मनमर्जियाँ – S8
Manmarjiyan – S8
मनमर्जियाँ – S8
कानपूर , उत्तर-प्रदेश
पिंकी और गोलू आँखों ही आँखों में एक दूसरे के लिए प्यार देख चुके थे और बातो में महसूस कर चुके थे बस इजहार करना बाकि था। पिंकी बदल चुकी थी और गोलू को भी अब धीरे धीरे उस पर यकीन होने लगा था। पर कहते है हर प्रेम कहानी में एक विलीन जरूर होता है और यहाँ विलीन थे खुद पिंकी के पापा यानि शर्मा जी जैसे ही उन्हें पता चला की पिंकी फिर से गोलू से मिलने गयी है तो उन्होंने अपनी पत्नी से पिंकी का ध्यान रखने को कहा और उसकी शादी की बात चला दी। अपने कमरे में बिस्तर पर लेटी पिंकी गोलू के बारे में सोच रही थी। आज गोलू ने जितने प्यार से पिंकी को अपने हाथ से खाना खिलाया , उस पर भरोसा जताया , उसे गले लगाया वो सब पल एक एक करके उसकी आँखों के सामने आ रहे थे। सच ही कहते है की प्यार पत्थर को भी मोम बना सकता है , किसी को बदल सकता है , पिंकी भी बदल चुकी थी अब ना वह गुड्डू के बारे में गलत सोचती ना ही शगुन के बारे उलटा वह चाहती थी की दोनों एक हो जाये।
पिंकी इस बात से अनजान थी की उसके पापा उसके लिए फिर से रिश्ता ढूंढ रहे है वह बिस्तर पर लेटे हुए गोलू के ख्यालो में खोयी रही। उधर गोलू परेशान था अपना फोन ना मिलने की वजह। खैर शाम में जान वह हॉस्पिटल आया तो गुड्डू सो रहा था और बाकि घरवाले वही थे। गोलू को वहा देखकर मिश्रा जी उसे लेकर बाहर आये और कहा,”गोलू यार एक ठो परेशानी आ खड़ी हुई है”
“अब का हुआ चचा ?”,गोलू ने कहा जो की पहले से कई परेशानियों से घिरा हुआ था
“मिश्राइन चाहती है शगुन कानपूर आये , तुमहू तो जानते ही हो उह गर्भवती है ऐसे में वहा रहेगी तो परेशान रहेगी और उसका असर उसके बच्चे पर पडेगा , हम नहीं चाहते ऐसा कुछ हो इहलीये तुमहू कल जाकर शगुन को कानपूर लेकर आओगे”,मिश्रा जी ने कहा तो गोलू के सामने एक नयी समस्या आ खड़ी हुई , शगुन प्रेग्नेंट नहीं थी ये बात गोलू जानता था लेकिन अब मिश्रा जी को कैसे बताये की ये बात झूठ है ,सच कहेगा तो कही बात बनने के बजाय और ज्यादा ना बिगड़ जाये सोचकर गोलू ने कहा,”लेकिन भाभी यहाँ आयी तो रुकेगी कहा ?”
“हमाये घर में तो रुक नहीं सकतीं , वहा रुकी तो गुड्डू से क्या कहेंगे ? घर की बहू है तो उसको ऐसे कही और रहने भी नहीं दे सकते कुछो समझ में नहीं आ रहा है यार का करे ?”,मिश्रा जी ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“एक ठो काम करते है कल सुबह जल्दी हम भाभी को लेने जाते है और फिर उसके बाद सोचेंगे का करना है , आप टेंशन ना लो ठीक है”,गोलू ने कहा
मिश्रा जी ने सूना तो गोलू को गले लगाया और कहने लगे,”तुमहू गुड्डू के दोस्त थे पर इन कुछ दिनों में तुम हमे हमाये गुड्डू जैसे ही लगने लगे हो गोलू , सच कहते है लोग की अपनों की पहचान ना बुरे वक्त में ही होती है”
“अरे चचा तुमहू भी ना खामखा इमोशनल हो रहे हो , हम करते है बंदोबस्त आज तक हमाये कांड देखे है अब हमाये बन्दोबत देखना”,गोलू ने कहा
मिश्रा जी गोलू से दूर हटे और कहा,”तुमहू बस से चले जाना , का है की हमायी गाडी वही है तो आते बख्त उह ले आना , हम चाहते थे हम साथ चले लेकिन यहाँ गुड्डू के पास किसी का रुकना भी जरुरी है इसलिए तुमसे कह रहे है”
“ठीक है हम चले जायेंगे आप परेशान ना होईये”,गोलू ने कहा तो मिश्रा जी वहा से चले गए और गोलू पास पड़ी बेंच पर आकर बैठा और सोच में डूब गया। गोलू इस वक्त अकेला था और बहुत सारी समस्याएं उसे घेरे खड़ी थी , पिंकी से अपने प्यार का इजहार करना था , गुड्डू को सब याद दिलाना था , शगुन को बनारस से वापस लाना था और कानपूर में उसके रहने का बंदोबस्त करना था , वो फोन ढूंढना था जिसमे गुड्डू का विडिओ था , शगुन की प्रेग्नेंसी वाली बात को क्लियर करना था और सबसे बड़ी मुसीबत जो मुंह बाये खड़ी थी वो थे उसके पिताजी जो इस इंतजार में थे की कब गोलू घर आये और वो उसका रिश्ता अपनी पंसद की लड़की से कर दे।
गोलू इन्ही सब बातो में उलझा रहा।
बनारस , उत्तर-प्रदेश
शगुन ने अपने पापा को कानपूर जाने की बात कही तो शगुन का दर्द और गुड्डू के लिए उसकी परवाह देखते हुए उन्होंने शगुन को कानपूर जाने की इजाजत दे दी , उसी शाम उन्होंने मिश्रा जी से भी इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया की गोलू शगुन को लेने आ जाएगा। गुप्ता जी खुश हो गए उनके लिए उनके बच्चो की ख़ुशी पहले थी। प्रीति ने गुड्डू की सलामती के लिए महादेव को प्रशाद चढ़ाया। गुप्ता जी अपने कमरे में थे और शगुन अपने कमरे में , प्रीति किचन में रात का खाना बना रही थी। आज उसने खाना एक्स्ट्रा बनाया था , उसने एक बड़े कटोरे में पनीर की सब्जी डाली और लेकर रोहन के कमरे की और आयी। उसने दरवाजा खटखटाया तो रोहन ने दरवाजा खोला , प्रीति को वहा देखकर थोड़ा हैरान भी हुआ और कहा,”तुम यहाँ ?”
“हम्म्म ये तुम्हारे लिए”,प्रीति ने कटोरा रोहन की और बढाकर कहा।
“किस ख़ुशी में ?”,रोहन ने कहा
“वो तुमने मेरी जॉब के रेफरेंस दिया ना अपने ऑफिस में इसलिए”,प्रीति ने दूसरी और देखते हुए कहा। रोहन मुस्कुराया और कटोरा प्रीति के हाथ से ले लिया जिस से उसकी उंगलिया सहसा ही प्रीति की उंगलियों से जा टकराई। एक प्यारा सा अहसास रोहन को हुआ , प्रीति को छेड़ने के लिए उसने सब्जी की खुशबु लेते हुए कहा,”खुाशबू तो अच्छी आ रही है इसमें , तुमने कुछ मिलाया तो नहीं है ना”
प्रीति ने सूना तो उसने रोहन को घुरा और कहा,”वापस दे दो”
“नहीं नहीं वापस क्यों तुमने इतने प्यार से बनाया है मैं खा लूंगा , थैंक्स”,कहकर रोहन ने दरवाजा बंद कर दिया। प्रीति मुस्कुराई और चली गयी। खाना खाने के लिए वह शगुन को बुलाने ऊपर कमरे में आयी तो देखा शगुन खिड़की के पास खड़ी उदास सी अस्सी घाट के पानी को देख रही थी। प्रीति उसके पास आयी और कहा,”यहाँ क्यों खड़ी हो दी ? चलो ना नीचे चलकर खाना खाते है”
“तुम खा लो प्रीति मुझे भूख नहीं है”,शगुन ने उदासी भरे स्वर में कहा
“दी मैं आपका दुःख समझ सकती हूँ पर ऐसे खाना ना खाने से आप फिरसे बीमार पड़ जाएगी , जीजू का ख्याल रखने के लिए आपका स्ट्रांग रहना जरुरी है न दी , चलिए चलकर खाना खा लीजिये”,प्रीति ने प्यार से कहा
“पता नहीं उन्होंने खाया होगा या नहीं ?”,शगुन ने खोये हुए स्वर में खिड़की के बाहर देखते हुए कहा
प्रीति ने सूना तो कुछ सोचने लगी और फिर बिस्तर पर पड़ा अपना फोन उठाया और वेदी को मेसेज किया। प्रीति की किस्मत अच्छी थी की वेदी उस वक्त हॉस्पिटल में ही थी , प्रीति ने वेदी से रिक्वेस्ट की वह गुड्डू का एक छोटा सा क्लिप बिना किसी को बताये बनाकर उसे भेज दे। वेदी ने प्रीति को कुछ देर बाद क्लिप भेजा तो प्रीति का चेहरा ख़ुशी से खिल गया। वह शगुन के पास आयी और फोन की स्क्रीन शगुन के सामने कर दी , शगुन ने देखा हॉस्पिटल के बेड पर बैठा गुड्डू मुंह बनाते हुए फीका खाना खा रहा था , शगुन गुड्डू को देखकर मुस्कुराने लगी , विडिओ में मिश्राइन के बोलने की आवाज भी थी लेकिन शगुन को बस गुड्डू दिखाई दे रहा था। अगले ही पल शगुन को याद आया जब शगुन की प्रेग्नेंसी की झूठी खबर के बाद जब शगुन बीमार हुई तो कैसे मिश्राइन शगुन को फीका खाना खाने को देती थी और उसे गुड्डू बिना नखरे किये खा लेता था। उस पल को सोचते हुए शगुन की आँखे एक बार फिर नम हो गयी। प्रीति ने देखा तो फोन शगुन के सामने
फोन हटाया और कहा,”दी ये क्या जीजू को देखकर खुश होने के बजाय आप फिर से अपसेट हो गयी”
शगुन ने अपनी आंख की किनारो को साफ किया और प्रीति की और देखा तो प्रीति ने कहा,”यहाँ आप जीजू के बारे में सोचकर खाना नहीं खा रही है और वहा जीजू कैसे मजे से सब खा रहे है,,,,,,वैसे कुछ भी कहो जीजू है एक नंबर के भुक्खड़”
शगुन ने प्रीति को घुरा तो प्रीति ने अपने कान पकड़ते हुए कहा,”अच्छा बाबा सॉरी , अब चलो खाना ठंडा हो जाएगा” कहते हुए प्रीति शगुन को अपने साथ ले गयी। निचे आकर दोनों ने अपने पापा के साथ खाना खाया और उसके बाद आँगन में बैठकर बातें करने लगे।
कानपूर , उत्तर-प्रदेश
रात में मिश्रा जी ने गोलू को घर भेज दिया ताकि वह आराम कर सके। गोलू घर आया तो उसके पिताजी खाना खा कर उठे ही थे गोलू को देखते ही उन्होंने उसे अपने पास बुलाया और कहा,”अब कैसा है गुड्डू ?”
“अभी ठीक है”,गोलू ने कहा
“अच्छा हम जे कह रहे थे की गुड्डू तो अब ठीक है,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गुप्ता जी ने बात अधूरी छोड़ते हुए कहा
“तो ?,,,,,,,,,,!”,गोलू ने कहा
“तो सादी के बारे में का सोचा है ? हां करे दे फिर उनको”,गोलू के पिताजी ने कहा
गोलू ने सूना तो एकदम से उसका दिमाग घूम गया , वह अपने पिताजी के सामने आया और कहने लगा,”काहे हमायी जिंदगी में पहले इतनी समस्या है एक और समस्या काहे गले बांध रहे हो हमाये ?”
“कहना क्या चाहते हो ? सादी करना समस्या है , मतलब तुम्हायी अम्मा से हमने सादी की मतलब उह हमाये लिए समस्या है ?”,गुप्ता जी ने गुस्सा होकर कहा
“हमायी आड़ में अपने मन की ना कहो आप , हमे अभी सादी नहीं करनी है एक तो गुड्डू भैया और भाभी के साथ जे सब हो गवा और अब दुकान भी हमे अकेले सम्हालनी है क्योकि गुड्डू भैया को तो कुछो याद नहीं”,गोलू ने कहा
“अरे तो काम सादी के बाद सम्हाल सकते हो ना , कोनसा हर वक्त बीवी के पल्लू से बंधे रहना है तुमको”,गुप्ता जी ने कहा
“ए पिताजी हमहू ना हाथ जोडते है हमायी खाद जैसी जिंदगी में चरस ना बोवो यार प्लीज , जब करनी होगी करेंगे सादी अभी हमे माफ करो”,गोलू ने कहा
“ठीक है करो अपने मन की , हम कौन लगते है तुम्हाये ?”,कहते हुए गुप्ता जी उठकर चले गए और गोलू अपने कमरे में चला गया। कुछ देर बाद कपडे लेकर बाहर निकला और बाथरूम की और जाने लगा तो उसकी अम्मा ने कहा,”अब इति रात में काहे नहा रहे हो ?”
“का है तुम्हाये भरतार है उनकी वजह से दिमाग गर्म हो चुका है हमारा ठंडा करने जा रहे है”,गोलू ने कहा
“शर्म नहीं आती अपने ही पिताजी के लिए ऐसा कहता है”,गुप्ताइन ने आँखे दिखाते हुए कहा
“शर्म तो उनको भी नहीं आती है हाथ धोकर हमाये पीछे पड़े है सादी सादी सादी , इतनी भी का जल्दी है हम कोनसा मोहल्ले में मुंह काला करवा रहे है जो उनकी इज्जत को दाग लग जाएगा , यार अम्मा तुमहू तो हमायी बात समझो”,कहते हुए गोलू जाने लगा तो गुप्ताइन ने कहा,”जे सब इसलिए कह रहे हो ना क्योकि उह पिंकिया पसंद है तुमको ?”
अपनी अम्मा की बात सुनकर गोलू हैरानी से पलटा और अपनी अम्मा के पास आकर हिचकते हुए कहा,”नहीं नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है , उह तो बस ऐसे ही दोस्त है हमायी”
“हमे सब पता है गोलू पिंकी से मिले थे हम आज सुबह ही , एक लड़की तभी किसी लड़के की पसंद नापसंद पूछती है जब उसके दिल में कुछो हो”,गुप्ताइन ने कहा
“हम नहाने जा रहे है”,कहते हुए गोलू वहा से चला गया लेकिन गुप्ताइन मुस्कुरा दी , उनके चेहरे की चमक बता रही थी की उन्हें भी पिंकी पसंद थी।
बाथरूम के शॉवर के नीचे गोलू देर तक खड़ा रहा , उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था किसको क्या समझाए , उस पर एक के बाद एक मुसीबतो में वह फंसता जा रहा था और इस बार गुड्डू भी उसके साथ नहीं था। नहाकर गोलू अपने कमरे में आया गुप्ताइन उसका खाना कमरे में ही रखकर चली गयी। गोलू ने खाना खाया और आकर बिस्तर पर लेट गया। कितने दिनों बाद आज वह अपने घर में सो रहा था , उसे कुछ देर बाद ही नींद आ गयी।
अगली सुबह गोलू जल्दी उठा और तैयार होकर हॉस्पिटल चला आया , वहा मिश्रा जी ने गोलू को कुछ रूपये दिए और जाने को कहा। सुबह के 5 बजे की बस थी गोलू आकर अपनी सीट पर बैठ गया , 6-7 घंटे का सफर तय करना था। गोलू ने सर सीट से लगा लिया और आँखे मूंद ली। दिमाग में बहुत से ख्याल चल रहे थे और सब एक दूसरे से जुड़े थे। गोलू मन ही मन खुद से कहने लगा,”शगुन भाभी को एक बार कानपूर ले आये उसके बाद सबसे पहले पिंकिया से अपने दिल की बात कहेंगे , उसकी हाँ होगी तो उसे पिताजी से मिलाएंगे अगर ना हुई तो जहा पिताजी कहेंगे वहा शादी कर लेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,मोहब्बत के पीछे साला अब माँ बाप को भी तो हर्ट नहीं ना कर सकते है। फोन मिल जाता तो गुड्डू भैया को विडिओ दिखाकर उन्हें कुछो याद दिलाने की कोशिश करते पर कोशिश करेंगे की कैसे भी करके शगुन भाभी उनके साथ ही रहे जिस से देर सवेर उन्हें अपना रिश्ता याद आ ही जाना है,,,,,,,,,,,,,,,,,कितनी परेशानी है जिंदगी में गोलू उस पर साली हमायी किस्मत इतनी कुत्ती चीज है ना की का बताये,,,,,,,,,,,,,,,,,,कुछो सही करने भी जायेंगे तो होगा गलत ही,,,,,,,,,,,,,,,खैर पहले बनारस पहुंचे हम और भाभी को वहा से लेकर आये , बाकि बाद में देखते है का करना है”
गोलू का परेशान होना भी जायज था , सब उलझा पड़ा था और सुलझने का नाम नहीं ले रहा था। एक लम्बे सफर के बाद गोलू बनारस पहुंचा। गुप्ता जी के घर पहुंचकर जब उसने शगुन को ले जाने की बात कही तो शगुन की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा , उसने जल्दी से अपना सामान पैक किया। गोलू ने चाय नाश्ता किया गुप्ता जी चाहते थे की गोलू रुके खाना खाकर जाये लेकिन गोलू को बस जल्दी से जल्दी निकलना था। उसने शगुन का सामान गाड़ी में रखा। शगुन प्रीति और अपने पापा से मिली और उन्हें अपना ख्याल रखने को कहा। उसी वक्त मिश्रा जी का फोन आया
“नमस्कार समधी जी , आपने हमारी बात का सम्मान रखा हमे ख़ुशी हुई”,गुप्ता जी ने खुश होकर कहा
“जे सब हम बच्चो के लिए ही तो कर रहे है , गोलू पहुँच गया वहा ?”,मिश्रा जी ने सवाल किया
“हां हां गोलू जी पहुंच गए बस अभी शगुन को साथ लेकर निकलने वाले है , दामाद जी कैसे है ?”,गुप्ता जी ने पूछा
“गुड्डू अब ठीक है अच्छा गुप्ता जी सुनिए हम ये कह रहे थे की शगुन माँ बनने वाली है इसलिए मिश्राइन और हम चाहते थे वह यहाँ अपने ससुराल में ही रहे , थोड़ा ध्यान से भेजिएगा उसे , वैसे गोलू से हम कहे है ठीक से गाड़ी चलाने को ,, आप उसके साथ घर का खाना पानी दे दीजियेगा ताकि रस्ते में बाहर का ना खाना पड़े”
गुप्ता जी ने जैसे ही सूना शगुन माँ बनने वाली है ख़ुशी से उनका चेहरा खिल उठा और उन्होंने कहा,”ये तो बहुत ही ख़ुशी की बात है मिश्रा जी , शगुन ने तो हमे बताया ही नहीं”
“समधी जी हम खुद ये खुशखबरी देने बनारस आने वाले थे आपको लेकिन उस से पहले,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी कहते कहते उदास हो गए
“हम समझ सकते है पर आपने अब बता दिया हमारे लिए इतना ही काफी है , हम अभी शगुन से बात करते है ,, अच्छा मिश्रा जी रखते है”,कहते हुए गुप्ता जी ने फोन रख दिया और ख़ुशी से भरकर शगुन के पास आये।
“मैं चलती हूँ पापा”,शगुन ने कहा
गुप्ता जी शगुन के पास आये और उसका चेहरा अपने हाथो में लेकर उसका सर चूमकर कहा,”अपना ख्याल रखना बेटा अपना भी और अपने होने वाले बच्चे का भी”
शगुन ने जैसे ही सूना हैरानी से पहले अपने आपा को देखा और फिर गोलू को , लेकिन गोलू भी नहीं समझ पाया की गुप्ता जी को ये बात किसने बताई ? शगुन को चुप देखकर गुप्ता जी ने कहा,”मुझसे छुपाने की क्या जरूरत थी बेटा , मैं नाना बनने वाला हु सोचकर ही मुझे कितनी ख़ुशी हो रही है , खुश रहो बेटा”
“क्या दी आप माँ बनने वाली है ? ओह्ह्ह इसका मतलब मैं मौसी बनने वाली हूँ,,,,,,,,,,,,,दी ये तो गुड न्यूज है”,कहते हुए प्रीति शगुन के गले आ लगी। बेचारी शगुन कुछ बोल ही नहीं पा रही थी , गोलू ने सूना तो उसका दिमाग घूम गया उसने गुप्ता जी के पास आकर कहा,”आपसे जे बात किसने कही अंकल जी ?”
“किसने क्या खुद हमारे समधी जी ने कही है , गोलू बेटा ध्यान से लेकर जाना शगुन को”,गुप्ता जी ने गोलू का कन्धा थपथपाते हुए कहा
गोलू ने सूना तो मन ही मन कहा,”जे ठीक ना किया मिश्रा जी आपने पहले का कम लंका लगी हुई थी हमायी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!!
क्रमश – मनमर्जियाँ – S9
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संजना किरोड़ीवाल
Are golu je ka ho gya… ab kachu socho yr wrna sb gadbad ho jayega…. eko idea h hmre pass… kaho to btaye… raste m chote s accident ka natak krdo or bolo ki miscarriage ho gya… tbhi bach skte h shayad wrna to lanka lgni hi h…
Ufffffffffffff problem hi problem
Yr ye kuch Jada hi ho gya ab pregnancy ka natak…shagun bol b to sakti h test kraya ya hospital m PTA chla asa Ni h vo symptoms ki vjh se apko gltfehmi Hui ti…or thode din phle shagun ki date ayi tb b KY kanpur m kuch PTA Ni lga..golmaal hi KR dia …or Gupta ji ko PTA h shyad shagun kanpur gyi…shagun ne JB bola guddu ko door se hi dkne ka…ab ye thoda golmal km kriye yr🤔😂
हे महादेव इतनी सारी मुसीबतें ….
Mam please ab kuch acha sa twist le aao jisse kuch problems to solve ho.
Very beautiful
मैम ये शगुन की झूठी प्रेग्नेंसी वाली खबर का सच अब सामने ला दों…पहले से ही इतना दुख हैं..उपर से इस झूठ का बोझ शगुन कैसे झेलेगी… गोलू की मम्मी ने तो पिंकी को बहूं मान लिया हैं…लेकिन अभी दिल्ली दूर हैं इसमामले में😊 shandaar part👌👌👌👌👌
Problem itni or golu akela bechara but samjhdar ho gya h golu krega handle sab
Badi mushkil hai
Nice part…🌹🌹🌹🌹
Loo golu ki jli hui lanka me mishra ji ne ek or bomb fod diya😑😑😑😑 bichara golu kitna rayta smete sb fele hi ja ra hh… Or ye pregnancy wala rayta to ab kanpur se bhh k banaras aa gya🤣🤣🤣
Jldii se is juth ka prda fash kro… Or shagun k upr kese b ye bat naa aaye bichari fss gyii in dono drame bazo k chkkr me😕😕😕
Awesome part
Super duper hit
Bichara golu aub banaras mei bhi raita phel gaya😂😂😂 itana sub samsaya ko sambalthe hal nikale ga ya nahi bichari golu ki yadash zaroor jale jayega 😂😂😂