मनमर्जियाँ – S53
Manmarjiyan – S53
Manmarjiyan – S53
प्रीति गुड्डु और शगुन को अकेला छोड़कर प्रीति वहां से चली गयी । गुड्डु ने शगुन की तरफ देखा तो शगुन दूसरी तरफ देखने लगी । गुड्डु चाहता था शगुन कुछ देर उसके पास रहे इसलिए उसने कहा,”वो चाची के घर पर खाना बहुते अच्छा बना था तुमहूं काहे नही आई ?”
“मुझे भूख नही थी”,शगुन ने कहा
“हम्म्म्म लेकिन मटर पनीर तो बहुते स्वाद बना था , लगता है हमने ना कुछो ज्यादा ही खा लिया ,, अब चाय पीने का मन भी कर रहा है”,गुड्डु ने कहा
“मैं बना देती हूं”,कहते हुए शगुन जाने लगी तो गुड्डु ने कहा,”शगुन”
“हाँ”,शगुन ने पलटकर कहा
“इति रात में तुमहू चाय बनाओगी , एक काम करते है बाहर चलते है”,गुड्डु ने शगुन की तरफ देखते हुए कहा
“हम्म्म्म ठीक है”,शगुन ने कहा
“पहिले जाकर मुँह धोय ल्यो वरना सबको लगेगा हमने तुम्हे रुलाया है”,गुड्डु ने कहा तो शगुन वही पास लगे वाशबेसिन की ओर बढ़ गयी और गुड्डु अपनी शर्ट के बाजू फोल्ड करने लगा । कुछ देर बाद शगुन आयी और गुड्डु के साथ निचे चली आयी । शगुन ने गुड्डु को चाबी देनी चाही तो गुड्डु ने कहा,”गाड़ी से चलते है”
“ठीक है”,शगुन ने धीरे से कहा और बाइक की चाबी वापस टेबल पर रख दी । दोनों घर से बाहर आये बाहर मिश्रा जी की गाड़ी खड़ी थी उसके पीछे गोलू की गाड़ी खड़ी थी । गुड्डु ने गोलू की गाड़ी का दरवाजा खोला और अंदर आकर बैठ गया उसने साइड वाला दरवाजा शगुन के लिए खोल दिया शगुन उसकी बगल में आकर बैठ गयी । गुड्डु ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी । शगुन खामोशी से सामने खाली पड़ी सड़क को देख रही थी । उसके दिमाग मे बहुत सारी बाते एक साथ चल रही थी , गुड्डु का उसके लिए मार खाना , उसे गले लगाना , उसके सामने इमोशनल होना , गोलू को थप्पड़ मारना ये सब एक साथ शगुन के दिमाग मे चल रहा था । वही बगल में बैठे गुड्डु के मन मे भी कई बातें थी जिनका जवाब उसे शगुन के साथ रहकर ही मिल सकता था । दोनों की किस्मत शायद आज अच्छी नही थी आधा घंटे घूमने के बाद भी उन्हें कोई चाय की दुकान नहीं मिली । गुड्डु ने गाड़ी गलियों से निकालकर मेन सड़क पर दौड़ा दी
“गुड्डु जी इतनी रात में कहा चाय की दुकान ढूंढेंगे आप , घर चलिए मैं बनाकर पिला देती हूं”,शगुन ने गुड्डु की तरफ देखकर कहा ।
“हम चाय के लिए बाहर नही आये है , घर मे थोड़ा सा अजीब लग रहा था इसलिए बाहर चले आये”,गुड्डु ने सामने देखते हुए कहा
“सॉरी मुझे आपसे इस तरह बात नही करनी चाहिए थी”,शगुन ने कहा
“अरे तुम काहे सॉरी बोल रही हो ? तुम्हायी इन सब मे कोई गलती नही है बस एक बार वो लौंडा हमे मिल जाये जिसने तुम्हे धोखा दिया उसके बाद देखना का हाल करते है उसका”,गुड्डु ने कहा
“गुड्डु जी…………….!!”,शगुन ने कहना चाहा तो गुड्डु ने गाड़ी को एकदम से ब्रेक लगाया और शगुन की तरफ पलटकर कहा,”का ? तुमहू ना जियादा सेंटी मत बनो उसको लेकर वो जो किया है उह तो गलत है ही , हाँ मानते है भावनाएं होती है पर अपनी भावनाओं को ना थोड़ा काबू में रखो शगुन ,,और तुम्हे ना उस से अच्छा लड़का मिल जाएगा , अच्छा का बहुते अच्छा मिलेगा”
शगुन समझ गयी कि गुड्डु पर गोलू की बात का कुछ ज्यादा ही असर हो गया है इसलिए उसने उससे आगे बहस नही की । गाड़ी पुलिस स्टेशन के सामने से गुजरी तो गुड्डु की नजर चाय की दुकान पर चली गयी जो कि खुली थी । गुड्डु ने गाड़ी साइड में लगाई और कहा,”तुम यही रुको हम लेकर आते है”
गुड्डु गाड़ी से नीचे उतरा और चाय की दुकान की और बढ़ गया उसने दो कप चाय ली और वापस चला आया एक कप शगुन को दे दिया और दूसरा खुद लेकर उसकी बगल में आ बैठा
शगुन और गुड्डु दोनों खामोशी से चाय पीने लगे । चाय पीते हुए गुड्डु ने देखा शगुन कप को फुंक मार रही है । गुड्डु ने देखा तो उसके हाथ से कप लिया और उसे अपनी चाय के साथ उलट पलट करने लगा । गुड्डु ने चाय को थोड़ा ठंडा किया और फिर आधा आधा करके कहा,”जे तो जूठी हो गयी तुमहू पी लोगी ना ?”
शगुन ने कुछ नही कहा और गुड्डु के हाथ से चाय लेकर पीने लगी । गुड्डु ने देखा तो मुस्कुरा उठा और अपनी चाय पीने लगा । चाय खत्म कर दोनों घर के लिये निकल गए । शगुन ख़ामोश थी लेकिन गुड्डु कुछ ना कुछ बोले जा रहा था । दोनों घर पहुंचे शगुन ने गुड्डु को जाकर सोने को कहा और खुद अपने कमरे की तरफ जाने लगी तो गुड्डु ने कहा,”शगुन”
“जी……!”,शगुन ने पलटकर कहा
“तो तुमहू चल रही हो ना कानपुर ?”,गुड्डु ने पूछा
“ह्म्म्म”,शगुन ने कहा और अपने कमरे में चली गयी । गुड्डु भी सोने चला गया ।
सुबह मिश्रा जी जल्दी ही उठ गए उन्होंने मिश्राईन से जल्दी निकलने को कहा । गोलू भी कल से परेशान था इसलिए जल्दी उठ गया और नीचे चला आया उसे देखकर मिश्रा जी ने कहा,”का बेटा समधी जी के घर मे दोनों कुंडली मारकर बइठे हो , घर जाना है कि नई जाना ?”
“बस चच्चा आज शाम में निकल ही रहे है यहां से”,गोलू ने कहा
“शाम में काहे अभी चलो , हम और मिश्राईन जा रहे है तुम दोनों भी चलो , वैसे भी हिया रहोगे तो कुछो ना कुछो कांड करे बिना रहोगे नही , बस एक जे ही घर बचा है जहां तुम दोनों का गुणगान नही हुआ है”,मिश्रा जी ने सुबह सुबह गोलू को भिगोकर मारना शुरू कर दिया ।
“का चच्चा हमहू का करेंगे हिया उह तो गुड्डु भैया उठे नही अभी तक इसलिए सोचा थोड़ी देर से निकल जाएंगे वरना हम तो सुबह ही जाने वाले थे “,गोलू ने कहा
“गुड्डु अभी तक सो रहा है ? अरे उठाओ उनको यार ससुराल में कोई इतना देर तक सोता है भला”,मिश्रा जी ने गोलू से कहा तो गोलू गुड्डु को जगाने ऊपर चला आया उसने गुड्डु को जगाने की कोशिश की लेकिन गुडडू बुरी तरह नींद में था वह करवट बदल कर सो गया । गोलू वापस नीचे चला आया देखा शगुन किचन में है , प्रीति और वेदी भी उठ चुकी है वह मिश्रा जी के पास आया और कहा,”हमने कोशिश की लेकिन गुड्डु भैया नही उठे”
“वो तुमसे नही उठेंगे , हम जाते है”,कहते हुए मिश्रा जी सीढ़ियों की तरफ बढ़ गए ।
मिश्रा जी ऊपर कमरे में आये देखा गुड्डु मस्त बेड पर उल्टा लेता सो रहा है । मिश्रा जी ने दो तीन बार गुड्डु गुड्डु कहा लेकिन गुड्डु पर कोई असर नहीं हुआ वह वैसे ही सोया हुआ था । मिश्रा जी उसके पास आये और एक लात उसकी तशरीफ़ पर मार दी गुड्डु बेड से नीचे जा गिरा उसकी नींद एकदम से उड़ गई ओर उसने कहा,”का है बे गोलू ?”
“हम है तुम्हाये बाप”,मिश्रा जी ने रौब से कहा तो गुडडू एकदम से उठ खड़ा हुआ और कहा,”सॉरी पिताजी हमहू सोचे गोलू है”
“हमको जे बताओ सूरज निकल आया है तो तुमहू कौनसी दुनिया के सपने देख रहे हो , घर नही जाना तुमको या हिया घर बसाने का सोच लिए हो”,मिश्रा जी ने गुड्डु को डांट लगाते हुए कहा
“हम नीचे आ ही रहे थे पिताजी”,गुड्डु ने मरी हुई आवाज में कहा
“10 मिनिट में नहा-धोकर अपने सामान के साथ हम निचे मिलो”,कहकर मिश्रा जी चले गए । गुड्डु झुंझला गया यहां भी कोई बेचारे को चैन से रहने नही दे रहा था । वह जल्दी जल्दी नहाया अपने कपड़े बैग में ठुसे और 9 मिनिट में ही नीचे चला आया ।
शगुन तब तक सबके लिए नाश्ता लगा चुकी थी । सबने नाश्ता किया और उसके बाद मिश्रा जी ने कहा,”ठीक है गुप्ता जी अब हमें निकलना होगा दुई दिन से शोरूम पर भी कोई नही है”
“समझ सकते है और इस बार आपको नही रोकेंगे लेकिन प्रीति की शादी में आपको सपरिवार आना है वो भी एक हफ्ते पहले ठीक है ना”,गुप्ता जी ने मिश्रा जी के हाथों को थामते हूये कहा
“अरे बिल्कुल प्रीति भी हमाई बिटिया जैसी है”,मिश्राईन ने कहा
सभी बातें कर ही रहे थे कि तभी अमन वहां आ गया जब उसने वेदी के जाने की बात सुनी तो थोड़ा उदास हो गया अभी तो उसने ठीक से वेदी से बात भी नही की थी और वेदी जा रही थी । वेदी के लिए वह कुछ लाया था और वही देने वह घर आया था ।
गुप्ता जी ने सब सामान मिश्रा जी की गाड़ी में रखवा दिया । गोलू और गुड्डु अपनी गाड़ी से आये थे इसलिए उन्होंने अपना सामान खुद ही उठाकर अपनी गाड़ी में रख लिया । सबसे विदा लेकर मिश्रा जी जाने लगे तो गुड्डु ने कहा,”शगुन भी हमाये साथ कानपुर जाएंगी”
मिश्रा जी ने सुना तो मन ही मन खुश हो गए लेकिन चेहरे से जाहिर होने नही दिया और कहा,”शगुन कानपुर जाकर का करेगी ?”
अब गुड्डु क्या बताए कि वह शगुन को वहां क्यो ले जाना चाहता था उसने शगुन की तरफ देखा और फिर मिश्रा जी से कहा,”अरे पिताजी इनकी एग्जाम शुरू होने वाली है ना वो कम्प्यूटर कोर्स की , कल ही बताया शगुन ने हमे ,, हैं ना शगुन ?”
कहते हुए गुड्डु ने शगुन की तरफ देखकर आँख मार दी तो शगुन ने हाँ में अपनी गर्दन हिला दी । मिश्रा जी ने मिश्राईन की तरफ देखा तो उन्होंने भी सहमति में अपनी पलके झपका दी । गुड्डु को लगा उसका प्लान सक्सेज हो गया जबकि मिश्रा जी तो खुद चाहते थे कि शगुन उनके साथ वापस कानपुर आये । उन्होंने शगुन से अपना बैग लेकर आने को कहा और फिर गुप्ता को साइड में ले जाकर बात करने लगे । गुड्डु इस बात से खुश था कि शगुन भी उनके साथ जाएगी । अमन ने देखा वेदी अकेले खड़ी है तो वह उसके पास आया और कहा,”जा रही हो ?”
“हाँ जाना तो पड़ेगा ना , सगाई हो चुकी अब रुक के क्या करेंगे हम ?”,वेदी ने मुस्कुरा के कहा
“फिर कब आओगी ?”,अमन ने पूछा
“अब तो प्रीति की शादी में ही आना होगा”,वेदी ने कहा
“अच्छा वो मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया था”,अमन ने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा
“तो दो”,वेदी ने एकदम से उसके सामने हाथ करके मुस्कुराते हुए कहा । अमन उसकी मुस्कुराहट में खो सा गया , अमन को खोया देखकर वेदी ने कहा,”दो ना बाबा देर ही रही है”
“हा हा एक मिनिट”,कहते हुए अमन ने अपनी जेब से एक लाल रंग का कागज में लिपटा कुछ निकालकर वेदी की हथेली पर रख दिया । वेदी ने उसे खोकर देखा उसमें चांदी का एक बहुत ही खूबसूरत ब्रेसलेट था । वेदी ने देखा तो कहा,”ये तो बहुते सुंदर है , शुक्रिया”
“लाओ मैं पहना देता हूं”,कहते हुए अमन ने वेदी के हाथ से वह ब्रेसलेट लिया और उसे पहनाते हुए कहा,”तो हम मान ले कि तुमने दोस्ती मंजूर कर दी”
“हाँ वो तो कबकी मंजूर हो चुकी थी , अच्छा अब तुम कभी भी कानपुर आओ तो घर जरूर आना”,वेदी ने अपनी कलाई देखते हुए कहा
“तुम्हारे घर तो अब बस तुम्हारा हाथ मांगने ही आऊँगा”,अमन ने मन ही मन कहा
वह वेदी से आगे बात कर पाता इस से पहले ही मिश्राजी आये और कहा,”वेदी चले बिटिया ?”
“हाँ पिताजी”,वेदी ने कहा और फिर अमन को बाय बोलकर गाड़ी की तरफ बढ़ गयी
शगुन भी अपना बैग ले आयी । वह प्रीति और अपने पापा से मिली मिश्रा जी ने उसे अपना बैग अपनी गाड़ी में रखने को कहा तो गुड्डु ने कहा,”पिताजी शगुन हमाई गाड़ी में चली जायेगी”
“हमाई गाड़ी में बहुत जगह है तुम दोनों निकलो”,मिश्रा जी ने एक ही झटके में गुड्डु के अरमानों पर पानी फेर दिया । उनके सामने कुछ बोलने की हिम्मत गुड्डु में तो थी नही इएलिये चुपचाप आकर गोलू की बगल में बैठ गया । गोलू ने देखा तो कहा,”करवाली बेइज्जती , तुम्हाये पिताजी ना शनि ही हम दोनों के जीवन मे”
“तुम चलो यार”,गुड्डु ने खीजते हुए कहा और पलटकर शगुन कि ओर देखा लेकिन तब तक शगुन गाड़ी में बैठ चुकी थी । मिश्रा जी और मिश्राईन ने भी सबसे विदा ली और वहां से निकल गए ।
दोनों गाड़िया साथ साथ चल रही थी । जैसे ही गाड़ी कानपुर पहुंची वेदी के फोन पर अनजान नम्बर से फोन आया वेदी ने फोन उठाकर कान से लगाया तो दूसरी ओर से आवाज आई,”हेलो वेदी हम दीपक बोल रहे है आज शाम 6 बजे हम तुम्हे चौक के बगल वाले कैफे में मिलेंगे , अभी फोन पर हम तुम्हे कुछ नही बता सकते तुम मिलोगी तो हम तुम्हे सब बता देंगे”
इतना कहकर दीपक ने फोन काट दिया ।
“कौन था बिटिया ?”,मिश्रा जी ने गाड़ी चलाते हुए पूछा
“शालू थी पिताजी पूछ रही थी कि कब आएगें”,वेदी ने झूठ बोल दिया ।
“बस आधे घंटे में घर पहुंच जाएंगे”,मिश्रा जी ने कहा
शगुन ने वेदी की तरफ देखा तो समझ गयी कि वेदी झूठ बोल रही है लेकिन उस वक्त सबके सामने पूछना उसने सही नही समझा । गुड्डु ओर गोलू मिश्रा जी 20 मिनिट पहले ही घर पहुंच गए । देखा घर मे रौशनी अम्मा के साथ बैठी थी । गुड्डु को देखते ही कहा,”का गुड्डु अकेले आये हो तुम्हायी दुलहिन नही आई साथ मे ?”
“का हमाई झूठी शादी की खबर कानपुर में भी फैला दी का गोलू ? जे किस दुल्हिन की बात कर रही है ?”,गुड्डु ने गोलू से धीमी आवाज में कहा तो गोलू ने बात सम्हालते हुए कहा,”का रोशनी तुमहू आते ही सवाल जवाव शुरू कर दी यार इति दूर से आये है सफर करके कुछो पानी चाय पिलाओ यार”
“हम अभी पानी लेकर आते है”,कहकर रौशनी चली गयी गुड्डु आकर अम्मा के बगल में बैठा ओर कहा,”का बूढा जरा भी मिस नही की तुम हमको”
“तुम्हाये अम्माँ बाउजी हमे तो लेकर नही गए बनारस हम भी हो आते”,अम्मा ने नाराज होते हुए कहा
“अरे बूढा खीझती काहे हो ? हम लेकर जाएंगे ना तुमको बनारस का केदारनाथ , अयोध्या जहां तुमहू कहो घुमाएंगे”,गुड्डु ने कहा
रौशनी तब तक पानी ले आयी और गुड्डु गोलू को दे दिया । रौशनी गुड्डु से बात करना चाह रही थी लेकिन गोलू ने नही करने दी वह बार बार बीच मे बोल पड़ता । कुछ देर बाद गुड्डु उठा और ऊपर अपने कमरे की तरफ चला गया । गुड्डु के जाते ही गोलू ने रौशनी को सारी बाते बता दी और इस बार उसने सब सच कहा ताकि कोई बवाल ना हो । रौशनी ने सुना तो उसे शगुन के लिए बहुत दुख हुआ कुछ देर बाद मिश्रा जी और बाकी सब आये तो रौशनी उनसे मिलकर अपने घर चली गयी ।
दोपहर के खाने के बाद सभी अपने अपने कमरों में आराम करने लगे । शाम में वेदी तैयार होकर बाहर जाने लगी जैसे ही गुड्डु ने देखा तो रोककर कहा,”अरे वेदी , बाबू इस बख्त कहा जा रही हो ?”
गुड्डु के सवाल करने से वेदी थोड़ा सकपका गयी और कहा,”वो शालू के घर जा रहे है भैया उसको कुछो काम था हमसे”
“हम छोड़ दे ?”,गुड्डु ने पूछा
“नही भैया हमहू चले जायेंगे”,वेदी ने कहा
“ठीक है ध्यान रखना अपना और हाँ जियादा देर ना करना पिताजी को पता चला तो गुस्सा होंगे”,गुड्डु ने कहा तो वेदी चली गयी ।
गुड्डु वापस ऊपर चला आया बालकनी में खड़ा होकर वह शगुन के बारे में सोच रहा था कि तभी उसकी नजर शालू पर पड़ी जो कि उधर से गुजर रही थी । गुड्डु ने शालू को आवाज लगाई,”शालू…..”
“हाँ गुड्डु भैया”,शालू ने रुककर कहा
“कहा से आ रही हो ?”,गुड्डु ने पूछा
“कप्यूटर क्लास से , कुछो काम था आपको ?”,शालू ने पूछा
शालू की बात सुनकर गुड्डु के कानों में एकदम से वेदी की बात एकदम से गूंज गयी,”वो हम शालू से मिलने जा रहे है उसे कुछो काम था हमसे”
“गुड्डु भैया कुछो काम था हमसे रुके के जाए ?”,शालू ने फिर से कहा तो गुड्डु की तन्द्रा टूटी तो उसने कहा,”नही कोई काम नही हम तो बस ऐसे ही पूछ रहे थे , तुमहू जाओ”
गुड्डु के कहने पर शालू वहां से चली गयी लेकिन गुड्डु उलझन में पड़ गया और खुद से कहा,” जे शालू तो हिया घूम रही है , फिर वेदी ने हमसे झूठ काहे कहा ?”
क्रमश – manmarjiyan-s54
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संजना किरोड़ीवाल
Superbbbbbbbbb amazing part👌👌👌👌👌
very beautiful part..ab vedi ko sach pata chalega..or phir aman ki jodi banni chahiye ..tab maza aayega
Superb part lekin vedi ke liye thora bura lag raha hain ab vedi ka dil tute ga
bs guddu vedi ko samjhle or samjha v de sagun se to guddu ko pyar ho hi gya but feeling ni samjh ni paya vo apni nice part mam thank u
I hope ki ab vedi ko sach pta chal jay or wo himmat rakhe
सही हुआ जो दीपक ने खुद वेदी को फोन कर बुलाया…अब वेदी को उसकी असलियत तो पता चलेगी…लेकिन कही गुड्डू फिर से दीपक की सुताई ना कर दे…
Nice😊
Nice
Ab vedi ko deepak ka sach pta chlega
I hope ki vedi ko Dipak ka sach pata chal jaye,🤔par mujhe nhi lagta ki ye sachchai bhi bina kisi bwal ke samne aayegi, kuch to kand hona abhi baki hai 😲
Superb part…😊😊
Very nice
मैम गुड्डू अब समझ जायेगा कि वेदी दीपक से मिलने गई हैं…अब दीपक सच बताता हैं या…गुड्डू वहां आकर सच बतायेगा… इंतजार रहेगा मैम😊 superb part👌👌👌👌👌
Pta nhi deepak ne vedi ko sch btane k liye bulaya hh ya fuslane k liyee😕😕😕 kher guddu ko pta chl gya h to vo jldi hi vedi tk phuch jayega 😌😌
Okay thoda dar lag raha hai
nice part…
Dekhte h hota h kya
Awesome Part …
लेकीन जब भी बात बनारस की हो उसमे शिवम ।सारिका । मुरारी । अनु । ना हो तो मजा नही आता है । Miss them ।
कही प्लॉट में जगह हो तो इन चारो को अम्मा के साथ एडजस्ट कर दो ।।। संजना जी ।।।