मनमर्जियाँ – S56
Manmarjiyan – S56
अपने पिताजी के कहने पर गोलू नवरतन के पास ड्रेस का नाप देने चला आया जबकि अंदर ही अंदर उसका हाल बेहाल था। नवरत्न के यहाँ से निकल कर गोलू घर की तरफ चल पड़ा। रास्ते में उसे मनोहर मिल गया। इन दिनों मनोहर कानपूर आया हुआ था गोलू को देखते ही उसने स्कूटी के सामने हाथ किया तो गोलू ने स्कूटी रोक दी
“और भई गोलू कहा गायब रहते हो बे आजकल ? तुम्हारे फोन पर कितने फोन किये पर साला हर बार फोन स्विच ऑफ आ रहा था। सूना है नया काम वाम शुरू किये हो तुम और मिलके,,,,,,,,,,,,,,,,,,, गुड्डू के बारे में सूना बहुते बुरा लगा सूना उसकी यादास्त चली गयी है।”,मनोहर एक साँस में कह गया
“अब का बताये यार मनोहर भैया मतलब जे समझो की चरस का पूरा खेत जोत है लिया है हमने और गुड्डू भैया ने मिलकर और अब उसकी कटाई चल रही है”,गोलू ने कहा तो मनोहर आकर उसके पीछे बैठा और कहा,”तुम्हारी एक भी बात समझ नहीं आयी है हमको , चलो बैठकर चाय पीते है वही अपनी राम कहानी सुनाना हमे का पता कोई हल निकल आये तुम्हायी समस्या का ,, हम भी तुम्हाये दोस्त है यार गलत सलाह नहीं देंगे तुमको”
गोलू ने स्कूटी आगे बढ़ा दी कुछ देर बाद ही दोनों चाय की दुकान पर पहुंचे। मनोहर ने चायवाले को दो चाय देने को कहा और खुद आकर गोलू के बगल में बैठते हुए कहा,”हां तो गोलू अब बताओ का हुआ ?”
गोलू ने एक लम्बी साँस भरी। पिंकी और अपने रिश्ते के बारे में छोड़कर बाकि सारी बातें उसने मनोहर को बता दी। मनोहर ने सुना तो थोड़ी देर सोच में पड़ गया और फिर कहा,”जे तो बहुते उलझा हुआ मैटर है गोलू”
“वही तो हम कह रहे है , कोई हल नहीं है इसका भैया ऐसे ही चलता रहेगा और हमारी लंका लगती रहेगी”,गोलू ने मुंह लटकाकर कहा
“वैसे हम कह रहे थे की गुड्डू की यादास्त जा चुकी है और शगुन अभी भी मिश्रा जी के घर में है तो दिक्कत का है गुड्डू को सब याद दिलाने की बजाय अगर उसे शगुन से फिर से प्यार हो जाये और दोनों शादी करके फिर से पति पत्नी बन जाये तो इसमें का परेशानी है ?”,मनोहर ने कहा
गोलू को मनोहर की बात कुछ कुछ सही लगी अब तक सब घरवाले इसी कोशिश में लगे थे की गुड्डू को उसकी शादी याद आ जाये लेकिन ये किसी ने नहीं सोचा की उसकी और शगुन की शादी करवाकर भी तो उन्हें साथ रखा जा सकता था। गोलू को सोच में डूबा देखकर मनोहर ने उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”देख भाई गोलू यही सही तरिका है वैसे भी गुड्डू की यादास्त वापस आनी होती तो अब तक आ चुकी होती , उसे सब याद दिलाने में अपना वक्त बर्बाद करने से अच्छा है उसके सामने ऐसी स्तिथि पैदा कर दो की गुड्डू को शगुन से फिर से प्यार हो जाये। उसके बाद तुम्हे अपना भी तो देखना है , अपना काम , शादी , घर , परिवार ,, समझ रहे हो ना हम का कह रहे है”
“आप बिल्कुल सही कह रहे है मनोहर भैया , बहुत बहुत धन्यवाद आपका , आपने तो हमे बहुते बड़ी परेशानी से बाहर निकाल दिया”,गोलू ने खुश होकर कहा
“साले भैया भी कह रहे हो और थैंक्यू भी बोल रहे हो , खैर छोडो अब हम चलते है रौशनी घर पर अकेली होगी”,मनोहर ने उठते हुए कहा
“हाँ हम भी निलकते है”,गोलू ने कहा
“अच्छा हम तुम्हाये साथ ही चलते है वो नुक्कड़ वाले मेडिकल स्टोर पर छोड़ देना हमे भी”,मनोहर ने कहा तो गोलू उसे साथ लेकर चल पड़ा। मनोहर ने मेडिकल स्टोर से प्रेग्नेंसी किट लिया और गोलू के पास आकर कहा,”अच्छा गोलू अब हम यहाँ से चले जायेंगे”
“जे तुम्हाये हाथ में का है ?”,गोलू ने मनोहर के हाथ में किट देखकर पूछा
“अरे जे तो प्रेगनेंसी किट है , उह रौशनी को महीना नहीं हुआ ना तो चेक करना होगा की पेट से है या नहीं”,मनोहर ने किट को जेब में डालते हुए कहा
“इस से पता चल जाता है ?”,गोलू ने पूछा
“हा”,मनोहर ने कहा
“बहुते सही चीज है फिर तो ये”,गोलू ने कहा। मनोहर ने सामने से आता रिक्शा रुकवाया और फिर उसमे बैठकर चला गया। गोलू ने भी घर जाने के लिए अपनी स्कूटी घुमा ली। अगले ही पल गोलू के कानो में पिंकी की आवाज गुंजी – महीना नहीं हुआ है हमारा
गोलू की नजर सामने मेडिकल स्टोर पर चली गयी अगले ही पल मनोहर की आवाज उसके कानो में पड़ी – अरे जे तो प्रेगनेंसी किट है , उह रौशनी को महीना नहीं हुआ ना तो चेक करना होगा की पेट से है या नहीं”
पिंकी और मनोहर दोनों की आवाजे एक एक करके गोलू के कानो में गूंजने लगी। गोलू ने स्कूटी साइड लगाई और उतरकर मेडिकल स्टोर पर आया। एक दो लोग वहा खड़े थे इसलिए गोलू साइड में खड़ा हो गया। जब सब चले गए तो गोलू ने धीरे से दुकानवाले से कहा,”वो हमे ना एक किट चाहिए”३
” कौनसा किट ?”,दुकान वाले को समझ नहीं आया तो गोलू ने फिर धीरे से कहा,”प्रेगनैंसी किट चाहिए”
आदमी ने गोलू को घुरा और फिर डिब्बे से किट निकालकर गोलू को देते हुए कहा,”50 रूपये”
गोलू ने 50 रूपये निकालकर दुकानवाले को दे दिए और किट लेकर आगे बढ़ गया दो कदम ही चला था की दुकानवाले ने पूछा,”सुनो तुम तो वो गुप्ता जी के लड़के हो ना ?”
“मर गए गोलू तुमको भी यही से किट खरीदना था”,सोचते हुए गोलू धीरे से पलटा और कहा,”गुप्ता जी कौन गुप्ता जी ? हम तो आलोक शर्मा जी के लड़के है”
“अच्छा अच्छा ठीक है जाओ”,दुकानवाले ने कहा और अपने काम में लग गया।
गोलू ने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और वहा से चला गया।
गोलू अपनी स्कूटी लेकर पिंकी के घर पहुंचा अब सीधे घर के अंदर जाने की उसकी हिम्मत नहीं थी इसलिए उसने पिंकी को फोन लगाया और बाहर बुलाया। पिंकी बाहर आयी देखा गोलू खड़ा है गनीमत था अँधेरा हो चुका था और उस वक्त गली में कम ही लोग थे। शर्मा जी भी अपने कमरे में थे। गोलू ने जल्दी से किट पिंकी को दिया।
“ये क्या है ?”,पिंकी ने पूछा
“वो हम फोन पर बताते है , छुपाकर ले जाना करते है थोड़ी देर में फोन”,कहकर गोलू सरपट वहा से निकल गया। पिंकी अंदर अपने कमरे में चली आयी उसने दरवाजा बंद किया और देखा की वह प्रेगनेंसी टेस्ट किट था। पिंकी को गोलू पर खीज हुई लेकिन कुछ देर बाद उसे वह सही भी लगा। यही एक तरिका था जिस से पता लगाया जा सकता था की पिंकी पेट से है या नहीं ?
गोलू के फोन करने से पहले ही पिंकी ने टेस्ट किया और वही हुआ जो आप और हम सोच रहे थे। पिंकी पेट से थी। पिंकी ने जब टेस्ट पॉजिटिव देखा तो थोड़ा घबरा गयी और गोलू को फोन लगा दिया – हेलो गोलू
“हाँ पिंकिया हम कहे थे ना की हम करते है फोन , खैर छोड़ो हमारी बात सुनो उस से टेस्ट करके देखना तुमहू पेट से हो या नहीं ?”,गोलू ने अपने कमरे में आकर कहा
“हम पेट से है गोलू”,पिंकी ने धीरे से कहा गोलू ने जैसे ही सूना उसके तोते उड़ गए एक पल के लिए वह खामोश हो गया समझ नहीं पा रहा था हँसे या रोये। गोलू को खामोश देखकर पिंकी ने कहा,”हेलो , हेलो गोलू क्या हुआ ?”
“पिंकिया कह दो जे सब झूठ है”,गोलू ने एक आखरी उम्मीद के साथ कहा
“गोलू जे कोई हिंदी फिल्म चल रही है जो ऐसी बाते कर रहे हो तुम , तुम भी जानते हो उस रात हमारे बीच क्या हुआ था ? उसके बाद भी तुम ऐसी बाते कर रहे हो ,, मुझे तो डर लग रहा है अगर घर में किसी को पता चल गया तो पता नही क्या होगा ? पापा तो मार ही डालेंगे”,पिंकी ने डरते हुए कहा
“हम करते है कुछ”,गोलू ने कहा
“क्या करोगे गोलू और तुम्हारे घर में पता चला तो तुम्हारे पापा तो तुम्हे सूत देंगे”,पिंकी ने गोलू की चिंता जताते हुए कहा
“सूत देंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अरे ये कहो खाल में भूंसा भर देंगे , हड्डियों को तोड़कर हमारी खाल का डमरू बजायेंगे और हमारी ही हड्डियों से उसे बजायेंगे , लंका लगा देंगे हमारी,,,,,,,,,,,,,,,,,,सही कहा था मिश्रा जी जवानी और जबानी ना सोच समझकर खर्च करनी चाहिए”,गोलू ने दुखी स्वर में कहा
“अब हम क्या करेंगे गोलू ?”,पिंकी ने पूछा
“अब तो एक ही इंसान हमायी मदद कर सकता है , हम तुमसे कल शाम में मिलते है तब तक तुमहू जे बात किसी को मत बताना और घर में नार्मल ही रहना”,गोलू ने कहा
“सॉरी गोलू हमारी वजह से ये सब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,पिंकी ने उदास होकर कहा
“अरे तुम काहे सॉरी बोल रही हो और जे कोई गलती नहीं है पिंकिया हम दोनों भावनाओ में बह गए थे और अब जो हो रहा है उसे भी हम ही सम्हालेंगे , तुमहू चिंता ना करो हम करते है कुछो जुगाड़,,,,,,,,,,,,,,,,,अब अपने रिश्ते को ऐसे तो बदनाम हरगिज नहीं होने देंगे”,गोलू ने कहा तो पिंकी को उसकी बातो से थोड़ी तसल्ली मिली और उसने कहा,”ठीक है अपना ख्याल रखना हम हमेशा तुम्हारे साथ है गोलू”
“तुमहू भी अपना और हमाये बच्चे का ख्याल रखना , हम रखते है”,कहकर गोलू ने फोन काट दिया पिंकी ने फ़ोन साइड में रखा उसका हाथ उसके पेट पर चला गया और वह मुस्कुरा दी , आखिर उसके पेट में गोलू और उसके प्यार की निशानी जो थी।
वेदी ने खाना नहीं खाया कही अम्मा पिताजी को शक ना हो जाये सोचकर गुड्डू वेदी के लिए खाना लेकर उसके कमरे में चला आया। अंदर आकर गुड्डू ने देखा वेदी खिड़की के पास खड़ी बाहर गली को देख रही है तो गुड्डू ने खाने की थाली टेबल पर रखी और वेदी की बगल में आकर खिड़की के दूसरी तरफ खड़ा हो गया और कहने लगा,”पता है जब तुमहू इस घर में आयी थी ना तो सबसे ज्यादा हम खुश हुए थे क्योकि हमाये बाद पहली बार कोई बच्चा इस घर में आया था। हम दिनभर तुम्हे अपनी गोद में लेकर घूमते रहते थे। एक बार खेलते हुए एक लड़के ने तुम्हे गलती से धक्का दे दिया था तो हमने उसको बहुत मारा था और उसके बाद पिताजी ने हमे (मुस्कुरा उठा) लेकिन हमे कोई दुःख नहीं था , हमाये सामने कोई तुम्हे दुःख पहुंचाए कैसे बर्दास्त करते हम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन आज हमाये सामने कोई तुम्हारा दिल तोड़कर चला गया और हम कुछ नहीं कर पाए (आँखों में आंसू भर आते है लेकिन बाहर नहीं आते , गुड्डू के ये बात सुनकर वेदी उसकी ओर देखती है तो गुड्डू आगे कहता है) वो लड़का तुम्हारे लिए सही नहीं था बहुत पहले बताने वाले थे हम लेकिन जब प्रीति की सगाई में तुम्हे हसते मुस्कुराते देखा तो बताने का मन नहीं किया। बाबू हम सिर्फ तुम्हारे भाई नहीं है , तुम्हारे दोस्त , तुम्हारे शुभचिंतक भी है। तुम्हाये लिए कबो बुरा नहीं सोचेंगे ना बुरा चाहेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,पर अगर तुमहू इस तर रहोगी गुमसूम , खाना नहीं खाओगी तो अम्मा और पिताजी को शक होगा और हम बिल्कुल नहीं चाहते उह लोग तुम्हे गलत समझे”
वेदी ने सूना तो उसे बहुत बुरा लगा उसकी वजह से घर का माहौल बिगड़ने लगा था ये जानकर वेदी गुड्डू के गले लगी और कहा,”हम खुद को समझा लेंगे भैया लेकिन अपने मन को कैसे समझाए ? हमारा मन अब भी उन्ही सब बातो में उलझा है हम खुद को उन सब बुरी यादो से निकाल नहीं पा रहे है। अम्मा पिताजी को हम पर बहुत भरोसा है उन्हें ये सब पता चला तो वो हमे कभी माफ नहीं करेंगे”
“वेदी हमने कहा ना उन्हे कुछ पता नहीं चलेगा”,गुड्डू ने कहा
“का नहीं पता चलना चाहिए हमे ?”,मिश्रा जी ने कमरे में आते हुए कहा
मिश्रा जी की आवाज सुनकर वेदी और गुड्डू दोनों अवाक् रह गए वेदी ने जल्दी से मिश्रा जी से नजरे बचाकर अपने आंसू पोछे। मिश्रा जी अंदर आये और दोनों के सामने आकर कहा,”का नहीं पता चलना चाहिए ? और बिटिया तुमहू खाना खाने नहीं आयी आज तबियत तो ठीक है ना तुम्हायी ?”
“पिताजी उह वेदी कह रही थी की उसे भी अपनी सगाई में प्रीति ने जैसा पहना था वैसा ही लहंगा चाहिए , अब प्रीति तो खुद डिजायनर है और उसने जो लहंगा पहना वो था पुरे 30 हजार का तो हमने वेदी से कहा की हम ले आएंगे तुम्हाये लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब कीमत ज्यादा है जे जानकर आप कही नाराज ना हो इसलिए जे मना कर रही थी तो हमने कहा की पिताजी को हम नहीं बताएँगे”,गुड्डू ने एक झूठी कहानी बनाकर मिश्रा जी को सूना दी
मिश्रा जी ने वेदी को देखा और कहा,”जे ही बात थी बिटिया ?”
वेदी ने गुड्डू की तरफ देखा और फिर धीरे से कहा,”हाँ पिताजी यही यही बात थी”
“पगलेट हो , 30 का तुम्हायी सगाई में 50 हजार का लहंगा बनवा के देंगे हम , हमायी इकलौती बिटिया हो तुमहू ,, जे सब किसके लिए कमा रहे है ? चलो आओ आज हमहू तुम्हे अपने हाथ से खिलाते है”,मिश्रा जी ने वेदी को सीने से लगाते हुए कहा
गुड्डू मुस्कुरा उठा उसने खाने की प्लेट लेकर कुर्सी पर रख दी। मिश्रा जी वेदी को साथ लेकर आये और बिस्तर पर आ बैठे। उन्होंने अपने हाथ से वेदी को एक दो निवाले खिलाये। मिश्रा जी का मूड अच्छा था इसलिए एक निवाला उन्होंने गुड्डू को भी खिला दिया अपने हाथ से , गुड्डू के लिए तो इतना ही काफी था।
वेदी ने महसूस किया की उसका भाई और उसके पिता उस से कितना प्यार करते है। मिश्रा जी और गुड्डू का प्यार देखकर वेदी के मन का बोझ हल्का हो गया और उसने मन ही मन कहा,”महादेव जी आपसे बस एक ठो ही प्रार्थना है हर जन्म में हमे गुड्डू भैया जैसे भाई और पिताजी जैसे पिता मिले”
क्रमश – Manmarjiyan – S57
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संजना किरोड़ीवाल
Hey bgwan muje to golu or pinki k liye dr lg ra hh pta nhi kese niklnge is kaand se🤔🤔🤔🤔 shi kha golu ne pura charas ka khet boo rkha hh in dono ne🤣🤣🤣
Vedii k bhai or ppa ne to vedi ka din bna Diya ❤️❤️❤️❤️
Mind blowing awesome part
ab golu leg amishra ji ki madad..or mishra ji phle karenge uski sutai..phir karenge uski madad
Very beautiful
‘हम गुप्ता जी नहीं, आलोक शर्मा के बेटे है’😂😂😂 जियो गोलू बाबू…यहांं पर ठीक था, पर ये जो नया कांड हो गया…अरे वहीं कि तुम पापा और पिंकिया मम्मी बनने वाली है😁😁😁फंस गयि गोलू बेचारा… अब अबोर्शन मत करवाना गोलू गुप्ता…
Nice
Chalo bhai Golu Tumhe Guddu aur shagun ke liye toh hal dhund liya par ab aapka kya hoga Are hum to yeh kehte hai sidha ja ke shagun ke pair pakad lo are pakad ka lo sidha jakar shagun ke pairo mein gir jao Ab tumhari har jagah se ched hui Naiyya ko usi ka sahara hai Aur apni chamdi thodi majboot bana lo varna jo kand tum kiye ho na aise pele jane vale ho aur voh bhi bina sabun pani 😂😂😂😂😂
Bhut hi pyaara part tha golu to gya kaam se
Kash sabhi ko vedi ki tarh papa or bhaiya mile bholenath se mai to yahi duaa karti hu or hamare Golu janab ka kuch uddhar ho jaye bechare ki life kafi jhand ho rkhi hai magar ye Golu ke liye tufan ke aane ki pahle ki shanti hai abhi to uski kutai hona baki hai😂😂😂
Very nice ❤️
मैम मुझे मिश्रा जी का किरदार बहुत अच्छा लगता हैं…वो एक अच्छे पिता के.साथ बहुत अच्छे इंसान हैं…वो समझदार भी हैं…औंर वो ही गोलू की नैया भी पार लगायेंगे.. लेकिन पहले उसकी सुताई करेंगे😃😊 shandaar part👌👌👌👌👌
nice part mam
nice part
Lovely part 😊
Please mam Guddu ki yaddashat to kbi kbi ani chahiye dubara shadi or pyar to thik h kahani me new twist lgega but please yaddashat to wapis ani chahiye warna kuch chuta hua sa lgega or thank you itni achi story ke liye…
OH God jo nahi hona chahiye wahi hua ab golu or pinky ke bare me sochke hi darr lag raha hai, wese vedi ke liye guddu or mishra ji ka pyar dekhke bhut acha laga.
Golu Ko Jaa kar Mishra ji aur saghun kai Pero Mai girjaa na chahiya kyu ki Guddu Ko Sagun hi Sambhal Sakti hai aur Mishra ji toh sabko sambaal langa par phela Mishra ji Golu ki kuttie karenga Magar Golu Mishra ji ka diya waada yaad dila diya joh ki Mishra ji na Golu Ko diya toh bhuut samjha par Mishra ji Golu ki Naiya paar laga danga par phela humra Golu Bhiya ki kuttai hogi 😁😁😁😂
Haa Mahadev Golu Ko budi dijiya Golu Ko Jaa kar Mishra ji aur saghun kai Pero Mai girjaa na chahiya kyu ki Guddu Ko Sagun hi Sambhal Sakti hai aur Mishra ji toh sabko sambaal langa par phela Mishra ji Golu ki kuttie karenga Magar Golu Mishra ji ka diya waada yaad dila diya joh ki Mishra ji na Golu Ko diya toh bhuut samjha par Mishra ji Golu ki Naiya paar laga danga par phela humra Golu Bhiya ki kuttai hogi 😁😁😁😂
Nice
Pinkiya ar golu..ka jindagi..m bhutte bda kaand hogya hh😁🤭🤭
Bahut hi interesting part tha