Sanjana Kirodiwal

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2nd Marriage

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2nd Marriage

कैफे में कोने वाले टेबल की कुर्सी पर बैठी 26 साला लड़की किसी का इंतजार कर रही है। एक नजर वह कैफे में बैठे लोगो पर डालती है जहा कुछ कपल्स और फ्रेंड्स के अलावा ज्यादा लोग नहीं है। वेटर आकर उस से आर्डर पूछ चुका है लेकिन अकेले कुछ आर्डर करने का उसका मन नहीं हुआ तो वेटर को थोड़ी देर बाद आने का कहती है। नवम्बर की दोपहर है और बाहर मौसम खुशनुमा है , सुबह से धुप नहीं निकली है। अपने टेबल के पास ही लगे शीशे से आर पार वह आती जाती गाड़ियों को देख रही है और जहन में घूम रहे है कई ख्याल। कानो में कुछ बातें रह रहकर गूंज रही है।
“भाईसाहब ने बताया है ये रिश्ता , लड़का सरकारी नौकरी में है”
“ठीक से पेश आना और ज्यादा सवाल जवाब मत करना”
“सुनहरा मौका है आजकल पहली शादी के बाद किसी को नौकरी वाला लड़का नहीं मिलता , तुम्हारी किस्मत अच्छी है”
“मुझे तो लड़के में कोई कमी नहीं लगी अब तुम पर है”

“हेलो”,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,एक भारी भरकम आवाज से लड़की की तंद्रा टूटी शीशे से नजरे हटाकर वह सामने देखती है एक हट्टा कट्टा आदमी उसके सामने खड़ा है। उसे लड़का नहीं कह सकते क्योकि उसकी उम्र लगभग 35-36 के आस पास होगी। 6 से ज्यादा हाईट , चेहरे की चर्बी लटककर गर्दन पर दिखाई दे रही थी , लड़का सरकारी नौकरी (आर्मी) में होकर भी अनफिट है । खैर लड़की उसे बैठने के लिए कहती है। चाय पीने के दौरान दोनों बीच बीच में एक दूसरे को देखते है। लड़की का मन शांत है और वह बस ख़ामोशी से लड़के की हरकतें नोटिस कर रही है। कुछ देर बाद दोनों के बीच बातचीत कुछ इस तरह शुरू होती है
लड़का – पहली शादी कैसे टूटी आपकी ?
लड़की – हमारे विचार आपस में मेल नहीं खाते थे , लड़का नशा करता था और वक्त घर ना आना उसकी आदत थी। रोज रोज के झगड़ो से जब लगने लगा की साथ नहीं रह सकते तो मैंने उसे छोड़ दिया
लड़का – हम्म्म , पढाई कहा तक की है ?
लड़की – पोस्ट ग्रेजुएशन इतिहास से
लड़का – हम्म्म पढ़ी लिखी लड़कियों के साथ ऐसा ही होता है वे एडजस्ट नहीं कर पाती (लड़का बड़बड़ाता है लेकिन लड़की सुन लेती है और कोई प्रतिक्रया नहीं देती )
लड़का – शादी के बाद नौकरी करने का विचार है ?
लड़की – जी नहीं
लड़का – देखिये मुझे नौकरी करने वाली लड़किया पसंद नहीं , ना ही मैं ऐसी लड़की चाहता हूँ
लड़की – हम्म्म्म (मन में गुस्से की एक लहर उठती है जिसे लड़की दबा लेती है)
लड़का – मैं बहुत सिंपल इंसान हु मुझे ऐसी लड़की चाहिए जो मेरे घरवालों से ऊँची आवाज में बात ना करे फिर चाहे वो सही ही क्यों ना हो ? फोन पर ज्यादा बाते करने वाली या सोशल मीडिया के टच में रहने वाली लड़किया मुझे पसंद नहीं है , जैसा मैं कहू वैसा करे जैसा मैं रखु वैसे रहे
लड़की – आपके डायवोर्स को कितना वक्त हुआ है ?
लड़का – 8 साल
लड़की – क्यों छोड़ा ?
लड़का – लड़की का चाल-चलन ठीक नहीं था , मैंने उसे पढ़ाया लिखाया अच्छी शिक्षा दिलाई लेकिन वो लालची थी , उसे पैसा चाहिए था ! कितने ही लड़को से उसके रिश्ते थे , फोन आते थे
लड़की – आपने कभी रंगे हाथो पकड़ा ?
लड़का – नहीं , पर मैं जानता हूँ वो सही लड़की नहीं थी। जबसे मैंने उसे छोड़ा है ऐसे ही भटक रही है वो (लड़के के शब्दों में एक अटटहास नजर आता है)
लड़की कुछ देर खामोश रहती है और फिर कहती है – मैं जॉब नहीं करना चाहती लेकिन मै वेडिंग प्लानर हूँ और शादी के बाद भी इस काम को जारी रखना चाहती हूँ , आपको कोई दिक्कत तो नहीं होगी
लड़का सोच में डूब जाता है और कहता है – इसमे लोगो से कनेक्ट रहना पडेगा
लड़की – जी हां बिल्कुल किसी भी वेडिंग को लेकर सामने वाली पार्टी से महीने में 3-4 बार बात होती है , एक बार मिलना भी पड़ता है किसी मीटिंग्स में ,, सोशल मिडिया पर मैं बहुत एक्टिव हूँ
लड़का – ये सब करना जरुरी है ? छोड़ भी सकती हो
लड़की पहली बार मुस्कुरायी – मेरा काम मेरी फर्स्ट प्रायोरिटी है , मैं इसमें अपना फ्यूचर देखती हूँ और इसमें इतना आगे आ चुकी हूँ की छोड़ना पॉसिबल नहीं है
लड़का एक बार फिर सोच में पड़ जाता है उसकी ख़ामोशी लड़की को खलती है तो वह कहती है – आप सोच विचार कर लीजिये।
लड़का – हम्म्म्म , (लड़की को सर से लेकर कमर तक देखता है) ये वजन शादी के पहले से है या बाद में बढ़ा ?
लड़की – जी नहीं मैं हमेशा से हेल्थी रही हूँ
लड़का – थोड़ा कम कीजिये मुझे मोटी लड़किया कम पसंद आती है
लड़की ये सुनकर उस आदमी को पहली बार ध्यान से देखती है थुलथुला शरीर , चर्बी से चेहरा और गर्दन भरे हुए , आँखों के नीचे डार्क सर्कल , लड़की हल्का सा मुस्कुरायी और कहा – मैं जैसी भी हूँ परफेक्ट हूँ मुझे किसी के लिए खुद को बदलने की जरूरत नहीं ,,,,,,,!
लड़के को लड़की का जवाब पसंद नहीं आता कुछ देर बाद उठते हुए कहता है – ठीक है फिर जवाब में घरवालों को बता दूंगा
लड़की – हम्म्म
लड़का चला जाता है लड़की एक बार फिर बैठ जाती है और एक कप चाय आर्डर करती है। चाय पीते हुए नजर फिर बाहर चली जाती है और कानो में गूंजने लगते है वही कुछ शब्द
“भाईसाहब ने बताया है ये रिश्ता , लड़का सरकारी नौकरी में है”
“ठीक से पेश आना और ज्यादा सवाल जवाब मत करना”
“सुनहरा मौका है आजकल पहली शादी के वाक्य किसी को नौकरी वाला लड़का नहीं मिलता , तुम्हारी किस्मत अच्छी है”
“मुझे तो लड़के में कोई कमी नहीं लगी अब तुम पर है”
दोपहर से शाम होने को आयी और बाहर हल्की बारिश भी होने लगी। लड़की उठी और बिल चुकाकर वहा से निकल गयी। उसने बारिश से बचने के लिए अपने बैग में हाथ डाला लेकिन आज वह अपना छाता लाना भूल गयी थी। उसने अपने पर्स से सर को ढका और सड़क पार कर दूसरी तरफ चली गयी। वहा फुटपाथ पर पेड़ के नीचे खड़े होकर वह ऑटो का इंतजार करने लगी। ऑटो आया और लड़की उसमे आ बैठी। उसने ऑटोवाले से चलने को कहा , उसी के साथ उसके जहन में चलने लगा उसका अतीत
उसका नाम मैथिलि था और तीन साल पहले ही उसकी शादी एक अच्छे घर में हुई थी लेकिन पति की गलत आदतों और बुरे बर्ताव के कारण मैथिलि ने उसे छोड़ दिया और शादी के कुछ महीनो बाद ही उस से तलाख ले लिया। मैथिलि को लगता था एक गलत आदमी से शादी करके उसने अपनी जिंदगी में समस्याओ को बढ़ावा दिया जबकि असली दिक्क़ते तो उसकी जिंदगी में तलाख के बाद आयी। घरवालों और रिश्तेदारों के ताने , आस पास के लोगो के सवाल , ऑफिस और घर से बाहर लोगो की बुरी नजरे , इन सब ने मैथिलि को अंदर तक तोड़कर रख दिया। शादी के बाद जिस सपने को वह भुला चुकी थी उस सपने को उसने फिर से देखना शुरू किया और अपने ही शहर में वेडिंग प्लानर बन गयी। एक दो शादियों के बाद उसने घर से कुछ ही दूर एक दुकान में अपना ऑफिस भी बना लिया। घर में पैसे आने लगे इस वजह से अब मैथिलि को घरवालों की कड़वी बातें कम ही सुनने को मिलती। एक दो साल घरवालों ने कुछ नहीं कहा लेकिन पिछले कुछ महीनो से मैथिलि की जिंदगी में एक नयी समस्या ये आ गयी की घरवाले उसकी दूसरी शादी के बारे में सोचने लगे। वैसे सही भी था कब तक वो ऐसे अकेले रहती , भाई भाभी को उस से ज्यादा कोई मतलब नहीं था लेकिन माँ बाप चाहते थे की उनके जीते जी मैथिलि का घर फिर से बस जाये। मैथिलि अपना अतीत अभी ठीक से भूली भी नहीं थी की घरवालों ने उसके जख्मो को फिर कुरेदना शुरू कर दिया। आज माँ के जिद करने के बाद आख़िरकार मैथिलि उस लड़के से मिलने पहुँच ही गयी पर जैसी की वो थी अपनी बात को बिना किसी लाग लपट के कहने वाली ,, आज भी लड़के से मिलने पर उसने साफ़ साफ कहा और लड़के को एक हद तक मैथिलि का ये बर्ताव पसंद नहीं आया।
“मैडम हम पहुँच चुके है”,ऑटो ड्राइवर की आवाज से मैथिलि की तंद्रा टूटी और वह अपने अतीत से बाहर आयी।
वह ऑटो से उतरी और किराया देकर अपने घर की तरफ चली आयी। घर में आकर उसने देखा उसका भाई गुस्से में हाथ बांधे बरामदे के खम्बे के पास खड़ा है। पिताजी परेशान से अपनी आराम कुर्सी पर बैठे है , भाभी किचन में काम करते हुए लगभग बड़बड़ाती हुई जा रही है और माँ परेशानी में घर के आँगन में यहाँ वहा घूम रही है। मैथिलि समझ गयी की जरूर लड़के ने इस रिश्ते से इंकार कर दिया है।
वह धीमे कदमो से आँगन में चली आयी माँ ने जैसे ही उसे देखा उसके पास आयी और परेशानी भरे स्वर में कहा,”ये क्या किया तुमने मैथी , कितनी मुश्किल से वो रिश्ता मिला था और तुमने सब बर्बाद कर दिया। मैंने कहा था ना उसके सामने कम बोलने को फिर क्यों तुमने अपने काम का जिक्र किया ? सरकारी नौकरी वाले लड़के इतनी आसानी से नही मिलते और फिर तेरी तो ये दूसरी शादी थी,,,,,,,,,,,,,,,,,तुमने ऐसा क्यों किया ? अब मैं भाईसाहब को क्या जवाब दूंगी ?”
“माँ मैंने पहले ही कहा था इसके लक्षण कुछ ठीक नहीं है , अगर ये ऐसे ही लड़को के लिए मना करती रही तो कल को रिश्ते आने भी बंद हो जायेंगे। शादी नहीं करनी तो क्या जिंदगीभर इसी घर में पड़ी रहोगी हम सब पर बोझ बनकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,मोहल्ले और रिश्तेदारी में हम सबका बाहर निकलना दुस्वार हो गया है , आखिर कब समझोगी तुम ?”,मैथिलि के बड़े भाई का गुस्सा फूट पड़ा।
मैथिलि की आँखों में नमी तैर गयी लेकिन उसने अपने आँसुओ को बहने से रोक लिया और कहा,”वो लड़का मेरे लायक नहीं है माँ , मुझसे उम्र में 10 साल बड़ा है , उसकी और मेरी सोच में जमीन आसमान का फर्क है। उसे पत्नी नहीं बल्कि इशारो पर नाचने वाली एक कटपुतली चाहिए। सरकारी नौकरी ही सब कुछ नहीं होती है माँ एक लड़की को अपनी जिंदगी में पैसे और सुख सुविधा के अलावा भी बहुत कुछ चाहिए होता है। ये मेरी दूसरी शादी है तो क्या मैं किसी इंसान से शादी कर लू जिसे मेरी भावनाओ की ज़रा भी कदर नहीं,,,,,,,,,,,,,,,मैं अपने पैरो पर खड़ी हूँ , अपने लिए कमा सकती हूँ फिर मैं किसी इंसान के साथ जिंदगी क्यों बिताऊ जिसकी सोच इतनी संकीर्ण हो”
“तुम्हारे इसी घमंड की वजह से तुम्हारी पहली शादी सफल नहीं हुई , कम से कम उस से तुम्हे सबक लेना चाहिए। तुम्हारे ऐसे घर में रहने की वजह से हम लोगो को बाहर कितनी शर्मिंदगी सहनी पड़ती है इसका अहसास भी है तुम्हे”,बड़े भाई ने दांत पीसते हुए कहा
“किस बात की शर्मिंदगी ? एक ऐसी शादी जिसमे दो लोगो को घूट घूट कर जीना पड़े , क्या उस का टूट जाना शर्मनाक है ? एक ऐसी शादी जिसमे एक औरत को सिर्फ काम करने की मशीन समझा जाये , जिसका कोई मान सम्मान ना हो , क्या उसका टूट जाना शर्मनाक है ? आप लोगो को ऐसा क्यों लगता है किसी शादी का टूट जाना शर्मनाक है ?”,पहली बार मैथिलि ने गुस्से से थोड़ा ऊँची आवाज में कहा
“हर शादी में थोड़ा बर्दास्त करना पड़ता है , तुम भी थोड़ा बर्दास्त कर लेती तो आज ये नौबत नहीं आती”,कुर्सी पर बैठे मैथिलि के पापा ने सोच में डूबे हुए कहा जिसे सुनकर मैथिलि को एक धक्का सा लगा। वह अपने पापा के पास आयी और जमीन पर ही बैठकर उनकी तरफ देखकर नम आँखों से कहने लगी,”क्या कहा आपने ? क्या मैंने बर्दास्त नहीं किया ? एक औरत तब तक बर्दास्त करती है जब तक बात उसके सम्मान पर ना आये ,, मैंने भी तो वही किया पापा और आपने ही तो बचपन से मुझे सिखाया था की कभी भी गलत चीजे बर्दास्त मत करो और आज आप ही ये सब,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ कहा था लेकिन तब ये घर मेरी कमाई से चलता था , आज इस घर में एक छोटा सा माचिस भी तेरे भाई के पैसो से आता है ,, मेरी बूढी टांगों में अब इतनी जान नहीं रही है की वो तुम्हारा बोझ उठा सके। तुम्हारे भाई भाभी जो कहते है वो करो वरना चली जाओ इस घर से”,कहते हुए मैथिलि के पापा उठे और अपने
कमरे की ओर चले गए। मैथिलि की आँखों में ठहरे आँसू उसके गालों पर लुढ़क आये हालाँकि वह जानती थी की ये बात कहते हुए उसके पिताजी को भी उतनी ही तकलीफ हुई थी। मैथिलि ने कुछ नहीं अपने आँसू पोछे और जाने लगी तो बड़े भाई की पत्नी ने आकर उसके भाई से कहा,”मेरी दूर की मौसी का रिश्तेदार है कुछ महीनो पहले ही उसकी बीवी की मौत हुई है , एक 8 साल की बेटी भी है आप कहो तो उनसे बात कर सकते है। अच्छा घर परिवार है और जानकारी में रिश्ता है ,, अब कंवारा लड़का तो मिलने से रहा इनको”
भाभी की कहे आखरी शब्द मैथिलि को चुभे लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और जाने लगा
“मैथि तुम्हारी भाभी कुछ कह रही है ?”,भाई ने थोड़ा कठोरता से कहा
“मुझे थोड़ा वक्त दीजिये”,कहकर मैथिलि वहा से चली गयी। वह अपने कमरे में आयी और दरवाजा बंद करके सिसकने लगी। उसके अपने ही उसे समझ नहीं पा रहे थे। अगले दो दिन तक वह घर में ही रही , उसने अपने सभी जरुरी काम निपटाए ,, उसके दिमाग में क्या चल रहा था ये कोई नहीं जानता था। देर रात घर में किसी को बिना बताये मैथिलि घर से निकल गयी , वह अपने शहर के रेलवे स्टेशन पर चली आयी रात का 1 बज रहा था और रेलवे स्टेशन सुनसान पड़ा था। मैथिलि प्लेटफॉर्म पर पड़ी बेंच पर आकर बैठ गयी। उसकी आँखों के सामने बचपन से लेकर अब तक की हर एक याद किसी फिल्म की तरह चलने लगी।
“इतनी रात में अकेले यहाँ बैठी हो डर नहीं लगता”,एक लड़की की सर्द आवाज मैथिलि के कानो में पड़ी। वह अपने ख्यालो से बाहर आयी तो देखा उसी बेंच पर एक 26-27 साला लड़का बैठा सामने खाली पड़ी पटरियों को देख रहा था। लड़के के चेहरे पर तेज था और आँखों में चमक , कपड़ो से वह किसी अच्छे घर का लग रहा था। मैथिलि बुझी आँखों से उसे देखने लगी , लड़के ने मैथिलि को देखा और कहा,”कही तुम यहाँ सुसाइड करने तो नहीं आयी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आधे घंटे बाद जो ट्रेन आने वाली है उसी के सामने आकर कही तुम खुद को खत्म करने का तो नहीं सोच रही ?”
“तुम्हे इन सब से क्या ? तुम मेरा दर्द नहीं जानते”,मैथिलि ने दुःख और गुस्से भरे स्वर में कहा
“हाँ सही कहा तुमने मैं तुम्हारा दर्द नहीं जान सकता , हम दोनों ही एक दूसरे के लिए अनजान है,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर तुम चाहो तो अपना दर्द मुझसे बाँट सकती हो”,लड़के ने मैथिलि की तरफ देखकर कहा
“क्या मैं इस अहसान की वजह जान सकती हूँ ?”,मैथिलि ने कहा
“अरे ! अहसान नहीं है मैं तुम्हारी बात सुन लूंगा बदले में तुम मेरा एक छोटा सा काम कर देना”,लड़के ने मुस्कुरा कर कहा। मैथिलि को वह लड़का कुछ अजीब लगा लेकिन ट्रेन आने में अभी वक्त था इसलिए वह लड़के को अपने दुःख के बारे में बताने लगी , अपनी जिंदगी , अपने सपने , अपनी शादी , शादी के बाद का दर्द वो सब उस लड़के के सामने कहते जा रही थी और लड़का शांत भाव से सब सुनता जा रहा था। कुछ देर बाद मैथिलि खामोश हो गयी तो लड़के ने कहा,”इतनी सी बात के लिए तुम मरना चाहती हो ?”
“क्या तुम्हे ये सब सामान्य लगता है ?”,मैथिलि ने हैरानी से पूछा
“नहीं किसने कहा ये सामान्य है ? पर जरा सोचो जब इतना सब होने के बाद भी तुमने अपने सपनो को मरने नहीं दिया , खुद को मजबूत रखा तो क्या तुम इस जिंदगी को आगे नहीं जी सकती,,,,,,,,,,,,,,,,,,हर इंसान की जिंदगी में दुःख सुख आते रहते है , वैसे ही समस्याएं भी आती है पर क्या हर समस्या का हल मरना है ? मरना सिर्फ कायरता है,,,,,,,,,,,,!!”,लड़के मैथिलि की आँखों में झाँकते हुए कहा
“लेकिन लोग , मेरे रिश्तेदार , ये समाज मुझे उस नजर से नहीं देखता,,,,,,,,,,,,,,,,,,उनके लिए मेरा उनकी जिंदगी में होना शर्मनाक है। उन्हें लगता है मेरी इस बिखरी जिंदगी का एक ही हल है और वो हल है दूसरी शादी,,,,,,,,,,,,क्या तुम्हे भी ऐसा ही लगता है ?”,मैथिलि धीरे धीरे लड़के के सामने खुलने लगी
“नहीं मुझे ऐसा नहीं लगता 2nd marriage is just a choice not a option , लोगो को तब भी फर्क नहीं पडेगा जब तुम किसी ट्रेन के सामने आकर सुसाइड कर लोगी वो सब दो दिन बाते करेंगे और फिर भूल जायेंगे लेकिन तुम्हारे माँ-बाप के लिए तुम बहुत अनमोल हो , इस उम्र में वो इस गम के साथ जिंदगी नहीं जी पाएंगे की उनकी जवान बेटी ने सुसाइड कर लिया। मौत को चुनना बहुत आसान है लेकिन जिंदगी को चुनना उतना ही मुश्किल,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे साथ जो हो रहा है वो गलत है लेकिन ये गलत क्यों है ये लोगो को बताने के बजाय तुमने खुद को खत्म करना बेहतर समझा,,,,,,,,,,,,,,,,क्यों ? क्योकि इसमें मेहनत नहीं लगती , इसमें लोगो का सामना नहीं करना पड़ता , इसमें लोगो को उनके सवालो के जवाब नहीं देने पड़ते,,,,,,,,बस ट्रेन के सामने कूदे और सब खत्म,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन उस खत्म के बाद एक शुरुआत और होती है और वो शुरुआत होती है तुम्हे और ज्यादा गलत समझे जाने की,,,,,,,,,,,,मरने के बाद भी तुम खुद को सही साबित नहीं कर पाओगी , इसके लिए तुम्हे लोगो का सामना करना होगा और 2nd marriage क्यों ? क्यों खुद को इतना कमजोर बनाना की तुम्हे किसी सहारे की जरूरत पड़े और अगर करनी है तो ऐसे इंसान से करो जो सच में तुम्हारा सहारा बने ना की तुम्हे पहले से कमजोर बनाये”,लड़के ने कहा और खामोश हो गया
लड़के की बातें सुनकर मैथिलि एकटक उसे देखने लगी। कितनी आसानी से उस लड़के ने उसे ये अहसास दिला दिया की वो जो करने जा रही थी वो गलत था। मैथिलि को अपने फैसले पर अफ़सोस होने लगा। उसकी आँखों में नमी भर आयी और उसने कहा,”मुझे माफ़ करना”
“इमोशनल होने की जरूरत नहीं है कल सुबह 10 बजे इस एड्रेस पर ये एक बनारसी साड़ी पहुंचा देना , मेरी माँ को बहुत पसंद है”,लड़के ने उठते हुए कहा और एक कागज बेंच पर रख दिया।
“ये था तुम्हारा काम ?”,मैथिलि ने हैरानी से पूछा ?
“हाँ , करोगी ना ?”,लड़के ने आसभरे स्वर में कहा
“लेकिन ये काम तो तुम भी कर सकते हो , मैं साड़ी के पैसे दे देती हूँ”,मैथिलि ने कहा
“वो मैं काफी दिनों से घर नहीं गया हूँ , मैं लेकर गया तो माँ गुस्सा करेगी,,,,,,,,,,,,,तुम्हे मेरे लिए ये करना होगा मैंने इतनी ठंड में यहाँ बैठकर तुम्हारी राम कहानी सुनी है इतना तो तुम कर सकती हो”,लड़के ने मासूमियत से कहा
मैथिलि को इस पल वो लड़का बहुत प्यारा लगा उसने कागज उठाया और पर्स में रखते हुए कहा,”ठीक है मैं करुँगी , तुम्हारा शुक्रिया तुमने आज मुझे अपने साथ गलत करने से बचा लिया,,,,,,,,,,,,तुम सच में एक बहुत अच्छे इंसान हो,,,,,,,,,,,हम फिर मिलेंगे”
मैथिलि के आखरी शब्द सुनकर लड़के का चेहरा उदासी से घिर गया और उसने कहा,”हम कभी नहीं मिलेंगे”
“मुझे यकीन है हम फिर मिलेंगे”,मैथिलि ने कहा और वहा से चली गयी , लड़का वही खड़ा बुझी आँखों से उसे जाते हुए देखता रहा।

2nd Marriage
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सुबह 10 बजे मैथिलि एक कागज का बैग लिए उस एड्रेस पर पहुंची। घर के सामने आकर मैथिलि ने दरवाजा खटखटाया , उसे उम्मीद थी की दरवाजा वही लड़का खोलेगा जो से कल रात मिला था। कुछ देर बाद दरवाजा खुला सामने एक उम्रदराज औरत खड़ी थी , जिसकी आँखों के नीचे गहरे काले गड्डे हो चुके थे। शरीर मुरझा चुका था और आँखों में जैसे किसी के लौट आने का इंतजार था।
“नमस्ते मेरा नाम मैथिलि है , क्या मैं अंदर आ सकती हूँ ?”,मैथिलि ने कहा
“आओ”,औरत ने कहा हालाँकि वह मैथिलि से पहली बार मिल रही थी। मैथिलि अंदर आयी उसने घर में चारो तरफ देखा लेकिन वो लड़का उसे कही दिखाई नहीं दिया। औरत मैथिलि के पास आयी और कहा,”तुम कौन हो बेटा ? और यहाँ कैसे ?”
“दरअसल कल मैं आपके बेटे से मिली थी , उसने कहा है आपको ये साड़ी देने के लिए”,मैथिलि ने बैग से साड़ी निकालते हुए कहा
मैथिलि के मुंह से बेटे का नाम सुनकर महिला के चेहरे के भाव एकदम से बदले और जब उसने बनारसी साड़ी देखी तो उसकी आँखों में आँसू भर आये। उसने मैथिलि के हाथ से वो साड़ी ली और उसमे अपना मुंह छुपाकर फूट फूट कर रोने लगी। मैथिलि कुछ समझ नहीं पाई की अचानक से ये क्या हुआ ? उसने औरत को सम्हालते हुए कहा,”आंटी , आंटी आप ठीक तो है ना ? क्या हुआ आप रो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए आगे के शब्द मैथिलि के गले में ही अटक गए उसकी नजर सामने दिवार पर लगी तस्वीर पर चली गयी जिस पर फूल माला चढ़ी हुई थी। ये उसी लड़के की तस्वीर थी जिस से कल रात मैथिलि मिली थी और बातें की थी। उसका सर चकराने लगा , उसे अपने सीने में फ़ांस जैसा कुछ चुभता हुआ महसूस होने लगा। उसकी आँखों में नमी उतर आयी और हाथ ठन्डे पड़ गए।
मैथिलि थके कदमो से घर से बाहर निकल गयी। उसे यकीन नहीं हो रहा था की जिस लड़के से वह कल रात मिली थी वो मर चुका है। मैथिलि पैदल ही अपने घर के लिए चल पड़ी उसके कानों में लड़के के कहे शब्द गूंजने लगे
“मौत को चुनना बहुत आसान है लेकिन जिंदगी को चुनना उतना ही मुश्किल”
“इस उम्र में वो इस गम के साथ जिंदगी नहीं जी पाएंगे की उनकी जवान बेटी ने सुसाइड कर लिया।”
“2nd marriage is just a choice not a option”
“,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे साथ जो हो रहा है वो गलत है लेकिन ये गलत क्यों है ये लोगो को बताने के बजाय तुमने खुद को खत्म करना बेहतर समझा,,,,,,,,,,,,,,,,क्यों ? क्योकि इसमें मेहनत नहीं लगती”
लड़के का कहा एक एक शब्द उसके दिमाग में किसी हथोड़े से प्रहार कर रहा था। वह घर पहुंची , घर में आज फिर उसे देखने लड़के वाले आये हुए थे ,, साथ ही कुछ रिश्तेदार और पडोसी भी थे। मैथिलि को देखते ही उसकी भतीजी चिल्लाई,”मम्मा भुआ आ गयी”
मैथिलि की भाभी ने देखा तो वह जल्दी से उसके पास आयी और उसकी बांह थामकर उसे ले जाते हुए कहा,”जल्दी से अंदर जाओ और तैयार होकर आ जाओ , तुम्हे देखने लड़का आया है और इस बार कोई तमाशा मत करना”
मैथिलि वही रुक गयी , उसने एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया तो उसकी भाभी ने उसे घूरते हुए चलने का इशारा किया। मैथिलि ने बड़े आराम से उनके हाथ से अपनी बांह छुड़ाई और आँगन में बैठे लड़के और उसके घरवालों के सामने चली आयी। उसने सहजता से आकर कहा,”आप लोग मुझे देखने आये है ?”
“हाँ ये लड़का प्राइवेट कम्पनी में मैनेजर है , अच्छा कमाता है और तुम्हारी तरह इसकी भी दूसरी शादी है”,मैथिलि के रिश्तेदार ने कहा जो की रिश्ता लेकर आये थे। मैथिलि ने लड़के को देखा तो उसके मन में एक टीस उठी वह लड़का नहीं बल्कि उस से दुगुनी उम्र का आदमी था , मैथिलि ने अपने रिश्तेदार को देखा और कहा,”क्या दूसरी शादी का ये मतलब है की लड़की को किसी भी खूंटे से बाँध दो”
“मैथिलि मत भूलो ये तुम्हारी दूसरी शादी है,,,,,,,,,,,,तुम्हे अहसान मानना चाहिए की ये बिना किसी दहेज़ के तुमसे शादी करने को तैयार है”,रिश्तेदार ने भी गुस्से से मैथिलि को घूरते हुए कहा
मैथिलि ने सूना तो अपनी आँखे मूंद ली उसे उसी लड़के का चेहरा नजर आया जो उस से बीती रात मिला था साथ ही उसके कहे शब्द उसके कानों में गूंजे
तुम्हारे साथ जो हो रहा है वो गलत है लेकिन ये गलत क्यों है ये लोगो को बताने के बजाय तुमने खुद को खत्म करना बेहतर समझा,,,,,,,,,,,,,,,,क्यों ? क्योकि इसमें मेहनत नहीं लगती , इसमें लोगो का सामना नहीं करना पड़ता , इसमें लोगो को उनके सवालो के जवाब नहीं देने पड़ते,,,,,,,,बस ट्रेन के सामने कूदे और सब खत्म,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन उस खत्म के बाद एक शुरुआत और होती है और वो शुरुआत होती है तुम्हे और ज्यादा गलत समझे जाने की,,,,,,,,,,,,मरने के बाद भी तुम खुद को सही साबित नहीं कर पाओगी , इसके लिए तुम्हे लोगो का सामना करना होगा

मैथिलि ने अपनी आँखे खोली और कहने लगी – 2nd Marriage,,,,,,,एक लड़की शादी करती है और किसी वजह से वह शादी सफल नहीं होती और वह उस रिश्ते को खत्म कर देती है। वह लड़के से डायवोर्स लेकर उस से दूर हो जाती है ये एक सामान्य बात है लेकिन सिर्फ कहने के लिए। एक लड़का एक लड़की को छोड़े तो लड़की के चरित्र पर ऊँगली उठती है जैसे की लड़की अपना घर नहीं बसा पाई इसी में कोई कमी होगी,,,,,,,,,,,,,और अगर एक लड़की लड़के को छोड़े तब भी ऊँगली लड़की पर ही उठती है जैसे की थोड़ा बर्दास्त कर लेती तो क्या हो जाता ऐसे ही घर छोड़कर चली आयी ( कहते हुए मैथिलि होने पिता की तरफ देखती है ) शादी टूटने के कुछ वक्त बाद घरवाले , मोहल्लेवाले , रिश्तेदार और समाज एकदम से सतर्क हो जाते है। लड़की एक शादी टूटने के गम से उबरती नहीं है की उसकी थाली में दूसरी शादी का रिश्ता परोस देते है।
“लड़का तुमसे 10 साल बड़ा है तो क्या हुआ तुम्हारी भी तो दूसरी शादी है”
“उसके दो बच्चे है शादी के बाद तुम्हे ही उनका ख्याल रखना है , दूसरी शादी में कंवारा लड़का तो मिलने से रहा”
“क्या कहा तुम अपनी पसंद से शादी करना चाहती हो ? दूसरी शादी है घरवाले जैसा लड़का ढूंढे शादी कर लो”
“लड़के को तुम्हारा बाहर नौकरी करना पसंद नहीं है , शादी के बाद सिर्फ घर सम्हालना होगा तुम्हारी पहली शादी भी इसी वजह से टूटी थी ना”
“ऐसे हर लड़के को ना कहोगी तो कैसे चलेगा ? क्या जिंदगीभर माँ बाप पर बोझ बनकर रहना है”
“”तो और कैसा लड़का चाहिए तुम्हे ? तुम्हारी दूसरी शादी है पहली नहीं जो इतने नखरे कर रही हो”
ऐसी और भी कई बाते होगी जो शायद लड़कियों को सुनने के लिए मिल जाती होगी सिर्फ इसलिए क्योकि उनकी दूसरी शादी होती है। क्या मतलब है इस दूसरी शादी का ? क्या दूसरी शादी से लड़की की भावनाये नहीं जुडी होती ? क्या दूसरी शादी में उसे अपनी आने वाली जिंदगी के लिए सपने देखने का हक़ नहीं होता ?क्या दूसरी शादी में उसे अपना जीवनसाथी चुनने की आजादी नहीं होती ? क्या दूसरी शादी में सिर्फ दूसरी शादी होती है उस से लड़कियों के भाव नहीं जुड़े होते ? क्या दूसरी शादी किसी लड़की का कैरेक्टर सर्टिफिकेट होती है ? जिसने कर ली वो सही जिसने नहीं की वो गलत,,,,,,,,,,,,,,,,,,किसने बनाया ये नियम ? और क्यों कोई लड़का/लड़की इन नियमो की पालना करे ?
दूसरी शादी का मतलब होता है एक लड़का और लड़की अपनी भावनाओ को समझते हुए एक दूसरे का सम्मान करे
दूसरी शादी का मतलब होता है अपने अतीत में हुई गलतियों और कमियों को दूर कर आगे बढ़ना
दूसरी शादी का मतलब होता है अपने जीवनसाथी के साथ खुद को महफूज महसूस करने की आजादी
दूसरी शादी का मतलब होता है “आत्मसम्मान”
दूसरी शादी करना या ना करना हमारी मर्जी है ना की कोई विकल्प जिसे हमे करनी ही होगी। और अगर इसके बाद भी दूसरी शादी करनी है तो कीजिये लेकिन तब जब आपका दिल और दिमाग दोनों इसके लिए तैयार हो। और किसने कहा की दूसरी सिर्फ समझौता है,,,,,,,,,,,,,,,,,बिल्कुल नहीं !
दूसरी शादी,,,,,,,,,,,,दूसरा मौका है किसी से प्यार करने का
दूसरी शादी,,,,,,,,,,,,दूसरा मौका है अपने सपनो को पूरा करने का
दूसरी शादी,,,,,,,,,,,,दूसरा मौका है खुद पर भरोसा करने का , अपनी भावनाओ को समझने का
दूसरी शादी,,,,,,,,,,,,दूसरा मौका है अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जीने का
क्योकि हर लड़का और लड़की अपनी इस दूसरी शादी में प्यार , सम्मान और परवाह के हक़दार है और वो कहते है ना की “दुर्घटना से देर भली”

कहकर मैथिलि खामोश हो जाती है , उसे से आगे कुछ कहा नहीं जाता उसका गला रुंधने लगता है और आँखों में आँसू भर आते है। आज पहली बार अपने मन की पीड़ा को उसने शब्दों के जरिये बाहर निकाल दिया
मैथिलि ने देखा उसकी बात सुनकर सबके सर शर्म से झुक गए है। भीगी आँखों से उसने अपने घर के बरामदे की तरफ देखा। बरामदे के खम्बे के पास अपने दोनों हाथो को बांधे वह लड़का मुस्कुराते हुए देख रहा था और कुछ देर बाद वह हवा में गायब हो गया। वहाँ मौजूद सभी लोग एक एक करके जाने लगे। सबके जाने के बाद मैथिलि अपने पिता के पास आयी और हाथ जोड़ते हुए कहा,”मुझे माफ़ कर देना पापा”
मैथिलि के पापा ने जैसे ही सुना उसके दोनों हाथो को थामकर अपने सीने से लगाते हुए कहा,”नही बेटा गलती हम सबकी है तुम्हारी नहीं , तुम्हारा जब मन हो तब शादी करना दूसरी शादी का ये बंधन तुम खुद चुनना , एक पिता होने के नाते मैं तुम्हे ये हक़ देता हूँ”
अपने पिता के शब्दो में अपने लिए परवाह और सम्मान देखकर मैथिलि फूट फूटकर रो पड़ी। अगले ही पल उसे अपने सर पर किसी का हाथ महसूस हुआ वो मैथिलि ने पलटकर देखा वो हाथ उसके बड़े भाई का था। मैथिलि की आँखे एक बार फिर भर आयी उसने दिल ही दिल में उस लड़के का शुक्रिया अदा किया जिसका मैथिलि नाम तक नहीं जानती थी।

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क्रमश – 2nd Marriage

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संजना किरोड़ीवाल

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