ने कहा,”हम रखते है”


“काशी,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा लेकिन तब तक काशी फोन काट चुकी थी। शक्ति ने अपना फोन जेब में रखा और मायूस हो गया। विक्रम और DIG का गुस्सा उसने काशी पर निकाल दिया। शक्ति को अब काशी के लिये बुरा लग रहा था साथ ही खुद पर भी गुस्सा आ रहा था कि उसने काशी पर गुस्सा किया। शक्ति गाड़ी में आकर बैठा और वहा से निकल गया।

मुंबई , नवीन का घर
शाम में नवीन ऑफिस से घर आया बाकि दिनों के बजाय नवीन आज थोड़ा गुस्से में था। उसने हॉल में आकर निशि को आवाज दी,” निशि , निशि”
मेघना ने नवीन की आवाज सुनी तो आकर कहा,”क्या बात है नवीन आज तो जल्दी आ गए ? और तुम इतना गुस्से में क्यों हो ?”


“निशि कहा है ?”,नवीन ने पूछा
“अपने कमरे में होगी , हुआ क्या ?”,मेघना ने चिंतित स्वर में पूछा


नवीन की आवाज सुनकर निशि तब तक नीचे चली आयी और कहा,”क्या हुआ डेड ? अपने मुझे बुलाया,,,,,,,,,,!!”
नवीन निशि की तरफ पलटा और कहा,”तुम्हारी कोचिंग कहा है ?”
“मालवीय नगर”,निशि ने कहा
“तो फिर तुम मालवीय नगर के बजाय फिल्मसिटी के बाहर क्या कर रही थी ? निशि क्या मैं जान सकता हूँ ये सब क्या चल रहा है ?”,नवीन ने कठोरता से कहा


निशि ने सुना तो आवाज गले में ही अटक गयी , उसने वंश और के.डी को तो सीरीज के लिये हाँ बोल दिया लेकिन नवीन मेघना को तो इस बारे में बताया ही नहीं था। निशि को चुप देखकर नवीन ने कहा,”मैंने तुम से कुछ पूछा निशि ? तुम आज फिल्मसिटी के बाहर क्या कर रही थी ?”
निशि ने मेघना को देखा और फिर नवीन को देखकर धीरे से कहा,”मॉम डेड मुझे आप दोनों को कुछ बताना है ?”
“क्या बात है निशि ?”,इस बार मेघना ने चिंतित स्वर में पूछा


“मुझे आज सीरीज में रॉल मिला है और मैंने डायरेक्टर को इसके लिये हाँ भी बोल दिया है,,,,,,,,,,!!”,निशि ने डरते डरते कहा
नवीन ने सुना तो सोफे पर बैठते हुए कहा,”बहुत बढ़िया , अब तुम्हे एक्ट्रेस बनना है,,,,,,,,,,,,,तो फिर तुम्हारी पढाई का क्या होगा ?”


“मैं मैनेज कर लुंगी डेड,,!!”,निशि ने डरते डरते कहा
“मतलब अब वंश की तरह तुम भी टीवी पर आओगी ?”,मेघना ने ख़ुशी से चहकते हुए कहा

निशि ने देखा उसकी मम्मी को उसके सीरीज में काम करने से कोई दिक्कत नहीं थी इसलिए उसने खुशी से सर हिलाया। मेघना को चहकते देखकर नवीन ने उसे थोड़ा गुस्से से देखा तो मेघना ने तुरंत अपने भाव बदले और कहा,”मेरा मतलब टीवी पर आओगी लोग क्या कहेंगे ? तुम्हे अपनी पढाई पर ध्यान देना चाहिए बेटा”
“निशि ! टीवी पर काम करना , एक्टिंग करना ये सब आसान चीजे नहीं है , सेंकडो लोगो के सामने डायलॉग्स बोलने होते है , एक्टिंग करनी होती है,,,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा


“वंश ने कहा है वो मुझे सब सीखा देगा,,,,,,,,,,!!”,निशि ने जल्दबाजी में कहा
नवीन ने सुना तो मेघना की तरफ देखा और कहा,”ओह्ह्ह तो ये सब उसका किया धरा है , मेघना वंश से कहो कल मुझसे आकर मिले ,, अपने साथ साथ उसने निशि को भी इन सब में शामिल कर लिया,,,,,,,,,,!!”
“डेड वंश ने कुछ नहीं किया है ये मेरा फैसला है मैं खुद उस सीरीज में काम करना चाहती हूँ”,निशि ने पहली बार वंश की साइड लेते हुए कहा


नवीन ने सुना तो निशि को देखा और उठते हुए कहा,”लेकिन मैं कभी नहीं चाहूंगा तुम सीरीज में काम करो,,,,,,,,,,,,,कल सुबह जाकर तुम इसके लिये मना कर दोगी और अपनी पढाई पर ध्यान दोगी”
निशि ने जैसे ही कुछ कहना चाहा नवीन ने कहा,”बस मैंने कह दिया,,,,,,,,,,,,,!
मायूस होकर निशि वहा से चली गयी।

उसके जाने के बाद नवीन मेघना की तरफ पलटा और कहा,”मेघना कल शाम इंदौर के लिये निकलेंगे तुम्हे जो भी पैकिंग करनी हो कल सुबह ही कर लेना,,,,,,,,,,,,मैंने ट्रैन के टिकट्स बुक कर दिए है।”
“ठीक है मैं कर लुंगी,,,,,,,,,,,,मैं ये कह रही थी कि वंश और निशि भी हमारे साथ जा रहे है ना ?”,मेघना ने कहा


“नहीं निशि ने मुझसे झूठ बोला है और उसकी सजा ये है कि वो इंदौर नहीं जाएगी,,,,,,,,,,,और रही वंश की बात तो मेघना वंश ने कहा है वो सगाई वाली सुबह फ्लाइट से आयेगा,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा


“लेकिन मुन्ना ने कहा था निशि को साथ आने के लिये,,,,,,,,,,,,,!!”,मेघना ने कहा
“मेघना अगर तुम चाहो तो निशि के साथ मुंबई रुक सकती हो मैं अकेले सगाई में चला जाता हु।”,नवीन ने कहा
“नहीं नहीं मैं तो बस,,,,,,,,,,,,,लेकिन निशि यहाँ अकेले,,,,,,,!!”,मेघना ने कहा
“अकेले नहीं है कल सुबह मेरी बहन यहाँ आ रही है मैंने उसे बोल दिया है वो निशि के साथ रुक जायेगी,,,,,,,,,,,मैं फ्रेश होने जा रहा हूँ”,नवीन ने कहा और वहा से चला गया


नवीन के जाने के बाद मेघना ने ख्याली पुलाव पकाते हुए खुश होकर कहा,”निशि सीरीज में काम करेगी , टीवी पर आयेगी , अह्ह्ह्ह उसके बाद मैं अपनी सहेलियों के सामने खूब इतराऊंगी,,,,,,,,,,,,आखिर उनके बच्चो के सामने मेरी निशि कितनी काबिल है कि उसे सीरीज में काम करने को मिला है।”
मेघना ख़ुशी से गुनगुनाते हुए नवीन के लिये चाय बनाने किचन की तरफ चली गयी।

खरीदारी करते करते शाम हो गयी। मुन्ना ने गौरी के लिये एक तोहफा लिया साथ ही सगाई में पहनने के लिये अपने कपडे लिये वो भी सारिका की पसंद से और ये वही कपडे थे जो सारिका ने अनु के साथ पसंद किये थे अब भला हमारे मुन्ना भैया अपनी बड़ी माँ की बात भला कैसे टालते ? बैग हाथो में थामे मुन्ना गाड़ी के पास आया और सभी बैग गाड़ी की पिछली सीट पर रखने लगा।

सामान रखकर मुन्ना ड्राइवर सीट की तरफ जाने लगा तो देखा सारिका कुछ ही दूर खड़े चाट वाले को देख रही थी। मुन्ना सारिका की तरफ आया और कहा,”बड़ी माँ भूख लगी है , चाट खायी जाये”
“यहाँ ? नहीं नहीं मुन्ना यहाँ अच्छा नहीं लगता,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने कहा
“बड़ी माँ चलिए ना,,,,,,,,,हमने सुना है यहाँ के गोलगप्पे बहुत अच्छे है,,,,,,,,,,,,आईये !”,मुन्ना ने सारिका का हाथ थामकर आगे बढ़ते हुए कहा


सारिका मुस्कुरा दी आखिर मुन्ना ने उसके दिल की बात जो कह दी थी। मुन्ना सारिका को लेकर चाट वाले के पास लेकर आया और गोलगप्पे खिलाने को कहा। आदमी ने मुन्ना की प्लेट में रखा तो मुन्ना ने अपने हाथ में उठाकर सारिका की तरफ बढ़ाकर कहा,”बड़ी माँ हम खिलाते है,,,,,,,,,,!!”


अपने लिये मुन्ना का प्यार देखकर सारिका मुस्कुरा दी और मुन्ना के हाथ से खा लिया फिर मुन्ना को खाने का इशारा किया। दोनों वहा खड़े होकर खाने लगे।

मुन्ना ने पैसे चुकाए और हाथ धोकर हाथ पोछने के लिये इधर उधर देखने लगा लेकिन वहा पोछने के लिये कुछ नहीं था तब सारिका ने अपनी साड़ी का पल्लू उसकी तरफ बढ़ा दिया।
“बड़ी माँ ये आप क्या कर रही है ? आपकी साड़ी खराब हो जायेगी”,मुन्ना ने कहा
“कोई बात नहीं मुन्ना लो पोछ लो,,,,,,,,,!!”,सारिका ने प्यार से कहा तो मुन्ना ख़ामोशी से एकटक सारिका को देखने लगा


मुन्ना को अपनी ओर देखते पाकर सारिका ने अपनी भँवे उचकाई तो मुन्ना ने सारिका के पल्लू को नीचे करते हुए कहा,”इसलिए बड़े पापा आपको इतना पसंद करते है , आप कितनी सरल है बड़ी माँ,,,,,,,,,,,,!!”
सारिका मुस्कुराई और कहा,”इस दुनिया में सरल होना ही सबसे बड़ी चुनौती है मुन्ना,,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने सुना तो मुस्कुरा दिया और सारिका के साथ गाड़ी की तरफ बढ़ गया।

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