मनमर्जियाँ – S38
Manmarjiyan – S38
Manmarjiyan – S38
गोलू की गलती की वजह से गुड्डू और गोलू एक बार फिर मिश्रा जी के हाथो पिट गए। गोलू माथे से हाथ लगाए सीढ़ियों पर बैठा था। गुड्डू भी आया और आकर उसकी बगल में बैठते हुए कहा,”25 के हो चुके है फिर भी पिताजी हमे ऐसे पेल गए जैसे 12-13 साल के बच्चे हो हम , सब ना तुम्हायी वजह से होता है गोलू , ना तुम हमे शगुन के पीछे जाने को कहते ना हम फंसते पता है गुंडे हमाये पीछे पड़ गए थे कैसे जान छुड़ाकर भागे है हम ही जानते है”
“हमायी तो खुद की लंका लगी पड़ी है हम का बताये ?”,कहते हुए गोलू उठा और जाने लगा तो गुड्डू ने कहा,”अब तुम कहा जा रहे हो ?”
“जहनुम में जाय रहे है , चलोगे ?”,गोलू ने गुस्से से कहा
“नहीं तुम्ही जाओ हम अंदर जा रहे है”,कहते हुए गुड्डू जैसे ही जाने लगा गोलू ने उसे रोकते हुए कहा,”तुमहू फिर से सोये हुए शेर को जगाने काहे जा रहे हो ? अभी इतनी तबियत से सुतायी करके गए है , फिर से ना जाओ भाई इधर ही रुक जाओ”
गोलू के कहने पर गुड्डू वापस सीढ़ियों पर आ बैठा , गोलू भी वापस आकर उसकी बगल में बैठ गया। गुड्डू ने देखा गोलू को उस से ज्यादा मार पड़ी है तो उसके बालो को सही करते हुए कहने लगा,”तुमको हिया नहीं आना चाहिए था गोलू , पिताजी का गुस्सा तुमहू जानते हो ना खामखा हमायी वजह से तुमहू भी पिटपिटा गए। आज से ना हम दोनों जे सब रंगबाजी छोड़ देंगे , सारी बुरी आदते छोड़ देंगे , किसी से कोई झगड़ा नहीं करेंगे , अच्छे लड़के बन जायेंगे”
गुड्डू को अपनी फ़िक्र करते देखकर गोलू को अच्छा लगा वह मन ही मन कहने लगा,”कल रात जो हुआ वो गुड्डू भैया को बताये या नहीं ? बता दिया तो
इनका दिल टूट जाएगा , जे हम पर बहुत भरोसा करते है पर अब हम का करे एक तरफ गुड्डू भैया है तो दूसरी तरफ पिंकिया,,,,,,,,,,,,,ऊपर से हमहू जो कांड किये है उसके बाद का करे कुछो समझ भी नहीं आ रहा है”
“का हुआ गोलू पिताजी की बात का बुरा मान गए का ?”,गोलू को सोच में डूबे देखकर गुड्डू ने कहा
“अरे नहीं भैया उनकी बात का आज तक बुरा नहीं माने तो आज काहे मानेंगे ?”,गोलू ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा
“अच्छा चलो अंदर चलो , अम्मा से कहकर पोहा खिलाते है तुम्हे चलो”,कहकर गुड्डू गोलू को साथ लिए अंदर चला आया दोनों की नजर मिश्रा जी के कमरे की ओर चली गयी जहा मिश्रा जी शगुन को कुछ कह रहे थे। गोलू गुड्डू ने कान लगाने की कोशिश की लेकिन कुछ सुन नहीं पाए। जैसे ही मिश्रा जी ने उन दोनों की तरफ देखा दोनों इधर उधर देखते हुए वहा से निकल गए।
“गुड्डू और गोलू दोनों मूर्खो की श्रेणी में आते है , उन दोनों ने आज तक अपनी जिंदगी में एक ठो काम ढंग से नहीं किया है बिटिया और हमहू देख रहे है की गुड्डू के साथ रहते हुए तुमहू भी उस के जैसी होती जा रही हो। हमाये यहाँ बहुये रात में इस तरह घर से बाहर नहीं रहती है , तुमहू इस घर की बहु हो तुम्हे इन बातो का ध्यान रखना चाहिए बिटिया। हम तुम पर किसी तरह की पाबन्दी नहीं लगा रहे है पर घर की ऊंच नीच तुमहू अच्छे से जानती हो”,मिश्रा जी ने शगुन को समझाते हुए कहा
मिश्रा जी की बात सुनकर शगुन को बहुत पश्चाताप हो रहा था गोलू और गुड्डू की बातो में आकर वह उनके साथ चली गयी और ये गड़बड़ हो गयी। शगुन ने नज़रे झुकाकर कहा,”मुझे माफ़ कर दीजिये , गुड्डू जी ने कहा इसलिए मैं मना नहीं कर पाई। मैं नहीं जानती थी ऐसा कुछ हो जाएगा , इन सब में गोलू जी और गुड्डू जी की भी कोई गलती नही है पता नहीं क्यों उन दोनों के साथ हमेशा उलटा ही होता है ?”
“वो इसलिए बिटिया क्योकि जे दोनों अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेते है , इनको लगता है जैसे ये है वैसी ही दुनिया है,,,,,,,,,,,,!!”,मिश्रा जी कह ही रहे थे की तभी उनका फोन बजने लगा। मिश्रा जी ने फोन उठाया – हेलो हां गुप्ता जी कैसे है ?
मिश्रा जी के मुंह से गुप्ता जी सुनकर शगुन का चेहरा खिल गया शायद उसके घर से फोन था।
“नमस्ते समधी जी , आपको एक अच्छी खबर सुनानी थी , छोटी बिटिया का रिश्ता तय कर दिया है अगले हफ्ते सगाई का प्रोग्राम रखा है हम चाहते है आप सपरिवार पधारे”,गुप्ता जी ने कहा
“बहुत बहुत बधाई ये तो बहुत ही अच्छी खबर सुनाई आपने गुप्ता जी , हम जरूर आएंगे”,मिश्रा जी ने मुस्कुराते हुए कहा
“अच्छा समधी जी शगुन बिटिया कहा है ? सुबह से उसका फोन लगा रहे है लेकिन लग नहीं रहा है , आस पास है तो बात करवा दीजिये उसे भी ये खुशखबरी दे देता हूँ”,गुप्ता जी ने कहा
“हां हां क्यों नहीं शगुन यही है हमाये सामने एक मिनिट फोन देते है उसे”,कहते हुए मिश्रा जी ने शगुन को फोन दिया और कहा,”तुम्हाये पिताजी का फोन है ल्यो बात करो”
शगुन को फोन थमाकर मिश्रा जी कमरे से बाहर चले गए
“हेलो पापा कैसे है आप ?”,शगुन ने फोन कान से लगाते हुए कहा
“मैं बिल्कुल ठीक हूँ बेटा तुम बताओ कैसी हो ? और तुम्हारा फोन कहा है सुबह से लग ही नहीं रहा ?”,गुप्ता जी ने कहा
शगुन को याद आया भागा-भागी में फोन तो कल रात कही गिर गया था उसने झूठ बोलते हुए कहा,”पापा वो मेरा फोन ठीक करवाने के लिए दिया हुआ है आप बताईये ना क्या बात है ?”
“प्रीति का रिश्ता तय कर दिया है , कल रोहन के घरवाले आये थे उन्हें प्रीती बहुत पसंद आयी और वो रिश्ता पक्का करके चले गए। अगले हफ्ते सोमवार के दिन उन्होंने सगाई का पप्रोग्राम रखा है यही बताने के लिए फोन किया था”,गुप्ता जी ने कहा तो ख़ुशी से शगुन का चेहरा खिल उठा। तभी दूसरी तरफ से प्रीती की आवाज सुनाई दी,”पापा मुझे दी से बात करवाईये ना”
“हेलो दी कैसी हो आप ?”,प्रीति ने चहकते हुए कहा
“मैं ठीक हूँ लेकिन तुम कुछ ज्यादा ही खुश नजर आ रही हो , कैसे लगे रोहन के मम्मी पापा ?”,शगुन ने मुस्कुराते हुए पूछा
“अरे बहुत अच्छे है दी और बहुत फ्रेंक भी पता है रोहन के पापा ने कहा है की मैं शादी के बाद भी अपना फैशन डिजायनिंग वाला कोर्स कर सकती हूँ , और शादी में उन्हें पापा से कुछ नहीं चाहिए”,प्रीति ने खुश होकर कहा
“ये तो अच्छी बात है की शादी के बाद भी तुम्हे तुम्हारे सपने पुरे करने की आजादी है , तुम खुश हो ना ?”,शगुन ने सवाल किया
“हाँ दी मैं बहुत खुश हूँ और आप जल्दी से यहाँ आ जाओ”,प्रीती ने कहा
“वो तो मैं आ जाउंगी , अच्छा तुम ये बताओ तुम्हे सगाई में क्या चाहिए ?”,शगुन ने पूछा
“मैं जो मांगू मिलेगा ?”,प्रीति ने पूछा
“हां बाबा तो कहो तो सही क्या चाहिए ?”,शगुन ने मुस्कुरा कर कहा
”मैं चाहती हूँ मेरी सगाई में आप और गुड्डू जीजू दोनों साथ आओ”,प्रीति ने कहा तो शगुन खामोश हो गयी। गुड्डू को साथ लाना मतलब हजारो सवाल , उसे चुप देखकर प्रीति ने कहा,”अपनी छोटी बहन की ख़ुशी के लिए इतना तो कर ही सकती है आप”
“प्रीति वो मैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने कहना चाहा तो प्रीति ने बीच में ही टोकते हुए कहा
“मैं ना नहीं सुनूंगी दी , आप और गुड्डू जीजू मेरी सगाई में आ रहे है मतलब आ रहे है,,,,,,,,,,,,,,बाय”,कहकर प्रीति ने फोन काट दिया। शगुन ने मिश्रा जी का फोन उनके बिस्तर पर रखा और बाहर चली आयी। सोच में डूबी वह चली जा रही थी की तभी सामने से आते गुड्डू से टकरा गयी।
“भगवान ने दो दो आंखे दी है देखकर चलो ना”,गुड्डू ने कहा
शगुन जो की गुड्डू और गोलू से पहले से ही नाराज थी , दुसरा प्रीति की बातो से अपसेट भी थी , गुड्डू से टकराने के बाद और गुस्सा आ गया और उसने कहा,”आपको भी भगवान ने दो दो पैर दिए आप भी तो साइड से जा सकते है”
शगुन का जवाब सुनकर गुड्डू ने उसे घूरते हुए कहा,”ओह्ह शगुन गुप्ता जे घर ना हमाये पिताजी का है और तुमहू हो हिया मेहमान समझी”
“आपका तो नहीं है ना , जब आपका हो तब कहियेगा , अब कृपा करके मेरे सामने से हटे”,शगुन ने कहा तो गुड्डू ने साइड होते हुए मन ही मन कहा,”इनको का हुआ है ? खैर हमे का हम तो जा रहे है पोहा खाने”
गुड्डू मिश्राइन के पास आया दो प्लेट में पोहा लिया और ऊपर अपने कमरे में चला आया जहा गोलू पहले से बैठा था। गुड्डू ने एक प्लेट गोलू की तरफ बढ़ाई और दूसरी खुद लेकर बैठते हुए कहा,”यार गोलू एक बात बताओ , जे शगुन है जे तुमको थोड़ी अजीब नहीं लगती ?”
“मतलब ?”,गोलू को कुछ समझ नहीं आया
“मतलब जे की कभी कभी बहुते प्यार से बात करेगी और कभी कभी ऐसा लगता है जैसे काट खायेगी ,, मतलब उसका भी कुछो समझ नहीं आता”,गुड्डू ने खाते हुए कहा
“जे लड़कियों को ना कोई नहीं समझ सकता है गुड्डू भैया जे कब कहा अपना कौनसा रूप दिखा दे जे खुद नहीं जानती है”,गोलू ने कहा
“बात तो सही है तुम्हायी”,गुड्डू ने कहा
“अच्छा तुमहू कह रहे थे की तुम्हाये पीछे गुंडे पड़ गए थे कौन थे ?”,गोलू ने एकदम से पूछा
“तुम्हायी भुआ के लड़के थे,,,,,,,,,,,,,,,,साले हमे का पतो कौन थे ? जे भगाया है उन लोगो ने हमको पूछो मत ऊपर से जे शगुन हमाये साथ ,, उसी की वजह से फंसे थे हम”,गुड्डू ने गुस्सा होते हुए कहा
“उन्होंने का किया ?”,गोलू ने पूछा
“अरे उनको ढूंढते ढूंढते बाहर गए हम देखा दो तीन मुस्टंडे उनको उठाकर ले जा रहे ,, अब हमे चूल मची थी हीरो बनने की तो भीड़ गए उनसे अकेले , लेकिन हमे का पता साले कट्टा धरे रखे है”,गुड्डू ने कहा
“फिर फिर,,,,,,,फिर का हुआ ?”,गोलू ने गुड्डू की कहानी में इंट्रेस्ट दिखाते हुए कहा
“फिर का शगुन के साथ भागना पड़ा वहा से और साला ऐसी सिचुएशन में ना समझ में भी नहीं आता किधर जाना है ? तो हम निकल गए जंगल की तरफ किती मुश्किल से वहा से निकले है हमहि जानते है”,गुड्डू ने कहा
गोलू मुस्कुराने लगा और कहा,”फिर तो जंगल में मंगल जरुर हुआ होगा ?”
“जियादा बकैती की ना यही पटक के पेल देंगे तुमको”,गुड्डू ने गोलू को घूरते हुए कहा लेकिन गोलू पर उसकी बातो का कोई असर नहीं हुआ वह गुड्डू के एकदम सामने आ बैठा और कहने लगा,”का यार भैया इतना अच्छा मौका था और कल रात तो बारिश भी हो रही थी , इतना रोमांटिक मौसम तुम शगुन दोनों साथ साथ प्रेम का अंकुर तो फूटा ही होगा”
गोलू अपने फ़ैल हुए प्लान को सक्सेज करने की नाकाम कोशिश कर रहा था लेकिन गुड्डू पर
उसकी बातो का कोई खास असर नहीं हुआ और उसने कहा,”हमे ऐसा कुछो नहीं करना”
“पर काहे शगुन जी खूबसूरत है तुमहू जवान हो काहे नहीं सोच रहे ?”,गोलू ने रोमांटिक होते हुए कहा
गुड्डू उसके करीब आया और उसकी आँखों में देखते हुए कहा,”वो इसलिए क्योकि हमहू उनको उस नजर से नहीं देखते , हमायी दोस्त है बस”
“हम नहीं मानते”,गोलू ने पीछे हटते हुए कहा
“तुम्हाये मानने या मानने से हमे फर्क नहीं पड़ता गोलू , वैसे भी आजकल उनसे कुछ ज्यादा नजदीकियां बढ़ रही है हमायी”,गुड्डू ने शीशे में खुद को देखकर बाल सही करते हुए कहा।
“मतलब ?”,गोलू ने जैसे ही पूछा गुड्डू को रात वाली बात याद आ गयी जब शगुन उसके सीने से लगकर सो रही थी गुड्डू को सोच में डूबा देखकर गोलू ने कहा,”का हुआ कहा खो गए ? तुमहू जो कहे उसका मतलब समझाओ हमे ?”
“अरे हम का मास्टर लगे है जो तुमको हर बात का मतलब समझाये ? एक तो हम पहले से खुद उलझे है ऊपर से तुमहू और उलझा रहे हो ,, कान खोलकर सुन लो शगुन सिर्फ हमायी दोस्त है बस”,गुड्डू ने कहा और वापस आकर बिस्तर पर बैठ गया
“साला इनकी गाडी तबसे दोस्ती पर ही अटकी पड़ी है , गुड्डू भैया शगुन भाभी से कितना प्यार करते थे इनको कुछो याद भी नहीं है , एक हमारा फोन था लेकिन वो भी आज तक नहीं मिला , जे सारा दुःख इनकी प्रेम कहानी में काहे लिखा है ?”,गोलू मन ही मन खुद से कहने लगा
“अब फिर का काण्ड करने का सोच रहे हो ? देखो गोलू इस बार ना हमहू तुम्हायी बात बिल्कुल नहीं सुनेंगे , देखा ना पिताजी कितना नाराज हो रहे थे हमसे”,गुड्डू ने कहा
“हम कुछो नहीं सोच रहे अब का आदमी सांति से बैठ भी नहीं सकता”,गोलू ने झुंझलाते हुए कहा
“हां हां ठीक है इत्ता भड़क काहे रहे हो ?”,गुड्डू ने कहा तभी दरवाजे पर शगुन आयी दरवाजा खुला था वह सीधा अंदर चली आयी। हाथ में गुड्डू के धुले हुए कपडे थे शगुन ने उन्हें टेबल पर रखा और बिना कुछ कहे वापस चली गयी। गुड्डू के साथ साथ शगुन गोलू से भी नाराज थी। शगुन के जाने के बाद गुड्डू और गोलू ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर गुड्डू ने कहा,”अगर जे थोड़े दिन हमाये घर में और रही ना तो हमे ही बोरिया बिस्तर लेकर जाना पडेगा”
गोलू ने जैसे ही कुछ कहने के लिए मुंह खोला उसका फोन बजा। गोलू ने फोन उठाया और कहा,”हां कौन बोल रहा है ?”
“गोलू भैया हम बोल रहे है , पैसे देने की बात करके लड़के बुला लिए और जब पैसे देने की बात आयी तो गायब , बता रहे है छोड़ेंगे नहीं आपको चुपचाप आकर हमारा पैसा दो वरना शाम को आकर मिश्रा जी को तुम्हारा सारा प्लान बता देंगे”,कहकर लड़के ने फोन काट दिया
गोलू का तो दिमाग ही बंद हो गया , एक मुसीबत का हल निकला नहीं था की जे दूसरी आ गयी गुड्डू ने देखा तो कहा,”का हुआ तोते काहे उड़ गए तुम्हाये ? किसका फोन था अबे बोलो कुछ ?”
गोलू उठा और कहा,”हम ना शाम में मिलते है आपसे”
“अबे कहा जा रहे हो ? हुआ का बताओगे ?”,गुड्डू ने हैरानी से कहा
गोलू ने गुड्डू को देखा और कहा,”लंका लगने वाली है हमायी फिर से,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!! गुड्डू समझ पाता इस से पहले गोलू वहा से भाग गया।
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संजना किरोड़ीवाल
Golu ka gadbad se purana rishta h tabhi to koi kasm seedha nhi hota uska
बेचारा गोलू…आसमान से पटका और खजूर में अटका…कर्म करने की जगह हर बार कांड में बदल जाते है….और इस गुड्डू के बच्चे को भी कुछो याद नाही आ रहा…का करेगी अब आप संजना जी…शगुन का कुछ ध्यान कीजिए
uff ye musibat..bichara golu
😂😂😂😂😂😂😂Bechara golu
Nice
Superbbbb osmm mind blowing part
संजना जी आप ने परसों लिखा के कल मिलते हैं,लेकिन मिले आज ,
तो मैम अपना वादा भी याद रखा करो ।
आज का भाग बहुत अच्छा ।
बेचारा गोलू ना जाने,,,,,,,,
Is golu ka kuch nahin ho sakta
स्टोरी काफी लंबी होती जा रही है
Season 1 जैसा इंटरेस्ट नहीं रहा अब….
Season 2 की शुरुआत काफी अच्छी रही पर अब
वही पिटाई
वही दोस्ती
कुछ नया देखने को नहीं मिल रहा
मैम ये गोलू हमेशा बेचारा क्यों बन जाता हैं…मतलब कुछ भी हों लंका गोलू की ही लगेगी… वैसे शगुन को सगाई में गुड्डू को साथ लेकर जाना हैं…बड़के मिश्रा जी हैं न…वो ऐसा जुगाड़ कर देंगे कि. जीजू अपने साली के सगाई में जरूर जायेंगे😊 shandaar part👌👌👌👌👌
Bichara golu na ghar ka na ghat ka
Golu ki kismat me hi Lanka lagi hui h Kuch bhi sidha Nahi Hoga inke sath
Yaar aap Roz part upload kyu nahi Kar rahi Ho please daily upload kiya karo
अब गुडु का यादादसत वापस ला दिजीय
Ye golu ke sath koi bhi kam sidha kyu nahi hota
Bechara golu kuchh bhi kaho golu tumhara kuchh nhi ho skta
Golu ab kya fir se nayi musibat men fasne bala hai enke kand bhi bhut jabardast hote hai