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मनमर्जियाँ – S98

Manmarjiyan – S98

Manmarjiyan Season 2

Manmarjiyan – S98

शगुन गुड्डू के लिए खाना लेकर आयी लेकिन गुडू सो चुका था। शगुन ने गुड्डू को कम्बल ओढ़ाई और खाने की प्लेट लेकर वापस नीचे चली आयी उसे अकेले देखकर प्रीति ने कहा,”दी जीजू कहा है ? वो खाना नहीं खाएंगे क्या ?”
“प्रीति वो सो गए है , शायद बहुत थक चुके है”,शगुन ने कहा
“कोई बात नहीं जीजू को थोड़ा आराम करने देते है वैसे भी अब दो दिन उन्हें खूब काम करना है”,प्रीति ने कहा
शगुन प्रीति के साथ खाने की टेबल की ओर चली आयी जहा पारस और सोनिया पहले से मौजूद थे। प्रीति ने पारस की बगल में बैठते हुए कहा,”वैसे एक थैंक्यू तो पारस भैया को भी बनता है अगर ये मेरे प्लान में साथ नहीं देते ना तो गुड्डू जीजू यहाँ नहीं आते”
“अच्छा तो इसमें तुम भी शामिल थी ?”,शगुन ने प्रीति की तरफ देखकर कहा
“मैं , पारस भैया , गोलू जी हम सब शामिल थे।”,प्रीति ने खुश होकर कहा
“सबका इतना ख्याल रखती हो , सबकी खुशियों के बारे में सोचती हो ,, तुम भी तो खुशिया डिजर्व करती हो ना शगुन। गुड्डू के लिए तुम्हारी जो भावनाये है वो सबको दिखती है फिर इतनी अच्छी लव स्टोरी की हैप्पी एंडिंग तो बनती है ना”,पारस ने कहा
पारस की बात सुनकर शगुन मुस्कुराई और फिर सोनिया से कहा,”सोनिया तुम बहुत लकी हो जो तुम्हे पारस मिला। जितना समझदार है उतना ही अच्छा भी है”
“अरे बस बस इतनी तारीफ मुझसे सुनी नहीं जा रही”,पारस ने कहा तो सब हसने लगे। शगुन आज बहुत खुश थी गुड्डू वापस आ चुका था और पारस ने भी अपनी दोस्ती बाखूब निभाई। खाना खाने के बाद पारस सुबह जल्दी आने का कहकर सोनिया के साथ घर निकल गया। शगुन गुड्डू को देखने कमरे में आयी तो देखा गुड्डू के साथ साथ वहा कुछ और रिश्तेदार भी सो रहे है ऐसे में शगुन को उस कमरे में रुकना ठीक नहीं लगा और वह प्रीति के कमरे में चली आयी।

प्रीति कल के फंक्शन में पहनने वाले अपने कपड़ो को अलग निकालकर रख रही थी। शगुन को देखते ही उसने कहा,”दी आओ ना , देखो कल मेहँदी में मैं ये पहनने वाली हूँ और शाम के फंक्शन में ये कैसा है ?”
“बहुत अच्छा है”,शगुन ने बैठते हुए कहा
“वैसे आप यहाँ क्या कर रही है ? आपको तो आज गुड्डू जीजू के पास होना चाहिए ना”,प्रीति ने शगुन की तरफ पलटकर कहा
“प्रीति उनके साथ तो मुझे अब हमेशा ही रहना है वैसे भी मेहमानो और सब घरवालों के सामने उनके साथ-साथ रहना थोड़ा अच्छा नहीं लगता”,शगुन ने कहा
“दी शादी मेरी हो रही है या आपकी ? एक साल होने में कुछ ही महीने बाकि है और आप है की,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे आज जीजू ने आपको प्रपोज किया मुझे तो देखकर ही मजा आ गया ,, कितना रोमांटिक लग रहा था ना सब”,प्रीति ने खुश होकर कहा तो शगुन की आँखों के सामने कुछ देर पहले वाले पल आने लगे। शगुन के चेहरे पर लालिमा आ प्रीति ने देखा तो शगुन को छेड़ने लगी।
“तू आजकल बहुत शैतान हो गयी है प्रीति जब तेरी शादी होगी तब पूछूँगी तुझसे”,शगुन ने कहा
“पूछना क्या है ? दो दिन बाद शादी है खुद ही देख लेना”,प्रीति ने शरारत से कहा
“अच्छा ठीक है अब सो जाओ सुबह जल्दी उठना है”,शगुन ने कहा और प्रीति की तरफ तकिया बढ़ा दिया। प्रीति आकर शगुन की बगल में लेट गयी और कहा,”दी आपसे एक बात पुछु”
“हां पूछो”,शगुन ने कहा
“आपने गुड्डू जीजू को माफ़ कर दिया ना ?”,प्रीति ने थोड़ा सीरियस होकर पूछा
“ऐसा क्यों पूछ रही है तू ?”,शगुन ने कहा
“दी वो इसलिए क्योकि मैं नहीं चाहती यहाँ से वापस कानपूर जाने के बाद आपके मन में गुड्डू जीजू के लिए कोई भी शिकायत या गीले शिकवे हो”,प्रीति ने कहा
“प्रीति मैंने उन्हें उसी वक्त माफ़ कर दिया था जब उन्होंने घाट पर मुझसे माफ़ी थी , कुछ गीले शिकवे फिर भी बाकि थे पर आज जो सबके सामने उन्होंने अपने मन की बात कही उसके बाद उनसे शिकायत करने का सवाल ही नहीं रहता। मैं जानती हूँ वो बहुत गलतिया करते है , हर्ट भी कर जाते है लेकिन वो बहुत अच्छे इंसान है प्रीति,,,,,,,,,,,,,,,,,जो कुछ भी हुआ उसमे अकेले गुड्डू जी की गलती नहीं थी बल्कि उसमे हम सब शामिल थे और मैं खुश हूँ की उन्हें सब सच पता चल गया और उन्होंने उसे स्वीकार भी कर लिया। एक पत्नी को इस से ज्यादा और क्या चाहिए की उसके पति को उस से दो बार प्यार हुआ है। मैं खुश हु प्रीति की महादेव ने मेरी सुन ली उन्होंने मेरा प्यार मुझे लौटा दिया।”,शगुन ने बड़े ही प्यार से प्रीति को समझाया
“बस दी आप और जीजू खुश हो तो मैं भी खुश हूँ,,,,,,,,,,,,अब आप सो जाईये गुड़ नाईट”,कहकर प्रीति सो गयी। कुछ देर बाद शगुन को भी नींद आ गयी।

अगली सुबह मिश्रा जी अपने पुरे परिवार के साथ बनारस चले आये ख़ुशी की बात ये थी की इस बार गोलू और पिंकी भी उनके साथ थे। अम्मा का ख्याल रखने के लिए उन्होंने रौशनी के घर पर बोल दिया। सुबह के 5 बज रहे थे गाड़ी गेस्ट हॉउस के अंदर आयी। मिश्रा जी पुरे परिवार के साथ रात में ही निकल गए थे। उन्हें जौनपुर होते हुए आना था। गुप्ता जी ने उन्हें देखा तो ख़ुशी से भर गए। वे आकर उनसे गले मिले और मिश्राइन को नमस्ते कहा। गोलू ने आगे बढ़कर पैर छूने चाहे तो गुप्ता जी ने कहा,”अरे नहीं नहीं बेटा आप सब मेहमान है , आईये अंदर आईये”
“का बात है गोलू कानपूर के बाहर बहुते सम्मान है तुमहाओ ?”,मिश्रा जी ने गोलू के साथ चलते हुए कहा
पीछे पीछे मिश्राइन , पिंकी और वेदी भी चली आ रही थी। सभी अंदर आये अंदर चाची और विनोद मौजूद थे उन्होंने सबको देखा तो चेहरे ख़ुशी से खिल उठे। दोनों आकर सबसे मिले और बैठने को कहा। गुप्ता जी ने विनोद से चाय पानी का इंतजाम करने को कहा। आधे लोग अभी तक सो रहे थे और कुछ उठ चुके थे। वेदी की नज़रे किसी को ढूंढ रही थी पर अमन उसे कही दिखाई नहीं दिया।
“दामाद जी कल रात में ही आ गए थे आप सब भी उनके साथ चले आते”,गुप्ता जी ने कहा
“वो हमे जौनपुर रुकना था किसी काम से हमारी बहन रहती है वहा इसलिए , बाकि गुड्डू से हम ही कहे थे की तूम पहले निकल जाओ”,मिश्रा जी ने बात सम्हालते हुए कहा। विनोद अपने साथ लड़के को लेकर आया और सबको चाय देने को कहा। सफर करके सब काफी थके हुए थे इसलिए सबने चाय ली।
“शगुन कही दिखाई नहीं दे रही है”,मिश्राइन ने कहा
“वो शायद ऊपर कमरे में हम अभी किसी को भेजते है”,गुप्ता जी ने कहा और विनोद से कहा की शगुन को जाकर खबर कर दे। कुछ देर बाद शगुन आयी सबको वहा देखकर शगुन बहुत खुश हो गयी। गोलू और पिंकी भी आये है ये देखकर उसे बहुत अच्छा लगा। शगुन आकर सबसे मिली कुछ देर बाद मिश्राइन उसे साइड में लेकर आयी और कहा,”सब ठीक है ना शगुन ?”
“हां माजी सब ठीक है”,शगुन ने कहा
“गुड्डू ठीक है ना ? उह अकेला ही चला आया हम तो बहुत घबरा गए थे की सच जानकर गुड्डू को कुछ हो ना जाये”,मिश्राइन ने कहा
मिश्राइन की बात सुनकर शगुन मुस्कुराने लगी उसे मुस्कुराता देखकर मिश्राइन ने कहा,”का बात है तुम इतना मुस्कुरा काहे रही हो ?”
“गुड्डू जी को सब याद आ गया है माजी”,शगुन ने मिश्राइन के हाथो को अपने हाथो में लेकर कहा तो मिश्राइन ख़ुशी से भर उठी। उन्होंने अपने दोनों हाथो को जोड़कर ऊपर देखते हुए कहा,”महादेव का लाख लाख शुक्र है की गुड्डू को सब याद आ गवा”
“हां माजी अब सब ठीक है बस आप और पापाजी उनसे नाराज मत होईयेगा”,शगुन ने कहा
“बिटिया हमसे पहले तुम्हायी माफ़ी जरुरी है अगर तुमने उसे माफ़ कर दिया तो हम भी कर देंगे वैसे भी सबसे ज्यादा दिल उस नालायक ने तुम्हारा ही दुखाया है”,मिश्राइन ने कहा
“मैंने उन्हें माफ़ कर दिया है माजी , अब आप भी कर दीजिये”,शगुन ने प्यार से कहा तो मिश्राइन ने उसके गाल को छूकर हाँ में गर्दन हिला दी और कहा,”वैसे है कहा वो ?”
“वो सो रहे है”,शगुन ने कहा
“कैसा लड़का है ससुराल में भला ऐसे कोई सोता है ? जे गुड्डू का कुछ नहीं हो सकता”,मिश्राइन ने कहा तो शगुन हंस पड़ी और कहा,”आप सब चलकर थोड़ा आराम कर लीजिये उसके बाद तैयार हो जाईयेगा ,, पिंकी वेदी तुम दोनों भी आ जाओ”
“हाँ बिटिया आप दोनों भी जाओ जाकर थोड़ा आराम कर लो”,गुप्ता जी ने कहा तो वेदी और पिंकी उठकर शगुन के पास चली आयी और शगुन उन सबको लेकर प्रीति के कमरे में चली आयी। प्रीति उठ चुकी थी अपना फोन चला रही थी जब उसने सबको कमरे में आते देखा तो अपना फोन साइड में रखा और आकर मिश्राइन के गले लगते हुए कहा,”अरे वाह आंटी जी आज तो सुबह सुबह सरप्राइज दे दिया”
“बिटिया तुमहाओ ब्याह हो और हम ना आये जे कैसे हो सकता है ?”,मिश्राइन ने प्रीति के माथे पर किस करते हुए कहा
“और तुम महारानी जी , कितने मेसेज किये तुम्हे की आ जाओ आ जाओ लेकिन नहीं तुम नहीं आयी”,प्रीति ने वेदी के सामने आकर कहा
“अरे दादा इतना गुस्सा वो भी हम से ,, सच बताये हम ही इन सब को लेकर आये है वरना जे सब तो कल आने वाले थे”,वेदी ने प्रीति के गले लगते हुए कहा
प्रीति मुस्कुरा उठी और फिर पिंकी के पास आयी , उसके आगे पीछे घुमकर उसे देखने लगी और फिर उसके चेहरे की और देखते हुए कहा,”तो ये है हमारे गोलू जी की वो,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे तो शक है कही गोलू ने काला जादू तो नहीं किया है”
“मतलब ?”,पिंकी ने थोड़ा हैरानी से कहा
“तभी तो इतनी सुंदर लड़की से शादी हुई है उसकी , पक्का उसने कोई टोना टोटका किया है,,,,,,,,,,,,,पर कुछ भी कहो यार हो बहुत सुंदर”,प्रीति ने कहा तो पिंकी ने उसके गाल खींचते हुए कहा,”तुमहू भी बहुते प्यारी हो”
“हाय कितना मीठा बोलते हो ना तुम कानपूर वाले , यार जाने से पहले न मुझे भी सीखाकर जाना”,प्रीति ने कहा और वेदी पिंकी को अपने साथ बेड की ओर ले आयी और बैठने को कहा। मिश्राइन भी आकर कुछ ही दूर दूसरे बेड पर लेट गयी। प्रीति पिंकी और वेदी के साथ बैठकर बातें करने लगी , बातें क्या उन्हें कल रात वाले डांस के बारे में बताने लगी। शगुन उन्हें वहा छोड़कर गुड्डू को उठाने चली गयी। शगुन कमरे में आयी तो देखा बाकि सब उठकर जा चुके है बस गुड्डू सोया है और कुछ ही दूर भाभी का लड़का बंटी।
शगुन गुड्डू के पास आयी और उसे उठाते हुए कहा,”गुड्डू जी उठ जाईये”
“सोने दो ना शगुन हमे बहुते नींद आ रही है”,गुड्डू ने करवट बदलते हुए कहा। शगुन मुस्कुराई और धीरे से गुड्डू के कान के पास आकर कहा,”आपके पिताजी आपको बुला रहे है”
गुड्डू ने जैसे ही “पिताजी” नाम सूना एकदम से नींद से उठ खड़ा हुआ और कहा,”का पिताजी आये है ? वो भी इतनी सुबह सुबह यहाँ बनारस में ?”
“सभी घरवाले आये है और साथ में गोलू जी और पिंकी भी , अब उठ जाईये और नीचे चलिए”,शगुन ने कम्बल समेटते हुए कहा
“पिताजी” का नाम सुनते ही गुड्डू की नींद उड़ गयी इस से पता चलता है की मिश्रा जी का डर अभी भी कायम था। गुड्डू उठा और कुर्ता निकालकर रात वाला शर्ट वापस पहन लिया और कहा,”तुम भी चलो ना हमाये साथ”
“क्यों आपको डर लग रहा है ?”,शगुन गुड्डू की मनोस्तिथि भांप गयी
“नहीं नहीं हमे काहे डरेंगे किसी से,,,,,,,,,,,,वो तो बस इसलिए कह रहे थे की हमाये साथ साथ तुम भी मिल लेती उनसे”,गुड्डू ने कहा
“मैं उनसे मिल चुकी हूँ , आप जाईये वे सब नीचे हॉल में है”,कहकर शगुन वहा से चली गयी। गुड्डू ने अपने बालो को सही किया और नीचे चला आया उसने सीढ़ियों से देखा मिश्रा जी वहा नहीं थे बस गोलू था और बैठकर विनोद चाचा से बात कर रहा है। उसकी जान में जान आयी वह आराम से नीचे आया और गोलू को देखकर कहा,”अरे गोलू सुबह सुबह हिया ?”
“का भैया ससुराल में आँखे नहीं खुल रही तुम्हायी ?”,गोलू ने कहा तो गुड्डू उसकी बगल में आ बैठा
“दामाद आप बैठिये मैं चाय भिजवाता हूँ”,कहकर विनोद वहा से चला गया उनके जाते ही गुड्डू गोलू की तरफ लपका और कहा,”अबे पिताजी हिया का कर रहे है ? हम बिना बताये बनारस चले आये है इस बात पर वो बहुते नाराज होंगे”
“गुड्डू भैया चिल बड़के मिश्रा जी हिया प्रीति की शादी में आये है , तुम्हायी क्लास तो वो कानपूर जाकर लगाएंगे ,, हिया ससुराल में थोड़े दामाद जी को जूते मारेंगे”,गोलू ने कहा
“साले गोलू कही तुमहू पार्टी तो नाही बदल लिए , मानते है मिश्रा जी तुम्हायी शादी करवाई है पर साले हमायी दोस्ती भूल गए तुम”,गुड्डू ने कहा इतने में लड़का चाय ले आया और दोनों के लिए रखकर चला गया
गोलू ने चाय का कप उठाया और कहा,”देखो भैया इतने काण्ड करने के बाद ना हमे लगता है मिश्रा जी सही आदमी है , इहलिये हमहू सब रंगबाजी छोड़ के उनके चेले बन गए है। अबसे नो कांड ओनली कर्म”
गुड्डू हंसा और कहा,”बेटा तुम्हारा और कांड का ना नाड़े कच्चे का साथ है , हमे नहीं लगता जे चेलगिरि ज्यादा दिन चलेगी”
गोलू ने मुंह बनाया तो गुड्डू चुपचाप चाय पीने लगा और वहा से बाहर चला आया। आज मौसम काफी अच्छा था बाहर सर्दी ज्यादा थी इसलिए गुड्डू वापस अंदर चला आया तभी सामने से आते मिश्रा जी दिखे। गुड्डू उनके सामने आकर कभी इधर कभी उधर जाने की कोशिश कर रहा था। मिश्रा जी ने देखा तो कहा,”का कबड्डी खेलोगे हमाये साथ ?”
“नहीं,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने रुककर कहा
“तो सीधे खड़े रहो फिर , शगुन से माफ़ी मांगी ?”,मिश्रा जी ने सवाल किया
“हम्म्म !”,गुड्डू ने कहा
“अच्छी बात है जाओ , जे लो गाडी की चाबी पीछे डिक्की में तुम्हारा और शगुन बैग रखा है जाकर निकाल लो”,मिश्रा जी ने गुड्डू को गाड़ी की चाबी दी और आगे बढ़ गए। गुड्डू भी वहा से चला गया

मेहँदी की रस्म में सभी तैयार होकर आये। शगुन , वेदी , पिंकी , भाभी और चाची ने हरे रंग के कपडे पहने थे सभी बहुत सुंदर लग रही थी। मिश्राइन शगुन की भूआ जी के साथ बैठकर बतिया रही थी। प्रीति आकर बैठी उसे मेहँदी लगने लगी। पास ही कुछ औरते ढोलक बजा रही थी प्रीति के सामने उसकी सहेलिया और बहने डांस कर रही थी। ये एक ऐसी रस्म थी जहा सिर्फ लड़किया और औरते थी क्योकि मर्दो को यहाँ आना अलाउड नहीं था। गुड्डू और गोलू जैसे ही तैयार होकर आये उन्होंने देखा की हॉल में कुछ फंक्शन चल रहा है तो दोनों उस तरफ चले आये। चाची ने देखा तो उन्हें रोकते हुए कहा,”अरे आप दोनों कहा ? बाहर चलिए मर्दो का यहाँ आना मना है”
गुड्डू और गोलू ने एक दूसरे को देखा और मुंह लटका कर बाहर चले आये। गुड्डू के साथ चलते हुए गोलू ने कहा,”यार गुड्डू भैया जे कैसी रस्म है हमे ही ना देखने दी ? हमायी वाली भी तो वहा है ना वैसे तो दिनभर हमको नचाती है , आज हम भी देख लेते उन्हें नाचते हुए”
“ऐसा है क्या गोलू चलो फिर करते है कुछ जुगाड़”,गुड्डू ने कहा
“आप हमाये वाली काहे देखेंगे ?”,गोलू ने गुड्डू को घुरते हुए कहा
“अबे हम अपनी वाली की बात कर रहे है , उनको तो देख सकते है ना ?”,गुड्डू ने गोलू के सर पर चपत लगाते हुए कहा।
“हां जे ठीक है”,कहते हुए गोलू गुड्डू के साथ हॉल की खिड़की पर आया उसे खोलकर दोनों वहा खड़े होकर अंदर का नजर देखने लगे। प्रीति की सहेलियों ने देखा शगुन बैठी है तो वे शगुन को भी डांस करने को ले आयी , प्रीति ने वेदी और पिंकी को भी जाने को कहा। सभी साथ में डांस करने लगी गुड्डू ने शगुन को डांस करते देखा तो अपनी कोहनी खिड़की पर टिका ली और हाथ गाल से लगाकर बड़े ही प्यार से शगुन को देखने लगा। शगुन डांस करते हुए अच्छी लग रही थी ये देखकर गुड्डू ने कहा,”शगुन डांस करते हुए कितनी अच्छी लगती है ना”
गोलू ने कोई जवाब नहीं दिया तो गुड्डू ने उसकी तरफ देखा तो पाया की उसी की तरह गोलू भी कोहनी खिड़की पर टिकाकर गाल को हाथ से लगाकर सामने देख रहा है उसने बिना गुड्डू की तरफ देखे कहा,”हमाये वाली भी कुछ कम नहीं लग रही है”
दोनों आगे देख पाते इस से पहले ही चाची की नजर उड़ दोनों पर पड़ी और उन्होंने आकर खिड़की बंद कर दी।

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संजना किरोड़ीवाल

Manmarjiyan Season 2

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