Manmarjiyan Season 3 – 62

Manmarjiyan Season 3 – 62

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

मिश्रा जी के शोरूम का मैनेजर लवली को गुड्डू समझकर उसके हाथो में पैसे थमाकर चला गया जो की नए आर्डर का एडवांस था। गोलू कपडे बदलकर लवली के पास आया और कहा,”अरे गुड्डू भैया का हुआ हिया काहे खड़े हो और जे पैसे , जे कहा से आये ?”
“कोनो महेश शुक्ला है उन्होंने आर्डर का एडवांस दिया है”,लवली ने खोये स्वर में कहा


“सही है वैसे कुछ भी कहो गुड्डू भैया हमाये पैर मिश्रा जी के शोरूम के लिए शुभ बहुत है , देखा आते ही 20 हजार हाथ मा गए,,,,,,,अरे मिश्रा जी को तो हमरा”,गोलू ने कहा और आगे कहते हुए अंगड़ाई लेने के लिए जैसे ही हाथ फैलाये गोलू का हाथ बगल से गुजरते लड़के के हाथो में पकडे आर्डर के डिब्बों पर लगा और सारे डिब्बे नीचे आ गिरे , उनमे रखी साड़िया भी बिखर गयी।


“जे का किया गोलू भैया कित्ती मुश्किल से हमहू जे सब जमाये थे आप फैलाय दिए , अरे ऐसा कबो कुछो हुआ है कि आप शोरूम आये और कुछो नुकसान ना हुआ हो , जे अर्जेन्ट का आर्डर था अब मैनेजर साहब देखेंगे तो हम पर गुस्सा करेंगे”,लड़के ने डिब्बे उठाते हुए कहा
गोलू ने लवली को देखा और झेंपते हुए कहा,”उह्ह ज़रा सा डायरेक्शन गलत हो गवा”


लवली ने अफ़सोस में अपना सर हिलाया और पैसे लेकर मिश्रा जी के केबिन की तरफ चला गया जहा अकाउंट्स डिपार्टमेंट में आया नया लड़का बैठा था। लवली नहीं जानता था लड़का यहाँ क्यों है और लवली को उस से क्या बात करनी है ? लेकिन सब लवली को गुड्डू समझ रहे थे इसलिए लवली को लड़के से बात करने  जाना पड़ा और गोलू भी उसके पीछे पीछे चला आया।


 लवली लड़के के पास आकर बैठा तो लड़का उसे हिसाब किताब बताने लगा। लड़के ने हिसाब में गड़बड़ कर रखी थी लेकिन लड़का ये भी जानता था कि गुड्डू को अकाउंट्स की कोई नॉलेज नहीं है इसलिए वह बहुत ही कॉन्फिडेंट होकर अपनी गड़बड़ को खर्चा दिखाकर बता रहा था वही लवली जिसने अच्छे स्कूल कॉलेज से पढाई की थी और बीकॉम करके अपने कॉलेज में फर्स्ट आया था उसने तुरंत लड़के की गलती पकड़ ली और जब उसे हिसाब में गड़बड़ समझाई तो लड़का हक्का बक्का रह गया।


“मिश्रा जी को पता है जे सब के बारे में ?”,लवली ने कठोरता से कहा
“माफ कर दीजिये गुड्डू भैया , मिश्रा जी ने कहियेगा वरना वो हमे नौकरी से निकाल देंगे,,,,,,,,हम हम जे सारा पैसा धीरे धीरे करके चुका देंगे और आज के बाद शिकायत का मौका नाही देंगे”,लड़के ने लवली के सामने गिड़गिड़ाते हुए कहा


लवली कुछ कहता इस से पहले ही गोलू ने लड़के की कॉलर पकड़कर उसे अपनी तरफ किया और कहा,”का बे छछूंदर , साले जिस थाली मा खाया उसी मा छेड़ किया , मिश्रा जी तो बाद में देखेंगे साले पहिले हम ही तुमको पेल देंगे , हमाये आनंद चाचा को धोखा देने की तुम्हरी हिम्मत कैसे हुई ?”
“गोलू छोड़ दो इसे,,,,,!!”,लवली ने कहा


“काहे गुड्डू भैया ? मिश्रा जी होते ना तो अब तक लात मार के बाहर निकाल देते इसे , इसे तो पुलिस के हवाले कर देना चाहिए”,कहते हुए गोलू ने लड़के को दो तीन थप्पड़ तो लगा ही दिए
लड़का रोने गिड़गिड़ाने लगा तब तक मैनेजर भी वहा आ पहुंचा और पुराने स्टाफ के एक दो लोग भी , लड़के की सच्चाई सामने आने के बाद सभी उसकी शिकायते करने लगे। लवली को जब पता चला लगा मिश्रा जी के साथ रहकर उन्हें धोखा दे रहा है तो उसके दिल को एक सुकून मिला ,

यही तो चाहता था लवली मिश्रा जी की बर्बादी इसलिए उसने लड़के को गोलू से छुड़ाते हुए कहा,”का कर रहे हो गोलू ? अरे मार काहे रहे हो ? ऐसा तो का ही कर दिया इह बेचारे ने,,,,,,,,,,,!!”
लवली की बात सुनकर सभी हैरानी से उसे देखने लगे तो

लवली को याद आया कि इस वक्त वह सबके लिए वह गुड्डू है लवली नहीं उसे सबके सामने मिश्रा जी और उनके शोरूम के लिए हमदर्दी दिखाने की जरूरत है। लवली ने तुरंत अपनी बात बदलकर कहा,”हमारा मतलब  पुलिस बुलाने की का जरूरत है ? सही बख्त पर हमने जे की चोरी पकड़ ली और बड़े नुकसान से बच गए ,, ए सुनो ! कल से तुमका शोरूम आने की कोनो जरूरत नाही है समझे,,,,,,,,!!”


“हमे माफ़ कर दीजिये गुड्डू भैया , हमे एक मौका और दीजिये काम से मत निकालिये”,लड़के ने कहा
“तुमको जाने दे रहे है वही बहुत है वरना गुड्डू भैया का गुस्सा तुमहू देखे नाही हो , उलटा लटका के नीम की संटी से बहुते गन्दी मार मारते है,,,,,,,,और मिश्रा जी उनको पता चला ना तो खौलती गर्म चाय तुम्हायी पेंट मा डाल देंगे। तुम्हायी भलाई इसी में है कि चुपचाप अपना सामान उठाओ और भाग जाओ हिया से,,,,,,,,अबे निकलो का मुहूर्त निकलवाए तुम्हाये लिए”,गोलू ने लड़के को डराते हुए कहा और लड़का बेचारा डरकर वहा से भाग भी गया


लवली ने देखा तो गोलू के पास आया और कहा,”जे तुमहू बात बात पर गुंडे काहे बन जाते हो बे ?”
“का गुड्डू भैया ? जे गुंडई थोड़े है अरे मिश्रा जी के लिए जान भी हाजिर है”,गोलू ने कहा
लवली ने सुना तो थोड़ा जलन और घुटन का अहसास हुआ , जिस मिश्रा से लवली नफरत करता था उसके चाहने वाले कितने लोग उसके सामने थे जिनमे से एक था गोलू ,, “हम्म्म्म जे गोलू से थोड़ा बचकर रहना पड़ेगा” लवली ने मन ही मन खुद से कहा


“का गुड्डू भैया , चले का ?”,गोलू ने पूछा
“कहा ?”,लवली की तंद्रा टूटी
“अरे आपके हमशक्ल को ढूंढने और कहा , हमको पता है उह्ह्ह साला डुप्लीकेट गुड्डू,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गोलू ने जैसे ही लवली को देखा पाया लवली उसे ही घूर रहा है तो

गोलू ने तुरंत अपनी जबान सम्हालकर कहा,”हमाओ मतलब आपका हमशक्ल , हमको पूरा यकीन है उह्ह यही मार्कीट मा कही छुपा होगा एक ठो बार हमाये हाथ लग जाए तो फिर साला हमहू ओह्ह्ह का कट कट कट कट कट कट ककड़ी की तरह काटकर ना सूखा देंगे , साला बहुते तंग किया है उह्ह्ह हमको और मार खिलाई सो अलग,,,,,,,,,,उसको तो हम छोड़ेंगे नहीं गुड्डू भैया,,,,,,,,,चलो चलते है”

“अभी हमारे लिए सबसे सेफ जगह है ये शोरूम और ये गोलू हमारे साथ मिलकर हमे ही ढूंढने की बाते कर रहा है,,,,,,इसके साथ बाहर गए ना तो हम जरूर पकडे जायेंगे इस से अच्छा यही रहकर मिश्रा के काम धंधे का पता लगाते है का पता कोनो बड़ा साबुत हमारे हाथ लग जाए,,,,,,,!!”,लवली एक बार फिर मन ही मन खुद से कहने लगा।
“अरे कहा खो गए गुड्डू भैया ? चलिए ना”,लवली को खोया हुआ देखकर गोलू ने कहा


“गोलू हम का कह रहे है , वैसे भी आज हमरा हमशक्ल दुइ बार हमरे सामने आ चुका जे वजह से उह्ह सतर्क हो चुका है ओह्ह के पीछे जाकर हमहू अपना बख्त बर्बाद करेंगे,,,,,,,,,शगुन ओह्ह को अच्छे से पहचानती है इहलीये उह्ह घर जा नाही जा सकता , तुम्हरे पिताजी को भी पता है कि उह्ह गुड्डू नाही ओह्ह का हमशक्ल है तो उह्ह तुम्हरे घर भी नाही जा सकता अब बचा जे शोरूम तो अगर उह्ह्ह यहाँ आया तो ओह्ह का धरने के लिए हम दोनों है ही का समझे ?”,लवली ने गोलू को अपनी बातो में फंसाते हुए कहा


“जे तो हमहू समझ गए गुड्डू भैया पर उह्ह बहरूपिया हमरे घर गया था जे बात आपको कैसे पता ?”,गोलू ने लवली की एक बात को पकड़ लिया जिसे सुनकर लवली हड़बड़ा गया लेकिन गोलू को बहलाना उसे अच्छे से आता था इसलिए उसने कहा,”का गोलू तुम्ही तो बताये थे कि आज वो गुड्डू बनकर तुम्हारे घर चला गया था”
“हम बताये थे , आप कह रहे है तो फिर बताया होगा भैया,,,,,,,,,!!”,गोलू ने सोचते हुए कहा जबकि गुड्डू से उसने ऐसा कुछ कहा ही नहीं था।


गोलू और ज्यादा दिमाग चलाये इस से पहले लवली ने उसका ध्यान भटकाने के लिए कहा,”यार गोलू जे लड़के ने ना हिसाब में बहुये गलतिया कर रखी है हमे ना पिताजी का हिसाब किताब देखना होगा तो हमहू हिया रुक जाते है और तुमहू घर निकलो,,,,,,,!!”
“नाही गुड्डू आपको अकेला छोड़कर नाही जायेंगे,,,,,,,,हमहू चले गए और पीछे से उह्ह्ह धोखेबाज आ गवा तो ,  आप चिंता नाही करो आप अंदर बैठकर हिसाब देखो हमहू यही बैठकर ओह्ह का इंतजार करते है आन दयो आज ओह्ह का”,गोलू ने कहा

“गोलू के सामने अगर हमने छानबीन की तो कही गोलू को हम पर शक ना हो जाये , हमे इसे यहाँ से भेजना ही होगा,,,,,,!”,लवली ने मन ही मन खुद से कहा और फिर एकदम से अपना सर पकड़ लिया और कहा,”अरे यार गोलू हमाओ सर ना बहुते तेज दर्द कर रहो है , एक ठो कप चाय पिलाओ दयो”
“चाय पीने का मन तो हमारा भी है गुड्डू भैया हम अभी लड़के से कहकर मंगवा लेते है”,गोलू ने कहा


“मंगवा लेते है जे नहीं जाकर खुद ले आये , जे भी ना महबूबा बनकर हमारी छाती से चिपक गया है”,लवली मन ही मन खीज उठा और कहा,”गोलू लड़के से नहीं तुम जाओ और खड़े रहकर बनवाओ आजकल ठंडी पड़ी चाय गर्म करके दे देते है दुकानवाले,,,,,,!!”
“हाँ जे बात भी सही है , ठीक है हम चले जाते है कोई और होता ना तो मना भी कर देते पर आप कह रहे है इहलीये जा रहा हूँ”,गोलू ने सोफे से उठते हुए कहा और वहा से चला गया।

लवली ने राहत की साँस ली और गोलू के जाते ही मिश्रा जी के केबिन की छानबीन करने लगा। गोलू के वापस आने से पहले लवली को सब देखना था। उसके हाथ शोरूम के कुछ जरुरी कागज लगे लवली उन्हें देख ही रहा था कि तभी गोलू हाथ में दो गिलास लिए केबिन में चला आया और लवली ने जल्दी से हाथ में पकडे कागज नीचे डाल दिए जो कि गलती से कचरे की बाल्टी में जा गिरे।


“अरे इतनी जल्दी ले आये”,लवली ने गोलू की तरफ आकर कहा
“अरे भैया जे केबिन की खिड़की के बगल मा ही तो है चाय वाला”,गोलू ने चाय का गिलास टेबल पर रखते हुए कहा
लवली को चाय पीने में कोई दिलचस्पी नहीं थी उसे तो बस कैसे भी करके गोलू को खुद से दूर रखना था। वह टेबल की तरफ आया तो नजर वहा उड़ रही  मक्खी पर पड़ी लवली ने जैसे ही उसे मारा गोलू ने  पलटकर देखा और कहा,”का हुआ ? जे आवाज कैसी ?”


“कुछ कुछ नाही हमरे लिए तुम्हरा प्यार देखकर ताली बजाने का मन किया बस,,,,,,,,,यार गोलू तुमहू हमारा कितना ख्याल रखते हो बाबू”,लवली ने अपने शब्दों में चाशनी घोलकर कहा
गोलू ने सुना तो गदगद हो गया और अपनी चाय सुड़कने लगा , मौका देखकर लवली ने मरी हुई मक्खी अपनी चाय के गिलास में डाल दी और गिलास उठाकर गुस्से से कहा,”गोलू जे का है ?”

“हमे तो चाय दिख रही है”,गोलू ने कहा
“वो तो हमे भी दिख रही है पर इसमें मक्खी काहे पड़ी है ? गोलू तुमहू जानते हो न हमहू शाकाहारी है साले जे मक्खी वाली चाय पिलाकर हमारा धर्म भ्रष्ट काहे कर रहे हो ?”,लवली ने चाय से भरा गिलास वापस टेबल पर रखते हुए कहा


गोलू को यकीन नहीं हुआ वह टेबल की तरफ आया और गिलास देखा तो पाया कि चाय में सच में मक्खी पड़ी थी। गोलू ने ऊँगली से उसे निकाला और देखकर कहा,”का बे मक्खी सुसाइड करने के लिए तुमको जे ही चाय मिली”
“तुम्हायी रिश्तेदार लगती है जे , बतिया का रहे हो इसके साथ जाकर दूसरी चाय लेकर आओ”,लवली चिल्लाया
“जा रहे है चिल्ला काहे रहे हो ?”,कहते हुए गोलू ने ऊँगली पर रखी मक्खी को टेबल पर रखा और चला गया।

लवली को थोड़ा और वक्त मिल गया और वह जल्दी जल्दी सभी ड्रॉवर और फाइल्स देखने लगा लेकिन लवली के हाथ कुछ नहीं लगा जो जरुरी पेपर्स थे उन्हें तो लवली पहले ही अनजाने में कचरे की बाल्टी में डाल चुका था। हताश होकर लवली कुर्सी पर आ बैठा , गोलू एक बार फिर लवली के लिए चाय ले आया और उसे दे दी। लवली चुपचाप चाय पीने लगा। चाय पीकर लवली गोलू के सवालो से बचने के लिए टेबल पर पड़ी फाइल खोलकर बैठ गया और केलकुलेटर पर काम करने लगा जिस से गोलू को लगे गुड्डू काम में बिजी है।


अब अकेला बैठा गोलू बोर होने लगा तो बैठा बैठा करे क्या ? वह कभी सोफे पर सीधा लेटता , कभी उलटा , कभी उठकर बैठ जाता तो कभी खिड़की के परदे बंद खुले बंद खुले करता ,, जल्दी ही गोलू बोर हो गया और टेबल की तरफ चला आया , उसकी नजर टेबल पर पड़ी मरी हुई मक्खी पर गयी तो वह उसके पास आकर उसे बड़े ध्यान से देखने लगा और बड़बड़ाया,”बेचारी ! का मज़बूरी रही होगी तुम्हायी भी जो गुड्डू भैया की अदरक वाली चाय मा कूदकर तुमहू सुसाइड कर ली,,,,,,,,,अरे अभी तुम्हायी उम्र ही का थी ?

अभी तो कितने ही सावन देखने बाकि थे , लोगो के कान के पास जाकर उन्हें भिन्न्नण सुनाना था ,  बढ़िया बढ़िया खाने पर मुँह मारना था , गुड़ से लेकर गोबर तक मंडराना था,,,,,,,,,ए कही तुम्हरा तिलचट्टे के साथ कोनो अफेयर तो नाही था , कही तुमहू शादी से पहिले ओह्ह के साथ लिव इन मा तो नाही थी ?  जाने दो जे तुम्हरा पर्सनल मेटर है हमे का पर साला ऐसे जान नाही देनी थी। मरना ही था तो फिर मच्छरबत्ती सूंघकर मरती या किसी के हाथो के बीच आ जाती पर साला जे गीली मौत काहे मरी हो,,,,,,,,

भीगने से जुखाम नहीं ना हो जायेगा तुमको,,,,,,,अब देखो साला हमहू इत्ती देर से अकेले बोले जा रहे है पर तुमहू एक ठो बार भिनभिनाइ तक नाही,,,,,,मर गयी हो लेकिन ऐटिटूड नाही जा रहा तुम्हरा,,,,,,,!!”
लवली मुँह फाडे गोलू की बाते सुन रहा था वह गोलू से कुछ कहता इस से पहले गोलू ने माचिस की एक डिब्बी उठाई और मक्खी को उसमे डालकर जैसे ही डिब्बी बंद की गुड्डू ने कहा,”एक काम करो तिये की बैठक भी रख देओ इह की,,,,,,,,!!”


गोलू ने सुना तो दुखी चेहरे के साथ लवली की तरफ देखा लवली ने देखा तो खीजकर कहा,”अबे का पागल वागल हो गए हो मक्खी का मातम काहे मना रहे हो ?
“माँ कसम गुड्डू भैया कित्ते अनइमोशनल इंसान हो तुमहू , हिया बेचारी जे मक्खी ने अपनी जान दे दी और आपको ज़रा भी दुःख नाही है,,,,,,,,,!!,गोलू ने सुबकते हुए कहा
लवली ने सुना तो अपना सर पकड़ लिया और हमारा गोलू दादी , फूफा , गुप्ता जी और गुड्डू के लिए मातम मनाने के बाद अब मक्खी के लिए मातम मना रहा था।

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संजना किरोड़ीवाल

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अभी तो कितने ही सावन देखने बाकि थे , लोगो के कान के पास जाकर उन्हें भिन्न्नण सुनाना था ,  बढ़िया बढ़िया खाने पर मुँह मारना था , गुड़ से लेकर गोबर तक मंडराना था,,,,,,,,,ए कही तुम्हरा तिलचट्टे के साथ कोनो अफेयर तो नाही था , कही तुमहू शादी से पहिले ओह्ह के साथ लिव इन मा तो नाही थी ?  जाने दो जे तुम्हरा पर्सनल मेटर है हमे का पर साला ऐसे जान नाही देनी थी। मरना ही था तो फिर मच्छरबत्ती सूंघकर मरती या किसी के हाथो के बीच आ जाती पर साला जे गीली मौत काहे मरी हो,,,,,,,,

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